सेवा, समर्पण और हरियाली का उत्सव: निरंकारी मिशन का ‘वननेस वन’ अभियान, काशीपुर में हुआ भव्य वृक्षारोपण और सफाई अभियान

काशीपुर, 17 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन मार्गदर्शन में, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा ‘वननेस वन’ परियोजना का पाँचवाँ चरण आज पूरे देश के 600 से अधिक स्थानों पर पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इसी कड़ी में, काशीपुर के राजकीय पशु चिकित्सालय में भी इस अनूठे अभियान का सफल आयोजन हुआ, जहाँ लगभग 350 निरंकारी सेवादार भाई-बहनों और बच्चों ने मिलकर न केवल बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया, बल्कि पूरे क्षेत्र की सफाई भी की। यह आयोजन प्रकृति के प्रति प्रेम, सेवा के प्रति समर्पण और सह-अस्तित्व की भावना का एक अद्भुत उदाहरण बन गया।

वननेस वन’ परियोजना: हरियाली से कहीं बढ़कर
संत निरंकारी मंडल के सचिव, आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी ने इस अभियान के पीछे के गहन दर्शन को साझा करते हुए बताया कि ‘वननेस वन’ सिर्फ हरियाली को बढ़ावा देने की एक पहल नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के साथ एक गहरा जुड़ाव स्थापित करने, मानव के उत्तरदायित्वों को समझने और सह-अस्तित्व की भावना को मजबूत करने का एक समर्पित प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह मिशन मानवता और प्रकृति के बीच के संबंध को पुनः स्थापित करने का एक माध्यम है, जहाँ पेड़ लगाना केवल एक कार्य नहीं, बल्कि एक संस्कार बन जाता है। सेवा और समर्पण के भाव से किया गया यह कार्य एक आध्यात्मिक अनुभव का रूप ले लेता है, जो पर्यावरण संरक्षण को एक नया आयाम देता है।
काशीपुर में सेवादारों का अदम्य उत्साह
आज सुबह काशीपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में निरंकारी सेवादारों का उत्साह देखते ही बन रहा था। राजकीय पशु चिकित्सालय परिसर में, जहाँ पिछले वर्ष भी वृक्षारोपण किया गया था, इस बार भी बड़ी संख्या में नए पौधे लगाए गए। इस दौरान, परिसर में चारों ओर कीचड़ होने के बावजूद, सेवादारों ने बिना किसी हिचकिचाहट के पूरे जोश के साथ अपने कार्य को अंजाम दिया। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने मिलकर परिसर की सुंदरता को बढ़ाने में अपना योगदान दिया। कीचड़ की परवाह किए बिना, जिस तरह से सेवादारों ने पूरे लगन से वृक्षारोपण और सफाई का कार्य किया, वह उनके निस्वार्थ सेवाभाव का प्रतीक था। इस सराहनीय कार्य की स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के इंचार्ज ने भी भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने निरंकारी मिशन के इस प्रयास को प्रकृति और समाज के लिए एक प्रेरणादायी कदम बताया।
एक अभियान से ‘लघु वनों’ तक का सफर
वर्ष 2021 में शुरू हुआ ‘वननेस वन’ अभियान अब अपने पांचवें चरण में पहुँच चुका है, और इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जिन स्थानों पर कभी खाली जमीन थी, वहाँ अब ये अभियान हरे-भरे वृक्षों में बदल चुके हैं, जिन्होंने लघु वनों का रूप ले लिया है। इन वनों में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं और प्रवासी पक्षियों की वापसी ने जैव विविधता के पुनरुत्थान को प्रमाणित किया है। यह इस बात का सबूत है कि यह प्रयास केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं कर रहा है, बल्कि प्रकृति को उसके मूल स्वरूप में लौटाने का भी माध्यम बन रहा है। यह अभियान भविष्य की पीढ़ियों को एक समृद्ध, हरा-भरा और स्वस्थ वातावरण देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। रोपे गए पौधों की देखभाल और संरक्षण का संकल्प उन्हें घने, आत्मनिर्भर वनों में परिवर्तित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
संदेश और संकल्प
स्थानीय मुखी राजेंद्र अरोड़ा ने सभी संतों और स्वास्थ्य अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए सतगुरु माता जी का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘वननेस वन’ परियोजना सिर्फ वृक्षारोपण नहीं है, बल्कि यह प्रकृति, सेवा और सह-अस्तित्व का एक जीवंत आंदोलन है। यह अभियान भविष्य की पीढ़ियों को हरीतिमा से समृद्ध वातावरण देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सतगुरु की छत्रछाया में ‘वननेस वन’ का यह अभियान सेवा, समर्पण और प्रकृति प्रेम की एक ऐसी साधना है, जो पर्यावरण संरक्षण को एक आध्यात्मिक अनुभव में बदल देती है। यह अभियान एक स्पष्ट और सशक्त संदेश देता है कि वृक्ष लगाना सिर्फ एक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण संस्कार है, और निस्वार्थ सेवा करना केवल एक कार्य नहीं, बल्कि एक महान साधना है, जिसे निरंकारी मिशन बखूबी निभा रहा है।
यह आयोजन एक बार फिर यह साबित करता है कि जब समाज एक नेक उद्देश्य के लिए एक साथ आता है, तो बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। निरंकारी मिशन का यह अभियान समाज के सभी वर्गों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने पर्यावरण की देखभाल करें और एक बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करें।