उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: 12 जिलों में 16 मार्च के बाद जारी हो सकती है अधिसूचना

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत देहरादून, 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव आया है। पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने और जुलाई में प्रस्तावित चुनावों में देरी के कारण, राज्य सरकार ने पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। अब जिला पंचायतों की कमान जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट संभालेंगे, क्षेत्र पंचायतों का जिम्मा उपजिलाधिकारी देखेंगे, और ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) प्रशासक होंगे। यह निर्णय तब लिया गया है जब वर्ष 2019 में गठित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और नए चुनाव अभी संभव नहीं हो सके हैं। इस बदलाव का सीधा असर प्रदेश की लाखों ग्रामीण जनता पर पड़ेगा। कार्यकाल समाप्ति और चुनाव में देरी: क्यों पड़ी प्रशासकों की जरूरत? उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130 (6) के तहत, वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, शासन ने पूर्व में अधिसूचना संख्या-256316/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 26.11.2024 और अन्य संबंधित अधिसूचनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित जिलाधिकारियों को दिया था। ये प्रशासक कार्यकाल समाप्ति की तिथि से छह महीने तक या नई पंचायतों के गठन तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किए गए थे। हालांकि, इन नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल भी अब समाप्त हो चुका है। ग्राम पंचायतों में 27 मई 2025 को, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई 2025 को, और जिला पंचायतों में 01 जून 2025 को कार्यकाल समाप्त हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि "अति अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण" त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन, प्रशासकों के कार्यकाल समाप्ति की तिथि से पूर्व कराया जाना साध्य नहीं हो सका है। इसी अप्रत्याशित देरी के कारण, अब नई अंतरिम व्यवस्था लागू की गई है। नई प्रशासकीय व्यवस्था: कौन संभालेगा किसकी कमान? वर्तमान की "अपरिहार्य परिस्थिति" को देखते हुए, प्रदेश में जुलाई 2025 में प्रस्तावित आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (हरिद्वार को छोड़कर) प्रक्रिया संपन्न होने तक या नवीन पंचायतों के गठन तक, अथवा 31 जुलाई 2025 (जो भी पहले हो) तक, कार्यहित, जनहित और पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नए अधिकारियों को प्रशासक के रूप में अधिकृत किया गया है। यह निर्णय प्रमोद कुमार बिजलवान, समीक्षा अधिकारी, पंचायती राज विभाग द्वारा 09/06/2025 को जारी अधिसूचना (संख्या: 305002 जैनराज बिंदु-1 /XII(1)/2025/86(15)/2013/ई-68985) में विस्तृत रूप से बताया गया है। नई व्यवस्था के तहत, निम्नवत् अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है: जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को जिला पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह दिखाता है कि जिला स्तर पर शासन ने सबसे उच्च अधिकारी पर भरोसा जताया है ताकि विकास कार्य और प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपनी क्षेत्राधिकारिता में) क्षेत्र पंचायतों का कार्यभार संभालेंगे। उपजिलाधिकारी की नियुक्ति से ब्लॉक स्तर पर प्रभावी निगरानी और निर्णय लेने की क्षमता बनी रहेगी। ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह पद ग्रामीण स्तर पर सीधे जनता से जुड़ा होता है और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने और नई निर्वाचित पंचायतों के गठन तक ग्रामीण विकास कार्य और जन सेवाएं बाधित न हों। पुरानी शर्तों का यथावत् रहना और आगे की राह अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी प्रस्तर-1 में उल्लिखित पूर्व निर्गत अधिसूचनाओं में निहित शेष शर्ते यथावत रहेंगी। इसका अर्थ है कि प्रशासकों के अधिकार और जिम्मेदारियां पूर्व में निर्धारित नियमों के अनुरूप ही होंगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के सुचारू संचालन की आवश्यकता है। हरिद्वार जिले को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, संभवतः वहां की चुनावी या प्रशासनिक स्थिति अलग होने के कारण। अब सभी की निगाहें जुलाई 2025 में होने वाले प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर टिकी हैं, जो नई निर्वाचित पंचायतों को सत्ता में लाएंगे और ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से स्थापित करेंगे। इस बीच, नए प्रशासक जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और विकास कार्यों को गति देने की चुनौती का सामना करेंगे।

देहरादून ,फरवरी 2025 ,(समय बोल रहा)

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना 16 मार्च के बाद जारी होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार और पंचायतीराज निदेशालय चुनावी प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। संभावना जताई जा रही है कि ये चुनाव अप्रैल-मई 2025 में संपन्न कराए जा सकते हैं।

ओबीसी आरक्षण पर टिकी निगाहें

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत पंचायतों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए सरकार को एक समर्पित आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है। यह रिपोर्ट इसी महीने सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आरक्षण नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

हरिद्वार में नहीं होंगे पंचायत चुनाव

हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे, क्योंकि वहां यह प्रक्रिया वर्ष 2022 में पूरी हो चुकी है। बाकी 12 जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों के चुनाव होंगे।

प्रशासन की तैयारियां जोरों पर

राज्य सरकार ने पंचायतीराज विभाग को सभी प्रशासनिक तैयारियां जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। परिसीमन और आरक्षण प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी, जिसके आधार पर चुनावी अधिसूचना निकाली जाएगी।

पंचायतों का पुनर्गठन भी होगा

इस बार के पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी की जाएगी, ताकि नए परिसीमन के अनुरूप प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलाई जा सकें।

संभावित पंचायत चुनाव कार्यक्रम

✔ मार्च 2025 – पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी
✔ अप्रैल-मई 2025 – मतदान और मतगणना
✔ जून 2025 – नई पंचायतों का गठन और शपथ ग्रहण

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 से जुड़ी अहम बातें

✅ राज्य के 12 जिलों में होंगे पंचायत चुनाव
✅ हरिद्वार जिले में चुनाव नहीं कराए जाएंगे
✅ ओबीसी आरक्षण आयोग की रिपोर्ट के बाद तय होगा आरक्षण प्रतिशत
✅ मार्च 2025 में जारी होगी पंचायत चुनाव अधिसूचना
✅ अप्रैल-मई 2025 में हो सकते हैं मतदान
✅ ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन भी इस चुनाव के साथ किया जाएगा

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