बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 में ऐतिहासिक बदलाव! नतीजे ऑनलाइन, वोटर लिस्ट घर बैठे, खर्च सीमा बढ़ी-निगरानी सख्त; आयोग ने ‘विश्वसनीयता’ को दी नई परिभाषा

देहरादून, 30 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़े और दूरगामी बदलावों की घोषणा की है। इन अभूतपूर्व सुधारों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी और जनसुलभ बनाना है। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील कुमार ने आज इन महत्वपूर्ण बदलावों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये कदम प्रदेश में चुनावी प्रणाली को आधुनिक बनाने और मतदाताओं का विश्वास मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। आइए जानते हैं, इस बार के पंचायत चुनाव में क्या कुछ नया है और कैसे यह आपकी भागीदारी को आसान बनाएगा। डिजिटल युग में पंचायत चुनाव: नतीजे और वोटर लिस्ट अब ऑनलाइन राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार पंचायत चुनाव में पारदर्शिता और सूचना तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल माध्यमों का व्यापक उपयोग करने का निर्णय लिया है। यह पहली बार है जब पंचायत चुनावों के नतीजों को ऑनलाइन जारी किया जाएगा, जिससे हर नागरिक घर बैठे चुनाव परिणाम जान सकेगा। चुनाव परिणाम होंगे रियल टाइम ऑनलाइन: आयोग ने घोषणा की है कि जैसे-जैसे किसी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत के नतीजे घोषित होते जाएंगे, वे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://sec.uk.gov.in/ पर रियल टाइम में अपडेट किए जाएंगे। यह सुविधा पहले केवल निकाय चुनावों में उपलब्ध थी, जिसे अब पंचायत चुनावों में भी लागू किया जा रहा है। इससे मतदाताओं को त्वरित और पारदर्शी जानकारी मिलेगी, और अफवाहों पर भी लगाम लगेगी। वोटर लिस्ट भी ऑनलाइन उपलब्ध: पहली बार पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट को भी ऑनलाइन जारी किया गया है। अब मतदाता सीधे आयोग की वेबसाइट https://secresult.uk.gov.in/votersearch/searchvotermapping पर जाकर अपनी ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट देख और डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें नाम सर्च करने की सुविधा भी दी गई है, जिससे मतदाता और प्रत्याशी आसानी से अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं। यह कदम मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाएगा। खर्च सीमा बढ़ी, पर निगरानी और भी सख्त चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार में सहूलियत देने के लिए विभिन्न पदों के अनुसार चुनावी खर्च की सीमा में बढ़ोतरी की है। यह उम्मीदवारों को अपने संदेश को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराएगा। हालांकि, इस बढ़ोतरी के साथ ही चुनाव आयोग ने खर्च की निगरानी को पहले से कहीं अधिक सख्त कर दिया है। चुनावों में धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी जिलों में विशेष अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं, जिन्हें यह अधिकार होगा कि वे कभी भी किसी भी प्रत्याशी से उसके चुनावी खर्च का विस्तृत ब्यौरा मांग सकें। पद के अनुसार खर्च सीमा का विवरण (रुपयों में): पदपहले की सीमा (₹)अब की सीमा (₹)ग्राम प्रधान50,00075,000ग्राम पंचायत सदस्य10,00010,000बीडीसी सदस्य50,00075,000जिला पंचायत सदस्य1,40,0002,00,000उपप्रधान15,00015,000कनिष्ठ उपप्रमुख50,00075,000ज्येष्ठ उपप्रमुख60,0001,00,000प्रमुख, क्षेत्र पंचायत1,40,0002,00,000उपाध्यक्ष, जिला पंचायत2,50,0003,00,000अध्यक्ष, जिला3,50,0004,00,000 निष्पक्ष ड्यूटी आवंटन: रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग चुनाव प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए आयोग ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस बार चुनाव ड्यूटी आवंटन के लिए विशेष रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रणाली के तहत, सभी चुनावी कार्मिकों (अधिकारियों और कर्मचारियों) की नियुक्ति स्वतः कंप्यूटर प्रणाली द्वारा होगी। यह नई व्यवस्था ड्यूटी आवंटन में किसी भी प्रकार के पक्षपात या अनुचित हस्तक्षेप की संभावना को पूरी तरह समाप्त कर देगी, जिससे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सकेगा। मतदानकर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता: 10 लाख रुपये का मुआवजा राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात होने वाले मतदानकर्मियों की सुरक्षा और कल्याण को भी प्राथमिकता दी है। आयोग ने घोषणा की है कि यदि चुनाव ड्यूटी के दौरान किसी मतदानकर्मी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों को ₹10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। आयोग के सचिव राहुल गोयल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शासन ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश भेजे जा रहे हैं। यह कदम मतदानकर्मियों को मानसिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे बिना किसी भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे। विशालकाय चुनावी मशीनरी: 95,909 अधिकारी-कर्मचारी होंगे तैनात इन चुनावों को सुचारू और प्रभावी ढंग से संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक विशाल चुनावी मशीनरी को सक्रिय किया है। इस बार कुल 95,909 अधिकारी-कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जाएंगे। इनमें शामिल हैं: पीठासीन अधिकारी: 11,849 मतदान अधिकारी: 47,910 सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, नोडल अधिकारी, प्रभारी अधिकारी: 450 सुरक्षाकर्मी: 35,700 इतनी बड़ी संख्या में कर्मियों की तैनाती यह सुनिश्चित करेगी कि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो। दो चरणों में संपन्न होंगे चुनाव, 31 जुलाई को मतगणना राज्य में पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न कराए जाएंगे, जिसकी तिथियां पहले ही घोषित की जा चुकी हैं: पहला चरण: 24 जुलाई, 2025 दूसरा चरण: 28 जुलाई, 2025 दोनों चरणों के मतदान के बाद, 31 जुलाई, 2025 को एक साथ मतगणना की जाएगी, जिसके उपरांत परिणामों की औपचारिक घोषणा की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए ये बड़े बदलाव उत्तराखंड में पंचायत लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ये सुधार न

देहरादून, 30 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़े और दूरगामी बदलावों की घोषणा की है। इन अभूतपूर्व सुधारों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी और जनसुलभ बनाना है। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील कुमार ने आज इन महत्वपूर्ण बदलावों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये कदम प्रदेश में चुनावी प्रणाली को आधुनिक बनाने और मतदाताओं का विश्वास मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। आइए जानते हैं, इस बार के पंचायत चुनाव में क्या कुछ नया है और कैसे यह आपकी भागीदारी को आसान बनाएगा।


डिजिटल युग में पंचायत चुनाव: नतीजे और वोटर लिस्ट अब ऑनलाइन

राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार पंचायत चुनाव में पारदर्शिता और सूचना तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल माध्यमों का व्यापक उपयोग करने का निर्णय लिया है। यह पहली बार है जब पंचायत चुनावों के नतीजों को ऑनलाइन जारी किया जाएगा, जिससे हर नागरिक घर बैठे चुनाव परिणाम जान सकेगा।

  • चुनाव परिणाम होंगे रियल टाइम ऑनलाइन: आयोग ने घोषणा की है कि जैसे-जैसे किसी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत के नतीजे घोषित होते जाएंगे, वे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://sec.uk.gov.in/ पर रियल टाइम में अपडेट किए जाएंगे। यह सुविधा पहले केवल निकाय चुनावों में उपलब्ध थी, जिसे अब पंचायत चुनावों में भी लागू किया जा रहा है। इससे मतदाताओं को त्वरित और पारदर्शी जानकारी मिलेगी, और अफवाहों पर भी लगाम लगेगी।
  • वोटर लिस्ट भी ऑनलाइन उपलब्ध: पहली बार पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट को भी ऑनलाइन जारी किया गया है। अब मतदाता सीधे आयोग की वेबसाइट https://secresult.uk.gov.in/votersearch/searchvotermapping पर जाकर अपनी ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट देख और डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें नाम सर्च करने की सुविधा भी दी गई है, जिससे मतदाता और प्रत्याशी आसानी से अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं। यह कदम मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाएगा।

खर्च सीमा बढ़ी, पर निगरानी और भी सख्त

चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार में सहूलियत देने के लिए विभिन्न पदों के अनुसार चुनावी खर्च की सीमा में बढ़ोतरी की है। यह उम्मीदवारों को अपने संदेश को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराएगा। हालांकि, इस बढ़ोतरी के साथ ही चुनाव आयोग ने खर्च की निगरानी को पहले से कहीं अधिक सख्त कर दिया है। चुनावों में धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी जिलों में विशेष अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं, जिन्हें यह अधिकार होगा कि वे कभी भी किसी भी प्रत्याशी से उसके चुनावी खर्च का विस्तृत ब्यौरा मांग सकें।

पद के अनुसार खर्च सीमा का विवरण (रुपयों में):

पदपहले की सीमा (₹)अब की सीमा (₹)
ग्राम प्रधान50,00075,000
ग्राम पंचायत सदस्य10,00010,000
बीडीसी सदस्य50,00075,000
जिला पंचायत सदस्य1,40,0002,00,000
उपप्रधान15,00015,000
कनिष्ठ उपप्रमुख50,00075,000
ज्येष्ठ उपप्रमुख60,0001,00,000
प्रमुख, क्षेत्र पंचायत1,40,0002,00,000
उपाध्यक्ष, जिला पंचायत2,50,0003,00,000
अध्यक्ष, जिला3,50,0004,00,000

निष्पक्ष ड्यूटी आवंटन: रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग

चुनाव प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए आयोग ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस बार चुनाव ड्यूटी आवंटन के लिए विशेष रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रणाली के तहत, सभी चुनावी कार्मिकों (अधिकारियों और कर्मचारियों) की नियुक्ति स्वतः कंप्यूटर प्रणाली द्वारा होगी। यह नई व्यवस्था ड्यूटी आवंटन में किसी भी प्रकार के पक्षपात या अनुचित हस्तक्षेप की संभावना को पूरी तरह समाप्त कर देगी, जिससे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सकेगा।


मतदानकर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता: 10 लाख रुपये का मुआवजा

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात होने वाले मतदानकर्मियों की सुरक्षा और कल्याण को भी प्राथमिकता दी है। आयोग ने घोषणा की है कि यदि चुनाव ड्यूटी के दौरान किसी मतदानकर्मी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों को ₹10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

आयोग के सचिव राहुल गोयल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शासन ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश भेजे जा रहे हैं। यह कदम मतदानकर्मियों को मानसिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे बिना किसी भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे।


विशालकाय चुनावी मशीनरी: 95,909 अधिकारी-कर्मचारी होंगे तैनात

इन चुनावों को सुचारू और प्रभावी ढंग से संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक विशाल चुनावी मशीनरी को सक्रिय किया है। इस बार कुल 95,909 अधिकारी-कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जाएंगे। इनमें शामिल हैं:

  • पीठासीन अधिकारी: 11,849
  • मतदान अधिकारी: 47,910
  • सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, नोडल अधिकारी, प्रभारी अधिकारी: 450
  • सुरक्षाकर्मी: 35,700

इतनी बड़ी संख्या में कर्मियों की तैनाती यह सुनिश्चित करेगी कि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।


दो चरणों में संपन्न होंगे चुनाव, 31 जुलाई को मतगणना

राज्य में पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न कराए जाएंगे, जिसकी तिथियां पहले ही घोषित की जा चुकी हैं:

  • पहला चरण: 24 जुलाई, 2025
  • दूसरा चरण: 28 जुलाई, 2025

दोनों चरणों के मतदान के बाद, 31 जुलाई, 2025 को एक साथ मतगणना की जाएगी, जिसके उपरांत परिणामों की औपचारिक घोषणा की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए ये बड़े बदलाव उत्तराखंड में पंचायत लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ये सुधार न केवल चुनाव प्रक्रिया की अखंडता बढ़ाएंगे बल्कि मतदाताओं की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेंगे, जिससे जमीनी स्तर पर एक मजबूत और उत्तरदायी शासन प्रणाली का निर्माण हो सकेगा।


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