सीएम धामी ने काशीपुर में प्रबुद्धजनों से किया संवाद, ‘विकसित उत्तराखंड’ का रोडमैप पेश

काशीपुर, 08 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज काशीपुर पहुंचकर प्रबुद्धजनों के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शहर के डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षाविद, उद्यमी, व्यापारी, अधिवक्ता और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रभावशाली लोग शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इन सभी को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपनी प्रतिभा, अनुभव और सेवा भाव से न केवल समाज को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "विकसित भारत @ 2047" के संकल्प को साकार करने वाले अग्रदूत भी हैं। उन्होंने इस संवाद को "उत्तराखंड के विकास" के हमारे सामूहिक संकल्प को और अधिक सशक्त बनाने वाला बताया। यह कार्यक्रम एक नई पहल है, जिसकी शुरुआत काशीपुर से हुई है और इसे पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। देश के विकास में उत्तराखंड का योगदान मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि "रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म" की नीति के साथ भारत विकास और समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि आज भारत में न केवल निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक बदलाव आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्टार्टअप इंडिया, वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने गर्व से कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। उन्होंने यूपीआई (UPI) की सफलता का भी जिक्र किया और कहा कि आज एक सब्जी बेचने वाली महिला भी मोबाइल से भुगतान कर रही है, जो भारत की डिजिटल क्रांति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने एनएसओ द्वारा जारी आँकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो यह साबित करता है कि भारत दुनिया का सबसे तेज़ ग्रोथ इंजन है। उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रयास मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारा राज्य भी विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के शहरों से लेकर दूर-दराज के पर्वतीय गाँवों तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन पर भी जोर दिया। निवेश को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौते हुए थे, जिनमें से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। उन्होंने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लागू की गई नीतियों जैसे औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और एमएसएमई नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाकर उद्योगों की लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान किया गया है। उन्होंने काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क और किच्छा में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप जैसी प्रमुख परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। प्रमुख सामाजिक सुधार और कठोर कानून सामाजिक सुधारों के मोर्चे पर, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने देश में सबसे पहले "समान नागरिक संहिता" को लागू करने का उल्लेख किया। इसके अलावा, उन्होंने देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करने की बात कही, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साढ़े 3 वर्षों में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून और "लैंड जिहाद" के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी जिक्र किया, जिसके तहत 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है। उन्होंने 250 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने और मदरसा बोर्ड को समाप्त करने के निर्णय के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी जोर दिया और कहा कि पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और आत्मनिर्भरता का संकल्प मुख्यमंत्री ने 'एक जनपद, दो उत्पाद' योजना और 'हाउस ऑफ हिमालयाज' ब्रांड के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने उपस्थित प्रबुद्धजनों से 'स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ' के मंत्र को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि "मैं, आप लोगों को विश्वास दिलाता हूँ कि हमारी सरकार आपकी प्रत्येक समस्या के समाधान हेतु इसी प्रकार प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य करती रहेगी।" उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने "विकल्प रहित संकल्प" को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इस अवसर पर, प्रभारी मंत्री गणेश जोशी, जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा और शिव अरोरा, मेयर दीपक बाली, दर्जा राज्यमंत्री अनिल कपूर डब्बू और फरजाना बेगम सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे।

काशीपुर, 08 सितंबर 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज काशीपुर पहुंचकर प्रबुद्धजनों के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में शहर के डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षाविद, उद्यमी, व्यापारी, अधिवक्ता और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रभावशाली लोग शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इन सभी को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपनी प्रतिभा, अनुभव और सेवा भाव से न केवल समाज को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत @ 2047” के संकल्प को साकार करने वाले अग्रदूत भी हैं। उन्होंने इस संवाद को “उत्तराखंड के विकास” के हमारे सामूहिक संकल्प को और अधिक सशक्त बनाने वाला बताया। यह कार्यक्रम एक नई पहल है, जिसकी शुरुआत काशीपुर से हुई है और इसे पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।


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देश के विकास में उत्तराखंड का योगदान

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति के साथ भारत विकास और समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि आज भारत में न केवल निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक बदलाव आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्टार्टअप इंडिया, वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने गर्व से कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। उन्होंने यूपीआई (UPI) की सफलता का भी जिक्र किया और कहा कि आज एक सब्जी बेचने वाली महिला भी मोबाइल से भुगतान कर रही है, जो भारत की डिजिटल क्रांति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने एनएसओ द्वारा जारी आँकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो यह साबित करता है कि भारत दुनिया का सबसे तेज़ ग्रोथ इंजन है।


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उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रयास

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारा राज्य भी विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के शहरों से लेकर दूर-दराज के पर्वतीय गाँवों तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन पर भी जोर दिया।

निवेश को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौते हुए थे, जिनमें से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। उन्होंने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लागू की गई नीतियों जैसे औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और एमएसएमई नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाकर उद्योगों की लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान किया गया है। उन्होंने काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क और किच्छा में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप जैसी प्रमुख परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला।


प्रमुख सामाजिक सुधार और कठोर कानून

सामाजिक सुधारों के मोर्चे पर, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” को लागू करने का उल्लेख किया। इसके अलावा, उन्होंने देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करने की बात कही, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साढ़े 3 वर्षों में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून और “लैंड जिहाद” के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी जिक्र किया, जिसके तहत 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है। उन्होंने 250 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने और मदरसा बोर्ड को समाप्त करने के निर्णय के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी जोर दिया और कहा कि पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।


स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और आत्मनिर्भरता का संकल्प

मुख्यमंत्री ने ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने उपस्थित प्रबुद्धजनों से ‘स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ’ के मंत्र को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि “मैं, आप लोगों को विश्वास दिलाता हूँ कि हमारी सरकार आपकी प्रत्येक समस्या के समाधान हेतु इसी प्रकार प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य करती रहेगी।” उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर, प्रभारी मंत्री गणेश जोशी, जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा और शिव अरोरा, मेयर दीपक बाली, दर्जा राज्यमंत्री अनिल कपूर डब्बू और फरजाना बेगम सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे।

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