नैनीताल: ‘डबल ट्रेजेडी’ से दहला कोटाबाग! पुलिस की ‘मार’ से युवक की आत्महत्या, MLA बंशीधर भगत भी धरने पर बैठे, बिगड़ी तबियत; उसी परिवार में दूसरी मौत ने बढ़ाई हलचल!

नैनीताल, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – नैनीताल जिले के कोटाबाग में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक कमल नगरकोटी ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाकर खुदकुशी कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि परिजनों ने सीधे तौर पर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि सिपाही परमजीत सिंह की पिटाई से क्षुब्ध होकर युवक ने यह आत्मघाती कदम उठाया। इस आरोप के बाद शनिवार को गुस्साए ग्रामीणों ने कोटाबाग चौकी को घेर लिया और आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ पूरी चौकी को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए। इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय विधायक बंशीधर भगत भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए, जिनकी अचानक तबियत बिगड़ने से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
परिजनों का गंभीर आरोप: पुलिस की कथित ‘मार’ ने ली युवक की जान
जानकारी के अनुसार, कोटाबाग निवासी कमल नगरकोटी (उम्र लगभग 20-25 वर्ष) ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर का सेवन कर लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, इस मौत के बाद जो आरोप सामने आए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। कमल के परिजनों का स्पष्ट आरोप है कि सिपाही परमजीत सिंह ने कमल के साथ मारपीट की थी, जिससे वह अत्यधिक मानसिक रूप से परेशान हो गया था। परिजनों के मुताबिक, पुलिस की इसी कथित पिटाई और उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर कमल ने जहर खाने जैसा घातक कदम उठाया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
पुलिस की ओर से अभी तक इस आरोप पर विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह दावा स्थानीय स्तर पर बड़ा आक्रोश पैदा कर रहा है। घटना के बाद से परिवार गहरे सदमे में है और न्याय की गुहार लगा रहा है। यह आरोप पुलिस के आचरण और उसकी जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जनता का आक्रोश: चौकी का घेराव और विधायक का समर्थन
कमल नगरकोटी की मौत और पुलिस पर लगे आरोपों के बाद स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए। शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कोटाबाग पुलिस चौकी का घेराव कर लिया। उनकी मांग थी कि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए और पूरी कोटाबाग चौकी को निलंबित किया जाए। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की घटनाएँ पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े करती हैं और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
ग्रामीणों के इस धरने को स्थानीय विधायक बंशीधर भगत का भी समर्थन मिला। विधायक भगत भी ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। हालांकि, धरने पर बैठे विधायक भगत की अचानक तबियत बिगड़ गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। डॉक्टरों को तुरंत बुलाया गया जिन्होंने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। यह घटनाक्रम पुलिस और प्रशासन पर दबाव को और बढ़ा रहा है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि जब तक एसएसपी खुद मौके पर नहीं आते और पुलिस चौकी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, वे धरना खत्म नहीं करेंगे।
एसएसपी का बयान: जांच जारी, न्याय का आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि कमल नगरकोटी नाम के युवक की जहर खाकर मौत हुई है। एसएसपी मीणा ने यह भी पुष्टि की कि पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। उनका बयान बताता है कि पुलिस आरोपों को गंभीरता से ले रही है, और जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी। पुलिस का कहना है कि वे निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
आत्महत्या के पीछे के वास्तविक कारणों और पुलिस पर लगे आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक जांच और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रशासन को इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
एक ही परिवार में दूसरी संदिग्ध मौत: ‘भावना नगरकोटी’ का मामला भी जुड़ा
इस दुखद घटना ने एक और दर्दनाक पहलू को उजागर किया है, जो इस मामले को और अधिक संवेदनशील बनाता है। आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व इसी परिवार की एक अन्य महिला भावना नगरकोटी की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस खबर को ‘कुमाऊं क्रांति समाचार’ में भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। उस समय मृतका के भाई ने अपनी बहन के ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था।
एक ही परिवार में कुछ ही समय के भीतर दो सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, जिनमें से एक में सीधे पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं, कई सवाल खड़े करती है। यह डबल ट्रेजेडी परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूट पड़ी है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भी चिंता है कि क्या इन दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध है, और क्या यह परिवार किसी बड़े उत्पीड़न का शिकार है। पुलिस को इन दोनों मामलों की गहराई से और पारदर्शिता के साथ जांच करनी होगी ताकि सच्चाई सामने आ सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। यह घटना पुलिस-जनता संबंधों और समाज में कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंतन की मांग करती है।