रामनगर: गर्जिया में भीषण सड़क हादसा, स्कूली बच्चों को ले जा रहे टेम्पो को कार ने मारी टक्कर; 8 बच्चे समेत 10 गंभीर घायल

बन्नाखेड़ा, 25 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के ग्राम बन्नाखेड़ा में गुरुवार देर रात चोरों की अफवाह और आसमान में एक ड्रोन दिखने की घटना ने एक 25 वर्षीय युवक की जान ले ली। गांव में फैली अफवाह के कारण बड़ी संख्या में लोग सड़क पर जमा हो गए थे, तभी एक तेज रफ्तार अनियंत्रित कार ने भीड़ के बीच से गुजरते हुए सोरन कश्यप नामक युवक को रौंद दिया। इस दर्दनाक हादसे में सोरन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद शुक्रवार को सोरन की मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने न्याय की मांग को लेकर शव को सड़क पर रखकर जमकर हंगामा किया, आरोपी कार चालक की गिरफ्तारी और उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही थी। पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद ही परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया। रात के सन्नाटे में फैली अफवाह, सड़क पर उमड़ा जनसैलाब घटना गुरुवार देर रात की है, जब ग्राम बन्नाखेड़ा का शांत माहौल अचानक एक अफवाह से गरमा गया। गांव में किसी ने आसमान में एक ड्रोन दिखने की बात फैलाई, और इसके साथ ही चोरों के गांव में घुसने की अफवाह भी तेजी से फैल गई। यह अफवाह आग की तरह पूरे गांव में फैल गई, जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए। अपने घरों की सुरक्षा और चोरों को पकड़ने की नियत से बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं, पुरुष और बच्चे अपने घरों से बाहर निकलकर सड़क किनारे जमा हो गए। सभी की निगाहें ड्रोन और चोरों की तलाश में थीं, और वे एक-दूसरे से घटनाक्रम को लेकर बात कर रहे थे। इसी दौरान, बन्नाखेड़ा निवासी 25 वर्षीय सोरन कश्यप पुत्र कन्हई भी अपने परिजनों और अन्य ग्रामीणों के साथ सड़क पर आ गए थे। उन्हें भी गांव की सुरक्षा की चिंता थी और वे अन्य लोगों के साथ मिलकर स्थिति को समझने का प्रयास कर रहे थे। तेज रफ्तार कार ने ली सोरन की जान, हादसा या लापरवाही? ग्रामीणों के सड़क पर जमा होने के इसी नाजुक पल में, एक तेज गति से आती कार ने ग्रामीणों के बीच से निकलने का प्रयास किया। सड़क पर भीड़ और रात के अंधेरे में, कार चालक ने शायद नियंत्रण खो दिया या भीड़ को नजरअंदाज किया, और सीधे 25 वर्षीय सोरन कश्यप को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि सोरन हवा में उछलकर दूर जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद सड़क पर हड़कंप मच गया। लोग चोरों की अफवाह को भूलकर सोरन की ओर दौड़े। पुलिस को तत्काल सूचना दी गई, और लोगों की मदद से गंभीर रूप से घायल सोरन को तुरंत उपचार के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने सोरन कश्यप को मृत घोषित कर दिया। उनकी असामयिक और दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। पहली बार हंगामा और पुलिस का हस्तक्षेप सोरन कश्यप की मौत की खबर सुनते ही उनके परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में ही जमकर हंगामा शुरू कर दिया। वे आरोपी कार चालक पर तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए मोर्चा संभाला और परिजनों व ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत करने का प्रयास किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। न्याय की मांग पर शव रखकर फिर हुआ प्रदर्शन हालांकि, पुलिस के आश्वासन के बावजूद परिजनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। शुक्रवार को, जब सोरन कश्यप का अंतिम संस्कार किया जाना था, परिजनों और ग्रामीणों ने एक बार फिर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने सोरन के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनकी मांग स्पष्ट थी: जब तक आरोपी कार चालक के खिलाफ केस दर्ज नहीं होगा और उसे पकड़ा नहीं जाएगा, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, गांव में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का भरसक प्रयास किया। इस दौरान, प्रभारी निरीक्षक बाजपुर, प्रवीण कोश्यारी, ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगर वे तहरीर देते हैं, तो आरोपी के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद, परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात कार चालक के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने और मौत का कारण बनने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। केस दर्ज होने के बाद ही परिजनों ने आक्रोशित मन से सोरन कश्यप का अंतिम संस्कार किया। पुलिस की तलाश जारी, क्षेत्र में भय का माहौल प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कोश्यारी ने मीडिया को बताया कि "सड़क हादसे में एक युवक की मौत हुई थी। परिजन आरोपी वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आक्रोश दिखा रहे थे। तहरीर के बाद पुलिस ने आरोपी कार चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है और उसकी तलाश की जा रही है।" पुलिस टीमें आरोपी कार चालक की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं और घटना के संबंध में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। यह घटना ग्राम बन्नाखेड़ा में चोरों की अफवाह और ड्रोन के कारण सड़क पर भीड़ जमा होने के अप्रत्याशित परिणाम को दर्शाती है। सोरन कश्यप की दुखद मौत ने न केवल उनके परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि पूरे गांव में शोक और भय का माहौल भी पैदा कर दिया है। यह घटना अफवाहों के प्रसार और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी के गंभीर परिणामों की ओर भी इशारा करती है, जिस पर समाज और प्रशासन दोनों को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी चालक को गिरफ्तार करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।

रामनगर, 24 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर के ग्राम गर्जिया में बृहस्पतिवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह दुर्घटना उस समय हुई, जब सुंदरखाल से ढिकुली राजकीय विद्यालय जा रहे स्कूली बच्चों से भरे एक टेम्पो को गर्जिया के पास एक अनियंत्रित कार ने जोरदार टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि टेम्पो पलट गया और उसमें सवार मासूम बच्चे, एक बुजुर्ग तथा स्वयं चालक समेत कुल दस लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद चीख-पुकार मच गई और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस और स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी घायलों को नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल भर्ती कर लिया है। घायलों में कई बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिससे उनके अभिभावकों और क्षेत्र में गहरा सदमा फैला हुआ है।


सुबह का शांत माहौल चीख-पुकार से गूंजा

सुबह का समय था, जब ग्राम गर्जिया और उसके आसपास का क्षेत्र आम तौर पर शांत रहता है। बच्चे अपने स्कूल जाने की तैयारी में होते हैं और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रहती है। सुंदरखाल से ढिकुली राजकीय विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए टेम्पो परिवहन का एक आम साधन है। बृहस्पतिवार की सुबह भी रोज की तरह बच्चे अपनी कक्षाओं में पहुंचने के लिए इस टेम्पो में सवार थे, अपने दोस्तों के साथ हंसी-मजाक करते हुए वे स्कूल की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन गर्जिया मोड़ के समीप पहुंचते ही अचानक तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने टेम्पो को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि वह सड़क पर बेकाबू होकर पलट गया। टक्कर की आवाज इतनी भीषण थी कि दूर तक सुनाई दी, और इसके तुरंत बाद बच्चों की चीख-पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा।

टक्कर के प्रभाव से टेम्पो के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार बच्चे, बुजुर्ग और चालक सड़क पर बिखर गए। कुछ बच्चे वाहन के अंदर ही फंसे रह गए, जबकि कुछ बाहर जा गिरे। सभी को गंभीर चोटें आई थीं और वे खून से लथपथ थे। यह दृश्य अत्यंत हृदय विदारक था, जिसे देखकर मौके पर मौजूद हर व्यक्ति सहम गया।


तत्काल राहत और बचाव कार्य, 10 जिंदगियां खतरे में

हादसे की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण और स्थानीय नागरिक तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू किया। ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत से टेम्पो में फंसे बच्चों और अन्य घायलों को बाहर निकाला। इसी बीच, पुलिस को सूचना दी गई और कुछ ही मिनटों में पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर सभी घायलों को एंबुलेंस और निजी वाहनों की मदद से तुरंत रामनगर के सरकारी अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। यह तत्परता सराहनीय थी, क्योंकि ऐसे गंभीर हादसों में हर एक पल कीमती होता है।

इस भीषण दुर्घटना में कुल दस लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इनमें आठ मासूम स्कूली बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सिर, हाथ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोटें आई हैं। बच्चों के साथ-साथ टेम्पो चालक और एक बुजुर्ग यात्री को भी गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम तत्काल उनके उपचार में जुट गई। प्राथमिक उपचार के बाद, सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ बच्चों की हालत बेहद नाजुक है, जिसके चलते चिकित्सकों ने उन्हें लगातार निगरानी में रखा है। बच्चों के परिजन अस्पताल पहुंच गए हैं और अपने बच्चों की हालत देखकर उनका रो-रोकर बुरा हाल है।


पुलिस जांच जारी, जिम्मेदार पर होगी सख्त कार्रवाई

पुलिस ने इस भीषण सड़क हादसे का तुरंत संज्ञान लिया है। घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त टेम्पो और कार को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है, जिसमें हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में कार चालक की तेज रफ्तार या लापरवाही को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया, चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और क्षतिग्रस्त वाहनों की फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।

पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और कार चालक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जो भी इस हादसे का जिम्मेदार होगा, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।


क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता, अभिभावक भयभीत

गर्जिया में हुए इस भीषण हादसे ने रामनगर क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं। विशेष रूप से स्कूली बच्चों के परिवहन की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर भयभीत महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और यातायात पुलिस से मांग की है कि स्कूल बसों और टेम्पो सहित सभी यात्री वाहनों की नियमित रूप से फिटनेस जांच की जाए। साथ ही, सड़कों पर गति सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और लापरवाह चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

क्षेत्रीय जनता ने सरकार से सुरक्षित सड़कों और यातायात नियमों के कड़े प्रवर्तन की अपील की है, ताकि भविष्य में इस तरह के दर्दनाक हादसों को रोका जा सके। यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता और उनके कड़े अनुपालन की आवश्यकता को रेखांकित करती है, ताकि मासूम जिंदगियों को यूं असमय काल का ग्रास बनने से बचाया जा सके।

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