उत्तराखंड बोर्ड फेल छात्रों के लिए बड़ी राहत: मिलेगा तीन बार पास होने का मौका

रामनगर, 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड बोर्ड उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE), रामनगर ने राज्य के हजारों फेल छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में असफल हुए विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए एक नहीं, बल्कि तीन अवसर दिए जाएंगे। यह निर्णय उन छात्रों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है जो असफलता के बाद निराश हो चुके थे।
28 हजार छात्र-छात्राएं हुए फेल
इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में लगभग 28,000 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं। इनमें से 10वीं (हाईस्कूल) में करीब 10,000 छात्र और 12वीं (इंटरमीडिएट) में 18,000 छात्र शामिल हैं। इस कदम से इन सभी विद्यार्थियों को फिर से सफलता की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा।
किन्हें मिलेगा मौका?
परिषद के अपर सचिव बृहमोहन रावत ने जानकारी दी कि यह विशेष सुविधा उन्हीं विद्यार्थियों को दी जाएगी, जो सीमित विषयों में फेल हुए हैं।
- हाईस्कूल (10वीं) में 2 विषयों में फेल हुए छात्र पात्र होंगे।
- इंटरमीडिएट (12वीं) में 1 विषय में फेल हुए छात्रों को मौका मिलेगा।
तीन बार मिलेगा परीक्षा का अवसर
इन छात्रों को तीन बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
- पहला अवसर: इसी वर्ष जुलाई 2025 में परीक्षा आयोजित की जाएगी। परिषद इसी माह (अप्रैल-मई) में फेल छात्रों से विशेष परीक्षा के लिए फॉर्म भरवाएगा।
- दूसरा अवसर: यदि कोई छात्र पहले प्रयास में पास नहीं हो पाता, तो उसे 2026 की मुख्य परीक्षा के साथ दोबारा अवसर मिलेगा।
- तीसरा और अंतिम अवसर: 2026 की मुख्य परीक्षा के बाद तीसरी बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
अंक सुधार का भी मिलेगा अवसर
यह योजना न केवल फेल छात्रों के लिए है, बल्कि वे छात्र जो पहले ही पास हो चुके हैं, वे भी अपने अंकों में सुधार के लिए इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे छात्रों को “इम्प्रूवमेंट एग्जाम” के रूप में अवसर मिलेगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में दाखिले या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने स्कोर को बेहतर बना सकें।
परीक्षा से जुड़े आंकड़े
- हाईस्कूल में सम्मिलित छात्र: 1,09,559
- इंटरमीडिएट में सम्मिलित छात्र: 1,06,345
- कुल फेल छात्र: लगभग 28,000
विद्यालयों को दिए गए निर्देश
विद्यालयी शिक्षा परिषद ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे फेल छात्रों को इस योजना की जानकारी दें और उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने में सहायता करें। इसका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें और अपना एक साल बचा सकें।
छात्रों के लिए सुनहरा अवसर
इस योजना से न सिर्फ छात्रों का शैक्षणिक वर्ष बचेगा, बल्कि उन्हें आगे की पढ़ाई, प्रवेश परीक्षाओं और करियर निर्माण में मदद मिलेगी। राज्य सरकार और परिषद का यह कदम छात्रों को आत्मनिर्भर और मानसिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
फेल छात्रों के भविष्य को एक नई दिशा
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद का यह निर्णय फेल छात्रों के भविष्य को एक नई दिशा देने वाला है। तीन बार परीक्षा का अवसर देना एक सराहनीय पहल है, जिससे हजारों युवाओं को अपने करियर को दोबारा संवारने का मौका मिलेगा।