काशीपुर में सीएम धामी ने सुनी श्रीमद् भागवत कथा, कहा- “धार्मिक और आध्यात्मिक धरोहर को संरक्षित करना हमारा संकल्प”

काशीपुर, 13 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को काशीपुर के रामलीला मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने दिव्य ज्योति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन दिव्य कथा का श्रवण किया। इस अवसर पर उन्होंने कथा वाचक साध्वी कालिंदी भारती का सम्मान किया और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। श्रीमद् भागवत कथा में सीएम धामी का संबोधन मुख्यमंत्री धामी ने कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा का श्रवण करना केवल आध्यात्मिक शांति ही नहीं देता, बल्कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और नैतिकता की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा कि संतों और भक्तों का सानिध्य एवं हरि कथा दुर्लभ होते हैं, और जो व्यक्ति इनका लाभ लेता है, वह निश्चित रूप से सौभाग्यशाली होता है। उन्होंने आशुतोष महाराज जी को नमन करते हुए कहा कि उनके ज्ञानामृत से हम सब कृतार्थ हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति को बचाने और लोगों को धर्म से जोड़ने में संतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने स्वामी उमेशानंद जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें पूज्य संतों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। काशीपुर को बताया ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भूमि मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि काशीपुर की भूमि न केवल ऐतिहासिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग ने भी अपने सर्वेक्षण में काशीपुर को ऐतिहासिक महत्व की भूमि माना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देवभूमि के संरक्षण और विकास के लिए सतत प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में ऐतिहासिक विकास कार्य किए गए हैं और मानसखंड माला योजना के तहत काशीपुर के माँ बालसुंदरी मंदिर को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत राज्यभर के प्रमुख मंदिरों को जोड़ा जा रहा है और उनके सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। ड्रेमोग्राफी, लैंड जिहाद और अतिक्रमण पर सरकार का सख्त रुख मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लैंड जिहाद और अतिक्रमण जैसी समस्याओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू करने को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया और कहा कि यह कानून राज्य में समानता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार "विकल्प रहित संकल्प" की नीति के तहत पूर्ण दृढ़ता से कार्य कर रही है और हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए समर्पित है। धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का संकल्प मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्यभर के धार्मिक स्थलों को संरक्षित कर आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अध्यात्म और पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की अपील की। सीएम धामी ने संतों और श्रद्धालुओं का किया धन्यवाद मुख्यमंत्री ने अंत में सभी संतों और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से राज्य निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि उत्तराखंड को एक समृद्ध, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त राज्य बनाया जाए। कार्यक्रम में शामिल गणमान्य लोग इस धार्मिक कार्यक्रम में काशीपुर विधायक शिव अरोरा, मेयर दीपक बाली, दर्जा मंत्री सुरेश भट्ट, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, एएसपी डॉ. उत्तम सिंह नेगी, नगर आयुक्त विवेक राय, सीओ आरडी मठपाल, उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह और चतर सिंह चौहान समेत अनेक गणमान्य लोग और श्रद्धालु उपस्थित थे।

काशीपुर, 13 फरवरी 2025 (समय बोल रहा)

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को काशीपुर के रामलीला मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने दिव्य ज्योति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन दिव्य कथा का श्रवण किया। इस अवसर पर उन्होंने कथा वाचक साध्वी कालिंदी भारती का सम्मान किया और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

श्रीमद् भागवत कथा में सीएम धामी का संबोधन

मुख्यमंत्री धामी ने कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा का श्रवण करना केवल आध्यात्मिक शांति ही नहीं देता, बल्कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और नैतिकता की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा कि संतों और भक्तों का सानिध्य एवं हरि कथा दुर्लभ होते हैं, और जो व्यक्ति इनका लाभ लेता है, वह निश्चित रूप से सौभाग्यशाली होता है।

उन्होंने आशुतोष महाराज जी को नमन करते हुए कहा कि उनके ज्ञानामृत से हम सब कृतार्थ हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति को बचाने और लोगों को धर्म से जोड़ने में संतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने स्वामी उमेशानंद जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें पूज्य संतों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है।

काशीपुर को बताया ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भूमि

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि काशीपुर की भूमि न केवल ऐतिहासिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग ने भी अपने सर्वेक्षण में काशीपुर को ऐतिहासिक महत्व की भूमि माना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देवभूमि के संरक्षण और विकास के लिए सतत प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में ऐतिहासिक विकास कार्य किए गए हैं और मानसखंड माला योजना के तहत काशीपुर के माँ बालसुंदरी मंदिर को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत राज्यभर के प्रमुख मंदिरों को जोड़ा जा रहा है और उनके सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है।

ड्रेमोग्राफी, लैंड जिहाद और अतिक्रमण पर सरकार का सख्त रुख

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लैंड जिहाद और अतिक्रमण जैसी समस्याओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू करने को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया और कहा कि यह कानून राज्य में समानता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार “विकल्प रहित संकल्प” की नीति के तहत पूर्ण दृढ़ता से कार्य कर रही है और हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए समर्पित है।

धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्यभर के धार्मिक स्थलों को संरक्षित कर आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अध्यात्म और पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की अपील की।

सीएम धामी ने संतों और श्रद्धालुओं का किया धन्यवाद

मुख्यमंत्री ने अंत में सभी संतों और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से राज्य निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि उत्तराखंड को एक समृद्ध, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त राज्य बनाया जाए।

कार्यक्रम में शामिल गणमान्य लोग

इस धार्मिक कार्यक्रम में काशीपुर विधायक शिव अरोरा, मेयर दीपक बाली, दर्जा मंत्री सुरेश भट्ट, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, एएसपी डॉ. उत्तम सिंह नेगी, नगर आयुक्त विवेक राय, सीओ आरडी मठपाल, उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह और चतर सिंह चौहान समेत अनेक गणमान्य लोग और श्रद्धालु उपस्थित थे।

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