बड़ी खबर: पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमला किया, वायुसेना ने हमले को विफल किया, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

नई दिल्ली, 08 मई 2025 (समय बोल रहा ) – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना द्वारा "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने 7/8 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की नाकाम कोशिश की। लेकिन भारतीय वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक एस-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान के इन मंसूबों को पूरी तरह विफल कर दिया। भारत के एस-400 सुदर्शन चक्र का पहला उपयोग भारतीय वायुसेना ने इस हमले को रोकने के लिए पहली बार रूस में निर्मित एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिसे भारत में "सुदर्शन चक्र" नाम दिया गया है। यह नाम भगवान विष्णु के अमोघ अस्त्र सुदर्शन चक्र से प्रेरित है, जो तेज़, सटीक और दुश्मनों का विनाश करने वाला माना जाता है। एस-400 सिस्टम एक समय में 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 36 लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने की क्षमता रखता है। यह 600 किमी दूर तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 400 किमी तक की मारक क्षमता रखता है। भारतीय वायुसेना ने इस सिस्टम की बदौलत पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को सीमा पार करते ही मार गिराया। पाकिस्तान का नापाक प्लान फेल पाकिस्तानी सेना ने 7 मई की रात करीब 11:45 बजे भारत के 15 शहरों—जैसे कि जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर, जयपुर, लुधियाना, अमृतसर, दिल्ली के बाहरी इलाके और लखनऊ—को निशाना बनाने की कोशिश की। इन हमलों में मिसाइलों और स्वदेशी ड्रोन का उपयोग किया गया। लेकिन भारत की हवाई सुरक्षा इतनी सशक्त साबित हुई कि एक भी मिसाइल अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई। भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के समर्थन में किया गया था, जिनके ठिकाने हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ध्वस्त किए थे। भारत का जवाब: रावलपिंडी स्टेडियम तक पहुंचे ड्रोन पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देते हुए भारत ने 8 मई की सुबह सटीक ड्रोन हमले किए, जिनमें कराची, लाहौर, बहावलपुर, अटक और रावलपिंडी जैसे शहर शामिल थे। रावलपिंडी में एक बड़ा ड्रोन हमला हुआ, जिससे वहां स्थित स्टेडियम को भारी नुकसान पहुंचा। इस स्टेडियम में पाकिस्तान प्रीमियर लीग का मैच होना था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम फेल भारत के जवाबी ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ है। कूटनीतिक हलचल और वैश्विक प्रतिक्रिया भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा और आतंकवाद के खात्मे के लिए की गई है। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। भारत की हवाई सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन भारत ने पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता साबित कर दी है। एस-400 सुदर्शन चक्र के सफल इस्तेमाल और पाकिस्तान के चीनी सिस्टम को मात देने से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि दुश्मन के मंसूबों को जन्म से ही कुचलने की नीति पर चल पड़ा है। ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह

नई दिल्ली, 08 मई 2025 (समय बोल रहा ) – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने 7/8 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की नाकाम कोशिश की। लेकिन भारतीय वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक एस-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान के इन मंसूबों को पूरी तरह विफल कर दिया।

भारत के एस-400 सुदर्शन चक्र का पहला उपयोग

भारतीय वायुसेना ने इस हमले को रोकने के लिए पहली बार रूस में निर्मित एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिसे भारत में “सुदर्शन चक्र” नाम दिया गया है। यह नाम भगवान विष्णु के अमोघ अस्त्र सुदर्शन चक्र से प्रेरित है, जो तेज़, सटीक और दुश्मनों का विनाश करने वाला माना जाता है।

एस-400 सिस्टम एक समय में 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 36 लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने की क्षमता रखता है। यह 600 किमी दूर तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 400 किमी तक की मारक क्षमता रखता है। भारतीय वायुसेना ने इस सिस्टम की बदौलत पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को सीमा पार करते ही मार गिराया।

पाकिस्तान का नापाक प्लान फेल

पाकिस्तानी सेना ने 7 मई की रात करीब 11:45 बजे भारत के 15 शहरों—जैसे कि जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर, जयपुर, लुधियाना, अमृतसर, दिल्ली के बाहरी इलाके और लखनऊ—को निशाना बनाने की कोशिश की। इन हमलों में मिसाइलों और स्वदेशी ड्रोन का उपयोग किया गया। लेकिन भारत की हवाई सुरक्षा इतनी सशक्त साबित हुई कि एक भी मिसाइल अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई।

भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के समर्थन में किया गया था, जिनके ठिकाने हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ध्वस्त किए थे।

भारत का जवाब: रावलपिंडी स्टेडियम तक पहुंचे ड्रोन

पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देते हुए भारत ने 8 मई की सुबह सटीक ड्रोन हमले किए, जिनमें कराची, लाहौर, बहावलपुर, अटक और रावलपिंडी जैसे शहर शामिल थे। रावलपिंडी में एक बड़ा ड्रोन हमला हुआ, जिससे वहां स्थित स्टेडियम को भारी नुकसान पहुंचा। इस स्टेडियम में पाकिस्तान प्रीमियर लीग का मैच होना था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है।

पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम फेल

भारत के जवाबी ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ है।

कूटनीतिक हलचल और वैश्विक प्रतिक्रिया

भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा और आतंकवाद के खात्मे के लिए की गई है। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

भारत की हवाई सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन

भारत ने पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता साबित कर दी है। एस-400 सुदर्शन चक्र के सफल इस्तेमाल और पाकिस्तान के चीनी सिस्टम को मात देने से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि दुश्मन के मंसूबों को जन्म से ही कुचलने की नीति पर चल पड़ा है। ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ है।

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