डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में हुई कृषक बन्धु की बैठक

रूद्रपुर 27 अगस्त, 2024-(समय बोल रहा )- डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में कृषक बन्धु की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कहा कि सभी किसनों एवं किसान संगठनों के हितो का ध्यान रखते हुए समस्याओं का निराकरण किया जायेगा साथ ही सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से सभी को लाभान्वित किया जायेगा। विभिन्न किसान संगठनों से आये प्रतिनिधियों द्वारा ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का एवं गन्ने की फसल को क्षेत्रफल को बढ़ावा दिये जाने हेतु सुझाव दिया गया कि मक्का फसल का एम०एस०पी० निर्धारित किया जाए तथा नमी के निर्धारण हेतु ड्रायर की व्यवस्था की जाए। इस पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ० अभय सक्सेना द्वारा अवगत कराया गया कि ड्रायर हेतु कम्पनियों से वार्ता चल रही है, जिसका प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया कि जनपद में मक्का क्रय हेतु मूल्य निर्धारण के सम्बन्ध में कम्पनियों के साथ बैठक की जायेगी। साथ ही उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में गन्ने के क्षेत्रफल को भी बढ़ाया जायेगा, जिस हेतु चीनी मिलों का आधुनिकीकरण भी कराया गया है तथा मिल अच्छी रिकवरी भी दे रही है एवं किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान भी समय पर हो रहा है। किसानों की मांग थी कि धान फसल तैयार होने से पूर्व किसान प्रतिनिधियों, राईस मिलर्स एवं विभागीय अधिकारियों के साथ 15 सितम्बर तक बैठक करायी जाए, जिसमें धान क्रय की नीति पर पूर्ण चर्चा हो। इस पर जिलाधिकारी द्वारा आश्वस्त किया गया कि धान क्रय केन्द्र खुलने से पहले बैठक करायी जायेगी। किसान संगठनों द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद के सभी क्षेत्रों में 11000 वॉट लाईन के तार काफी झुक गये हैं. इन्हें ठीक किया जाए, जिससे कोई दुर्घटना न हो। किसानों कहा कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर टॅयूब वैल की मोटरों के बिल को माफ किया जाए। कई संगठन प्रतिनिधियों की यह भी मांग थी कि जनपद में किसानों की जोत भूमि दिन पर दिन कम होती जा रही है, उसी के आधार पर ही कम किलोवॉट के कनैक्शन आवंटित किये जायें तथा गेहूँ की बुआई के पश्चात् सिंचाई हेतु बिजली की कटौती दिन में न किया जाए, जिससे किसान दिन में ही सिंचाई कर ले जिससे उसे सर्दी के समय रात में न परेशान होना पड़े। उनकी यह भी मांग थी कि बिजली के बिल के साथ रू0 805 का जो अधिभार लिया जा रहा है. उसे न लिया जाए। इस पर अधिशासी अभियन्ता, विद्युत, बाजपुर द्वारा अवगत कराया गया कि यह धनराशि सभी वर्ग के उपभोक्ताओं से नये कनेक्शन के समय लिया जाना था, जिसे नहीं लिया गया था जो अब बिजली बिलों के साथ जोड़कर 12 किस्तों के रूप में लिया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये कि कटौती के पूर्ण विवरण के साथ पत्रावली प्रस्तुत करें। साथ ही संगठनों की यह भी मॉग थी कि जनपद में जितनी भी नहरें हैं, उनकी समय पर सफाई करायी जाए जिससे पानी टेल तक पहुँच सके। किसान संगठनों की यह भी माँग थी कि गन्ने की फसल में लगने वाले रोगों की रोकथाम हेतु दवा छिड़काव के लिए चीनी मिल व गन्ना विभाग द्वारा ड्रोन की व्यवस्था कराई जाए। किसानों ने जनपद में पोटाश की काफी कमी बताते हुए अच्छी गुणवत्ता का पोटाश उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। किसान संगठनों की यह भी माँग थी कि गन्ने की अच्छी प्रजाति के बीजों को जनपद में स्थित शोध संस्थानों द्वारा स्वयं तैयार किया जाए तथा किसानों को उपलब्ध कराया जाए साथ ही गन्ना शोध संस्थान हेतु भूमि की उपलब्धता कराई जाए। बैठक में मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, सहायक गन्ना आयुक्त आशीष नेगी, सचिव मंडी विश्व विजयदेव सिंह, ललित मोहन पाण्डे, मोहन चन्द्र जोशी, आशा गोस्वामी, विनोद पलड़िया, योगश तिवारी, जय सिंह, जिला अग्रणी लीड बैंक अधिकारी एमएस जंगपागी, सहायक अभियंता विद्युत सुनिल कुमार, लोनिवि परवेज आलम, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नरेश गोस्वामी सहित कृषक सतपाल सिंह, मुखतार सिंह, चॉद सरना, हरपाल सिंह, कुलविन्दर सिंह, हरजिन्दर सिंह, दीप नारायण, बलदेव सिंह, गुरनाम सिंह, सतपाल, परमजीत सिंह, सुरजीत सिंह, साहब सिंह, सुखविन्दर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, गुरविन्दर सिंह, टीका सिंह सैनी, दीदार सिंह, जगदीश सिंह, गुरवख्श सिंह, अमनदीप सिंह, प्रेम सिंह सहोता, दर्शन सिंह, प्रताप सिंह, चौधरी किशन सिंह, सीतल सिंह, विक्रम सिंह, जसविन्दर सिंह, सुखपाल, निर्मल सिंह, सुरजीत सिंह, भूपेन्द्र सिंह बाजवा सहित अनेक कृषक एवं कृषक संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे l

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