बाजपुर, 15 जुलाई, 2025 (समय बोल रहा ) : वन विभाग और विशेष अभियान समूह (एसओजी) की एक संयुक्त टीम ने सोमवार को बाजपुर-हल्द्वानी मार्ग पर स्थित एक अमरूद के बगीचे में छापेमारी कर खैर की 11 गिल्टे (गोल लट्ठे) बरामद किए हैं। इस अवैध लकड़ी की अनुमानित कीमत डेढ़ लाख रुपये आंकी गई है। मौके से एक बड़ा तराजू भी बरामद हुआ है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि अवैध रूप से काटी गई इस लकड़ी को यहीं पर तौलकर बेचने की तैयारी चल रही थी। हालांकि, छापेमारी दल के पहुंचने से पहले ही आरोपी मौके से फरार होने में सफल रहा, जिसकी तलाश में अब सघन अभियान चलाया जा रहा है। मुखबिर की सूचना पर हुई कार्रवाई यह कार्रवाई वन विभाग को मिली एक खुफिया सूचना के आधार पर की गई। मुखबिर ने बताया था कि हल्द्वानी रोड पर स्थित एक निजी अमरूद के बाग में खैर की भारी मात्रा में अवैध लकड़ी का भंडारण किया गया है, और जल्द ही इसे ठिकाने लगाने की योजना है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, वन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल एसओजी टीम के साथ समन्वय स्थापित किया और सोमवार दोपहर बाद बगीचे पर छापा मारने का निर्णय लिया गया। छापेमारी दल जब बगीचे के भीतर दाखिल हुआ, तो उन्हें पेड़ों के झुरमुट में सावधानी से छिपाकर रखे गए खैर के विशालकाय 11 गिल्टे मिले। इन गिल्टों का आकार और गुणवत्ता यह दर्शाती है कि यह लकड़ी काफी मूल्यवान है। एसओजी प्रभारी अशोक टम्टा ने समय बोल रहा को जानकारी देते हुए बताया, "हमें मिली सटीक सूचना पर यह सफल कार्रवाई की गई है। बरामद की गई खैर की लकड़ी की गुणवत्ता काफी अच्छी है, और हमने इसकी कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये निर्धारित की है। यह लकड़ी अवैध रूप से काटी गई प्रतीत होती है, और इसकी तस्करी की तैयारी थी।" तस्करी के संकेत और आगे की जांच टम्टा ने आगे स्पष्ट किया, "बरामद लकड़ी के साथ जो तराजू मिला है, वह यह दर्शाता है कि मौके पर ही खरीद-फरोख्त की जा रही थी। हालांकि, हमारे पहुंचने से पहले ही संदिग्ध व्यक्ति फरार हो गया। बरामद खैर की लकड़ी और तराजू को रामनगर स्थित वन विभाग की वर्कशॉप में सुरक्षित रखवा दिया गया है। हम फरार आरोपी की पहचान और उसकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्तरों पर जांच कर रहे हैं।" खैर का पेड़ (Acacia catechu) अपनी अत्यंत मूल्यवान लकड़ी के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से कत्था निर्माण, टिकाऊ फर्नीचर, कृषि उपकरण और औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। इसकी धीमी वृद्धि दर और उच्च आर्थिक मूल्य के कारण, खैर की अवैध कटाई और तस्करी उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में एक गंभीर पर्यावरणीय और कानूनी चुनौती बनी हुई है। अवैध रूप से खैर काटना न केवल वनों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि जैव विविधता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। वन विभाग की अपील और चुनौती वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में वन संपदा की सुरक्षा के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। अवैध लकड़ी के व्यापार में शामिल सिंडिकेट को तोड़ने के लिए खुफिया जानकारी एकत्र की जा रही है और ऐसे मामलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाती है। इस विशेष मामले में, जांच दल अब आसपास के क्षेत्रों में सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहा है और स्थानीय मुखबिरों से और जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा है ताकि फरार आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह लकड़ी कहां से लाई गई थी और इसका अंतिम गंतव्य क्या था। स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों ने वन विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने सरकार और प्रशासन से वन कानूनों को और मजबूत करने तथा अवैध कटाई को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की अपील की है। यह घटना एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालती है कि उत्तराखंड के वन संसाधनों को बचाने के लिए निरंतर सतर्कता और समुदाय की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है।

बाजपुर में 11 गिल्टे खैर की अवैध लकड़ी बरामद; वन विभाग और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई, आरोपी फरार

बाजपुर, 15 जुलाई, 2025 (समय बोल रहा ) : वन विभाग और विशेष अभियान समूह (एसओजी) की एक संयुक्त टीम ने सोमवार को बाजपुर-हल्द्वानी मार्ग पर स्थित एक अमरूद के बगीचे में छापेमारी कर खैर की 11 गिल्टे (गोल लट्ठे) बरामद किए हैं। इस अवैध लकड़ी की अनुमानित कीमत डेढ़ लाख रुपये आंकी गई है।…

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नैनीताल, 7 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के नैनीताल में सैलानियों की स्टंटबाजी का एक और खतरनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। ज्योलिकोट क्षेत्र में एक तेज़ रफ्तार चलती हरियाणा नंबर की कार से, उसमें सवार कुछ पर्यटक सनरूफ और खिड़कियों से बाहर झांककर जानलेवा तरीके से फोटो खिंचवाते हुए नजर आए। इस खतरनाक स्टंट को देखकर सोशल मीडिया पर भारी नाराजगी फैल गई और आम लोगों ने नैनीताल पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए न केवल चालान काटा, बल्कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न करने की सख्त चेतावनी भी दी है। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि सोशल मीडिया पर लाइक्स बटोरने का जुनून किस हद तक लोगों की जान जोखिम में डाल रहा है। तेज रफ्तार कार, खतरनाक पोज़: वायरल वीडियो की पूरी कहानी वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक हरियाणा नंबर की तेज रफ्तार कार ज्योलिकोट क्षेत्र से गुजर रही है। कार में सवार कुछ युवक और युवतियां, सनरूफ से बाहर निकलकर और खिड़कियों से आधा शरीर बाहर निकालकर खतरनाक तरीके से पोज दे रहे हैं। वे चलती गाड़ी में अपनी जान जोखिम में डालकर फोटो और वीडियो बना रहे थे, संभवतः सोशल मीडिया पर 'रील्स' या पोस्ट डालने के उद्देश्य से। इस तरह की हरकतें न केवल उनमें सवार व्यक्तियों के लिए बल्कि सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा करती हैं। वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हजारों लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। गुस्साए यूजर्स ने इसे 'लापरवाही की हद' और 'पर्यटन स्थलों पर अराजकता' करार दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने नैनीताल पुलिस और उत्तराखंड पुलिस को टैग करते हुए ऐसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। एसएसपी का त्वरित संज्ञान: तुरंत हुई चालानी कार्रवाई और काउंसलिंग नैनीताल जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीणा ने वायरल वीडियो का तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित वाहन और उसके चालक को तत्काल चिन्हित करने के निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देशों पर हरकत में आई पुलिस टीम ने फुटेज के आधार पर वाहन नंबर का पता लगाया और हरियाणा नंबर की उस गाड़ी को ट्रेस कर लिया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वाहन चालक के खिलाफ चालानी कार्रवाई की। वाहन चालक पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत निर्धारित धाराओं में जुर्माना लगाया गया। सिर्फ चालान तक ही बात नहीं रुकी, पुलिस ने कार में सवार परिवार के अन्य सदस्यों की भी काउंसलिंग की। इस काउंसलिंग का उद्देश्य उन्हें उनके गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खतरों से अवगत कराना और भविष्य में ऐसी गलतियों को दोहराने से रोकना था। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान वाहन चालक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए पुलिस से माफी मांगी। उसने भविष्य में कभी भी ऐसी लापरवाही न करने का वादा भी किया। यह पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई का परिणाम था कि अपराधियों को भागने का मौका नहीं मिला और उन्हें अपनी गलती का एहसास भी हुआ। सड़क हादसों पर लगाम: एसएसपी के सख्त निर्देश और पुलिस की अपील नैनीताल जनपद में सड़क हादसों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने सभी थाना प्रभारियों और यातायात पुलिस को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत, अब जिले में ड्रंक एंड ड्राइव (शराब पीकर गाड़ी चलाना), ओवरस्पीडिंग (तेज रफ्तार), रैश ड्राइविंग (लापरवाह ड्राइविंग) और स्टंटबाजी के खिलाफ एक विशेष और सघन अभियान चलाया जाएगा। पुलिस ऐसी किसी भी गतिविधि पर कड़ी नजर रखेगी जो सड़क सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। नैनीताल पुलिस ने आम जनता, विशेषकर पर्यटकों से एक सख्त अपील जारी की है: "चलती गाड़ी में किसी भी तरह की स्टंटबाजी न करें।" "सनरूफ का मतलब खतरनाक पोज़ देना नहीं है। यह सुविधा यात्रियों के आराम और आनंद के लिए है, न कि जान जोखिम में डालकर स्टंट करने के लिए।" "सोशल मीडिया पर फोटो सेशन के चक्कर में अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डालकर हादसे को न बुलाओ।" 'लाइक्स की भूख' और सड़क सुरक्षा: एक गंभीर चेतावनी यह घटना एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई की ओर इशारा करती है कि सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलोवर्स बटोरने की भूख, लोगों की अपनी और दूसरों की जान के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकती है। पर्यटक स्थलों पर लोग अक्सर अपनी यात्रा को यादगार बनाने और सोशल मीडिया पर 'अलग' दिखने के लिए ऐसी खतरनाक हरकतें कर बैठते हैं, जो अंततः गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल, जहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं, यदि पर्यटक खुद ही नियमों को तोड़ने लगेंगे और खतरनाक स्टंट करेंगे, तो फिर दुर्घटनाओं से कैसे बचा जा सकेगा? यह एक गंभीर सवाल है जो पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और पर्यटकों की नैतिकता पर विचार करने को मजबूर करता है। नैनीताल पुलिस की यह सख्त चेतावनी है कि अब अगर उत्तराखंड की सड़कों पर किसी भी तरह की स्टंटबाजी की गई, तो सिर्फ वीडियो वायरल नहीं होगा, बल्कि तुरंत चालान कटेगा और कानूनी केस भी साथ में चलेगा। पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है: "सैर पर आइए, देवभूमि उत्तराखंड के संस्कार लेकर जाइए, स्टंट नहीं।" यह संदेश न केवल पर्यटकों के लिए है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो सड़क सुरक्षा नियमों को हल्के में लेते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसी लापरवाहियां रुकेंगी।

नैनीताल में ‘रील्स’ का जुनून पड़ा महंगा! चलती कार से स्टंट कर रहे हरियाणा के पर्यटक पर गिरी गाज, पुलिस ने काटा चालान और दी सख्त चेतावनी: ‘अब वीडियो नहीं, सीधा केस चलेगा

नैनीताल, 7 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के नैनीताल में सैलानियों की स्टंटबाजी का एक और खतरनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। ज्योलिकोट क्षेत्र में एक तेज़ रफ्तार चलती हरियाणा नंबर की कार से, उसमें सवार कुछ पर्यटक सनरूफ और खिड़कियों…

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टनकपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के टनकपुर से आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा का आगाज़ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर पर्यटक आवास गृह से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र मार्ग है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह अब भौगोलिक सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का एक सशक्त माध्यम बन गई है, जहां पहले सप्ताह भर का समय लगता था, वह अब कुछ ही घंटों में संभव हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वयं उपस्थित होकर यात्रियों का न केवल पारंपरिक रूप से स्वागत किया, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न और मालाएं भेंट कर उन्हें भावभीनी विदाई भी दी। विविधता में एकता: 11 राज्यों से आए 45 श्रद्धालुओं का पहला दल इस ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल में देश के विभिन्न कोनों से आए कुल 45 श्रद्धालु शामिल हैं। यह दल भारत की आध्यात्मिक विविधता में एकता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है। इन यात्रियों में 32 पुरुष और 13 महिलाएं हैं, जो छत्तीसगढ़, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे 11 विभिन्न राज्यों से अपनी आस्था और भक्ति के साथ इस पवित्र यात्रा के लिए टनकपुर पहुंचे थे। यह तथ्य स्वयं में दर्शाता है कि कैलाश मानसरोवर की आध्यात्मिक ऊर्जा देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक यात्री से संवाद किया। उन्होंने यात्रियों का देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया और उनसे उनकी यात्रा संबंधी तैयारियों और अपेक्षाओं के बारे में जानकारी ली। सीएम ने बताया कि उनकी सरकार यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सीएम धामी का संबोधन: केवल यात्रा नहीं, आत्मिक जागरण का मार्ग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं और जनता को संबोधित करते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है।" सीएम ने जोर देकर कहा कि जो श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बन रहे हैं, वे केवल एक भौगोलिक यात्रा नहीं कर रहे, बल्कि वे समर्पण और आत्म-साक्षात्कार की एक गहरी अनुभूति लेकर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि के धार्मिक महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि "उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह देवभूमि अनादि काल से ही आध्यात्मिकता का केंद्र रही है और कैलाश मानसरोवर की यात्रा इसी की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।" पीएम मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व: सीमाओं को लांघती 'शिव से साक्षात्कार' की यात्रा अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले जिस कैलाश मानसरोवर यात्रा में दुर्गम रास्तों और कठिन परिस्थितियों के कारण सात दिन या उससे भी अधिक का समय लगता था, अब वह प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है जिसने श्रद्धालुओं के लिए इस पवित्र धाम तक पहुंच को बहुत आसान बना दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह यात्रा अब केवल एक भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का एक सशक्त माध्यम बन गई है।" इसका सीधा अर्थ यह है कि आधारभूत संरचना के विकास और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण श्रद्धालु अब कम समय और अधिक सुविधा के साथ इस पवित्र स्थान तक पहुंच पा रहे हैं, जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा और भी सुगम बन गई है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता: सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मुख्यमंत्री धामी ने यह भी दोहराया कि उत्तराखंड सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा को प्रत्येक यात्री के लिए सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग के प्रत्येक पड़ाव पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इनमें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, आरामदायक आवास व्यवस्था, पौष्टिक भोजन, पुख्ता सुरक्षा और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि श्रद्धालुओं को अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। यह प्रतिबद्धता श्रद्धालुओं को बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने अंत में भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगी, बल्कि उत्तराखंड की देवभूमि छवि को भी और मजबूत करेगी। आध्यात्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाने और उसके पहले दल को मुख्यमंत्री द्वारा रवाना किया जाना उत्तराखंड में आध्यात्मिक पर्यटन को एक नई गति देगा। यह न केवल राज्य की आय में वृद्धि करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। कैलाश मानसरोवर जैसे पवित्र स्थलों तक आसान पहुंच से देश-विदेश के अधिक से अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड की ओर आकर्षित होंगे, जिससे राज्य की पहचान एक प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में और भी प्रगाढ़ होगी। यह यात्रा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक स्तर पर भी प्रदर्शित करेगी।

इतिहास रचते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल निकला! CM धामी ने टनकपुर से दी हरी झंडी, पीएम मोदी के ‘विजन’ से अब घंटों में शिव के दर्शन

टनकपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के टनकपुर से आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा का आगाज़ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर पर्यटक आवास गृह से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक…

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रामनगर, 4 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के रामनगर स्थित मालधन चौड़ इलाके में बीती रात एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। 2 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे, गौतम नगर नंबर 5 निवासी अनुज कुमार नामक एक युवक ने अपने ही मोहल्ले के जोगेन्द्र सिंह पर चाकू से गले पर जानलेवा वार कर दिया। यह हमला तब हुआ जब आरोपी ने रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए दीवार फांदकर पीड़ित के घर में घुसपैठ की। इस घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंधेरे का फायदा उठा, दीवार फांदकर घर में घुसा हमलावर घटना 2 जुलाई की रात लगभग 9:30 बजे की बताई जा रही है। गौतम नगर नंबर 5 में अपने घर पर मौजूद जोगेन्द्र सिंह को शायद अंदाजा भी नहीं था कि उनकी जान पर इतना बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पुलिस से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हमलावर अनुज कुमार, जो कि जोगेन्द्र सिंह के ही मोहल्ले का रहने वाला बताया गया है, ने रात के अंधेरे और सन्नाटे का फायदा उठाया। उसने चुपचाप जोगेन्द्र सिंह के घर की दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया। घर में घुसने के बाद, आरोपी ने जोगेन्द्र सिंह पर अचानक हमला बोल दिया और सीधे उनके गले पर चाकू से वार कर दिया। यह हमला इतना अचानक और घातक था कि जोगेन्द्र सिंह गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े। घटना के समय घर में मौजूद परिजनों और आस-पड़ोस के लोगों ने जब शोर सुना, तो वे तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्होंने जोगेन्द्र सिंह को लहूलुहान अवस्था में पाया। यह मंजर देख सभी हक्के-बक्के रह गए। गंभीर रूप से घायल जोगेन्द्र सिंह अस्पताल में भर्ती, मुकदमा दर्ज हमले के तुरंत बाद, गंभीर रूप से घायल जोगेन्द्र सिंह को उनके परिजनों द्वारा बिना देर किए अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों की टीम ने उनकी हालत की गंभीरता को देखते हुए तुरंत उपचार शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि जोगेन्द्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है और वे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। यह हमला कितना गंभीर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपी ने सीधे गले जैसे संवेदनशील हिस्से पर वार किया था। घटना के बाद, पीड़ित जोगेन्द्र सिंह के छोटे भाई सुरेश चंद्र ने रामनगर थाने में घटना की पूरी जानकारी देते हुए एक तहरीर (शिकायत) दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए FIR नंबर 243/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 109 और 332 (सी) में मुकदमा दर्ज कर लिया है। धारा 109 आमतौर पर आपराधिक साजिश या उकसाने से संबंधित हो सकती है, जबकि 332(सी) जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने या हत्या के प्रयास से संबंधित धाराओं के समकक्ष हो सकती है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई: आरोपी अनुज कुमार गिरफ्तार, वारदात का चाकू बरामद इस सनसनीखेज वारदात के बाद मालधन इलाके में लोगों के बीच गहरी चिंता और नाराजगी का माहौल था। ऐसी घटना ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए थे। हालांकि, रामनगर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जनता के गुस्से को शांत करने और अपराधियों को संदेश देने का काम किया। पुलिस टीम ने घटना के तुरंत बाद आरोपी की तलाश शुरू कर दी। स्थानीय खुफिया तंत्र और अन्य जानकारी के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की और आखिरकार आरोपी अनुज कुमार को मालधन इलाके से दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के समय, पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किया गया धारदार चाकू भी उसके पास से बरामद कर लिया। यह चाकू ही इस जघन्य अपराध का सबसे बड़ा सबूत है। पुलिस ने आरोपी अनुज कुमार को हिरासत में ले लिया है और उससे घटना के पीछे के मकसद और अन्य संबंधित जानकारी के लिए गहन पूछताछ की जा रही है। (तस्वीर में, गिरफ्तार किए गए आरोपी अनुज कुमार को पुलिसकर्मियों के साथ थाने के बाहर खड़े देखा जा सकता है, जिसके हाथ में वारदात में प्रयुक्त चाकू एक सफेद बॉक्स में रखा हुआ है।) वारदात के पीछे का मकसद अभी भी रहस्य, पुलिस जांच जारी फिलहाल, इस जानलेवा हमले के पीछे का वास्तविक मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में किसी पुरानी रंजिश, व्यक्तिगत विवाद, या किसी अन्य कारण की संभावना पर गौर किया जा रहा है। स्थानीय लोग भी इस बात को लेकर हैरान हैं कि आखिर किस वजह से अनुज कुमार ने अपने ही मोहल्ले के व्यक्ति पर इतना घातक हमला किया। पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ के बाद ही हमले के वास्तविक कारण का पता चल पाएगा। समुदाय में दहशत और सुरक्षा पर सवाल मालधन चौड़ जैसे शांत इलाके में ऐसी हिंसक घटना ने समुदाय में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। लोग अपने घरों और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस घटना ने एक बार फिर रामनगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने पुलिस प्रशासन से क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो सके। पुलिस अधिकारियों ने जनता को आश्वासन दिया है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जोगेन्द्र सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जा रही है और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस घटना के पीछे का पूरा सच सामने आ जाएगा।

रामनगर में सनसनीखेज वारदात: दीवार फांदकर घर में घुसे हमलावर ने युवक का गला रेता, आरोपी गिरफ्तार – मौके से चाकू बरामद!

रामनगर, 4 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के रामनगर स्थित मालधन चौड़ इलाके में बीती रात एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। 2 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे, गौतम नगर नंबर 5 निवासी अनुज कुमार नामक एक युवक ने अपने…

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भीमताल, नैनीताल, 2 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के नैनीताल जिले के खूबसूरत भीमताल क्षेत्र में मंगलवार का दिन एक गहरे सदमे में बदल गया। यहां मूसाताल में नहाने के दौरान भारतीय वायुसेना के दो युवा जवानों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हृदयविदारक घटना तब घटी जब वे अपने दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए भीमताल और नैनीताल घूमने आए थे। इस हादसे ने न सिर्फ उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है, बल्कि पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और जागरूकता के मुद्दों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुशियों की तलाश में आए थे, मौत ने गले लगाया पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान प्रिंस यादव और साहिल के रूप में हुई है। दोनों ही भारतीय वायुसेना में कार्यरत थे और पंजाब के पठानकोट से अपने छह अन्य दोस्तों के साथ उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता का आनंद लेने आए थे। उनके ग्रुप में कुल आठ लोग थे, जिनमें चार युवक और चार युवतियां शामिल थे। मंगलवार को यह समूह भीमताल के आसपास घूम रहा था, और दोपहर के समय वे मूसाताल पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, तालाब के शांत किनारे पर घूमने के दौरान प्रिंस और साहिल ने गर्मी से राहत पाने के लिए पानी में उतरने का फैसला किया। शायद उन्हें तालाब की गहराई का अंदाजा नहीं था या फिर वे मौज-मस्ती के मूड में थे। कुछ ही देर में, दोनों गहरे पानी में फंस गए और डूबने लगे। उनके दोस्तों ने जब उन्हें डूबता देखा तो तुरंत शोर मचाया और मदद के लिए चिल्लाए, लेकिन अफसोस कि उस समय आसपास कोई ऐसा व्यक्ति मौजूद नहीं था जो उन्हें बचा सके। पल भर में खुशियों भरा माहौल चीख-पुकार और निराशा में बदल गया। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से निकाले गए शव घटना की सूचना मिलते ही भावली के क्षेत्राधिकारी (सीओ) प्रमोद साह और उनकी पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद दोनों जवानों के शवों को तालाब से बाहर निकाला गया। पुलिस ने मृतकों के शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सके। इस दुखद घटना के बाद मृतकों के साथ आए उनके बाकी दोस्त गहरे सदमे में हैं। उनकी छुट्टियां पल भर में मातम में बदल गईं। घटना की जानकारी तुरंत मृतकों के परिजनों को दे दी गई, जिसके बाद उनके घरों में कोहराम मच गया। प्रियजनों को खोने का असहनीय दर्द उनके परिवारों और दोस्तों को हमेशा सालता रहेगा। सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी: लापरवाही बनी जानलेवा पुलिस ने इस घटना के बाद एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है कि मूसाताल जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को लेकर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और तालाब में नहाने की सख्त मनाही है। इसके बावजूद पर्यटक अक्सर लापरवाही बरतते हैं और बिना सोचे-समझे खतरनाक स्थानों पर उतर जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे होते हैं। सीओ प्रमोद साह ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “हम लगातार लोगों को ऐसे खतरनाक स्थानों पर न जाने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने के लिए आगाह कर रहे हैं। जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं, लेकिन जब लोग नियमों को तोड़ते हैं और लापरवाही करते हैं तो ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे होते ही हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस आगे से ऐसे क्षेत्रों में निगरानी और बढ़ाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था और जागरूकता पर उठे गंभीर सवाल यह दर्दनाक घटना एक बार फिर उत्तराखंड में पर्यटक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था और पर्यटकों के बीच जागरूकता की कमी पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या केवल चेतावनी बोर्ड लगा देना ही पर्याप्त है? क्या इन खतरनाक क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन को और अधिक सतर्कता और निगरानी नहीं बढ़ानी चाहिए? क्या पर्यटकों को सुरक्षा नियमों और संभावित खतरों के बारे में अधिक प्रभावी ढंग से जागरूक करने की आवश्यकता नहीं है? स्थानीय लोगों का भी मानना है कि पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। खासकर ऐसे ताल और झरने जो गहरे और खतरनाक हो सकते हैं, वहां पर बैरिकेडिंग की जानी चाहिए और पर्यटकों की निगरानी के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए। इसके अलावा, जागरूकता अभियानों के माध्यम से पर्यटकों को जिम्मेदारी से व्यवहार करने और नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना भी आवश्यक है। यह हादसा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सिर्फ पर्यटकों को आकर्षित करने पर ध्यान दे रहे हैं या उनकी सुरक्षा भी हमारी प्राथमिकता है। अगर हम चाहते हैं कि उत्तराखंड एक सुरक्षित और खुशनुमा पर्यटन स्थल बना रहे, तो हमें सुरक्षा व्यवस्था को लेकर और अधिक गंभीर और संवेदनशील होना होगा। प्रिंस यादव और साहिल की असामयिक मृत्यु एक चेतावनी है कि लापरवाही और सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी कितनी भारी पड़ सकती है। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन और पर्यटक दोनों ही भविष्य में अधिक सतर्क और जिम्मेदार बनेंगे, ताकि ऐसे हृदयविदारक हादसों को टाला जा सके।

नैनीताल में दर्दनाक हादसा: मूसाताल में नहाते वक्त वायुसेना के दो जवानों की डूबकर मौत, छुट्टियां बनी मातम

भीमताल, नैनीताल, 2 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के नैनीताल जिले के खूबसूरत भीमताल क्षेत्र में मंगलवार का दिन एक गहरे सदमे में बदल गया। यहां मूसाताल में नहाने के दौरान भारतीय वायुसेना के दो युवा जवानों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हृदयविदारक घटना तब घटी जब वे अपने…

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रामनगर, 1 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर से करीब 9 किलोमीटर दूर, कालाढूंगी थाना क्षेत्र के बैलपड़ाव चौकी अंतर्गत हल्द्वानी रोड पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। बाइक पर सवार दो भाइयों को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी, जिसमें बाइक चला रहे छोटे भाई की मौके पर ही मौत हो गई। अज्ञात तेज रफ्तार वाहन टक्कर मारने के बाद मौके से फरार हो गया। इस भीषण टक्कर ने एक बार फिर उत्तराखंड की सड़कों पर बढ़ती लापरवाही और तेज रफ्तार के खतरे को उजागर कर दिया है। दर्दनाक मंजर: मौके पर ही छोटे भाई ने तोड़ा दम यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना उस समय हुई जब दो भाई अपनी बाइक पर सवार होकर हल्द्वानी रोड से गुजर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दोनों भाई सड़क पर गिर पड़े। इस हादसे में बाइक चला रहे छोटे भाई की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि साथ बैठा बड़ा भाई भी घायल हो गया। हादसे के बाद टक्कर मारने वाला अज्ञात वाहन चालक मौके से फरार होने में सफल रहा। स्थानीय लोगों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों की मदद की और पुलिस को सूचना दी। मृतक की पहचान: जसपुर निवासी वीरपाल (22) बैलपड़ाव पुलिस चौकी प्रभारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मृतक युवक की पहचान वीरपाल (उम्र 22 वर्ष) के रूप में हुई है। वीरपाल उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के जसपुर का रहने वाला था। सूचना मिलते ही बैलपड़ाव पुलिस चौकी की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और मृतक वीरपाल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घायल भाई को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार जारी है। उसके स्वास्थ्य के बारे में फिलहाल विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन वह सदमे में है। वीरपाल की असामयिक मृत्यु से उसके परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार को इस दुखद घटना से गहरा आघात पहुंचा है। अज्ञात वाहन की तलाश में जुटी पुलिस, जांच जारी पुलिस के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती टक्कर मारकर फरार हुए अज्ञात वाहन की पहचान करना है। बैलपड़ाव पुलिस चौकी प्रभारी ने बताया कि फिलहाल आरोपी वाहन की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस अब घटनास्थल के आसपास और हल्द्वानी रोड पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि आरोपी वाहन और उसके चालक का पता लगाया जा सके। इसके साथ ही, पुलिस अन्य तकनीकी साक्ष्यों और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के आधार पर भी जांच कर रही है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और जांच को आगे बढ़ा रही है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा और उसे कानून के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। उत्तराखंड की सड़कों पर मंडराता खतरा: तेज रफ्तार और लापरवाही यह दर्दनाक सड़क हादसा एक बार फिर उत्तराखंड की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाह वाहनों की वजह से मंडराते खतरे को उजागर करता है। राज्य में आए दिन ऐसे हादसे हो रहे हैं, जिनमें कई बेकसूर लोग अपनी जान गंवा रहे हैं या गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। अक्सर इन हादसों के पीछे ओवरस्पीडिंग, नशे में ड्राइविंग, लापरवाही से वाहन चलाना और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन प्रमुख कारण होते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग को सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, जिसमें जागरूकता अभियान, नियमों का सख्त प्रवर्तन और ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना शामिल है। जनता से भी अपील की जाती है कि वे सड़क पर वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, गति सीमा का पालन करें और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें, ताकि ऐसे दुखद हादसों को रोका जा सके। वीरपाल की मौत एक और कड़वी याद है कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा का भी सवाल है।

हल्द्वानी रोड पर भीषण हादसा: तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने ली बाइक सवार युवक की जान, बड़ा भाई घायल; पुलिस जांच में जुटी

रामनगर, 1 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर से करीब 9 किलोमीटर दूर, कालाढूंगी थाना क्षेत्र के बैलपड़ाव चौकी अंतर्गत हल्द्वानी रोड पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। बाइक पर सवार दो भाइयों को अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी, जिसमें बाइक चला रहे छोटे भाई की मौके पर ही…

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रामनगर, 29 जून, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में 'ड्रग फ्री देवभूमि' के नारों के बीच रामनगर में सरकार की नीतियों के खिलाफ महिला एकता मंच ने एक बड़ा मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। आने वाली 1 जुलाई से महिला एकता मंच 'नशा नहीं, इलाज दो' अभियान की शुरुआत करेगा, जिसके तहत सरकार के खिलाफ थाली-कनस्तर बजाकर जोरदार हल्ला बोला जाएगा। यह विरोध प्रदर्शन रामनगर विधायक कार्यालय के बाहर दोपहर 12 बजे से शुरू होगा, और इसमें सैकड़ों महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है। महिलाओं का आरोप है कि सरकार मालधन क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है, वहीं शराब की दुकानों को धड़ाधड़ खोला जा रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, शराब की दुकानें मालामाल! महिला एकता मंच का आरोप है कि मालधन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। मालधन की जनता को डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं, और अस्पताल में इलाज की सुविधा भी न के बराबर है। सबसे गंभीर आरोप यह है कि एक तरफ लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, वहीं दूसरी ओर शराब की दुकानें धड़ाधड़ खोली जा रही हैं, जिससे समाज में नशे का प्रकोप बढ़ रहा है। महिलाओं का सवाल है कि यह कैसा विकास है, जहां शराब को प्राथमिकता दी जा रही है और स्वास्थ्य को हाशिये पर धकेला जा रहा है। मंच ने विशेष रूप से आरोप लगाया है कि अस्पताल की रीढ़ कहे जाने वाले फीजिशियन डॉ. प्रशांत कौशिक और प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. अर्चना कौशिक का तबादला करके स्वास्थ्य व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया गया है। इसके अलावा, अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और 24x7 इमरजेंसी जैसी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से, पहले से बंद पड़ी गोपाल नगर में शराब की दुकान को फिर से खोल दिया गया है। यह विरोधाभास महिलाओं के गुस्से का मुख्य कारण बन गया है। मांग पत्र सौंपा, समाधान न मिला तो महिलाएं उतरेंगी सड़क पर महिला एकता मंच ने अपनी मांगों को लेकर पहले भी आवाज उठाई थी। 25 जून को मंच द्वारा रामनगर विधायक को एक विस्तृत मांग पत्र सौंपा गया था। इस मांग पत्र में प्रमुख रूप से ये मांगें शामिल थीं: डॉक्टरों के तबादले पर तत्काल रोक लगाई जाए। अस्पताल में नए डॉक्टरों की जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए। मालधन क्षेत्र में शराब की दुकानों को बंद किया जाए। कच्ची शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया जाए। मंच का कहना है कि मांग पत्र सौंपने के बाद भी उन्हें कोई ठोस समाधान नहीं मिला। सरकार और प्रशासन की चुप्पी ने महिलाओं को अब सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। उनका साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। चुनावी चेतावनी जारी: 'जो प्रत्याशी आंदोलन के साथ नहीं, जनता सिखाएगी सबक' महिलाओं ने इस अभियान के साथ ही आगामी पंचायत चुनावों के लिए एक कड़ी चेतावनी भी जारी की है। महिला एकता मंच ने स्पष्ट कहा है कि "जो प्रत्याशी इस आंदोलन के साथ नहीं होंगे, उन्हें पंचायत चुनाव में जनता सबक सिखाएगी।" यह चेतावनी उन सभी राजनीतिक प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों के लिए है जो ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। महिलाओं का यह रुख बताता है कि वे अपने स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों को लेकर कितनी गंभीर हैं, और वे इन चुनावों में इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने जा रही हैं। इस अभियान में महिला एकता मंच की ममता, पुष्पा, रेखा, कौशल्या, सरस्वती, रजनी, गुड्डी, सावित्री, पिंकी, मंजू, उमा, कमला जैसी अनेक महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी। ये महिलाएं इस आंदोलन की रीढ़ हैं और अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए एकजुट हो चुकी हैं। आंदोलन का आह्वान: 1 जुलाई को रामनगर विधायक कार्यालय पहुंचें महिला एकता मंच ने रामनगर की जनता से आह्वान किया है कि यदि वे भी 'इलाज मिले, नशा नहीं' के विचार से सहमत हैं, तो वे आने वाली 1 जुलाई को दोपहर 12 बजे रामनगर विधायक कार्यालय पहुंचें। मंच ने सभी से थाली-कनस्तर बजाकर अपना विरोध दर्ज कराने और इस महत्त्वपूर्ण अभियान का हिस्सा बनने की अपील की है। थाली-कनस्तर बजाना अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी आवाज को सशक्त रूप से प्रशासन तक पहुंचाने का एक पारंपरिक और प्रभावी तरीका रहा है। यह आंदोलन सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शराब की बिक्री पर लगाम लगाने का दबाव बनाने के लिए शुरू किया जा रहा है। देखना होगा कि यह 'थाली-कनस्तर' आंदोलन कितना असर डाल पाता है और क्या महिलाओं की आवाज सुनी जाती है।

रामनगर: ‘नशा नहीं, इलाज दो’ मांग पर सड़क पर महिलाएं, 1 जुलाई से बजाएंगी थाली-कनस्तर, दी सीधी चुनावी चुनौती!

रामनगर, 29 जून, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ के नारों के बीच रामनगर में सरकार की नीतियों के खिलाफ महिला एकता मंच ने एक बड़ा मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। आने वाली 1 जुलाई से महिला एकता मंच ‘नशा नहीं, इलाज दो’ अभियान की शुरुआत करेगा, जिसके तहत…

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रामनगर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – ( 68 किलो गांजे ) उत्तराखंड को 'ड्रग फ्री देवभूमि' बनाने के अभियान के तहत रामनगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने कुल 68.02 किलोग्राम गांजा बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 17 लाख रुपये बताई जा रही है। इस बड़ी सफलता ने नशे के खिलाफ पुलिस के अभियान को और मजबूती प्रदान की है। मुखबिर की सटीक सूचना और पुलिस का जाल जानकारी के अनुसार, पुलिस को काफी समय से रामनगर क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी की सूचनाएं मिल रही थीं, जिसके बाद पुलिस लगातार ऐसे तत्वों पर पैनी नजर रख रही थी। इसी क्रम में, बीती देर रात रामनगर कोतवाली पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र से एक सटीक सूचना प्राप्त हुई। मुखबिर ने बताया कि एक युवक अपनी टैक्सी का इस्तेमाल कर अवैध गांजे की बड़ी खेप की तस्करी कर रहा है और जल्द ही वह रामनगर क्षेत्र से गुजरने वाला है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार सैनी के नेतृत्व में तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में उपनिरीक्षक मनोज नयाल, कांस्टेबल गगनदीप सिंह, विपिन शर्मा, संदीप और यशपाल सिंह जैसे तेज-तर्रार पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस टीम ने मुखबिर द्वारा बताए गए संभावित स्थान पर घेराबंदी की और पूरी मुस्तैदी के साथ इंतजार करने लगी। कुछ ही देर में, मुखबिर द्वारा बताए गए हुलिए का एक व्यक्ति अपनी टैक्सी से वहां पहुंचा। पुलिस ने बिना देर किए उसे रोक लिया और रंगे हाथों धर दबोचा। तस्कर की पहचान और करोड़ों का माल बरामद पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की पहचान दानिश पुत्र वाहिद हुसैन के रूप में हुई है, जो रामनगर के ही पूछड़ी टंकी के पास का निवासी बताया गया है। दानिश की उम्र करीब 22 वर्ष है, और वह अपनी टैक्सी का इस्तेमाल कर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने जब दानिश की टैक्सी की तलाशी ली, तो उसमें से कुल 68.02 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। बरामद गांजे की यह मात्रा काफी अधिक है, जो बताती है कि आरोपी एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। बरामद किए गए इस गांजे की बाजार में अनुमानित कीमत करीब 17 लाख रुपये आंकी गई है। यह एक बड़ी बरामदगी है जो नशे के कारोबार पर रामनगर पुलिस की मजबूत पकड़ को दर्शाती है। पूछताछ में खुला राज: 'आर्तिक' और 'भूरी' का नाम आया सामने गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी दानिश से गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दानिश ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि यह सारा गांजे का माल आर्तिक और भूरी नाम के दो व्यक्तियों का था। दानिश ने पुलिस को बताया कि आर्तिक और भूरी ने ही उसे पहाड़ से गांजा लाने के लिए 5000 रुपये दिए थे। यह खुलासा इस बात की ओर इशारा करता है कि यह केवल एक स्थानीय धंधा नहीं, बल्कि इसका संबंध पहाड़ों से आने वाले बड़े अंतर्राज्यीय नेटवर्क से हो सकता है। पुलिस अब आर्तिक और भूरी की तलाश में जुट गई है और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए विभिन्न टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। उम्मीद है कि दानिश से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस इस पूरे नेटवर्क का खुलासा कर पाएगी और इसमें शामिल अन्य बड़े तस्करों को भी गिरफ्तार कर सकेगी। ड्रग फ्री देवभूमि अभियान को मिली सफलता: कड़ी कानूनी कार्रवाई पुलिस ने आरोपी दानिश के खिलाफ एफआईआर संख्या 238/25, धारा 8/20/60/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) भारत में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए एक सख्त कानून है। इस एक्ट के तहत इतनी बड़ी मात्रा में गांजा बरामद होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। यह गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'ड्रग फ्री देवभूमि' अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाना है। इस तरह की बड़ी बरामदगी और गिरफ्तारियां निश्चित रूप से इस अभियान को और मजबूती प्रदान करेंगी और नशे के तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरेंगी। गिरफ्तार आरोपी दानिश को बरामद माल सहित न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। रामनगर पुलिस ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानून के

रामनगर पुलिस की बड़ी सफलता: 17 लाख की कीमत का 68 किलो गांजे के साथ युवक गिरफ्तार, ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ अभियान को मिली सफलता

रामनगर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – ( 68 किलो गांजे ) उत्तराखंड को ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ बनाने के अभियान के तहत रामनगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी…

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नैनीताल 10 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: 'जीरो टॉलरेंस' नीति का दिखा असर नैनीताल में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 'जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन' नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) की टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और एकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी शुक्रवार को उस समय हुई, जब दोनों अधिकारी एक कर्मचारी की वार्षिक वेतन वृद्धि (एसीपी) के लिए हस्ताक्षर करने के एवज में गैरकानूनी रूप से धन की मांग कर रहे थे। इस घटना ने राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को एक बार फिर से मजबूती से स्थापित किया है। नैनीताल में भ्रष्टाचार: एसीपी के एवज में रिश्वत की मांग नैनीताल न्यायालय में कार्यरत एक कर्मचारी ने सतर्कता विभाग में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी और उनके पांच अन्य सहयोगियों की एसीपी (वार्षिक वेतन वृद्धि) लंबित है। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसमें से दो सदस्यों ने पहले ही अपने हस्ताक्षर कर दिए थे। हालांकि, मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा अनावश्यक रूप

नैनीताल में भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का करारा प्रहार: मुख्य कोषाधिकारी और एकाउंटेंट रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

नैनीताल 10 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का दिखा असर नैनीताल में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ‘जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन’ नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) की टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश…

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रामनगर ,30 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा )  — उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में शनिवार दोपहर अवैध खनन को लेकर वन विभाग और खनन माफियाओं के बीच हुई झड़प एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रही है कि आखिर राज्य में अवैध खनन पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है। रामनगर के सुल्तानपुर पट्टी इलाके में हुई इस घटना में वन विभाग की टीम पर तस्करों ने हमला किया और अपने वाहन छुड़ाने का प्रयास किया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वन विभाग को आत्मरक्षा में एक डंपर के टायर पर गोली चलानी पड़ी। अवैध खनन की सूचना पर पहुंची टीम वन विभाग को जानकारी मिली थी कि कुछ वाहन अवैध रूप से नदी से रेती, बजरी और मौरंग (RBM) भरकर बिना रॉयल्टी और वैध दस्तावेजों के ले जा रहे हैं। इस सूचना के बाद तराई पश्चिमी वन प्रभाग के निर्देश पर उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी और वन सुरक्षा बल के साथ एक संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। टीम ने दो डंपर—UK18CA-6449 और UK08CA-6345—को रोका और जांच शुरू की। दोनों वाहनों के पास खनिज ढुलाई का कोई वैध दस्तावेज नहीं था, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह खनिज तस्करी का मामला है। जब टीम इन डंपरों को जब्त कर बन्नाखेड़ा रेंज परिसर की ओर ला रही थी, तभी स्थिति अचानक से तनावपूर्ण हो गई। स्कॉर्पियो, थार और बाइक सवारों ने किया हमला जैसे ही टीम ग्राम रतनपुरा के पास पहुंची, अचानक एक स्कॉर्पियो, एक थार और कुछ मोटरसाइकिलों पर सवार दर्जनों लोग आए। यह लोग डंपर स्वामी और उनके साथी बताए जा रहे हैं। इन्होंने टीम को घेरकर जबरन डंपर छुड़ाने की कोशिश की। इस दौरान वन विभाग की टीम के साथ हाथापाई भी हुई। तस्करों ने टीम के ऊपर दबाव बनाकर जब्त वाहन को छुड़ाने की कोशिश की। आत्मरक्षा में चली गोली स्थिति बेकाबू होती देख टीम ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही हालात तनावपूर्ण हो चुके थे। तस्कर किसी भी कीमत पर डंपर छुड़ाना चाहते थे। अंत में मजबूरी में वन विभाग की टीम को डंपर UK18CA-6449 के टायर पर दो राउंड गोली चलानी पड़ी, जिससे वाहन वहीं रुक गया और तस्करों की कोशिश विफल हो गई। डंपर को सुरक्षित रूप से बन्नाखेड़ा रेंज परिसर और दूसरे डंपर UK08CA-6345 को सुल्तानपुर पट्टी पुलिस चौकी में सुरक्षित खड़ा करवा दिया गया। पूरी कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह बिष्ट, वन दरोगा अजय कुमार, वन आरक्षी मनमोहन सिंह, मुराद अली, सुंदर बिष्ट, और वाहन चालक कर रहे थे। सभी ने साहसिक ढंग से तस्करों का सामना किया और डंपर को जब्त करने में सफलता प्राप्त की। राज्य में लगातार बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं यह कोई पहला मामला नहीं है जब वन विभाग की टीम को तस्करों के साथ संघर्ष करना पड़ा हो। उत्तराखंड में अवैध खनन एक बड़ी समस्या बन चुका है। विशेषकर तराई क्षेत्र में यह धंधा संगठित रूप से चलाया जा रहा है। खनन माफिया इतने दुस्साहसी हो चुके हैं कि अब वे सरकारी अधिकारियों और कर्मियों पर हमला करने से भी नहीं हिचकते। हाल ही में उधम सिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां खनन माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर हमला किया है या फरार हो गए हैं। यह स्थिति कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है। कानून सख्त लेकिन कार्रवाई धीमी उत्तराखंड सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए कई सख्त कानून बनाए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इन कानूनों को लागू करने में प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी और राजनीतिक हस्तक्षेप अक्सर रुकावट बन जाते हैं। यही कारण है कि तस्कर बिना डर के खनन करते हैं और अधिकारी जब रोकते हैं तो उल्टा उन्हें ही निशाना बना लेते हैं। जनता और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी इस प्रकार की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि केवल प्रशासन की नहीं, जनता की भी जिम्मेदारी है कि वे अवैध खनन की सूचना तुरंत संबंधित विभागों को दें और कार्रवाई में सहयोग करें। साथ ही, सरकार को चाहिए कि वह वन विभाग की टीमों को बेहतर सुरक्षा संसाधन और कानूनी सहायता प्रदान करे ताकि वे बिना डर के अपनी ड्यूटी निभा सकें। खनन माफियाओं की हिम्मत रामनगर की यह घटना उत्तराखंड में खनन माफियाओं की हिम्मत और प्रशासन की चुनौतियों को उजागर करती है। अगर समय रहते इन पर सख्त कार्रवाई

खनन माफियाओं का दुस्साहस: रामनगर में वन विभाग की टीम पर हमला, फायरिंग कर पकड़ा गया डंपर

रामनगर ,30 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा )  — उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में शनिवार दोपहर अवैध खनन को लेकर वन विभाग और खनन माफियाओं के बीच हुई झड़प एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रही है कि आखिर राज्य में अवैध खनन पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है। रामनगर…

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