उत्तराखंड में लागू हुआ समान नागरिक संहिता (UCC): ऐतिहासिक कदम

देहरादून 27 जनवरी 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड सरकार ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) को राज्य में लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेशवासियों और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय न केवल उत्तराखंडवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखंड से शुरू हुई यह समानता की धारा जल्द ही पूरे देश को प्रभावित करेगी। वादा निभाने की प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी बताया कि 12 फरवरी 2022 को चुनावी वादों के दौरान उन्होंने देवतुल्य जनता से यह संकल्प लिया था कि प्रदेश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जाएंगे। जनता ने उन पर विश्वास जताया और उनकी सरकार को पूर्ण बहुमत दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में UCC लागू करना जनता के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता और संकल्प की पूर्ति को दर्शाता है। समान नागरिक संहिता क्या है? समान नागरिक संहिता (UCC) एक ऐसा कानून है जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान व्यक्तिगत कानून लागू करता है, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो। इसमें विवाह, तलाक, गोद लेना, उत्तराधिकार, और संपत्ति से संबंधित मुद्दों को समान आधार पर सुलझाया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव यह निर्णय केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तराखंड में लागू हुई समान नागरिक संहिता निकट भविष्य में पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनेगी। सामाजिक और कानूनी महत्व उत्तराखंड में UCC लागू करना सामाजिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रदेश के नागरिकों के बीच एकता और न्याय को बढ़ावा देगा। यह फैसला राज्य और देश के कानूनी और सामाजिक ढांचे में एक नई शुरुआत का संकेत देता है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना, भारतीय राजनीति और समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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देहरादून 27 जनवरी 2025 (समय बोल रहा )

उत्तराखंड सरकार ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) को राज्य में लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेशवासियों और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह कदम उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय न केवल उत्तराखंडवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखंड से शुरू हुई यह समानता की धारा जल्द ही पूरे देश को प्रभावित करेगी।

वादा निभाने की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी बताया कि 12 फरवरी 2022 को चुनावी वादों के दौरान उन्होंने देवतुल्य जनता से यह संकल्प लिया था कि प्रदेश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जाएंगे। जनता ने उन पर विश्वास जताया और उनकी सरकार को पूर्ण बहुमत दिया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में UCC लागू करना जनता के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता और संकल्प की पूर्ति को दर्शाता है।

समान नागरिक संहिता क्या है?

समान नागरिक संहिता (UCC) एक ऐसा कानून है जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान व्यक्तिगत कानून लागू करता है, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो। इसमें विवाह, तलाक, गोद लेना, उत्तराधिकार, और संपत्ति से संबंधित मुद्दों को समान आधार पर सुलझाया जाता है।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव

यह निर्णय केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तराखंड में लागू हुई समान नागरिक संहिता निकट भविष्य में पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनेगी।

सामाजिक और कानूनी महत्व

उत्तराखंड में UCC लागू करना सामाजिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रदेश के नागरिकों के बीच एकता और न्याय को बढ़ावा देगा।

यह फैसला राज्य और देश के कानूनी और सामाजिक ढांचे में एक नई शुरुआत का संकेत देता है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना, भारतीय राजनीति और समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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