रामनगर बाघ हमला: आमपानी क्षेत्र में बाघ ने व्यक्ति पर किया जानलेवा हमला, हालत गंभीर

रामनगर, 12 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)।
रामनगर बाघ हमला रामनगर के आमपानी क्षेत्र में शनिवार सुबह एक भयावह घटना सामने आई, जब एक बाघ ने अचानक एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। यह घटना सुबह करीब 8:30 बजे की है, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। हमला इतना गंभीर था कि व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं और उसे तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
घायल व्यक्ति की पहचान यशपाल सिंह, उम्र 43 वर्ष, पिता श्री प्यारा सिंह, निवासी करेलपुरी, पोस्ट हलदुआ, जिला नैनीताल के रूप में हुई है। घटना उस समय घटी जब यशपाल सिंह आमपानी क्षेत्र के प्लॉट संख्या 13 में किसी निजी काम से गए हुए थे। उसी दौरान झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया।
हमला और बचाव
स्थानीय लोगों और आमपानी क्षेत्र के वन विभाग स्टाफ के अनुसार, जैसे ही बाघ ने यशपाल पर झपट्टा मारा, वह चीखने लगे। उनकी आवाज़ सुनकर आस-पास मौजूद कुछ ग्रामीण और विभागीय कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बाघ इंसानी मौजूदगी देखकर कुछ ही क्षणों में वहां से जंगल की ओर भाग गया। घायल यशपाल सिंह को तत्काल रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर लाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। डॉक्टरों के मुताबिक यशपाल के चेहरे, बाजू और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं।
अस्पताल में परिजनों की भीड़
घटना की सूचना मिलते ही यशपाल सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। उनकी हालत देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। फिलहाल वह खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी में ICU में भर्ती हैं। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि अगले 48 घंटे उनके लिए बेहद अहम होंगे।
आमपानी क्षेत्र में दहशत
हमले के बाद आमपानी क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है। यह इलाका कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के नजदीक है और पहले भी यहां बाघों की आवाजाही देखी गई है। लेकिन इस तरह का दिन-दहाड़े हमला लंबे समय बाद हुआ है। स्थानीय लोग अब जंगल किनारे खेतों और घरों में जाने से डरने लगे हैं।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि यह घटना बेहद गंभीर है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। डीएफओ तराई पश्चिम वन प्रभाग की ओर से एक विशेष निगरानी टीम गठित की गई है जो बाघ की गतिविधियों पर नजर रखेगी। साथ ही, घटना स्थल के आसपास पिंजरे लगाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
संभावित कारण और समाधान
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के हमले आमतौर पर तब होते हैं जब जानवरों का प्राकृतिक आवास कम होता है या उन्हें भोजन नहीं मिलता। रामनगर क्षेत्र में इंसानी आबादी और निर्माण कार्य तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे बाघों और अन्य जंगली जानवरों का आवास क्षेत्र सिमटता जा रहा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि प्रशासन को वन्यजीव गलियारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
मांग उठी: प्रभावित परिवार को मुआवजा
घटना के बाद ग्रामीणों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि पीड़ित के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और इस इलाज का खर्च उठाना उनके लिए भारी पड़ सकता है। लोगों ने घायल व्यक्ति के लिए तात्कालिक मुआवजा राशि और निशुल्क चिकित्सा सुविधा की मांग की है।
बाघ द्वारा हमला
रामनगर के आमपानी क्षेत्र में बाघ द्वारा हमला एक चेतावनी है कि मनुष्य और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। प्रशासन, वन विभाग और स्थानीय लोगों को मिलकर ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि इंसानी जानें सुरक्षित रहें और वन्यजीवों का भी संरक्षण हो सके। डॉक्टरों के मुताबिक यशपाल के चेहरे, बाजू और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं।