देहरादून 17 मई 2025 (समय बोल रहा) : उत्तराखंड सरकार ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने और उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया है। इस नई पहल के तहत, राज्य की महिलाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए परियोजना लागत का 75 प्रतिशत तक या अधिकतम डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता (सब्सिडी) प्रदान की जाएगी। इस महत्वपूर्ण योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ रुपये का पर्याप्त बजट आवंटित किया है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के पहले वर्ष में ही कम से कम दो हजार महिलाओं को इस लाभकारी पहल का सीधा लाभ पहुंचाया जा सके। राज्य सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इस योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम उत्तराखंड की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें समाज में एक सम्मानित और मजबूत स्थान दिलाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं में अद्वितीय प्रतिभा और असीम क्षमता मौजूद है, और इस योजना के माध्यम से उन्हें अपने सपनों को साकार करने तथा स्वरोजगार के नए अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। सरकार का दृढ़ विश्वास है कि जब राज्य की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो न केवल उनके परिवारों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान सुनिश्चित होगा, बल्कि इससे राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था को भी एक नई गति और मजबूती मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत, उत्तराखंड की इच्छुक महिलाएं विभिन्न प्रकार के व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। इन व्यवसायों में मुख्य रूप से हस्तशिल्प कला से जुड़े उद्यम, आकर्षक बुटीक, खाद्य प्रसंस्करण की छोटी इकाइयाँ, सिलाई और कढ़ाई केंद्र, छोटे स्तर पर वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाइयाँ, कृषि क्षेत्र पर आधारित व्यवसाय और अन्य विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने वाले उद्यम शामिल हो सकते हैं। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए, प्रत्येक महिला आवेदक को अपने प्रस्तावित व्यवसाय की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट में व्यवसाय की पूरी योजना, उसमें आने वाली अनुमानित लागत और उससे प्राप्त होने वाले संभावित लाभों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए एक सरल, सुगम और पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। इच्छुक महिलाओं को योजना के लिए आवेदन करने और इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए जल्द ही एक आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल और एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिला स्तर पर भी संबंधित सरकारी विभाग महिलाओं को आवेदन प्रक्रिया को समझने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में हर संभव सहायता प्रदान करेंगे, ताकि कोई भी पात्र महिला इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। सरकार ने इस योजना के पहले वर्ष में ही राज्य की कम से कम दो हजार महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार का मानना है कि यह प्रारंभिक चरण राज्य की महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। योजना की सफलता और महिलाओं से मिलने वाली सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर, भविष्य में इस योजना का दायरा और अधिक विस्तृत किया जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें। राज्य सरकार ने इस दूरदर्शी योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ रुपये का पर्याप्त बजट आवंटित किया है। यह वित्तीय प्रावधान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है। आवंटित की गई यह धनराशि मुख्य रूप से पात्र महिलाओं को सब्सिडी के वितरण, उन्हें व्यवसाय से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर खर्च की जाएगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस योजना के माध्यम से न केवल महिलाओं को वित्तीय सहायता मिले, बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक कौशल और उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त हो सके। उत्तराखंड के विभिन्न महिला संगठनों और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार की इस पहल का दिल खोलकर स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह योजना उत्तराखंड की महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए एक सुनहरा और ऐतिहासिक अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस योजना के प्रभावी और निष्पक्ष कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का पुरजोर आग्रह किया है, ताकि इसका वास्तविक लाभ सही मायने में जरूरतमंद और उद्यमी बनने की प्रबल इच्छा रखने वाली महिलाओं तक पहुंच सके। यह योजना उत्तराखंड सरकार की राज्य की महिलाओं के समग्र कल्याण और उनके सतत विकास के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस महत्वपूर्ण पहल से राज्य में महिला उद्यमिता को एक नई ऊर्जा और प्रोत्साहन मिलेगा, और महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र होंगी, बल्कि वे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। राज्य सरकार का यह सराहनी

उत्तराखंड की महिलाओं के लिए सुनहरा अवसर: व्यवसाय शुरू करने पर 75% सब्सिडी

देहरादून 17 मई 2025 (समय बोल रहा) : उत्तराखंड सरकार ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने और उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया है। इस नई पहल के तहत, राज्य की महिलाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के…

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काशीपुर में तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा का आयोजन, ऑपरेशन सिंदूर की विजय को समर्पित

काशीपुर, 16 मई 2025(समय बोल रहा ): वीरता, राष्ट्रभक्ति और एकता का अद्वितीय संगम शुक्रवार को काशीपुर की धरती पर देखने को मिला, जब ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’ का भव्य आयोजन किया गया। यह यात्रा भारतीय सेना के हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में आतंकवाद के खिलाफ प्राप्त अभूतपूर्व सफलता और देश की रक्षा…

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विगत दिवस ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है। चार युवकों ने एक घर में जबरन घुसकर वहां अकेली मौजूद महिला के साथ हथियारों के बल पर छेड़छाड़ की और उसे जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने इस संबंध में आरोपियों के विरुद्ध स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई रपट के अनुसार, यह घटना 12 मई की रात्रि को घटित हुई। पीड़िता ने बताया कि उसके छोटे भाई सूरज मंडल के चार साले – आकाश सरकार पुत्र खोखन सरकार, विवेक विश्वास पुत्र राजेन्द्र विश्वास, सहदेव सरकार पुत्र नामालूम और जगदीश पाल – शराब के नशे में उसके कमरे में जबरन घुस आए। पीड़िता उस समय घर में अकेली थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। रपट में पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपियों के पास चाकू, छुरी और बंदूक जैसे हथियार थे, जिनके बल पर उन्होंने उसे डराया और धमकाया। आरोप है कि उक्त युवकों ने पीड़िता के साथ गाली-गलौज भी की और कहा कि उसके भाई ने उनकी बहन को बहुत परेशान किया है, जिसकी सजा अब उसे भुगतनी पड़ेगी। इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ गलत हरकतें शुरू कर दीं। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि कमरे में अकेला होने के कारण वह बुरी तरह से डर गई थी। जब उसने आरोपियों से कहा कि वह उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत करेगी, तो आकाश सरकार नामक आरोपी ने उसे धमकी देते हुए कहा कि वे उसके साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे और उसकी अश्लील फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़िता, उसके पुत्र और पूरे परिवार को जान से मार देने की भी धमकी दी। इस गंभीर घटना के बाद पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए स्थानीय पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने पीड़िता की रपट पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प के निवासियों को गहरा सदमा पहुंचाया है। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि दिनदहाड़े इस प्रकार की घिनौनी हरकत को अंजाम दिया गया और पीड़िता को अकेली पाकर उसे प्रताड़ित किया गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से गंभीर सवाल खड़े करती है। घर में अकेली महिला की सुरक्षा और इस प्रकार के आपराधिक तत्वों पर लगाम लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पुलिस प्रशासन पर भी इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करने का दबाव है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और अपराधियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़े। फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है। यह घटना न केवल एक महिला के साथ हुई बर्बरता की कहानी है, बल्कि यह समाज के उस स्याह पहलू को भी उजागर करती है जहां अपराधी कानून का भय भूलकर ऐसी घिनौनी हरकतों को अंजाम देते हैं।

ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में सनसनी: महिला से घर में घुसकर छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी

ठाकुर नगर 15 मई 2025 (समय बोल रहा) विगत दिवस ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है। चार युवकों ने एक घर में जबरन घुसकर वहां अकेली मौजूद महिला के साथ हथियारों के बल पर छेड़छाड़ की और उसे जान से मारने की…

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत देहरादून, 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव आया है। पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने और जुलाई में प्रस्तावित चुनावों में देरी के कारण, राज्य सरकार ने पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। अब जिला पंचायतों की कमान जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट संभालेंगे, क्षेत्र पंचायतों का जिम्मा उपजिलाधिकारी देखेंगे, और ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) प्रशासक होंगे। यह निर्णय तब लिया गया है जब वर्ष 2019 में गठित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और नए चुनाव अभी संभव नहीं हो सके हैं। इस बदलाव का सीधा असर प्रदेश की लाखों ग्रामीण जनता पर पड़ेगा। कार्यकाल समाप्ति और चुनाव में देरी: क्यों पड़ी प्रशासकों की जरूरत? उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130 (6) के तहत, वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, शासन ने पूर्व में अधिसूचना संख्या-256316/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 26.11.2024 और अन्य संबंधित अधिसूचनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित जिलाधिकारियों को दिया था। ये प्रशासक कार्यकाल समाप्ति की तिथि से छह महीने तक या नई पंचायतों के गठन तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किए गए थे। हालांकि, इन नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल भी अब समाप्त हो चुका है। ग्राम पंचायतों में 27 मई 2025 को, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई 2025 को, और जिला पंचायतों में 01 जून 2025 को कार्यकाल समाप्त हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि "अति अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण" त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन, प्रशासकों के कार्यकाल समाप्ति की तिथि से पूर्व कराया जाना साध्य नहीं हो सका है। इसी अप्रत्याशित देरी के कारण, अब नई अंतरिम व्यवस्था लागू की गई है। नई प्रशासकीय व्यवस्था: कौन संभालेगा किसकी कमान? वर्तमान की "अपरिहार्य परिस्थिति" को देखते हुए, प्रदेश में जुलाई 2025 में प्रस्तावित आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (हरिद्वार को छोड़कर) प्रक्रिया संपन्न होने तक या नवीन पंचायतों के गठन तक, अथवा 31 जुलाई 2025 (जो भी पहले हो) तक, कार्यहित, जनहित और पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नए अधिकारियों को प्रशासक के रूप में अधिकृत किया गया है। यह निर्णय प्रमोद कुमार बिजलवान, समीक्षा अधिकारी, पंचायती राज विभाग द्वारा 09/06/2025 को जारी अधिसूचना (संख्या: 305002 जैनराज बिंदु-1 /XII(1)/2025/86(15)/2013/ई-68985) में विस्तृत रूप से बताया गया है। नई व्यवस्था के तहत, निम्नवत् अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है: जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को जिला पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह दिखाता है कि जिला स्तर पर शासन ने सबसे उच्च अधिकारी पर भरोसा जताया है ताकि विकास कार्य और प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपनी क्षेत्राधिकारिता में) क्षेत्र पंचायतों का कार्यभार संभालेंगे। उपजिलाधिकारी की नियुक्ति से ब्लॉक स्तर पर प्रभावी निगरानी और निर्णय लेने की क्षमता बनी रहेगी। ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह पद ग्रामीण स्तर पर सीधे जनता से जुड़ा होता है और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने और नई निर्वाचित पंचायतों के गठन तक ग्रामीण विकास कार्य और जन सेवाएं बाधित न हों। पुरानी शर्तों का यथावत् रहना और आगे की राह अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी प्रस्तर-1 में उल्लिखित पूर्व निर्गत अधिसूचनाओं में निहित शेष शर्ते यथावत रहेंगी। इसका अर्थ है कि प्रशासकों के अधिकार और जिम्मेदारियां पूर्व में निर्धारित नियमों के अनुरूप ही होंगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के सुचारू संचालन की आवश्यकता है। हरिद्वार जिले को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, संभवतः वहां की चुनावी या प्रशासनिक स्थिति अलग होने के कारण। अब सभी की निगाहें जुलाई 2025 में होने वाले प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर टिकी हैं, जो नई निर्वाचित पंचायतों को सत्ता में लाएंगे और ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से स्थापित करेंगे। इस बीच, नए प्रशासक जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और विकास कार्यों को गति देने की चुनौती का सामना करेंगे।

पंचायत चुनाव पर लटकी तलवार: राजभवन की हरी झंडी का इंतजार, मई अंत तक आ सकती है चुनाव अधिसूचना

देहरादून, 14 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल बरकरार है। राज्य सरकार फिलहाल चुनाव कराने को लेकर असमंजस की स्थिति में फंसी हुई है, क्योंकि एक तरफ पंचायतीराज एक्ट में अपेक्षित संशोधन अभी तक नहीं हो पाया है, तो दूसरी तरफ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण…

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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सख्त आदेश के बाद पंतनगर पुलिस ने काशीपुर के पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद, उत्तराखंड पुलिस में निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पीड़िता वैजयंती चंद की शिकायत पर हुई है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने पति और सास पर गंभीर आरोप लगाए थे। वैजयंती चंद, जो कि विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी, नैनीताल रोड, रुद्रपुर की निवासी हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका विवाह 18 फरवरी 2019 को मथुरा में आशुतोष कुमार सिंह के साथ हुआ था। आशुतोष कुमार सिंह, जो कि हनुमान गली, रुड़की, जिला हरिद्वार के रहने वाले बिशन लाल के पुत्र हैं, ने शादी के समय वैजयंती को अपनी पहली पत्नी से तलाक होने की जानकारी दी थी। हालांकि, वैजयंती का आरोप है कि आशुतोष ने अपनी दूसरी पत्नी पूनम रानी, निवासी मुजफ्फरनगर, से अपने विवाह और उससे तलाक न होने की बात को छुपाकर उन्हें धोखे में रखा और उनसे शादी कर ली। दो बेटियों के जन्म के बाद उत्पीड़न बढ़ा, दहेज की मांग वैजयंती ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों की हर संभव सेवा की और 8 सितंबर 2019 को उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद उनकी सास शकुंतला देवी उन्हें पुत्र पैदा न करने के लिए ताने देने लगीं। इस बीच, उनके पति का तबादला रुद्रपुर से भवाली (नैनीताल) हो गया, जिसके बाद उनके सास-ससुर भी रुड़की से ओमेक्स में आने-जाने लगे। 6 सितंबर 2021 को वैजयंती ने दूसरी बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद उनकी सास का व्यवहार और भी अभद्र और अपमानजनक हो गया। वैजयंती का आरोप है कि उनकी सास उन्हें लगातार कोसती थीं, गाली-गलौज करती थीं और पुत्र न पैदा करने का ताना देती थीं। वह अक्सर कहती थीं कि उनका बेटा तो पुलिस में इंस्पेक्टर है और उन्होंने गलती से उनसे शादी कर ली। सास यह भी कहती थीं कि अगर उनके बेटे की शादी उत्तर प्रदेश में हुई होती तो उन्हें दहेज में 50 लाख रुपये मिलते। वैजयंती ने बताया कि जब उनके पति का तबादला वापस रुद्रपुर हो गया, तो उनके पति और सास दोनों मिलकर उन्हें बात-बात पर कोसने लगे और रोजाना मारपीट कर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करने लगे। दूसरी बेटी के जन्म के बाद उनके पति का व्यवहार भी बदल गया और वह अक्सर कहते थे कि बेटा होता तो ठीक था, फिर से बेटी पैदा हो गई। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने शादी के बाद से ही कई बार उनसे अपने पिता से कहकर उनके नाम एक प्लॉट करवाने की मांग की थी। देहरादून में अकेला छोड़ा, दूसरी शादी का खुलासा इसी बीच, उनके पति का तबादला आईटीआई, काशीपुर हो गया। उस समय उनकी छोटी बेटी केवल चार महीने की थी, जब उनके पति ने उनसे कहा कि उन्होंने देहरादून में एक फ्लैट लिया है और उन्हें वहां जाकर रहना चाहिए, जबकि वह अवकाश लेकर उनसे मिलने आते रहेंगे। हालांकि, देहरादून जाने के बाद उनके पति कभी भी उनसे मिलने नहीं आए और वह किसी अन्य महिला से बातचीत करने लगे। जब वैजयंती ने उनके पति का नंबर ढूंढकर उस महिला से बात की और उसे बताया कि वह उनका घर बर्बाद कर रही है, तो उस महिला ने बताया कि वह खुद परेशान है क्योंकि उनके पति (आशुतोष) उन्हें तलाक देने की धमकी दे रहे हैं और उनका व्यवहार भी उनके प्रति बदल गया है। वैजयंती ने बताया कि जब यह बात उनके पति को पता चली तो उन्होंने उनके साथ लड़ाई-झगड़ा और मारपीट की और घर का खर्चा देना बंद कर दिया। वह अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपना और अपनी बेटियों का भरण-पोषण करती रहीं। करवा चौथ के दिन, वर्ष 2022 में, वह बिना पति को बताए अपनी बेटियों को लेकर आईटीआई काशीपुर आ गईं। उनके पति ने उन्हें और बच्चों को गौतमी होटल में ठहराया, लेकिन शाम को होटल के कमरे में आकर उनसे लड़ाई-झगड़ा करने लगे, कमरे का सारा सामान गिरा दिया और खाना भी फेंक दिया। इसी दौरान वैजयंती को पता चला कि उनके पति ने पूनम रानी नाम की महिला से दूसरी शादी की है, जिससे उनकी एक बेटी भी है। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने उस पत्नी और बच्चे को भी छोड़ दिया है और बिना उससे तलाक लिए उनके साथ तीसरी शादी की है, और अब वह चौथी शादी करने की तलाश में हैं। जब वैजयंती ने अपने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो वह उन्हें छोड़ देंगे क्योंकि उन्होंने उन्हें बेटा पैदा करके नहीं दिया और दो-दो बेटियां पैदा कर दी हैं, जबकि उन्हें और उनकी मां को बेटा चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह बेटा पैदा नहीं कर पाएंगी, इसलिए वह चौथी शादी करेंगे। जंगल में जान से मारने की धमकी वैजयंती ने एक और भयावह घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मार्च 2023 में उनके पति अचानक देहरादून आ गए और उनसे कहा कि बेटियों की छुट्टियां हैं तो उनके साथ आईटीआई रहने चलें। वहां उनके पति दिनभर कमरे में सोते रहे और रात 8 बजे वह उन्हें लेकर रुद्रपुर के लिए रवाना हुए। हरिद्वार से आते समय बीच जंगल में उनके पति ने गाड़ी रोक दी और पीछे मुड़कर उन्हें थप्पड़ मारा और कहा कि उन्होंने उन्हें और दूसरी स्त्री को पूरे स्टाफ में बदनाम कर दिया है। इतने में ही उनके पति ने रिवाल्वर निकालकर उनके ऊपर तान दी और कहा कि वह उन्हें मारकर यहीं जंगल में फेंक देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा। अचानक उनकी बड़ी बेटी नींद से जाग गई और रोने लगी, तब जाकर उनके पति ने रिवाल्वर वापस रखी और तेजी से गाड़ी चलाकर वह लोग रात करीब 3 बजे आईटीआई पहुंचे। शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न जारी वैजयंती ने बताया कि इसी बीच उनके पति ने विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी में खरीद लिया, जिसके गृह प्रवेश के दिन उनके पति ने उन्हें उनके मायके से फोन कर बुलाया। वह वहां आईं और उस विला के एक मंजिल में अपनी बेटियों के साथ रहने लगीं, जबकि दूसरी मंजिल पर उनके सास-ससुर रहने लगे। उनके पति अपनी पोस्टिंग पर रहने लगे, जबकि उनकी सास लगातार उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करती रहीं, गाली-गलौज करतीं और अमानवीय व्यवहार करती थीं। उनके पति ने घर खर्च देना पूरी तरह से बंद कर दिया। वैजयंती ने बताया कि इस बीच उनकी छोटी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन उनके पति और सास उसे देखने तक नहीं आए। उन्होंने अस्पताल में अकेले रहकर अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपनी बेटी का इलाज कराया। इसके बाद उनकी बड़ी बेटी की आंखों में परेशानी होने लगी। जब उन्होंने अपने पति को फोन किया तो उन्होंने उनका फोन ब्लैक लिस्ट में डाल दिया और कह दिया कि उन्हें उनसे और उनकी बेटियों से कोई लेना-देना नहीं है और कहा कि वह उन्हें तलाक दे दें और यह घर छोड़कर चली जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक 2 बीएचके का फ्लैट और बेटियों के लिए 10-10 लाख रुपये मिल जाएंगे। वैजयंती का कहना है कि इसके बाद से उनके पति और सास द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कभी उनके कमरे की लाइट बंद कर देते हैं, तो कभी पानी बंद कर देते हैं। पति कमरे में आकर गीजर खराब करके चले जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की गहन जांच कराकर उन्हें और उनकी बेटियों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर पंतनगर थाना पुलिस ने इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज एक्ट की धारा 3, 4 तथा आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 498ए (दहेज के लिए उत्पीड़न), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई गणेश दत्त भट्ट को सौंप दी है।

मुख्यमंत्री के आदेश पर पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद इंस्पेक्टर पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज

पंतनगर  13 मई 2025 (समय बोल रहा) मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सख्त आदेश के बाद पंतनगर पुलिस ने काशीपुर के पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद, उत्तराखंड पुलिस में निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पीड़िता वैजयंती चंद की शिकायत…

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काशीपुर 12 मई 2025 (समय बोल रहा ) काशीपुर क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक पर एक व्यक्ति ने उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है और युवती की तलाश तेज कर दी है। पुलिस की टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं और युवक को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया कि वह ट्रक चालक का काम करता है और उसकी नाबालिग पुत्री उसके साथ ही रहती है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि पड़ोस में रहने वाला अंकित कश्यप, जो कि दीपक कश्यप उर्फ सईंया का पुत्र है, का उसके घर पर अक्सर आना-जाना लगा रहता था। पीड़ित पिता ने बताया कि 9 मई 2025 को जब वह काम पर गया हुआ था, तब उसकी पुत्री घर पर अकेली थी। इसी दौरान अंकित कश्यप उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। पीड़ित पिता ने अपनी तहरीर में आगे बताया कि उन्हें बाद में सूचना मिली कि अंकित उनकी पुत्री को रामनगर लेकर गया है। सूचना मिलते ही वह और उनके कुछ परिजन तुरंत रामनगर के लिए रवाना हुए। हालांकि, जब वे रामनगर पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि अंकित वहां से भी उनकी पुत्री को अपने साथ लेकर फरार हो गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया कि कुछ लोगों ने उनकी पुत्री और अंकित को आखिरी बार रामनगर बैराज पर एक साथ देखा था। इस गंभीर मामले की सूचना मिलते ही काशीपुर पुलिस हरकत में आ गई। तत्काल प्रभाव से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) के तहत अंकित कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है, जिसे युवती की सकुशल बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया है। एसआईटी की टीमें विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही हैं। पुलिस अंकित कश्यप के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। उसके दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों से पूछताछ की जा रही है ताकि उसके और युवती के वर्तमान ठिकाने के बारे में कोई जानकारी मिल सके। पुलिस तकनीकी सर्विलांस का भी इस्तेमाल कर रही है ताकि आरोपी के मोबाइल फोन लोकेशन और अन्य डिजिटल फुटप्रिंट्स का पता लगाया जा सके। पुलिस ने आम जनता से भी इस मामले में सहयोग की अपील की है। यदि किसी व्यक्ति को अंकित कश्यप या युवती के बारे में कोई भी जानकारी मिलती है, तो वह तुरंत काशीपुर पुलिस को सूचित करे। पुलिस ने सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम और पता गोपनीय रखने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने काशीपुर क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। एक नाबालिग लड़की का इस तरह से बहला-फुसलाकर ले जाना न केवल उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए चिंता का विषय है। लोग युवती की सुरक्षा और जल्द बरामदगी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। पुलिस इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है और युवती की सकुशल बरामदगी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एसपी ने कहा है कि पुलिस की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही युवती को बरामद कर लिया जाएगा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ाती है। माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और उन्हें अनजान लोगों से घुलने-मिलने से बचाने की

युवती को बहला-फुसलाकर ले गया युवक, पुलिस ने दर्ज किया अपहरण का मामला

काशीपुर 12 मई 2025 (समय बोल रहा ) काशीपुर क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक पर एक व्यक्ति ने उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है और युवती की…

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नैनीताल 10 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: 'जीरो टॉलरेंस' नीति का दिखा असर नैनीताल में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 'जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन' नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) की टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और एकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी शुक्रवार को उस समय हुई, जब दोनों अधिकारी एक कर्मचारी की वार्षिक वेतन वृद्धि (एसीपी) के लिए हस्ताक्षर करने के एवज में गैरकानूनी रूप से धन की मांग कर रहे थे। इस घटना ने राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को एक बार फिर से मजबूती से स्थापित किया है। नैनीताल में भ्रष्टाचार: एसीपी के एवज में रिश्वत की मांग नैनीताल न्यायालय में कार्यरत एक कर्मचारी ने सतर्कता विभाग में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी और उनके पांच अन्य सहयोगियों की एसीपी (वार्षिक वेतन वृद्धि) लंबित है। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसमें से दो सदस्यों ने पहले ही अपने हस्ताक्षर कर दिए थे। हालांकि, मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा अनावश्यक रूप

नैनीताल में भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का करारा प्रहार: मुख्य कोषाधिकारी और एकाउंटेंट रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

नैनीताल 10 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का दिखा असर नैनीताल में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ‘जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन’ नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) की टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश…

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काशीपुर में महाराणा प्रताप चौक के फ्लाईओवर के नीचे अस्थायी पार्किंग का होगा निर्माण

काशीपुर ,10 मई 2025, (समय बोल रहा) शहर की यातायात समस्याओं के समाधान की ओर प्रशासन का बड़ा कदम काशीपुर शहर में बढ़ती यातायात समस्याओं और व्यापारियों की लगातार शिकायतों को देखते हुए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महाराणा प्रताप चौक स्थित फ्लाईओवर के नीचे अस्थायी पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। यह पार्किंग…

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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सख्त आदेश के बाद पंतनगर पुलिस ने काशीपुर के पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद, उत्तराखंड पुलिस में निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पीड़िता वैजयंती चंद की शिकायत पर हुई है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने पति और सास पर गंभीर आरोप लगाए थे। वैजयंती चंद, जो कि विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी, नैनीताल रोड, रुद्रपुर की निवासी हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका विवाह 18 फरवरी 2019 को मथुरा में आशुतोष कुमार सिंह के साथ हुआ था। आशुतोष कुमार सिंह, जो कि हनुमान गली, रुड़की, जिला हरिद्वार के रहने वाले बिशन लाल के पुत्र हैं, ने शादी के समय वैजयंती को अपनी पहली पत्नी से तलाक होने की जानकारी दी थी। हालांकि, वैजयंती का आरोप है कि आशुतोष ने अपनी दूसरी पत्नी पूनम रानी, निवासी मुजफ्फरनगर, से अपने विवाह और उससे तलाक न होने की बात को छुपाकर उन्हें धोखे में रखा और उनसे शादी कर ली। दो बेटियों के जन्म के बाद उत्पीड़न बढ़ा, दहेज की मांग वैजयंती ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों की हर संभव सेवा की और 8 सितंबर 2019 को उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद उनकी सास शकुंतला देवी उन्हें पुत्र पैदा न करने के लिए ताने देने लगीं। इस बीच, उनके पति का तबादला रुद्रपुर से भवाली (नैनीताल) हो गया, जिसके बाद उनके सास-ससुर भी रुड़की से ओमेक्स में आने-जाने लगे। 6 सितंबर 2021 को वैजयंती ने दूसरी बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद उनकी सास का व्यवहार और भी अभद्र और अपमानजनक हो गया। वैजयंती का आरोप है कि उनकी सास उन्हें लगातार कोसती थीं, गाली-गलौज करती थीं और पुत्र न पैदा करने का ताना देती थीं। वह अक्सर कहती थीं कि उनका बेटा तो पुलिस में इंस्पेक्टर है और उन्होंने गलती से उनसे शादी कर ली। सास यह भी कहती थीं कि अगर उनके बेटे की शादी उत्तर प्रदेश में हुई होती तो उन्हें दहेज में 50 लाख रुपये मिलते। वैजयंती ने बताया कि जब उनके पति का तबादला वापस रुद्रपुर हो गया, तो उनके पति और सास दोनों मिलकर उन्हें बात-बात पर कोसने लगे और रोजाना मारपीट कर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करने लगे। दूसरी बेटी के जन्म के बाद उनके पति का व्यवहार भी बदल गया और वह अक्सर कहते थे कि बेटा होता तो ठीक था, फिर से बेटी पैदा हो गई। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने शादी के बाद से ही कई बार उनसे अपने पिता से कहकर उनके नाम एक प्लॉट करवाने की मांग की थी। देहरादून में अकेला छोड़ा, दूसरी शादी का खुलासा इसी बीच, उनके पति का तबादला आईटीआई, काशीपुर हो गया। उस समय उनकी छोटी बेटी केवल चार महीने की थी, जब उनके पति ने उनसे कहा कि उन्होंने देहरादून में एक फ्लैट लिया है और उन्हें वहां जाकर रहना चाहिए, जबकि वह अवकाश लेकर उनसे मिलने आते रहेंगे। हालांकि, देहरादून जाने के बाद उनके पति कभी भी उनसे मिलने नहीं आए और वह किसी अन्य महिला से बातचीत करने लगे। जब वैजयंती ने उनके पति का नंबर ढूंढकर उस महिला से बात की और उसे बताया कि वह उनका घर बर्बाद कर रही है, तो उस महिला ने बताया कि वह खुद परेशान है क्योंकि उनके पति (आशुतोष) उन्हें तलाक देने की धमकी दे रहे हैं और उनका व्यवहार भी उनके प्रति बदल गया है। वैजयंती ने बताया कि जब यह बात उनके पति को पता चली तो उन्होंने उनके साथ लड़ाई-झगड़ा और मारपीट की और घर का खर्चा देना बंद कर दिया। वह अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपना और अपनी बेटियों का भरण-पोषण करती रहीं। करवा चौथ के दिन, वर्ष 2022 में, वह बिना पति को बताए अपनी बेटियों को लेकर आईटीआई काशीपुर आ गईं। उनके पति ने उन्हें और बच्चों को गौतमी होटल में ठहराया, लेकिन शाम को होटल के कमरे में आकर उनसे लड़ाई-झगड़ा करने लगे, कमरे का सारा सामान गिरा दिया और खाना भी फेंक दिया। इसी दौरान वैजयंती को पता चला कि उनके पति ने पूनम रानी नाम की महिला से दूसरी शादी की है, जिससे उनकी एक बेटी भी है। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने उस पत्नी और बच्चे को भी छोड़ दिया है और बिना उससे तलाक लिए उनके साथ तीसरी शादी की है, और अब वह चौथी शादी करने की तलाश में हैं। जब वैजयंती ने अपने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो वह उन्हें छोड़ देंगे क्योंकि उन्होंने उन्हें बेटा पैदा करके नहीं दिया और दो-दो बेटियां पैदा कर दी हैं, जबकि उन्हें और उनकी मां को बेटा चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह बेटा पैदा नहीं कर पाएंगी, इसलिए वह चौथी शादी करेंगे। जंगल में जान से मारने की धमकी वैजयंती ने एक और भयावह घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मार्च 2023 में उनके पति अचानक देहरादून आ गए और उनसे कहा कि बेटियों की छुट्टियां हैं तो उनके साथ आईटीआई रहने चलें। वहां उनके पति दिनभर कमरे में सोते रहे और रात 8 बजे वह उन्हें लेकर रुद्रपुर के लिए रवाना हुए। हरिद्वार से आते समय बीच जंगल में उनके पति ने गाड़ी रोक दी और पीछे मुड़कर उन्हें थप्पड़ मारा और कहा कि उन्होंने उन्हें और दूसरी स्त्री को पूरे स्टाफ में बदनाम कर दिया है। इतने में ही उनके पति ने रिवाल्वर निकालकर उनके ऊपर तान दी और कहा कि वह उन्हें मारकर यहीं जंगल में फेंक देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा। अचानक उनकी बड़ी बेटी नींद से जाग गई और रोने लगी, तब जाकर उनके पति ने रिवाल्वर वापस रखी और तेजी से गाड़ी चलाकर वह लोग रात करीब 3 बजे आईटीआई पहुंचे। शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न जारी वैजयंती ने बताया कि इसी बीच उनके पति ने विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी में खरीद लिया, जिसके गृह प्रवेश के दिन उनके पति ने उन्हें उनके मायके से फोन कर बुलाया। वह वहां आईं और उस विला के एक मंजिल में अपनी बेटियों के साथ रहने लगीं, जबकि दूसरी मंजिल पर उनके सास-ससुर रहने लगे। उनके पति अपनी पोस्टिंग पर रहने लगे, जबकि उनकी सास लगातार उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करती रहीं, गाली-गलौज करतीं और अमानवीय व्यवहार करती थीं। उनके पति ने घर खर्च देना पूरी तरह से बंद कर दिया। वैजयंती ने बताया कि इस बीच उनकी छोटी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन उनके पति और सास उसे देखने तक नहीं आए। उन्होंने अस्पताल में अकेले रहकर अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपनी बेटी का इलाज कराया। इसके बाद उनकी बड़ी बेटी की आंखों में परेशानी होने लगी। जब उन्होंने अपने पति को फोन किया तो उन्होंने उनका फोन ब्लैक लिस्ट में डाल दिया और कह दिया कि उन्हें उनसे और उनकी बेटियों से कोई लेना-देना नहीं है और कहा कि वह उन्हें तलाक दे दें और यह घर छोड़कर चली जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक 2 बीएचके का फ्लैट और बेटियों के लिए 10-10 लाख रुपये मिल जाएंगे। वैजयंती का कहना है कि इसके बाद से उनके पति और सास द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कभी उनके कमरे की लाइट बंद कर देते हैं, तो कभी पानी बंद कर देते हैं। पति कमरे में आकर गीजर खराब करके चले जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की गहन जांच कराकर उन्हें और उनकी बेटियों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर पंतनगर थाना पुलिस ने इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज एक्ट की धारा 3, 4 तथा आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 498ए (दहेज के लिए उत्पीड़न), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई गणेश दत्त भट्ट को सौंप दी है।

काशीपुर में अवैध रूप से रह रही पाकिस्तानी महिला का पर्दाफाश, पति फारुख हुसैन पर मुकदमा दर्ज

काशीपुर 09 मई 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड के काशीपुर क्षेत्र में एक पाकिस्तानी महिला के अवैध रूप से निवास करने का मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मामले में एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार की तहरीर पर महिला के पति फारुख हुसैन के खिलाफ विदेशियों विषयक…

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काशीपुर 07 मई 2025 (समय बोल रहा ) देशभर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे “वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” के अंतर्गत आज काशीपुर-जसपुर मार्ग स्थित पवार रिसोर्ट में एक भव्य जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं पार्टी के कई शीर्ष नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए अजय भट्ट इस विशेष कार्यक्रम में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री माननीय अजय भट्ट जी ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में वक़्फ बोर्डों के प्रबंधन में व्याप्त अनियमितताओं, पारदर्शिता की कमी और संपत्तियों के दुरुपयोग की समस्याओं को रेखांकित किया। राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने भी किया संबोधित कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि वक़्फ संपत्तियों का सही उपयोग सामाजिक विकास के लिए होना चाहिए, न कि निजी लाभ या ग़लत कार्यों के लिए। उन्होंने अभियान को देश की एकता और सामाजिक समरसता के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। भाजपा के जिला स्तरीय नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी कार्यक्रम में भाजपा के जिला स्तर के वरिष्ठ नेताओं की भी सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख नेताओं में शामिल थे जिला अध्यक्ष श्री मनोज पाल, जिला प्रभारी श्री पुष्कर काला, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री इंतजार हुसैन, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष हाजी रिज़वान, कार्यक्रम के जिला संयोजक लविश अरोरा, निवर्तमान जिला महामंत्री श्री मोहन बिष्ट, उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री सायरा बानो, राजकुमार चौहान, गौरव प्रजापति, विशाल कश्यप, अभिषेक, रवि साहनी, गुरताज भुल्लर, सुरेश लोहिया, अभिषेक सुखीजा, दीपक राणा, गुरप्रीत सिंह, लवकेश प्रजापति, हरप्रीत सिंह। इन सभी नेताओं ने मंच से अपने विचार रखते हुए समाज को जागरूक करने की अपील की और अभियान को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया। वक़्फ सुधार क्यों है जरूरी? कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से बताया कि वक़्फ संपत्तियों की संख्या लाखों में है, लेकिन उनका उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण समाज को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई मामलों में वक़्फ संपत्तियाँ अवैध कब्जे, भ्रष्टाचार और अपारदर्शिता का शिकार रही हैं। भाजपा के इस अभियान का उद्देश्य इन संपत्तियों को भ्रष्टाचार से मुक्त कराकर उनका न्यायोचित उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे विशेषकर गरीब व पिछड़े वर्गों को लाभ मिल सके। कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब पवार रिजॉर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक, व्यापारी वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में इस अभियान को समर्थन देने का वादा किया। मंच के माध्यम से लोगों को बताया गया कि किस प्रकार वे अपने क्षेत्र में वक़्फ से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं और उचित जानकारी संबंधित विभागों तक पहुँचा सकते हैं। संकल्प और समापन कार्यक्रम के अंत में सभी नेताओं एवं उपस्थितजनों ने हाथ उठाकर वक़्फ सुधार अभियान को समर्थन देने और समाज में पारदर्शिता लाने का संकल्प लिया। साथ ही, जनता को इसके प्रति जागरूक करने, सही जानकारी फैलाने और किसी भी प्रकार की ग़लत जानकारी या अफवाहों से बचने का आग्रह किया गया। उत्तराखंड काशीपुर-जसपुर मार्ग पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक राजनीतिक पहल था, बल्कि सामाजिक न्याय, जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम भी सिद्ध हुआ। “वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” आने वाले समय में उत्तराखंड सहित देशभर में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का वाहक बनेगा — ऐसा विश्वास सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने व्यक्त किया।पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री माननीय अजय भट्ट जी ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में वक़्फ बोर्डों के प्रबंधन में व्याप्त अनियमितताओं, पारदर्शिता की कमी और संपत्तियों के दुरुपयोग की समस्याओं को रेखांकित किया। अपने क्षेत्र में वक़्फ से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं और उचित जानकारी संबंधित विभागों तक पहुँचा सकते हैं।

“वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” के तहत पवार रिसोर्ट में हुआ भव्य कार्यक्रम, अजय भट्ट और कल्पना सैनी सहित कई गणमान्य लोग हुए शामिल

काशीपुर 07 मई 2025 (समय बोल रहा )देशभर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे “वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” के अंतर्गत आज काशीपुर-जसपुर मार्ग स्थित पवार रिसोर्ट में एक भव्य जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं पार्टी के कई शीर्ष नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति…

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