उत्तराखंड में बिजली दरों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को झटका, सभी स्लैब में बढ़े दाम

देहरादून, 11 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)।
उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा कर दी है। अब सभी स्लैब में प्रति यूनिट दरें पहले की तुलना में अधिक हो जाएंगी। इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
नई बिजली दरें इस प्रकार हैं:
- 100 यूनिट तक: पहले 3.40 रुपए प्रति यूनिट थी, अब यह बढ़कर 3.65 रुपए प्रति यूनिट हो गई है।
- 101 से 200 यूनिट तक: दर 4.90 रुपए से बढ़कर 5.25 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है।
- 201 से 400 यूनिट तक: अब 6.70 रुपए की बजाय 7.15 रुपए प्रति यूनिट देना होगा।
- 400 यूनिट से अधिक: दर 7.35 रुपए से बढ़कर 7.80 रुपए प्रति यूनिट हो गई है।
यह वृद्धि राज्य के लगभग सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी।
वृद्धि के पीछे का कारण
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि यह वृद्धि उत्पादन लागत, वितरण खर्च और ट्रांसमिशन लागत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए की गई है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में ऊर्जा की लागत लगातार बढ़ी है, जिससे यह निर्णय लेना अपरिहार्य हो गया था।
उपभोक्ताओं में नाराजगी
बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद आम नागरिकों में नाराजगी देखने को मिली है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले ही महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है, और अब बिजली की कीमतों में इजाफा उनकी परेशानियों को और बढ़ा देगा।
देहरादून निवासी रेखा रावत ने कहा, “महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है, अब बिजली का बिल भी बढ़ेगा तो घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ जाएगा।” वहीं, हल्द्वानी के कारोबारी संजीव जोशी ने इसे छोटे व्यापारियों के लिए अतिरिक्त आर्थिक दबाव बताया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विपक्षी दलों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इस निर्णय की आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “सरकार लगातार आम जनता पर बोझ डाल रही है। जब राज्य में राजस्व वसूली में वृद्धि हो रही है तो आम लोगों पर भार क्यों डाला जा रहा है?”
वहीं, सत्ताधारी दल का कहना है कि यह निर्णय नियामक आयोग द्वारा तकनीकी और आर्थिक समीक्षा के बाद लिया गया है और इससे ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी।
सरकारी पक्ष
ऊर्जा विभाग के सचिव ने कहा कि यह बढ़ोतरी आवश्यक थी ताकि प्रदेश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। “बिजली आपूर्ति में निरंतरता और गुणवत्ता के लिए निवेश की आवश्यकता है, और यह वृद्धि उसी दिशा में एक जरूरी कदम है,” उन्होंने कहा।
जल्द होगी लागू
राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई नई दरें आगामी बिलिंग साइकिल से लागू की जाएंगी। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
बिजली दरों में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब देशभर में महंगाई की चर्चा है। उत्तराखंड में इस फैसले के दूरगामी प्रभाव देखे जा सकते हैं। उपभोक्ता जहां इससे परेशान हैं, वहीं सरकार और आयोग इसे ऊर्जा आपूर्ति की मजबूती के लिए जरूरी बता रहे हैं। देखना होगा कि आने वाले समय में सरकार इस बढ़ोतरी को लेकर किसी तरह की राहत देती है या नहीं।इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।यह वृद्धि राज्य के लगभग सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी।