देहरादून, 07 जून, 2025 (समय बोल रहा) - उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण ऐलान किया है। अब राज्य में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई, 2025 तक बिल्कुल निशुल्क होगा। यह आदेश शासन की ओर से शुक्रवार को ही जारी कर दिए गए हैं, जिससे नागरिकों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तय तारीख के बाद विवाह पंजीकरण के लिए शुल्क तो लगेगा ही, बल्कि कुछ मामलों में जुर्माना भी देना पड़ सकता है। यह कदम विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को गति देने और अधिक से अधिक लोगों को समय रहते पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करने हेतु उठाया गया है। निशुल्क पंजीकरण की अवधि और उसके बाद का शुल्क उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने और नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए विवाह पंजीकरण शुल्क को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। यह निलंबन 26 जुलाई, 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि के दौरान, जो भी विवाह यूसीसी के तहत पंजीकृत होते हैं, उनका पंजीकरण पूर्णतः निशुल्क होगा। रुड़की नगर निगम के नगर आयुक्त राकेश चंद तिवारी ने इस संबंध में पुष्टि करते हुए बताया कि यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण का शुल्क अब 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अवधि के बीच जो भी विवाह पंजीकरण करता है, उसका यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण निशुल्क होगा। हालांकि, यदि कोई नागरिक यह पंजीकरण किसी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) सेंटर के माध्यम से कराता है, तो उसे केवल सीएससी सेंटर को उनकी सेवा के लिए 50 रुपये का शुल्क देना होगा। यह शुल्क सरकारी पंजीकरण शुल्क से अलग है और सीएससी की सेवाओं के लिए देय होगा। 26 जुलाई के बाद नियम और जुर्माना: किसको देना होगा शुल्क और किसको जुर्माना? शासन की ओर से जारी निर्देशों में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 26 जुलाई, 2025 के बाद यदि कोई विवाह यूसीसी के तहत पंजीकृत किया जाता है, तो उस पर शुल्क के साथ-साथ जुर्माना भी लगेगा। यह नियम विशेष रूप से उन विवाहों पर लागू होगा जो 26 मार्च, 2010 के पश्चात संपन्न हुए हैं और जिनका पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है। मूल रूप से, समान नागरिक संहिता 27 जनवरी, 2025 को लागू की गई थी, जिसके तहत सभी विवाहित लोगों को अनिवार्य रूप से यूसीसी के अंतर्गत अपने विवाह का पंजीकरण करना था। पंजीकरण के लिए पहले 250 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया था। अब, 26 जुलाई के बाद यह 250 रुपये का शुल्क फिर से लागू हो जाएगा, और यदि विवाह 26 मार्च, 2010 के बाद हुआ है और उसका पंजीकरण तय समय सीमा में नहीं कराया गया है, तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह दंड उन लोगों के लिए है जिन्होंने पहले अनिवार्य पंजीकरण का पालन नहीं किया या अब समय सीमा के भीतर निशुल्क पंजीकरण का लाभ नहीं उठा रहे हैं। पूर्व में पंजीकृत विवाहों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्देश यह महत्वपूर्ण है कि यह आदेश केवल नए विवाहों के लिए ही नहीं है, बल्कि उन नागरिकों के लिए भी है जिन्होंने अपने विवाह को पहले ही किसी अन्य कानून के तहत पंजीकृत करवा लिया है। वे नागरिक जिन्होंने अपने विवाह को पहले ही उत्तराखंड विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2010 या किसी अन्य वैयक्तिक कानून (Personal Law) के अंतर्गत पंजीकृत करवा लिया है, उन्हें भी इस पंजीकरण की जानकारी अथवा 'एक्नॉलेजमेंट' (acknowledgment) समान नागरिक संहिता पोर्टल पर देना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया केवल सूचनात्मक है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी विवाहों का विवरण यूसीसी के केंद्रीय डेटाबेस में उपलब्ध हो। यह एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि यूसीसी के तहत सभी विवाहों का एक एकीकृत रिकॉर्ड बन सके और भविष्य में किसी भी तरह की विसंगति या कानूनी उलझन से बचा जा सके। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इस जानकारी को यूसीसी पोर्टल पर अवश्य अपडेट करें। पंजीकरण की स्थिति और सरकार की अपील राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक समान नागरिक संहिता के तहत 1 लाख 90 हजार से अधिक विवाहों का सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीकरण किया जा चुका है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नागरिक इस नए कानून के प्रति जागरूक हैं और इसका पालन कर रहे हैं। राज्य सरकार नागरिकों से अपील करती है कि वे इस निशुल्क पंजीकरण की समय सीमा का अधिकतम लाभ उठाएं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि नागरिक 26 जुलाई तक का इंतजार न करें और जल्द से जल्द इस सुविधा का उपयोग करते हुए यूसीसी के अंतर्गत अपने विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करें। यह न केवल उन्हें शुल्क और जुर्माने से बचाएगा, बल्कि यूसीसी के सुचारु क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे सभी के लिए समानता और एकरूपता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ेगा।

उत्तराखंड UCC विवाह पंजीकरण: 26 जुलाई तक ‘फ्री’ रजिस्ट्रेशन, फिर लगेगा शुल्क और जुर्माना भी; तुरंत जानें पूरी प्रक्रिया!

देहरादून, 07 जून, 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण ऐलान किया है। अब राज्य में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई, 2025 तक बिल्कुल निशुल्क होगा। यह आदेश शासन की ओर से शुक्रवार को ही जारी कर दिए गए हैं, जिससे…

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देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में हूटर बजाने की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। इन बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने के लिए, उत्तराखंड पुलिस ने अब कड़ा रुख अपनाया है। रेंज कार्यालय से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत ऐसे अनुशासनहीन पर्यटकों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का यह कदम राज्य की शांति व्यवस्था और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पर्यटन सीजन में अनुशासनहीनता: बढ़ती शिकायतें और वायरल वीडियो उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के कारण देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। वर्तमान में, पर्यटन सीजन चरम पर है, और गढ़वाल मंडल के चारों धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) से लेकर प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे देहरादून, मसूरी, धनोल्टी, चकराता, टिहरी, हर्षिल और अन्य स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए तो सुखद है, लेकिन इसी के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आ रही हैं। हाल के दिनों में, गढ़वाल के अलग-अलग जिलों से पर्यटकों के उत्पात मचाने, सार्वजनिक स्थानों पर मारपीट करने, और वाहनों से खतरनाक स्टंटबाजी करने की कई शिकायतें मिली हैं। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए हैं, जिससे राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ये वीडियो न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं, बल्कि अन्य पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए भी असहजता और भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करने को मजबूर हुआ है। पुलिस का 'जीरो टॉलरेंस' अभियान: हुड़दंगियों पर होगी कड़ी कार्रवाई इन बढ़ती शिकायतों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखते हुए, रेंज कार्यालय ने अब 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाने का फैसला किया है। इसके तहत, एक विशेष अभियान शुरू किया गया है जिसका सीधा उद्देश्य उन पर्यटकों पर शिकंजा कसना है जो उत्तराखंड आकर कानून का उल्लंघन करते हैं और सार्वजनिक शांति भंग करते हैं। पुलिस अब सड़कों पर खुलेआम शराब पीने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने, तेज संगीत बजाकर शोरगुल करने, और विशेष रूप से अनधिकृत रूप से कारों में हूटर या सायरन बजाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। पुलिस स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि पर्यटन का अर्थ अनुशासनहीनता या अराजकता नहीं है। राज्य में सभी का स्वागत है, लेकिन कानून का सम्मान करना अनिवार्य है। इस अभियान में उन व्यक्तियों को भी लक्ष्य किया जाएगा जो खतरनाक ड्राइविंग या स्टंटबाजी करके अपनी और दूसरों की जान खतरे में डालते हैं। अभियान के तहत गिरफ्तारी और कानूनी प्रावधान इस विशेष अभियान के दौरान, पुलिस टीम सादे कपड़ों में और यूनिफॉर्म में विभिन्न पर्यटक स्थलों और प्रमुख मार्गों पर तैनात रहेंगी। सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय लोगों से मिली सूचनाओं के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी। जो भी पर्यटक इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) और मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करेगी। शराब पीकर हंगामा करने पर आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ आबकारी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। अनधिकृत रूप से हूटर या सायरन बजाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना और अन्य दंड का प्रावधान है। स्टंटबाजी या रैश ड्राइविंग के मामलों में न केवल भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है और गंभीर मामलों में कारावास की सजा भी हो सकती है। पुलिस का लक्ष्य इन सख्त कार्रवाइयों के माध्यम से एक मिसाल कायम करना है ताकि अन्य लोग ऐसी गलतियां करने से पहले सौ बार सोचें। स्थानीय निवासियों और अन्य पर्यटकों को मिलेगी राहत पुलिस के इस विशेष अभियान से स्थानीय निवासियों और अन्य शांतिप्रिय पर्यटकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हुड़दंग और उत्पात मचाने वाले तत्वों के कारण अक्सर स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और शांत वातावरण भंग होता है। इसके अलावा, जो पर्यटक शांति और प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, उन्हें भी ऐसे अप्रिय व्यवहार के कारण असुविधा होती है। पुलिस के इस कदम से पर्यटन का वास्तविक अनुभव बेहतर होगा, और राज्य की छवि एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में मजबूत होगी। यह अभियान न केवल कानून का राज स्थापित करेगा, बल्कि पर्यटन के लिए एक अधिक सम्मानजनक और सुखद वातावरण भी बनाएगा, जिससे उत्तराखंड अपनी देवभूमि की पहचान को बरकरार रख सके। पुलिस ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे राज्य के कानूनों का पालन करें और अपनी यात्रा को शांतिपूर्ण और सुखद बनाएं।

उत्तराखंड में हुड़दंगियों की खैर नहीं! सड़कों पर शराब पीकर उत्पात मचाने और हूटर बजाने वालों पर पुलिस सख्त, विशेष अभियान शुरू

देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में…

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काशीपुर 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर, पूज्य महंत योगी आदित्यनाथ महाराज के 54वें जन्मदिवस के पावन अवसर पर एक अत्यंत भक्तिमय और उत्साहपूर्ण माहौल देखने को मिला। चैती चौराहा स्थित प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर का परिसर सुबह से ही श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं से गुलजार था। इस विशेष दिन को मनाने के लिए एक भव्य हवन-पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हवन के दौरान गूंजते मंत्रों और जय श्री राम के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय ऊर्जा से ओत-प्रोत हो गया, और सभी ने एक स्वर में योगी जी की दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। यह आयोजन न केवल एक जन्मदिन का समारोह था, बल्कि योगी जी के प्रति जनभावना और उनके समर्थकों की एकजुटता का भी प्रतीक बन गया। चैती चौराहा पर भक्ति का संगम: हवन-पूजन और विशाल भंडारा योगी आदित्यनाथ के जन्मदिवस को एक अविस्मरणीय अवसर बनाने के लिए, चैती चौराहा स्थित प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था। सुबह से ही मंदिर परिसर में चहल-पहल शुरू हो गई थी, और लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए दूर-दूर से पहुंचने लगे थे। अनुभवी पंडितों ने विधि-विधान से हवन-पूजन का कार्य संपन्न कराया। इस पवित्र अनुष्ठान के दौरान, वैदिक मंत्रों का उच्चारण और अग्नि में समर्पित की जा रही आहुतियां वातावरण को शुद्ध और आध्यात्मिक बना रही थीं। बड़ी संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं ने पूर्ण भक्तिभाव से हवन में भाग लिया, और उनकी आंखों में योगी जी के प्रति असीम श्रद्धा और सम्मान साफ झलक रहा था। हवन-पूजन की समाप्ति के बाद, इसी पावन अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जो इस आयोजन की व्यापकता और सफल प्रबंधन को दर्शाती हैं। भंडारे में क्षेत्रीय स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने एक साथ प्रसाद ग्रहण किया और योगी के नेतृत्व में देश की एकता, अखंडता और निरंतर उन्नति की कामना की। यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा था, बल्कि इसने सामाजिक समरसता और एकजुटता का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। नेतृत्व की सराहना: योगी जी को बताया 'दृढ़, निष्ठावान व राष्ट्रभक्त नेता' इस भव्य आयोजन में कई प्रमुख कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपस्थिति दर्ज की गई, जिन्होंने अपने विचारों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सचिव महेश लोधी और जेपी सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। इनके अतिरिक्त, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और योगी जी के कार्यों की सराहना की। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं जैसे रवि साहनी, सतपाल , संजय , राजवीर , धर्मवीर पासी, हौसला मिश्रा, और आकांक्षा ठाकुर सहित अन्य कई कार्यकर्ताओं ने भी इस अवसर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। इन सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंच से और आपस में बातचीत के दौरान, एक स्वर में पूज्य योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की जमकर सराहना की। उन्होंने योगी जी को एक दृढ़, निष्ठावान और राष्ट्रभक्त नेता बताते हुए उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों और जनहितैषी फैसलों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि योगी जी ने जिस तरह से शासन-प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित की है, वह प्रशंसनीय है। सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से योगी के दीर्घायु जीवन की प्रार्थना की। उन्होंने कामना की कि योगी इसी प्रकार ऊर्जावान होकर देश और समाज की सेवा करते रहें और उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सहित पूरा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहे। यह आयोजन केवल एक जन्मदिन का जश्न नहीं था, बल्कि योगी के समर्थकों के बीच व्याप्त अटूट विश्वास और उत्साह का भी प्रतीक था, जिन्होंने अपने लोकप्रिय नेता के सम्मान में यह भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर सभी ने एक दूसरे को बधाई दी और भविष्य में भी योगी के

सीएम योगी के 54वें जन्मदिन पर गूंजे मंत्र: चैती चौराहा पर भव्य हवन-भंडारा, कार्यकर्ताओं ने की दीर्घायु की कामना!

काशीपुर 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर, पूज्य महंत योगी आदित्यनाथ महाराज के 54वें जन्मदिवस के पावन अवसर पर एक अत्यंत भक्तिमय और उत्साहपूर्ण माहौल देखने को मिला। चैती चौराहा स्थित प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर का परिसर सुबह से ही श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं से गुलजार…

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रुद्रपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण का एक बड़ा संदेश दिया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल फलदार पौधे लगाए, बल्कि जनता को पर्यावरण बचाने और मतदान करने की दोहरी शपथ भी दिलाई। यह पहल आगामी हरेला पर्व और वर्षाकाल तक चलने वाले वृहद पौधारोपण अभियान की शुरुआत है, जिसमें जनभागीदारी पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह आयोजन पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों ने किया पौधारोपण: पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया स्वयं अग्रिम पंक्ति में रहे। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पाण्डेय और मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत सहित अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर जिला कार्यालय परिसर और एवीएम वेयर हाउस में फलदार पौधों का रोपण किया। यह प्रतीकात्मक पहल अधिकारियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने का एक तरीका था। पौधारोपण के बाद, जिलाधिकारी ने सभी को पर्यावरण दिवस की बधाई दी और प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "पौधे हमें शुद्ध हवा और पानी देते हैं, और पर्यावरण तथा जल संरक्षण के लिए भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, हम सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए और लगाए गए पौधों का संरक्षण भी सुनिश्चित करना चाहिए।" उनका यह संदेश केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पौधों की देखभाल और उनके दीर्घकालिक पोषण पर भी जोर दिया। वृहद पौधारोपण अभियान: ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक जनभागीदारी जिलाधिकारी ने घोषणा की कि हरेला पर्व और आगामी वर्षाकाल में जनपद में एक वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि तक चलेगा, जिसका उद्देश्य रुद्रपुर को हरा-भरा बनाना है। इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि यह ग्राम पंचायत स्तर से लेकर न्याय पंचायत, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर तक चलाया जाएगा, जिससे हर नागरिक इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। इस महा-अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों, स्कूली बच्चों के साथ ही व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि यह केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि एक जन आंदोलन का रूप लेगा, जिसमें हर कोई पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में अपना योगदान देगा। सामूहिक प्रयासों से ही हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। दोहरी शपथ और पुरस्कार वितरण: पर्यावरण और निर्वाचन जागरूकता विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी लोगों को पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने की महत्वपूर्ण शपथ दिलाई। यह शपथ लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास दिलाने और उन्हें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने हेतु थी। इसके साथ ही, स्वीप कार्यक्रम (Systematic Voters' Education and Electoral Participation) के अंतर्गत, जिलाधिकारी ने सभी को निर्वाचनों में मतदान करने की भी शपथ दिलाई। यह पहल पर्यावरण जागरूकता के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित करती है। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों में आयोजित निबंध, चित्रकला, और भाषण प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया, जिससे युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और रचनात्मकता को बढ़ावा मिला। इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष मतदाताओं को भी सम्मानित किया गया। वृद्ध मतदाता सेहरू निशा, संजीदा, और शीला देवी, दिव्यांग मतदाता अरविंद चौधरी और अनिल मालाकार, तथा युवा मतदाता हीना, हसन, और सैफअली को जूट के बैग देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके महत्व को दर्शाता है, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरणा देता है। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति: एक सामूहिक प्रयास इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी मौजूद थे, जो इस पहल की गंभीरता और सामूहिक प्रयास को दर्शाते हैं। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा, अधिशासी अभियंता सिंचाई बीएस डांगी, जिला पंचायत राज अधिकारी महेश कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राजेंद्र सिंह अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, अर्जुन पुरस्कार विजेता/स्वीप आइकॉन मनोज सरकार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी सहित कलेक्ट्रेट के सभी स्टाफ और विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे। इन सभी की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के

रुद्रपुर में पर्यावरण दिवस पर ‘हरी क्रांति’ का आगाज: DM ने रोपे पौधे, दिलाई दोहरी शपथ; अब हरेला पर्व तक चलेगा महा-अभियान!

रुद्रपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण का एक बड़ा संदेश दिया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल फलदार पौधे लगाए, बल्कि जनता को पर्यावरण बचाने और मतदान करने की दोहरी शपथ भी दिलाई। यह पहल…

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जसपुर, 5 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - जसपुर के प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं! बहुप्रतीक्षित चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को शुरू होने जा रही है, जिसने स्थानीय व्यापारियों के बीच खासा उत्साह पैदा कर दिया है। यह चुनाव अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए होगा, जो जसपुर के व्यापारिक हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस बार 2250 व्यापारी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिससे यह चुनाव काफी दिलचस्प और परिणाम अनिश्चित होने वाला है। व्यापारियों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि कौन सा नेतृत्व उनके हितों का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व कर पाएगा और बाजार की चुनौतियों का सामना कैसे करेगा। नामांकन प्रक्रिया का आगाज: गुरुवार को खुलेगा चुनावी रण प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के चुनाव अधिकारी राजाराम राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि नामांकन प्रक्रिया गुरुवार (आज) को कोतवाली के सामने स्थित धर्मशाला में सुबह दस बजे से शुरू हो जाएगी। यह व्यापारियों के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को आगे लाने और चुनावी मैदान में उतरने का पहला आधिकारिक कदम होगा। नामांकन दाखिल करने के बाद, दाखिल किए गए सभी नामांकनों की बारीकी से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी उम्मीदवार निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं। यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए आवश्यक है। नामांकन प्रक्रिया के बाद, चुनाव अधिकारी द्वारा मतदान की तिथि भी घोषित की गई है। मतदान 16 जून को होगा, जब जसपुर के 2250 व्यापारी अपने मताधिकार का प्रयोग कर नए नेतृत्व का चुनाव करेंगे। यह संख्या स्वयं में बताती है कि यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है और इसमें कितनी बड़ी संख्या में व्यापारियों की भागीदारी होने वाली है। चुनाव की यह घोषणा व्यापार मंडल के सदस्यों में एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है, क्योंकि अब वे अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने और उन्हें जिताने के लिए सक्रिय होंगे। प्रमुख पदों पर कांटे की टक्कर: दिग्गजों ने ठोकी ताल इस बार के चुनाव में कई प्रमुख चेहरों ने अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे मुकाबला काफी रोमांचक होने की उम्मीद है। अध्यक्ष पद: अध्यक्ष पद के लिए रेडक्रास सोसाइटी के अध्यक्ष हरिओम सिंह मैदान में हैं। हरिओम सिंह का सामाजिक क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम है, और उनकी उम्मीदवारी व्यापार मंडल के लिए एक नए दृष्टिकोण का संकेत देती है। अध्यक्ष पद व्यापार मंडल का सर्वोच्च पद होता है, जो पूरे व्यापारिक समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। महामंत्री पद: महामंत्री पद के लिए दो मजबूत उम्मीदवार मैदान में हैं: पूर्व महामंत्री महफूज मंसूरी और विमल अग्रवाल। महफूज मंसूरी का पिछला कार्यकाल उन्हें अनुभव का लाभ देगा, जबकि विमल अग्रवाल नई ऊर्जा और विचारों के साथ चुनौती पेश करेंगे। महामंत्री का पद संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो दिन-प्रतिदिन के कार्यों और सदस्यों के साथ समन्वय का कार्यभार संभालता है। कोषाध्यक्ष पद: हालांकि कोषाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह पद भी महत्वपूर्ण है। कोषाध्यक्ष व्यापार मंडल के वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता है, जो किसी भी संगठन के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। इन प्रमुख पदों पर हो रही यह टक्कर जसपुर के व्यापारिक समुदाय के बीच गहन चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई अपने पसंदीदा उम्मीदवार की जीत की उम्मीद कर रहा है। व्यापार मंडल का महत्व: व्यापारियों की आवाज प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल जसपुर के व्यापारियों की सामूहिक आवाज है। यह व्यापारियों के हितों की रक्षा करने, उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने और उनके समाधान के लिए काम करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, जब व्यापारियों को जीएसटी, ऑनलाइन व्यापार और स्थानीय चुनौतियों जैसी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तब एक मजबूत और प्रभावी व्यापार मंडल का होना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। यह चुनाव व्यापारियों को यह मौका देगा कि वे ऐसे नेतृत्व का चुनाव करें जो उनकी समस्याओं को समझता हो और उनके लिए प्रभावी ढंग से संघर्ष कर सके। अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष जैसे पद केवल औपचारिक नहीं होते, बल्कि ये ऐसे पद हैं जो सीधे तौर पर व्यापारिक समुदाय के कल्याण और समृद्धि को प्रभावित करते हैं। पारदर्शिता और निष्पक्षता: चुनाव अधिकारी की भूमिका चुनाव अधिकारी राजाराम राजपूत ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। नामांकन की जांच से लेकर मतदान और मतगणना तक, सभी प्रक्रियाओं को निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार पूरा किया जाएगा। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि चुनाव प्रक्रिया पर किसी भी प्रकार का संदेह न हो, ताकि परिणाम सभी पक्षों को स्वीकार्य हों और व्यापार मंडल की गरिमा बनी रहे। जसपुर के व्यापारी अब उत्सुकता से नामांकन प्रक्रिया के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद चुनावी प्रचार और बहस का दौर शुरू होगा। 16 जून का दिन जसपुर के व्यापारिक भविष्य के लिए एक म

जसपुर व्यापार मंडल में महासंग्राम: गुरुवार को नामांकन, 2250 व्यापारी डालेंगे वोट; अध्यक्ष-महामंत्री पद पर कांटे की टक्कर!

जसपुर, 5 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – जसपुर के प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं! बहुप्रतीक्षित चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को शुरू होने जा रही है, जिसने स्थानीय व्यापारियों के बीच खासा उत्साह पैदा कर दिया है। यह चुनाव अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों…

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खटीमा, 03 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - खटीमा में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में जनता की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित गति से निस्तारित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसीलिए तहसील दिवस में पंजीकृत सभी समस्याओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर हल किया जाना चाहिए। उनकी यह चेतावनी अधिकारियों को जनहित में अधिक सक्रिय और जिम्मेदार बनने का स्पष्ट संकेत है। 91 शिकायतें पंजीकृत, 43 का मौके पर निस्तारण: जन-समस्याओं का अंबार विकास खंड सभागार में आयोजित इस तहसील दिवस में दूर-दराज से आए नागरिकों ने अपनी विभिन्न समस्याएं रखीं। कुल 91 शिकायतें दर्ज की गईं, जो विभिन्न विभागों से संबंधित थीं। इनमें पेयजल, आवास, बिजली, सड़क निर्माण व मरम्मत, जल जीवन मिशन, पुलिस, नगर पालिका, भूमि संबंधी विवाद, और आर्थिक सहायता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं और प्रशासनिक सेवाओं को लेकर अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं। हालांकि, जिलाधिकारी की उपस्थिति और सख्त निर्देशों के चलते, 43 शिकायतों/समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया, जिससे फरियादियों को तुरंत राहत मिली। यह त्वरित समाधान प्रक्रिया तहसील दिवस की सार्थकता को दर्शाता है, जहां जनता को अपनी समस्याओं के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ते। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि समस्या जिस स्तर की है, उसका समाधान भी उसी स्तर पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े और उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो सके। प्रमुख शिकायतें और जिलाधिकारी के त्वरित निर्देश तहसील दिवस में कई महत्वपूर्ण शिकायतें सामने आईं, जिन पर जिलाधिकारी ने मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए: सड़क चौड़ीकरण और हॉट मिक्सिंग: ग्राम रतनपुरा के होशियार सिंह ज्याला और समस्त क्षेत्रवासियों ने झनकट-रतनपुरा सड़क को चौड़ीकरण और हॉट मिक्स कराने का अनुरोध किया। इस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी और अधिशासी अभियंता लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) को तत्काल सड़क का निरीक्षण कर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। आर्थिक सहायता: बगुलिया निवासी रामचीज ने आर्थिक सहायता दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए ताकि पीड़ित को जल्द से जल्द मदद मिल सके। जल जीवन मिशन में नियुक्ति: नगला तराई निवासी राहुल सिंह, कुटरी निवासी दीपक शर्मा, गौहर पटिया निवासी गिरीश चंद्र और नौगवाठग्गू निवासी विकास सिंह ने जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत नल जल मित्र के रूप में नियुक्ति दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता पेयजल को इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। पेयजल कनेक्शन: झनकट निवासी वीरेंद्र सिंह और समस्त ग्रामवासी कुमराहा ने जेजेएम (जल जीवन मिशन) पेयजल कनेक्शन दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता पेयजल निगम को शीघ्र पेयजल संयोजन करने का आदेश दिया। नाले का चौड़ीकरण और सफाई: नगला तराई निवासी प्रकाश तिवारी ने नई बस्ती तिवारी फार्म के पास ग्राम नगला तराई और दमगड़ा के मध्य नाले के चौड़ीकरण और सफाई का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी और अधिशासी अभियंता सिंचाई को मौके का स्थलीय निरीक्षण कर कार्ययोजना बनाकर शीघ्र नाला सफाई कराने के निर्देश दिए। अवैध शराब पर लगाम: ग्राम चारूबेटा पहाड़ी कॉलोनी निवासी राम सिंह धामी ने क्षेत्र में अवैध शराब निर्माण व बिक्री को रोकने का अनुरोध किया। इस पर जिलाधिकारी ने एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) और जिला आबकारी अधिकारी को तत्काल अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विद्युत समस्या और अतिक्रमण: वार्ड नं. 14 तिलक नगर निवासी संतोष मेहरोत्रा ने अघोषित विद्युत कटौती और लो वोल्टेज की समस्या के समाधान तथा टनकपुर रोड पर सब्जी मंडी के प्रवेश द्वार पर अतिक्रमणमुक्त कराने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता विद्युत को लो वोल्टेज की समस्या का शीघ्र समाधान करने और उप जिलाधिकारी को अवैध अतिक्रमण चिन्हित करते हुए अतिक्रमणमुक्त कराने के निर्देश दिए। ग्राम सड़क और नाली निर्माण: वार्ड नं. 8 अमाऊ निवासी गंभीर सिंह धामी ने खेतल सण्डा में लिंक रोड से चंचल सिंह बिष्ट के घर से होते हुए और ग्राम सभा भुड़ाई में लिंक रोड से भूपेंद्र सिंह के घर तक सीसी रोड (कंक्रीट सड़क) और नाली बनाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को इस संबंध में कार्ययोजना बनाते हुए कार्य कराने के निर्देश दिए। अनुपस्थित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई: जनता की सुनवाई सर्वोपरि जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने तहसील दिवस के अंत में एक बार फिर अधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसील दिवस में उठी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध तरीके से निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने दोहराया कि जन समस्याओं का निस्तारण और जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है, और इसलिए सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जन समस्याओं को सुनना और उनका निस्तारण करना सुनिश्चित करना चाहिए। इस दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिलाधिकारी ने तहसील दिवस में अनुपस्थित रहने पर अधिशासी अभियंता जल संस्थान का वेतन रोकने के निर्देश दिए। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि जनता की समस्याओं के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति जवाबदेह रहना होगा। तहसील दिवस में अध्यक्ष नगर पालिका रमेश चंद्र जोशी, रणजीत सिंह नामधारी, गंभीर सिंह धामी, उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट, एसीएमओ डॉ. एसपी सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत, सीओ विमल रावत, सीएमएस डॉ. वीपी सिंह, महाप्रबंधक उद्योग विपिन कुमार, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई सुशील कुमार, जल निगम पीएन चौधरी, लोनिवि एसके अग्रवाल, जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार, जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, जिला पर्यटन अधिकारी तला बिष्ट, जिला सेवायोजन अधिकारी राकेश दुर्गापाल सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे। यह सभी अधिकारियों की उपस्थिति इस बात को

खटीमा में जनता की फरियाद पर DM सख्त: 91 शिकायतें दर्ज, 43 का ऑन-द-स्पॉट निपटारा; अनुपस्थित अधिकारी का वेतन रोका!

खटीमा, 03 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – खटीमा में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में जनता की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित गति से निस्तारित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने…

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रूद्रपुर, 31 मई, 2025 (समय बोल रहा )- 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा | उत्तराखंड के रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी अभियान शुरू होने जा रहा है। आगामी 05 जून को पर्यावरण दिवस से लेकर 16 जुलाई को हरेला पर्व तक पूरे जनपद में एक विशाल वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है। जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने इस अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि यह पहल केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पौधों के उचित रखरखाव और संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह अभियान जनपद के सभी नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। 1464 मतदान केंद्रों पर लगेगा 'हरित टीका': जिलाधिकारी का विस्तृत निर्देश जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि इस वृहद पौधारोपण अभियान के तहत जनपद के सभी 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा। यह एक अनूठी पहल है, जो पर्यावरण संरक्षण को सीधे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जोड़ती है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्येक बूथ पर कम से कम 10-10 पौधे लगवाएं। यह सुनिश्चित करना भी उनका दायित्व होगा कि लगाए गए इन पौधों की उचित देख-रेख की जाए ताकि वे पनप सकें और बड़े पेड़ों का रूप ले सकें। जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा और वृद्धि सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस अभियान की सफलता के लिए, जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अभी से तैयारियां सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने हेतु सभी बूथों के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर), सुपरवाइजर, और पटवारी/लेखपाल को इस कार्य में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए। इन सभी को पौधारोपण स्थल, पौधों की उपलब्धता और उनके रखरखाव की पूरी योजना अभी से तैयार करनी होगी। यह सहभागिता सुनिश्चित करेगी कि अभियान सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी सफल हो सके। पर्यावरण संरक्षण सप्ताह का आगाज: शपथ और हस्ताक्षर अभियान पौधारोपण अभियान की पृष्ठभूमि में, जनपद में 31 मई से 05 जून (पर्यावरण दिवस) तक पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, शनिवार को एक महत्वपूर्ण पहल के तहत पर्यावरण संरक्षण शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान का शुभारंभ विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मनीष कुमार ने स्वयं हस्ताक्षर कर किया। उन्होंने इस अवसर पर सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब का यह सामूहिक दायित्व है कि हम अपनी पृथ्वी को हरा-भरा और स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें। सीडीओ मनीष कुमार ने सभी से आग्रह किया कि वे जल, वायु और धरती के संसाधनों का विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी से उपयोग करें। उन्होंने विशेष रूप से प्लास्टिक और प्रदूषण को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और उसके बजाय पर्यावरण मित्र वैकल्पिक तरीकों को अपनाएं। यह अभियान लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा। अधिकारियों की भागीदारी और सामूहिक प्रयास इस महत्वपूर्ण शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे, जो इस बात का प्रतीक है कि प्रशासन पर्यावरण संरक्षण के प्रति कितना गंभीर है। इनमें मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला, सहायक अभियंता सिंचाई विशाल प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि यह केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है जिसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। यह वृहद पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण अभियान रुद्रपुर को न केवल हरा-भरा बनाने में मदद करेगा, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा। यह उम्मीद की जाती है कि यह पहल अन्य जनपदों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।

उत्तराखंड में ‘हरी क्रांति’ की तैयारी! 1464 मतदान केंद्रों पर लगेंगे 14 हजार से ज़्यादा पौधे, जानें पूरा प्लान!

रूद्रपुर, 31 मई, 2025 (समय बोल रहा )- 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा | उत्तराखंड के रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी अभियान शुरू होने जा रहा है। आगामी 05 जून को पर्यावरण दिवस से लेकर 16 जुलाई को हरेला पर्व तक पूरे जनपद में एक विशाल वृहद…

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देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक सबक है, जो इस दुखद मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण और विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित बताया, और जोर देकर कहा कि जिन लोगों ने लगातार जांच एजेंसियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे, उन्हें अब अदालत के इस स्पष्ट और निर्णायक फैसले का सम्मान करना चाहिए। श्री चौहान ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अदालत ने अपने निर्णय में तथ्यों और पुख्ता सबूतों को आधार बनाया है। उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी भूमिका शुरू से ही दुष्प्रचार फैलाने और ओछी राजनीति करने की रही है, जो अब सबके सामने उजागर हो चुकी है। कांग्रेस लगातार अंकिता मामले में "लचर पैरवी" का आरोप लगाती रही, लेकिन अदालत का यह फैसला उनकी उन सभी मनगढ़ंत आशंकाओं और दुष्प्रचार को निरर्थक साबित कर गया है। श्री चौहान ने कहा, "आखिरकार, न्याय मिला है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।" उन्होंने अंकिता के नाम पर निकाली गईं तमाम "राजनीतिक यात्राओं" पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं का मूल उद्देश्य अंकिता को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि राजनीतिक तुष्टि और लाभ प्राप्त करना था, और इस फैसले के बाद उनकी यह कुत्सित मंशा पूरी नहीं हो पाई है। जांच एजेंसियों की भूमिका और कांग्रेस का दोहरा मापदंड श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि अंकिता केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश की बेटी थी। उनके परिजनों के दुख में समस्त देवभूमिवासी शामिल थे। उन्होंने जांच एजेंसियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव साक्ष्य एकत्रित किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब जांच एजेंसियां पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ साक्ष्य जुटाने और मामले की गहन विवेचना कर रही थीं, तब कांग्रेस सहित कुछ अन्य दल जानबूझकर "नई थ्योरी" सामने लाने की साजिश रच रहे थे और दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस के दोहरे रवैये पर श्री चौहान ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि कांग्रेस एक तरफ अंकिता के हत्यारों को मिली सज़ा को 'संतोषजनक' बता रही है, और दूसरी तरफ उसी फैसले पर सवाल भी उठा रही है।" उन्होंने याद दिलाया कि जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की गहन और विस्तृत जांच के दौरान कोई भी ऐसी बात सामने नहीं आई, जो कांग्रेस के दुष्प्रचार को बल देती हो। उनका सारा खेल केवल "दुष्प्रचार" तक ही सीमित रहा और सच्चाई से कोसों दूर था। मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय सहयोग और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस मुद्दे पर शुरुआत से ही बारीकी से नज़र रखी और जांच एजेंसियों को पूरी तरह से स्वतंत्रता (फ्री हैंड) दी, ताकि जांच में कोई भी बाधा न आए और पूरी पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पूर्व में न्यायालय भी जांच एजेंसियों के कार्य की सराहना कर चुका है, जो उनकी विश्वसनीयता और निष्पक्षता का अकाट्य प्रमाण है। श्री चौहान ने बताया कि पैरवी के दौरान, अंकिता के परिजनों की राय और उनकी मांगों का पूरा सम्मान रखा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि न्याय की प्रक्रिया में उनकी भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन इस फैसले को संतोषजनक बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को अपने राजनीतिक स्वार्थवश यह न्याय "हज़म" नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस की अवसरवादिता और जनता का जवाब भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कांग्रेस पर राजनीतिक अवसरवादिता का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की इस अवसरवादिता का जनता सही समय पर जवाब देगी।" उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस का वास्तविक ध्येय अंकिता को न्याय दिलाना कभी नहीं रहा, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य इस दुखद घटना पर राजनीति करना था। यह फैसला, भाजपा के अनुसार, न केवल अंकिता को न्याय दिलाता है, बल्कि उन सभी राजनीतिक साजिशों और पैंतरेबाज़ियों को भी बेनकाब करता है, जो इस दुखद समय का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि यह फैसला सच्चाई और न्याय की जीत का प्रतीक है, और यह हमारी न्याय प्रणाली की अखंडता और ईमानदारी को दर्शाता है, भले ही कुछ लोग इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश करें।

अंकिता हत्याकांड: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, न्याय की जीत

देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला…

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काशीपुर, 03 अक्टूबर 2025 (समय बोल रहा )– गिरीताल क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक विवाहिता ने अपने पति समेत तीन ससुरालियों पर दहेज में क्रेटा कार और 8 लाख रुपये नकद की मांग पूरी न होने पर गंभीर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विवाहिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और मारपीट सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। क्या है पूरा मामला? गिरीताल निवासी शैलजा सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनकी शादी 14 जनवरी 2024 को दिल्ली निवासी ऋषभ चौहान से हुई थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद उनके ससुराल वाले उनसे क्रेटा कार और 8 लाख रुपये नकद की मांग करने लगे। शैलजा सिंह का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उनके पति ऋषभ चौहान, सास स्नेहलता चौहान और ससुर राम सिंह चौहान ने उन्हें कम दहेज लाने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। गर्भावस्था में की मारपीट और बनाया दबाव पीड़िता का आरोप है कि जब वह गर्भवती थीं, तब भी उनके पति ऋषभ चौहान ने उनके साथ मारपीट की और उन पर गर्भपात कराने का दबाव बनाया। यह घटना ससुरालियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की गंभीरता को दर्शाती है। सबसे गंभीर आरोप यह है कि 14 अप्रैल 2024 को दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने उन्हें घर में बंद कर दिया, खाना-पीना नहीं दिया और कथित तौर पर जलाकर मारने का प्रयास भी किया। पिता ने कराया बच्चे का जन्म, ससुरालियों ने दी गाली-गलौज शैलजा ने बताया कि इस उत्पीड़न के बाद वह किसी तरह अपने मायके पहुंचीं। बाद में, उन्होंने 26 नवंबर 2024 को काशीपुर के एक अस्पताल में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका संपूर्ण खर्च उनके माता-पिता द्वारा उठाया गया। बच्चे के जन्म की सूचना देने पर भी ससुराल वालों ने संवेदनशीलता दिखाने के बजाय, उन्हें गाली-गलौज की और दहेज की मांग जारी रखी। पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच शुरू विवाहिता शैलजा सिंह की तहरीर के आधार पर, पुलिस ने आरोपी पति ऋषभ चौहान, सास स्नेहलता चौहान और ससुर राम सिंह चौहान के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में उनके पते पर पुलिस टीम भेजने की तैयारी की जा रही है।

काशीपुर के दुर्गापुर दोहरे हत्याकांड में न्याय की जीत: 10 दोषियों को आजीवन कारावास की कठोर सजा

काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई…

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काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ट्रस्ट ने सोमवार को एसडीएम कार्यालय को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। इस घटना ने क्षेत्र में भूमि विवादों और धार्मिक स्थलों से जुड़ी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। क्या है पूरा मामला? ट्रस्ट ने लगाए गंभीर आरोप श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा एसडीएम कार्यालय को सौंपे गए ज्ञापन में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ट्रस्ट के अनुसार, 9 जुलाई 2021 को केडीएफ के नाम एक रजिस्ट्री कराई गई थी। इस रजिस्ट्री में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि का उल्लेख किया गया था, जिसे शंभूनाथ की निजी भूमि दर्शाया गया था। हालांकि, ट्रस्ट का आरोप है कि केडीएफ अध्यक्ष ने धोखाधड़ी करते हुए रजिस्ट्री में दर्शाई गई भूमि के बजाय, उसके पास स्थित सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यह सरकारी भूमि तीर्थ स्थल द्रोणासागर का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। ट्रस्ट ने अपने ज्ञापन में यह भी दावा किया है कि दानदाता द्वारा रजिस्ट्री में जिन स्थानों की तस्वीरें पेश की गई थीं, वे तस्वीरें वास्तव में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि की नहीं थीं, बल्कि सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन की थीं, जिस पर अब अवैध कब्जा कर लिया गया है। बिना अनुमति निर्माण, गोविषाण टीले से दूरी का उल्लंघन ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि केडीएफ अध्यक्ष ने इस सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर बिना किसी सक्षम शासन की अनुमति के एक कार्यालय और एक पक्की दीवार का निर्माण करा लिया है। ट्रस्ट ने यह भी रेखांकित किया है कि यह निर्माण गोविषाण टीले से 100 मीटर के अंदर किया गया है, जबकि ऐसे धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आसपास निर्माण के लिए विशेष नियमों और अनुमतियों की आवश्यकता होती है। ट्रस्ट का कहना है कि यह अवैध निर्माण न केवल सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है, बल्कि यह क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को भी ठेस पहुंचाता है। ट्रस्ट के सदस्यों ने की कार्रवाई की मांग ज्ञापन सौंपने के दौरान श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। इनमें संस्थापक अजय कुमार चौहान, अध्यक्ष अक्षय कुमार नायक, उपाध्यक्ष विजय चौहान, सचिव विजेंद्र सिंह चौहान और कोषाध्यक्ष विशाल गुप्ता शामिल रहे। इन सभी सदस्यों ने एसडीएम से मांग की है कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जाए, सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाया जाए और धोखाधड़ी करने वाले केडीएफ अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि द्रोणासागर जैसे पवित्र स्थल की भूमि को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। केडीएफ अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा, मंदिर ट्रस्ट पर ही लगाए गंभीर आरोप दूसरी ओर, काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष राजीव घई ने श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। घई ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, उन्होंने स्वयं मंदिर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर में आने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग किया जा रहा है और वे लोग विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। घई ने कहा कि उनके द्वारा (केडीएफ) मंदिर क्षेत्र में कुछ रोक-टोक और व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण ये लोग उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रहे हैं। केडीएफ अध्यक्ष राजीव घई ने दावा किया कि उनके द्वारा कोई अवैध कब्जा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "अवैध कब्जे का मामला राजस्व विभाग देखेगा। उन्होंने (ट्रस्ट ने) शिकायत की है, उसकी जांच होगी। हमारा कोई कब्जा नहीं है।" घई ने स्पष्ट किया कि उनके सभी कार्य वैध हैं और वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। प्रशासन की भूमिका और आगे की राह एसडीएम कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त कर लिया है और मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अब यह राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे भूमि के अभिलेखों की गहन जांच करें, मौके पर स्थिति का सत्यापन करें और आरोपों की सच्चाई का पता लगाएं। इस विवाद में दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिससे सच्चाई का पता लगाना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। द्रोणासागर एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसकी भूमि को लेकर विवाद का गहराना चिंता का विषय है। प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि न केवल कानूनी स्थिति स्पष्ट हो सके, बल्कि ऐसे पवित्र स्थलों की गरिमा और उनकी भूमि की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।

काशीपुर: द्रोणासागर की सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद गहराया, केडीएफ अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप

काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस…

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