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काशीपुर, 31 मई 2025 (समय बोल रहा ): कोतवाली क्षेत्र से एक बार फिर एक नाबालिक लड़की के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने का मामला सामने आया है। घर से बिना बताए निकली इस नाबालिक लड़की को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों ने रामनगर और ठाकुरद्वारा के दो युवकों पर उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने लड़की की माँ की तहरीर के आधार पर दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नाबालिक लड़की 28 मई की शाम से लापता कोतवाली क्षेत्र निवासी महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी नाबालिक लड़की बीते 28 मई की शाम घर से अचानक लापता हो गई। लड़की ने घर में किसी को कुछ नहीं बताया और चुपचाप निकल गई। जब देर शाम तक वह वापस नहीं लौटी, तो परिजनों ने रिश्तेदारों और आस-पास के इलाकों में उसकी खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन कहीं भी उसका सुराग नहीं मिला। फरदीन और उसके दोस्त पर गंभीर आरोप लड़की की माँ ने कोतवाली पुलिस में दी गई तहरीर में रामनगर चिलकिया टांडा निवासी फरदीन और उसके ठाकुरद्वारा निवासी दोस्त पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मिलकर उसकी नाबालिक बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाया है। महिला ने यह भी दावा किया है कि उसकी बेटी पहले भी एक बार घर से इसी तरह चली गई थी और उस समय भी पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पहले भी फरदीन पर लग चुका है शक पहली बार जब लड़की लापता हुई थी, तब बरामद होने के बाद उसने अपनी माँ को बताया था कि फरदीन ही उसे अपने साथ ले गया था। उस समय भी परिवार ने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन मामले को हल्का मानकर छोड़ दिया गया था। अब दोबारा उसी युवक का नाम सामने आने से मामला और गंभीर हो गया है। महिला का कहना है कि अगर पहले समय पर कड़ी कार्रवाई की गई होती, तो दोबारा उसकी नाबालिक बेटी ऐसी स्थिति में न पड़ती। माँ की गुहार: मेरी बेटी को वापस लाओ परेशान माँ ने पुलिस से गुहार लगाई है कि उसकी नाबालिक बेटी को जल्द से जल्द बरामद किया जाए और जिन लोगों ने उसे बहकाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। महिला ने कहा कि उसकी बेटी अभी नाबालिक है और किसी भी तरह के बहकावे में आसानी से आ सकती है। ऐसे में आरोपी युवक उसके भविष्य को खराब कर सकते हैं। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, शुरू की तलाश कोतवाली पुलिस ने महिला की तहरीर के आधार पर रामनगर निवासी फरदीन और उसके ठाकुरद्वारा निवासी दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कहा है कि लड़की की तलाश के लिए संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम भी बनाई गई है। इलाके में बढ़ी चिंता, लोगों ने जताई नाराजगी एक ही नाबालिक लड़की के दो बार इस तरह लापता होने से इलाके में तनाव और चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस ने पहली बार सख्त कार्रवाई की होती, तो दोबारा ऐसी घटना नहीं होती। कई स्थानीय लोगों ने भी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने और लड़की को सुरक्षित वापस लाने की मांग की है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ? कानून विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिक लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, और अगर इसमें किसी भी प्रकार की यौन शोषण या मानव तस्करी की आशंका हो, तो POCSO एक्ट सहित कई सख्त धाराएं लग सकती हैं। प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस बार कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और नाबालिक लड़की को सकुशल बरामद करता है या नहीं। ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवार को राहत देती है बल्कि समाज में एक कड़ा संदेश भी जाती है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

काशीपुर: नाबालिक लड़की घर से लापता

काशीपुर, 31 मई 2025 (समय बोल रहा ): कोतवाली क्षेत्र से एक बार फिर एक नाबालिक लड़की के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने का मामला सामने आया है। घर से बिना बताए निकली इस नाबालिक लड़की को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों ने रामनगर और ठाकुरद्वारा के दो युवकों पर उसे बहला-फुसलाकर…

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देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक सबक है, जो इस दुखद मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण और विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित बताया, और जोर देकर कहा कि जिन लोगों ने लगातार जांच एजेंसियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे, उन्हें अब अदालत के इस स्पष्ट और निर्णायक फैसले का सम्मान करना चाहिए। श्री चौहान ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अदालत ने अपने निर्णय में तथ्यों और पुख्ता सबूतों को आधार बनाया है। उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी भूमिका शुरू से ही दुष्प्रचार फैलाने और ओछी राजनीति करने की रही है, जो अब सबके सामने उजागर हो चुकी है। कांग्रेस लगातार अंकिता मामले में "लचर पैरवी" का आरोप लगाती रही, लेकिन अदालत का यह फैसला उनकी उन सभी मनगढ़ंत आशंकाओं और दुष्प्रचार को निरर्थक साबित कर गया है। श्री चौहान ने कहा, "आखिरकार, न्याय मिला है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।" उन्होंने अंकिता के नाम पर निकाली गईं तमाम "राजनीतिक यात्राओं" पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं का मूल उद्देश्य अंकिता को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि राजनीतिक तुष्टि और लाभ प्राप्त करना था, और इस फैसले के बाद उनकी यह कुत्सित मंशा पूरी नहीं हो पाई है। जांच एजेंसियों की भूमिका और कांग्रेस का दोहरा मापदंड श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि अंकिता केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश की बेटी थी। उनके परिजनों के दुख में समस्त देवभूमिवासी शामिल थे। उन्होंने जांच एजेंसियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव साक्ष्य एकत्रित किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब जांच एजेंसियां पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ साक्ष्य जुटाने और मामले की गहन विवेचना कर रही थीं, तब कांग्रेस सहित कुछ अन्य दल जानबूझकर "नई थ्योरी" सामने लाने की साजिश रच रहे थे और दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस के दोहरे रवैये पर श्री चौहान ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि कांग्रेस एक तरफ अंकिता के हत्यारों को मिली सज़ा को 'संतोषजनक' बता रही है, और दूसरी तरफ उसी फैसले पर सवाल भी उठा रही है।" उन्होंने याद दिलाया कि जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की गहन और विस्तृत जांच के दौरान कोई भी ऐसी बात सामने नहीं आई, जो कांग्रेस के दुष्प्रचार को बल देती हो। उनका सारा खेल केवल "दुष्प्रचार" तक ही सीमित रहा और सच्चाई से कोसों दूर था। मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय सहयोग और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस मुद्दे पर शुरुआत से ही बारीकी से नज़र रखी और जांच एजेंसियों को पूरी तरह से स्वतंत्रता (फ्री हैंड) दी, ताकि जांच में कोई भी बाधा न आए और पूरी पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पूर्व में न्यायालय भी जांच एजेंसियों के कार्य की सराहना कर चुका है, जो उनकी विश्वसनीयता और निष्पक्षता का अकाट्य प्रमाण है। श्री चौहान ने बताया कि पैरवी के दौरान, अंकिता के परिजनों की राय और उनकी मांगों का पूरा सम्मान रखा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि न्याय की प्रक्रिया में उनकी भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन इस फैसले को संतोषजनक बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को अपने राजनीतिक स्वार्थवश यह न्याय "हज़म" नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस की अवसरवादिता और जनता का जवाब भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कांग्रेस पर राजनीतिक अवसरवादिता का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की इस अवसरवादिता का जनता सही समय पर जवाब देगी।" उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस का वास्तविक ध्येय अंकिता को न्याय दिलाना कभी नहीं रहा, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य इस दुखद घटना पर राजनीति करना था। यह फैसला, भाजपा के अनुसार, न केवल अंकिता को न्याय दिलाता है, बल्कि उन सभी राजनीतिक साजिशों और पैंतरेबाज़ियों को भी बेनकाब करता है, जो इस दुखद समय का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि यह फैसला सच्चाई और न्याय की जीत का प्रतीक है, और यह हमारी न्याय प्रणाली की अखंडता और ईमानदारी को दर्शाता है, भले ही कुछ लोग इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश करें।

अंकिता हत्याकांड: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, न्याय की जीत

देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला…

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काशीपुर , 30 मई 2025 (समय बोल रहा) काशीपुर क्षेत्र में स्थित कात्यायनी फैक्ट्री ( कात्यायनी प्राइवेट लिमिटेड ) नामक टिशू पेपर फैक्ट्री से निकलने वाला घना काला धुआं अब स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट बन गया है। फैक्ट्री की चिमनियों से हर दिन निकलने वाला यह धुआं न केवल वायु प्रदूषण फैला रहा है, बल्कि लोगों का जीना भी मुश्किल कर रहा है। स्थानीय लोग लगातार इस समस्या को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन न तो फैक्ट्री प्रबंधन और न ही प्रशासन इस पर कोई ध्यान दे रहा है। "हर सांस में ज़हर घुला है" – स्थानीय लोगों का आरोप स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सुबह उठते ही आँखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएँ आम हो चुकी हैं। लोगों का कहना है कि यह धुआं न सिर्फ हवा को दूषित कर रहा है, बल्कि उनके घरों तक भी पहुँच रहा है। एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया, “हमारी उम्र हो चुकी है, अब सांस लेने में भी डर लगता है। इस काले धुएँ ने जीवन दूभर बना दिया है। बच्चे खांसी से परेशान हैं और कई बार तो घर में भी धुएँ जैसी बदबू आती है।” वहीं एक महिला ने कहा, “हम कपड़े बाहर सुखाते हैं तो उन पर काली परत जम जाती है। घर के दरवाज़े-खिड़कियां बंद रखने के बावजूद यह धुआं अंदर आ जाता है। क्या हम ज़हर में जीने के लिए मजबूर हैं?” कात्यायनी फैक्ट्री प्रशासन का गैर-जिम्मेदाराना रवैया जब "समय बोल रहा" की टीम ने इस गंभीर मुद्दे पर फैक्ट्री के जनरल मैनेजर श्री कपिल गौतम से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जीएम की यह चुप्पी कई सवाल खड़े करती है – क्या फैक्ट्री प्रबंधन इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा? क्या उन्हें अपने सामाजिक और कानूनी दायित्वों की कोई परवाह नहीं? स्थानीय लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री ने प्रदूषण नियंत्रण के कोई ठोस इंतज़ाम नहीं किए हैं। यदि धुआं नियंत्रित करने की तकनीक होती, तो यह समस्या इतनी विकराल नहीं होती। प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की चुप्पी पर नाराज़गी स्थानीय जनता अब सीधे तौर पर प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को कटघरे में खड़ा कर रही है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें दर्ज करवाई गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “क्या प्रदूषण अधिकारी केवल फाइलों पर साइन करने के लिए हैं? क्या उन्हें यह धुआं दिखाई नहीं देता? जब सब कुछ सामने हो रहा है, फिर भी आँखें मूँद लेना, यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं मिलीभगत ज़रूर है।” स्थानीय लोगों की एकजुटता और आंदोलन की चेतावनी स्थिति से त्रस्त होकर अब स्थानीय लोग एकजुट हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि फैक्ट्री को नियंत्रित करने के उपाय नहीं किए गए, तो वे ज़िला मुख्यालय पर धरना देंगे और सोशल मीडिया व मीडिया के ज़रिए इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाएंगे। लोगों की मांग – तुरंत कार्रवाई हो स्थानीय लोगों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं: कात्यायनी फैक्ट्री को प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन करने के लिए बाध्य किया जाए। चिमनियों में आधुनिक धुआं नियंत्रण तकनीक लगाई जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा फैक्ट्री का निरीक्षण किया जाए। सिर्फ कात्यायनी नहीं, यह पूरे क्षेत्र की समस्या यह मामला केवल एक फैक्ट्री तक सीमित नहीं है। काशीपुर क्षेत्र में कई ऐसी फैक्ट्रियाँ कार्यरत हैं जो पर्यावरणीय नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरा क्षेत्र साँस लेने लायक नहीं बचेगा। "समय बोल रहा" की अपील हम प्रशासन और संबंधित विभागों से अपील करते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लें। कात्यायनी प्राइवेट लिमिटेड जैसे संस्थानों को ज़िम्मेदारी के साथ संचालन करना चाहिए। हम जनता के साथ खड़े हैं और इस मुद्दे को तब तक उठाते रहेंगे, जब तक समाधान न हो।

कात्यायनी फैक्ट्री का काला धुआं बना मुसीबत: प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

काशीपुर , 30 मई 2025 (समय बोल रहा) काशीपुर क्षेत्र में स्थित कात्यायनी फैक्ट्री ( कात्यायनी प्राइवेट लिमिटेड ) नामक टिशू पेपर फैक्ट्री से निकलने वाला घना काला धुआं अब स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट बन गया है। फैक्ट्री की चिमनियों से हर दिन निकलने वाला यह धुआं न केवल…

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काशीपुर, 29 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर प्रशासन ने सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने ग्राम बैलजूडी, तहसील काशीपुर में कब्रिस्तान कमेटी, अल्लीखों द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर बनाए गए अवैध गेट और अतिक्रमण को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई दो दिनों तक चली और प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में भी राजकीय भूमि पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। क्या था पूरा मामला: सार्वजनिक रास्ते पर अवैध कब्जा मामले की जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें ग्राम बैलजूडी, तहसील काशीपुर में कब्रिस्तान कमेटी, अल्लीखों द्वारा खसरा नंबर 593 पर अवैध अतिक्रमण कर एक गेट के निर्माण की शिकायत मिली थी। यह खसरा नंबर 593 राजस्व अभिलेखों में वर्ग-6(2) रास्ते के रूप में दर्ज है, जिसका अर्थ है कि यह भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए एक रास्ता है। इस शिकायत के संदर्भ में, नगर निगम, तहसील काशीपुर, चकबंदी विभाग और लोक निर्माण विभाग से एक संयुक्त जांच आख्या (रिपोर्ट) प्राप्त की गई। इस रिपोर्ट में सभी विभागों ने पुष्टि की कि कब्रिस्तान कमेटी द्वारा वास्तव में सार्वजनिक रास्ते पर अवैध अतिक्रमण कर गेट का निर्माण किया जा रहा है। प्रशासन की कानूनी प्रक्रिया: नोटिस और सुनवाई अवैध अतिक्रमण की पुष्टि होने के बाद, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से धारा 152 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत कब्रिस्तान कमेटी को नोटिस जारी किए। उप जिलाधिकारी ने बताया कि नोटिस जारी करने के बाद, मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुना गया और उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया। दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद, 27 मई को उप जिलाधिकारी द्वारा अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने के आदेश पारित किए गए। यह दर्शाता है कि प्रशासन ने बिना किसी भेदभाव के, नियमानुसार कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए यह निर्णय लिया। दो दिवसीय ध्वस्तिकरण अभियान: रास्ता हुआ पूरी तरह खाली उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने आगे बताया कि अदालत के आदेश के अनुपालन में, 28 मई बुधवार को अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई। यह अभियान बेहद व्यवस्थित और प्रभावी तरीके से चलाया गया। 29 मई, गुरुवार की सुबह तक, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, तहसीलदार काशीपुर और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम ने मिलकर इस अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से हटा दिया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आम जनमानस को आने-जाने में कोई समस्या उत्पन्न न हो और भविष्य में इस अवैध निर्माण के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने की संभावना न रहे। उप जिलाधिकारी ने पुष्टि की कि वर्तमान में उक्त रास्ता पूर्ण रूप से खोल दिया गया है और अब यह आम जनता के आवागमन के लिए पूरी तरह से सुलभ है। भविष्य की चेतावनी: अन्य अतिक्रमणकारियों पर भी होगी कार्रवाई इस सफल अभियान के बाद, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने एक स्पष्ट संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अन्य स्थानों पर भी, जहाँ राजकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उन्हें चिन्हित किया जाएगा और नियमानुसार अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने की कार्यवाही की जाएगी। यह बयान उन सभी अतिक्रमणकारियों के लिए एक कड़ी चेतावनी है, जिन्होंने सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। प्रशासन अब ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं बरतेगा और कानून के दायरे में रहकर सख्त से सख्त कदम उठाएगा।

एक्शन में काशीपुर प्रशासन: कब्रिस्तान कमेटी का सार्वजनिक रास्ते पर अवैध गेट ध्वस्त, अब कहीं नहीं बचेगा कब्जा!

काशीपुर, 29 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर प्रशासन ने सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने ग्राम बैलजूडी, तहसील काशीपुर में कब्रिस्तान कमेटी, अल्लीखों द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर बनाए गए अवैध गेट और…

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नई दिल्ली, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): देश भर के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं, और इसी के साथ लाखों लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने या पहाड़ों की ठंडी वादियों में घूमने का प्लान बनाकर निकल पड़े हैं। लेकिन, छुट्टियों के इस खुशनुमा माहौल में भी ट्रेनों की अनियंत्रित लेटलतीफी ने रेल यात्रियों की मुसीबतें कई गुना बढ़ा दी हैं। दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल समेत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, गोरखपुर और मुजफ्फरनगर जैसे प्रमुख रूटों पर चलने वाली ट्रेनें घंटों देरी से पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को भीषण गर्मी में प्लेटफॉर्म पर लंबा और थकाऊ इंतजार करने को मजबूर होना पड़ रहा है। राप्तीगंगा एक्सप्रेस की बदहाली: चार घंटे की देरी ने यात्रियों को रुलाया ट्रेनों की देरी का ताजा और सबसे बड़ा उदाहरण गोरखपुर से आने वाली राप्तीगंगा एक्सप्रेस का है। देहरादून रेलवे स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि यह महत्वपूर्ण ट्रेन मंगलवार को अपने निर्धारित समय से करीब चार घंटे की देरी से शाम छह बजे देहरादून पहुंची। इतनी बड़ी देरी के कारण, इस ट्रेन को देहरादून से भी अपने अगले गंतव्य के लिए तीन घंटे 45 मिनट की देरी से रात सात बजे रवाना किया जा सका। ट्रेनों की इस भयावह अनियमितता ने यात्रियों को, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को, भारी असुविधा में डाल दिया है। मैदानी शहरों की तपिश से पहाड़ों का रुख, पर रेलवे की चुनौती मई-जून का महीना आते ही, मैदानी इलाकों में गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाती है। ऐसे में लाखों लोग मैदानी शहरों की तपिश से राहत पाने के लिए पर्वतीय राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की ओर रुख करते हैं। स्कूलों की गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने से यह भीड़ और भी बढ़ जाती है, क्योंकि परिवार बच्चों के साथ हिल स्टेशनों की तरफ पलायन करते हैं। इन पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के लिए रेलवे अक्सर परिवहन का सबसे किफायती और पसंदीदा साधन होता है। लेकिन, ट्रेनों की लगातार देरी उनके सफर को आरामदायक रहने के बजाय एक दुःस्वप्न में बदल रही है। समर स्पेशल ट्रेनों की भी यही कहानी: वेटिंग लिस्ट और निराशा रेलवे विभाग ने गर्मियों के सीजन में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए और उनकी सुविधा के लिए कई समर स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। ये ट्रेनें यूपी के कई शहरों सहित दिल्ली-एनसीआर, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर अतिरिक्त सेवाएं प्रदान कर रही हैं। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से, इन समर स्पेशल ट्रेनों में भी सीटों की वेटिंग लिस्ट काफी लंबी है। इसका मतलब है कि यात्रियों को, विशेषकर जो आखिरी समय में टिकट बुक करते हैं, कंफर्म सीट नहीं मिल पा रही है। यह स्थिति उन लोगों के लिए और भी मुश्किल पैदा कर रही है, जिन्होंने पहले से अपनी छुट्टियों की योजना बना रखी है और अब टिकट न मिलने के कारण अपनी यात्रा रद्द करने या महंगी वैकल्पिक व्यवस्था करने पर मजबूर हैं। रेलवे को सुधारने होंगे इंतजाम: यात्रियों को चाहिए समयबद्ध और आरामदायक सफर ट्रेनों की यह लगातार लेटलतीफी सीधे तौर पर लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाओं को प्रभावित कर रही है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ रहा है। खासकर ऐसे समय में जब बच्चे छुट्टी पर होते हैं और परिवार एक साथ यात्रा करना चाहते हैं, ट्रेनों का समय पर न चलना निराशाजनक है। रेलवे प्रशासन को इस गंभीर समस्या पर तुरंत और गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्हें ट्रेनों के संचालन को सुचारु बनाने और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। समय पर ट्रेनों का चलना न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे रेलवे की विश्वसनीयता और छवि भी मजबूत होगी।

सावधान! गर्मियों की छुट्टियों में सफर बना आफत: ट्रेनों की लेटलतीफी ने छीनी यात्रियों की ‘खुशी’, अब प्लेटफॉर्म पर घंटों इंतजार!

नई दिल्ली, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): देश भर के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं, और इसी के साथ लाखों लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने या पहाड़ों की ठंडी वादियों में घूमने का प्लान बनाकर निकल पड़े हैं। लेकिन, छुट्टियों के इस खुशनुमा माहौल में भी ट्रेनों की अनियंत्रित लेटलतीफी…

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काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 20 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे इंतजार और अथक संघर्ष के बाद न्याय मिला है, जिससे क्षेत्र में कानून का राज स्थापित होने का संदेश गया है। क्या था दुर्गापुर दोहरा हत्याकांड? एक दशक पुराना वह खूनी विवाद यह सनसनीखेज मामला 24 अगस्त 2014 को कुंडा थाने में दर्ज किया गया था। ग्राम दुर्गापुर निवासी बचन सिंह ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया था कि उनका बेटा हरनाम सिंह उर्फ हनी गांव में सक्रिय कच्ची शराब बेचने वालों का लगातार विरोध करता था। हनी की यह ईमानदारी और विरोध ही उसकी दुश्मनी का कारण बन गई। बचन सिंह के अनुसार, कच्ची शराब बेचने वाले कुछ लोग, जिनमें कश्मीर सिंह उर्फ शीरी, जसवंत सिंह उर्फ नंदी, विंदर सिंह (सभी निवासी दुर्गापुर), लखविंदर सिंह उर्फ वीरी (ग्राम किलावली), जस्सा सिंह, मंगल सिंह उर्फ मंगत, बबलू सिंह, पासी सिंह, पप्पी सिंह (सभी निवासी ग्राम नवलपुर) और दारा सिंह शामिल थे, हनी से इसी बात पर पुरानी रंजिश रखते थे। बचन सिंह ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि 21 अगस्त 2014 की दोपहर को ये सभी आरोपी उनके घर आए थे। उस समय हरनाम सिंह उर्फ हनी घर पर मौजूद नहीं था। आरोपियों ने बचन सिंह को धमकी देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वे अपने बेटे हरनाम को समझा लें, वरना वे उसे जान से मार देंगे। यह धमकी इस बात का संकेत थी कि आरोपी अपने अवैध धंधे में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं करेंगे। खूनी रात: बहाने से बुलाया और कर दी निर्मम हत्या अगले ही दिन, यानी 22 अगस्त 2014 की शाम को, अब्दुल रहमान निवासी गुज्जर डेरा तुमड़िया डाम ने हरनाम सिंह उर्फ हनी को एक बहाने से अपने डेरे पर बुलाया। आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। डेरे पर पहले से ही मौजूद सभी आरोपी, जिनमें ऊपर उल्लिखित सभी दस लोग शामिल थे, ने मिलकर हमसाज होकर हरनाम सिंह उर्फ हनी और उसके साथी कुलवंत सिंह उर्फ गोले की बेरहमी से हत्या कर दी। इस निर्मम वारदात को अंजाम देने के बाद, हत्यारों ने दोनों शवों को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से जंगल में फेंक दिया। दो दिनों तक दोनों युवक लापता रहे, जिससे उनके परिवारों में चिंता और भय का माहौल था। आखिरकार, 24 अगस्त को, हरनाम सिंह उर्फ हनी और कुलवंत सिंह उर्फ गोले के शव मच्छी कोटा के पास से बरामद किए गए। शवों की बरामदगी की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और लोग सकते में आ गए। लंबी कानूनी लड़ाई और अभियोजन पक्ष के पुख्ता सबूतों ने दिलाई जीत पुलिस ने बचन सिंह की शिकायत के आधार पर तत्काल हत्या का केस दर्ज किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस जांच में कुछ और लोगों की इस दोहरे हत्याकांड में लिप्तता सामने आई, जिसके बाद कुल दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह मामला काशीपुर की तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत में लंबे समय तक विचाराधीन रहा। मुकदमे की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ 18 गवाहों को अदालत के समक्ष पेश किया। इन गवाहों के बयानों को पुख्ता साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने घटना की कड़ियों को जोड़ने और आरोपियों के अपराध को साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदालत ने सभी गवाहों के बयानों और पेश किए गए सबूतों पर गहनता से विचार-विमर्श किया। न्याय की जीत: 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास लंबे इंतजार और गहन सुनवाई के बाद, अदालत ने इस जघन्य दोहरे हत्याकांड के लिए निम्नलिखित दस दोषियों को दोषी ठहराया और उन्हें कठोर आजीवन कारावास की ऐतिहासिक सजा सुनाई: जसवंत सिंह उर्फ नंदी जसवंत सिंह उर्फ जस्सा भगत सिंह उर्फ भगत प्रकाश सिंह उर्फ पासी लखवीर सिंह उर्फ वीरी दारा सिंह प्रकाश सिंह चांदी सिंह लाल सिंह उर्फ बलविंदर सिंह बलविंदर सिंह उर्फ विंदर अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के अतिरिक्त प्रत्येक दोषी पर 20,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो अपराध में लिप्त होते हैं, कि कानून की पकड़ से कोई बच नहीं सकता और उन्हें अंततः अपने किए की सजा भुगतनी पड़ती है। इस फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे समय से प्रतीक्षित न्याय मिला है, जिससे न्यायपालिका में उनका विश्वास और मजबूत हुआ है। यह निर्णय न केवल पीड़ित परिवारों को राहत देगा, बल्कि समाज में कानून के प्रति सम्मान और अपराधियों के मन में भय

काशीपुर के दुर्गापुर दोहरे हत्याकांड में न्याय की जीत: 10 दोषियों को आजीवन कारावास की कठोर सजा

काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई…

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रुद्रपुर, 27 मई 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में खटीमा के चारूबेटा जंगल में मिली एक महिला की अधजली लाश के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने गहन जांच-पड़ताल और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है और महिला के पति को ही उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की मानें तो आरोपी पति ने अपनी पत्नी की पहले गला दबाकर हत्या की और फिर पहचान छिपाने के उद्देश्य से डीजल डालकर उसके शव को आग लगा दी। इस हत्याकांड के पीछे का असली कारण पति के अवैध संबंध और पत्नी द्वारा उसका विरोध करना था। जंगल में मिली थी अधजली लाश, भाई ने लगाया था बहनोई पर आरोप यह दिल दहला देने वाली घटना बीते शनिवार को प्रकाश में आई थी, जब खटीमा के चारूबेटा गांव की नई बस्ती निवासी 34 वर्षीय अनीता पत्नी सुरेश का लगभग 90 प्रतिशत जला हुआ शव उसके घर से करीब 400 मीटर दूर जंगल में बरामद किया गया था। इस वीभत्स दृश्य ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया था। मृतका के भाई रामानंद प्रसाद निवासी वार्ड संख्या छह नानकमत्ता ने तत्काल अपने बहनोई सुरेश पर ही अपनी बहन की हत्या का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। 50 से अधिक लोगों से पूछताछ, ऐसे खुला राज कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था। टीम ने इस मामले में 50 से अधिक लोगों से गहन पूछताछ की और तमाम साक्ष्य जुटाए। पुलिस की कड़ी मेहनत और तकनीकी जांच के बाद रविवार रात करीब आठ बजे हत्यारोपी सुरेश को मुंडेली चौराहे से धर दबोचा गया। सख्ती से पूछताछ में कबूला जुर्म, वजह जानकर पुलिस भी हैरान पुलिस हिरासत में सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी पति सुरेश ने अंततः अपना जुर्म कबूल कर लिया और हत्याकांड को अंजाम देने की पूरी कहानी बताई। उसने पुलिस को बताया कि उसे अपनी पत्नी अनीता का किसी और व्यक्ति से फोन पर लंबी-लंबी बातें करना नागवार गुजरता था। यह उसका शुरुआती बहाना था, लेकिन पुलिस की जांच में असली सच सामने आया। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी पति सुरेश के ही किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे, जिसकी जानकारी उसकी पत्नी अनीता को हो गई थी। अनीता अपने पति के इन अवैध संबंधों का लगातार विरोध कर रही थी, और इसी विरोध ने आरोपी सुरेश को अपनी पत्नी को रास्ते से हटाने के लिए मजबूर कर दिया। साजिश और हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम सुरेश ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या की पूरी योजना बनाई थी। वह 23 मई को दिन में अल्मोड़ा से बस के जरिए हल्द्वानी होते हुए रात में खटीमा पहुंचा। रात करीब 10 बजे वह अपने घर के पीछे जंगल में छिप गया। मौका पाकर उसने रात में अपनी पत्नी अनीता को आवाज देकर दरवाजा खुलवाया। लगभग एक घंटे तक घर में रुककर उसने अपनी पत्नी को बहलाया-फुसलाया और फिर उसे यह कहकर घर से बाहर ले गया कि वे पीछे जंगल में घूमने जा रहे हैं। जंगल में ले जाने के बाद, सुरेश ने मौका देखकर अनीता का गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पहचान छिपाने के उद्देश्य से और साक्ष्य मिटाने के लिए उसने घर में आग जलाने के लिए रखे डीजल को निकाला और अनीता के शव पर डालकर आग लगा दी। वारदात को अंजाम देने के बाद, उसने खाली डीजल की बोतल वहीं जंगल में फेंक दी और रोडवेज बस से हल्द्वानी फरार हो गया। खुद को अनजान दिखाने का ढोंग, लेकिन पुलिस थी शातिर हल्द्वानी पहुंचकर, सुरेश ने अपने पड़ोसी को फोन किया और अनीता के घर से चले जाने की बात पूछी, ताकि वह खुद को अनजान दिखा सके। इसके बाद उसने अपनी बहन, ससुर और साले को फोन करके अनीता के गायब होने की सूचना दी और फिर बस में बैठकर वापस खटीमा आ गया। यहां आकर वह अनीता की तलाश में अनजान बनने का ढोंग करने लगा। जुर्म कबूलने पर बरामद हुए अहम सबूत पुलिस ने इस मामले में लगभग 50 लोगों से पूछताछ की थी, जिसमें कई अहम सुराग मिले। आसपास के लोगों ने भी बताया था कि सुरेश 23 मई को ही खटीमा पहुंच गया था, जिससे पुलिस का शक गहरा गया था। हत्यारोपी पति सुरेश के जुर्म कबूल करने के बाद, पुलिस ने उसकी निशानदेही पर मृतका अनीता को जलाते वक्त पहने गए उसके कपड़े और घटना में इस्तेमाल की गई डीजल की बोतल जंगल से बरामद कर ली। ये सबूत इस मामले में बेहद अहम साबित हुए हैं। पुलिस ने आरोपी सुरेश के खिलाफ दर्ज मुकदमे में साक्ष्य छुपाने की धाराओं की बढ़ोतरी करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसे रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोहर सिंह दसौनी, एसएसआई विनोद जोशी, एसआई किशोर पत, कांस्टेबल नवीन खोलिया, कांस्टेबल कमल पाल जैसे अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस ने इस सफल खुलासे से न केवल एक जघन्य अपराध का पर्दाफाश किया है, बल्कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दर्शाई है।

रुद्रपुर में सनसनीखेज मामला: पति ने की पत्नी की निर्मम हत्या, फिर लगाई आग, क्या था असली मकसद?

रुद्रपुर, 27 मई 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में खटीमा के चारूबेटा जंगल में मिली एक महिला की अधजली लाश के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने गहन जांच-पड़ताल और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली…

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काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ट्रस्ट ने सोमवार को एसडीएम कार्यालय को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। इस घटना ने क्षेत्र में भूमि विवादों और धार्मिक स्थलों से जुड़ी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। क्या है पूरा मामला? ट्रस्ट ने लगाए गंभीर आरोप श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा एसडीएम कार्यालय को सौंपे गए ज्ञापन में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ट्रस्ट के अनुसार, 9 जुलाई 2021 को केडीएफ के नाम एक रजिस्ट्री कराई गई थी। इस रजिस्ट्री में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि का उल्लेख किया गया था, जिसे शंभूनाथ की निजी भूमि दर्शाया गया था। हालांकि, ट्रस्ट का आरोप है कि केडीएफ अध्यक्ष ने धोखाधड़ी करते हुए रजिस्ट्री में दर्शाई गई भूमि के बजाय, उसके पास स्थित सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यह सरकारी भूमि तीर्थ स्थल द्रोणासागर का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। ट्रस्ट ने अपने ज्ञापन में यह भी दावा किया है कि दानदाता द्वारा रजिस्ट्री में जिन स्थानों की तस्वीरें पेश की गई थीं, वे तस्वीरें वास्तव में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि की नहीं थीं, बल्कि सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन की थीं, जिस पर अब अवैध कब्जा कर लिया गया है। बिना अनुमति निर्माण, गोविषाण टीले से दूरी का उल्लंघन ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि केडीएफ अध्यक्ष ने इस सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर बिना किसी सक्षम शासन की अनुमति के एक कार्यालय और एक पक्की दीवार का निर्माण करा लिया है। ट्रस्ट ने यह भी रेखांकित किया है कि यह निर्माण गोविषाण टीले से 100 मीटर के अंदर किया गया है, जबकि ऐसे धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आसपास निर्माण के लिए विशेष नियमों और अनुमतियों की आवश्यकता होती है। ट्रस्ट का कहना है कि यह अवैध निर्माण न केवल सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है, बल्कि यह क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को भी ठेस पहुंचाता है। ट्रस्ट के सदस्यों ने की कार्रवाई की मांग ज्ञापन सौंपने के दौरान श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। इनमें संस्थापक अजय कुमार चौहान, अध्यक्ष अक्षय कुमार नायक, उपाध्यक्ष विजय चौहान, सचिव विजेंद्र सिंह चौहान और कोषाध्यक्ष विशाल गुप्ता शामिल रहे। इन सभी सदस्यों ने एसडीएम से मांग की है कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जाए, सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाया जाए और धोखाधड़ी करने वाले केडीएफ अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि द्रोणासागर जैसे पवित्र स्थल की भूमि को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। केडीएफ अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा, मंदिर ट्रस्ट पर ही लगाए गंभीर आरोप दूसरी ओर, काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष राजीव घई ने श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। घई ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, उन्होंने स्वयं मंदिर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर में आने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग किया जा रहा है और वे लोग विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। घई ने कहा कि उनके द्वारा (केडीएफ) मंदिर क्षेत्र में कुछ रोक-टोक और व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण ये लोग उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रहे हैं। केडीएफ अध्यक्ष राजीव घई ने दावा किया कि उनके द्वारा कोई अवैध कब्जा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "अवैध कब्जे का मामला राजस्व विभाग देखेगा। उन्होंने (ट्रस्ट ने) शिकायत की है, उसकी जांच होगी। हमारा कोई कब्जा नहीं है।" घई ने स्पष्ट किया कि उनके सभी कार्य वैध हैं और वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। प्रशासन की भूमिका और आगे की राह एसडीएम कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त कर लिया है और मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अब यह राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे भूमि के अभिलेखों की गहन जांच करें, मौके पर स्थिति का सत्यापन करें और आरोपों की सच्चाई का पता लगाएं। इस विवाद में दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिससे सच्चाई का पता लगाना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। द्रोणासागर एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसकी भूमि को लेकर विवाद का गहराना चिंता का विषय है। प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि न केवल कानूनी स्थिति स्पष्ट हो सके, बल्कि ऐसे पवित्र स्थलों की गरिमा और उनकी भूमि की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।

काशीपुर: द्रोणासागर की सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद गहराया, केडीएफ अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप

काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस…

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नई दिल्ली, 26 मई 2025 ( समय बोल रहा ): भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नवीनतम आंकड़ों और आर्थिक विश्लेषणों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो इसकी बढ़ती आर्थिक ताकत, लचीलेपन और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत होती भूमिका का एक स्पष्ट प्रमाण है। यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर न केवल देश के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह भविष्य में एक अग्रणी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने की इसकी प्रबल क्षमता को भी रेखांकित करता है। यह उपलब्धि भारत के आर्थिक सुधारों और दूरदर्शी नीतियों का सीधा परिणाम है, जिसने देश को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद लगातार प्रगति करने में सक्षम बनाया है। अभूतपूर्व आर्थिक विस्तार: एक दशक की ऐतिहासिक छलांग पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वास्तव में अभूतपूर्व गति से विकास किया है, जिसने विश्व को आश्चर्यचकित किया है। एक दशक से भी पहले, भारत अभी भी शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था, लेकिन आज यह कई स्थापित और विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर आ गया है। इस तीव्र और टिकाऊ विकास दर ने वैश्विक आर्थिक विश्लेषकों, प्रमुख वित्तीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान समान रूप से भारत की ओर आकर्षित किया है। वे अब भारत को निवेश, व्यापार और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए एक अत्यंत आकर्षक और विश्वसनीय गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। यह विकास दर न केवल संख्यात्मक है, बल्कि यह एक अरब से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी ला रही है। भारत की आर्थिक सफलता के आधार स्तंभ: प्रमुख कारक भारत की इस असाधारण आर्थिक सफलता के पीछे कई परस्पर जुड़े हुए और महत्वपूर्ण कारकों का योगदान रहा है, जिन्होंने मिलकर एक मजबूत नींव तैयार की है: व्यापक आर्थिक सुधार: केंद्र सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए साहसिक और दूरगामी संरचनात्मक सुधारों ने अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान की है। वस्तु एवं सेवा कर (GST) का सफल कार्यान्वयन, जिसने पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली बनाई, व्यापार की जटिलताओं को कम किया है। दिवालियापन संहिता (IBC) ने बैंकों के फंसे हुए कर्जों की वसूली में मदद की है और व्यापारिक दिवालियापन के मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है। इसके अतिरिक्त, रक्षा, रेलवे, कोयला खनन और बीमा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का लगातार सरलीकरण किया गया है, जिससे विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ा है और निवेश के लिए एक अत्यधिक अनुकूल माहौल बना है। डिजिटल क्रांति और समावेशन: 'डिजिटल इंडिया' जैसी महत्वाकांक्षी पहल ने देश में एक अभूतपूर्व डिजिटल क्रांति ला दी है। यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल भुगतान प्रणालियों ने वित्तीय लेनदेन को अत्यधिक सुगम और पारदर्शी बनाया है, जिससे वित्तीय समावेशन बढ़ा है। ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार हुआ है, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आई है और सरकारी सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच बढ़ी है। यह डिजिटलीकरण अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में दक्षता और पारदर्शिता ला रहा है। बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास: सरकार ने देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर लगातार और भारी निवेश किया है। राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, रेलवे नेटवर्क, आधुनिक बंदरगाहों और नए हवाई अड्डों का तेजी से निर्माण हुआ है। इस बुनियादी ढांचे के विकास ने न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, बल्कि वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन की लागत को भी कम किया है, जिससे भारतीय उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी बन रहे हैं। मजबूत घरेलू मांग का आधार: भारत की विशाल और बढ़ती आबादी, साथ ही मध्यम वर्ग की बढ़ती क्रय शक्ति, ने एक मजबूत और स्थिर घरेलू मांग को बनाए रखा है। यह घरेलू मांग वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बाहरी झटकों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को लगातार गति प्रदान कर रही है, जिससे यह वैश्विक मंदी के प्रभावों से अपेक्षाकृत सुरक्षित रही है। विनिर्माण और निर्यात प्रोत्साहन: 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी प्रमुख पहलों ने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है। उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं ने विभिन्न उद्योगों में निवेश आकर्षित किया है और उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है। इन प्रयासों से न केवल भारत की आयात पर निर्भरता कम हुई है, बल्कि इसके निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की हिस्सेदारी और महत्व बढ़ा है। वैश्विक मंच पर बढ़ती साख और प्रभाव दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उदय वैश्विक मंच पर इसकी साख और प्रभाव को कई गुना बढ़ा रहा है। यह उपलब्धि भारत को विभिन्न महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों और बहुपक्षीय संगठनों, जैसे G20, ब्रिक्स (BRICS), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और संयुक्त राष्ट्र में एक मजबूत और अधिक मुखर आवाज़ प्रदान करेगी। भारत अब वैश्विक आर्थिक नीतियों, व्यापार नियमों और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को आकार देने में अधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा। यह बढ़ी हुई साख निश्चित रूप से विदेशी निवेशकों के लिए भारत को और भी आकर्षक बनाती है, जिससे देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निवेश बढ़ेगा और रोजगार के लाखों नए अवसर सृजित होंगे। चुनौतियाँ और आगे का रास्ता: सतत विकास की राह हालांकि, इस शानदार आर्थिक उपलब्धि के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं, जिन पर भारत को निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इनमें प्रति व्यक्ति आय को और अधिक बढ़ाना, आय और संपत्ति की असमानता को कम करना, गुणवत्तापूर्ण रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं, भू-राजनीतिक तनाव, व्यापार संरक्षणवाद और आपूर्ति श्रृंखला में संभावित व्यवधान जैसी बाहरी चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, अधिकांश आर्थिक विशेषज्ञ भारत के दीर्घकालिक आर्थिक भविष्य को लेकर अत्यधिक आशावादी हैं। सरकार की दूरदर्शी नीतियां, भारत की युवा और कार्यशील आबादी का जनसांख्यिकीय लाभ, और तकनीकी नवाचार तथा अनुसंधान एवं विकास के प्रति बढ़ता रुझान भारत को आने वाले दशकों में एक निर्विवाद वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखते हैं। 'अमृत काल' के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण के साथ, भारत एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना इस लंबी और महत्वपूर्ण यात्रा में एक मील का पत्थर है, जो देश को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित करेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा।

भारत ने रचा इतिहास: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर!

नई दिल्ली, 26 मई 2025 ( समय बोल रहा ): भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नवीनतम आंकड़ों और आर्थिक विश्लेषणों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो इसकी बढ़ती आर्थिक ताकत, लचीलेपन और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत होती भूमिका…

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काशीपुर, 25 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शहर के बीचों-बीच स्थित एक मिठाई की दुकान के बाहर से सामने आया है, जहां कुछ देर के लिए खड़ी की गई एक बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत पुलिस को सूचना दी है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना से शहर में एक बार फिर वाहन चोरों के बढ़ते आतंक को लेकर हड़कंप मच गया है। गौरी स्वीट्स के सामने से हुई चोरी की घटना जानकारी के अनुसार, श्यामपुरम कॉलोनी, खड़कपुर देवीपुरा निवासी गारवित शर्मा पुत्र नरेंद्र शर्मा ने थाना आईटीआई में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। गारवित शर्मा ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 9:30 बजे वह अपनी मोटरसाइकिल से किसी काम के लिए निकले थे। उन्होंने अपनी बाइक शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक, गौरी स्वीट्स के सामने खड़ी की और अपने आवश्यक काम से चले गए। यह क्षेत्र आमतौर पर भीड़भाड़ वाला रहता है और लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां वाहन सुरक्षित रहेंगे। एक घंटे में बाइक गायब, मचा हड़कंप गारवित शर्मा के अनुसार, वह अपना काम निपटाकर करीब 10:30 बजे अपनी बाइक लेने वापस लौटे। लेकिन जब वह गौरी स्वीट्स के सामने पहुंचे, तो उन्हें अपनी बाइक वहां नहीं मिली। पहले तो उन्हें लगा कि शायद उन्होंने कहीं और खड़ी कर दी होगी, लेकिन आसपास देखने और काफी खोजबीन करने के बावजूद बाइक का कोई सुराग नहीं मिला। लगभग एक घंटे के भीतर ही उनकी बाइक मौके से गायब हो चुकी थी। इस घटना से गारवित शर्मा के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू शिकायत मिलने के बाद, थाना आईटीआई की पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने गारवित शर्मा की शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का प्रयास कर रही है, ताकि चोरों का कोई सुराग मिल सके। पुलिस ने पीड़ित को आश्वासन दिया है कि जल्द ही चोरों को पकड़कर उनकी बाइक बरामद कर ली जाएगी। शहर में बढ़ती बाइक चोरी की घटनाएं, जनता में दहशत काशीपुर में पिछले कुछ समय से बाइक चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से आए दिन बाइक चोरी की खबरें सामने आती रहती हैं, जिससे आम जनता में दहशत का माहौल है। वाहन चोर इतने बेखौफ हो गए हैं कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों और व्यस्त सड़कों से भी बाइकों को आसानी से निशाना बना रहे हैं। इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है। नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर पार्क करें और उसमें अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण जैसे डिस्क लॉक या एंटी-थेफ्ट अलार्म का इस्तेमाल करें। साथ ही, अनजान जगहों पर वाहन खड़े करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। पुलिस ने यह भी कहा है कि यदि किसी को भी वाहन चोरी या संदिग्ध गतिविधि के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि काशीपुर में वाहन चोरों का गिरोह सक्रिय है और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को और अधिक सक्रियता दिखानी होगी। अपनी बाइक शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक, गौरी स्वीट्स के सामने खड़ी की और अपने आवश्यक काम से चले गए। यह क्षेत्र आमतौर पर भीड़भाड़ वाला रहता है और लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां वाहन सुरक्षित रहेंगे।

ब्रेकिंग! काशीपुर में मिठाई लेने गए, बाइक हुई गायब! गौरी स्वीट्स के बाहर खड़ी बाइक चोरी, मचा हड़कंप!

काशीपुर, 25 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शहर के बीचों-बीच स्थित एक मिठाई की दुकान के बाहर से सामने आया है, जहां कुछ देर के लिए खड़ी की गई एक बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत…

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