रुद्रपुर: ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई के लिए मार्च 2025 तक अनुमति, नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

रुद्रपुर, 20 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – जिला प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई पर सख्त रुख अपनाते हुए 1 अप्रैल से 1 जून तक इसकी नर्सरी और रोपाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जिला मजिस्ट्रेट नितिन सिंह भदौरिया द्वारा जारी आदेश के तहत, इस अवधि में यदि कोई किसान धान की नर्सरी तैयार करता या रोपाई करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। किन किसानों को मिलेगी धान रोपाई की अनुमति? मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने बताया कि 31 मार्च 2025 तक ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई की अनुमति केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी, जिन्होंने इस वर्ष रबी सीजन में मटर और सरसों की फसल उगाई थी या जिनके खेतों में अधिक नमी के कारण वे गेहूँ की फसल नहीं उगा सके थे। हालांकि, गेहूँ की कटाई के बाद 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक धान की नर्सरी तैयार करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा, और 1 अप्रैल से 1 जून तक धान रोपाई पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। कानूनी कार्रवाई और निगरानी टीमों की तैनाती प्रशासन ने इस प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए तहसील स्तर पर संयुक्त सर्वेक्षण टीमों का गठन किया है, जो क्षेत्र में नियमित रूप से निगरानी करेंगी। यदि कोई भी किसान प्रतिबंधित समय में धान की नर्सरी तैयार करता या रोपाई करता पाया गया, तो उसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि कुछ किसान पहले से धान की नर्सरी तैयार कर रहे हैं और गेहूँ की कटाई के बाद रोपाई करने की योजना बना रहे हैं। ऐसे किसानों के खिलाफ संबंधित उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करें। किसानों के लिए प्रशासन की अपील कृषि विभाग ने किसानों से सख्त अपील की है कि वे 1 जून के बाद ही खरीफ धान की रोपाई करें। इससे जल प्रबंधन, मृदा संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कोई भी किसान यदि प्रतिबंधित अवधि में धान की रोपाई करता पाया जाता है, तो उसे इसके लिए स्वयं जिम्मेदार माना जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। महत्वपूर्ण बिंदु: ✅ 31 मार्च तक केवल मटर और सरसों उगाने वाले किसानों को धान रोपाई की अनुमति ✅ 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक धान नर्सरी लगाना प्रतिबंधित ✅ 1 अप्रैल से 1 जून तक धान रोपाई पर पूर्ण प्रतिबंध ✅ तहसील स्तर पर सर्वेक्षण टीमें निगरानी करेंगी ✅ नियम तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

रुद्रपुर, 06 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) – जनपद में ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई को लेकर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि दलदली एवं जलभराव वाली भूमि, जहां मक्का या गन्ने की खेती उपयुक्त नहीं है, उन क्षेत्रों के लिए मार्च 2025 तक ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई की अनुमति दी गई है।

हालांकि, वर्तमान में कई क्षेत्रों से ग्रीष्मकालीन धान की नर्सरी लगाने की सूचना मिल रही है। इस पर स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं किसानों को रोपाई की अनुमति होगी, जिनका सर्वेक्षण कर स्वीकृति जारी की गई है। अन्य क्षेत्रों में धान की रोपाई जिलाधिकारी कार्यालय के आदेश (पत्रांक 2473/न्याय अनुभाग-प्रथम/2024, दिनांक 20.11.2024) के अनुसार प्रतिबंधित रहेगी।

मार्च 2025 के बाद रोपाई पर प्रतिबंध

मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि जिन किसानों को स्वीकृति दी गई है, उन्हें मार्च 2025 तक ही रोपाई कार्य पूर्ण करना अनिवार्य होगा। गेहूं की कटाई के बाद और जून 2025 के पूर्व किसी भी स्थिति में धान की रोपाई की अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

मक्का की खेती के लिए बीज खरीद की व्यवस्था

जिन किसानों को ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का की खेती करनी है, वे निम्नलिखित कंपनियों से संकर मक्का बीज खरीद सकते हैं:

  1. बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड

डीकेसी 9108 प्लस – ₹600/किग्रा (संपर्क: महेंद्र यादव, मो.: 9649750476)

डीकेसी 9208 एयू – ₹630/किग्रा

डीकेसी 9248 एयू – ₹680/किग्रा

  1. पायोनियर सीड कंपनी

पी 1899 – ₹615/किग्रा (संपर्क: मुनेश कुमार सक्सेना, मो.: 8270051718)

पी 1881 – ₹625/किग्रा

संपर्क: शमशेर सिंह (मो.: 9012454923)

  1. नुजिवीडू सीड्स

सिम सिम – ₹500/किग्रा (संपर्क: अमर पाल, मो.: 9720058946)

एनएमएच-1368 – ₹550/किग्रा (संपर्क: महेंद्र पाल, मो.: 8077108302)

मक्का उत्पाद की बिक्री सुनिश्चित करने की पहल

कृषि विभाग द्वारा मक्का की बिक्री को लेकर माँ शीतला वैचुरा लिमिटेड एवं किसानों के साथ एमओयू (MoU) किया जा रहा है। जिन किसानों ने अब तक इस फर्म के साथ एमओयू नहीं किया है, वे अभी भी ऐसा कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए किसान न्याय पंचायत प्रभारी, विकासखंड प्रभारी, कृषि यंत्र भूमि संरक्षण अधिकारी एवं मुख्य कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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