खटीमा, 03 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - खटीमा में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में जनता की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित गति से निस्तारित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसीलिए तहसील दिवस में पंजीकृत सभी समस्याओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर हल किया जाना चाहिए। उनकी यह चेतावनी अधिकारियों को जनहित में अधिक सक्रिय और जिम्मेदार बनने का स्पष्ट संकेत है। 91 शिकायतें पंजीकृत, 43 का मौके पर निस्तारण: जन-समस्याओं का अंबार विकास खंड सभागार में आयोजित इस तहसील दिवस में दूर-दराज से आए नागरिकों ने अपनी विभिन्न समस्याएं रखीं। कुल 91 शिकायतें दर्ज की गईं, जो विभिन्न विभागों से संबंधित थीं। इनमें पेयजल, आवास, बिजली, सड़क निर्माण व मरम्मत, जल जीवन मिशन, पुलिस, नगर पालिका, भूमि संबंधी विवाद, और आर्थिक सहायता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं और प्रशासनिक सेवाओं को लेकर अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं। हालांकि, जिलाधिकारी की उपस्थिति और सख्त निर्देशों के चलते, 43 शिकायतों/समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया, जिससे फरियादियों को तुरंत राहत मिली। यह त्वरित समाधान प्रक्रिया तहसील दिवस की सार्थकता को दर्शाता है, जहां जनता को अपनी समस्याओं के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ते। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि समस्या जिस स्तर की है, उसका समाधान भी उसी स्तर पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े और उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो सके। प्रमुख शिकायतें और जिलाधिकारी के त्वरित निर्देश तहसील दिवस में कई महत्वपूर्ण शिकायतें सामने आईं, जिन पर जिलाधिकारी ने मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए: सड़क चौड़ीकरण और हॉट मिक्सिंग: ग्राम रतनपुरा के होशियार सिंह ज्याला और समस्त क्षेत्रवासियों ने झनकट-रतनपुरा सड़क को चौड़ीकरण और हॉट मिक्स कराने का अनुरोध किया। इस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी और अधिशासी अभियंता लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) को तत्काल सड़क का निरीक्षण कर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। आर्थिक सहायता: बगुलिया निवासी रामचीज ने आर्थिक सहायता दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए ताकि पीड़ित को जल्द से जल्द मदद मिल सके। जल जीवन मिशन में नियुक्ति: नगला तराई निवासी राहुल सिंह, कुटरी निवासी दीपक शर्मा, गौहर पटिया निवासी गिरीश चंद्र और नौगवाठग्गू निवासी विकास सिंह ने जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत नल जल मित्र के रूप में नियुक्ति दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता पेयजल को इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। पेयजल कनेक्शन: झनकट निवासी वीरेंद्र सिंह और समस्त ग्रामवासी कुमराहा ने जेजेएम (जल जीवन मिशन) पेयजल कनेक्शन दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता पेयजल निगम को शीघ्र पेयजल संयोजन करने का आदेश दिया। नाले का चौड़ीकरण और सफाई: नगला तराई निवासी प्रकाश तिवारी ने नई बस्ती तिवारी फार्म के पास ग्राम नगला तराई और दमगड़ा के मध्य नाले के चौड़ीकरण और सफाई का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी और अधिशासी अभियंता सिंचाई को मौके का स्थलीय निरीक्षण कर कार्ययोजना बनाकर शीघ्र नाला सफाई कराने के निर्देश दिए। अवैध शराब पर लगाम: ग्राम चारूबेटा पहाड़ी कॉलोनी निवासी राम सिंह धामी ने क्षेत्र में अवैध शराब निर्माण व बिक्री को रोकने का अनुरोध किया। इस पर जिलाधिकारी ने एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) और जिला आबकारी अधिकारी को तत्काल अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विद्युत समस्या और अतिक्रमण: वार्ड नं. 14 तिलक नगर निवासी संतोष मेहरोत्रा ने अघोषित विद्युत कटौती और लो वोल्टेज की समस्या के समाधान तथा टनकपुर रोड पर सब्जी मंडी के प्रवेश द्वार पर अतिक्रमणमुक्त कराने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता विद्युत को लो वोल्टेज की समस्या का शीघ्र समाधान करने और उप जिलाधिकारी को अवैध अतिक्रमण चिन्हित करते हुए अतिक्रमणमुक्त कराने के निर्देश दिए। ग्राम सड़क और नाली निर्माण: वार्ड नं. 8 अमाऊ निवासी गंभीर सिंह धामी ने खेतल सण्डा में लिंक रोड से चंचल सिंह बिष्ट के घर से होते हुए और ग्राम सभा भुड़ाई में लिंक रोड से भूपेंद्र सिंह के घर तक सीसी रोड (कंक्रीट सड़क) और नाली बनाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को इस संबंध में कार्ययोजना बनाते हुए कार्य कराने के निर्देश दिए। अनुपस्थित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई: जनता की सुनवाई सर्वोपरि जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने तहसील दिवस के अंत में एक बार फिर अधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसील दिवस में उठी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध तरीके से निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने दोहराया कि जन समस्याओं का निस्तारण और जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है, और इसलिए सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जन समस्याओं को सुनना और उनका निस्तारण करना सुनिश्चित करना चाहिए। इस दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिलाधिकारी ने तहसील दिवस में अनुपस्थित रहने पर अधिशासी अभियंता जल संस्थान का वेतन रोकने के निर्देश दिए। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि जनता की समस्याओं के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति जवाबदेह रहना होगा। तहसील दिवस में अध्यक्ष नगर पालिका रमेश चंद्र जोशी, रणजीत सिंह नामधारी, गंभीर सिंह धामी, उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट, एसीएमओ डॉ. एसपी सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत, सीओ विमल रावत, सीएमएस डॉ. वीपी सिंह, महाप्रबंधक उद्योग विपिन कुमार, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई सुशील कुमार, जल निगम पीएन चौधरी, लोनिवि एसके अग्रवाल, जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार, जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, जिला पर्यटन अधिकारी तला बिष्ट, जिला सेवायोजन अधिकारी राकेश दुर्गापाल सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे। यह सभी अधिकारियों की उपस्थिति इस बात को

खटीमा में जनता की फरियाद पर DM सख्त: 91 शिकायतें दर्ज, 43 का ऑन-द-स्पॉट निपटारा; अनुपस्थित अधिकारी का वेतन रोका!

खटीमा, 03 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – खटीमा में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में जनता की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित गति से निस्तारित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने…

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रूद्रपुर, 31 मई, 2025 (समय बोल रहा )- 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा | उत्तराखंड के रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी अभियान शुरू होने जा रहा है। आगामी 05 जून को पर्यावरण दिवस से लेकर 16 जुलाई को हरेला पर्व तक पूरे जनपद में एक विशाल वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य पर्यावरण को हरा-भरा बनाना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है। जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने इस अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि यह पहल केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पौधों के उचित रखरखाव और संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह अभियान जनपद के सभी नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। 1464 मतदान केंद्रों पर लगेगा 'हरित टीका': जिलाधिकारी का विस्तृत निर्देश जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि इस वृहद पौधारोपण अभियान के तहत जनपद के सभी 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा। यह एक अनूठी पहल है, जो पर्यावरण संरक्षण को सीधे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जोड़ती है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्येक बूथ पर कम से कम 10-10 पौधे लगवाएं। यह सुनिश्चित करना भी उनका दायित्व होगा कि लगाए गए इन पौधों की उचित देख-रेख की जाए ताकि वे पनप सकें और बड़े पेड़ों का रूप ले सकें। जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा और वृद्धि सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस अभियान की सफलता के लिए, जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अभी से तैयारियां सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने हेतु सभी बूथों के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर), सुपरवाइजर, और पटवारी/लेखपाल को इस कार्य में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए। इन सभी को पौधारोपण स्थल, पौधों की उपलब्धता और उनके रखरखाव की पूरी योजना अभी से तैयार करनी होगी। यह सहभागिता सुनिश्चित करेगी कि अभियान सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी सफल हो सके। पर्यावरण संरक्षण सप्ताह का आगाज: शपथ और हस्ताक्षर अभियान पौधारोपण अभियान की पृष्ठभूमि में, जनपद में 31 मई से 05 जून (पर्यावरण दिवस) तक पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, शनिवार को एक महत्वपूर्ण पहल के तहत पर्यावरण संरक्षण शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान का शुभारंभ विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मनीष कुमार ने स्वयं हस्ताक्षर कर किया। उन्होंने इस अवसर पर सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब का यह सामूहिक दायित्व है कि हम अपनी पृथ्वी को हरा-भरा और स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें। सीडीओ मनीष कुमार ने सभी से आग्रह किया कि वे जल, वायु और धरती के संसाधनों का विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी से उपयोग करें। उन्होंने विशेष रूप से प्लास्टिक और प्रदूषण को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और उसके बजाय पर्यावरण मित्र वैकल्पिक तरीकों को अपनाएं। यह अभियान लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा। अधिकारियों की भागीदारी और सामूहिक प्रयास इस महत्वपूर्ण शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे, जो इस बात का प्रतीक है कि प्रशासन पर्यावरण संरक्षण के प्रति कितना गंभीर है। इनमें मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला, सहायक अभियंता सिंचाई विशाल प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि यह केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है जिसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। यह वृहद पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण अभियान रुद्रपुर को न केवल हरा-भरा बनाने में मदद करेगा, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा। यह उम्मीद की जाती है कि यह पहल अन्य जनपदों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।

उत्तराखंड में ‘हरी क्रांति’ की तैयारी! 1464 मतदान केंद्रों पर लगेंगे 14 हजार से ज़्यादा पौधे, जानें पूरा प्लान!

रूद्रपुर, 31 मई, 2025 (समय बोल रहा )- 1464 मतदान स्थलों (बूथों) पर पौधारोपण किया जाएगा | उत्तराखंड के रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा और महत्वाकांक्षी अभियान शुरू होने जा रहा है। आगामी 05 जून को पर्यावरण दिवस से लेकर 16 जुलाई को हरेला पर्व तक पूरे जनपद में एक विशाल वृहद…

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देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक सबक है, जो इस दुखद मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण और विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित बताया, और जोर देकर कहा कि जिन लोगों ने लगातार जांच एजेंसियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे, उन्हें अब अदालत के इस स्पष्ट और निर्णायक फैसले का सम्मान करना चाहिए। श्री चौहान ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अदालत ने अपने निर्णय में तथ्यों और पुख्ता सबूतों को आधार बनाया है। उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी भूमिका शुरू से ही दुष्प्रचार फैलाने और ओछी राजनीति करने की रही है, जो अब सबके सामने उजागर हो चुकी है। कांग्रेस लगातार अंकिता मामले में "लचर पैरवी" का आरोप लगाती रही, लेकिन अदालत का यह फैसला उनकी उन सभी मनगढ़ंत आशंकाओं और दुष्प्रचार को निरर्थक साबित कर गया है। श्री चौहान ने कहा, "आखिरकार, न्याय मिला है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।" उन्होंने अंकिता के नाम पर निकाली गईं तमाम "राजनीतिक यात्राओं" पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं का मूल उद्देश्य अंकिता को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि राजनीतिक तुष्टि और लाभ प्राप्त करना था, और इस फैसले के बाद उनकी यह कुत्सित मंशा पूरी नहीं हो पाई है। जांच एजेंसियों की भूमिका और कांग्रेस का दोहरा मापदंड श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि अंकिता केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश की बेटी थी। उनके परिजनों के दुख में समस्त देवभूमिवासी शामिल थे। उन्होंने जांच एजेंसियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव साक्ष्य एकत्रित किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब जांच एजेंसियां पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ साक्ष्य जुटाने और मामले की गहन विवेचना कर रही थीं, तब कांग्रेस सहित कुछ अन्य दल जानबूझकर "नई थ्योरी" सामने लाने की साजिश रच रहे थे और दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस के दोहरे रवैये पर श्री चौहान ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि कांग्रेस एक तरफ अंकिता के हत्यारों को मिली सज़ा को 'संतोषजनक' बता रही है, और दूसरी तरफ उसी फैसले पर सवाल भी उठा रही है।" उन्होंने याद दिलाया कि जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की गहन और विस्तृत जांच के दौरान कोई भी ऐसी बात सामने नहीं आई, जो कांग्रेस के दुष्प्रचार को बल देती हो। उनका सारा खेल केवल "दुष्प्रचार" तक ही सीमित रहा और सच्चाई से कोसों दूर था। मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय सहयोग और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस मुद्दे पर शुरुआत से ही बारीकी से नज़र रखी और जांच एजेंसियों को पूरी तरह से स्वतंत्रता (फ्री हैंड) दी, ताकि जांच में कोई भी बाधा न आए और पूरी पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पूर्व में न्यायालय भी जांच एजेंसियों के कार्य की सराहना कर चुका है, जो उनकी विश्वसनीयता और निष्पक्षता का अकाट्य प्रमाण है। श्री चौहान ने बताया कि पैरवी के दौरान, अंकिता के परिजनों की राय और उनकी मांगों का पूरा सम्मान रखा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि न्याय की प्रक्रिया में उनकी भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन इस फैसले को संतोषजनक बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को अपने राजनीतिक स्वार्थवश यह न्याय "हज़म" नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस की अवसरवादिता और जनता का जवाब भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कांग्रेस पर राजनीतिक अवसरवादिता का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की इस अवसरवादिता का जनता सही समय पर जवाब देगी।" उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस का वास्तविक ध्येय अंकिता को न्याय दिलाना कभी नहीं रहा, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य इस दुखद घटना पर राजनीति करना था। यह फैसला, भाजपा के अनुसार, न केवल अंकिता को न्याय दिलाता है, बल्कि उन सभी राजनीतिक साजिशों और पैंतरेबाज़ियों को भी बेनकाब करता है, जो इस दुखद समय का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि यह फैसला सच्चाई और न्याय की जीत का प्रतीक है, और यह हमारी न्याय प्रणाली की अखंडता और ईमानदारी को दर्शाता है, भले ही कुछ लोग इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश करें।

अंकिता हत्याकांड: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, न्याय की जीत

देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला…

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काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 20 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे इंतजार और अथक संघर्ष के बाद न्याय मिला है, जिससे क्षेत्र में कानून का राज स्थापित होने का संदेश गया है। क्या था दुर्गापुर दोहरा हत्याकांड? एक दशक पुराना वह खूनी विवाद यह सनसनीखेज मामला 24 अगस्त 2014 को कुंडा थाने में दर्ज किया गया था। ग्राम दुर्गापुर निवासी बचन सिंह ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया था कि उनका बेटा हरनाम सिंह उर्फ हनी गांव में सक्रिय कच्ची शराब बेचने वालों का लगातार विरोध करता था। हनी की यह ईमानदारी और विरोध ही उसकी दुश्मनी का कारण बन गई। बचन सिंह के अनुसार, कच्ची शराब बेचने वाले कुछ लोग, जिनमें कश्मीर सिंह उर्फ शीरी, जसवंत सिंह उर्फ नंदी, विंदर सिंह (सभी निवासी दुर्गापुर), लखविंदर सिंह उर्फ वीरी (ग्राम किलावली), जस्सा सिंह, मंगल सिंह उर्फ मंगत, बबलू सिंह, पासी सिंह, पप्पी सिंह (सभी निवासी ग्राम नवलपुर) और दारा सिंह शामिल थे, हनी से इसी बात पर पुरानी रंजिश रखते थे। बचन सिंह ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि 21 अगस्त 2014 की दोपहर को ये सभी आरोपी उनके घर आए थे। उस समय हरनाम सिंह उर्फ हनी घर पर मौजूद नहीं था। आरोपियों ने बचन सिंह को धमकी देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वे अपने बेटे हरनाम को समझा लें, वरना वे उसे जान से मार देंगे। यह धमकी इस बात का संकेत थी कि आरोपी अपने अवैध धंधे में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं करेंगे। खूनी रात: बहाने से बुलाया और कर दी निर्मम हत्या अगले ही दिन, यानी 22 अगस्त 2014 की शाम को, अब्दुल रहमान निवासी गुज्जर डेरा तुमड़िया डाम ने हरनाम सिंह उर्फ हनी को एक बहाने से अपने डेरे पर बुलाया। आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। डेरे पर पहले से ही मौजूद सभी आरोपी, जिनमें ऊपर उल्लिखित सभी दस लोग शामिल थे, ने मिलकर हमसाज होकर हरनाम सिंह उर्फ हनी और उसके साथी कुलवंत सिंह उर्फ गोले की बेरहमी से हत्या कर दी। इस निर्मम वारदात को अंजाम देने के बाद, हत्यारों ने दोनों शवों को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से जंगल में फेंक दिया। दो दिनों तक दोनों युवक लापता रहे, जिससे उनके परिवारों में चिंता और भय का माहौल था। आखिरकार, 24 अगस्त को, हरनाम सिंह उर्फ हनी और कुलवंत सिंह उर्फ गोले के शव मच्छी कोटा के पास से बरामद किए गए। शवों की बरामदगी की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और लोग सकते में आ गए। लंबी कानूनी लड़ाई और अभियोजन पक्ष के पुख्ता सबूतों ने दिलाई जीत पुलिस ने बचन सिंह की शिकायत के आधार पर तत्काल हत्या का केस दर्ज किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस जांच में कुछ और लोगों की इस दोहरे हत्याकांड में लिप्तता सामने आई, जिसके बाद कुल दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह मामला काशीपुर की तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत में लंबे समय तक विचाराधीन रहा। मुकदमे की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ 18 गवाहों को अदालत के समक्ष पेश किया। इन गवाहों के बयानों को पुख्ता साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने घटना की कड़ियों को जोड़ने और आरोपियों के अपराध को साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदालत ने सभी गवाहों के बयानों और पेश किए गए सबूतों पर गहनता से विचार-विमर्श किया। न्याय की जीत: 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास लंबे इंतजार और गहन सुनवाई के बाद, अदालत ने इस जघन्य दोहरे हत्याकांड के लिए निम्नलिखित दस दोषियों को दोषी ठहराया और उन्हें कठोर आजीवन कारावास की ऐतिहासिक सजा सुनाई: जसवंत सिंह उर्फ नंदी जसवंत सिंह उर्फ जस्सा भगत सिंह उर्फ भगत प्रकाश सिंह उर्फ पासी लखवीर सिंह उर्फ वीरी दारा सिंह प्रकाश सिंह चांदी सिंह लाल सिंह उर्फ बलविंदर सिंह बलविंदर सिंह उर्फ विंदर अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के अतिरिक्त प्रत्येक दोषी पर 20,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो अपराध में लिप्त होते हैं, कि कानून की पकड़ से कोई बच नहीं सकता और उन्हें अंततः अपने किए की सजा भुगतनी पड़ती है। इस फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे समय से प्रतीक्षित न्याय मिला है, जिससे न्यायपालिका में उनका विश्वास और मजबूत हुआ है। यह निर्णय न केवल पीड़ित परिवारों को राहत देगा, बल्कि समाज में कानून के प्रति सम्मान और अपराधियों के मन में भय

काशीपुर के दुर्गापुर दोहरे हत्याकांड में न्याय की जीत: 10 दोषियों को आजीवन कारावास की कठोर सजा

काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई…

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काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ट्रस्ट ने सोमवार को एसडीएम कार्यालय को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। इस घटना ने क्षेत्र में भूमि विवादों और धार्मिक स्थलों से जुड़ी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। क्या है पूरा मामला? ट्रस्ट ने लगाए गंभीर आरोप श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा एसडीएम कार्यालय को सौंपे गए ज्ञापन में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ट्रस्ट के अनुसार, 9 जुलाई 2021 को केडीएफ के नाम एक रजिस्ट्री कराई गई थी। इस रजिस्ट्री में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि का उल्लेख किया गया था, जिसे शंभूनाथ की निजी भूमि दर्शाया गया था। हालांकि, ट्रस्ट का आरोप है कि केडीएफ अध्यक्ष ने धोखाधड़ी करते हुए रजिस्ट्री में दर्शाई गई भूमि के बजाय, उसके पास स्थित सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यह सरकारी भूमि तीर्थ स्थल द्रोणासागर का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। ट्रस्ट ने अपने ज्ञापन में यह भी दावा किया है कि दानदाता द्वारा रजिस्ट्री में जिन स्थानों की तस्वीरें पेश की गई थीं, वे तस्वीरें वास्तव में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि की नहीं थीं, बल्कि सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन की थीं, जिस पर अब अवैध कब्जा कर लिया गया है। बिना अनुमति निर्माण, गोविषाण टीले से दूरी का उल्लंघन ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि केडीएफ अध्यक्ष ने इस सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर बिना किसी सक्षम शासन की अनुमति के एक कार्यालय और एक पक्की दीवार का निर्माण करा लिया है। ट्रस्ट ने यह भी रेखांकित किया है कि यह निर्माण गोविषाण टीले से 100 मीटर के अंदर किया गया है, जबकि ऐसे धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आसपास निर्माण के लिए विशेष नियमों और अनुमतियों की आवश्यकता होती है। ट्रस्ट का कहना है कि यह अवैध निर्माण न केवल सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है, बल्कि यह क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को भी ठेस पहुंचाता है। ट्रस्ट के सदस्यों ने की कार्रवाई की मांग ज्ञापन सौंपने के दौरान श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। इनमें संस्थापक अजय कुमार चौहान, अध्यक्ष अक्षय कुमार नायक, उपाध्यक्ष विजय चौहान, सचिव विजेंद्र सिंह चौहान और कोषाध्यक्ष विशाल गुप्ता शामिल रहे। इन सभी सदस्यों ने एसडीएम से मांग की है कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जाए, सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाया जाए और धोखाधड़ी करने वाले केडीएफ अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि द्रोणासागर जैसे पवित्र स्थल की भूमि को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। केडीएफ अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा, मंदिर ट्रस्ट पर ही लगाए गंभीर आरोप दूसरी ओर, काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष राजीव घई ने श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। घई ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, उन्होंने स्वयं मंदिर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर में आने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग किया जा रहा है और वे लोग विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। घई ने कहा कि उनके द्वारा (केडीएफ) मंदिर क्षेत्र में कुछ रोक-टोक और व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण ये लोग उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रहे हैं। केडीएफ अध्यक्ष राजीव घई ने दावा किया कि उनके द्वारा कोई अवैध कब्जा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "अवैध कब्जे का मामला राजस्व विभाग देखेगा। उन्होंने (ट्रस्ट ने) शिकायत की है, उसकी जांच होगी। हमारा कोई कब्जा नहीं है।" घई ने स्पष्ट किया कि उनके सभी कार्य वैध हैं और वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। प्रशासन की भूमिका और आगे की राह एसडीएम कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त कर लिया है और मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अब यह राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे भूमि के अभिलेखों की गहन जांच करें, मौके पर स्थिति का सत्यापन करें और आरोपों की सच्चाई का पता लगाएं। इस विवाद में दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिससे सच्चाई का पता लगाना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। द्रोणासागर एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसकी भूमि को लेकर विवाद का गहराना चिंता का विषय है। प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि न केवल कानूनी स्थिति स्पष्ट हो सके, बल्कि ऐसे पवित्र स्थलों की गरिमा और उनकी भूमि की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।

काशीपुर: द्रोणासागर की सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद गहराया, केडीएफ अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप

काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस…

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काशीपुर, 25 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शहर के बीचों-बीच स्थित एक मिठाई की दुकान के बाहर से सामने आया है, जहां कुछ देर के लिए खड़ी की गई एक बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत पुलिस को सूचना दी है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना से शहर में एक बार फिर वाहन चोरों के बढ़ते आतंक को लेकर हड़कंप मच गया है। गौरी स्वीट्स के सामने से हुई चोरी की घटना जानकारी के अनुसार, श्यामपुरम कॉलोनी, खड़कपुर देवीपुरा निवासी गारवित शर्मा पुत्र नरेंद्र शर्मा ने थाना आईटीआई में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। गारवित शर्मा ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 9:30 बजे वह अपनी मोटरसाइकिल से किसी काम के लिए निकले थे। उन्होंने अपनी बाइक शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक, गौरी स्वीट्स के सामने खड़ी की और अपने आवश्यक काम से चले गए। यह क्षेत्र आमतौर पर भीड़भाड़ वाला रहता है और लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां वाहन सुरक्षित रहेंगे। एक घंटे में बाइक गायब, मचा हड़कंप गारवित शर्मा के अनुसार, वह अपना काम निपटाकर करीब 10:30 बजे अपनी बाइक लेने वापस लौटे। लेकिन जब वह गौरी स्वीट्स के सामने पहुंचे, तो उन्हें अपनी बाइक वहां नहीं मिली। पहले तो उन्हें लगा कि शायद उन्होंने कहीं और खड़ी कर दी होगी, लेकिन आसपास देखने और काफी खोजबीन करने के बावजूद बाइक का कोई सुराग नहीं मिला। लगभग एक घंटे के भीतर ही उनकी बाइक मौके से गायब हो चुकी थी। इस घटना से गारवित शर्मा के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू शिकायत मिलने के बाद, थाना आईटीआई की पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने गारवित शर्मा की शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का प्रयास कर रही है, ताकि चोरों का कोई सुराग मिल सके। पुलिस ने पीड़ित को आश्वासन दिया है कि जल्द ही चोरों को पकड़कर उनकी बाइक बरामद कर ली जाएगी। शहर में बढ़ती बाइक चोरी की घटनाएं, जनता में दहशत काशीपुर में पिछले कुछ समय से बाइक चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से आए दिन बाइक चोरी की खबरें सामने आती रहती हैं, जिससे आम जनता में दहशत का माहौल है। वाहन चोर इतने बेखौफ हो गए हैं कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों और व्यस्त सड़कों से भी बाइकों को आसानी से निशाना बना रहे हैं। इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है। नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर पार्क करें और उसमें अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण जैसे डिस्क लॉक या एंटी-थेफ्ट अलार्म का इस्तेमाल करें। साथ ही, अनजान जगहों पर वाहन खड़े करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। पुलिस ने यह भी कहा है कि यदि किसी को भी वाहन चोरी या संदिग्ध गतिविधि के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि काशीपुर में वाहन चोरों का गिरोह सक्रिय है और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को और अधिक सक्रियता दिखानी होगी। अपनी बाइक शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक, गौरी स्वीट्स के सामने खड़ी की और अपने आवश्यक काम से चले गए। यह क्षेत्र आमतौर पर भीड़भाड़ वाला रहता है और लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां वाहन सुरक्षित रहेंगे।

ब्रेकिंग! काशीपुर में मिठाई लेने गए, बाइक हुई गायब! गौरी स्वीट्स के बाहर खड़ी बाइक चोरी, मचा हड़कंप!

काशीपुर, 25 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शहर के बीचों-बीच स्थित एक मिठाई की दुकान के बाहर से सामने आया है, जहां कुछ देर के लिए खड़ी की गई एक बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत…

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देहरादून, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): (कर्नल) उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति अब जमीन पर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए धामी सरकार द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक नई मिसाल कायम की है, जिससे जनता का सरकार पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है। इसी क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए, हल्द्वानी स्थित सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने जनपद बागेश्वर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सूबोध शुक्ला (सेवानिवृत्त कर्नल) को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। शिकायत और ट्रैप ऑपरेशन: ऐसे दबोचे गए रिश्वतखोर अधिकारी विजिलेंस विभाग को 1064 टोल फ्री नंब

उत्तराखंड में रिश्वत का ‘खेल’ खत्म! विजिलेंस का बड़ा धमाका, कर्नल भी नहीं बचे!

देहरादून, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): (कर्नल) उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अब जमीन पर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए धामी सरकार द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक नई मिसाल कायम की है, जिससे…

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काशीपुर, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने आज जनपद भ्रमण के दौरान काशीपुर का दौरा किया। वे दोपहर 2 बजे कार द्वारा मंडी विश्राम गृह पहुंचे, जहां जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राज्यपाल के आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया, जो प्रोटोकॉल के अनुसार विशिष्ट अतिथियों को दिया जाता है। इस संक्षिप्त दौरे के दौरान राज्यपाल ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की और क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया। भव्य स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के काशीपुर पहुंचने पर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने स्वयं उपस्थित होकर उनका स्वागत किया। दोनों अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर राज्यपाल महोदय का अभिनंदन किया। मंडी विश्राम गृह परिसर में पुलिस बल द्वारा राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसमें जवानों ने पूरी मुस्तैदी और सम्मान के साथ सलामी दी। यह स्वागत समारोह राज्यपाल के प्रति सम्मान और प्रोटोकॉल का हिस्सा था, जो उनके आगमन पर आयोजित किया गया। राज्यपाल ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की और क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया। संक्षिप्त ठहराव और अधिकारियों से मुलाकात राज्यपाल का यह दौरा मुख्य रूप से जनपद भ्रमण का हिस्सा था। मंडी विश्राम गृह में उनके अल्प विश्राम के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य मौजूद अधिकारियों से अनौपचारिक बातचीत की। हालांकि, इस मुलाकात का विस्तृत विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उम्मीद है कि राज्यपाल ने जनपद में चल रही विकास परियोजनाओं, कानून-व्यवस्था की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिकारियों से जानकारी ली होगी। राज्यपाल समय-समय पर राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर जमीनी हकीकत का जायजा लेते रहते हैं, ताकि उन्हें जनता की समस्याओं और प्रशासनिक कार्यों की प्रगति के बारे में सीधा फीडबैक मिल सके। राजभवन नैनीताल के लिए प्रस्थान मंडी विश्राम गृह में लगभग सवा घंटे के अल्प विश्राम के बाद, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर कार द्वारा राजभवन नैनीताल के लिए प्रस्थान कर गए। उनका यह दौरा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही संपन्न हुआ। राज्यपाल के काफिले को सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजभवन नैनीताल के लिए रवाना किया गया। उपस्थित प्रमुख अधिकारी इस अवसर पर राज्यपाल के स्वागत और विदाई के लिए कई प्रमुख प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। इनमें एसपी निहारिका तोमर, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. उत्तम सिंह नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल, उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, कौस्तुभ मिश्रा, सी.एस. चौहान, सीओ दीपक सिंह, आर.डी. मठपाल और तहसीलदार सुभांगनी जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इन सभी अधिकारियों ने राज्यपाल के भ्रमण को सफल बनाने और प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाई। जनपद भ्रमण का महत्व राज्यपाल

काशीपुर पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह, जिलाधिकारी और एसएसपी ने किया भव्य स्वागत

काशीपुर, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने आज जनपद भ्रमण के दौरान काशीपुर का दौरा किया। वे दोपहर 2 बजे कार द्वारा मंडी विश्राम गृह पहुंचे, जहां जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राज्यपाल के आगमन पर उन्हें…

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महुआखेड़ा गंज, 22 मई 2025 (समय बोल रहा): महुआखेड़ा गंज स्थित एक बैटरी रिसाइकलिंग प्लांट में गुरुवार सुबह भीषण आग लग गई, जिसने देखते ही देखते लाखों रुपये का सामान राख कर दिया। सुबह तड़के करीब सवा चार बजे लगी इस आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया और आग को आसपास की अन्य फैक्ट्रियों तक फैलने से रोका जा सका। अग्निकांड में किसी प्रकार की जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन प्लांट स्वामी को करीब 85 लाख रुपये के भारी नुकसान का अनुमान है। सुबह 4:20 बजे लगी भीषण आग, कच्चा माल चपेट में जानकारी के अनुसार, गुरुवार को सुबह लगभग 4 बजकर 20 मिनट पर महुआखेड़ा गंज क्षेत्र में स्थित उम्मेद हानि इंडस्ट्री नामक बैटरी रिसाइकलिंग प्लांट में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि उसने प्लांट के अंदर रखे बैटरी रिसाइकलिंग के कच्चे माल (रॉ मटेरियल्स) को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से ही देखा जा सकता था, जिससे आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। प्लांट के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचना दी। दमकल टीम की त्वरित कार्रवाई, आग को फैलने से रोका सूचना मिलते ही फायर स्टेशन से लीडिंग फायरमैन चंदन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में दमकल की एक यूनिट तत्काल मौके पर पहुंची। अग्निशमन दल के जवानों ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने फायर इंजन से एक होज लगाकर आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया। दमकलकर्मियों की तत्परता और सूझबूझ के चलते आग को पास की अन्य फैक्ट्रियों और आवासीय संस्थानों तक फैलने से रोका जा सका, अन्यथा नुकसान का आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता था। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। लाखों का नुकसान, जनहानि नहीं अग्निकांड के बाद प्लांट में हुए नुकसान का आकलन किया गया है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस भीषण अग्निकांड में प्लांट स्वामी का करीब 85 लाख रुपये का भारी नुकसान होने की संभावना जताई गई है। आग लगने से बैटरी रिसाइकलिंग का कच्चा माल और अन्य उपकरण जलकर खाक हो गए हैं। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस अग्निकांड में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। आग लगने के समय प्लांट में मौजूद कर्मचारियों और आसपास के लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। अग्निशमन दल की सराहनीय भूमिका इस सफल अग्निशमन अभियान में फायर यूनिट टीम के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लीडिंग फायरमैन चंदन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में फायरमैन कृपाल सिंह, महिला फायरमैन ज्योति, महिला फायरमैन शिखा मालिक और चालक दीपक राठौर ने विषम परिस्थितियों में भी साहस और लगन से काम करते हुए आग पर काबू पाया। उनकी त्वरित कार्रवाई और पेशेवर दक्षता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया और आसपास की संपत्तियों को भारी नुकसान से बचाया जा सका। स्थानीय लोगों ने भी अग्निशमन विभाग के जवानों की इस सराहनीय कार्य की सराहना की है। आग लगने के कारणों की जांच जारी फिलहाल आग लगने के कारणों का स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है। पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमें मामले की जांच कर रही हैं। आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य तकनीकी खराबी के कारण लगी होगी। जांच के बाद ही आग लगने के वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा। इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में आग सुरक्षा मानकों के पालन के महत्व को रेखांकित किया है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके। प्लांट के मालिक भी आग लगने के कारणों और नुकसान के आकलन में जुटे हुए हैं।

लाखों का नुकसान! महुआखेड़ा गंज में बैटरी रिसाइकलिंग प्लांट में भीषण आग, कैसे हुआ इतना बड़ा अग्निकांड?

महुआखेड़ा गंज, 22 मई 2025 (समय बोल रहा): महुआखेड़ा गंज स्थित एक बैटरी रिसाइकलिंग प्लांट में गुरुवार सुबह भीषण आग लग गई, जिसने देखते ही देखते लाखों रुपये का सामान राख कर दिया। सुबह तड़के करीब सवा चार बजे लगी इस आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां…

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काशीपुर, 21 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के न्यायिक इतिहास में एक ऐसी अभूतपूर्व और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे न्यायपालिका और अधिवक्ता समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया है। एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट परिसर के भीतर ही दो वकीलों के बीच भयंकर हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक वकील गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम के बीच-बचाव करने आई एक कर्तव्यनिष्ठ महिला पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गईं, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए स्थानीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। इस अप्रत्याशित और निंदनीय घटना को लेकर स्थानीय पुलिस ने गंभीरता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है और मामले की सच्चाई जानने के लिए हर पहलू से छानबीन की जा रही है। न्याय के मंदिर में मर्यादा भंग: वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प जानकारी के अनुसार, यह चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण घटना आज दोपहर एसीजेएम कोर्ट परिसर के मुख्य गलियारे में घटित हुई। घायल वकील की पहचान एडवोकेट राकेश चौधरी के रूप में हुई है, जबकि उन पर हमला करने वाले दूसरे वकील का नाम एडवोकेट विनय पाल बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों वकीलों के बीच किसी मामूली बात को लेकर अचानक तीखी बहस शुरू हो गई। यह बहस जल्द ही गाली-गलौज और धक्का-मुक्की में बदल गई, और देखते ही देखते यह हिंसक हाथापाई तक पहुंच गई। बताया जा रहा है कि एडवोकेट विनय पाल ने एडवोकेट राकेश चौधरी पर जोरदार हमला कर दिया, जिससे वह चोटिल होकर जमीन पर गिर पड़े। इस घटना से कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और अन्य वकीलों व वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई। बीच-बचाव करने आई महिला पुलिसकर्मी भी हुईं घायल इस हिंसक झड़प और बिगड़ती स्थिति को देखकर वहां सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात एक महिला पुलिसकर्मी, जिसका नाम सुमन बताया जा रहा है, ने तुरंत हस्तक्षेप किया। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दोनों झगड़ रहे वकीलों को अलग करने का साहसपूर्ण प्रयास किया। इसी बीच-बचाव के दौरान हुई धक्का-मुक्की में महिला पुलिसकर्मी सुमन भी चोटिल हो गईं। उनके शरीर पर कई जगह चोटें आई हैं। घायल महिला पुलिसकर्मी सुमन को तत्काल एंबुलेंस से उपचार के लिए स्थानीय चिकित्सालय ले जाया गया है, जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। वहीं, हमले में घायल हुए एडवोकेट राकेश चौधरी को भी तुरंत उपचार के लिए एल्डिहाइड चिकित्सालय लाया गया। काशीपुर के न्यायिक इतिहास में काला अध्याय: पहली बार ऐसी शर्मनाक घटना इस घटना ने न केवल काशीपुर के न्यायिक समुदाय को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। कोर्ट परिसर, जिसे न्याय, शांति और कानून-व्यवस्था का सर्वोच्च प्रतीक माना जाता है, के भीतर इस प्रकार की हिंसक घटना का होना बेहद गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है। काशीपुर अधिवक्ता संघ से जुड़े वरिष्ठ सदस्यों और स्थानीय वकीलों का कहना है कि यह काशीपुर के न्यायिक इतिहास में संभवतः पहली बार है जब कोर्ट परिसर के भीतर वकीलों के बीच इस हद तक की हिंसक झड़प हुई हो। इस घटना ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की गरिमा, पवित्रता और कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। यह वकीलों जैसे जिम्मेदार पेशे की मर्यादा को भी भंग करती है। पुलिस ने शुरू की गहन जांच-पड़ताल: दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आई और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया, प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की और आवश्यक साक्ष्य जुटाए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम की गहन जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की पूरी तस्वीर और घटना के पीछे के वास्तविक कारणों का पता चलने के बाद ही दोषी वकीलों के खिलाफ कानून सम्मत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या यह कोई पूर्वनियोजित हमला था या किसी तात्कालिक विवाद का परिणाम। अधिवक्ता समुदाय में रोष और सुरक्षा की मांग इस घटना को लेकर काशीपुर के अधिवक्ता समुदाय में भी भारी रोष और असंतोष व्याप्त है। कई वकीलों ने इस हिंसक घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और न्याय के पवित्र पेशे की गरिमा के खिलाफ बताया है। उन्होंने एक स्वर में मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की जाए तथा दोषी वकीलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ बार काउंसिल द्वारा भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अधिवक्ता संघ ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की भी मांग की है। यह घटना न केवल वकीलों के पेशे की पवित्रता और गरिमा को धूमिल करती है, बल्कि न्याय के मंदिर में आने वाले आम लोगों की सुरक्षा के प्रति भी गंभीर चिंताएं बढ़ाती है। पुलिस प्रशासन पर इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करने का भारी दबाव है ताकि कोर्ट परिसर में कानून और व्यवस्था बनी रहे और आम जनता का न्यायपालिका पर विश्वास कायम रहे। अब सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं कि कब इस जघन्य घटना के पीछे का पूरा सच सामने आता है और दोषी वकीलों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़ती है। यह घटना निश्चित रूप से काशीपुर

काशीपुर का सबसे बड़ा ‘कोर्ट कांड’: ACJM परिसर में वकीलों ने एक-दूसरे को पीटा, महिला पुलिसकर्मी भी घायल!

काशीपुर, 21 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के न्यायिक इतिहास में एक ऐसी अभूतपूर्व और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे न्यायपालिका और अधिवक्ता समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया है। एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट परिसर के भीतर ही दो वकीलों के बीच भयंकर हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक वकील गंभीर…

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