रुद्रप्रयाग, 01 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा ) – रुद्रप्रयाग जिले में आज सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा का प्रमुख मार्ग माने जाने वाले मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में एक मैक्स बोलेरो वाहन ऊपर से गिरे एक भारी पत्थर की चपेट में आ गया, जिससे वह अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। इस हृदय विदारक घटना में 2 व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 3 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे, जिनमें से अधिकांश तीर्थयात्री बताए जा रहे हैं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। स्थानीय नागरिकों के सहयोग से SDRF जवानों ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। जवानों ने सबसे पहले घायलों को वाहन से सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत सोनप्रयाग स्थित अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उनका इलाज जारी है। पहाड़ी रास्तों पर बढ़ता भूस्खलन का खतरा मुनकटिया, रुद्रप्रयाग जिले का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ बारिश के मौसम में भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है। यह घटना एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि उत्तराखंड के पहाड़ी रास्ते कितने जोखिम भरे हैं। मानसून के दौरान लगातार हो रही बारिश से पहाड़ कमजोर हो जाते हैं, जिससे चट्टानें खिसकना और भूस्खलन होना आम बात हो जाती है। यह घटना भी इसी तरह की प्राकृतिक आपदा का परिणाम है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र की भूवैज्ञानिक संरचना काफी नाजुक है, और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में आ रहे बदलाव इस जोखिम को और बढ़ा रहे हैं। अचानक और तेज बारिश से मिट्टी का कटाव होता है, जिससे कमजोर ढलानों पर भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है। सड़कों के निर्माण और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के कारण भी पहाड़ियों की स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं। यह दुखद घटना राज्य प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए एक चेतावनी है कि यात्रा के दौरान अत्यधिक सावधानी बरती जाए और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन किया जाए। SDRF की तत्परता ने बचाई कई जानें इस घटना में SDRF की त्वरित कार्रवाई ने कई जानें बचाईं। टीम ने कठिन और जोखिम भरे हालात में भी बिना समय गंवाए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। जवानों ने खाई में उतरकर घायल यात्रियों को बाहर निकाला और उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। SDRF की टीम हर कठिन परिस्थिति में तत्परता से काम करती है, चाहे वह बाढ़ हो, भूस्खलन हो या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा। उनकी बहादुरी और समर्पण ने उत्तराखंड को आपदाओं से लड़ने की क्षमता प्रदान की है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में SDRF के जवान देवदूत साबित होते हैं। घायल व्यक्तियों को सोनप्रयाग अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है। चिकित्सा दल उनके इलाज में जुटे हुए हैं। पुलिस ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है और मृतक व्यक्तियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन ने दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। यह दुर्घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं है, बल्कि यह पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा की चुनौतियों और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक खतरों की गंभीरता को दर्शाती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रकृति की चेतावनी को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए और विशेष रूप से मानसून के दौरान पहाड़ों पर यात्रा करते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

रुद्रप्रयाग में दर्दनाक हादसा: लैंडस्लाइड जोन में चट्टान गिरने से बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत; SDRF ने घायलों को बचाया

रुद्रप्रयाग, 01 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा ) – रुद्रप्रयाग जिले में आज सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा का प्रमुख मार्ग माने जाने वाले मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में एक मैक्स बोलेरो वाहन ऊपर से गिरे एक भारी पत्थर…

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ऊधमसिंह नगर में सोमवार को स्कूल-आंगनवाड़ी बंद: मौसम विभाग ने जारी किया 'रेड अलर्ट', छात्रों की सुरक्षा पर विशेष जोर रुद्रपुर, 31 अगस्त 2025 – (रिपोर्ट: समय बोल रहा है) – ऊधमसिंह नगर जिले में एक बार फिर मौसम की गंभीर चेतावनी के कारण शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी 'रेड अलर्ट' के मद्देनजर, सोमवार, 01 सितंबर 2025 को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष, श्री नितिन सिंह भदौरिया ने बच्चों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। मौसम विभाग ने अपने नवीनतम पूर्वानुमान में बताया है कि 31 अगस्त से 04 सितंबर 2025 तक उत्तराखंड के जनपदों में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान गरज के साथ तेज बारिश और आकाशीय बिजली चमकने के तीव्र दौर भी हो सकते हैं। विशेष रूप से, 31 अगस्त को ऊधमसिंह नगर जिले को 'रेड अलर्ट' की श्रेणी में रखा गया है, जो अत्यंत गंभीर मौसम की स्थिति का संकेत देता है। 01 सितंबर को भी जिले में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जो संभावित खतरे को दर्शाता है। लगातार हो रही बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30(2) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जनपद ऊधमसिंह नगर में कक्षा 1 से 12 तक के सभी राजकीय (सरकारी), परिषदीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के साथ-साथ सभी आंगनवाड़ी केंद्र भी 01 सितंबर 2025 को बंद रहेंगे। यह निर्णय पूरी तरह से छात्रहित और बाल्यहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। यह आदेश प्रशासन की दूरदर्शिता को दर्शाता है, जो संभावित आपदा के जोखिम को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। सड़कों पर जलभराव और आवागमन में होने वाली दिक्कतें बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, और इसीलिए यह निवारक कदम उठाया गया है। आदेश का कड़ाई से पालन करने की चेतावनी आदेश में सभी तहसील और संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए। इसमें एक सख्त चेतावनी भी शामिल है: यदि कोई भी विद्यालय इस आदेश की अवहेलना करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह चेतावनी यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी शैक्षणिक संस्थान बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। प्रशासनिक स्तर पर समन्वय की तैयारी इस आदेश की प्रतिलिपि उत्तराखंड शासन, कुमाऊं मंडल और जिले के सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों को भेजी गई है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सभी उपजिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, और जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) शामिल हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी आपात स्थिति में सभी विभाग एक साथ और प्रभावी ढंग से काम कर सकें। जिलाधिकारी ने जिला सूचना अधिकारी को भी निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जनहित में निःशुल्क करें, ताकि जिले का कोई भी नागरिक इस महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित न रहे। यह सार्वजनिक घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी माता-पिता और अभिभावक समय पर सूचित हो जाएं और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। यह निर्णय प्रशासन की ओर से एक जिम्मेदार और समय पर उठाया गया कदम है, जो नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखता है और संभावित जोखिमों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे भी मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें, और किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से संपर्क करें।

ऊधमसिंह नगर में सोमवार को स्कूल-आंगनवाड़ी बंद: मौसम विभाग ने जारी किया ‘रेड अलर्ट’, छात्रों की सुरक्षा पर विशेष जोर

रुद्रपुर, 31 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – ऊधमसिंह नगर जिले में एक बार फिर मौसम की गंभीर चेतावनी के कारण शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी ‘रेड अलर्ट’ के मद्देनजर, सोमवार, 01 सितंबर 2025 को जिले के सभी सरकारी और निजी…

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रुद्रपुर, 30 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 31 अगस्त (रविवार) से दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे खटीमा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देना और एक नए केंद्र का उद्घाटन करना शामिल है। उनका यह दौरा प्रशासनिक और सार्वजनिक दोनों मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री 31 अगस्त को नई दिल्ली एयरपोर्ट से वायुयान द्वारा प्रस्थान कर शाम 05:20 बजे पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। पंतनगर से वे शाम 05:30 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा लोहियाहेड हेलीपैड, खटीमा के लिए उड़ान भरेंगे, जहाँ वे 05:40 बजे पहुंचेंगे। इसके बाद, वे कार द्वारा अपने निजी आवास, नगला तराई, खटीमा जाकर रात्रि विश्राम करेंगे। शहीदों को श्रद्धांजलि और 'साथी केंद्र' का उद्घाटन अगले दिन, 01 सितंबर (सोमवार) को मुख्यमंत्री धामी का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा। सुबह 09:30 बजे से 10:30 बजे तक, वे खटीमा में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम राज्य निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में आयोजित किया गया है। यह शहीदों के बलिदान को याद करने और नई पीढ़ी को राज्य के इतिहास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसके बाद, मुख्यमंत्री सुबह 11 बजे हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा में स्थापित 'साथी केंद्र' का उद्घाटन करेंगे। यह केंद्र आईटीआई कानपुर के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों और युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है। यह केंद्र युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रशासनिक और जनहितैषी उद्देश्य मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल सार्वजनिक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई प्रशासनिक और जनहितैषी उद्देश्य भी हैं। इस दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी कर सकते हैं। वे विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुँच रहा है या नहीं। खटीमा, मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के कारण, इस दौरे का विशेष महत्व है। स्थानीय जनता को उम्मीद है कि इस दौरे से उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को और गति मिलेगी। मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल राज्य निर्माण के शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि यह खटीमा में शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों की समस्याओं को सीधे जानने का भी एक माध्यम है। यह दौरा उत्तराखंड सरकार की जनता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहाँ मुख्यमंत्री स्वयं जमीनी स्तर पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करते हैं और लोगों से सीधे संवाद स्थापित करते हैं।

मुख्यमंत्री धामी का दो दिवसीय जनपद भ्रमण, 31 अगस्त को खटीमा पहुंचेंगे

रुद्रपुर, 30 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 31 अगस्त (रविवार) से दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे खटीमा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देना और एक नए केंद्र का…

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रुद्रपुर, 29 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी आकांक्षी जनपद और आकांक्षी विकास खंड कार्यक्रम के अंतर्गत ऊधमसिंह नगर में हो रहे कार्यों की आज मंडलायुक्त दीपक रावत ने गहन समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। देशभर में ऊधमसिंह नगर चौथे स्थान पर जिला सभागार में आयोजित बैठक में मंडलायुक्त ने बताया कि पूरे देश में 112 आकांक्षी जनपदों की पहचान की गई है, जिनमें ऊधमसिंह नगर भी शामिल है। इसके अलावा, गदरपुर विकास खंड को भी आकांक्षी विकास खंड के रूप में चिन्हित किया गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को बधाई दी कि भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा किए गए मूल्यांकन में ऊधमसिंह नगर का स्थान चौथा रहा है। यह उपलब्धि जिले में हो रहे कार्यों की सफलता को दर्शाती है। स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष फोकस मंडलायुक्त ने स्वास्थ्य संकेतकों की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए और विशेष रूप से 'हाई-रिस्क' वाली गर्भवती महिलाओं पर पैनी नजर रखी जाए। इसके साथ ही, संस्थागत प्रसव (सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी) को बढ़ावा देने और बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और जिला कार्यक्रम एवं बाल विकास अधिकारी (DPO) को अल्ट्रासाउंड मशीनों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सके और बालक-बालिका अनुपात को बेहतर बनाया जा सके। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कुपोषण से बाहर निकालने के लिए विशेष प्रयास करने के भी निर्देश दिए गए। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने और 'टीबी मुक्त भारत' अभियान के तहत सभी मरीजों की जांच और दवा वितरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। शिक्षा और कृषि में सुधार शिक्षा के क्षेत्र में, मंडलायुक्त ने सभी विद्यालयों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने 'स्कूल ड्रॉपआउट' बच्चों को वापस स्कूल में दाखिला दिलाने के निर्देश दिए और शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया। कृषि के क्षेत्र में, उन्होंने गर्मियों में होने वाली धान की खेती पर रोक लगाने के कदम की सराहना की और गन्ना, मक्का, दलहन और तिलहन जैसी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी किसानों को 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' वितरित करने और समय पर उन्नत बीज व उर्वरक उपलब्ध कराने को भी कहा गया। आर्थिक सशक्तिकरण पर भी जोर मंडलायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की व्यवस्था को बेहतर बनाने और आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों सहित अन्य बुनियादी ढाँचों के विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को 'पीएम जन धन योजना', 'पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना', 'पीएम सुरक्षा योजना' और 'अटल पेंशन योजना' जैसी योजनाओं के तहत सभी पात्र लोगों को लाभान्वित करने के लिए कहा। सभी अधिकारियों को समन्वय से काम करने के निर्देश जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ पहुँचाकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से नीति आयोग की वेबसाइट को नियमित रूप से देखने और नए विचारों को अपनाने के लिए भी कहा। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी नफील जमील ने बैठक में एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से आकांक्षी जनपद ऊधमसिंह नगर और आकांक्षी विकास खंड गदरपुर में हो रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

आकांक्षी जनपद कार्यक्रम: ऊधमसिंह नगर में स्वास्थ्य, शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश, कमिश्नर ने की समीक्षा

रुद्रपुर, 29 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी आकांक्षी जनपद और आकांक्षी विकास खंड कार्यक्रम के अंतर्गत ऊधमसिंह नगर में हो रहे कार्यों की आज मंडलायुक्त दीपक रावत ने गहन समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए…

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देहरादून, 22 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सफल समापन के बाद, अब राज्य सरकार ने नवगठित पंचायतों के शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का विस्तृत कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है। यह कदम पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास कार्यों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। शासन सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह कार्यक्रम हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के शेष सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से होगा शपथ ग्रहण और बैठक राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया सुचारु और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम को तीन अलग-अलग स्तरों पर विभाजित किया गया है: ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत। ग्राम पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: नव-निर्वाचित ग्राम पंचायतों के सदस्य और ग्राम प्रधान 27 अगस्त को अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। यह तिथि ग्रामीण लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होगी। पहली बैठक: शपथ ग्रहण के ठीक अगले दिन, यानी 28 अगस्त को, नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में प्रधान और सदस्य मिलकर गाँव के विकास एजेंडे पर चर्चा करेंगे और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करेंगे। क्षेत्र पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: क्षेत्र पंचायत के सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख और वरिष्ठ उप प्रमुख 29 अगस्त को शपथ लेंगे। ये प्रतिनिधि ग्रामीण विकास की मध्यवर्ती कड़ी के रूप में कार्य करते हैं, और उनकी शपथ से यह सुनिश्चित होगा कि योजनाओं का क्रियान्वयन सही दिशा में हो। पहली बैठक: उनकी पहली बैठक 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इस बैठक में क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों, विकास परियोजनाओं और फंड के उपयोग पर चर्चा होगी। जिला पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष 1 सितंबर को शपथ ग्रहण करेंगे। ये सबसे उच्च स्तर के पंचायत प्रतिनिधि होते हैं, जिनकी भूमिका पूरे जिले के विकास को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण होती है। पहली बैठक: इन प्रतिनिधियों की पहली बैठक 2 सितंबर को होगी। इस बैठक में जिला स्तर पर विकास की रणनीतियों, बड़े प्रोजेक्ट्स और विभिन्न ब्लॉक के बीच समन्वय स्थापित करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम का महत्व और भविष्य की चुनौतियाँ शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह पंचायती राज व्यवस्था के संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि नव-निर्वाचित प्रतिनिधि अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से अवगत हों। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, पंचायतों के माध्यम से विकास कार्यों को गति मिलने और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित समाधान होने की उम्मीद है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि निर्धारित तिथियों पर यह पूरी प्रक्रिया अनिवार्य रूप से और सुचारू रूप से पूरी की जाए। इसके लिए, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सभी स्तरों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद रहेंगे। यह कार्यक्रम पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने, सुशासन को बढ़ावा देने और अंततः उत्तराखंड के ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उत्तराखंड में नवगठित पंचायतों का शपथ ग्रहण और पहली बैठक का कार्यक्रम तय, हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में होगा लागू

देहरादून, 22 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सफल समापन के बाद, अब राज्य सरकार ने नवगठित पंचायतों के शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का विस्तृत कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है। यह कदम पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास कार्यों को गति देने की…

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काशीपुर, 21 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – इस वक्त की सबसे बड़ी खबर काशीपुर के ढकिया गुलाबों इलाके से आ रही है, जहां दिनदहाड़े एक पूर्व प्रधान को गोली मार दी गई। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। घायल पूर्व प्रधान की हालत फिलहाल काफी गंभीर बताई जा रही है। उन्हें तत्काल काशीपुर के कृष्ण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। क्या हुआ था? यह हादसा तब हुआ, जब पूर्व प्रधान श्याम सिंह किसी काम से इलाके में स्थित डॉ. की दुकान पर गए थे। बताया जा रहा है कि जैसे ही वह दुकान पर पहुंचे, अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियां दाग दीं। अचानक हुए इस हमले से मौके पर अफरातफरी मच गई। गोली लगने के बाद पूर्व प्रधान जमीन पर गिर पड़े और हमलावर तुरंत मौके से फरार हो गए। हमले का विवरण और पुलिस जांच घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और एम्बुलेंस बुलाकर घायल पूर्व प्रधान को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि पूर्व प्रधान को कमर में दो गोलियां लगी हैं। यह एक सुनियोजित हमला प्रतीत होता है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश में जुट गई है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालना भी शुरू कर दिया है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। इसके अलावा, पुलिस टीम ने मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की है। इलाके में तनाव का माहौल यह वारदात ऐसे समय में हुई है जब इलाके में शांतिपूर्ण माहौल था। इस घटना के बाद से ढकियागुलाबों और आसपास के क्षेत्रों में एक बार फिर से दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग इस घटना को लेकर काफी चिंतित हैं। पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि कानून-व्यवस्था बनी रहे। आगे की कार्रवाई पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और विभिन्न कोणों से जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हमलावरों का मकसद क्या था और क्या यह कोई पुरानी रंजिश का मामला है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही हमलावरों को पकड़ लिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह समाचार 'समय बोल रहा है' न्यूज़ के माध्यम से आप तक पहुंची है। आगे की और अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

काशीपुर में दिनदहाड़े पूर्व प्रधान को गोली मारी, हालत गंभीर – देखिए वीडियो

काशीपुर, 21 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – इस वक्त की सबसे बड़ी खबर काशीपुर के ढकिया गुलाबों इलाके से आ रही है, जहां दिनदहाड़े एक पूर्व प्रधान को गोली मार दी गई। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। घायल पूर्व प्रधान की हालत फिलहाल काफी गंभीर बताई जा…

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देहरादून, 20 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – हरियाणा के अंबाला में उत्तराखंड के युवक साहिल बिष्ट की हत्या के मामले में उत्तराखंड सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। इस जघन्य अपराध पर संज्ञान लेते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री धामी ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और उन्हें कठोरतम दंड सुनिश्चित करने का अनुरोध किया, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। हरियाणा सरकार ने दिया कार्रवाई का आश्वासन मुख्यमंत्री धामी के अनुरोध पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें आश्वस्त किया कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मामले में शीघ्र और सख्त कार्रवाई करने के लिए हरियाणा पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। सैनी ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार इस पूरे मामले में हर संभव कदम उठाएगी, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। पीड़ित परिवार के साथ उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री धामी ने इस दुखद घटना पर पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार न्याय की इस लड़ाई में उनके साथ मजबूती से खड़ी है और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम सरकार की अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेही और संवेदनशीलता को दर्शाता है, खासकर तब जब वे राज्य के बाहर किसी मुश्किल में होते हैं। वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने भी की मुलाकात दूसरी तरफ, उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने भी चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। सेमवाल ने मुख्यमंत्री सैनी को साहिल बिष्ट की हत्या के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक मुआवजा देने का अनुरोध किया। यह पहल दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार और उसके प्रतिनिधि इस मामले में हर स्तर पर सक्रिय हैं। घटना का विवरण मालूम हो कि यह दुखद घटना अंबाला के शहजादपुर क्षेत्र में हुई थी। साहिल बिष्ट पर देर रात बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया था। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने उत्तराखंड के लोगों में रोष और दुख का माहौल बना दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।

अंबाला में उत्तराखंड के युवक की हत्या पर सीएम धामी ने हरियाणा के सीएम से की बात, न्याय और कठोरतम कार्रवाई का दिया आश्वासन

देहरादून, 20 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – हरियाणा के अंबाला में उत्तराखंड के युवक साहिल बिष्ट की हत्या के मामले में उत्तराखंड सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। इस जघन्य अपराध पर संज्ञान लेते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फोन पर…

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ऊधमसिंहनगर, 13 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून द्वारा जारी भारी बारिश की 'रेड अलर्ट' चेतावनी के बाद ऊधमसिंहनगर जिले में प्रशासन ने एक बड़ा और त्वरित फैसला लिया है। छात्र-छात्राओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने 14 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जिले के कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त विद्यालयों के साथ-साथ समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। यह फैसला आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत लिया गया है, जिसमें चेतावनी का उल्लंघन करने वाले शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। मौसम विभाग की 'रेड अलर्ट' और संभावित खतरे भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी दिनों के लिए एक गंभीर मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। इस पूर्वानुमान के अनुसार, 13 अगस्त से 17 अगस्त 2025 तक उत्तराखंड के कई जिलों में औसत से अधिक वर्षा, तेज गर्जना और आकाशीय बिजली चमकने की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए 'रेड अलर्ट' जारी किया है, जो एक गंभीर चेतावनी है। रेड अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम की स्थिति बेहद खराब हो सकती है और जान-माल को बड़ा खतरा हो सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा से मैदानी इलाकों की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। इसी खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने यह सुरक्षात्मक कदम उठाया है। छात्रहित में लिया गया फैसला जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष नितिन सिंह भदौरिया द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि यह फैसला "छात्रहित एवं बाल्यहित" को ध्यान में रखकर लिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि लगातार हो रही बारिश से नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बच्चों की आवाजाही में खतरा पैदा हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छात्र या बच्चा इस खराब मौसम में खतरे का सामना न करे, जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम जिला प्रशासन की सतर्कता और आपदा की स्थिति से निपटने की तैयारी को भी दर्शाता है। किस पर लागू होगा यह आदेश? जिलाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश जनपद ऊधमसिंहनगर के भीतर संचालित होने वाले सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होता है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: समस्त राजकीय विद्यालय (Government Schools) परिषदीय विद्यालय (Council Schools) सहायता प्राप्त विद्यालय (Aided Schools) मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय (Recognized Private Schools) समस्त आंगनबाड़ी केंद्र यह आदेश दिनांक 14 अगस्त 2025 (बृहस्पतिवार) के लिए प्रभावी रहेगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई भी विद्यालय इस आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस आदेश को लेकर कितना गंभीर है और नियमों का पालन न करने वालों को किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। प्रशासनिक सतर्कता और तैयारियां जिलाधिकारी ने इस आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भेजी है, जिससे यह पता चलता है कि पूरा प्रशासनिक अमला इस स्थिति को लेकर सतर्क है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। जिला सूचना अधिकारी को भी जनहित में इस आदेश का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह सूचना सभी तक समय पर पहुंच सके। यह कदम सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति इस आदेश से अनभिज्ञ न रहे और सभी अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। निष्कर्ष: आपदा से निपटने की तैयारी यह आदेश उत्तराखंड में मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों का एक स्पष्ट उदाहरण है। लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग के रेड अलर्ट के मद्देनजर, जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों को बंद करने का यह फैसला न केवल एक एहतियाती कदम है, बल्कि यह बच्चों और आम जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता भी दर्शाता है। इस फैसले से लाखों छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राहत मिली है, जो खराब मौसम में बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर चिंतित थे। अब सबकी नजरें मौसम के अगले पूर्वानुमान पर टिकी हैं कि क्या बारिश का दौर जारी रहता है या मौसम में सुधार आता है।

ऊधमसिंह नगर: भारी बारिश की ‘रेड अलर्ट’ के चलते कल सभी स्कूल-आंगनबाड़ी केंद्र बंद, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का बड़ा फैसला

ऊधमसिंहनगर, 13 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून द्वारा जारी भारी बारिश की ‘रेड अलर्ट’ चेतावनी के बाद ऊधमसिंहनगर जिले में प्रशासन ने एक बड़ा और त्वरित फैसला लिया है। छात्र-छात्राओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने 14 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जिले…

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उत्तरकाशी, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई भीषण बाढ़ के बाद 'ऑपरेशन जिंदगी' युद्धस्तर पर जारी है। इस भयावह प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है, और बचाव दल लगातार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब तक 274 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों को तलाशने के लिए भारतीय सेना, आईटीबीपी (ITBP), एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें लगातार खोज और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस आपदा का एक बेहद मार्मिक पहलू यह है कि लापता लोगों में वो 24 दोस्त भी शामिल हैं, जो करीब 35 साल बाद एक साथ मिलकर 'चार धाम यात्रा' पर निकले थे। 35 साल बाद मिले दोस्तों पर आपदा का कहर यह कहानी है 1990 बैच के उन 24 दोस्तों की, जिन्होंने अपनी दसवीं कक्षा के बाद पहली बार मिलकर उत्तराखंड आने का फैसला किया था। इनमें से एक, आवासारी खुर्द निवासी अशोक भोर के बेटे आदित्य ने बताया कि उनके पिता और उनके 23 दोस्त 35 साल बाद 'चार धाम यात्रा' के लिए एक साथ मिले थे। ये लोग 1 अगस्त को मुंबई से ट्रेन पकड़कर निकले थे और इनकी वापसी 12 अगस्त को फ्लाइट से होनी थी। अशोक भोर के परिवार से आखिरी बार सोमवार शाम करीब 7 बजे बात हुई थी। उस समय वे सभी गंगोत्री से लगभग 10 किलोमीटर दूर थे और एक छोटे भूस्खलन के कारण फंसे हुए थे। आदित्य ने बताया कि अब उनके फोन भी नहीं मिल रहे हैं, जिससे संपर्क पूरी तरह टूट गया है। ये सभी 5 अगस्त को उत्तरकाशी में रुककर अगले दिन गौरीकुंड जाने वाले थे। उन्होंने यात्रा के लिए हरिद्वार से एक बस बुक की थी। उनके बैचमेट मल्हारी अभंग ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार सोमवार दोपहर को उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी। महाराष्ट्र के 149 पर्यटक फंसे, 75 के फोन बंद आपदा में फंसे पर्यटकों की संख्या भी काफी अधिक है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में महाराष्ट्र के कम से कम 149 पर्यटक फंसे हुए हैं। इन पर्यटकों में से 76 मुंबई से, 17 छत्रपति संभाजीनगर से, 15 पुणे से, 13 जलगाँव से, 11 नांदेड़ से, पांच ठाणे से, नासिक और सोलापुर से चार-चार, मालेगाँव से तीन और अहिल्य से एक पर्यटक है। मुंबई के लगभग 61 पर्यटक सुरक्षित रूप से हनुमान आश्रम में हैं। हालांकि, इन 149 पर्यटकों में से करीब 75 के फोन अभी भी बंद हैं और उनका नेटवर्क से बाहर होना चिंता का विषय बना हुआ है। महाराष्ट्र प्रशासन लगातार उत्तराखंड प्रशासन के संपर्क में है और फंसे हुए लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास कर रहा है। एसडीआरएफ का बयान: मलबे में दबे हो सकते हैं लापता लोग राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के महानिरीक्षक, अरुण मोहन जोशी ने बचाव कार्य में आ रही चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता आज उन्नत उपकरणों को हवाई मार्ग के जरिए मौके पर पहुंचाना है। उन्नत उपकरणों के साथ आ रही उनकी टीम बुधवार को सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण आगे नहीं बढ़ सकी। उन्होंने बताया कि धराली में 50 से 60 फुट ऊंचा मलबे का ढेर है और इस आपदा में लापता हुए लोग उसी मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं। जोशी ने कहा कि उन्नत उपकरण विशाल मलबे में लापता लोगों की तलाश करने में बचाव कर्मियों की मदद करेंगे। 300-400 श्रद्धालु फंसे, मजदूरों के भी लापता होने की आशंका अरुण मोहन जोशी ने बताया कि उनकी दूसरी प्राथमिकता अवरुद्ध मार्गों के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकालना है। उन्होंने अनुमान लगाया कि इन फंसे हुए लोगों की संख्या 300-400 हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 10 बजे तक 61 लोगों को हेलीकॉप्टर से आईटीबीपी मातली लाया जा चुका है। बाहर निकाले गए लोगों को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए प्रबंध भी किए जा रहे हैं। लापता लोगों में केवल पर्यटक ही नहीं, बल्कि मजदूर भी हो सकते हैं, क्योंकि बाढ़ आने के समय धराली में कई होटल निर्माणाधीन थे और सेब के बागानों में भी मजदूर काम कर रहे थे। प्रशासन का कहना है कि बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द सभी लापता लोगों को ढूंढा जा सके और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

उत्तरकाशी में भीषण बाढ़: 274 लोग बचाए गए, 35 साल बाद मिले 24 दोस्तों का ग्रुप लापता; ‘ऑपरेशन जिंदगी’ जारी

उत्तरकाशी, 07 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई भीषण बाढ़ के बाद ‘ऑपरेशन जिंदगी’ युद्धस्तर पर जारी है। इस भयावह प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है, और बचाव दल लगातार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब तक 274 लोगों…

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उत्तराखंड 04 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के दो अलग-अलग और बेहद परेशान करने वाले मामले सामने आए हैं, जिन्होंने पारिवारिक रिश्तों में पनप रही हिंसा और आक्रोश की भयावहता को उजागर किया है। एक मामले में, एक महिला ने डीएम से गुहार लगाई कि उसका पति बात-बात पर बंदूक तानकर उसे धमकाता है, जबकि दूसरे मामले में एक मामूली सी बात—बेटे की शर्ट जल जाने पर—दंपति के बीच जमकर मारपीट हुई। इन दोनों घटनाओं ने न केवल पुलिस और प्रशासन को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर किया है, बल्कि समाज में गहराती घरेलू हिंसा की समस्या पर भी चिंताजनक सवाल खड़े किए हैं। बंदूक की नोक पर दहशत का माहौल, डीएम ने लाइसेंस रद्द कर दिया उत्तराखंड में घरेलू हिंसा का एक सनसनीखेज मामला तब सामने आया, जब एक महिला ने सीधे जिलाधिकारी सविन बंसल से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई। महिला ने जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत पत्र सौंपकर बताया कि उसका पति दहेज की मांग को लेकर उसे अक्सर प्रताड़ित करता है। यह प्रताड़ना सिर्फ मौखिक नहीं है, बल्कि उसका पति आए दिन घर में अपनी लाइसेंसी बंदूक तानकर उसे और उसके बच्चों को डराता-धमकाता है। महिला ने कहा कि इस लगातार मानसिक उत्पीड़न के कारण वह भारी दबाव में जी रही है और उसे अपनी और अपने परिवार की जान का खतरा महसूस होता है। शिकायत की गंभीरता को समझते हुए, डीएम सविन बंसल ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "लोक शांति, पारिवारिक सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा" को बनाए रखने के लिए इस तरह के कृत्य को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। डीएम ने आरोपी पति के शस्त्र लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने नेहरू कॉलोनी थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि आरोपी की बंदूक को तुरंत जब्त कर सरकारी पुलिस अभिरक्षा में रखा जाए। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी पति को अपने बचाव में अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। यह प्रशासनिक कार्रवाई न केवल महिला को सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि ऐसे लोगों के लिए भी एक कड़ा संदेश है जो लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग कर अपने ही परिवार को डराते-धमकाते हैं। बेटे की शर्ट जली तो झगड़ा, मारपीट के बाद दर्ज हुआ केस इसी तरह घरेलू हिंसा का एक और मामला सामने आया है, जो बताता है कि कैसे छोटे-छोटे घरेलू विवाद भी हिंसक रूप ले सकते हैं। नेहरू कॉलोनी थाने में ऋताक्षी हूजा नामक एक महिला ने अपने पति अर्जुन हूजा के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और मानसिक उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार, दंपति के बीच पहले से ही तलाक का केस चल रहा है, जिसके कारण वे एक ही घर में अलग-अलग रह रहे हैं। गत 17 जुलाई की सुबह, ऋताक्षी ने अपने 5 वर्षीय बेटे की शर्ट प्रेस करने के लिए अपने पति अर्जुन से कहा। आरोप है कि प्रेस करते वक्त अर्जुन से शर्ट जल गई। इस पर ऋताक्षी ने आपत्ति जताई तो अर्जुन आग-बबूला हो गया। बात कहासुनी से शुरू हुई और देखते ही देखते गाली-गलौज और मारपीट तक जा पहुंची। इस घटना के बाद ऋताक्षी ने तत्काल नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई। थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अर्जुन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। यह घटना दर्शाती है कि पारिवारिक तनाव और रिश्तों में कड़वाहट किस तरह एक छोटी सी गलती को भी बड़े झगड़े और हिंसा में बदल सकती है। समाधान की ओर: एक मजबूत समाज की जरूरत ये दोनों मामले घरेलू हिंसा की विभिन्न परतों को उजागर करते हैं। एक तरफ, जहां बंदूकों का इस्तेमाल कर शारीरिक और मानसिक भय का माहौल बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, छोटी-छोटी बातों पर होने वाली हिंसा भी पारिवारिक रिश्तों की बुनियाद को कमजोर कर रही है। इन मामलों में प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है। डीएम द्वारा लाइसेंसी बंदूक को जब्त करने का निर्णय यह दिखाता है कि प्रशासनिक स्तर पर भी ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसी तरह, पुलिस द्वारा घरेलू विवाद में भी तत्काल केस दर्ज करना यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को न्याय मिल सके। यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे मामलों में पीड़ित को खुलकर सामने आने और अपनी आवाज उठाने का हौसला मिले। समाज को भी घरेलू हिंसा के खिलाफ एक मजबूत और संवेदनशील माहौल बनाने की जरूरत है, जहां महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और उन्हें बिना किसी डर के मदद मिल सके। इन घटनाओं से यह साफ है कि घरेलू हिंसा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता भी उतनी ही आवश्यक है।

उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के दो संगीन मामले: पत्नी पर बंदूक तानता था पति, तो दूसरी तरफ शर्ट जलने पर हुई मारपीट; डीएम ने बंदूक का लाइसेंस रद्द किया

उत्तराखंड 04 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के दो अलग-अलग और बेहद परेशान करने वाले मामले सामने आए हैं, जिन्होंने पारिवारिक रिश्तों में पनप रही हिंसा और आक्रोश की भयावहता को उजागर किया है। एक मामले में, एक महिला ने डीएम से गुहार लगाई कि उसका पति बात-बात…

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