फ्लैट बेचने के नाम पर करोड़ों की ठगी: भू-माफिया दीपक मित्तल पर एक और FIR, अब तक 9 मुकदमे दर्ज

काशीपुर, 03 अक्टूबर 2025 (समय बोल रहा )– गिरीताल क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक विवाहिता ने अपने पति समेत तीन ससुरालियों पर दहेज में क्रेटा कार और 8 लाख रुपये नकद की मांग पूरी न होने पर गंभीर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विवाहिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और मारपीट सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। क्या है पूरा मामला? गिरीताल निवासी शैलजा सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनकी शादी 14 जनवरी 2024 को दिल्ली निवासी ऋषभ चौहान से हुई थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद उनके ससुराल वाले उनसे क्रेटा कार और 8 लाख रुपये नकद की मांग करने लगे। शैलजा सिंह का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उनके पति ऋषभ चौहान, सास स्नेहलता चौहान और ससुर राम सिंह चौहान ने उन्हें कम दहेज लाने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। गर्भावस्था में की मारपीट और बनाया दबाव पीड़िता का आरोप है कि जब वह गर्भवती थीं, तब भी उनके पति ऋषभ चौहान ने उनके साथ मारपीट की और उन पर गर्भपात कराने का दबाव बनाया। यह घटना ससुरालियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की गंभीरता को दर्शाती है। सबसे गंभीर आरोप यह है कि 14 अप्रैल 2024 को दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने उन्हें घर में बंद कर दिया, खाना-पीना नहीं दिया और कथित तौर पर जलाकर मारने का प्रयास भी किया। पिता ने कराया बच्चे का जन्म, ससुरालियों ने दी गाली-गलौज शैलजा ने बताया कि इस उत्पीड़न के बाद वह किसी तरह अपने मायके पहुंचीं। बाद में, उन्होंने 26 नवंबर 2024 को काशीपुर के एक अस्पताल में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका संपूर्ण खर्च उनके माता-पिता द्वारा उठाया गया। बच्चे के जन्म की सूचना देने पर भी ससुराल वालों ने संवेदनशीलता दिखाने के बजाय, उन्हें गाली-गलौज की और दहेज की मांग जारी रखी। पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच शुरू विवाहिता शैलजा सिंह की तहरीर के आधार पर, पुलिस ने आरोपी पति ऋषभ चौहान, सास स्नेहलता चौहान और ससुर राम सिंह चौहान के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में उनके पते पर पुलिस टीम भेजने की तैयारी की जा रही है।

देहरादून, 02 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड की रियल एस्टेट इंडस्ट्री में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का पर्याय बन चुके भू-माफिया दीपक मित्तल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। धोखाधड़ी के एक और नए मामले में मित्तल और उसके साथियों पर कंपनी के खातों से करोड़ों की रकम गबन करने और फर्जी बुकिंग के जरिए आम जनता को ठगने का गंभीर आरोप लगा है। यह दीपक मित्तल के खिलाफ दर्ज होने वाला नौवां मुकदमा है, जिसने उसके आपराधिक रिकॉर्ड को और भी लंबा कर दिया है।

फर्जी बुकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से करोड़ों का गबन

इस बार शिकायत आर्यन वालिया नामक एक युवक ने की है, जिसके अनुसार दीपक मित्तल ने उसके पिता राजपाल वालिया की करोड़ों की जमीन हड़पने की साजिश रची थी। शिकायत में बताया गया है कि दीपक मित्तल ने “पुष्पांजलि रियल्मस एंड इन्फ्रा टेक” नामक कंपनी बनाकर राजपाल वालिया को उसमें पार्टनर बनाया, लेकिन इस कंपनी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करता रहा।

पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें यह सामने आया है कि मित्तल ने अपने साथियों के साथ मिलकर कंपनी के खातों से करोड़ों की रकम का गबन किया।

  • दीपक मित्तल ने साथी मनीष गुप्ता के साथ मिलकर ₹3.32 करोड़ का गबन किया।
  • मनीष गर्ग के साथ मिलकर ₹2.47 करोड़ की रकम हड़पी।
  • विनीता गर्ग के साथ मिलकर ₹1.71 करोड़ का गबन किया।

जांच में पता चला है कि यह पूरी रकम पहले निजी खातों में ट्रांसफर की गई और बाद में उन्हीं पैसों का इस्तेमाल कर कंपनी के फ्लैटों की फर्जी बुकिंग दिखाई गई। इस तरह, पैसे भी अपने और बुकिंग भी फर्जी दिखाकर जनता की खून-पसीने की कमाई को हड़प लिया गया।

फ्लाइट न मिले, न ही पैसा लौटाया

शिकायतकर्ता आर्यन वालिया ने आरोप लगाया है कि जिन लोगों ने ईमानदारी से फ्लैटों की बुकिंग की थी, उन्हें न तो मकान मिला और न ही उनकी रकम लौटाई गई। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा एक सोची-समझी आपराधिक साजिश का हिस्सा था।

वादी की तहरीर पर राजपुर थाने में FIR संख्या 140/25 दर्ज की गई है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406, 420, और 120बी लगाई गई है।

गैंगस्टर एक्ट से लेकर रेड कॉर्नर नोटिस तक

दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है। उनके खिलाफ पहले ही विभिन्न थानों में 9 मामले दर्ज हैं, जिनमें गैंगस्टर एक्ट भी शामिल है। उनके बढ़ते आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं:

  • लुक आउट सर्कुलर (LOC): मित्तल और उसकी पत्नी के खिलाफ पहले ही LOC जारी हो चुका है, ताकि वे देश छोड़कर न भाग सकें।
  • रेड कॉर्नर नोटिस (RCN): पुलिस ने बताया है कि दीपक मित्तल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। यह नोटिस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए जारी किया जाता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस उसे किसी भी हाल में पकड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

दीपक मित्तल का आपराधिक रिकॉर्ड: | क्रम | FIR संख्या | धारा | थाना | 1 | 178/20 | 406, 420 | डालनवाला | | 2 | 179/20 | 406, 420 | डालनवाला | | 3 | 112/20 | 406, 420 | डालनवाला | | 4 | 93/20 | 406, 420, 120B | राजपुर | | 5 | 86/21 | 406, 420 | डालनवाला | | 6 | 88/21 | 406, 420, 120B | डालनवाला | | 7 | 167/21 | 406, 420 | डालनवाला | | 8 | 05/22 | 406, 420, 120B | डालनवाला | | 9 | 312/22 | 2/3 गैंगस्टर अधिनियम | डालनवाला |

पुलिस की सख्ती और सख्त कार्रवाई की तैयारी

पुलिस की सख्ती और रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया से यह साफ हो गया है कि इस भू-माफिया के अब गिने-चुने दिन रह गए हैं। दीपक मित्तल का नाम अब उन भू-माफियाओं की सूची में शामिल हो गया है, जो करोड़ों की जमीनों और आम जनता की मेहनत की कमाई को लूटकर फर्जी बुकिंग और नकली पार्टनरशिप के जरिए हजम कर जाते हैं। पुलिस ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और किसी भी कीमत पर आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

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