काशीपुर में ऐतिहासिक पहल: उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना, चरणजीत सिंह संजोता बने पहले अध्यक्ष

काशीपुर, 21 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मजहबी सिख समुदाय के सशक्तिकरण और एकजुटता की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। काशीपुर में उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की विधिवत स्थापना की गई, जिसके साथ ही संगठन की पहली बैठक में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर, सर्वसम्मति से चरणजीत सिंह संजोता को महासभा का पहला अध्यक्ष चुना गया। यह पहल राज्य भर के मजहबी सिख समुदाय को एक मजबूत मंच प्रदान करेगी, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक हितों की रक्षा की जा सकेगी।
महासभा की नींव: समुदाय की एकता का प्रतीक
उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना एक लंबे समय से महसूस की जा रही आवश्यकता का परिणाम है। मजहबी सिख समुदाय, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में निवास करता है, को अक्सर अपनी विशिष्ट पहचान और जरूरतों को सामने रखने के लिए एक संगठित मंच की कमी महसूस होती थी। आज काशीपुर में इस महासभा की नींव रखे जाने के साथ, समुदाय ने अपनी एकता और सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस स्थापना बैठक के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित की गई थी, जिसके चलते राज्य के कोने-कोने से मजहबी सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में काशीपुर पहुंचे। बैठक में समुदाय के भविष्य और उसके उत्थान को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया।
इस महासभा का प्राथमिक उद्देश्य मजहबी सिख समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ लाना है। यह संगठन समुदाय के भीतर आपसी सहयोग, भाईचारे और समझ को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह एक ऐसे सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा जो समुदाय की आवाज को सरकारी स्तर पर और समाज के अन्य वर्गों के सामने प्रभावी ढंग से रख सके। इस स्थापना से समुदाय को अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों में मूल्यों को स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।
नेतृत्व का चयन: प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, ये हैं मुख्य पदाधिकारी
महासभा की स्थापना के साथ ही, आज की बैठक में संगठन के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां भी की गईं। अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, सभी पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से हुआ, जो समुदाय के भीतर मौजूद एकता को दर्शाता है।
उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा के नव नियुक्त पदाधिकारी इस प्रकार हैं:
- प्रदेश अध्यक्ष: चरनजीत सिंह संजोता
- उपाध्यक्ष: हरनेक सिंह
- कोषाध्यक्ष: जरनैल सिंह
- महासचिव: रिंकू बाबा
- सचिव: लाभ सिंह
इन पदाधिकारियों के चुनाव से समुदाय में उत्साह का माहौल है। यह आशा की जा रही है कि यह सशक्त नेतृत्व महासभा को उसके उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में सफल बनाएगा।
अध्यक्ष चरणजीत सिंह संजोता का संकल्प: “तन, मन, धन से साथ रहूंगा”
अध्यक्ष चुने जाने के बाद, चरणजीत सिंह संजोता ने महासभा के सभी सदस्यों और समुदाय के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके समाज के लोगों ने उन्हें यह अध्यक्ष का दर्जा दिया है, और वह इस पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। संजोता ने अपने संबोधन में मजहबी सिख समुदाय के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ कहा, “मैं मजहबी समाज के सिखों के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। जो भी मजहबी समाज आर्थिक रूप से कमजोर है, मैं उसके साथ तन, मन और धन से खड़ा रहूंगा।” यह कथन उनके नेतृत्व की दिशा और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है। संजोता ने जोर दिया कि महासभा विशेष रूप से समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सहायता के लिए काम करेगी। इसमें सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना, स्वरोजगार के अवसर पैदा करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल होगा। उनका लक्ष्य मजहबी सिख समुदाय को सामाजिक और आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत बनाना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में सशक्त रूप से शामिल हो सकें।
प्रमुख सिख भाई रहे उपस्थित: समुदाय की एकजुटता का प्रदर्शन
इस ऐतिहासिक बैठक में मजहबी सिख समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति और भाई उपस्थित थे, जिन्होंने इस नई पहल का समर्थन किया। उपस्थित लोगों में रणजीत सिंह, गुरमीत सिंह, लाभ सिंह, कर्म सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, रेशम सिंह, गुरभजन सिंह, और सुखविंदर सिंह जैसे कई प्रमुख सिख भाई शामिल थे। विभिन्न क्षेत्रों से आए इन प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने महासभा की व्यापक पहुंच और समुदाय के भीतर इसकी स्वीकार्यता को दर्शाया। सभी ने मिलकर इस नए संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
महासभा के प्रमुख उद्देश्य: आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ
उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मजहबी सिख समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समुदाय के लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए। महासभा इन योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने, पात्र व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इसके अतिरिक्त, महासभा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करने के तरीके भी तलाशेगी। इसमें छोटे व्यवसायों के लिए सहयोग, शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य आपात स्थितियों में मदद, और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाना शामिल हो सकता है। महासभा सामाजिक एकजुटता बढ़ाने के लिए विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित करेगी, जिससे आपसी भाईचारा मजबूत हो और समुदाय के भीतर एक सकारात्मक वातावरण बने।
आज की यह बैठक केवल एक औपचारिक शुरुआत नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के मजहबी सिख समुदाय के लिए एक नए युग की शुरुआत है। चरणजीत सिंह संजोता के सक्षम नेतृत्व में, और अन्य पदाधिकारियों व समुदाय के सहयोग से, यह महासभा आने वाले समय में समुदाय के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए एक मजबूत और प्रभावी आवाज बनने की उम्मीद है।