पहलगाम आतंकी हमला: 28 पर्यटकों की हत्या से दहशत, ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली जिम्मेदारी

अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — पहलगाम आतंकी हमला ,जम्मू-कश्मीर के शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बाईसरण घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी की शांति को गहरी चोट पहुंचाई है। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। हमला कैसे हुआ? घटना दोपहर के समय उस वक्त हुई जब पर्यटक बाईसरण में घुड़सवारी, पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चार से छह की संख्या में आतंकी सेना की वर्दी पहनकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोगों ने जान बचाने के लिए पास के जंगलों में शरण ली। मृतक और घायल प्रशासन के मुताबिक, हमले में मारे गए 28 लोगों में 24 भारतीय पर्यटक, 2 स्थानीय निवासी और 2 विदेशी नागरिक शामिल हैं। घायलों को श्रीनगर और अनंतनाग के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। घायलों में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र के नागरिक शामिल हैं। आतंकी संगठन का बयान द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने एक ऑनलाइन बयान में हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे ‘बाहरी बसावट’ के खिलाफ प्रतिरोध की कार्रवाई बताया। TRF ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भूमि और संसाधनों पर बाहरी लोगों का अधिकार बढ़ा है और यह हमला उसी का प्रतिरोध था। प्रधानमंत्री ने की आपात बैठक घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में रोक दी और दिल्ली लौटकर आपातकालीन सुरक्षा बैठक की। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह हमला भारत की आत्मा पर हमला है, इसका करारा जवाब दिया जाएगा।" गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत श्रीनगर पहुंचे और उच्चस्तरीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने एनआईए, रॉ और आईबी को मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। सुरक्षा बलों का जवाब हमले के बाद पहलगाम और आसपास के इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक 100 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि हमलावरों को स्थानीय मदद भी मिली थी। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हमला मानवता के खिलाफ अपराध है। पर्यटन उद्योग को झटका पहलगाम घाटी का यह हमला वहां के पर्यटन व्यवसाय के लिए एक बड़ा झटका है। कई टूरिस्ट एजेंसियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं और कई पर्यटक समय से पहले ही लौट रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के हमले कश्मीर की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और बेरोजगारी को बढ़ाते हैं। जनमानस में गुस्सा हमले के बाद स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भारी आक्रोश व्यक्त किया है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की जा रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अब बहुत हो गया, हम शांति चाहते हैं, न कि खून खराबा।” पहलगाम हमला पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी है। यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद अब भी कश्मीर की शांति और भारत की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा है। ऐसे में समय आ गया है कि देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़े, ताकि फिर किसी निर्दोष की जान यूं न जाए।


अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — पहलगाम आतंकी हमला ,जम्मू-कश्मीर के शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बाईसरण घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी की शांति को गहरी चोट पहुंचाई है। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है।

हमला कैसे हुआ?

घटना दोपहर के समय उस वक्त हुई जब पर्यटक बाईसरण में घुड़सवारी, पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चार से छह की संख्या में आतंकी सेना की वर्दी पहनकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोगों ने जान बचाने के लिए पास के जंगलों में शरण ली।

मृतक और घायल

प्रशासन के मुताबिक, हमले में मारे गए 28 लोगों में 24 भारतीय पर्यटक, 2 स्थानीय निवासी और 2 विदेशी नागरिक शामिल हैं। घायलों को श्रीनगर और अनंतनाग के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। घायलों में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र के नागरिक शामिल हैं।

आतंकी संगठन का बयान

द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने एक ऑनलाइन बयान में हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे ‘बाहरी बसावट’ के खिलाफ प्रतिरोध की कार्रवाई बताया। TRF ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भूमि और संसाधनों पर बाहरी लोगों का अधिकार बढ़ा है और यह हमला उसी का प्रतिरोध था।

प्रधानमंत्री ने की आपात बैठक

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में रोक दी और दिल्ली लौटकर आपातकालीन सुरक्षा बैठक की। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह हमला भारत की आत्मा पर हमला है, इसका करारा जवाब दिया जाएगा।”

गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत श्रीनगर पहुंचे और उच्चस्तरीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने एनआईए, रॉ और आईबी को मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए।

सुरक्षा बलों का जवाब

हमले के बाद पहलगाम और आसपास के इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक 100 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि हमलावरों को स्थानीय मदद भी मिली थी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हमला मानवता के खिलाफ अपराध है।

पर्यटन उद्योग को झटका

पहलगाम घाटी का यह हमला वहां के पर्यटन व्यवसाय के लिए एक बड़ा झटका है। कई टूरिस्ट एजेंसियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं और कई पर्यटक समय से पहले ही लौट रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के हमले कश्मीर की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और बेरोजगारी को बढ़ाते हैं।

जनमानस में गुस्सा

हमले के बाद स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भारी आक्रोश व्यक्त किया है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की जा रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अब बहुत हो गया, हम शांति चाहते हैं, न कि खून खराबा।”

पहलगाम हमला

पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी है। यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद अब भी कश्मीर की शांति और भारत की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा है। ऐसे में समय आ गया है कि देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़े, ताकि फिर किसी निर्दोष की जान यूं न जाए।


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