काशीपुर, 07 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज देहरादून जाते समय काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में अल्प विश्राम के दौरान भव्य स्वागत किया गया। वे कुछ देर के लिए रॉयल हवेली में रुके थे, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता एवं गणमान्य लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचे। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने उनका पारंपरिक ढंग से फूलमालाओं और अंगवस्त्रों से अभिनंदन किया। कोश्यारी जी ने सभी कार्यकर्ताओं का स्नेहपूर्वक आभार व्यक्त किया और संगठन के प्रति उनके समर्पण और निष्ठा की सराहना की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जताया सम्मान कोश्यारी जी के स्वागत समारोह में भाग लेने वालों में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता, पूर्व सांसद प्रतिनिधि और स्थानीय नेता शामिल थे। मुख्य रूप से उपस्थित लोगों में शामिल थे: पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी , भाजपा नेता दीपकोश्यारी ,शीतल जोशी,अंकुरकुमार ,हिमांशु शर्मा,राज्य मंत्री अंबिका चौधरी,सुरेश लोहिया ,अनूप सिंह,अभिषेक गोयल, जे.एस. नरूला ,प्रगट सिंह ,आनंद वैश्य ,ईश्वर चंद्र गुप्ता ,बच्चू अरोरा ,अजय शंकर कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित कर उनके योगदान को याद किया और कहा कि कोश्यारी जी का जीवन सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कोश्यारी का संदेश: "निष्ठा ही संगठन की ताकत है" संक्षिप्त बातचीत में श्री कोश्यारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं की निष्ठा और प्रतिबद्धता ही किसी संगठन की असली ताकत होती है। उन्होंने कहा: " आप सभी का समर्पण ही संगठन को मजबूत बनाता है। यह देख कर हर्ष होता है कि कार्यकर्ता अब भी उसी भावना से कार्य कर रहे हैं जैसे पहले किया करते थे।" उन्होंने कार्यकर्ताओं से संगठन के साथ ईमानदारी और अनुशासन से जुड़े रहने का आग्रह किया। सामाजिक सरोकार और सादगी की मिसाल भगत सिंह कोश्यारी का जीवन हमेशा सादगी, पारदर्शिता और राष्ट्रभक्ति से जुड़ा रहा है। चाहे मुख्यमंत्री के रूप में रहा उनका कार्यकाल हो या महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में निभाई गई जिम्मेदारियाँ, उन्होंने हमेशा लोकहित को प्राथमिकता दी। कोश्यारी जी के इस अनौपचारिक पड़ाव ने यह एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि वे न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि जनता के प्रिय जननायक भी हैं। उनका व्यवहार, बोलने का अंदाज और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद लोगों को सहज महसूस कराता है। जनता से जुड़ाव बना रहा अटूट कोश्यारी जी अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, लेकिन उनका जुड़ाव जनता से आज भी उतना ही प्रबल है। यह बात उनके काशीपुर आगमन पर कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भारी उपस्थिति ने सिद्ध कर दी। लोग अपने नेता को देखने और सम्मान देने के लिए स्वयं आगे बढ़कर आए। वर्तमान में भी प्रासंगिक व्यक्तित्व जहां राजनीति में बदलाव और नई पीढ़ी का प्रवेश हो रहा है, वहीं कोश्यारी जैसे वरिष्ठ नेताओं की भूमिका एक मार्गदर्शक के रूप में सामने आती है। उनके अनुभव, विचार और नेतृत्व क्षमता आज भी युवाओं के लिए सीखने योग्य हैं।

जन-जन के नायक, हिमालय पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का काशीपुर में भव्य स्वागत

काशीपुर, 07 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज देहरादून जाते समय काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में अल्प विश्राम के दौरान भव्य स्वागत किया गया। वे कुछ देर के लिए रॉयल हवेली में रुके थे, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता एवं…

Read More
काशीपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर शहर में शनिवार की तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया। महाराणा प्रताप चौक स्थित आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के ठीक नीचे सो रहे एक खानाबदोश परिवार पर काल बनकर एक तेज रफ्तार डंपर गुजरा। इस भीषण दुर्घटना में 40 वर्षीय अर्जुन नामक व्यक्ति की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी राजवती गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के बाद डंपर चालक अपनी गाड़ी छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया, जिसने लोगों में गहरा आक्रोश भर दिया है। तड़के 5:30 बजे मौत बनकर आया डंपर, खुशियां मातम में बदलीं यह दुखद घटना शनिवार की तड़के लगभग 5:30 बजे घटी। महाराणा प्रताप चौक पर स्थित रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे, जहां अक्सर रात में गरीब और खानाबदोश परिवार आसरा लेते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर निवासी अर्जुन पुत्र द्वारिका अपनी पत्नी राजवती के साथ सो रहे थे। उनके लिए यह जगह ही उनका 'घर' थी, जहां वे दिनभर की थकान के बाद रात में कुछ पल की शांति तलाशते थे। लेकिन, उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि सुबह की पहली किरण से पहले ही उन पर मौत टूट पड़ेगी। एक बेहद तेज रफ्तार डंपर ने लापरवाह तरीके से चलाते हुए सीधे उसी जगह पर चढ़ गया, जहां अर्जुन और राजवती सो रहे थे। डंपर के नीचे आते ही अर्जुन को संभलने का मौका भी नहीं मिला और वह बुरी तरह कुचल गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी राजवती को भी गंभीर चोटें आईं और वह दर्द से कराह उठीं। इस क्षणभंगुर हादसे ने एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया। स्थानीय लोगों ने दौड़ाई मदद, अस्पताल में मृत घोषित हादसे की जोरदार आवाज सुनकर और सुबह की गतिविधियों के लिए जग रहे कुछ लोगों की नजर जब इस भयावह मंजर पर पड़ी, तो वे तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्होंने देखा कि डंपर एक व्यक्ति को कुचल चुका है और उसकी पत्नी घायल अवस्था में पड़ी है। लोगों ने बिना देर किए, घायल राजवती और खून से लथपथ अर्जुन को एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने अर्जुन को मृत घोषित कर दिया, जिससे वहां मौजूद लोगों और राजवती के लिए यह खबर किसी वज्रपात से कम नहीं थी। राजवती को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन पति को खोने का सदमा उन्हें बुरी तरह से तोड़ चुका है। इस घटना ने एक बार फिर महानगरों और कस्बों में फुटपाथ पर या खुले में सो रहे लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे के बाद चालक फरार, डंपर जब्त: पुलिस जांच में जुटी इस जघन्य हादसे के बाद, डंपर चालक ने मानवता को शर्मसार करते हुए घटनास्थल पर रुकने या घायलों की मदद करने के बजाय, अपनी गाड़ी वहीं छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया। यह उसका असंवेदनशील रवैया ही था, जिसने लोगों में भारी गुस्सा और आक्रोश भर दिया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा, जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने मृतक अर्जुन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त डंपर को जब्त कर लिया है और उसे थाने ले जाया गया है। पुलिस ने अज्ञात डंपर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, साथ ही डंपर के मालिक और उसके चालक के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरार चालक को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खानाबदोश परिवारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि उन हजारों बेघर और खानाबदोश परिवारों की दुखद सच्चाई को भी उजागर करती है, जिन्हें रात में सड़कों के किनारे, पुलों के नीचे या खुले में सोने पर मजबूर होना पड़ता है। उनके पास कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होता, जिससे वे हर पल दुर्घटनाओं और अन्य खतरों के साये में जीते हैं। सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या तूफान, ये लोग हर मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर होते हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा संचालित रैन बसेरे या शेल्टर होम अक्सर इनकी संख्या के मुकाबले अपर्याप्त होते हैं, या इन तक इनकी पहुंच नहीं हो पाती। इस हादसे ने एक बार फिर इन वंचित तबकों की सुरक्षा और आश्रय की आवश्यकता पर विचार करने के लिए मजबूर किया है। क्या प्रशासन को ऐसे संवेदनशील स्थानों पर रात में गश्त बढ़ानी चाहिए या इन लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थलों में पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने चाहिए? सड़क सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रश्न यह दुर्घटना काशीपुर में भारी वाहनों, विशेषकर डंपरों और ट्रकों द्वारा तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति को भी दर्शाता है। तड़के के समय सड़कें अक्सर खाली होती हैं, और चालक अक्सर गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, जिससे ऐसे गंभीर हादसे हो जाते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग को भारी वाहनों की गति और चालकों के व्यवहार पर अधिक सख्त निगरानी रखने की आवश्यकता है। इस दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा शोक व्यक्त किया है। लोगों ने अर्जुन की असामयिक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है और राजवती के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। यह हादसा हमें यह भी याद दिलाता है कि सड़क पर सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दूसरों के जीवन के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी भी शामिल है, खासकर उन लोगों के प्रति जो सबसे कमजोर और असुरक्षित हैं। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसे निर्मम हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

काशीपुर में भीषण हादसा: आरओबी के नीचे सो रहे खानाबदोश को तेज रफ्तार डंपर ने कुचला, मौके पर मौत; पत्नी घायल, चालक फरार

काशीपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर शहर में शनिवार की तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया। महाराणा प्रताप चौक स्थित आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के ठीक नीचे सो रहे एक खानाबदोश परिवार पर काल बनकर एक तेज रफ्तार डंपर गुजरा। इस भीषण दुर्घटना…

Read More
काशीपुर, 2 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – वित्तीय धोखाधड़ी और चेक अनादरण (बाउंस) के एक महत्वपूर्ण मामले में, काशीपुर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सीडि) पायल सिंह की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने चेक बाउंस के दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन माह के कारावास के साथ-साथ 2 लाख 5 हजार रुपये (₹2.05 लाख) के भारी जुर्माने से दंडित किया है। यह फैसला वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। क्या था मामला? विश्वास के बदले मिला धोखा यह मामला मोहल्ला पक्काकोट निवासी सिमरन पत्नी शंकर द्वारा अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पाल के माध्यम से न्यायालय में दायर किए गए एक परिवाद (शिकायत) से जुड़ा है। सिमरन ने अपनी शिकायत में बताया कि उसी मोहल्ले के निवासी अशरफी लाल ने उनसे 11 दिसंबर, 2020 को 1 लाख 80 हजार रुपये (₹1.80 लाख) की बड़ी रकम बतौर उधार ली थी। यह लेन-देन आपसी विश्वास और परिचित होने के नाते किया गया था। उधार ली गई इस राशि के भुगतान के एवज में, अशरफी लाल ने सिमरन को दो चेक जारी किए थे। ये चेक उधार की राशि लौटाने के लिए थे और यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जो भुगतान का आश्वासन देता है। सिमरन ने जब इन चेकों को उनके भुगतान के लिए बैंक में प्रस्तुत किया, तो दुर्भाग्यवश, दोनों चेक बाउंस हो गए। इसका अर्थ था कि अशरफी लाल के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं थी, या किसी अन्य तकनीकी कारण से बैंक ने भुगतान करने से इनकार कर दिया था। चेक बाउंस होना नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत एक गंभीर अपराध है, क्योंकि यह वित्तीय लेनदेन में भरोसे को तोड़ता है। कानूनी प्रक्रिया और न्यायालय का अवलोकन चेक बाउंस होने के बाद, सिमरन ने कई बार अशरफी लाल से संपर्क करने का प्रयास किया ताकि वे अपनी उधार ली गई रकम वापस पा सकें, लेकिन जब सभी प्रयास विफल हो गए, तो उन्होंने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया। उन्होंने अपने अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पाल के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर किया और अशरफी लाल के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत मुकदमा चलाने की अपील की। मामले की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सीडि) पायल सिंह की अदालत में चली। इस दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। परिवादी सिमरन के अधिवक्ता ने चेकों के बाउंस होने, उधार के प्रमाण और अशरफी लाल की भुगतान करने में विफलता से संबंधित सभी साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। इसमें बैंक की मेमो, लेन-देन के रिकॉर्ड और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल थे। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अशरफी लाल का पक्ष रखा, हालांकि उनके तर्क और प्रस्तुत साक्ष्य न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर पाए। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, अधिवक्ताओं की बहस को ध्यानपूर्वक सुना। इसके साथ ही, पत्रावली में उपलब्ध सभी साक्ष्यों और दस्तावेजों का बारीकी से अवलोकन किया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखा जाए। न्यायालय का फैसला: सजा और आर्थिक दंड अधिवक्ताओं की बहस और सभी साक्ष्यों की गहन समीक्षा के बाद, न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अशरफी लाल ने चेक बाउंस कर कानून का उल्लंघन किया है। न्यायालय ने अशरफी लाल को चेक बाउंस के मामले में दोषसिद्ध घोषित किया। दोषसिद्ध होने के बाद, न्यायालय ने अशरफी लाल को तीन माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई। यह सजा यह सुनिश्चित करती है कि दोषी को उसके कृत्य के लिए व्यक्तिगत रूप से भी जवाबदेह ठहराया जाए। कारावास की सजा के अतिरिक्त, न्यायालय ने अशरफी लाल पर 2 लाख 5 हजार रुपये (₹2.05 लाख) का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। यह जुर्माना उधार ली गई मूल राशि (₹1.80 लाख) से अधिक है, जो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत एक सामान्य प्रावधान है। इस एक्ट के तहत अक्सर जुर्माने की राशि चेक की राशि के दोगुने तक हो सकती है, ताकि दोषी पर वित्तीय दबाव पड़े और वह भविष्य में ऐसे अपराधों से बचे। यह अतिरिक्त राशि परिवादी सिमरन को हुए नुकसान की भरपाई और आरोपी के लिए दंड के तौर पर भी कार्य करती है। अधिवक्ता की भूमिका और न्यायिक प्रक्रिया का महत्व इस पूरे मामले में परिवादी सिमरन के अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पाल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने प्रभावी ढंग से सिमरन का पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा, सभी आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किए और कानूनी दांव-पेच के बीच अपने मुवक्किल को न्याय दिलाने में सफल रहे। यह फैसला दर्शाता है कि कानूनी प्रक्रिया और एक कुशल अधिवक्ता के माध्यम से न्याय प्राप्त किया जा सकता है, भले ही वित्तीय धोखाधड़ी के मामले जटिल हों। यह निर्णय न केवल सिमरन को न्याय दिलाता है, बल्कि समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है कि वित्तीय लेनदेन में ईमानदारी और चेकों का सम्मान करना आवश्यक है। चेक बाउंस जैसे मामलों में सख्त सजा वित्तीय प्रणाली में विश्वास बनाए रखने और धोखाधड़ी को हतोत्साहित करने में सहायक होती है। काशीपुर की न्यायिक व्यवस्था द्वारा सुनाया गया यह फैसला निश्चित रूप से भविष्य में ऐसे मामलों में एक मिसाल के तौर पर देखा जाएगा और लोगों को वित्तीय व्यवहार में अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित करेगा।

चेक बाउंस मामले में कड़ा फैसला: काशीपुर में दोषी को 3 माह का कारावास और ₹2.05 लाख का जुर्माना

काशीपुर, 2 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – वित्तीय धोखाधड़ी और चेक अनादरण (बाउंस) के एक महत्वपूर्ण मामले में, काशीपुर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सीडि) पायल सिंह की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने चेक बाउंस के दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन माह के कारावास के साथ-साथ…

Read More
काशीपुर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर के टांडा चौराहे पर एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसने एक युवा जिंदगी को असमय लील लिया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, रामनगर की ओर से काशीपुर आ रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सड़क के बीच बने डिवाइडर से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में कार में सवार चार लोगों में से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना एक बार फिर टांडा चौराहे पर बने उस डिवाइडर पर सवाल खड़े कर रही है, जिसे स्थानीय लोग 'मौत का डिवाइडर' कहते हैं क्योंकि यह बनने के बाद से कई लोगों की जान ले चुका है। दोपहर में हुआ हादसा: तेज रफ्तार बनी काल यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना दिन के उजाले में तब घटी जब रामनगर-काशीपुर मार्ग पर वाहनों की सामान्य आवाजाही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर लगभग 2 बजे, रामनगर की दिशा से काशीपुर की ओर एक तेज गति से आ रही कार काशीपुर के टांडा चौराहे पर पहुंचते ही अनियंत्रित हो गई। चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका और कार सीधे सड़क के बीच बने डिवाइडर से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, और उसमें सवार लोगों को गंभीर चोटें आईं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी और उसमें सवार चार लोगों में से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अन्य घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। उनकी विस्तृत स्थिति के बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन उन्हें भी गंभीर चोटें आने की आशंका है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान: मुरादाबाद का आदित्य (24) इस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवाने वाले युवक की पहचान आदित्य (उम्र 24 वर्ष) के रूप में हुई है। वह मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के निवासी श्री सत्येंद्र सिंह के पुत्र थे। आदित्य की असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है। एक युवा और होनहार जीवन का सड़क हादसे में यूं समाप्त हो जाना बेहद दुखद है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उनके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है, और वे काशीपुर के लिए रवाना हो चुके हैं। यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा के महत्व और वाहन चालकों द्वारा गति सीमा का पालन करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। दिन के समय भी अत्यधिक गति दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बन सकती है। टांडा चौराहे का 'मौत का डिवाइडर': चिंता का सबब इस दुर्घटना ने एक बार फिर काशीपुर के टांडा चौराहे पर बने डिवाइडर की डिजाइन और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिवाइडर बनने के बाद से ही हादसों का सबब बना हुआ है। कई बार इसे 'मौत का डिवाइडर' या 'ब्लैक स्पॉट' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पहले भी कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह चौराहा काशीपुर और रामनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और यहां की भौगोलिक स्थिति तथा वाहनों की तेज गति इसे और खतरनाक बना देती है। जानकारों के अनुसार, इस डिवाइडर की बनावट में कुछ खामियां हो सकती हैं। जैसे: अस्पष्ट साइनेज: डिवाइडर से पहले पर्याप्त चेतावनी संकेत या रिफ्लेक्टिव मार्कर न होने से चालक को अचानक इसका सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे तेज़ गति में हों। डिजाइन संबंधी मुद्दे: कुछ डिवाइडर ऐसे बनाए जाते हैं जिनकी शुरुआती ऊंचाई या ढलान ठीक नहीं होती, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के टकराने की आशंका बढ़ जाती है। चालकों की लापरवाही: ओवरस्पीडिंग, लापरवाही से ड्राइविंग, या ध्यान भंग होना भी ऐसे हादसों को जन्म देता है। स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को इस डिवाइडर की डिजाइन और सुरक्षा उपायों की तत्काल समीक्षा करने की आवश्यकता है। यहां स्पष्ट चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर और गति नियंत्रित करने वाले उपाय जैसे स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रिप्स लगाने अनिवार्य हो गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और यह चौराहा लोगों के लिए सुरक्षित बन सके। पुलिस जांच जारी: सड़क सुरक्षा पर गंभीर मंथन की जरूरत हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त कार को हटाकर मार्ग को सामान्य किया और घटना के संबंध में आवश्यक साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने आवश्यक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। दुर्घटना कैसे हुई, कहीं चालक नशे में तो नहीं था, या वाहन की गति क्या थी, इन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर तकनीकी विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी। यह दुखद घटना उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की ओर भी ध्यान खींचती है। सड़कों की स्थिति और चालकों की लापरवाही, दोनों ही दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। सरकार और संबंधित विभागों को ब्लैक स्पॉट की पहचान करने, सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, और सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियानों को तेज करने की आवश्यकता है। वाहन चालकों को भी वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, गति सीमा का पालन करना चाहिए, और थकान या नशे की हालत में वाहन चलाने से बचना चाहिए। आदित्य की मृत्यु एक दुखद रिमाइंडर है कि सड़क पर एक छोटी सी चूक या बुनियादी ढांचे की खामी कितनी भारी पड़ सकती है। इस घटना से सबक लेकर टांडा चौराहे पर सुरक्षा उपायों को तत्काल मजबूत करने की उम्मीद की जा रही है, ताकि यह 'मौत का डिवाइडर' फिर किसी की जान न ले सके।

रामनगर मे टांडा चौराहे पर ‘मौत के डिवाइडर’ से टकराई कार, काशीपुर की ओर से आ रहे 24 वर्षीय युवक की मौत

रामनगर 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर के टांडा चौराहे पर एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसने एक युवा जिंदगी को असमय लील लिया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, काशीपुर की ओर से रामनगर आ रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सड़क के बीच बने डिवाइडर…

Read More
काशीपुर, 25 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आज काशीपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौतमी हाईट्स होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड के लोकतंत्र प्रेमियों ने एकजुट होकर आपातकाल के दमनकारी प्रभावों को याद किया और भविष्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने का सामूहिक संकल्प दोहराया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह दिन केवल स्मरण का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर सजग रहने का संकल्प दिवस है। मुख्य अतिथि अजय भट्ट: "आपातकाल देश की आत्मा पर हमला था" कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री एवं नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद श्री अजय भट्ट उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने आपातकाल के दौर को याद करते हुए उसे भारतीय इतिहास का एक दुखद और चुनौतीपूर्ण अध्याय बताया। श्री भट्ट ने जोर देते हुए कहा, "आपातकाल देश की आत्मा पर हमला था, जिसे देशवासियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और संघर्ष ने पीछे धकेला।" उन्होंने बताया कि कैसे उस दौरान नागरिक अधिकारों का हनन किया गया, प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई और राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया गया था। भट्ट ने उन गुमनाम नायकों को भी याद किया जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष किया और लोकतंत्र की बहाली के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी से आह्वान किया कि वे आपातकाल के इतिहास से सबक लें और भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति को पनपने न दें, जो लोकतंत्र के मूल्यों को कमजोर करती हो। उनका यह संबोधन लोकतंत्र के प्रति गहरी निष्ठा और उसकी रक्षा के संकल्प को दर्शाता था। मनोज पाल: "वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल की सच्चाई बताना आवश्यक" कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के ऊधमसिंह नगर के जिलाध्यक्ष श्री मनोज पाल ने की। अपने प्रभावशाली संबोधन में उन्होंने आपातकाल के दौरान की सच्चाई को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने की महत्ता पर जोर दिया। श्री पाल ने कहा, "आपातकाल की सच्चाई को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि वह जान सकें कि लोकतंत्र कितने संघर्षों से मिला है।" उन्होंने बताया कि कैसे एक लोकतांत्रिक देश में संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था और आम नागरिकों को भय के माहौल में जीना पड़ा था। मनोज पाल ने युवाओं से आग्रह किया कि वे इतिहास को समझें, लोकतंत्र के महत्व को पहचानें और उसे किसी भी कीमत पर कमजोर न पड़ने दें। उन्होंने कहा कि यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम उन संघर्षों को याद रखें जिनके बल पर हमें यह स्वतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था मिली है, और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी तानाशाही प्रवृत्तियां कभी सिर न उठा पाएं। प्रमुख नेताओं व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने बढ़ाया गरिमा इस महत्वपूर्ण अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, नेता और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में शामिल थे: काशीपुर विधायक श्री त्रिलोक सिंह चीमा काशीपुर मेयर श्री दीपक बाली पीसीयू अध्यक्ष श्री राम मल्होत्रा पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल प्रदेश मंत्री श्री गुरविंदर सिंह चंडोक गन्ना राज्य मंत्री श्री मनजीत सिंह राजू पूर्व प्रदेश मंत्री श्रीमती सीमा चौहान निवर्तमान जिला महामंत्री श्री मोहन बिष्ट निवर्तमान जिला महामंत्री डॉ. सुदेश मंडल अध्यक्ष श्री राजकुमार गुंबर मंडल अध्यक्ष श्री पंकज छाबड़ा श्री भास्कर तिवारी पार्षद श्रीमती बिना नेगी पार्षद श्रीमती कल्पना राणा पार्षद श्री जसवीर सिंह सैनी इन सभी नेताओं और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इस बात को बल दिया कि लोकतंत्र की रक्षा और आपातकाल जैसे काले अध्याय को याद रखना किसी एक दल या व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का सामूहिक कर्तव्य है। लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दिवस कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि 25 जून का दिन केवल इतिहास के एक काले अध्याय को स्मरण करने का नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने का संकल्प दिवस है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा, और किसी भी ऐसी शक्ति को पनपने नहीं देना होगा जो लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों को कमजोर करना चाहती हो। वक्ताओं ने प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपातकाल ने हमें सिखाया कि लोकतंत्र कितना नाजुक हो सकता है और इसे बनाए रखने के लिए निरंतर चौकसी की आवश्यकता होती है। यह कार्यक्रम एक मजबूत संदेश के साथ संपन्न हुआ कि भारतीय समाज अपने लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट रहेगा। इस आयोजन ने न केवल 50 साल पुरानी घटना को याद किया, बल्कि भविष्य के लिए लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रेरणा

आपातकाल के 50 साल: काशीपुर में अजय भट्ट बोले- ‘ये देश की आत्मा पर हमला था’; नई पीढ़ी के लिए अहम संदेश

काशीपुर, 25 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आज काशीपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौतमी हाईट्स होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड के लोकतंत्र…

Read More
काशीपुर, 27 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर में अवैध शराब के खिलाफ पैगा चौकी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुरुवार की देर रात गश्त के दौरान पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को 25 लीटर कच्ची शराब के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अजय सिंह के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी से इलाके में अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों में हड़कंप मच गया है, और पुलिस की इस कार्रवाई को आम जनता द्वारा सराहा जा रहा है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई यह पूरा मामला गुरुवार रात का है, जब पैगा चौकी प्रभारी एसआई दीवान सिंह बिष्ट अपनी टीम के साथ क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। पुलिस टीम लगातार क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मुस्तैदी से काम कर रही थी। इसी दौरान, उन्हें एक विश्वसनीय मुखबिर से गुप्त सूचना मिली। मुखबिर ने पुलिस को बताया कि आयुर्वेद अस्पताल के पास स्थित तिराहे पर एक व्यक्ति खुलेआम कच्ची शराब बेच रहा है, जिससे इलाके का माहौल खराब हो रहा है और युवा पीढ़ी गलत रास्ते पर जा सकती है। सूचना की गंभीरता को समझते हुए, चौकी प्रभारी दीवान सिंह बिष्ट ने बिना देर किए अपनी टीम को अलर्ट किया। टीम ने तुरंत योजना बनाई और मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान की ओर तेजी से रवाना हो गई। मौके पर पहुंचकर पुलिस टीम ने देखा कि आयुर्वेद अस्पताल के तिराहे के पास वाकई एक व्यक्ति कच्ची शराब बेचते हुए मौजूद था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे चारों ओर से घेर लिया और धर दबोचा। आरोपी को पकड़ने के बाद, पुलिस टीम ने उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान, पुलिस को उसके कब्जे से 25 लीटर कच्ची शराब बरामद हुई, जिसे वह छोटे-छोटे पैकेटों में भरकर बेचने की फिराक में था। अवैध शराब का धंधा: समाज के लिए बड़ा खतरा अवैध कच्ची शराब का निर्माण और उसकी बिक्री समाज के लिए एक गंभीर खतरा है। यह न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इससे कई सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। अक्सर यह कच्ची शराब बिना किसी गुणवत्ता नियंत्रण के तैयार की जाती है, जिसमें हानिकारक रसायन मिले होते हैं। ऐसे में, इसका सेवन करने वाले लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचता है, और कई बार तो जानलेवा साबित होता है। कच्ची शराब के सेवन से लीवर की बीमारी, अंधापन और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इसके अलावा, अवैध शराब का धंधा अक्सर अन्य आपराधिक गतिविधियों से भी जुड़ा होता है। इससे इलाके में अपराध दर बढ़ सकती है, कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, और सामाजिक अशांति फैल सकती है। ऐसे धंधे अक्सर युवाओं को नशे की लत में धकेलते हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है। पैगा पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई समाज में इन बुराइयों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आबकारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई पकड़े गए आरोपी अजय सिंह के खिलाफ पुलिस ने आबकारी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आबकारी अधिनियम शराब और अन्य नशीले पदार्थों के निर्माण, बिक्री, परिवहन और कब्जे को विनियमित करने के लिए बनाया गया है। अवैध रूप से शराब का उत्पादन या बिक्री करना इस अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। पुलिस ने बरामद की गई 25 लीटर कच्ची शराब को जब्त कर लिया है और उसे आगे की जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अजय सिंह यह कच्ची शराब कहां से ला रहा था, और इस धंधे में उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस मामले में एक विस्तृत जांच की जाएगी ताकि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। पुलिस की मुस्तैदी और भविष्य की कार्रवाई काशीपुर में पैगा चौकी पुलिस की यह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई उनकी मुस्तैदी और अपराधों के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है। पुलिस लगातार ऐसे असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए अभियान चला रही है, जो अवैध धंधों से समाज में जहर घोलते हैं। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अवैध शराब के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा और ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा। इस गिरफ्तारी से यह संदेश गया है कि कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस हर हाल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। आरोपी अजय सिंह को अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा, जहां से उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह उम्मीद की जाती है कि इस तरह की कार्रवाइयां अवैध शराब के कारोबार पर लगाम कसने और समाज में शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होंगी

काशीपुर बड़ी खबर! पैगा पुलिस ने दबोचा शराब तस्कर, 25 लीटर कच्ची शराब के साथ ‘अजय सिंह’ गिरफ्तार, पूरे इलाके में हड़कंप

काशीपुर, 27 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर में अवैध शराब के खिलाफ पैगा चौकी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुरुवार की देर रात गश्त के दौरान पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को 25 लीटर कच्ची शराब के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अजय…

Read More
काशीपुर, 21 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मजहबी सिख समुदाय के सशक्तिकरण और एकजुटता की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। काशीपुर में उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की विधिवत स्थापना की गई, जिसके साथ ही संगठन की पहली बैठक में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर, सर्वसम्मति से चरणजीत सिंह संजोता को महासभा का पहला अध्यक्ष चुना गया। यह पहल राज्य भर के मजहबी सिख समुदाय को एक मजबूत मंच प्रदान करेगी, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक हितों की रक्षा की जा सकेगी। महासभा की नींव: समुदाय की एकता का प्रतीक उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना एक लंबे समय से महसूस की जा रही आवश्यकता का परिणाम है। मजहबी सिख समुदाय, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में निवास करता है, को अक्सर अपनी विशिष्ट पहचान और जरूरतों को सामने रखने के लिए एक संगठित मंच की कमी महसूस होती थी। आज काशीपुर में इस महासभा की नींव रखे जाने के साथ, समुदाय ने अपनी एकता और सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस स्थापना बैठक के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित की गई थी, जिसके चलते राज्य के कोने-कोने से मजहबी सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में काशीपुर पहुंचे। बैठक में समुदाय के भविष्य और उसके उत्थान को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस महासभा का प्राथमिक उद्देश्य मजहबी सिख समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ लाना है। यह संगठन समुदाय के भीतर आपसी सहयोग, भाईचारे और समझ को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह एक ऐसे सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा जो समुदाय की आवाज को सरकारी स्तर पर और समाज के अन्य वर्गों के सामने प्रभावी ढंग से रख सके। इस स्थापना से समुदाय को अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों में मूल्यों को स्थापित करने में भी मदद मिलेगी। नेतृत्व का चयन: प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, ये हैं मुख्य पदाधिकारी महासभा की स्थापना के साथ ही, आज की बैठक में संगठन के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां भी की गईं। अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, सभी पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से हुआ, जो समुदाय के भीतर मौजूद एकता को दर्शाता है। उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा के नव नियुक्त पदाधिकारी इस प्रकार हैं: प्रदेश अध्यक्ष: चरनजीत सिंह संजोता उपाध्यक्ष: हरनेक सिंह कोषाध्यक्ष: जरनैल सिंह महासचिव: रिंकू बाबा सचिव: लाभ सिंह इन पदाधिकारियों के चुनाव से समुदाय में उत्साह का माहौल है। यह आशा की जा रही है कि यह सशक्त नेतृत्व महासभा को उसके उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में सफल बनाएगा। अध्यक्ष चरणजीत सिंह संजोता का संकल्प: "तन, मन, धन से साथ रहूंगा" अध्यक्ष चुने जाने के बाद, चरणजीत सिंह संजोता ने महासभा के सभी सदस्यों और समुदाय के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके समाज के लोगों ने उन्हें यह अध्यक्ष का दर्जा दिया है, और वह इस पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। संजोता ने अपने संबोधन में मजहबी सिख समुदाय के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ कहा, "मैं मजहबी समाज के सिखों के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। जो भी मजहबी समाज आर्थिक रूप से कमजोर है, मैं उसके साथ तन, मन और धन से खड़ा रहूंगा।" यह कथन उनके नेतृत्व की दिशा और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है। संजोता ने जोर दिया कि महासभा विशेष रूप से समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सहायता के लिए काम करेगी। इसमें सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना, स्वरोजगार के अवसर पैदा करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल होगा। उनका लक्ष्य मजहबी सिख समुदाय को सामाजिक और आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत बनाना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में सशक्त रूप से शामिल हो सकें। प्रमुख सिख भाई रहे उपस्थित: समुदाय की एकजुटता का प्रदर्शन इस ऐतिहासिक बैठक में मजहबी सिख समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति और भाई उपस्थित थे, जिन्होंने इस नई पहल का समर्थन किया। उपस्थित लोगों में रणजीत सिंह, गुरमीत सिंह, लाभ सिंह, कर्म सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, रेशम सिंह, गुरभजन सिंह, और सुखविंदर सिंह जैसे कई प्रमुख सिख भाई शामिल थे। विभिन्न क्षेत्रों से आए इन प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने महासभा की व्यापक पहुंच और समुदाय के भीतर इसकी स्वीकार्यता को दर्शाया। सभी ने मिलकर इस नए संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। महासभा के प्रमुख उद्देश्य: आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मजहबी सिख समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समुदाय के लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए। महासभा इन योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने, पात्र व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, महासभा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करने के तरीके भी तलाशेगी। इसमें छोटे व्यवसायों के लिए सहयोग, शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य आपात स्थितियों में मदद, और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाना शामिल हो सकता है। महासभा सामाजिक एकजुटता बढ़ाने के लिए विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित करेगी, जिससे आपसी भाईचारा मजबूत हो और समुदाय के भीतर एक सकारात्मक वातावरण बने। आज की यह बैठक केवल एक औपचारिक शुरुआत नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के मजहबी सिख समुदाय के लिए एक नए युग की शुरुआत है। चरणजीत सिंह संजोता के सक्षम नेतृत्व में, और अन्य पदाधिकारियों व समुदाय के सहयोग से, यह महासभा आने वाले समय में समुदाय के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के

काशीपुर में ऐतिहासिक पहल: उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना, चरणजीत सिंह संजोता बने पहले अध्यक्ष

काशीपुर, 21 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मजहबी सिख समुदाय के सशक्तिकरण और एकजुटता की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। काशीपुर में उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की विधिवत स्थापना की गई, जिसके साथ ही संगठन की पहली बैठक में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति…

Read More
काशीपुर, 16 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह सोमवार को एक व्यस्त और बहुआयामी दौरे पर रहे। उन्होंने सुबह गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में मत्था टेककर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की, वहीं बाद में ऊधमसिंह नगर जिले (जिसमें काशीपुर भी आता है) में अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। राज्यपाल के इस दौरे ने धर्म और जनसेवा के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में आध्यात्मिकता का अनुभव: "बाबा नानक की छवि हर चेहरे पर" सोमवार की शुरुआत राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और उनके परिवार के लिए अत्यंत आध्यात्मिक रही। उन्होंने उत्तराखंड में स्थित गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब के दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें बाबा नानक के आदेश से ही गुरुद्वारा ननकाना साहिब के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने भावुक होकर कहा, "मुझे यहां हर बंदे के चेहरे पर बाबा नानक की छवि दिखाई दी।" यह दर्शाता है कि गुरुद्वारे का वातावरण और वहां के लोगों की सेवा भावना उन्हें कितनी गहराई से प्रभावित कर गई। राज्यपाल ने गुरुद्वारा परिसर के सरोवर के भी दर्शन किए और वहां के आध्यात्मिक वातावरण, सेवा भावना और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे में जो "पारिवारिक प्रेम" मिला, वह अनुपम है। यह प्रेम, एकता और समर्पण की सच्ची भावना को परिलक्षित करता है, जो गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का मूल है। राज्यपाल ने विशेष रूप से गुरु नानक देव जी के पहले संदेश "एक ओंकार" का उल्लेख किया, जो एकता और परिवार की भावना को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु नानक देव जी द्वारा दिया गया 14 शब्दों का मूल मंत्र संपूर्ण ब्रह्मांड को परिभाषित करता है। राज्यपाल ने बताया कि यहां आकर उन्हें एक अलग ही आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्यता का अनुभव हुआ। उन्होंने बाबा नानक की शिक्षाओं - सादगी, नम्रता, मासूमियत और करुणा - को यहां की सेवा में स्पष्ट रूप से देखा। राज्यपाल ने इस अवसर पर बाबा सुरेंद्र सिंह का भी विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा सुरेंद्र सिंह ने गुरुद्वारा साहब को एक ऐसे सेवा स्थल में परिवर्तित कर दिया है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा और शिक्षा की धारा निरंतर प्रवाहित होती है। राज्यपाल ने विशेष रूप से बेटियों और बच्चों के लिए किए जा रहे शैक्षिक प्रयासों को "सराहनीय" और "समाज के लिए प्रेरणा स्रोत" बताया। इस दौरान विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, बाबा सुरेन्द्र सिंह, बाबा गुरजंत सिंह, बाबा हरि सिंह, बाबा लाखन सिंह, गुरविंदर सिंह चंडोक, दिलप्रीत सेठी व खालसा फांउडेशन के कार्यकर्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। ऊधमसिंह नगर (काशीपुर) में विकास कार्यों की समीक्षा: अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश आध्यात्मिक यात्रा के बाद, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने प्रशासनिक मोर्चे पर सक्रियता दिखाते हुए ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। यह बैठक सोमवार को मंडी गेस्ट हाउस में आयोजित की गई। राज्यपाल ने रुद्रपुर में लिगेसी वेस्ट निस्तारण (पुराने कचरे का प्रबंधन) कार्य की सराहना की, जो जिला प्रशासन के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने जिला विकास अधिकारी (सीडीओ) को पांच प्रमुख सरकारी योजनाओं की सफलता की कहानियाँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी 'फ्लैगशिप योजनाओं' (सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाएं) के क्रियान्वयन का लिखित विवरण भी मांगा। यह दर्शाता है कि राज्यपाल योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन और उनके वास्तविक प्रभाव को लेकर गंभीर हैं। बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने राज्यपाल को जिले में चल रहे विकास कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऊधमसिंह नगर जिला बीस सूत्रीय कार्यक्रम में गत वित्तीय वर्ष में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है। इस उपलब्धि पर राज्यपाल ने जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई दी। जिलाधिकारी ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में 94 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है, और शेष 6 प्रतिशत कार्य अंतिम चरण में है। यह भी बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में जल संयोजन का कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे बच्चों और कार्यकर्ताओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। जनपद में गिर रहे भू-जल स्तर की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए, जिलाधिकारी ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, जनपद में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को चिह्नित कर उसे हटाने का अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है। ड्रग्स और साइबर अपराध के खिलाफ भी पुलिस और प्रशासन मिलकर अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण कार्रवाईयां की गई हैं। उन्होंने महिला समूहों को मजबूत करने और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के प्रयासों की भी जानकारी दी। बताया गया कि महिला समूहों को जनपद, प्रदेश और देश के विभिन्न मेलों के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इस बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, सीडीओ मनीष कुमार, एसपी क्राइम निहारि

राज्यपाल गुरमीत सिंह का काशीपुर दौरा: ननकाना साहिब में मांगी सुख-शांति, ऊधमसिंह नगर में विकास का हिसाब

काशीपुर, 16 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह सोमवार को एक व्यस्त और बहुआयामी दौरे पर रहे। उन्होंने सुबह गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में मत्था टेककर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की, वहीं बाद में ऊधमसिंह नगर जिले (जिसमें काशीपुर भी आता है) में…

Read More
काशीपुर, 14 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसी कड़ी में, कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 लीटर कच्ची शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी को मालवा फार्म रोड पर एक खंडहरनुमा मकान के अंदर से पकड़ा गया, जहां वह अवैध रूप से शराब बेच रहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत चालान कर दिया है। यह गिरफ्तारी क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस की गश्त के दौरान मिला सुराग, संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर पुलिस अधीक्षक (नगर) और पुलिस उपाधीक्षक के निर्देशों के क्रम में, क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कुंडेश्वरी चौकी पुलिस लगातार गश्त कर रही थी। शनिवार को भी चौकी इंचार्ज के नेतृत्व में पुलिस टीम मालवा फार्म रोड पर नियमित गश्त पर थी। इस क्षेत्र में अक्सर संदिग्ध गतिविधियों की सूचनाएं मिलती रहती हैं, जिसे देखते हुए पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही थी। गश्त के दौरान, पुलिस टीम ने मालवा फार्म रोड पर स्थित एक खंडहरनुमा मकान के आसपास कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखीं। आमतौर पर ऐसे एकांत और सुनसान स्थानों का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है, और पुलिस इन पर पैनी नजर रखती है। पुलिस ने तत्काल उस मकान की घेराबंदी कर दी और अंदर जाकर तलाशी ली। पुलिस का यह त्वरित एक्शन रंग लाया, और उन्होंने एक व्यक्ति को मौके से ही धर दबोचा। मौके से 15 लीटर कच्ची शराब बरामद, आरोपी गिरफ्तार पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में, मकान के अंदर से ग्राम रंपुरा निवासी मोंटी सिंह पुत्र स्व. गुरमुख सिंह को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली, तो उसके कब्जे से एक प्लास्टिक का कट्टा बरामद हुआ। इस कट्टे के अंदर छोटे-छोटे पाउचों में रखी हुई 15 लीटर अवैध कच्ची शराब मिली। यह शराब बेचने के लिए तैयार रखी गई थी और इसका अवैध रूप से निर्माण व वितरण किया जा रहा था। कच्ची शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है, और कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है। अवैध रूप से बिकने वाली यह शराब अक्सर मानकों के अनुरूप नहीं होती और इसमें हानिकारक रसायन मिले होते हैं। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी जरूरी है। मोंटी सिंह द्वारा किया जा रहा यह कार्य आबकारी नियमों का सीधा उल्लंघन है, जिसके लिए सख्त कानूनी प्रावधान हैं। आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई: सख्त संदेश पुलिस ने मोंटी सिंह के खिलाफ आबकारी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया है। आबकारी एक्ट के तहत अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और भंडारण पर कठोर दंड का प्रावधान है। इस एक्ट के तहत पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माना और कारावास दोनों हो सकते हैं, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करता है। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि वह यह शराब कहां से प्राप्त कर रहा था और इस गोरखधंधे में और कौन लोग शामिल हैं। यह कार्रवाई अवैध शराब के कारोबार में लिप्त अन्य लोगों के लिए एक सख्त संदेश है कि पुलिस ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि जिले में अवैध शराब और नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। पुलिस जनता से भी अपील कर रही है कि वे अपने आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अवैध शराब की बिक्री की सूचना तत्काल पुलिस को दें, ताकि ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके और समाज को नशे के चंगुल से बचाया जा सके। शहर में अवैध शराब का बढ़ता कारोबार: सामाजिक समस्या अवैध कच्ची शराब का कारोबार केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या भी है। खासकर ग्रामीण और गरीब तबके के लोग अक्सर सस्ती होने के कारण इस तरह की शराब का सेवन करते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा, अवैध शराब के कारण परिवारों में कलह, आर्थिक तंगी और अपराधों में वृद्धि भी देखी जाती है। पुलिस और प्रशासन मिलकर इस समस्या से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह की गिरफ्तारियां यह दर्शाती हैं कि पुलिस कितनी सक्रिय है, लेकिन इस समस्या की जड़ तक पहुंचने और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। जागरूकता अभियान, पुनर्वास कार्यक्रम और जनता की भागीदारी ही इस समस्या से स्थायी रूप से निजात दिला सकती है। कुंडेश्वरी चौकी पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई निश्चित रूप से क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबारियों के बीच भय पैदा करेगी और

काशीपुर में अवैध शराब पर पुलिस का डंडा! 15 लीटर कच्ची शराब के साथ एक गिरफ्तार, ऐसे हुआ खुलासा!

काशीपुर, 14 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसी कड़ी में, कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 लीटर कच्ची शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी को मालवा फार्म रोड पर एक खंडहरनुमा…

Read More
काशीपुर , 11 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देशभक्ति और आध्यात्म के अनूठे संगम के साथ, काशीपुर में 'शौर्य सम्मान यात्रा' का भव्य आयोजन किया गया। नगर पंचायत गढ़ीनेगी से हरेश्वर धाम मंदिर (महाराज हरि चैतन्यपुरी आश्रम) के प्रांगण से शुरू हुई इस यात्रा में हजारों की तादाद में भक्तजन उमड़ पड़े, जिन्होंने पूरे माहौल को भक्ति और राष्ट्रप्रेम से सराबोर कर दिया। महिलाएं, युवा और बच्चे सभी उत्साह से भरे इस आयोजन का हिस्सा बने। यात्रा में बैंड-बाजा देशभक्ति की धुनें बिखेर रहा था, वहीं खुली जीप में विराजमान महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया, जिससे वातावरण पूरी तरह भक्तिमय और ऊर्जावान हो गया। गढ़ीनेगी से करनपुर तक गूंजे देशभक्ति के जयकारे: हर कदम पर जलपान की व्यवस्था 'शौर्य सम्मान यात्रा' का शुभारंभ गढ़ीनेगी स्थित हरेश्वर धाम मंदिर से हुआ। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का जमावड़ा शुरू हो गया था, जो इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आतुर थे। जैसे ही यात्रा आगे बढ़ी, हजारों की संख्या में भक्तजन, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, हाथों में तिरंगा झंडा और कलश लिए आगे बढ़ने लगे। बैंड-बाजे की गूंजती धुनें और देशभक्ति के नारे यात्रा में जोश भर रहे थे। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु स्वयं एक खुली जीप में विराजमान थे, जिससे सड़क के दोनों ओर खड़े भक्तजन उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। यह दृश्य अत्यंत मनोहारी और प्रेरणादायक था, जिसने पूरे क्षेत्र में देशभक्ति और आध्यात्मिक उत्साह का संचार कर दिया। गढ़ीनेगी हरेश्वर धाम से शुरू होकर यह यात्रा करनपुर ग्राम स्थित ए.एन.झा इंटर कॉलेज में आकर संपन्न हुई। यात्रा मार्ग में कई भक्तजनों और सामाजिक संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर जलपान की उत्कृष्ट व्यवस्था की थी। भीषण गर्मी के बावजूद, लोगों ने ठंडे शर्बत, कोल्डड्रिंक, स्वच्छ पेयजल, छोले और केले आदि का प्रसाद वितरित किया, जिससे यात्रा में शामिल सभी भक्तों को नई ऊर्जा मिलती रही। राकेश कुमार ढींगरा उर्फ काला, रमन ढींगरा, सुरेश लोहिया, कंचन लोहिया, आकांक्षा ठाकुर, पूजा सुविधा, अभिषेक सुखीजा , युवा शक्ति परिवार, नवल, गुरजीत सिंह, लवकुश प्रजापति, भास्कर तिवारी, रूपेश बाठला , किशोर झाम, चंद्रमोहन सुधा, मुकेश सुधा और पुनीत बाठला आदि ने विशेष रूप से इन जलपान व्यवस्थाओं को संभाला, जिससे यात्रा में शामिल सभी लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु का गुरुद्वारे में भी जाना: भाईचारे का संदेश यात्रा के दौरान एक ऐसा क्षण भी आया जिसने सभी का दिल जीत लिया और सांप्रदायिक सौहार्द का एक मजबूत संदेश दिया। जब यह भव्य शोभायात्रा करनपुर के मिलाप नगर स्थित गुरुद्वारे में पहुंची, तो महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी अपनी जीप से नीचे उतरे। उन्होंने पैदल चलकर गुरुद्वारे में प्रवेश किया और पूरी श्रद्धा के साथ माथा टेका। महाराज जी का गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेकना सिख और हिंदू समुदाय के बीच भाईचारे और एकता का एक सशक्त प्रतीक बन गया, जिसकी सभी ने खुले दिल से सराहना की। यह घटना दर्शाती है कि आध्यात्म किसी एक धर्म या संप्रदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी को जोड़ता है। गुरुद्वारे से निकलने के बाद, महाराज जी ने अपनी पदयात्रा जारी रखी और ए.एन.झा इंटर कॉलेज के मुख्य द्वार तक पैदल पहुंचे। इस दौरान मार्ग में अनेकों लोगों ने फूलों की माला पहनाकर और जयकारे लगाकर उनका भव्य स्वागत किया। यह क्षण भक्तों के लिए विशेष था, क्योंकि उन्हें अपने आराध्य के और करीब आने का अवसर मिला। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी के सानिध्य में ज्ञान की वर्षा: शौर्य सम्मान समारोह का आध्यात्मिक पहलू "शौर्य सम्मान समारोह" को आध्यात्मिक गहराई प्रदान करने के लिए, 11 जून से 12 जून तक , दिव्य प्रवचनों का आयोजन किया जाएगा। ये प्रवचन *श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु * द्वारा दिए जाएंगे। उनके प्रवचनों में आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति की सरिता बहेगी, जो श्रोताओं को आत्मिक शांति और जीवन के उच्च मूल्यों की ओर प्रेरित करेगी। ये प्रवचन न केवल देशभक्ति की भावना को आध्यात्मिकता से जोड़ेंगे, बल्कि उपस्थित लोगों को मानसिक और आत्मिक रूप से भी सशक्त करेंगे। स्वामी जी के प्रवचन जीवन के उद्देश्य, शांति, प्रेम और सेवा के महत्व पर केंद्रित होंगे, जो इस संपूर्ण आयोजन को एक समग्र और सार्थक आयाम प्रदान करेंगे। देशभक्ति के साथ आध्यात्म का यह संगम कार्यक्रम को एक अनूठा और गहरा महत्व प्रदान करेगा। प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति: समाज का समर्थन इस महत्वपूर्ण यात्रा और कार्यक्रम में समाज के कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पहल को अपना समर्थन दिया। इनमें पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी, गुरनाम सिंह, कश्मीर सिंह पन्नू, बलजिंदर संधू, विजय मक्कर, पंकज छाबड़ा और पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। इन सभी की उपस्थिति ने इस 'शौर्य सम्मान यात्रा' के महत्व को और बढ़ाया और यह संदेश दिया कि पूरा समाज सैनिकों के सम्मान और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति एकजुट है। यह आयोजन काशीपुर के लिए एक ऐतिहासिक पल बन गया, जो देशभक्ति

काशीपुर में विशाल ‘शौर्य सम्मान यात्रा’: हरिचैतन्यपुरी के सानिध्य में उमड़ा हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब, महाराज गुरुद्वारे भी गए!

काशीपुर , 11 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देशभक्ति और आध्यात्म के अनूठे संगम के साथ, काशीपुर में ‘शौर्य सम्मान यात्रा’ का भव्य आयोजन किया गया। नगर पंचायत गढ़ीनेगी से हरेश्वर धाम मंदिर (महाराज हरि चैतन्यपुरी आश्रम) के प्रांगण से शुरू हुई इस यात्रा में हजारों की तादाद में भक्तजन उमड़ पड़े, जिन्होंने…

Read More