जनस्वास्थ्य पर जिला प्रशासन सख्त, सभी अस्पतालों को मॉडल चिकित्सालय बनाने के निर्देश

रुद्रपुर, 17 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ): जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चिकित्सालय में औषधियों, जांच, उपकरणों और सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की समीक्षा बैठक में चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों को सुविधा सम्पन्न बनाया जाए ताकि आम जनता को चिकित्सा सेवाएं बिना किसी परेशानी के मिल सकें। हर अस्पताल बने मॉडल चिकित्सालय: एक सप्ताह में दें कार्य योजना बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारी एक स्पष्ट विजन के साथ कार्य करें और अपने-अपने चिकित्सालयों को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करें। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा NHM के तहत भरपूर बजट उपलब्ध कराया गया है। मोटापे को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता: जागरूकता और काउंसलिंग के निर्देश बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में बढ़ते मोटापे पर जताई गई चिंता का भी जिक्र किया गया। जिलाधिकारी ने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे मोटापा कम करने के लिए लोगों को जागरूक करें और व्यक्तिगत काउंसलिंग की व्यवस्था भी करें, ताकि इस बढ़ते खतरे को रोका जा सके। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता: हाई रिस्क प्रेग्नेंसी पर निगरानी जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, समय पर दवा वितरण, जांच और टीकाकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। विशेष रूप से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की ट्रैकिंग की जाए और सभी प्रसव संस्थान स्तर पर कराए जाएं। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रसव कक्षों में सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। आशा कार्यकर्ताओं पर नजर: संस्थागत प्रसव के लिए जवाबदेही तय आशा कार्यकर्ताओं को संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए सक्रिय करने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि जिन क्षेत्रों में प्रसव अन्यत्र हो रहे हैं, वहां की आशा कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): जीपीएस ट्रैकिंग और वेतन रोकने के निर्देश राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा में पाया गया कि कुछ क्षेत्रों में कार्य ठीक से नहीं हो रहा है। इस पर उन्होंने निर्देश दिए कि सभी टीमें रोस्टर के अनुसार स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें। सभी बच्चों की जांच कर फोटो सहित एप में अपलोडिंग सुनिश्चित की जाए। गदरपुर, काशीपुर और रुद्रपुर की टीमें स्वास्थ्य परीक्षण में असफल रहीं, इसलिए जिलाधिकारी ने उनके वेतन रोकने के आदेश दिए। सभी RBSK वाहनों में जीपीएस लगाने के निर्देश भी जारी किए गए। टीकाकरण और डेंगू-मलेरिया पर एडवांस प्लानिंग के निर्देश सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही जिलाधिकारी ने डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने और पूर्व कार्ययोजना बनाने के लिए भी CMO को निर्देशित किया। मुख्य विकास अधिकारी ने दिए आयुष्मान और एनीमिया पर निर्देश मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत 6 से 59 माह तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से दवा पिलाने तथा एल्मेंडाजॉल की कृमिनाशक गोली खिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी चिकित्सा उपकेंद्रों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में परिवर्तित करने और सभी अस्पतालों में सोलर प्लांट लगाने के भी निर्देश दिए। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. सिन्हा, एसीएमओ डॉ. एस.पी. सिंह, डॉ. हरेन्द्र मलिक, डॉ. राजेश आर्या, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. आर.एस. श्रीवास्तव, डीपीओ हेमा कांडपाल, जिला शिक्षा अधिकारी हरेन्द्र मिश्रा, तथा सभी एमओआईसी और चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में प्रशासन का ठोस कदम जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में हुई यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि उत्तराखंड सरकार जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सुविधा सम्पन्न अस्पताल, बाल स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, आयुष्मान योजना और डेंगू-मलेरिया नियंत्रण की दिशा में लिए गए ये निर्णय आने वाले समय में जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

रुद्रपुर, 17 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ):
जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चिकित्सालय में औषधियों, जांच, उपकरणों और सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की समीक्षा बैठक में चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों को सुविधा सम्पन्न बनाया जाए ताकि आम जनता को चिकित्सा सेवाएं बिना किसी परेशानी के मिल सकें।


हर अस्पताल बने मॉडल चिकित्सालय: एक सप्ताह में दें कार्य योजना

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारी एक स्पष्ट विजन के साथ कार्य करें और अपने-अपने चिकित्सालयों को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करें। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा NHM के तहत भरपूर बजट उपलब्ध कराया गया है।


मोटापे को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता: जागरूकता और काउंसलिंग के निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में बढ़ते मोटापे पर जताई गई चिंता का भी जिक्र किया गया। जिलाधिकारी ने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे मोटापा कम करने के लिए लोगों को जागरूक करें और व्यक्तिगत काउंसलिंग की व्यवस्था भी करें, ताकि इस बढ़ते खतरे को रोका जा सके।


गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता: हाई रिस्क प्रेग्नेंसी पर निगरानी

जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, समय पर दवा वितरण, जांच और टीकाकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। विशेष रूप से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की ट्रैकिंग की जाए और सभी प्रसव संस्थान स्तर पर कराए जाएं। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रसव कक्षों में सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।


आशा कार्यकर्ताओं पर नजर: संस्थागत प्रसव के लिए जवाबदेही तय

आशा कार्यकर्ताओं को संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए सक्रिय करने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि जिन क्षेत्रों में प्रसव अन्यत्र हो रहे हैं, वहां की आशा कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): जीपीएस ट्रैकिंग और वेतन रोकने के निर्देश

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा में पाया गया कि कुछ क्षेत्रों में कार्य ठीक से नहीं हो रहा है। इस पर उन्होंने निर्देश दिए कि

सभी टीमें रोस्टर के अनुसार स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें।

सभी बच्चों की जांच कर फोटो सहित एप में अपलोडिंग सुनिश्चित की जाए।

गदरपुर, काशीपुर और रुद्रपुर की टीमें स्वास्थ्य परीक्षण में असफल रहीं, इसलिए जिलाधिकारी ने उनके वेतन रोकने के आदेश दिए।

सभी RBSK वाहनों में जीपीएस लगाने के निर्देश भी जारी किए गए।


टीकाकरण और डेंगू-मलेरिया पर एडवांस प्लानिंग के निर्देश

सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही जिलाधिकारी ने डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने और पूर्व कार्ययोजना बनाने के लिए भी CMO को निर्देशित किया।


मुख्य विकास अधिकारी ने दिए आयुष्मान और एनीमिया पर निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत

6 से 59 माह तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से दवा पिलाने

तथा एल्मेंडाजॉल की कृमिनाशक गोली खिलाने
के निर्देश दिए। उन्होंने सभी चिकित्सा उपकेंद्रों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में परिवर्तित करने और सभी अस्पतालों में सोलर प्लांट लगाने के भी निर्देश दिए।


बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. सिन्हा, एसीएमओ डॉ. एस.पी. सिंह, डॉ. हरेन्द्र मलिक, डॉ. राजेश आर्या, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. आर.एस. श्रीवास्तव, डीपीओ हेमा कांडपाल, जिला शिक्षा अधिकारी हरेन्द्र मिश्रा, तथा सभी एमओआईसी और चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।


जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में प्रशासन का ठोस कदम

जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में हुई यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि उत्तराखंड सरकार जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सुविधा सम्पन्न अस्पताल, बाल स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, आयुष्मान योजना और डेंगू-मलेरिया नियंत्रण की दिशा में लिए गए ये निर्णय आने वाले समय में जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

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