बाजपुर में मेडिकल स्टोर पर ताबड़तोड़ छापेमारी: इन दो बड़े स्टोरों पर ताला, लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश; जानिए क्यों हुई ये कार्रवाई!

बाजपुर, 11 जून, 2025 (समय बोल रहा) – बाजपुर में मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है! जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा के कड़े निर्देशों के बाद, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस औचक कार्रवाई में कृष्णा मेडिकल स्टोर और जगदीश मेडिकल स्टोर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद उनके लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति करते हुए दोनों मेडिकल स्टोरों को तत्काल बंद करा दिया गया। यह कार्रवाई प्रदेश भर में अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
अधिकारियों के कड़े निर्देश: औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू
जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दवाओं की उपलब्धता में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा ने सख्त निर्देश जारी किए थे। इन्हीं निर्देशों के क्रम में, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें पुलिस बल भी शामिल था। इस टीम का मुख्य उद्देश्य बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण करना था ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पूरे प्रदेश में दवाओं के अवैध भंडारण, बिना फार्मासिस्ट के स्टोर चलाने और नशीली दवाओं की बिक्री पर लगाम कसने के लिए प्रशासन सक्रिय है। टीम ने बुधवार को बाजपुर के कई प्रमुख मेडिकल स्टोरों को निशाने पर लिया, जिनमें कृष्णा मेडिकल स्टोर, जगदीश मेडिकल स्टोर, जय मेडिकल स्टोर और ओम मेडिकल स्टोर शामिल थे। इन औचक निरीक्षणों का मकसद यह जांचना था कि मेडिकल स्टोर नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं, दवाओं का उचित रख-रखाव हो रहा है या नहीं, और क्या दवाओं की बिक्री के लिए फार्मासिस्ट मौजूद हैं।
दो मेडिकल स्टोरों पर गंभीर अनियमितताएं, लाइसेंस निलंबन की संस्तुति
संयुक्त टीम के निरीक्षण के दौरान, कृष्णा मेडिकल स्टोर पर कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि निरीक्षण के समय स्टोर पर फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिला, जो कि मेडिकल स्टोर चलाने के लिए एक अनिवार्य शर्त है। इसके अलावा, मन प्रभावी औषधियों (साइकोट्रॉपिक ड्रग्स) का बिल सत्यापन भी नहीं पाया गया, जो इन दवाओं की बिक्री और खरीद में पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। ये अनियमितताएं बेहद गंभीर मानी जाती हैं, क्योंकि बिना फार्मासिस्ट के दवाओं की बिक्री से गलत दवा दिए जाने का खतरा रहता है, और मन प्रभावी औषधियों का अनियमित लेनदेन नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकता है। इन गंभीर उल्लंघनों के कारण, कृष्णा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति करते हुए उसे तत्काल बंद करा दिया गया।
इसी तरह, जगदीश मेडिकल स्टोर पर भी चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं। इस स्टोर पर भी फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिला, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। मन प्रभावी औषधियों का बिल सत्यापन भी यहां नहीं पाया गया, जिससे इनकी खरीद-बिक्री में संदिग्धता का संदेह हुआ। इसके अतिरिक्त, जगदीश मेडिकल स्टोर पर फिजिशियन सैंपल (डॉक्टरों को निःशुल्क दिए जाने वाले दवा के नमूने) भी पाए गए, जिन्हें बेचना या व्यावसायिक उपयोग में लाना अवैध है। इन सभी गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए, जगदीश मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी निलंबित करने की संस्तुति की गई और उसे तुरंत बंद करा दिया गया। साथ ही, जांच के लिए जगदीश मेडिकल स्टोर से 03 औषधियों के नमूने भी एकत्र किए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि उनकी गुणवत्ता और वैधता सुनिश्चित की जा सके।
अन्य स्टोरों को निर्देश और भविष्य की कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान, ओम मेडिकल स्टोर पर कुछ मामूली अनियमितताएं पाई गईं, लेकिन वे उतनी गंभीर नहीं थीं कि तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने ओम मेडिकल स्टोर को दवाओं के रख-रखाव को बेहतर बनाने और टीबी (तपेदिक) की दवाओं के लिए प्रथक पंजिका (अलग रजिस्टर) बनाने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं का रिकॉर्ड सही तरीके से रखा जाए और उनका दुरुपयोग न हो।
नीरज कुमार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, जनपद के सभी मेडिकल स्टोरों का लगातार और सघन निरीक्षण किया जाएगा। यह अभियान दवाओं की गुणवत्ता, उनकी अवैध बिक्री पर रोक लगाने और फार्मासिस्ट की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जारी रहेगा। संयुक्त टीम में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के साथ औषधि निरीक्षक शुभम कोटनाला, निधि शर्मा, अर्चना गहतोड़ी, पूजा जोशी, पूजा रानी शर्मा, पंकज पंत, हर्षिता और बाजपुर कोतवाली पुलिस के जवान शामिल थे।
इस छापेमारी अभियान से बाजपुर के मेडिकल स्टोर संचालकों में एक स्पष्ट संदेश गया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन दवाओं की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और बिना लाइसेंस या फार्मासिस्ट के स्टोर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जनता के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ न हो।