उपराष्ट्रपति चुनाव: एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन ने 452 वोटों से जीत दर्ज की, विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया

नई दिल्ली, 09 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा ) – आज के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने एक निर्णायक जीत हासिल कर देश के अगले उपराष्ट्रपति का पद संभाल लिया है। इस चुनाव में उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को बड़े अंतर से हराया, जिससे संसद में सत्ताधारी गठबंधन की मजबूत पकड़ एक बार फिर साबित हो गई है। यह जीत एनडीए के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर उसकी स्थिति को और मजबूत करती है।
जीत के आंकड़े और राजनीतिक संदेश
सुबह से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया शाम तक जारी रही, जिसमें कुल 767 वोट डाले गए। इनमें से 752 वोट वैध पाए गए, जबकि 15 वोट अवैध घोषित कर दिए गए। मतदान के बाद हुई मतगणना में, एनडीए के प्रत्याशी सी.पी. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोटों से संतोष करना पड़ा। वोटों का यह अंतर स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एनडीए का समर्थन आधार संसद में कितना व्यापक और संगठित है।
राधाकृष्णन की 452 वोटों की संख्या एनडीए के एकजुट वोट बैंक को दर्शाती है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शामिल थे। इस जीत ने न केवल उनकी व्यक्तिगत योग्यता को प्रमाणित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सत्ताधारी गठबंधन के पास महत्वपूर्ण विधायी निर्णयों को लागू करने के लिए आवश्यक संख्या बल मौजूद है।
दूसरी ओर, विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को मिले 300 वोट भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं। यह संख्या दिखाती है कि विपक्षी एकता अभी भी एक महत्वपूर्ण ताकत है और वह सरकार की नीतियों का विरोध करने और जनता के मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त संख्या में सांसद जुटा सकती है। यह भविष्य में होने वाले विधायी और राजनीतिक संघर्षों के लिए एक संकेत है कि विपक्ष अपनी आवाज को सशक्त बनाए रखने के लिए तैयार है।
राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव
उपराष्ट्रपति के रूप में सी.पी. राधाकृष्णन की जीत से आने वाले समय में राष्ट्रीय राजनीति पर कई तरह के प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। इस पद पर एनडीए के एक उम्मीदवार का होना सरकार के लिए विधायी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होगा, खासकर जब राज्यसभा में बिल पास करने की बात आती है। यह सरकार को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और महत्वपूर्ण सुधारों को लागू करने में आने वाली बाधाओं को कम कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ताधारी गठबंधन के मजबूत जनादेश की पुष्टि करता है। यह दिखाता है कि गठबंधन का विश्वास और समर्थन अभी भी बरकरार है। यह जीत एनडीए के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इससे भविष्य में होने वाले अन्य चुनावों में भी उसके मनोबल को मजबूती मिलेगी।
सी.पी. राधाकृष्णन अपनी जीत के बाद मीडिया के सामने आए और उन्होंने सभी सांसदों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें वोट दिया। उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और उपराष्ट्रपति पद की गरिमा के अनुसार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने विपक्ष को भी साथ लेकर चलने की बात कही और कहा कि वे सभी दलों के साथ मिलकर देश के विकास के लिए काम करेंगे।
यह चुनाव केवल एक पद की जीत नहीं है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष के बीच शक्ति संतुलन का एक महत्वपूर्ण संकेतक भी है। भले ही विपक्ष इस चुनाव में सफल न हो पाया हो, लेकिन उनके वोटों की संख्या ने यह संदेश दिया है कि भारतीय लोकतंत्र में उनका भी महत्वपूर्ण स्थान है और वे लगातार अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।