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रुद्रप्रयाग, 01 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा ) – रुद्रप्रयाग जिले में आज सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा का प्रमुख मार्ग माने जाने वाले मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में एक मैक्स बोलेरो वाहन ऊपर से गिरे एक भारी पत्थर की चपेट में आ गया, जिससे वह अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। इस हृदय विदारक घटना में 2 व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 3 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे, जिनमें से अधिकांश तीर्थयात्री बताए जा रहे हैं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। स्थानीय नागरिकों के सहयोग से SDRF जवानों ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। जवानों ने सबसे पहले घायलों को वाहन से सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत सोनप्रयाग स्थित अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उनका इलाज जारी है। पहाड़ी रास्तों पर बढ़ता भूस्खलन का खतरा मुनकटिया, रुद्रप्रयाग जिले का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ बारिश के मौसम में भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है। यह घटना एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि उत्तराखंड के पहाड़ी रास्ते कितने जोखिम भरे हैं। मानसून के दौरान लगातार हो रही बारिश से पहाड़ कमजोर हो जाते हैं, जिससे चट्टानें खिसकना और भूस्खलन होना आम बात हो जाती है। यह घटना भी इसी तरह की प्राकृतिक आपदा का परिणाम है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र की भूवैज्ञानिक संरचना काफी नाजुक है, और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में आ रहे बदलाव इस जोखिम को और बढ़ा रहे हैं। अचानक और तेज बारिश से मिट्टी का कटाव होता है, जिससे कमजोर ढलानों पर भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है। सड़कों के निर्माण और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के कारण भी पहाड़ियों की स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं। यह दुखद घटना राज्य प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए एक चेतावनी है कि यात्रा के दौरान अत्यधिक सावधानी बरती जाए और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन किया जाए। SDRF की तत्परता ने बचाई कई जानें इस घटना में SDRF की त्वरित कार्रवाई ने कई जानें बचाईं। टीम ने कठिन और जोखिम भरे हालात में भी बिना समय गंवाए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। जवानों ने खाई में उतरकर घायल यात्रियों को बाहर निकाला और उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। SDRF की टीम हर कठिन परिस्थिति में तत्परता से काम करती है, चाहे वह बाढ़ हो, भूस्खलन हो या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा। उनकी बहादुरी और समर्पण ने उत्तराखंड को आपदाओं से लड़ने की क्षमता प्रदान की है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में SDRF के जवान देवदूत साबित होते हैं। घायल व्यक्तियों को सोनप्रयाग अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है। चिकित्सा दल उनके इलाज में जुटे हुए हैं। पुलिस ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है और मृतक व्यक्तियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन ने दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। यह दुर्घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं है, बल्कि यह पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा की चुनौतियों और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक खतरों की गंभीरता को दर्शाती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रकृति की चेतावनी को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए और विशेष रूप से मानसून के दौरान पहाड़ों पर यात्रा करते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

रुद्रप्रयाग में दर्दनाक हादसा: लैंडस्लाइड जोन में चट्टान गिरने से बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत; SDRF ने घायलों को बचाया

रुद्रप्रयाग, 01 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा ) – रुद्रप्रयाग जिले में आज सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा का प्रमुख मार्ग माने जाने वाले मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में एक मैक्स बोलेरो वाहन ऊपर से गिरे एक भारी पत्थर…

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रामनगर, 31 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर में परिवहन विभाग में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला है। चमोली जिले के कर्णप्रयाग में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (ARTO) के पद पर कार्यरत रहे सुरेन्द्र कपकोटी ने आज रामनगर पहुंचकर नए ARTO के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उनकी नियुक्ति को यहां के परिवहन व्यवस्था के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर, अब तक रामनगर की जिम्मेदारी संभाल रहे ARTO संदीप वर्मा को काशीपुर में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। परिवहन विभाग में हुए इस फेरबदल को प्रशासनिक दक्षता और व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इन तबादलों से दोनों ही क्षेत्रों में परिवहन संबंधी मुद्दों को प्रभावी ढंग से सुलझाने में मदद मिलेगी। रामनगर के लिए नई उम्मीद रामनगर, अपनी भौगोलिक स्थिति और पर्यटन के केंद्र के रूप में, परिवहन के लिहाज से एक बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रवेश द्वार के रूप में यह पूरे साल पर्यटकों की आवाजाही का केंद्र बना रहता है। इसके साथ ही, स्थानीय और व्यावसायिक वाहनों का भारी दबाव भी रहता है। ऐसे में, परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। नए ARTO सुरेन्द्र कपकोटी के सामने कई प्रमुख चुनौतियां होंगी। उन्हें ओवरलोडिंग, बिना फिटनेस वाले वाहनों के संचालन और प्रदूषण जैसी समस्याओं पर अंकुश लगाना होगा। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना भी उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा। रामनगर में यातायात नियमों के उल्लंघन, खासकर पर्यटन वाहनों से संबंधित मामलों को अक्सर देखा जाता है। कपकोटी के अनुभव को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वे इन चुनौतियों का सामना करते हुए व्यवस्था को और मजबूत बनाएंगे। संदीप वर्मा के लिए काशीपुर की जिम्मेदारी रामनगर में अपने कार्यकाल के दौरान, संदीप वर्मा ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे और स्थानीय लोगों के साथ उनका अच्छा समन्वय रहा। उनकी कार्यशैली को देखते हुए, उन्हें अब काशीपुर जैसे औद्योगिक और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में भेजा गया है। काशीपुर एक बड़ा औद्योगिक हब है, जहाँ भारी वाहनों और मालवाहक ट्रकों की आवाजाही काफी ज्यादा होती है। यहां परिवहन संबंधी नियमों का पालन सुनिश्चित करना एक जटिल कार्य है। संदीप वर्मा के सामने यहां ओवरलोडिंग, प्रदूषण नियंत्रण और व्यावसायिक वाहनों के लिए परमिट जारी करने जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा। इसके साथ ही, उन्हें लाइसेंसिंग प्रक्रिया को भी और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाना होगा। उनका अनुभव और प्रशासनिक दक्षता काशीपुर की परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाने में सहायक साबित होगी। तबादलों का महत्व: व्यवस्था में सुधार की पहल परिवहन विभाग में अधिकारियों के ये तबादले एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में नई कार्यशैली और दृष्टिकोण लाना होता है। अक्सर, एक अधिकारी का लंबे समय तक एक ही जगह पर रहना कार्यप्रणाली को स्थिर कर सकता है, इसलिए समय-समय पर बदलाव आवश्यक होते हैं। इन तबादलों से विभाग को नए दृष्टिकोण से काम करने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का अवसर मिलता है। जनता को उम्मीद है कि ये दोनों अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभाएंगे। रामनगर में पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है, जबकि काशीपुर में औद्योगिक विकास के साथ-साथ परिवहन नियमों का पालन करवाना भी महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारियों को कैसे संभालते हैं और क्या वे लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतर पाते हैं।

परिवहन विभाग में बड़ा फेरबदल: रामनगर को मिले नए ARTO, संदीप वर्मा को मिली काशीपुर की जिम्मेदारी

रामनगर, 31 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर में परिवहन विभाग में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला है। चमोली जिले के कर्णप्रयाग में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (ARTO) के पद पर कार्यरत रहे सुरेन्द्र कपकोटी ने आज रामनगर पहुंचकर नए ARTO के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उनकी…

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ऊधमसिंह नगर में सोमवार को स्कूल-आंगनवाड़ी बंद: मौसम विभाग ने जारी किया 'रेड अलर्ट', छात्रों की सुरक्षा पर विशेष जोर रुद्रपुर, 31 अगस्त 2025 – (रिपोर्ट: समय बोल रहा है) – ऊधमसिंह नगर जिले में एक बार फिर मौसम की गंभीर चेतावनी के कारण शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी 'रेड अलर्ट' के मद्देनजर, सोमवार, 01 सितंबर 2025 को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष, श्री नितिन सिंह भदौरिया ने बच्चों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। मौसम विभाग ने अपने नवीनतम पूर्वानुमान में बताया है कि 31 अगस्त से 04 सितंबर 2025 तक उत्तराखंड के जनपदों में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान गरज के साथ तेज बारिश और आकाशीय बिजली चमकने के तीव्र दौर भी हो सकते हैं। विशेष रूप से, 31 अगस्त को ऊधमसिंह नगर जिले को 'रेड अलर्ट' की श्रेणी में रखा गया है, जो अत्यंत गंभीर मौसम की स्थिति का संकेत देता है। 01 सितंबर को भी जिले में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जो संभावित खतरे को दर्शाता है। लगातार हो रही बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30(2) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जनपद ऊधमसिंह नगर में कक्षा 1 से 12 तक के सभी राजकीय (सरकारी), परिषदीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के साथ-साथ सभी आंगनवाड़ी केंद्र भी 01 सितंबर 2025 को बंद रहेंगे। यह निर्णय पूरी तरह से छात्रहित और बाल्यहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। यह आदेश प्रशासन की दूरदर्शिता को दर्शाता है, जो संभावित आपदा के जोखिम को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। सड़कों पर जलभराव और आवागमन में होने वाली दिक्कतें बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, और इसीलिए यह निवारक कदम उठाया गया है। आदेश का कड़ाई से पालन करने की चेतावनी आदेश में सभी तहसील और संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए। इसमें एक सख्त चेतावनी भी शामिल है: यदि कोई भी विद्यालय इस आदेश की अवहेलना करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह चेतावनी यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी शैक्षणिक संस्थान बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। प्रशासनिक स्तर पर समन्वय की तैयारी इस आदेश की प्रतिलिपि उत्तराखंड शासन, कुमाऊं मंडल और जिले के सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों को भेजी गई है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सभी उपजिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, और जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) शामिल हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी आपात स्थिति में सभी विभाग एक साथ और प्रभावी ढंग से काम कर सकें। जिलाधिकारी ने जिला सूचना अधिकारी को भी निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जनहित में निःशुल्क करें, ताकि जिले का कोई भी नागरिक इस महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित न रहे। यह सार्वजनिक घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी माता-पिता और अभिभावक समय पर सूचित हो जाएं और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। यह निर्णय प्रशासन की ओर से एक जिम्मेदार और समय पर उठाया गया कदम है, जो नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखता है और संभावित जोखिमों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे भी मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें, और किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से संपर्क करें।

ऊधमसिंह नगर में सोमवार को स्कूल-आंगनवाड़ी बंद: मौसम विभाग ने जारी किया ‘रेड अलर्ट’, छात्रों की सुरक्षा पर विशेष जोर

रुद्रपुर, 31 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – ऊधमसिंह नगर जिले में एक बार फिर मौसम की गंभीर चेतावनी के कारण शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी ‘रेड अलर्ट’ के मद्देनजर, सोमवार, 01 सितंबर 2025 को जिले के सभी सरकारी और निजी…

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रुद्रपुर, 30 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 31 अगस्त (रविवार) से दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे खटीमा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देना और एक नए केंद्र का उद्घाटन करना शामिल है। उनका यह दौरा प्रशासनिक और सार्वजनिक दोनों मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री 31 अगस्त को नई दिल्ली एयरपोर्ट से वायुयान द्वारा प्रस्थान कर शाम 05:20 बजे पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। पंतनगर से वे शाम 05:30 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा लोहियाहेड हेलीपैड, खटीमा के लिए उड़ान भरेंगे, जहाँ वे 05:40 बजे पहुंचेंगे। इसके बाद, वे कार द्वारा अपने निजी आवास, नगला तराई, खटीमा जाकर रात्रि विश्राम करेंगे। शहीदों को श्रद्धांजलि और 'साथी केंद्र' का उद्घाटन अगले दिन, 01 सितंबर (सोमवार) को मुख्यमंत्री धामी का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा। सुबह 09:30 बजे से 10:30 बजे तक, वे खटीमा में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम राज्य निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में आयोजित किया गया है। यह शहीदों के बलिदान को याद करने और नई पीढ़ी को राज्य के इतिहास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसके बाद, मुख्यमंत्री सुबह 11 बजे हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा में स्थापित 'साथी केंद्र' का उद्घाटन करेंगे। यह केंद्र आईटीआई कानपुर के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों और युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है। यह केंद्र युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रशासनिक और जनहितैषी उद्देश्य मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल सार्वजनिक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई प्रशासनिक और जनहितैषी उद्देश्य भी हैं। इस दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी कर सकते हैं। वे विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुँच रहा है या नहीं। खटीमा, मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के कारण, इस दौरे का विशेष महत्व है। स्थानीय जनता को उम्मीद है कि इस दौरे से उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को और गति मिलेगी। मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल राज्य निर्माण के शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि यह खटीमा में शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों की समस्याओं को सीधे जानने का भी एक माध्यम है। यह दौरा उत्तराखंड सरकार की जनता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहाँ मुख्यमंत्री स्वयं जमीनी स्तर पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करते हैं और लोगों से सीधे संवाद स्थापित करते हैं।

मुख्यमंत्री धामी का दो दिवसीय जनपद भ्रमण, 31 अगस्त को खटीमा पहुंचेंगे

रुद्रपुर, 30 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 31 अगस्त (रविवार) से दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे खटीमा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देना और एक नए केंद्र का…

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रुद्रपुर, 29 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारी बारिश की आशंका और मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए 'ऑरेंज अलर्ट' के मद्देनज़र, ऊधमसिंह नगर जिले में शनिवार, 30 अगस्त 2025 को सभी सरकारी और निजी स्कूल, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष, श्री नितिन सिंह भदौरिया ने छात्र-छात्राओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। यह फैसला मौसम की गंभीर चेतावनी को देखते हुए लिया गया है, जिसमें अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड के कई हिस्सों में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग की चेतावनी और 'ऑरेंज अलर्ट' का मतलब भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून ने एक विशेष मौसम पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके अनुसार 29 अगस्त से 04 सितंबर 2025 तक उत्तराखंड राज्य के कई जिलों में भारी वर्षा के साथ-साथ गर्जन और आकाशीय बिजली चमकने के तीव्र दौर होने की संभावना है। इस चेतावनी को 'ऑरेंज अलर्ट' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो यह दर्शाता है कि मौसम की स्थिति गंभीर हो सकती है और लोगों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। लगातार बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में नदी-नालों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने की आशंका है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लिया गया निर्णय जिलाधिकारी ने इस स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30(2) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, जनपद ऊधमसिंह नगर में कक्षा 1 से 12 तक के सभी राजकीय (सरकारी), परिषदीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के साथ-साथ सभी आंगनवाड़ी केंद्र भी 30 अगस्त को बंद रहेंगे। यह निर्णय विशेष रूप से छात्रों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, क्योंकि भारी बारिश के दौरान सड़कों पर आवागमन खतरनाक हो सकता है। यह आदेश प्रशासन की दूरदर्शिता को दर्शाता है, जो संभावित आपदा के जोखिम को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश आदेश में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि सभी तहसील और संबंधित विभाग इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। यदि कोई भी विद्यालय इस आदेश की अवहेलना करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी शैक्षणिक संस्थान बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। प्रशासनिक स्तर पर समन्वय की तैयारी इस आदेश की प्रतिलिपि उत्तराखंड शासन, कुमाऊं मंडल और जिले के सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों को भेजी गई है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सभी उपजिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, और जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) शामिल हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी आपात स्थिति में सभी विभाग एक साथ और प्रभावी ढंग से काम कर सकें। जिलाधिकारी ने जिला सूचना अधिकारी को भी निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जनहित में निःशुल्क करें, ताकि जिले का कोई भी नागरिक इस महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित न रहे। यह सार्वजनिक घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी माता-पिता और अभिभावक समय पर सूचित हो जाएं और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। यह निर्णय प्रशासन की ओर से एक जिम्मेदार और समय पर उठाया गया कदम है, जो नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखता है और संभावित जोखिमों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे भी मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

ऊधमसिंह नगर में कल बंद रहेंगे स्कूल: भारी बारिश के ‘ऑरेंज अलर्ट’ के कारण जिलाधिकारी का आदेश

रुद्रपुर, 29 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारी बारिश की आशंका और मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ‘ऑरेंज अलर्ट’ के मद्देनज़र, ऊधमसिंह नगर जिले में शनिवार, 30 अगस्त 2025 को सभी सरकारी और निजी स्कूल, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष, श्री नितिन सिंह…

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रुद्रपुर, 29 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी आकांक्षी जनपद और आकांक्षी विकास खंड कार्यक्रम के अंतर्गत ऊधमसिंह नगर में हो रहे कार्यों की आज मंडलायुक्त दीपक रावत ने गहन समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। देशभर में ऊधमसिंह नगर चौथे स्थान पर जिला सभागार में आयोजित बैठक में मंडलायुक्त ने बताया कि पूरे देश में 112 आकांक्षी जनपदों की पहचान की गई है, जिनमें ऊधमसिंह नगर भी शामिल है। इसके अलावा, गदरपुर विकास खंड को भी आकांक्षी विकास खंड के रूप में चिन्हित किया गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को बधाई दी कि भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा किए गए मूल्यांकन में ऊधमसिंह नगर का स्थान चौथा रहा है। यह उपलब्धि जिले में हो रहे कार्यों की सफलता को दर्शाती है। स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष फोकस मंडलायुक्त ने स्वास्थ्य संकेतकों की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए और विशेष रूप से 'हाई-रिस्क' वाली गर्भवती महिलाओं पर पैनी नजर रखी जाए। इसके साथ ही, संस्थागत प्रसव (सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी) को बढ़ावा देने और बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और जिला कार्यक्रम एवं बाल विकास अधिकारी (DPO) को अल्ट्रासाउंड मशीनों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सके और बालक-बालिका अनुपात को बेहतर बनाया जा सके। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कुपोषण से बाहर निकालने के लिए विशेष प्रयास करने के भी निर्देश दिए गए। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने और 'टीबी मुक्त भारत' अभियान के तहत सभी मरीजों की जांच और दवा वितरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। शिक्षा और कृषि में सुधार शिक्षा के क्षेत्र में, मंडलायुक्त ने सभी विद्यालयों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने 'स्कूल ड्रॉपआउट' बच्चों को वापस स्कूल में दाखिला दिलाने के निर्देश दिए और शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया। कृषि के क्षेत्र में, उन्होंने गर्मियों में होने वाली धान की खेती पर रोक लगाने के कदम की सराहना की और गन्ना, मक्का, दलहन और तिलहन जैसी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी किसानों को 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' वितरित करने और समय पर उन्नत बीज व उर्वरक उपलब्ध कराने को भी कहा गया। आर्थिक सशक्तिकरण पर भी जोर मंडलायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की व्यवस्था को बेहतर बनाने और आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों सहित अन्य बुनियादी ढाँचों के विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को 'पीएम जन धन योजना', 'पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना', 'पीएम सुरक्षा योजना' और 'अटल पेंशन योजना' जैसी योजनाओं के तहत सभी पात्र लोगों को लाभान्वित करने के लिए कहा। सभी अधिकारियों को समन्वय से काम करने के निर्देश जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ पहुँचाकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से नीति आयोग की वेबसाइट को नियमित रूप से देखने और नए विचारों को अपनाने के लिए भी कहा। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी नफील जमील ने बैठक में एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से आकांक्षी जनपद ऊधमसिंह नगर और आकांक्षी विकास खंड गदरपुर में हो रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

आकांक्षी जनपद कार्यक्रम: ऊधमसिंह नगर में स्वास्थ्य, शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश, कमिश्नर ने की समीक्षा

रुद्रपुर, 29 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी आकांक्षी जनपद और आकांक्षी विकास खंड कार्यक्रम के अंतर्गत ऊधमसिंह नगर में हो रहे कार्यों की आज मंडलायुक्त दीपक रावत ने गहन समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए…

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देहरादून, 28 अगस्त 2025 (समय बोल रहा ) – देहरादून में उच्च शिक्षा संस्थानों में लगातार बढ़ रही अराजकता का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के भीतर पढ़ाई की जगह गुटबाज़ी और दबंगई का खेल इस कदर हावी हो गया कि दो छात्र गुटों के बीच हुई वर्चस्व की लड़ाई गोलीबारी तक जा पहुँची। इस गंभीर घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सात छात्रों को गिरफ्तार किया है। कैंपस के बाहर हुई फायरिंग घटना यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर स्थित एक बॉयज पीजी (पेइंग गेस्ट) के पास हुई। आपसी वर्चस्व को लेकर दो छात्र गुटों के बीच शुरू हुई बहस ने हिंसक रूप ले लिया और बात फायरिंग तक पहुँच गई। गोली चलने की आवाज सुनते ही आसपास हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस के मौके पर पहुँचने से पहले ही आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर आरोपियों की पहचान की। जांच में यह सामने आया है कि इस विवाद के पीछे कैंपस के भीतर अपनी दादागिरी स्थापित करने की होड़ थी। सात छात्र गिरफ्तार, सभी उत्तर प्रदेश के निवासी इस मामले में पुलिस ने सात छात्रों को गिरफ्तार किया है और उन्हें भारी मुचलके पर पाबंद किया है। गिरफ्तार किए गए छात्रों की पहचान इस प्रकार है: वैभव तिवारी (वाराणसी, यूपी) उत्तम सैनी (सहारनपुर, यूपी) मयंक चौहान (बिजनौर, यूपी) आयुष (अमरोहा, यूपी) युवराज (सहारनपुर, यूपी) अर्जुन (देवबंद, यूपी) दिव्य (बिजनौर, यूपी) यह बात भी सामने आई है कि इनमें से कई छात्र पहले भी कैंपस के अंदर विभिन्न विवादों और गुटबाज़ी में शामिल रहे हैं। इन छात्रों का आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। शिक्षा की जगह पनप रही है अराजकता यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि क्या उच्च शिक्षा संस्थान सिर्फ डिग्री बाँटने का माध्यम बनकर रह गए हैं? पढ़ाई के नाम पर दाखिला लेने वाले ये छात्र असल में गुंडागर्दी और दबंगई में लिप्त हैं। आकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में अब तक विभिन्न यूनिवर्सिटियों से 85 ऐसे छात्रों को निष्कासित किया जा चुका है। इस तरह की घटनाओं से यह भी स्पष्ट होता है कि कैंपस के माहौल पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की पकड़ ढीली हो चुकी है। छात्रों की जगह उपद्रवी तत्वों ने कैंपस को अपना ठिकाना बना लिया है, जिससे शिक्षा का उद्देश्य ही प्रभावित हो रहा है। जिम्मेदारी किसकी? यह सिर्फ छात्रों की गुंडागर्दी नहीं, बल्कि सीधे तौर पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन की विफलता है। जब तक प्रशासन कैंपस के भीतर और बाहर होने वाली गतिविधियों पर कड़ी निगरानी नहीं रखेगा, तब तक शिक्षा का माहौल ऐसे ही अराजकता की भेंट चढ़ता रहेगा। यह समय है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन न केवल दाखिला प्रक्रिया को सख्त करे, बल्कि ऐसे तत्वों को कैंपस से पूरी तरह निष्कासित कर दे।

देहरादून यूनिवर्सिटी में छात्रों की गुटबाज़ी का विस्फोट: फायरिंग कांड के बाद 7 गिरफ्तार

देहरादून, 28 अगस्त 2025 (समय बोल रहा ) – देहरादून में उच्च शिक्षा संस्थानों में लगातार बढ़ रही अराजकता का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के भीतर पढ़ाई की जगह गुटबाज़ी और दबंगई का खेल इस कदर हावी हो गया कि दो छात्र गुटों के बीच हुई वर्चस्व की…

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रुद्रपुर, 26 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंह नगर जिले की कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पुलिस महकमे में एक बड़ा फेरबदल किया गया है। सोमवार को जारी किए गए एक आदेश के तहत, सात निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन कर उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इस कदम को प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। प्रमुख निरीक्षकों का स्थानांतरण: जानें कौन कहाँ गया पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी किए गए आदेश में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों में अनुभवी अधिकारियों को नई और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। निरीक्षक राजेंद्र सिंह डांगी: इन्हें पुलिस लाइन रुद्रपुर से स्थानांतरित कर कोतवाली जसपुर का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है। डांगी को जसपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की जिम्मेदारी देना यह दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। निरीक्षक रवि सैनी: पुलिस लाइन रुद्रपुर से हटाकर इन्हें कोतवाली कुंडा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुंडा क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण नियुक्ति मानी जा रही है। निरीक्षक हरेंद्र चौधरी: अब तक प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कुंडा रहे हरेंद्र चौधरी को प्रभारी एसओजी (SOG) काशीपुर नियुक्त किया गया है। एसओजी की जिम्मेदारी आमतौर पर गंभीर अपराधों की जांच और अपराधियों को पकड़ने की होती है, जिससे यह नियुक्ति चौधरी की क्षमता पर पुलिस प्रशासन के विश्वास को दर्शाती है। निरीक्षक सुरेंद्र शर्मा: ये कोतवाली पंतनगर से हटाकर साइबर सेल प्रभारी, पुलिस कार्यालय रुद्रपुर की नई जिम्मेदारी संभालेंगे। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह एक रणनीतिक नियुक्ति है, ताकि इन अपराधों पर प्रभावी ढंग से लगाम लगाई जा सके। निरीक्षक धर्मवीर सोलंकी: इन्हें पुलिस लाइन रुद्रपुर से प्रभारी निरीक्षक केलाखेड़ा बनाया गया है। यह नियुक्ति केलाखेड़ा क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। उपनिरीक्षकों का भी हुआ तबादला निरीक्षकों के साथ-साथ दो उपनिरीक्षकों के भी कार्यक्षेत्र बदले गए हैं, जो थानों की दैनिक कार्यप्रणाली को प्रभावित करेंगे। उपनिरीक्षक नंदन सिंह रावत: इन्हें थानाध्यक्ष दिनेशपुर से हटाकर थानाध्यक्ष पंतनगर बनाया गया है। पंतनगर क्षेत्र में स्थित औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उपनिरीक्षक रविंद्र बिष्ट: ये प्रभारी एसओजी काशीपुर से हटाकर थानाध्यक्ष दिनेशपुर नियुक्त किए गए हैं। ये दिनेशपुर में नंदन सिंह रावत की जगह लेंगे। बदलाव का उद्देश्य: पुलिसिंग में दक्षता और सक्रियता बढ़ाना पुलिस महकमे में हुए इन तबादलों को एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पुलिस प्रशासन का मानना है कि इस तरह के बदलाव से पुलिसकर्मी नई ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करते हैं, जिससे उनके प्रदर्शन में सुधार होता है। इन नियुक्तियों से पुलिस अधिकारियों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल भी बनता है। यह भी उम्मीद की जा रही है कि नए अधिकारियों की तैनाती से उनके संबंधित क्षेत्रों में पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार होगा। हरेंद्र चौधरी को एसओजी की जिम्मेदारी देना, सुरेंद्र शर्मा को साइबर सेल का प्रमुख बनाना और राजेंद्र डांगी को जसपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्र की कमान सौंपना यह दर्शाता है कि प्रशासन हर मोर्चे पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। यह बदलाव न केवल आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि जनता के बीच पुलिस की छवि को भी बेहतर बनाने का काम करेगा। इन तबादलों के बाद, सभी निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों को तत्काल अपनी नई जिम्मेदारियों को संभालने के लिए कहा गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पुलिसिंग में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। इस कदम को प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

ऊधमसिंह नगर पुलिस महकमे में फेरबदल: जसपुर, कुंडा और काशीपुर सहित 7 निरीक्षकों-उपनिरीक्षकों के कार्यक्षेत्र बदले, कानून-व्यवस्था मजबूत करने का लक्ष्य

रुद्रपुर, 26 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंह नगर जिले की कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पुलिस महकमे में एक बड़ा फेरबदल किया गया है। सोमवार को जारी किए गए एक आदेश के तहत, सात निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन कर उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी गई…

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नई दिल्ली, 24 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – मानसून की सक्रियता ने देश के कई हिस्सों में कहर बरपा रखा है। राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार तक, भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कई शहरों में जलभराव की स्थिति है, जिससे घरों और दुकानों में पानी घुस गया है। वहीं, नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और भूस्खलन के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है। राजस्थान: बाढ़ और जलभराव से जनजीवन प्रभावित राजस्थान के कई इलाकों में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। राजधानी जयपुर और सीकर जैसे शहरों में भारी जलभराव से आम लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीकर रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पानी में डूब गए हैं, जिससे ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। सबसे ज्यादा खराब हालात उदयपुर में हैं, जहां घरों और दुकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है। यातायात ठप: जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पिछले दो दिनों से जलमग्न है। इसके अलावा, खेरवाड़ा-झाड़ोल मार्ग (NH 927A) पर सोम नदी का पानी आने से रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। भूस्खलन का खतरा: सवाई माधोपुर में बारिश के बाद करीब 50 फीट जमीन धंस गई है, जिससे आसपास के इलाकों में खतरा बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश: घाघरा नदी पर बना बांध टूटा उत्तर प्रदेश में भी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। चंदौली जिले में घाघरा नदी पर बना मुसाहिबपुर बांध अचानक टूट गया, जिससे इसका पानी आसपास के 5 गांवों में घुस गया है। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, फर्रुखाबाद का भुड़िया भेड़ा गांव गंगा नदी की बाढ़ के कारण टापू बन गया है। यहां के लोग नावों के सहारे आवाजाही कर रहे हैं, क्योंकि सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। उत्तराखंड: यमुनोत्री हाईवे बंद उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी बारिश ने कहर बरपाया है। यमुनोत्री नेशनल हाईवे भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की वजह से बंद हो गया है। यह भूस्खलन बाणस के पास हुआ, जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। राजमार्ग बंद होने से यमुनोत्री धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भूस्खलन से सड़क पर मलबा और पत्थर गिर गए हैं, जिन्हें हटाने का काम जारी है। बिहार और झारखंड: नदियां उफान पर, बाढ़ के हालात देश के पूर्वी हिस्सों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार की सुबह मूसलाधार बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में 2 से 3 फीट तक पानी भर गया है। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है और लोगों को जलभराव वाली सड़कों पर चलने में कठिनाई हो रही है। झारखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण नालंदा जिले में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। कई नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और राहत कार्यों के लिए टीमें तैयार रखी हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि मानसून का प्रकोप पूरे देश में बढ़ गया है, जिससे प्रशासन को आपदा प्रबंधन के लिए विशेष कदम उठाने पड़ रहे हैं। मौसम विभाग ने भी आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे इन क्षेत्रों में स्थिति और खराब होने की आशंका है।

देश भर में भारी बारिश और बाढ़ का कहर: राजस्थान में घर-दुकानें डूबीं, यूपी में बांध टूटा और उत्तराखंड में हाईवे बंद

नई दिल्ली, 25 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – मानसून की सक्रियता ने देश के कई हिस्सों में कहर बरपा रखा है। राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार तक, भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कई…

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