जसपुर के कलिया वाला में किसान गोष्ठी का आयोजन, उन्नत खेती पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

जसपुर, 28 मार्च (समय बोल रहा) उत्तराखंड के जसपुर स्थित ग्राम कालिया वाला में आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता तहसीलदार शुभांगी सिंह ने की। बैठक में मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्यान और कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, जैविक खेती, जल संरक्षण और सरकारी अनुदान योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं। कृषि को उन्नत बनाने के लिए दी गई जानकारी गोष्ठी के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों, उर्वरकों के संतुलित उपयोग, फसल चक्र, जल संरक्षण, और मृदा परीक्षण के महत्व को समझाया। अधिकारियों ने बताया कि सही तकनीकों को अपनाने से उत्पादकता में वृद्धि होती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है। विशेषज्ञों ने मत्स्य पालन और पशुपालन पर भी चर्चा की, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए इन्हें सहायक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं। इसके अलावा, सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ड्रिप इरीगेशन योजना और जैविक खेती मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया गोष्ठी में उपस्थित किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा। कुछ किसानों ने कीट नियंत्रण, मिट्टी की उर्वरता, बाजार में फसलों के उचित मूल्य और ऋण सुविधाओं से जुड़ी समस्याएँ साझा कीं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने उनकी शंकाओं का समाधान किया और सुझाव दिए कि किसान समय-समय पर मृदा परीक्षण कराएँ, फसल विविधीकरण को अपनाएँ और तकनीक-आधारित खेती को बढ़ावा दें। पाँच प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित इस अवसर पर पाँच प्रगतिशील किसानों को उनके कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी नवाचार-आधारित खेती और उन्नत तकनीकों के सफल उपयोग के लिए प्रदान किया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगा और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। गोष्ठी में मौजूद प्रमुख व्यक्ति गोष्ठी में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे: मुख्तार सिंह (आत्मा परियोजना के अध्यक्ष), प्रेम सिंह सहोता (किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष), दर्शन सिंह देवल, शीतल सिंह चौधरी, किशन सिंह, सुरजीत सिंह ढिल्लों, सुरेंद्र सिंह, बिर्मल सिंह, सतपाल सिंह, गुरनाम सिंह, रवि साहनी, निशांत सिंह, महल सिंह, संजीव चौधरी, हरजिंदर सिंह, राजू सहोता। किसानों के लिए फायदेमंद रही गोष्ठी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों ने इसे बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गोष्ठियाँ नई तकनीकों को सीखने, सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने और अपनी खेती को अधिक लाभदायक बनाने में मदद करती हैं। प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभ उठा सकें। सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय को दोगुना करना है। इस किसान गोष्ठी ने न केवल किसानों को तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर खेती की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया।
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जसपुर, 28 मार्च (समय बोल रहा)

उत्तराखंड के जसपुर स्थित ग्राम कलिया वाला में आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता तहसीलदार शुभांगी सिंह ने की।

बैठक में मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्यान और कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, जैविक खेती, जल संरक्षण और सरकारी अनुदान योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं।

कृषि को उन्नत बनाने के लिए दी गई जानकारी

गोष्ठी के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों, उर्वरकों के संतुलित उपयोग, फसल चक्र, जल संरक्षण, और मृदा परीक्षण के महत्व को समझाया।

अधिकारियों ने बताया कि सही तकनीकों को अपनाने से उत्पादकता में वृद्धि होती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है।

विशेषज्ञों ने मत्स्य पालन और पशुपालन पर भी चर्चा की, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए इन्हें सहायक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं।

इसके अलावा, सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ड्रिप इरीगेशन योजना और जैविक खेती मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया

गोष्ठी में उपस्थित किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा।

कुछ किसानों ने कीट नियंत्रण, मिट्टी की उर्वरता, बाजार में फसलों के उचित मूल्य और ऋण सुविधाओं से जुड़ी समस्याएँ साझा कीं।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने उनकी शंकाओं का समाधान किया और सुझाव दिए कि किसान समय-समय पर मृदा परीक्षण कराएँ, फसल विविधीकरण को अपनाएँ और तकनीक-आधारित खेती को बढ़ावा दें।

पाँच प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित

इस अवसर पर पाँच प्रगतिशील किसानों को उनके कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया

यह सम्मान उनकी नवाचार-आधारित खेती और उन्नत तकनीकों के सफल उपयोग के लिए प्रदान किया गया।

अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगा और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

गोष्ठी में मौजूद प्रमुख व्यक्ति

गोष्ठी में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:

मुख्तार सिंह (आत्मा परियोजना के अध्यक्ष), प्रेम सिंह सहोता (किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष), दर्शन सिंह देवल, शीतल सिंह चौधरी, किशन सिंह, सुरजीत सिंह ढिल्लों, सुरेंद्र सिंह, बिर्मल सिंह, सतपाल सिंह, गुरनाम सिंह, रवि साहनी, निशांत सिंह, महल सिंह, संजीव चौधरी, हरजिंदर सिंह, राजू सहोता

किसानों के लिए फायदेमंद रही गोष्ठी

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों ने इसे बेहद उपयोगी बताया।

उन्होंने कहा कि इस तरह की गोष्ठियाँ नई तकनीकों को सीखने, सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने और अपनी खेती को अधिक लाभदायक बनाने में मदद करती हैं।

प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभ उठा सकें।

सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय को दोगुना करना है।

इस किसान गोष्ठी ने न केवल किसानों को तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर खेती की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया।

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