उत्तराखंड में हुड़दंगियों की खैर नहीं! सड़कों पर शराब पीकर उत्पात मचाने और हूटर बजाने वालों पर पुलिस सख्त, विशेष अभियान शुरू


देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में हूटर बजाने की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। इन बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने के लिए, उत्तराखंड पुलिस ने अब कड़ा रुख अपनाया है। रेंज कार्यालय से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत ऐसे अनुशासनहीन पर्यटकों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का यह कदम राज्य की शांति व्यवस्था और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
पर्यटन सीजन में अनुशासनहीनता: बढ़ती शिकायतें और वायरल वीडियो
उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के कारण देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। वर्तमान में, पर्यटन सीजन चरम पर है, और गढ़वाल मंडल के चारों धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) से लेकर प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे देहरादून, मसूरी, धनोल्टी, चकराता, टिहरी, हर्षिल और अन्य स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए तो सुखद है, लेकिन इसी के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आ रही हैं।
हाल के दिनों में, गढ़वाल के अलग-अलग जिलों से पर्यटकों के उत्पात मचाने, सार्वजनिक स्थानों पर मारपीट करने, और वाहनों से खतरनाक स्टंटबाजी करने की कई शिकायतें मिली हैं। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए हैं, जिससे राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ये वीडियो न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं, बल्कि अन्य पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए भी असहजता और भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करने को मजबूर हुआ है।
पुलिस का ‘जीरो टॉलरेंस’ अभियान: हुड़दंगियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
इन बढ़ती शिकायतों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखते हुए, रेंज कार्यालय ने अब ‘जीरो टॉलरेंस‘ की नीति अपनाने का फैसला किया है। इसके तहत, एक विशेष अभियान शुरू किया गया है जिसका सीधा उद्देश्य उन पर्यटकों पर शिकंजा कसना है जो उत्तराखंड आकर कानून का उल्लंघन करते हैं और सार्वजनिक शांति भंग करते हैं।
पुलिस अब सड़कों पर खुलेआम शराब पीने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने, तेज संगीत बजाकर शोरगुल करने, और विशेष रूप से अनधिकृत रूप से कारों में हूटर या सायरन बजाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। पुलिस स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि पर्यटन का अर्थ अनुशासनहीनता या अराजकता नहीं है। राज्य में सभी का स्वागत है, लेकिन कानून का सम्मान करना अनिवार्य है। इस अभियान में उन व्यक्तियों को भी लक्ष्य किया जाएगा जो खतरनाक ड्राइविंग या स्टंटबाजी करके अपनी और दूसरों की जान खतरे में डालते हैं।
अभियान के तहत गिरफ्तारी और कानूनी प्रावधान
इस विशेष अभियान के दौरान, पुलिस टीम सादे कपड़ों में और यूनिफॉर्म में विभिन्न पर्यटक स्थलों और प्रमुख मार्गों पर तैनात रहेंगी। सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय लोगों से मिली सूचनाओं के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी। जो भी पर्यटक इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) और मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करेगी। शराब पीकर हंगामा करने पर आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ आबकारी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। अनधिकृत रूप से हूटर या सायरन बजाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना और अन्य दंड का प्रावधान है। स्टंटबाजी या रैश ड्राइविंग के मामलों में न केवल भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है और गंभीर मामलों में कारावास की सजा भी हो सकती है। पुलिस का लक्ष्य इन सख्त कार्रवाइयों के माध्यम से एक मिसाल कायम करना है ताकि अन्य लोग ऐसी गलतियां करने से पहले सौ बार सोचें।
स्थानीय निवासियों और अन्य पर्यटकों को मिलेगी राहत
पुलिस के इस विशेष अभियान से स्थानीय निवासियों और अन्य शांतिप्रिय पर्यटकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हुड़दंग और उत्पात मचाने वाले तत्वों के कारण अक्सर स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और शांत वातावरण भंग होता है। इसके अलावा, जो पर्यटक शांति और प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, उन्हें भी ऐसे अप्रिय व्यवहार के कारण असुविधा होती है।
पुलिस के इस कदम से पर्यटन का वास्तविक अनुभव बेहतर होगा, और राज्य की छवि एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में मजबूत होगी। यह अभियान न केवल कानून का राज स्थापित करेगा, बल्कि पर्यटन के लिए एक अधिक सम्मानजनक और सुखद वातावरण भी बनाएगा, जिससे उत्तराखंड अपनी देवभूमि की पहचान को बरकरार रख सके। पुलिस ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे राज्य के कानूनों का पालन करें और अपनी यात्रा को शांतिपूर्ण और सुखद बनाएं।