देहरादून, 15 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2025 को 19 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11 बजे घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों का इंतजार खत्म होने वाला है। इस बार उत्तराखंड बोर्ड ने परीक्षाएं समय पर आयोजित कीं और मूल्यांकन कार्य भी निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया गया, जिससे रिकॉर्ड समय में परिणाम घोषित किया जा रहा है। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर आएगा रिजल्ट उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध होगा: ubse.uk.gov.in uaresults.nic.in छात्र अपना रिजल्ट रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करके देख सकेंगे। इसके अलावा रिजल्ट डिजिलॉकर ऐप, एसएमएस सुविधा और कुछ निजी रिजल्ट वेबसाइट्स पर भी उपलब्ध रहेगा। 2.5 लाख से अधिक छात्रों ने दी परीक्षा उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षाएं 15 फरवरी से 6 मार्च 2025 तक आयोजित की गई थीं। इस वर्ष: लगभग 1.3 लाख छात्र 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए। वहीं 1.2 लाख छात्र 12वीं की परीक्षा में बैठे। छात्रों का कहना है कि प्रश्नपत्र सामान्य स्तर के थे और पढ़ाई के अनुसार प्रश्न पूछे गए थे। शिक्षा मंत्री करेंगे रिजल्ट जारी राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सचिव नीता तिवारी 19 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से सुबह 11 बजे परिणाम जारी करेंगे। इसके तुरंत बाद छात्र वेबसाइट पर अपने अंक देख सकेंगे। एक अधिकारी ने बताया: “इस बार उत्तराखंड बोर्ड ने परिणामों को पारदर्शी और समय पर जारी करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। छात्रों की मेहनत का फल उन्हें जल्द मिलेगा।” पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार रिजल्ट की उम्मीदें ज्यादा पिछले वर्ष 10वीं कक्षा का पास प्रतिशत 85.17 प्रतिशत और 12वीं कक्षा का पास प्रतिशत 82.63 प्रतिशत रहा था। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का पास प्रतिशत इससे बेहतर हो सकता है क्योंकि छात्रों ने पूरे वर्ष ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई की। लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद पिछले वर्षों की तरह इस बार भी लड़कियों के बेहतर प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल लड़कियां बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त कर रही हैं। क्या करें यदि असंतुष्ट हों रिजल्ट से? यदि कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है तो वह उत्तराखंड बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) या उत्तरपुस्तिका की फोटोकॉपी के लिए आवेदन कर सकता है। यह प्रक्रिया रिजल्ट जारी होने के कुछ दिन बाद शुरू होगी। वहीं जिन छात्रों को एक या दो विषयों में अंक कम मिले हैं या वे फेल हो गए हैं, उनके लिए पूरक परीक्षा (Compartment Exam) का आयोजन जून 2025 में किया जाएगा। रिजल्ट देखने के लिए क्या रखें पास? छात्रों को रिजल्ट देखने के लिए निम्नलिखित चीज़ें तैयार रखनी चाहिए: रोल नंबर जन्मतिथि इंटरनेट कनेक्शन मोबाइल या कंप्यूटर बोर्ड की वेबसाइट पर कभी-कभी ट्रैफिक अधिक होने के कारण धीमा हो सकता है, ऐसे में छात्रों को संयम बनाए रखने की सलाह दी जाती है। निष्कर्ष: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं के लाखों छात्रों के लिए 19 अप्रैल 2025 एक बड़ा दिन होने जा रहा है। सुबह 11 बजे जैसे ही शिक्षा मंत्री रिजल्ट जारी करेंगे, छात्रों की मेहनत का परिणाम सामने आ जाएगा। समय बोल रहा की ओर से सभी विद्यार्थियों को ढेरों शुभकामनाएं — उम्मीद है कि आप सभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।इस बार उत्तराखंड बोर्ड ने परीक्षाएं समय पर आयोजित कीं और मूल्यांकन कार्य भी निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया गया, जिससे रिकॉर्ड समय में परिणाम घोषित किया जा रहा है।  

उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं रिजल्ट 2025: 19 अप्रैल को सुबह 11 बजे होगा जारी, छात्रों में उत्साह का माहौल

देहरादून, 15 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा):उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2025 को 19 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11 बजे घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही लाखों छात्रों और उनके…

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देहरादून, 11 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा कर दी है। अब सभी स्लैब में प्रति यूनिट दरें पहले की तुलना में अधिक हो जाएंगी। इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। नई बिजली दरें इस प्रकार हैं: 100 यूनिट तक: पहले 3.40 रुपए प्रति यूनिट थी, अब यह बढ़कर 3.65 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। 101 से 200 यूनिट तक: दर 4.90 रुपए से बढ़कर 5.25 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है। 201 से 400 यूनिट तक: अब 6.70 रुपए की बजाय 7.15 रुपए प्रति यूनिट देना होगा। 400 यूनिट से अधिक: दर 7.35 रुपए से बढ़कर 7.80 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। यह वृद्धि राज्य के लगभग सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। वृद्धि के पीछे का कारण राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि यह वृद्धि उत्पादन लागत, वितरण खर्च और ट्रांसमिशन लागत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए की गई है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में ऊर्जा की लागत लगातार बढ़ी है, जिससे यह निर्णय लेना अपरिहार्य हो गया था। उपभोक्ताओं में नाराजगी बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद आम नागरिकों में नाराजगी देखने को मिली है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले ही महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है, और अब बिजली की कीमतों में इजाफा उनकी परेशानियों को और बढ़ा देगा। देहरादून निवासी रेखा रावत ने कहा, “महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है, अब बिजली का बिल भी बढ़ेगा तो घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ जाएगा।” वहीं, हल्द्वानी के कारोबारी संजीव जोशी ने इसे छोटे व्यापारियों के लिए अतिरिक्त आर्थिक दबाव बताया। राजनीतिक प्रतिक्रियाएं विपक्षी दलों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इस निर्णय की आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “सरकार लगातार आम जनता पर बोझ डाल रही है। जब राज्य में राजस्व वसूली में वृद्धि हो रही है तो आम लोगों पर भार क्यों डाला जा रहा है?” वहीं, सत्ताधारी दल का कहना है कि यह निर्णय नियामक आयोग द्वारा तकनीकी और आर्थिक समीक्षा के बाद लिया गया है और इससे ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी। सरकारी पक्ष ऊर्जा विभाग के सचिव ने कहा कि यह बढ़ोतरी आवश्यक थी ताकि प्रदेश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। “बिजली आपूर्ति में निरंतरता और गुणवत्ता के लिए निवेश की आवश्यकता है, और यह वृद्धि उसी दिशा में एक जरूरी कदम है,” उन्होंने कहा। जल्द होगी लागू राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई नई दरें आगामी बिलिंग साइकिल से लागू की जाएंगी। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर पड़ेगा। निष्कर्ष बिजली दरों में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब देशभर में महंगाई की चर्चा है। उत्तराखंड में इस फैसले के दूरगामी प्रभाव देखे जा सकते हैं। उपभोक्ता जहां इससे परेशान हैं, वहीं सरकार और आयोग इसे ऊर्जा आपूर्ति की मजबूती के लिए जरूरी बता रहे हैं। देखना होगा कि आने वाले समय में सरकार इस बढ़ोतरी को लेकर किसी तरह की राहत देती है या नहीं।इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।यह वृद्धि राज्य के लगभग सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी।

उत्तराखंड में बिजली दरों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को झटका, सभी स्लैब में बढ़े दाम

देहरादून, 11 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा कर दी है। अब सभी स्लैब में प्रति यूनिट दरें पहले की तुलना में अधिक हो जाएंगी। इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर…

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कि ग्रामीण मतदाता भी डिजिटल माध्यम से अपना नाम सूची में देख सकें। इस निर्णय से न सिर्फ पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अहम कदम होगा। एनआईसी और आयोग की बैठक में हुआ अंतिम निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि मंगलवार को आयोग के अधिकारियों और एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के बीच बैठक हुई। बैठक में पंचायत चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूचियों को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने पर अंतिम निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दो से तीन दिनों में मतदाता सूची वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी। हर पंचायत में पहले से पहुंचाई गई थी मतदाता सूची इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं। पहली बार हर पंचायत क्षेत्र में मतदाता सूची की हार्ड कॉपी पहुंचाई गई थी ताकि लोग समय रहते अपना नाम जांच सकें और अगर कोई गलती हो तो उसे ठीक कराया जा सके। इसके लिए प्रदेशभर में विशेष संशोधन अभियान भी चलाया गया था। बैलेट पेपरों की छपाई शुरू, कुछ जिलों में भेजे भी गए राज्य निर्वाचन आयोग ने नौ जिलों के लिए पंचायत चुनावों हेतु बैलेट पेपर छपवाकर संबंधित जिलों में भेज दिए हैं। हरिद्वार में फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। बाकी तीन जिलों के लिए प्रक्रिया जारी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी जिलों को समय पर चुनाव सामग्री मिल सके और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो। ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार लाएगी अध्यादेश उत्तराखंड सरकार पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने की दिशा में भी सक्रिय है। इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार पंचायती राज विभाग ने इसके लिए अध्यादेश तैयार कर लिया है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। यह अध्यादेश एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें प्रत्येक पंचायत में ओबीसी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की गई है। सरकार का यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डिजिटल लोकतंत्र की ओर एक कदम मतदाता सूची को ऑनलाइन करना न केवल एक तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और सहभागिता को भी बढ़ावा देगा। इससे लोग समय पर अपनी जानकारी जांच सकेंगे और चुनावों में सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे। साथ ही इससे निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। राज्य निर्वाचन आयोग राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि मतदाता सूची अपलोड होते ही इसकी सूचना स्थानीय स्तर पर व्यापक रूप से दी जाए ताकि कोई भी मतदाता इससे वंचित न रह जाए। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि मंगलवार को आयोग के अधिकारियों और एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के बीच बैठक हुई। बैठक में पंचायत चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूचियों को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने पर अंतिम निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दो से तीन दिनों में मतदाता सूची वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी। इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं। पहली बार हर पंचायत क्षेत्र में मतदाता सूची की हार्ड कॉपी पहुंचाई गई थी ताकि लोग समय रहते अपना नाम जांच सकें और अगर कोई गलती हो तो उसे ठीक कराया जा सके। इसके लिए प्रदेशभर में विशेष

अब पंचायत चुनावों की वोटर लिस्ट मिलेगी ऑनलाइन, घर बैठे जांचें अपना नाम – आयोग इस सप्ताह करेगा जारी

देहरादून, 10 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)।उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारी जोरों पर है। इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को और अधिक सुविधा देने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। आयोग पहली बार पंचायत चुनावों की मतदाता सूची को ऑनलाइन उपलब्ध कराने जा रहा है, ताकि ग्रामीण मतदाता भी डिजिटल…

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देहरादून, 2 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। (आंगनबाड़ी भर्ती ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने करीब सात हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। इस बहुप्रतीक्षित भर्ती प्रक्रिया के तहत हजारों महिलाओं को न केवल रोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विकास और पोषण के लिए कार्यरत व्यवस्था को भी सशक्त बनाया जाएगा। जनवरी में निकली थी आंगनबाड़ी भर्ती की विज्ञप्ति वर्ष 2025 की शुरुआत में ही राज्य सरकार द्वारा लगभग 7000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। इन पदों पर आवेदन के लिए प्रदेशभर से हजारों महिलाओं और युवतियों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के पद शामिल हैं, जो बाल विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 20 अप्रैल तक पूरी होगी आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया मंगलवार को विधानसभा भवन के सभागार में आयोजित बैठक के दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 20 अप्रैल 2025 तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। इसके बाद मई महीने में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। मोबाइल और सिम भी मिलेगा आंगनबाड़ी केंद्र को मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि नई नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यह सिम विशेष रूप से संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र को अलॉट किया जाएगा ताकि कार्यकत्रियों के बीच विभागीय संचार बेहतर हो सके। साथ ही प्रत्येक कार्यकत्री को दो हजार रुपये का रिचार्ज भत्ता भी दिया जाएगा और विभाग की ओर से इंटरनेट डाटा खर्च का वहन भी किया जाएगा। कल्याण कोष से आर्थिक सुरक्षा का खाका तैयार बैठक में मंत्री ने यह भी बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए आंगनबाड़ी कल्याण कोष से बेटियों की शिक्षा, विवाह, या हादसे की स्थिति में परिवार को आर्थिक मदद देने हेतु एक विस्तृत योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। यह योजना कार्यकत्रियों और उनके परिवारों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। नई महिला नीति भी जल्द आएगी सामने रेखा आर्या ने बताया कि राज्य की नई महिला नीति लगभग तैयार हो चुकी है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस नीति में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए व्यापक दिशा-निर्देश और योजनाएं शामिल होंगी। इसमें एकल महिलाओं, विधवाओं और वृद्धावस्था की महिलाओं के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ में भी होंगे संशोधन बैठक के दौरान मंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना में कुछ आवश्यक संशोधन किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही कैबिनेट से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। इस योजना के तहत एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण, प्रशिक्षण और विपणन सहायता जैसे लाभ दिए जाएंगे। छह जिलों में बनेगा 50-बेड का महिला छात्रावास महिला शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्री ने बताया कि प्रदेश के छह जनपदों में 50-बेड के नए महिला आवासीय छात्रावासों की स्थापना के लिए सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। ये छात्रावास उन युवतियों के लिए लाभदायक होंगे, जो उच्च शिक्षा के लिए अपने गांवों से दूर जाकर पढ़ाई करती हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास की दिशा में एक सशक्त पहल है। जहां एक ओर 7000 से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। रेखा आर्या ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिका भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जाए, ताकि योग्य अभ्यर्थियों को ही मौका मिल सके।

20 अप्रैल तक पूरी होगी उत्तराखंड की आंगनबाड़ी भर्ती, जानिए कौन होगा चयनित

देहरादून, 2 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। (आंगनबाड़ी भर्ती ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने करीब सात हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। इस बहुप्रतीक्षित भर्ती प्रक्रिया के तहत हजारों महिलाओं को न केवल रोजगार का…

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देहरादून, 2. अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 6 अप्रैल को अपने स्थापना दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने जा रही है। इस अवसर पर पार्टी 'गांव चलो अभियान' और विधानसभा स्तर पर विचार गोष्ठी का आयोजन करेगी। सप्ताहभर चलने वाले इन कार्यक्रमों के संचालन के लिए प्रदेश टोली का गठन किया गया है, जो जिला और मंडल स्तर पर अधिकतम जनसहभागिता सुनिश्चित करेगी। स्थापना दिवस पर विशेष कार्यक्रम बीजेपी अपने स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यालयों और कार्यकर्ताओं के घरों पर झंडा फहराने का कार्यक्रम रखेगी। इसके साथ ही, कार्यकर्ताओं से #BJP4ViksitBharat हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अपील की गई है। इसके अलावा, जनपद स्तर पर संगठन और सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाली प्रदर्शनियाँ लगाई जाएंगी। विधानसभा स्तर पर विचार गोष्ठी 8 और 9 अप्रैल को विधानसभा स्तर पर सक्रिय सदस्यों के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होगी: ✔ बीजेपी की चुनावी सफलता और संगठनात्मक विस्तार ✔ भारतीय राजनीति में बीजेपी द्वारा लाए गए परिवर्तन ✔ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास की यात्रा 10 से 12 अप्रैल तक 'गांव चलो' अभियान बीजेपी 10 से 12 अप्रैल के बीच 'गांव बस्ती चलो' अभियान चलाएगी, जिसमें मंडल अध्यक्ष से ऊपर के सभी भाजपा पदाधिकारी, जिला पंचायत सदस्य और पार्षद गांवों व मोहल्लों का दौरा करेंगे। प्रत्येक कार्यकर्ता को कम से कम 8 घंटे गांव या बस्ती में बिताने और बूथ पर रात्रि विश्राम को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है। इस अभियान के दौरान निम्नलिखित गतिविधियाँ प्रमुख रूप से की जाएंगी: ✔ मंदिर, अस्पताल, स्कूल और गलियों में स्वच्छता अभियान ✔ सरकारी संस्थानों जैसे आंगनबाड़ी केंद्र, पशु चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण ✔ बूथ समिति की बैठक और जनसंपर्क ✔ झंडा यात्रा निकालना और कार्यकर्ताओं से संवाद ✔ ग्रामवासियों के साथ चौपाल आयोजित करना ✔ वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं, कारसेवकों और योगदान देने वाले नेताओं का सम्मान कार्यक्रमों के संचालन के लिए प्रदेश टोली का गठन बीजेपी के स्थापना दिवस कार्यक्रमों को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए प्रदेश टोली का गठन किया गया है। इस टोली में शामिल प्रमुख नेता हैं: 🔹 प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार 🔹 प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कुंदन परिहार 🔹 नलिन भट्ट 🔹 पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा यह टोली विभिन्न जिलों और मंडलों में जाकर कार्यक्रमों की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि अधिक से अधिक लोग इन आयोजनों में शामिल हों। बीजेपी का लक्ष्य – अधिकतम जनसहभागिता बीजेपी अपने स्थापना दिवस पर जनसहभागिता को प्राथमिकता दे रही है। पार्टी चाहती है कि जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती को दर्शाने के लिए अधिक से अधिक कार्यकर्ता और आम नागरिक इन कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएँ। सीधा संवाद 'गांव चलो अभियान' और विचार गोष्ठी के माध्यम से बीजेपी अपने स्थापना दिवस को एक बड़े उत्सव के रूप में मना रही है। यह कार्यक्रम पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने का माध्यम बनेंगे। इन आयोजनों से पार्टी को आगामी चुनावों में भी लाभ मिलने की संभावना है।

“बीजेपी स्थापना दिवस: ‘गांव चलो अभियान’ और विचार गोष्ठी से जनसंपर्क को मिलेगा ऐतिहासिक बढ़ावा”

देहरादून, 2. अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 6 अप्रैल को अपने स्थापना दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने जा रही है। इस अवसर पर पार्टी ‘गांव चलो अभियान’ और विधानसभा स्तर पर विचार गोष्ठी का आयोजन करेगी। सप्ताहभर चलने वाले इन कार्यक्रमों के संचालन के लिए प्रदेश टोली का गठन…

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देहरादून,1 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में विभिन्न विभागों के सुचारू संचालन और प्रभावी अनुश्रवण के लिए 20 लोगों को विभिन्न पदों पर दायित्व सौंपे हैं। यह जानकारी सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दी। विभागीय योजनाओं को मिलेगा लाभ सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि इन दायित्वों के सौंपे जाने से प्रदेश में विभागीय जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और उनकी प्रभावी निगरानी भी संभव होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जिन महानुभावों को दायित्व सौंपे गए हैं, वे विभिन्न जिलों से हैं और अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभाएंगे। नव नियुक्त पदाधिकारियों की सूची मुख्यमंत्री द्वारा दायित्व सौंपे गए प्रमुख व्यक्तियों के नाम और पद निम्नलिखित हैं: हरक सिंह नेगी (चमोली) – उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद ऐश्वर्या रावत (रुद्रप्रयाग) – उपाध्यक्ष, राज्य महिला आयोग गंगा विष्ट (अल्मोड़ा) – उपाध्यक्ष, राज्य महिला उद्यमिता परिषद श्याम अग्रवाल (देहरादून) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड आवास सलाहकार परिषद शांति मेहरा (नैनीताल) – उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद भगवत प्रसाद मकवाना (देहरादून) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड सफाई कर्मचारी आयोग हेमराज विष्ट (पिथौरागढ़) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य स्तरीय खेल परिषद रामचंद्र गौड़ (चमोली) – अध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद पूरन चंद नैलवाल (अल्मोड़ा) – उपाध्यक्ष, प्रवासी उत्तराखंड परिषद रामसुंदर नौटियाल (उत्तरकाशी) – उपाध्यक्ष, भागीरथी नदी घाटी प्राधिकरण सायरा बानो (ऊधमसिंह नगर) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग रेनू अधिकारी (नैनीताल) – अध्यक्ष, राज्य महिला उद्यमिता परिषद रजनी रावत (देहरादून) – उपाध्यक्ष, समाज कल्याण योजनाएं अनुश्रवण समिति ओम प्रकाश जमदग्नि (हरिद्वार) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद भूपेश उपाध्याय (बागेश्वर) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद कुलदीप कुमार (देहरादून) – अध्यक्ष, उत्तराखंड वन पंचायत सलाहकार परिषद ऋषि कंडवाल (पौड़ी) – उपाध्यक्ष, सिंचाई सलाहकार समिति वीरेंद्र दत्त सेमवाल (टिहरी) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद अजय कोठियाल (टिहरी) – अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति श्याम नारायण पांडे (नैनीताल) – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति सरकार की प्राथमिकता – प्रभावी प्रशासन और विकास राज्य सरकार का मानना है कि इन दायित्वों के माध्यम से राज्य में विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी तरीके से होगा। "उत्तराखंड के विकास और जनकल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इन नियुक्तियों से प्रशासनिक ढांचे को मजबूती मिलेगी और योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और तेजी आएगी।" – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया नव नियुक्त पदाधिकारियों के चयन को लेकर जनता और प्रशासनिक विशेषज्ञों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा सही लोगों को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे गए हैं, जबकि कुछ ने सुझाव दिया कि इस प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता थी। राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सुरेश मिश्रा ने कहा, "इस तरह की नियुक्तियाँ सरकार के प्रशासनिक दृष्टिकोण को मजबूत करती हैं, लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन पदों का सदुपयोग हो और जनता को वास्तविक लाभ मिले।" भविष्य की योजनाएँ और अपेक्षाएँ सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे जा सकते हैं। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि राज्य की महत्वपूर्ण योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो और राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित किया जा सके।मुख्यमंत्री द्वारा दायित्व सौंपे गए प्रमुख व्यक्तियों के नाम और पद विभिन्न आयोगों और परिषदों में नियुक्त किए गए सदस्य अपने कार्यक्षेत्र में सुधार लाने और योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने की दिशा में कार्य करेंगे। उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड सरकार द्वारा

उत्तराखंड सरकार ने 20 लोगों को सौंपे दायित्व, जन कल्याणकारी योजनाओं को मिलेगी गति

देहरादून,1 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में विभिन्न विभागों के सुचारू संचालन और प्रभावी अनुश्रवण के लिए 20 लोगों को विभिन्न पदों पर दायित्व सौंपे हैं। यह जानकारी सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दी। विभागीय योजनाओं को मिलेगा लाभ सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि इन दायित्वों के सौंपे…

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देहरादून, 30 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार जिलों हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई स्थानों के नाम बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। यह फैसला जन भावनाओं और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से प्रेरणादायक होगा, जिससे लोग भारतीय मूल्यों को आत्मसात कर सकें। कौन-कौन से स्थानों के नाम बदले गए? मुख्यमंत्री धामी द्वारा घोषित नाम परिवर्तन निम्नलिखित हैं: हरिद्वार जिले में: रुड़की का नाम बदलकर रामनगर रखा गया। भगवानपुर को नया नाम श्रीपुर दिया गया। देहरादून जिले में: रायपुर को अब सूर्यपुर के नाम से जाना जाएगा। डोईवाला का नाम बदलकर शिवपुर कर दिया गया। नैनीताल जिले में: हल्द्वानी का नाम अब गौरव नगर होगा। कालाढूंगी को नया नाम वीरपुर मिला। ऊधमसिंह नगर जिले में: किच्छा का नाम शक्ति नगर रखा गया। रुद्रपुर को धर्मपुर नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने क्या कहा? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर कहा कि यह फैसला जनभावना के अनुरूप और भारतीय विरासत के सम्मान में लिया गया है। उन्होंने कहा, "देश के अलग-अलग राज्यों में ऐतिहासिक स्थानों के नाम बदले गए हैं। उत्तराखंड भी देवभूमि है और यहां के स्थानों के नाम हमारी संस्कृति और महान महापुरुषों से प्रेरित होने चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि यह परिवर्तन आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगा और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेगा। राजनीतिक प्रतिक्रिया इस फैसले के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह उत्तराखंड की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को मजबूत करने वाला फैसला है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे "राजनीतिक स्टंट" बताया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार को नाम बदलने की बजाय बुनियादी विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। सोशल मीडिया पर चर्चा उत्तराखंड सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई लोगों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए इसे संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कुछ लोगों ने इस नाम परिवर्तन को अनावश्यक बताते हुए कहा कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। आगे की प्रक्रिया सरकार ने घोषणा की है कि इन नाम परिवर्तनों को आधिकारिक रूप से राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद प्रशासनिक और अन्य दस्तावेजों में नए नाम लागू किए जाएंगे। संस्कृति उत्तराखंड सरकार द्वारा घोषित यह नाम परिवर्तन इतिहास, संस्कृति और जन भावनाओं से प्रेरित एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस जारी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का जनता और प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

उत्तराखंड में कई स्थानों के नाम बदले, मुख्यमंत्री धामी ने किया ऐलान

देहरादून, 31मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार जिलों हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई स्थानों के नाम बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। यह फैसला जन भावनाओं और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव…

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देहरादून, 30 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - उत्तराखंड में खनन से जुड़े राजस्व में भारी वृद्धि को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व में वृद्धि का मतलब पारदर्शी नीति और चोरी पर अंकुश लगना है, न कि किसी प्रकार का घोटाला। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को अल्प ज्ञान से प्रेरित बताते हुए कहा कि प्रदेश का खनन राजस्व 300 करोड़ से बढ़कर 1000 करोड़ से भी अधिक हो गया है, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी नीतियों की सफलता को दर्शाता है। राजस्व में वृद्धि सरकार की नीतियों का नतीजा भट्ट ने प्रेस से बातचीत में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के नीतिगत सुधार और बेहतर प्रबंधन के कारण ही खनन क्षेत्र से राज्य को अभूतपूर्व राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में माफियाओं के साथ मिलकर खनन नीतियां बनाई जाती थीं, जबकि भाजपा सरकार ने पारदर्शिता और सख्त नियमों के जरिए इस क्षेत्र को सुव्यवस्थित किया है। उन्होंने कहा कि बेवजह इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है, जबकि खनन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा बन चुका है। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि यदि चोरी होती तो राजस्व घटता, बढ़ता नहीं। भाजपा अध्यक्ष चुनाव पर जल्द होगी घोषणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चुनाव को लेकर भट्ट ने कहा कि शीघ्र ही केंद्रीय नेतृत्व अन्य राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी चुनाव तिथि की घोषणा करेगा। राज्य संगठन ने अध्यक्ष चुनाव को लेकर जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। 70% से अधिक मंडल अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं और 19 में से 18 सांगठनिक जिलों को अपना नया अध्यक्ष मिल गया है। भट्ट ने जानकारी दी कि चुनाव की अधिकृत सूचना प्रदेश के लिए नियुक्त राष्ट्रीय पर्यवेक्षक द्वारा केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा चुकी है। संसद सत्र की व्यस्तता के कारण इसमें थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन जल्द ही चुनाव तिथि पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। रानीखेत जिला अध्यक्ष की नियुक्ति चुनाव के बाद रानीखेत के भाजपा जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के बाद वहां भी नए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में संगठन पर्व के तहत आए नाम उम्र अधिक होने के कारण अस्वीकार किए गए थे। विपक्ष के आरोप निराधार भट्ट ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और बदनाम करने की मंशा से प्रेरित हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद कांग्रेस को किसी अपने करीबी खनन माफिया के नुकसान का दर्द महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि सरकार की सफलता का प्रमाण है, और उस पर प्रश्न उठाना पूरी तरह अनुचित है। भाजपा प्रवक्ता पर कांग्रेस की शिकायत तर्कहीन भट्ट ने भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ कांग्रेस की शिकायत को तथ्यों का जवाब न दे पाने की खीझ करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा संशय में रहते हैं और दोहरी राजनीति करते हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ताओं की बयानबाजी को अपमानजनक और आधारहीन बताते हुए कहा कि जब भाजपा नेता तर्क सहित जवाब देते हैं, तो कांग्रेस बेबुनियाद आरोप लगाने लगती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने खनन से बढ़े राजस्व को सरकार की उपलब्धि बताया और कांग्रेस के आरोपों को अल्प ज्ञान का परिणाम करार दिया। उन्होंने विपक्ष पर राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ प्रदेश को आगे बढ़ा रही है। वहीं, भाजपा अध्यक्ष चुनाव को लेकर भी जल्द ही घोषणा होने की बात कही गई।

खनन में कई गुना राजस्व वृद्धि का मतलब चोरी पर अंकुश, कांग्रेस के आरोप निराधार: महेंद्र भट्ट

देहरादून, 30 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में खनन से जुड़े राजस्व में भारी वृद्धि को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व में वृद्धि का मतलब पारदर्शी नीति और चोरी पर अंकुश लगना है, न कि किसी प्रकार का घोटाला। उन्होंने कांग्रेस के…

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मेरठ, 22 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेरठ में एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है, जो वीओआईपी (VoIP) कॉल को लोकल कॉल में बदलकर हर दिन 25 हजार रुपये की अवैध कमाई कर रहा था। चार लाख का इनवेस्टमेंट, देहरादून में ट्रायल से शुरू हुआ गोरखधंधा पुलिस जांच में पता चला है कि इस अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज के लिए चार लाख रुपये का निवेश किया गया था। सबसे पहले देहरादून में ट्रायल के रूप में इसे शुरू किया गया, जिसके बाद मेरठ में इसका पूरा सेटअप तैयार किया गया। कैसे चलता था अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज? पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा के अनुसार, इस अवैध एक्सचेंज में वीओआईपी कॉल्स (Voice Over Internet Protocol) को लोकल कॉल में बदलने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता था। इस प्रक्रिया से न केवल टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो रहा था। लखीपुरा में छापेमारी, मुख्य आरोपी जुनैद गिरफ्तार मेरठ के लखीपुरा इलाके में स्थित एक घर की ऊपरी मंजिल पर पुलिस ने छापेमारी की, जहां से इस पूरे नेटवर्क को संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी जुनैद को गिरफ्तार किया है और मौके से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सर्वर, और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। अवैध कॉल एक्सचेंज से क्या नुकसान होता है? राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा – इंटरनेशनल कॉल्स को लोकल में बदलने से खुफिया एजेंसियों की निगरानी प्रणाली विफल हो सकती है। राजस्व का नुकसान – टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों रुपये की हानि होती है। आतंकी गतिविधियों में दुरुपयोग – ऐसे नेटवर्क का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों और आतंकी संचार के लिए हो सकता है। पुलिस की कार्रवाई जारी, अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस गोरखधंधे का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ

मेरठ: अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का भंडाफोड़, हर दिन हो रही थी 25 हजार की कमाई!

मेरठ, 22 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेरठ में एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है, जो वीओआईपी (VoIP) कॉल को लोकल कॉल में बदलकर हर दिन 25 हजार रुपये की अवैध कमाई कर रहा था। चार लाख का इनवेस्टमेंट, देहरादून में ट्रायल से शुरू हुआ गोरखधंधा पुलिस…

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देहरादून ,16 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ धाम में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा विधायक आशा नौटियाल ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि "कुछ गैर-हिंदू तत्व केदारनाथ धाम की पवित्रता को ठेस पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।" इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि "धार्मिक स्थलों की मर्यादा बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वहां केवल श्रद्धालु ही जाएं, न कि वे लोग जो असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हों। यदि कुछ लोगों की गतिविधियों से धाम की छवि खराब हो रही है, तो ऐसे व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना उचित होगा।" विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया विधायक के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि "भाजपा के नेता धार्मिक स्थलों को राजनीति से जोड़कर सनसनीखेज बयान देने की आदत बना चुके हैं। उत्तराखंड देवभूमि है और यहां सभी का स्वागत है। धर्म को इस तरह विभाजित करना सही नहीं है।" समाज के विभिन्न वर्गों ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। कुछ लोगों का मानना है कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए नियम बनाए जाने चाहिए, जबकि अन्य इसे धार्मिक भेदभाव की ओर एक कदम मान रहे हैं। चारधाम यात्रा पर असर? गौरतलब है कि यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने वाली है। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे और इस बार लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और मर्यादा को लेकर यह बहस जारी है। देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर वास्तव में कोई प्रतिबंध लगेगा या नहीं।

केदारनाथ धाम में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग तेज, भाजपा विधायक आशा नौटियाल का बयान चर्चा में

देहरादून ,16 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ धाम में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा विधायक आशा नौटियाल ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि “कुछ गैर-हिंदू तत्व केदारनाथ धाम की पवित्रता को ठेस पहुंचाने का प्रयास कर…

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