रुद्रपुर 14 जून 2024/(समय बोल रहा )-
आज शुक्रवार को अध्यक्ष राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखण्ड सरकार श्रीमती गीता खन्ना की अध्यक्षता एंव मुख्य अतिथि के रूप में विकास भवन के सभागार में बाल तस्करी से आजादी अभियान 2.0 की संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित की गई।
मा0 अध्यक्ष श्रीमती खन्ना ने कहा कि बाल तस्करी व अन्य किसी भी प्रकार की तस्करी को रोकने के लिए समाज की भागीदारी आवश्यक है। उन्होेने कहा कि समाज में चेतना जगाने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें उत्तराखण्ड के सात जिलों को चिन्हित किया गया है। उन्होने कहा कि पुलिस, आंगनबाड़ी, समाज कल्याण, शिक्षा, श्रम, प्रवर्तन आदि विभागों के साथ समन्वय बना कर तस्करी को रोकने के सभी सम्भव प्रयास किये जा रहें है। उन्होने कहा कि आयोग द्वारा सम्बन्धित विभागों को प्रशिक्षण भी समय समय पर दिया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि आज के समय तस्कारी को रोकने के लिए समाज का आर्थिक व सामाजिक स्तर में भी सुधार की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि शोसल मीडिया में अतिव्यस्तता व अभिभावकों के कम ध्यान देने के कारण भी किशोर वर्ग व विभिन्न प्रकार की तस्करी का शिकार हो रहा है। श्रीमती खन्ना ने कहा कि 14 वर्ष की आयु से ऊपर के बच्चें अपनी शिक्षा के जुड़े हुए यदि कोई कार्य कर रहे है तो उन्हे प्रशिक्षण के तौर पर करने दे सकते है किन्तु 14 वर्ष की आयु से छोटे बच्चों को नही। उन्होने तस्करी से छुड़ाये गये बच्चों को शिक्षा से जोड़ने तथा उनकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश शिक्षा अधिकारी को दिये।
जिला प्रोवेशन अधिकारी व्योमा जैन के द्वारा बाल तसकरी बाल श्रम पर पी०पी०टी० के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई तथा बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम करने हेतु बल दिया गया, जिसमें अवगत कराया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे एवं जिन बच्चो के माता पिता कार्यलय/दैनिक कार्यों से घर से बाहर रहने पर बच्चों के अन्दर कुप्रवृत्ति विकसित हो रही है, जिसके रोकथाम की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सदस्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग विनोद कपरवाण, अनु सचिव डॉ0 एस के सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी डीएस राजपूत, एआटीओ प्रशासन चक्रपाणी मिश्रा, एएलसी अरविन्द सैनी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति प्रेमलता सिंह, एसीएमओ डॉ0 हरेन्द्र मलिक सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।