बाजपुर, 11 जून, 2025 (समय बोल रहा) - बाजपुर में मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है! जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा के कड़े निर्देशों के बाद, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस औचक कार्रवाई में कृष्णा मेडिकल स्टोर और जगदीश मेडिकल स्टोर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद उनके लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति करते हुए दोनों मेडिकल स्टोरों को तत्काल बंद करा दिया गया। यह कार्रवाई प्रदेश भर में अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अधिकारियों के कड़े निर्देश: औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दवाओं की उपलब्धता में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा ने सख्त निर्देश जारी किए थे। इन्हीं निर्देशों के क्रम में, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें पुलिस बल भी शामिल था। इस टीम का मुख्य उद्देश्य बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण करना था ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पूरे प्रदेश में दवाओं के अवैध भंडारण, बिना फार्मासिस्ट के स्टोर चलाने और नशीली दवाओं की बिक्री पर लगाम कसने के लिए प्रशासन सक्रिय है। टीम ने बुधवार को बाजपुर के कई प्रमुख मेडिकल स्टोरों को निशाने पर लिया, जिनमें कृष्णा मेडिकल स्टोर, जगदीश मेडिकल स्टोर, जय मेडिकल स्टोर और ओम मेडिकल स्टोर शामिल थे। इन औचक निरीक्षणों का मकसद यह जांचना था कि मेडिकल स्टोर नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं, दवाओं का उचित रख-रखाव हो रहा है या नहीं, और क्या दवाओं की बिक्री के लिए फार्मासिस्ट मौजूद हैं। दो मेडिकल स्टोरों पर गंभीर अनियमितताएं, लाइसेंस निलंबन की संस्तुति संयुक्त टीम के निरीक्षण के दौरान, कृष्णा मेडिकल स्टोर पर कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि निरीक्षण के समय स्टोर पर फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिला, जो कि मेडिकल स्टोर चलाने के लिए एक अनिवार्य शर्त है। इसके अलावा, मन प्रभावी औषधियों (साइकोट्रॉपिक ड्रग्स) का बिल सत्यापन भी नहीं पाया गया, जो इन दवाओं की बिक्री और खरीद में पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। ये अनियमितताएं बेहद गंभीर मानी जाती हैं, क्योंकि बिना फार्मासिस्ट के दवाओं की बिक्री से गलत दवा दिए जाने का खतरा रहता है, और मन प्रभावी औषधियों का अनियमित लेनदेन नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकता है। इन गंभीर उल्लंघनों के कारण, कृष्णा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति करते हुए उसे तत्काल बंद करा दिया गया। इसी तरह, जगदीश मेडिकल स्टोर पर भी चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं। इस स्टोर पर भी फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिला, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। मन प्रभावी औषधियों का बिल सत्यापन भी यहां नहीं पाया गया, जिससे इनकी खरीद-बिक्री में संदिग्धता का संदेह हुआ। इसके अतिरिक्त, जगदीश मेडिकल स्टोर पर फिजिशियन सैंपल (डॉक्टरों को निःशुल्क दिए जाने वाले दवा के नमूने) भी पाए गए, जिन्हें बेचना या व्यावसायिक उपयोग में लाना अवैध है। इन सभी गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए, जगदीश मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी निलंबित करने की संस्तुति की गई और उसे तुरंत बंद करा दिया गया। साथ ही, जांच के लिए जगदीश मेडिकल स्टोर से 03 औषधियों के नमूने भी एकत्र किए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि उनकी गुणवत्ता और वैधता सुनिश्चित की जा सके। अन्य स्टोरों को निर्देश और भविष्य की कार्रवाई निरीक्षण के दौरान, ओम मेडिकल स्टोर पर कुछ मामूली अनियमितताएं पाई गईं, लेकिन वे उतनी गंभीर नहीं थीं कि तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने ओम मेडिकल स्टोर को दवाओं के रख-रखाव को बेहतर बनाने और टीबी (तपेदिक) की दवाओं के लिए प्रथक पंजिका (अलग रजिस्टर) बनाने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं का रिकॉर्ड सही तरीके से रखा जाए और उनका दुरुपयोग न हो। नीरज कुमार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, जनपद के सभी मेडिकल स्टोरों का लगातार और सघन निरीक्षण किया जाएगा। यह अभियान दवाओं की गुणवत्ता, उनकी अवैध बिक्री पर रोक लगाने और फार्मासिस्ट की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जारी रहेगा। संयुक्त टीम में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के साथ औषधि निरीक्षक शुभम कोटनाला, निधि शर्मा, अर्चना गहतोड़ी, पूजा जोशी, पूजा रानी शर्मा, पंकज पंत, हर्षिता और बाजपुर कोतवाली पुलिस के जवान शामिल थे। इस छापेमारी अभियान से बाजपुर के मेडिकल स्टोर संचालकों में एक स्पष्ट संदेश गया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन दवाओं की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और बिना लाइसेंस या फार्मासिस्ट के स्टोर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

बाजपुर में मेडिकल स्टोर पर ताबड़तोड़ छापेमारी: इन दो बड़े स्टोरों पर ताला, लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश; जानिए क्यों हुई ये कार्रवाई!

बाजपुर, 11 जून, 2025 (समय बोल रहा) – बाजपुर में मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है! जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा के कड़े निर्देशों के बाद, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।…

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रुद्रपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण का एक बड़ा संदेश दिया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल फलदार पौधे लगाए, बल्कि जनता को पर्यावरण बचाने और मतदान करने की दोहरी शपथ भी दिलाई। यह पहल आगामी हरेला पर्व और वर्षाकाल तक चलने वाले वृहद पौधारोपण अभियान की शुरुआत है, जिसमें जनभागीदारी पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह आयोजन पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों ने किया पौधारोपण: पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया स्वयं अग्रिम पंक्ति में रहे। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पाण्डेय और मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत सहित अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर जिला कार्यालय परिसर और एवीएम वेयर हाउस में फलदार पौधों का रोपण किया। यह प्रतीकात्मक पहल अधिकारियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने का एक तरीका था। पौधारोपण के बाद, जिलाधिकारी ने सभी को पर्यावरण दिवस की बधाई दी और प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "पौधे हमें शुद्ध हवा और पानी देते हैं, और पर्यावरण तथा जल संरक्षण के लिए भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, हम सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए और लगाए गए पौधों का संरक्षण भी सुनिश्चित करना चाहिए।" उनका यह संदेश केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पौधों की देखभाल और उनके दीर्घकालिक पोषण पर भी जोर दिया। वृहद पौधारोपण अभियान: ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक जनभागीदारी जिलाधिकारी ने घोषणा की कि हरेला पर्व और आगामी वर्षाकाल में जनपद में एक वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि तक चलेगा, जिसका उद्देश्य रुद्रपुर को हरा-भरा बनाना है। इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि यह ग्राम पंचायत स्तर से लेकर न्याय पंचायत, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर तक चलाया जाएगा, जिससे हर नागरिक इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। इस महा-अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों, स्कूली बच्चों के साथ ही व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि यह केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि एक जन आंदोलन का रूप लेगा, जिसमें हर कोई पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में अपना योगदान देगा। सामूहिक प्रयासों से ही हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। दोहरी शपथ और पुरस्कार वितरण: पर्यावरण और निर्वाचन जागरूकता विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी लोगों को पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने की महत्वपूर्ण शपथ दिलाई। यह शपथ लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास दिलाने और उन्हें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने हेतु थी। इसके साथ ही, स्वीप कार्यक्रम (Systematic Voters' Education and Electoral Participation) के अंतर्गत, जिलाधिकारी ने सभी को निर्वाचनों में मतदान करने की भी शपथ दिलाई। यह पहल पर्यावरण जागरूकता के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित करती है। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों में आयोजित निबंध, चित्रकला, और भाषण प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया, जिससे युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और रचनात्मकता को बढ़ावा मिला। इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष मतदाताओं को भी सम्मानित किया गया। वृद्ध मतदाता सेहरू निशा, संजीदा, और शीला देवी, दिव्यांग मतदाता अरविंद चौधरी और अनिल मालाकार, तथा युवा मतदाता हीना, हसन, और सैफअली को जूट के बैग देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके महत्व को दर्शाता है, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरणा देता है। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति: एक सामूहिक प्रयास इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी मौजूद थे, जो इस पहल की गंभीरता और सामूहिक प्रयास को दर्शाते हैं। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा, अधिशासी अभियंता सिंचाई बीएस डांगी, जिला पंचायत राज अधिकारी महेश कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राजेंद्र सिंह अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, अर्जुन पुरस्कार विजेता/स्वीप आइकॉन मनोज सरकार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी सहित कलेक्ट्रेट के सभी स्टाफ और विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे। इन सभी की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के

रुद्रपुर में पर्यावरण दिवस पर ‘हरी क्रांति’ का आगाज: DM ने रोपे पौधे, दिलाई दोहरी शपथ; अब हरेला पर्व तक चलेगा महा-अभियान!

रुद्रपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण का एक बड़ा संदेश दिया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल फलदार पौधे लगाए, बल्कि जनता को पर्यावरण बचाने और मतदान करने की दोहरी शपथ भी दिलाई। यह पहल…

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रूद्रपुर, 31 मई, 2025 (समय बोल रहा )- 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा | उत्तराखंड के रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी अभियान शुरू होने जा रहा है। आगामी 05 जून को पर्यावरण दिवस से लेकर 16 जुलाई को हरेला पर्व तक पूरे जनपद में एक विशाल वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है। जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने इस अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि यह पहल केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पौधों के उचित रखरखाव और संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह अभियान जनपद के सभी नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। 1464 मतदान केंद्रों पर लगेगा 'हरित टीका': जिलाधिकारी का विस्तृत निर्देश जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि इस वृहद पौधारोपण अभियान के तहत जनपद के सभी 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा। यह एक अनूठी पहल है, जो पर्यावरण संरक्षण को सीधे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जोड़ती है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्येक बूथ पर कम से कम 10-10 पौधे लगवाएं। यह सुनिश्चित करना भी उनका दायित्व होगा कि लगाए गए इन पौधों की उचित देख-रेख की जाए ताकि वे पनप सकें और बड़े पेड़ों का रूप ले सकें। जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा और वृद्धि सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस अभियान की सफलता के लिए, जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अभी से तैयारियां सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने हेतु सभी बूथों के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर), सुपरवाइजर, और पटवारी/लेखपाल को इस कार्य में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए। इन सभी को पौधारोपण स्थल, पौधों की उपलब्धता और उनके रखरखाव की पूरी योजना अभी से तैयार करनी होगी। यह सहभागिता सुनिश्चित करेगी कि अभियान सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी सफल हो सके। पर्यावरण संरक्षण सप्ताह का आगाज: शपथ और हस्ताक्षर अभियान पौधारोपण अभियान की पृष्ठभूमि में, जनपद में 31 मई से 05 जून (पर्यावरण दिवस) तक पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, शनिवार को एक महत्वपूर्ण पहल के तहत पर्यावरण संरक्षण शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान का शुभारंभ विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मनीष कुमार ने स्वयं हस्ताक्षर कर किया। उन्होंने इस अवसर पर सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब का यह सामूहिक दायित्व है कि हम अपनी पृथ्वी को हरा-भरा और स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें। सीडीओ मनीष कुमार ने सभी से आग्रह किया कि वे जल, वायु और धरती के संसाधनों का विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी से उपयोग करें। उन्होंने विशेष रूप से प्लास्टिक और प्रदूषण को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और उसके बजाय पर्यावरण मित्र वैकल्पिक तरीकों को अपनाएं। यह अभियान लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा। अधिकारियों की भागीदारी और सामूहिक प्रयास इस महत्वपूर्ण शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे, जो इस बात का प्रतीक है कि प्रशासन पर्यावरण संरक्षण के प्रति कितना गंभीर है। इनमें मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला, सहायक अभियंता सिंचाई विशाल प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि यह केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है जिसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। यह वृहद पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण अभियान रुद्रपुर को न केवल हरा-भरा बनाने में मदद करेगा, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा। यह उम्मीद की जाती है कि यह पहल अन्य जनपदों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।

उत्तराखंड में ‘हरी क्रांति’ की तैयारी! 1464 मतदान केंद्रों पर लगेंगे 14 हजार से ज़्यादा पौधे, जानें पूरा प्लान!

रूद्रपुर, 31 मई, 2025 (समय बोल रहा )- 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा | उत्तराखंड के रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी अभियान शुरू होने जा रहा है। आगामी 05 जून को पर्यावरण दिवस से लेकर 16 जुलाई को हरेला पर्व तक पूरे जनपद में एक विशाल वृहद…

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रुद्रपुर, 27 मई 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में खटीमा के चारूबेटा जंगल में मिली एक महिला की अधजली लाश के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने गहन जांच-पड़ताल और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है और महिला के पति को ही उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की मानें तो आरोपी पति ने अपनी पत्नी की पहले गला दबाकर हत्या की और फिर पहचान छिपाने के उद्देश्य से डीजल डालकर उसके शव को आग लगा दी। इस हत्याकांड के पीछे का असली कारण पति के अवैध संबंध और पत्नी द्वारा उसका विरोध करना था। जंगल में मिली थी अधजली लाश, भाई ने लगाया था बहनोई पर आरोप यह दिल दहला देने वाली घटना बीते शनिवार को प्रकाश में आई थी, जब खटीमा के चारूबेटा गांव की नई बस्ती निवासी 34 वर्षीय अनीता पत्नी सुरेश का लगभग 90 प्रतिशत जला हुआ शव उसके घर से करीब 400 मीटर दूर जंगल में बरामद किया गया था। इस वीभत्स दृश्य ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया था। मृतका के भाई रामानंद प्रसाद निवासी वार्ड संख्या छह नानकमत्ता ने तत्काल अपने बहनोई सुरेश पर ही अपनी बहन की हत्या का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। 50 से अधिक लोगों से पूछताछ, ऐसे खुला राज कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था। टीम ने इस मामले में 50 से अधिक लोगों से गहन पूछताछ की और तमाम साक्ष्य जुटाए। पुलिस की कड़ी मेहनत और तकनीकी जांच के बाद रविवार रात करीब आठ बजे हत्यारोपी सुरेश को मुंडेली चौराहे से धर दबोचा गया। सख्ती से पूछताछ में कबूला जुर्म, वजह जानकर पुलिस भी हैरान पुलिस हिरासत में सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी पति सुरेश ने अंततः अपना जुर्म कबूल कर लिया और हत्याकांड को अंजाम देने की पूरी कहानी बताई। उसने पुलिस को बताया कि उसे अपनी पत्नी अनीता का किसी और व्यक्ति से फोन पर लंबी-लंबी बातें करना नागवार गुजरता था। यह उसका शुरुआती बहाना था, लेकिन पुलिस की जांच में असली सच सामने आया। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी पति सुरेश के ही किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे, जिसकी जानकारी उसकी पत्नी अनीता को हो गई थी। अनीता अपने पति के इन अवैध संबंधों का लगातार विरोध कर रही थी, और इसी विरोध ने आरोपी सुरेश को अपनी पत्नी को रास्ते से हटाने के लिए मजबूर कर दिया। साजिश और हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम सुरेश ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या की पूरी योजना बनाई थी। वह 23 मई को दिन में अल्मोड़ा से बस के जरिए हल्द्वानी होते हुए रात में खटीमा पहुंचा। रात करीब 10 बजे वह अपने घर के पीछे जंगल में छिप गया। मौका पाकर उसने रात में अपनी पत्नी अनीता को आवाज देकर दरवाजा खुलवाया। लगभग एक घंटे तक घर में रुककर उसने अपनी पत्नी को बहलाया-फुसलाया और फिर उसे यह कहकर घर से बाहर ले गया कि वे पीछे जंगल में घूमने जा रहे हैं। जंगल में ले जाने के बाद, सुरेश ने मौका देखकर अनीता का गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पहचान छिपाने के उद्देश्य से और साक्ष्य मिटाने के लिए उसने घर में आग जलाने के लिए रखे डीजल को निकाला और अनीता के शव पर डालकर आग लगा दी। वारदात को अंजाम देने के बाद, उसने खाली डीजल की बोतल वहीं जंगल में फेंक दी और रोडवेज बस से हल्द्वानी फरार हो गया। खुद को अनजान दिखाने का ढोंग, लेकिन पुलिस थी शातिर हल्द्वानी पहुंचकर, सुरेश ने अपने पड़ोसी को फोन किया और अनीता के घर से चले जाने की बात पूछी, ताकि वह खुद को अनजान दिखा सके। इसके बाद उसने अपनी बहन, ससुर और साले को फोन करके अनीता के गायब होने की सूचना दी और फिर बस में बैठकर वापस खटीमा आ गया। यहां आकर वह अनीता की तलाश में अनजान बनने का ढोंग करने लगा। जुर्म कबूलने पर बरामद हुए अहम सबूत पुलिस ने इस मामले में लगभग 50 लोगों से पूछताछ की थी, जिसमें कई अहम सुराग मिले। आसपास के लोगों ने भी बताया था कि सुरेश 23 मई को ही खटीमा पहुंच गया था, जिससे पुलिस का शक गहरा गया था। हत्यारोपी पति सुरेश के जुर्म कबूल करने के बाद, पुलिस ने उसकी निशानदेही पर मृतका अनीता को जलाते वक्त पहने गए उसके कपड़े और घटना में इस्तेमाल की गई डीजल की बोतल जंगल से बरामद कर ली। ये सबूत इस मामले में बेहद अहम साबित हुए हैं। पुलिस ने आरोपी सुरेश के खिलाफ दर्ज मुकदमे में साक्ष्य छुपाने की धाराओं की बढ़ोतरी करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसे रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोहर सिंह दसौनी, एसएसआई विनोद जोशी, एसआई किशोर पत, कांस्टेबल नवीन खोलिया, कांस्टेबल कमल पाल जैसे अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस ने इस सफल खुलासे से न केवल एक जघन्य अपराध का पर्दाफाश किया है, बल्कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दर्शाई है।

रुद्रपुर में सनसनीखेज मामला: पति ने की पत्नी की निर्मम हत्या, फिर लगाई आग, क्या था असली मकसद?

रुद्रपुर, 27 मई 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में खटीमा के चारूबेटा जंगल में मिली एक महिला की अधजली लाश के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने गहन जांच-पड़ताल और 50 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली…

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गदरपुर 19 मई 2025 (समय बोल रहा) : गदरपुर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम कुलवंत नगर नहाल बैराज के पास संचालित एक अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से असलहा बना रहे एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से नौ अवैध हथियार और भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपी की पहचान गुलाब का मझरा (केलाखेड़ा) निवासी दर्शन सिंह के रूप में हुई है, जिस पर पहले से ही 13 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। मंगलवार को मुरादाबाद रोड स्थित एसपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस महत्वपूर्ण मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गदरपुर थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुलवंत नगर नहाल बैराज के पास खेत किनारे खजूर के पेड़ के नीचे एक व्यक्ति अवैध रूप से असलहे बना रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सोमवार को मौके पर दबिश दी और दर्शन सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त दर्शन सिंह एक शातिर किस्म का अपराधी है और उसके खिलाफ पूर्व में हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि इस अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, जिससे क्षेत्र में अवैध हथियारों की सप्लाई पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। बरामद सामान का विवरण: पुलिस ने मौके से अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री से भारी मात्रा में हथियार और उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं: 315 बोर के चार तमंचे 12 बोर के तीन तमंचे 12 बोर की एक देशी बंदूक 12 बोर की एक पोनी बंदूक 315 बोर के छह जिंदा कारतूस 12 बोर के दो जिंदा कारतूस अवैध हथियार बनाने के विभिन्न उपकरण, जिनमें ड्रिल मशीन, लोहे की पाइपें, स्प्रिंग, रेती और अन्य औजार शामिल हैं। सात हजार में बेचता था एक तमंचा: एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी दर्शन सिंह ने पुलिस को बताया कि वह पहले भी अवैध असलहा बनाने के आरोप में जेल जा चुका है। उसने कबूल किया कि वह इन अवैध हथियारों को सात हजार रुपये प्रति तमंचे के हिसाब से रामपुर, रुद्रपुर, किच्छा, हल्द्वानी, बाजपुर और कालाढूंगी जैसे आसपास के विभिन्न स्थानों पर बेचता था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दर्शन सिंह के खरीदार कौन थे और वह कब से इस अवैध धंधे में लिप्त था। पुलिस ने आरोपी दर्शन सिंह के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसे मंगलवार को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध धंधे में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। एसएसपी ने गदरपुर थाना पुलिस की इस सराहनीय कार्रवाई की प्रशंसा की और कहा कि पुलिस आगे भी इस तरह के अवैध गतिविधियों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगी। पुलिस ने मौके से असलहा बना रहे एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से नौ अवैध हथियार और भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपी की पहचान गुलाब का मझरा (केलाखेड़ा) निवासी दर्शन सिंह के रूप में हुई है, जिस पर पहले से ही 13 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।उन्होंने कहा कि इस अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, जिससे क्षेत्र में अवैध हथियारों की सप्लाई पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

गदरपुर में अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़, 9 हथियारों के साथ शातिर अपराधी गिरफ्तार

गदरपुर 19 मई 2025 (समय बोल रहा) : गदरपुर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम कुलवंत नगर नहाल बैराज के पास संचालित एक अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से असलहा बना रहे एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से नौ अवैध हथियार और…

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विगत दिवस ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है। चार युवकों ने एक घर में जबरन घुसकर वहां अकेली मौजूद महिला के साथ हथियारों के बल पर छेड़छाड़ की और उसे जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने इस संबंध में आरोपियों के विरुद्ध स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई रपट के अनुसार, यह घटना 12 मई की रात्रि को घटित हुई। पीड़िता ने बताया कि उसके छोटे भाई सूरज मंडल के चार साले – आकाश सरकार पुत्र खोखन सरकार, विवेक विश्वास पुत्र राजेन्द्र विश्वास, सहदेव सरकार पुत्र नामालूम और जगदीश पाल – शराब के नशे में उसके कमरे में जबरन घुस आए। पीड़िता उस समय घर में अकेली थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। रपट में पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपियों के पास चाकू, छुरी और बंदूक जैसे हथियार थे, जिनके बल पर उन्होंने उसे डराया और धमकाया। आरोप है कि उक्त युवकों ने पीड़िता के साथ गाली-गलौज भी की और कहा कि उसके भाई ने उनकी बहन को बहुत परेशान किया है, जिसकी सजा अब उसे भुगतनी पड़ेगी। इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ गलत हरकतें शुरू कर दीं। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि कमरे में अकेला होने के कारण वह बुरी तरह से डर गई थी। जब उसने आरोपियों से कहा कि वह उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत करेगी, तो आकाश सरकार नामक आरोपी ने उसे धमकी देते हुए कहा कि वे उसके साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे और उसकी अश्लील फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़िता, उसके पुत्र और पूरे परिवार को जान से मार देने की भी धमकी दी। इस गंभीर घटना के बाद पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए स्थानीय पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने पीड़िता की रपट पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प के निवासियों को गहरा सदमा पहुंचाया है। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि दिनदहाड़े इस प्रकार की घिनौनी हरकत को अंजाम दिया गया और पीड़िता को अकेली पाकर उसे प्रताड़ित किया गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से गंभीर सवाल खड़े करती है। घर में अकेली महिला की सुरक्षा और इस प्रकार के आपराधिक तत्वों पर लगाम लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पुलिस प्रशासन पर भी इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करने का दबाव है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और अपराधियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़े। फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है। यह घटना न केवल एक महिला के साथ हुई बर्बरता की कहानी है, बल्कि यह समाज के उस स्याह पहलू को भी उजागर करती है जहां अपराधी कानून का भय भूलकर ऐसी घिनौनी हरकतों को अंजाम देते हैं।

ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में सनसनी: महिला से घर में घुसकर छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी

ठाकुर नगर 15 मई 2025 (समय बोल रहा) विगत दिवस ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है। चार युवकों ने एक घर में जबरन घुसकर वहां अकेली मौजूद महिला के साथ हथियारों के बल पर छेड़छाड़ की और उसे जान से मारने की…

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रुद्रपुर, 06 मई 2025 (समय बोल रहा ): उधमसिंहनगर में अवैध खनन, वन संपदा की लूट और गैरकानूनी परिवहन पर अब शिकंजा कसने वाला है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले में इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जनपद में अवैध खनन, वन संपदा की चोरी और नियमों के खिलाफ चल रहे परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग को परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब केवल कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावी धरातल पर कार्य दिखना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी डीएम भदौरिया ने विशेष रूप से जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रही अवैध गतिविधियों पर चिंता जताई और कहा कि इन इलाकों में अवैध खनन और वन संपदा की तस्करी पर निगरानी बढ़ाई जाए। इन क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की नियमित पेट्रोलिंग होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। परगना स्तर पर समन्वयात्मक बैठकें अनिवार्य जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परगना स्तर पर नियमित बैठकें करें और आपसी समन्वय से रणनीति तैयार करें। इसका उद्देश्य यह है कि हर स्तर पर जानकारी और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो और विभागीय तालमेल से कोई भी अवैध गतिविधि न बच सके। सख्त कार्यवाही की चेतावनी बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जो अधिकारी इस अभियान में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक संयुक्त प्रयास है और इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विभागों को चाहिए कि वे अपने स्तर पर डेटा एकत्र करें, गश्त बढ़ाएं और स्थानीय नागरिकों को भी जागरूक करें कि वे अवैध खनन या लकड़ी कटाई जैसी घटनाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। वन संपदा और पारिस्थितिकी की रक्षा प्राथमिकता डीएम भदौरिया ने कहा कि जिले की प्राकृतिक धरोहर, जैसे कि जंगल, नदियाँ और पहाड़ी क्षेत्र, हमारी सामूहिक धरोहर हैं और इनकी रक्षा करना प्रशासन के साथ-साथ आम जनता की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वे जंगलों की सैटेलाइट निगरानी शुरू करें और किसी भी अवैध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट प्रशासन को भेजें। बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद इस महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागरी, अपर पुलिस अधीक्षक अभय सिंह, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, मनीष बिष्ट और प्रभारी खनन अधिकारी मनीष कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे। जनता से सहयोग की अपील बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने जनपद की जनता से भी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक अवैध माफियाओं की कमर नहीं तोड़ी जा सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना जिला प्रशासन, स्थानीय थाना या वन विभाग को तुरंत दें ताकि त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जनपद में अवैध खनन, वन संपदा की चोरी और नियमों के खिलाफ चल रहे परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग को परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।

DM का बड़ा एक्शन! उधमसिंहनगर में अवैध खनन और लकड़ी माफियाओं पर टूटेगा कहर, सख्त आदेश जारी

रुद्रपुर, 06 मई 2025 (समय बोल रहा ):उधमसिंहनगर में अवैध खनन, वन संपदा की लूट और गैरकानूनी परिवहन पर अब शिकंजा कसने वाला है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले में इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम…

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रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून 2025 से धान की रोपाई भी बिना किसी प्रतिबंध के कर सकते हैं। धान फसल के लिए समय पर तैयारी की सलाह मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अनुरोध किया कि वे समय से अपनी नर्सरी तैयार करें और उन्नत कृषि विधियों का पालन करें ताकि उत्पादन में वृद्धि हो। अच्छी किस्म के बीज, समय पर रोपाई और संतुलित उर्वरक उपयोग से फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: कम प्रीमियम में बड़ा सुरक्षा कवच डॉ. सक्सेना ने बताया कि दैवीय या प्राकृतिक आपदा से होने वाली फसल क्षति की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान ₹792.89 प्रति एकड़ प्रीमियम देकर ₹39644.53 प्रति एकड़ तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से लागू की जा रही है। अधिक जानकारी के लिए किसान अर्पण कुमार, जिला समन्वयक (मोबाइल: 9536241931) से संपर्क कर सकते हैं। उन्नत किस्मों के बीज पंचायत स्तर पर उपलब्ध जनपद में कृषि विभाग द्वारा स्थापित सभी न्याय पंचायत स्तरीय कृषि निवेश केंद्रों पर धान की उन्नत प्रजातियाँ जैसे – एचकेआर-47, पंत धान-26, पूसा बासमती-1509, पूसा बासमती-1637 उपलब्ध हैं। इसके अलावा उर्द की पीयू-08, 09, 10, 12, मूंग की पंत मूंग-09 और सोयाबीन की पीएस-1368, पीएस-26 जैसी उन्नत किस्में भी किसानों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। कृषि रक्षा रसायन और सूक्ष्म पोषक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध सभी कृषि निवेश केंद्रों पर कृषि रक्षा रसायन, कीटनाशक, जैविक उत्पाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे गुणवत्तापूर्ण व मान्यता प्राप्त उत्पादों का ही उपयोग करें। कृषि यंत्रों के लिए समाम योजना के तहत जल्द उपलब्ध होंगे लाभ डॉ. सक्सेना ने बताया कि कृषि यंत्रों पर अनुदान पाने के इच्छुक किसानों को "समाम योजना" के अंतर्गत जल्द ही लाभ मिल सकता है। भारत सरकार द्वारा मई माह के अंतिम सप्ताह तक कृषि यंत्रों के लक्ष्य प्राप्त होने की संभावना है। यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सक्रिय की जाएगी और चयनित किसानों को सब्सिडी के माध्यम से उन्नत उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जैविक खेती और जल संरक्षण पर जोर मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों को पारंपरिक कृषि के साथ-साथ जैविक खेती को अपनाने की भी सलाह दी। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन और भूमिगत जलस्तर में गिरावट को देखते हुए जल संरक्षण, ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और शून्य लागत खेती जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को दी जा रही तकनीकी सहायता कृषि विभाग द्वारा तकनीकी सहायकों, कृषि पर्यवेक्षकों और वैज्ञानिकों की टीमों को किसानों के गांवों में भेजा जा रहा है ताकि उन्हें बीज चयन, मिट्टी परीक्षण, उर्वरक उपयोग और कीट नियंत्रण के बारे में मार्गदर्शन दिया जा सके। किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं। कृषि विभाग कृषि विभाग का उद्देश्य है कि जनपद के हर किसान को समय पर सही जानकारी, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, बीमा सुरक्षा, यंत्र सुविधा और वैज्ञानिक सहयोग उपलब्ध कराया जाए, जिससे वर्ष 2025 का खरीफ सीजन उत्पादक और लाभकारी साबित हो।

खरीफ सीजन 2025: 1 मई से धान की नर्सरी और 1 जून से रोपाई की अनुमति, किसान लें योजनाओं का लाभ

रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून…

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रुद्रपुर, 30 अप्रैल 2025 – (समय बोल रहा ) अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं और प्रशासन की साझी पहल, "बाल विवाह मुक्त भारत" अभियान की उधम सिंह नगर में सशक्त शुरुआत देशभर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए चल रहे सबसे बड़े सामाजिक नेटवर्क "जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन" के सहयोग से, उधम सिंह नगर जिले में "इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डेवलपमेंट (ISD)" द्वारा बाल विवाह के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल की गई। अक्षय तृतीया के अवसर पर विकास भवन स्थित शहीद उधम सिंह सभागार में "बाल विवाह मुक्त भारत अभियान" के तहत एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें धर्मगुरुओं, प्रशासनिक अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं सहित कई संस्थाओं ने भाग लिया। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं ने संपन्न किया। यह प्रतीकात्मक शुरुआत बाल विवाह जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दे पर एकजुटता का संदेश देती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था – जिले को बाल विवाह मुक्त बनाना, बाल विवाह की सामाजिक व कानूनी जटिलताओं पर प्रकाश डालना और इसे रोकने के लिए समुदाय, प्रशासन और धार्मिक नेतृत्व को एक मंच पर लाना। अधिकारियों ने दिए ज़िम्मेदारी के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी मुकुल चौधरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र में बाल विवाह जैसी घटनाओं पर सतर्क दृष्टि रखें और यदि कहीं भी बाल विवाह की आशंका हो तो तुरंत विभाग को सूचित करें। उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली महिलाओं की भागीदारी इस सामाजिक कुप्रथा को समाप्त करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और आपातकालीन सेवा 112 की जानकारी देते हुए बताया कि ये संसाधन बच्चों के अधिकारों की रक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए बेहद कारगर हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह में लिप्त पाए जाने वाले अभिभावकों और धर्मगुरुओं के विरुद्ध कानूनन कठोर कार्यवाही का प्रावधान है। बाल विवाह से प्रभावित महिलाओं का प्रेरक अनुभव कार्यशाला के दौरान पूर्व प्रधानाचार्य पार्वती देवी ने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि जब वे केवल 13 वर्ष की थीं, तब उनका विवाह कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि बचपन में विवाह के कारण महिलाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भरता से वंचित होना पड़ता है। उन्होंने अपने अनुभव से बताया कि कैसे उन्होंने पर्दा प्रथा के बावजूद ससुराल पक्ष के सहयोग से एमए, बीएड की शिक्षा प्राप्त की और उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षिका बनकर सेवा दी। बाद में वे एक इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पद तक पहुंचीं और अब गरीब बच्चियों की शिक्षा के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। बाल विवाह का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि बाल विवाह केवल सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खतरनाक है। उन्होंने बताया कि कम उम्र में गर्भधारण करने वाली लड़कियां अधिकतर कुपोषित बच्चों को जन्म देती हैं और खुद भी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिमों से जूझती हैं। ऐसी माताओं की गर्भावस्था अक्सर "हाई रिस्क" मानी जाती है, जिससे मां और बच्चे दोनों के जीवन पर खतरा मंडराता है। धर्मगुरुओं की भूमिका और संकल्प आईएसडी के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने "एक्सेस टू जस्टिस" अभियान के अंतर्गत जिले में बाल विवाह व बाल श्रम के खिलाफ की गई पहलों की जानकारी दी और कहा कि धर्मगुरुओं की भागीदारी से इस लड़ाई को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर धर्मगुरु बाल विवाह में सहयोग करने से मना कर दें और ऐसे विवाहों का सामाजिक रूप से बहिष्कार करें, तो यह प्रथा स्वतः ही खत्म होने लगेगी। आईएसडी की परियोजना निदेशक विदु वासिनी ने कहा कि भारत तभी विकसित बन सकता है जब यहां के बच्चे बाल विवाह जैसी कुप्रथा से मुक्त हों। उन्होंने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि देश में अब भी 23.3% बाल विवाह हो रहे हैं, जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि धर्मगुरु यदि ऐसे विवाह संपन्न न कराएं तो समाज में बदलाव आ सकता है। कार्यक्रम के अंत में धर्मगुरुओं ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि वे बाल विवाह का समर्थन नहीं करेंगे और जहां कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिलेगी, उसका विरोध करेंगे। सहभागिता कार्यशाला में चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति, बाल विकास परियोजना, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और आईएसडी के कार्यकर्ता प्रेम, रईस, रविंद्र, आरती, बबली सरकार, रुचिता, मलिक आदि उपस्थित थे। सभी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस सामाजिक बदलाव में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया।

अक्षय तृतीया पर रुद्रपुर में धर्मगुरुओं और प्रशासन की साझी पहल, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का सशक्त शुभारंभ

रुद्रपुर, 30 अप्रैल 2025 – (समय बोल रहा )अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं और प्रशासन की साझी पहल, “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान की उधम सिंह नगर में सशक्त शुरुआत देशभर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए चल रहे सबसे बड़े सामाजिक नेटवर्क “जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन” के सहयोग से, उधम सिंह नगर जिले में “इंस्टीट्यूट…

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https://samaybolraha.com/ रूद्रपुर, 29 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जनपद प्रशासन ने जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बड़ी कार्यवाही की है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार के निर्देशों पर पूर्ति विभाग ने सघन जांच अभियान चलाकर 37 अपात्र राशन कार्ड धारकों के कार्ड निरस्त कर दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने इस संबंध में सोमवार को सभी उपजिलाधिकारियों, पूर्ति अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनपद की सभी ग्राम पंचायतों और नगर निकाय क्षेत्रों में राशन कार्डों का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाए और अपात्र लोगों के कार्ड तुरंत प्रभाव से रद्द किए जाएं। सीडीओ ने स्थायी निवास प्रमाण-पत्र के आधार पर ही नए राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बाहरी व्यक्तियों, सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे अपात्रों, और मृतकों के नाम पर जारी राशन, आयुष्मान और अन्य कार्डों की गहन जांच की जाए और अविलंब निरस्त किया जाए। हर स्तर पर होगा सत्यापन, प्रतिदिन मांगी जाएगी रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राशन की दुकानों और उनके पंजिकाओं की भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान जांच करें ताकि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी न हो। सभी विभागों से कहा गया कि प्रत्येक दिन की सत्यापन रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में जिला कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। उन्होंने जनपद पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि नए राशन कार्ड केवल उन्हीं लोगों के बनाए जाएं जिनके पास उत्तराखंड का मूल या स्थायी निवास प्रमाण है। साथ ही जो भी व्यक्ति अन्य राज्य का निवासी हो, या जिनके परिवार के पास पहले से योजनाओं का लाभ मिल रहा हो, उनकी जांच उपरांत कार्ड निरस्त कर दिया जाए। जनजातीय परिवारों पर विशेष ध्यान, पीएम योजनाओं का लाभ देने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की जनजातीय और वनराजि समुदायों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत विशेष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि बुक्सा व वनराजि परिवारों के शत-प्रतिशत राशन कार्ड बनाए जाएं और उन्हें प्रधानमंत्री धरती आभा योजना व अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचे, इसके लिए जमीनी स्तर पर निगरानी और क्रियान्वयन सख्त होना चाहिए। वर्चुअल बैठक में कई अधिकारी जुड़े, दी गई जिम्मेदारियां बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार सहित जिले के सभी क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक, उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सत्यापन प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सख्त हिदायत दी गई। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी कहा कि अपात्र व्यक्तियों के खिलाफ यदि आवश्यक हो तो विधिक कार्रवाई भी की जाए ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग न कर सके।इस व्यापक अभियान के माध्यम से जिला प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिलेगा। अपात्र व्यक्तियों पर अब नकेल कसी जाएगी और फर्जी राशन कार्डधारकों की कोई जगह नहीं रहेगी।

रूद्रपुर में अपात्रों पर बड़ी कार्रवाई: 37 राशन कार्ड निरस्त, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने दिए सख्त निर्देश

https://samaybolraha.com/ रूद्रपुर, 29 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जनपद प्रशासन ने जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बड़ी कार्यवाही की है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार के निर्देशों पर पूर्ति विभाग ने सघन जांच अभियान चलाकर 37 अपात्र राशन कार्ड धारकों के…

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