उत्तराखंड में रिश्वत का ‘खेल’ खत्म! विजिलेंस का बड़ा धमाका, कर्नल भी नहीं बचे!

देहरादून, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): (कर्नल) उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अब जमीन पर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए धामी सरकार द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक नई मिसाल कायम की है, जिससे जनता का सरकार पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है। इसी क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए, हल्द्वानी स्थित सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने जनपद बागेश्वर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सूबोध शुक्ला (सेवानिवृत्त कर्नल) को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
शिकायत और ट्रैप ऑपरेशन: ऐसे दबोचे गए रिश्वतखोर अधिकारी
विजिलेंस विभाग को 1064 टोल फ्री नंबर पर एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें एक सेवानिवृत्त सैनिक ने बताया था कि वह जिला सैनिक कल्याण विभाग से अपने सेवा विस्तार संबंधी कार्य को पूरा करवाने का प्रयास कर रहे थे। इसी कार्य के बदले जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सूबोध शुक्ला ने उनसे 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
यह शिकायत मिलते ही विजिलेंस टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल एक विस्तृत योजना बनाई और ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी शुरू कर दी। 24 मई 2025 को, जब बागेश्वर के सेना निवृत्त ग्राम रामपुर, तहसील कपकोट निवासी सूबोध शुक्ला (जो स्वयं एक सेवानिवृत्त कर्नल हैं) रिश्वत की रकम ले रहे थे, तभी विजिलेंस टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत तत्काल अभियोग पंजीकृत किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कार्रवाई ने सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच एक स्पष्ट संदेश दिया है कि धामी सरकार ऐसी गतिविधियों के प्रति बिल्कुल भी सहनशील नहीं है।
तीन वर्षों में 150 से अधिक गिरफ्तारियाँ: भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का कठोर रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने बीते तीन वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अभूतपूर्व अभियान चलाया है। इस अवधि में भ्रष्टाचार के मामलों में 150 से अधिक गिरफ्तारियाँ कर सरकार ने एक मजबूत मिसाल कायम की है। यह आंकड़ा इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि सरकार केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जमीन पर ठोस और प्रभावशाली कार्रवाई कर रही है। भ्रष्टाचार पर इतने बड़े स्तर पर निरंतर कार्रवाई करके मुख्यमंत्री धामी ने जनता के सामने एक नई नज़ीर पेश की है और इस अभूतपूर्व सक्रियता से लोगों के बीच शासन-प्रशासन के प्रति एक नया विश्वास पैदा हुआ है। यह कार्रवाई सुनिश्चित करती है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी पद का दुरुपयोग कर जनता को परेशान नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री धामी की स्पष्ट चेतावनी: भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सार्वजनिक बयानों में कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनकी यह ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति और सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की त्वरित और प्रभावी कार्रवाइयों के चलते अब सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी काफी सजग हो गए हैं। उन्हें यह अहसास हो गया है कि यदि वे भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह की निरंतर और प्रभावशाली कार्रवाइयों से न केवल शासन-प्रशासन में आवश्यक पारदर्शिता आ रही है, बल्कि आम जनता का सरकार और उसकी कार्यप्रणाली पर भरोसा भी लगातार मजबूत हो रहा है। उत्तराखंड सरकार जनता से अपील करती है कि यदि किसी भी सरकारी विभाग का अधिकारी या कर्मचारी आपसे कार्य के बदले रिश्वत की मांग करता है, तो आप बिना किसी झिझक के टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क करके सतर्कता अधिष्ठान को गोपनीय रूप से सूचित कर सकते हैं। आपकी शिकायत पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी, और आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी। यह अभियान उत्तराखंड को एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।