काशीपुर में पुलिस का सख्त अभियान: कोर्ट से जारी वारंट पर 5 वारंटी गिरफ्तार, टली कानूनी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया

काशीपुर, 12 सितंबर 2025 - (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड को 'नशा मुक्त देवभूमि' बनाने के अभियान के तहत, काशीपुर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। देर रात गश्त के दौरान पुलिस ने अल्ली खां मोहल्ले के एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से 8.25 ग्राम स्मैक बरामद हुई है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि क्षेत्र में नशे के बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को भी मजबूती देती है। पुलिस की सतर्कता और सफल ऑपरेशन यह घटना गुरुवार देर रात की है, जब काशीपुर के उप-निरीक्षक मनोज धोनी अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गश्त पर थे। पुलिस को लंबे समय से इस क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार की सूचना मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर पुलिस की टीम विशेष रूप से चौकस थी। रात के सन्नाटे में, पुलिस की नजर डिजाइन सेंटर के पास एक बाइक सवार युवक पर पड़ी, जिसकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थीं। पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया। पुलिस को देखते ही युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसे धर दबोचा। पुलिस द्वारा तलाशी लेने पर युवक के कब्जे से एक प्लास्टिक की पुड़िया बरामद हुई, जिसमें 8.25 ग्राम स्मैक थी। यह मात्रा एनडीपीएस एक्ट के तहत वाणिज्यिक मात्रा के दायरे में आती है, जिससे आरोपी पर लगाई गई धाराएं और भी सख्त हो जाती हैं। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने अपना नाम आमिर खान बताया, जो अल्ली खां मोहल्ले का निवासी है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आमिर कहां से स्मैक खरीदता था और किन लोगों को बेचता था। एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई पुलिस ने तत्काल आरोपी आमिर खान के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। एनडीपीएस एक्ट के तहत ड्रग्स की मात्रा के आधार पर सजा का प्रावधान है। कम मात्रा के लिए कम सजा होती है, जबकि वाणिज्यिक मात्रा के लिए 10 साल से लेकर 20 साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है। 8.25 ग्राम की मात्रा को देखते हुए, आरोपी को एक लंबी सजा का सामना करना पड़ सकता है। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो युवाओं को नशे की लत में धकेलकर समाज को खोखला कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई नशे के खिलाफ उनके ज़ीरो टॉलरेंस की नीति का हिस्सा है। पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने कई नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और इस तरह के अवैध धंधे में शामिल कई गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। पुलिस का यह अभियान लगातार जारी रहेगा और इसमें आम जनता से भी सहयोग की अपील की गई है, ताकि नशे के जाल को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। काशीपुर शहर में युवाओं में नशे की लत एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, और इस तरह की गिरफ्तारियां पुलिस के प्रयासों को दर्शाती हैं। यह उम्मीद की जाती है कि यह कार्रवाई न केवल नशा तस्करों के बीच डर पैदा करेगी, बल्कि युवाओं को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करेगी।

काशीपुर, 05 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – न्यायपालिका के आदेशों का सम्मान और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए काशीपुर पुलिस ने कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंटों के आधार पर पांच वारंटियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी वारंटी लंबे समय से अदालत के समन की अनदेखी कर रहे थे और पेशी से बच रहे थे। पुलिस द्वारा सोमवार को चलाए गए एक विशेष अभियान के तहत इन पांचों को धर दबोचा गया, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया है कि कोई भी व्यक्ति कानून के दायरे से बाहर नहीं है।

लंबे समय से फरार चल रहे थे वारंटी

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों व्यक्ति विभिन्न आपराधिक और कानूनी मामलों में आरोपी थे। इन सभी को कोर्ट से लगातार समन जारी किए जा रहे थे, लेकिन वे जानबूझकर अदालत में हाजिर नहीं हो रहे थे। इस तरह की लापरवाही न केवल कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालती है, बल्कि न्याय मिलने में भी देरी का कारण बनती है। न्यायालय ने इन वारंटियों के लगातार अनुपस्थित रहने पर कड़ा रुख अपनाया और इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए। यह वारंट पुलिस को यह अधिकार देता है कि वह इन व्यक्तियों को गिरफ्तार करके अदालत में पेश करे।

गिरफ्तार किए गए वारंटियों की पहचान इस प्रकार है:

  1. रोशन, पुत्र कीमत सिंह, निवासी गोपीपुरा।
  2. अनवर हुसैन, पुत्र फैयाज हुसैन, निवासी काजीबाग।
  3. सुनील, पुत्र मुन्ना सिंह, निवासी जगतपुर कुंडेश्वरी।
  4. राजू, पुत्र धीनराम, निवासी टांडा उज्जैन।
  5. लाडो कौर, पत्नी शेर सिंह, निवासी कुंडेश्वरी।

ये सभी वारंटी लंबे समय से कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे थे, लेकिन पुलिस के इस अभियान ने उनकी फरार रहने की कोशिशों पर विराम लगा दिया।

पुलिस का विशेष अभियान और कानूनी प्रक्रिया की सख्ती

कोतवाली पुलिस ने सोमवार को कोर्ट से जारी वारंटों के आधार पर एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे लोगों को पकड़ना था जो कानून का मजाक बना रहे थे और न्याय से बच रहे थे। पुलिस टीमों ने इन वारंटियों के ठिकानों पर दबिश दी और उन्हें गिरफ्तार किया।

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अनिल जोशी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि “यह कार्रवाई कोर्ट के आदेशों का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए की गई है। सभी वारंटियों को अदालत में पेश न होने के कारण गिरफ्तार किया गया है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति कानून की प्रक्रिया से बच न सके। इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अभियानों से समाज में यह संदेश जाता है कि कानून का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।

न्यायिक प्रक्रिया में समन जारी होने के बाद किसी व्यक्ति को अदालत में पेश होना होता है। यदि वह व्यक्ति बिना किसी वैध कारण के पेश नहीं होता है, तो अदालत उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करती है। यह वारंट एक तरह का सख्त आदेश होता है जो पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। इन पांचों वारंटियों के मामले में भी यही हुआ। उन्होंने लगातार समन को नजरअंदाज किया, जिसके बाद अदालत ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया।

न्याय की गरिमा और पुलिस की तत्परता

इस तरह की गिरफ्तारियां न केवल कानूनी प्रक्रिया को सुचारू बनाती हैं, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को भी बनाए रखती हैं। जब वारंटी लंबे समय तक फरार रहते हैं, तो इससे मुकदमे की सुनवाई में देरी होती है और पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने में भी लंबा समय लगता है। पुलिस की यह तत्परता दर्शाती है कि वह न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एसएसआई अनिल जोशी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी वारंटियों को अब कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से आगे की कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि अगर किसी के पास कोर्ट से कोई समन या नोटिस आता है, तो उसे गंभीरता से लें और तय समय पर कोर्ट में हाजिर हों। कानून का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह गिरफ्तारी उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी भी है जो यह सोचते हैं कि वे कोर्ट के आदेशों से बच सकते हैं।

इस अभियान के बाद, पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि वारंटियों की गिरफ्तारी के लिए इस तरह के अभियान लगातार चलाए जाएं। इससे न केवल आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी, बल्कि कानून के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। यह कार्रवाई पुलिस की सक्रियता और अदालत के आदेशों के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाती है।

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