केदारनाथ में भीषण हेलीकॉप्टर दुर्घटना: 2 माह में 5वीं घटना, 7 की मौत; जानें कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा!

रुद्रप्रयाग, 15 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देवभूमि उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास रविवार को एक हृदय विदारक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उसमें सवार सात लोगों की दुखद मौत हो गई। यह हादसा उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जिसने तीर्थयात्रियों और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ा दी है। इस दर्दनाक घटना में पायलट सहित 6 श्रद्धालु, जिनमें एक 23 महीने का बच्चा भी शामिल था, ने अपनी जान गंवा दी। सुबह-सुबह हुआ हादसा: 'आर्यन एविएशन' का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हुई। 'आर्यन एविएशन' नामक निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद गौरीकुंड के घने जंगलों के ऊपर अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना इतनी भीषण थी कि हेलीकॉप्टर से आग की लपटें उठती देखी जा सकती थीं, जिसका एक वीडियो स्थानीय लोगों को प्राप्त हुआ है और वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दुर्घटनास्थल से उठता घना काला धुआं और आग की भयावहता साफ देखी जा सकती है, जो हादसे की गंभीरता को बयान करता है। नंदन सिंह रजवार के अनुसार, शुरुआती जांच में खराब मौसम और कम दृश्यता को इस हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम अचानक बदल जाता है और घने कोहरे या बादलों के कारण दृश्यता शून्य हो सकती है, जिससे विमानों का संचालन बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। मृतकों की पहचान: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु शामिल रुद्रप्रयाग जिले की पुलिस ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी सात लोगों की पहचान की पुष्टि की है। मृतकों में महाराष्ट्र निवासी राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल (35) और उनकी बेटी काशी (23 माह) शामिल हैं। यह परिवार बाबा केदार के दर्शन कर वापस लौट रहा था जब वे इस हादसे का शिकार हो गए। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश निवासी विनोद देवी (66) और तुसथी सिंह (19) भी इस दुर्घटना में मारे गए। उत्तराखंड केदारनाथ निवासी विक्रम तथा हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान ने भी अपनी जान गंवाई। इन सभी के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है और तीर्थ यात्रा पर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। तत्काल राहत एवं बचाव कार्य: एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और संबंधित एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन विकास अधिकारी और हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर से संपर्क टूटने के तुरंत बाद उसकी खोजबीन शुरू कर दी गई थी, जिसके बाद दुर्घटनास्थल का पता चला। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), पुलिस और अन्य स्थानीय एजेंसियां तुरंत मौके पर पहुंचीं। स्थानीय लोगों के सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए गए। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र और दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे के कारण बचाव कार्यों में शुरुआती चुनौती आई, लेकिन टीमों ने अपनी पूरी क्षमता से काम करते हुए मृतकों के शवों को निकालने का प्रयास किया। यह स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की त्वरित प्रतिक्रिया को दर्शाता है, जो ऐसे आपातकालीन स्थितियों में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित हैं। लगातार हो रही दुर्घटनाएं: सुरक्षा पर गंभीर सवाल केदारनाथ के पास हुई यह दुर्घटना उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है।5 यह आंकड़ा हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और पहाड़ी इलाकों में उनके संचालन की चुनौतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। 8 मई को उत्तरकाशी जिले में: गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। 7 जून को केदारनाथ जा रहा एक हेलीकॉप्टर: उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी के कारण सड़क पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी।6 इस घटना में पायलट को चोटें आई थीं, लेकिन उसमें सवार पांच श्रद्धालु सुरक्षित बच गए थे। इन लगातार हो रही घटनाओं ने तीर्थयात्रियों के मन में हेलीकॉप्टर यात्रा को लेकर भय पैदा कर दिया है। प्रशासन और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों की गहन जांच करनी होगी और हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इसमें मौसम की निगरानी, पायलटों का अनुभव, हेलीकॉप्टरों का रखरखाव और आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन जैसी चीजें शामिल हैं। मुख्यमंत्री का दुख व्यक्त और आगे की जांच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और उन्होंने राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। यह घटना निश्चित रूप से एक विस्तृत जांच का विषय है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अन्य संबंधित नियामक प्राधिकरण इस दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच शुरू करेंगे। इस जांच में ब्लैक बॉक्स डेटा, पायलट-एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्डिंग, हेलीकॉप्टर का रखरखाव रिकॉर्ड और मौसम संबंधी जानकारी का गहन विश्लेषण किया जाएगा। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें।

रुद्रप्रयाग, 15 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास रविवार को एक हृदय विदारक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उसमें सवार सात लोगों की दुखद मौत हो गई। यह हादसा उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जिसने तीर्थयात्रियों और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ा दी है। इस दर्दनाक घटना में पायलट सहित 6 श्रद्धालु, जिनमें एक 23 महीने का बच्चा भी शामिल था, ने अपनी जान गंवा दी।


सुबह-सुबह हुआ हादसा: ‘आर्यन एविएशन’ का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त

रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हुई। ‘आर्यन एविएशन’ नामक निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद गौरीकुंड के घने जंगलों के ऊपर अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना इतनी भीषण थी कि हेलीकॉप्टर से आग की लपटें उठती देखी जा सकती थीं, जिसका एक वीडियो स्थानीय लोगों को प्राप्त हुआ है और वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दुर्घटनास्थल से उठता घना काला धुआं और आग की भयावहता साफ देखी जा सकती है, जो हादसे की गंभीरता को बयान करता है।

नंदन सिंह रजवार के अनुसार, शुरुआती जांच में खराब मौसम और कम दृश्यता को इस हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम अचानक बदल जाता है और घने कोहरे या बादलों के कारण दृश्यता शून्य हो सकती है, जिससे विमानों का संचालन बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है।


मृतकों की पहचान: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु शामिल

रुद्रप्रयाग जिले की पुलिस ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी सात लोगों की पहचान की पुष्टि की है। मृतकों में महाराष्ट्र निवासी राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल (35) और उनकी बेटी काशी (23 माह) शामिल हैं। यह परिवार बाबा केदार के दर्शन कर वापस लौट रहा था जब वे इस हादसे का शिकार हो गए।

इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश निवासी विनोद देवी (66) और तुसथी सिंह (19) भी इस दुर्घटना में मारे गए। उत्तराखंड केदारनाथ निवासी विक्रम तथा हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान ने भी अपनी जान गंवाई। इन सभी के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है और तीर्थ यात्रा पर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।


तत्काल राहत एवं बचाव कार्य: एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया

दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और संबंधित एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन विकास अधिकारी और हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर से संपर्क टूटने के तुरंत बाद उसकी खोजबीन शुरू कर दी गई थी, जिसके बाद दुर्घटनास्थल का पता चला।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), पुलिस और अन्य स्थानीय एजेंसियां तुरंत मौके पर पहुंचीं। स्थानीय लोगों के सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए गए। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र और दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे के कारण बचाव कार्यों में शुरुआती चुनौती आई, लेकिन टीमों ने अपनी पूरी क्षमता से काम करते हुए मृतकों के शवों को निकालने का प्रयास किया। यह स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की त्वरित प्रतिक्रिया को दर्शाता है, जो ऐसे आपातकालीन स्थितियों में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित हैं।


लगातार हो रही दुर्घटनाएं: सुरक्षा पर गंभीर सवाल

केदारनाथ के पास हुई यह दुर्घटना उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है।5 यह आंकड़ा हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और पहाड़ी इलाकों में उनके संचालन की चुनौतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

  • 8 मई को उत्तरकाशी जिले में: गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी।
  • 7 जून को केदारनाथ जा रहा एक हेलीकॉप्टर: उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी के कारण सड़क पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी।6 इस घटना में पायलट को चोटें आई थीं, लेकिन उसमें सवार पांच श्रद्धालु सुरक्षित बच गए थे।

इन लगातार हो रही घटनाओं ने तीर्थयात्रियों के मन में हेलीकॉप्टर यात्रा को लेकर भय पैदा कर दिया है। प्रशासन और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों की गहन जांच करनी होगी और हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इसमें मौसम की निगरानी, पायलटों का अनुभव, हेलीकॉप्टरों का रखरखाव और आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन जैसी चीजें शामिल हैं।


मुख्यमंत्री का दुख व्यक्त और आगे की जांच

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और उन्होंने राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

यह घटना निश्चित रूप से एक विस्तृत जांच का विषय है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अन्य संबंधित नियामक प्राधिकरण इस दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच शुरू करेंगे। इस जांच में ब्लैक बॉक्स डेटा, पायलट-एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्डिंग, हेलीकॉप्टर का रखरखाव रिकॉर्ड और मौसम संबंधी जानकारी का गहन विश्लेषण किया जाएगा। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें।


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