Headlines
रुद्रपुर, 01 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण औद्योगिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को औद्योगिक प्रक्रियाओं और मानकों की व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था। यह भ्रमण वोल्टास प्राइवेट लिमिटेड (एसी प्लांट), सिडकुल, रुद्रपुर में संपन्न हुआ, जहां विद्यार्थियों को औद्योगिक उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण और नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया गया। उद्घाटन एवं स्वागत समारोह औद्योगिक भ्रमण के दौरान वोल्टास प्राइवेट लिमिटेड के एचआर प्रमुख, जितेंद्र अधिकारी ने विद्यार्थियों का स्वागत किया और औद्योगिक इकाई के कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वोल्टास प्रा. लि. देश की प्रमुख एयर कंडीशनिंग और इंजीनियरिंग सेवा कंपनियों में से एक है, जो उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो, देहरादून के निदेशक सौरभ तिवारी ने अपने संदेश में कहा, "युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास आवश्यक है। औद्योगिक भ्रमण न केवल विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं और चुनौतियों को भी समझने में मदद करता है।" विद्यार्थियों को औद्योगिक प्रक्रिया की जानकारी इस औद्योगिक भ्रमण में विद्यार्थियों को एसी प्लांट की उत्पादन प्रक्रिया, कच्चे माल के उपयोग, डिजाइनिंग, निर्माण प्रक्रिया, गुणवत्ता परीक्षण और उत्पाद प्रमाणन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। BIS के संयुक्त निदेशक (Joint Director) श्याम कुमार ने औद्योगिक प्रक्रियाओं के मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुपालन से उत्पादों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होती है। विद्यार्थियों ने उत्पादन संयंत्र के विभिन्न विभागों का दौरा किया और विशेषज्ञों से उनके कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने मशीनों के संचालन, ऑटोमेशन तकनीक, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा की। BIS की भूमिका और विद्यार्थियों के अनुभव भारतीय मानक ब्यूरो की रिसोर्स पर्सन, कोमल कांबोज ने विद्यार्थियों को BIS के महत्व और BIS Care App के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि BIS न केवल उत्पाद प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए भी कार्य करता है। इस औद्योगिक भ्रमण का आयोजन मानक क्लब के सहायक प्रोफेसर, डॉ. राजीव सिंह के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने कहा कि, "भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आयोजित यह शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी रहा। उन्होंने औद्योगिक उत्पादन प्रक्रिया को नजदीक से समझा और विशेषज्ञों से अपने संदेह दूर किए।" विद्यार्थियों ने इस अनुभव को अपने करियर के लिए बेहद लाभकारी बताया। एक विद्यार्थी ने कहा, "हमने केवल किताबों में ही तकनीकी प्रक्रियाएं पढ़ी थीं, लेकिन यहां हमें उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखने और समझने का मौका मिला। यह अनुभव हमें भविष्य में हमारी इंजीनियरिंग प्रैक्टिस में मदद करेगा।" तकनीकी कौशल विकास पर जोर औद्योगिक भ्रमण के दौरान BIS के मानक संवर्धन सलाहकार, डॉ. जितेंद्र सिंह नेगी ने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे औद्योगिक इकाइयों के भ्रमण से उन्हें वास्तविक औद्योगिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि, "तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए व्यावहारिक अनुभव अत्यंत आवश्यक है। ऐसे भ्रमण से विद्यार्थियों को न केवल तकनीकी ज्ञान मिलता है, बल्कि वे उद्योग की आवश्यकताओं को भी समझते हैं।" इस दौरान विद्यार्थियों ने मशीनों की कार्यप्रणाली, उत्पादन तकनीक, गुणवत्ता परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तार से उत्तर दिया। औद्योगिक भ्रमण का समापन और भविष्य की योजनाएं कार्यक्रम के अंत में वोल्टास प्राइवेट लिमिटेड की टीम ने BIS और विश्वविद्यालय प्रशासन को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की इच्छा व्यक्त की। BIS की ओर से विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए, जिससे उनके औद्योगिक अनुभव को मान्यता दी जा सके। भारतीय मानक ब्यूरो भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आयोजित यह औद्योगिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए एक अनूठा अनुभव रहा, जिसमें उन्होंने औद्योगिक प्रक्रियाओं, गुणवत्ता मानकों और उत्पादन तकनीकों के बारे में सीखा। इस तरह के कार्यक्रम न केवल तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देते हैं, बल्कि युवाओं को व्यावसायिक रूप से तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

रुद्रपुर में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा औद्योगिक भ्रमण का आयोजन, विद्यार्थियों को मिला व्यावहारिक ज्ञान

रुद्रपुर, 01 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण औद्योगिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को औद्योगिक प्रक्रियाओं और मानकों की व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था। यह भ्रमण…

Read More
देहरादून, 30 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार जिलों हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई स्थानों के नाम बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। यह फैसला जन भावनाओं और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से प्रेरणादायक होगा, जिससे लोग भारतीय मूल्यों को आत्मसात कर सकें। कौन-कौन से स्थानों के नाम बदले गए? मुख्यमंत्री धामी द्वारा घोषित नाम परिवर्तन निम्नलिखित हैं: हरिद्वार जिले में: रुड़की का नाम बदलकर रामनगर रखा गया। भगवानपुर को नया नाम श्रीपुर दिया गया। देहरादून जिले में: रायपुर को अब सूर्यपुर के नाम से जाना जाएगा। डोईवाला का नाम बदलकर शिवपुर कर दिया गया। नैनीताल जिले में: हल्द्वानी का नाम अब गौरव नगर होगा। कालाढूंगी को नया नाम वीरपुर मिला। ऊधमसिंह नगर जिले में: किच्छा का नाम शक्ति नगर रखा गया। रुद्रपुर को धर्मपुर नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने क्या कहा? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर कहा कि यह फैसला जनभावना के अनुरूप और भारतीय विरासत के सम्मान में लिया गया है। उन्होंने कहा, "देश के अलग-अलग राज्यों में ऐतिहासिक स्थानों के नाम बदले गए हैं। उत्तराखंड भी देवभूमि है और यहां के स्थानों के नाम हमारी संस्कृति और महान महापुरुषों से प्रेरित होने चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि यह परिवर्तन आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगा और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेगा। राजनीतिक प्रतिक्रिया इस फैसले के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह उत्तराखंड की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को मजबूत करने वाला फैसला है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे "राजनीतिक स्टंट" बताया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार को नाम बदलने की बजाय बुनियादी विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। सोशल मीडिया पर चर्चा उत्तराखंड सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई लोगों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए इसे संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कुछ लोगों ने इस नाम परिवर्तन को अनावश्यक बताते हुए कहा कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। आगे की प्रक्रिया सरकार ने घोषणा की है कि इन नाम परिवर्तनों को आधिकारिक रूप से राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद प्रशासनिक और अन्य दस्तावेजों में नए नाम लागू किए जाएंगे। संस्कृति उत्तराखंड सरकार द्वारा घोषित यह नाम परिवर्तन इतिहास, संस्कृति और जन भावनाओं से प्रेरित एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस जारी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का जनता और प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

उत्तराखंड में कई स्थानों के नाम बदले, मुख्यमंत्री धामी ने किया ऐलान

देहरादून, 31मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार जिलों हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई स्थानों के नाम बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। यह फैसला जन भावनाओं और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव…

Read More
काशीपुर ,30 मार्च 2025 (समय बोल रहा ) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर हिंदू नववर्ष संवत 2082 के आगमन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा नगर में पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने अनुशासन और एकता का परिचय देते हुए भव्य रैली निकाली। कार्यक्रम का आयोजन काशीपुर रामलीला ग्राउंड ,व ग्रामीण मंडल का कार्यक्रम शिवलालपुर अमरझंडा में किया गया था , जहां से पथ संचलन का शुभारंभ हुआ। नगर में गुंजायमान हुआ राष्ट्रभक्ति का स्वर पथ संचलन रामलीला ग्राउंड से प्रारंभ होकर चीमा चौराहा, माता मंदिर रोड, रतन सिनेमा रोड, डॉक्टर लाइन, मुल्तानी मोड़, मां मंसा देवी मंदिर, गंगे बाबा रोड, किला बाजार, मेन बाजार होते हुए महाराणा प्रताप चौक पर संपन्न हुआ। नगर के विभिन्न मार्गों पर स्वयंसेवकों के स्वागत में पुष्प वर्षा की गई और कई स्थानों पर स्थानीय नागरिकों ने आरएसएस कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने 100 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे देशभर में संघ द्वारा विभिन्न आयोजनों की श्रृंखला चलाई जा रही है। इसी कड़ी में काशीपुर में यह पथ संचलन निकाला गया, जिसमें संघ के पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। हिंदू नववर्ष का महत्व कालगणना के अनुसार हिंदू नववर्ष सबसे पुराना नववर्ष माना जाता है। इस दिन ऋतु परिवर्तन होता है और प्रकृति में नवचेतना का संचार होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे वर्ष में छह उत्सव मनाता है, जिनमें पहला उत्सव हिंदू नववर्ष होता है। इसी दिन संघ के प्रथम सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। संघ प्रचार प्रमुख ने क्या कहा? महानगर प्रचार प्रमुख ने बताया कि पथ संचलन में नगर प्रखंड के सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज में राष्ट्रभक्ति और संगठन को बढ़ावा देना है। इस प्रकार के आयोजनों से हिंदू संस्कृति और परंपराओं के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक किया जाता है। नगरवासियों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा इस अवसर पर नगरवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पूरे आयोजन के दौरान राष्ट्रभक्ति का माहौल बना रहा। जगह-जगह लोगों ने संघ कार्यकर्ताओं का स्वागत किया और पूरे नगर में हिंदू नववर्ष की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया गया। संघ की बढ़ती लोकप्रियता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों के सफर को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। संघ अपने अनुशासन, सेवा कार्यों और राष्ट्रभक्ति के कारण जन-जन तक अपनी पहचान बना चुका है। इस अवसर पर संघ के कार्यकर्ताओं ने देश सेवा और समाज कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता

हिंदू नववर्ष पर काशीपुर में RSS का भव्य पथ संचलन, जगह-जगह हुआ स्वागत

काशीपुर ,30 मार्च 2025 (समय बोल रहा ) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर हिंदू नववर्ष संवत 2082 के आगमन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा नगर में पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने अनुशासन और एकता का परिचय देते हुए भव्य रैली निकाली। कार्यक्रम का आयोजन काशीपुर रामलीला ग्राउंड…

Read More
देहरादून, 30 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - उत्तराखंड में खनन से जुड़े राजस्व में भारी वृद्धि को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व में वृद्धि का मतलब पारदर्शी नीति और चोरी पर अंकुश लगना है, न कि किसी प्रकार का घोटाला। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को अल्प ज्ञान से प्रेरित बताते हुए कहा कि प्रदेश का खनन राजस्व 300 करोड़ से बढ़कर 1000 करोड़ से भी अधिक हो गया है, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी नीतियों की सफलता को दर्शाता है। राजस्व में वृद्धि सरकार की नीतियों का नतीजा भट्ट ने प्रेस से बातचीत में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के नीतिगत सुधार और बेहतर प्रबंधन के कारण ही खनन क्षेत्र से राज्य को अभूतपूर्व राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में माफियाओं के साथ मिलकर खनन नीतियां बनाई जाती थीं, जबकि भाजपा सरकार ने पारदर्शिता और सख्त नियमों के जरिए इस क्षेत्र को सुव्यवस्थित किया है। उन्होंने कहा कि बेवजह इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है, जबकि खनन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा बन चुका है। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि यदि चोरी होती तो राजस्व घटता, बढ़ता नहीं। भाजपा अध्यक्ष चुनाव पर जल्द होगी घोषणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चुनाव को लेकर भट्ट ने कहा कि शीघ्र ही केंद्रीय नेतृत्व अन्य राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी चुनाव तिथि की घोषणा करेगा। राज्य संगठन ने अध्यक्ष चुनाव को लेकर जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। 70% से अधिक मंडल अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं और 19 में से 18 सांगठनिक जिलों को अपना नया अध्यक्ष मिल गया है। भट्ट ने जानकारी दी कि चुनाव की अधिकृत सूचना प्रदेश के लिए नियुक्त राष्ट्रीय पर्यवेक्षक द्वारा केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा चुकी है। संसद सत्र की व्यस्तता के कारण इसमें थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन जल्द ही चुनाव तिथि पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। रानीखेत जिला अध्यक्ष की नियुक्ति चुनाव के बाद रानीखेत के भाजपा जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के बाद वहां भी नए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में संगठन पर्व के तहत आए नाम उम्र अधिक होने के कारण अस्वीकार किए गए थे। विपक्ष के आरोप निराधार भट्ट ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और बदनाम करने की मंशा से प्रेरित हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद कांग्रेस को किसी अपने करीबी खनन माफिया के नुकसान का दर्द महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि सरकार की सफलता का प्रमाण है, और उस पर प्रश्न उठाना पूरी तरह अनुचित है। भाजपा प्रवक्ता पर कांग्रेस की शिकायत तर्कहीन भट्ट ने भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ कांग्रेस की शिकायत को तथ्यों का जवाब न दे पाने की खीझ करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा संशय में रहते हैं और दोहरी राजनीति करते हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ताओं की बयानबाजी को अपमानजनक और आधारहीन बताते हुए कहा कि जब भाजपा नेता तर्क सहित जवाब देते हैं, तो कांग्रेस बेबुनियाद आरोप लगाने लगती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने खनन से बढ़े राजस्व को सरकार की उपलब्धि बताया और कांग्रेस के आरोपों को अल्प ज्ञान का परिणाम करार दिया। उन्होंने विपक्ष पर राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ प्रदेश को आगे बढ़ा रही है। वहीं, भाजपा अध्यक्ष चुनाव को लेकर भी जल्द ही घोषणा होने की बात कही गई।

खनन में कई गुना राजस्व वृद्धि का मतलब चोरी पर अंकुश, कांग्रेस के आरोप निराधार: महेंद्र भट्ट

देहरादून, 30 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में खनन से जुड़े राजस्व में भारी वृद्धि को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व में वृद्धि का मतलब पारदर्शी नीति और चोरी पर अंकुश लगना है, न कि किसी प्रकार का घोटाला। उन्होंने कांग्रेस के…

Read More
नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए आग लगने के कारणों और कैश मिलने की कड़ी को जोड़ा जा रहा है। जस्टिस वर्मा, उनके घरेलू कर्मचारी, परिवार के सदस्य और दिल्ली फायर सर्विस की टीम इस जांच के दायरे में आ गई है। कैसे हुआ कैश कांड का खुलासा? दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज यशवंत वर्मा के आवास पर 14 मार्च 2025 को अचानक आग लगने की खबर सामने आई थी। इस आगजनी के बाद कैश बरामदगी का मामला उजागर हुआ, जिसने प्रशासन और न्याय व्यवस्था में हलचल मचा दी। जस्टिस वर्मा का कहना है कि आग लगने के वक्त वह घर पर मौजूद नहीं थे और किसी व्यक्तिगत कारण से दिल्ली से बाहर थे। उनके मुताबिक, घर में सिर्फ उनके परिवार के सदस्य और सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। जिस कमरे में आग लगी, वह एक स्टोर रूम था, जहां कथित रूप से बड़ी मात्रा में कैश रखा गया था। इस आग के बाद वहां से जले हुए नोटों के बंडल मिलने की खबर सामने आई, जिसने इस मामले को और पेचीदा बना दिया। फायर ब्रिगेड के बदलते बयान, बढ़ता संदेह दिल्ली फायर ब्रिगेड प्रमुख के बदलते बयानों ने इस रहस्य को और गहरा कर दिया है। आमतौर पर आग लगने के बाद फायर सर्विस द्वारा कारणों की जांच की जाती है, लेकिन इस मामले में फायर टीम पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। आमतौर पर आगजनी की घटनाओं में शॉर्ट सर्किट, बीड़ी-सिगरेट, किसी ज्वलनशील पदार्थ के कारणों का खुलासा होता है, लेकिन जस्टिस वर्मा के घर में हुई आग के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार, जिस कमरे में आग लगी, वहां कोई एयर कंडीशनर, स्विच बोर्ड या हाई वोल्टेज उपकरण नहीं था, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की संभावना कम लगती है। क्या यह महज संयोग था या साजिश? इस मामले में अब कई सवाल खड़े हो गए हैं – आखिर आग अपने आप लगी या किसी ने जानबूझकर लगाई? क्या यह कैश किसी अपराध से जुड़ा हुआ था? दिल्ली फायर सर्विस इस बारे में खुलकर कुछ क्यों नहीं कह रही? सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय कमेटी इस केस की हर एंगल से जांच कर रही है। यह भी पता चला है कि कुछ सुरक्षा कैमरा फुटेज गायब हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि कहीं यह सुनियोजित साजिश तो नहीं थी। पुलिस जांच और हाई-प्रोफाइल कनेक्शन इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने भी अपनी जांच तेज कर दी है। जांच के दायरे में कुछ हाई-प्रोफाइल लोग भी शामिल हो सकते हैं। यह भी पता चला है कि पुलिस अधिकारियों के कुछ मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिससे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुछ बैंकिंग ट्रांजैक्शन और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, कई अधिकारियों और कर्मचारियों से गुप्त रूप से पूछताछ की जा रही है। क्या कहती है सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी? सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम इस बात की जांच कर रही है कि आगजनी और कैश बरामदगी का आपस में कोई संबंध है या नहीं। इसके लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट और फायर डिपार्टमेंट की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अगर यह साबित होता है कि आग लगाई गई थी, तो इसमें कई बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है। इस पूरे प्रकरण पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला ले सकते हैं। नेताओं और कानून विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं इस पूरे मामले पर नेताओं और कानून विशेषज्ञों की भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग इसे न्यायिक भ्रष्टाचार से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह जस्टिस वर्मा के खिलाफ एक राजनीतिक षड्यंत्र हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस मामले की तेजी से जांच करने की मांग की है, वहीं विपक्षी दलों ने इस घटना को गंभीर न्यायिक संकट करार दिया है। कैश कांड जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी रहस्यमयी आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कैश कांड की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन दिल्ली फायर सर्विस की खामोशी और पुलिस की गहन जांच इस केस को और भी पेचीदा बना रही है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगी या लगाई गई? फायर सर्विस की खामोशी ने बढ़ाया संदेह

नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए आग लगने…

Read More
जसपुर, 28 मार्च (समय बोल रहा) उत्तराखंड के जसपुर स्थित ग्राम कालिया वाला में आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता तहसीलदार शुभांगी सिंह ने की। बैठक में मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्यान और कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, जैविक खेती, जल संरक्षण और सरकारी अनुदान योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं। कृषि को उन्नत बनाने के लिए दी गई जानकारी गोष्ठी के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों, उर्वरकों के संतुलित उपयोग, फसल चक्र, जल संरक्षण, और मृदा परीक्षण के महत्व को समझाया। अधिकारियों ने बताया कि सही तकनीकों को अपनाने से उत्पादकता में वृद्धि होती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है। विशेषज्ञों ने मत्स्य पालन और पशुपालन पर भी चर्चा की, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए इन्हें सहायक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं। इसके अलावा, सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ड्रिप इरीगेशन योजना और जैविक खेती मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया गोष्ठी में उपस्थित किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा। कुछ किसानों ने कीट नियंत्रण, मिट्टी की उर्वरता, बाजार में फसलों के उचित मूल्य और ऋण सुविधाओं से जुड़ी समस्याएँ साझा कीं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने उनकी शंकाओं का समाधान किया और सुझाव दिए कि किसान समय-समय पर मृदा परीक्षण कराएँ, फसल विविधीकरण को अपनाएँ और तकनीक-आधारित खेती को बढ़ावा दें। पाँच प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित इस अवसर पर पाँच प्रगतिशील किसानों को उनके कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी नवाचार-आधारित खेती और उन्नत तकनीकों के सफल उपयोग के लिए प्रदान किया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगा और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। गोष्ठी में मौजूद प्रमुख व्यक्ति गोष्ठी में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे: मुख्तार सिंह (आत्मा परियोजना के अध्यक्ष), प्रेम सिंह सहोता (किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष), दर्शन सिंह देवल, शीतल सिंह चौधरी, किशन सिंह, सुरजीत सिंह ढिल्लों, सुरेंद्र सिंह, बिर्मल सिंह, सतपाल सिंह, गुरनाम सिंह, रवि साहनी, निशांत सिंह, महल सिंह, संजीव चौधरी, हरजिंदर सिंह, राजू सहोता। किसानों के लिए फायदेमंद रही गोष्ठी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों ने इसे बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गोष्ठियाँ नई तकनीकों को सीखने, सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने और अपनी खेती को अधिक लाभदायक बनाने में मदद करती हैं। प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभ उठा सकें। सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय को दोगुना करना है। इस किसान गोष्ठी ने न केवल किसानों को तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर खेती की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया।

जसपुर के कलिया वाला में किसान गोष्ठी का आयोजन, उन्नत खेती पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

जसपुर, 28 मार्च (समय बोल रहा) उत्तराखंड के जसपुर स्थित ग्राम कलिया वाला में आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता तहसीलदार शुभांगी सिंह ने की। बैठक में…

Read More
काशीपुर 28 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर में माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेला 30 मार्च से 27 अप्रैल तक आयोजित होगा। इस वार्षिक मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता, चिकित्सा सेवाओं, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेले को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाया जाए। सुरक्षा के कड़े इंतजाम, लगेगा CCTV नेटवर्क काशीपुर में आयोजित माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेले के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए CCTV कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। मेले में 40 होमगार्ड, 70 पीआरडी कर्मी और महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। साथ ही, पुलिस और अग्निशमन विभाग की अस्थायी चौकियां बनाई जाएंगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रशासन ने चिकित्सा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मेले में एम्बुलेंस, डॉक्टरों की टीम और प्राथमिक उपचार केंद्रों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। रैन बसेरों और स्वच्छता का रखा जाएगा ध्यान चैती मेले के दौरान रैन बसेरों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। साफ-सफाई और शौचालयों की उचित व्यवस्था के लिए प्रशासन ने विशेष दल तैनात किए हैं। अग्निशमन और आपातकालीन व्यवस्थाएं होंगी सख्त जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने निर्देश दिए हैं कि दुकानदारों को अपनी दुकानों में अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य होगा ताकि किसी भी प्रकार की आगजनी की घटना को रोका जा सके। सरकारी योजनाओं का होगा प्रचार-प्रसार माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि प्रशासन इसे विभिन्न विकासपरक सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का भी मंच बनाएगा। मेलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे। प्रशासनिक बैठक में लिए गए अहम फैसले मेले की तैयारियों को लेकर हुई प्रशासनिक बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, एसपी काशीपुर अभय सिंह, जिला युवा कल्याण अधिकारी बीएस रावत, जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की और अधिशासी अभियंता आरडब्ल्यूडी अमित भारती सहित कई अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और मेले को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए। श्रद्धालुओं को मिलेगा धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव काशीपुर का चैती मेला उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जहां हजारों श्रद्धालु माँ बाल सुंदरी देवी के दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा, मेले में लोक संस्कृति, हस्तशिल्प, झूले और पारंपरिक व्यंजन भी आकर्षण का केंद्र होते हैं। काशीपुर में 30 मार्च से 27 अप्रैल तक चलने वाले चैती मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि यह मेला

30 मार्च से 27 अप्रैल तक चलेगा चैती मेला, प्रशासन ने की पुख्ता तैयारी

काशीपुर 28 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर में माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेला 30 मार्च से 27 अप्रैल तक आयोजित होगा। इस वार्षिक मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता, चिकित्सा सेवाओं, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को लेकर विशेष इंतजाम…

Read More
उत्तर प्रदेश 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने शराबी पति को धमकी दी कि अगर उसने अपना व्यवहार नहीं बदला, तो वह उसे भी ‘मुस्कान की तरह ड्रम में डाल देगी।’ यह घटना मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके की है और हाल ही में हुए चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड से जुड़ी हुई लगती है। पति को मिली डरावनी धमकी इस घटना में बबलू कुमार नाम के व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी ने उसे न केवल शारीरिक रूप से चोट पहुंचाई बल्कि उसे मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत की तरह ड्रम में बंद करने की धमकी भी दी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सौरभ राजपूत की उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने हत्या कर दी थी और उसके शव को सीमेंट से भरे ड्रम में बंद कर दिया था। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बबलू कुमार शराब का आदी है और इसी वजह से उसके वैवाहिक जीवन में अक्सर तनाव बना रहता था। रविवार रात को जब वह नशे में घर लौटा, तो उसकी पत्नी से उसकी कहासुनी हो गई। इस झगड़े के दौरान पत्नी ने कथित तौर पर बबलू का हाथ काट दिया और अगले दिन उसे ईंट से मारने की धमकी दी। ड्रम में डालने की धमकी से कांप उठा बबलू बबलू ने बताया कि जब उसने इस घटना की शिकायत पुलिस में करने की कोशिश की, तो उसकी पत्नी उससे पहले ही पुलिस स्टेशन पहुंच गई और शिकायत दर्ज नहीं होने दी। सोशल मीडिया पर वायरल एक अनवेरिफाइड वीडियो में बबलू कहता नजर आ रहा है कि 'जब मैं सुबह देर से उठा, तो मेरी पत्नी ने मुझे ईंट से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसने मुझे मारा और फिर कहा कि अगर मैंने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं, तो वह मुझे मुस्कान की तरह ड्रम में डाल देगी।' पुलिस में शिकायत के बाद भी समझौता कंकरखेड़ा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) विनय कुमार ने बताया कि इस घटना के बाद बबलू और उसकी पत्नी पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। लेकिन उन्होंने आपसी समझौता कर लिया और कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई। पुलिस ने भी दोनों को समझाकर घर भेज दिया। मुस्कान हत्याकांड की गूंज अभी बाकी यह मामला हाल ही में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड की वजह से अधिक सुर्खियों में आया। बता दें कि मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर की थी। हत्या के बाद शव को सीमेंट से भरे ड्रम में डाल दिया गया था ताकि कोई सुबूत न मिले। इस घटना के बाद से पूरे राज्य में ड्रम हत्याकांड की चर्चा होने लगी है। इस बीच मेरठ में घटी इस नई घटना ने लोगों में और अधिक सनसनी फैला दी है। पति-पत्नी के रिश्तों में बढ़ती हिंसा विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मेरठ की इस घटना से यह भी साफ हो गया कि अब रिश्तों में गुस्सा और प्रतिशोध इतना बढ़ गया है कि लोग एक-दूसरे को मारने की धमकी तक देने लगे हैं। सोशल मीडिया पर मीम्स और चर्चाएं इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इसे वैवाहिक संबंधों में बढ़ते तनाव का उदाहरण बताया, तो कुछ ने इस पर मजाकिया मीम्स भी शेयर किए। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'अब तो झगड़ों में भी लोग ड्रम की धमकी देने लगे हैं, सच में मुस्कान हत्याकांड का बहुत असर हुआ है!' वहीं, कुछ लोगों ने इसे गंभीर घरेलू हिंसा का मामला बताया और कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया मेरठ पुलिस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यदि कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की जाती है, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। हालांकि, इस मामले में अभी तक किसी भी पक्ष ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। क्या यह चेतावनी का संकेत है? विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना समाज में बढ़ती हिंसा और पारिवारिक विवादों का एक और उदाहरण है। मुस्कान हत्याकांड की तरह इस मामले को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। यदि पति-पत्नी के रिश्तों में ऐसी धमकियां आम होने लगीं, तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। घटना मेरठ की यह घटना दर्शाती है कि वैवाहिक जीवन में तनाव और हिंसा किस हद तक बढ़ सकती है। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन यह घटना समाज में बढ़ते घरेलू विवादों की ओर इशारा करती है। पुलिस को भी ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने की जरूरत है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके

“तेरे टुकड़े कर ड्रम में भर दूंगी, कर दूंगी सौरभ जैसा हाल”: शराबी पति को पत्नी ने दी ‘मुस्कान’ जैसी धमकी!

उत्तर प्रदेश 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने शराबी पति को धमकी दी कि अगर उसने अपना व्यवहार नहीं बदला, तो वह उसे भी ‘मुस्कान की तरह ड्रम में डाल देगी।’ यह घटना मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके…

Read More
दिल्ली, 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से नकद निकासी पर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। क्या है नया नियम? भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, अब किसी भी बैंक के ग्राहक मुफ्त लेन-देन की निर्धारित सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर अतिरिक्त शुल्क चुकाएंगे। नए नियम के तहत: मासिक मुफ्त लेन-देन की सीमा – किसी भी बैंक के ग्राहकों को मेट्रो शहरों में 3 और गैर-मेट्रो शहरों में 5 बार तक मुफ्त निकासी की सुविधा मिलेगी। अतिरिक्त निकासी पर शुल्क – निर्धारित सीमा के बाद प्रति ट्रांजेक्शन ₹23 तक का शुल्क लिया जाएगा। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन – बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट जैसी सेवाओं के लिए भी एक निश्चित संख्या तक मुफ्त सुविधा होगी, इसके बाद चार्ज लिया जाएगा। ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर? इस नए नियम के लागू होने से उन ग्राहकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, जो बार-बार एटीएम से नकद पैसे निकालते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और लोग कैशलेस लेन-देन की ओर प्रेरित होंगे। क्यों लिया गया यह फैसला? आरबीआई ने कहा है कि एटीएम के रखरखाव की बढ़ती लागत और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस फैसले से बैंकों को एटीएम के संचालन में मदद मिलेगी और डिजिटल ट्रांजेक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा। महत्वपूर्ण बातें – जानिए नए नियम की मुख्य बातें मेट्रो शहरों में: 3 मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद ₹23 प्रति निकासी। गैर-मेट्रो शहरों में: 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद ₹23 प्रति निकासी। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन: फ्री लिमिट पार होने पर अतिरिक्त शुल्क। राशि निकालने की सीमा: एक बार में अधिकतम ₹25,000 तक की निकासी संभव। ग्राहकों के लिए सुझाव डिजिटल पेमेंट का अधिक इस्तेमाल करें। मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा को समझकर ही एटीएम से पैसे निकालें। नेट बैंकिंग और UPI जैसी सुविधाओं का लाभ उठाएं। आरबीआई के नए नियम 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे। अतः ग्राहक अपने बैंक की नीतियों को समझकर ही नकद निकासी करें ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। समय बोल रहा से विशेष रिपोर्ट।

एटीएम से पैसे निकालने पर अब लगेगा अतिरिक्त शुल्क – जानिए नए नियम

दिल्ली, 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से नकद निकासी पर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। क्या है…

Read More