रामनगर पुलिस की बड़ी सफलता: 17 लाख की कीमत का 68 किलो गांजे के साथ युवक गिरफ्तार, ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ अभियान को मिली सफलता

रामनगर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – ( 68 किलो गांजे ) उत्तराखंड को ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ बनाने के अभियान के तहत रामनगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने कुल 68.02 किलोग्राम गांजा बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 17 लाख रुपये बताई जा रही है। इस बड़ी सफलता ने नशे के खिलाफ पुलिस के अभियान को और मजबूती प्रदान की है।
मुखबिर की सटीक सूचना और पुलिस का जाल
जानकारी के अनुसार, पुलिस को काफी समय से रामनगर क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी की सूचनाएं मिल रही थीं, जिसके बाद पुलिस लगातार ऐसे तत्वों पर पैनी नजर रख रही थी। इसी क्रम में, बीती देर रात रामनगर कोतवाली पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र से एक सटीक सूचना प्राप्त हुई। मुखबिर ने बताया कि एक युवक अपनी टैक्सी का इस्तेमाल कर अवैध गांजे की बड़ी खेप की तस्करी कर रहा है और जल्द ही वह रामनगर क्षेत्र से गुजरने वाला है।
सूचना की गंभीरता को देखते हुए, कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार सैनी के नेतृत्व में तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में उपनिरीक्षक मनोज नयाल, कांस्टेबल गगनदीप सिंह, विपिन शर्मा, संदीप और यशपाल सिंह जैसे तेज-तर्रार पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस टीम ने मुखबिर द्वारा बताए गए संभावित स्थान पर घेराबंदी की और पूरी मुस्तैदी के साथ इंतजार करने लगी। कुछ ही देर में, मुखबिर द्वारा बताए गए हुलिए का एक व्यक्ति अपनी टैक्सी से वहां पहुंचा। पुलिस ने बिना देर किए उसे रोक लिया और रंगे हाथों धर दबोचा।
तस्कर की पहचान और करोड़ों का माल बरामद
पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की पहचान दानिश पुत्र वाहिद हुसैन के रूप में हुई है, जो रामनगर के ही पूछड़ी टंकी के पास का निवासी बताया गया है। दानिश की उम्र करीब 22 वर्ष है, और वह अपनी टैक्सी का इस्तेमाल कर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने जब दानिश की टैक्सी की तलाशी ली, तो उसमें से कुल 68.02 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। बरामद गांजे की यह मात्रा काफी अधिक है, जो बताती है कि आरोपी एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
बरामद किए गए इस गांजे की बाजार में अनुमानित कीमत करीब 17 लाख रुपये आंकी गई है। यह एक बड़ी बरामदगी है जो नशे के कारोबार पर रामनगर पुलिस की मजबूत पकड़ को दर्शाती है।
पूछताछ में खुला राज: ‘आर्तिक’ और ‘भूरी’ का नाम आया सामने
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी दानिश से गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दानिश ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि यह सारा गांजे का माल आर्तिक और भूरी नाम के दो व्यक्तियों का था। दानिश ने पुलिस को बताया कि आर्तिक और भूरी ने ही उसे पहाड़ से गांजा लाने के लिए 5000 रुपये दिए थे। यह खुलासा इस बात की ओर इशारा करता है कि यह केवल एक स्थानीय धंधा नहीं, बल्कि इसका संबंध पहाड़ों से आने वाले बड़े अंतर्राज्यीय नेटवर्क से हो सकता है।
पुलिस अब आर्तिक और भूरी की तलाश में जुट गई है और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए विभिन्न टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। उम्मीद है कि दानिश से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस इस पूरे नेटवर्क का खुलासा कर पाएगी और इसमें शामिल अन्य बड़े तस्करों को भी गिरफ्तार कर सकेगी।
ड्रग फ्री देवभूमि अभियान को मिली सफलता: कड़ी कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी दानिश के खिलाफ एफआईआर संख्या 238/25, धारा 8/20/60/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) भारत में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए एक सख्त कानून है। इस एक्ट के तहत इतनी बड़ी मात्रा में गांजा बरामद होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
यह गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाना है। इस तरह की बड़ी बरामदगी और गिरफ्तारियां निश्चित रूप से इस अभियान को और मजबूती प्रदान करेंगी और नशे के तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरेंगी।
गिरफ्तार आरोपी दानिश को बरामद माल सहित न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। रामनगर पुलिस ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानून के अनुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन जनता से भी अपील कर रहा है कि वे नशे के खिलाफ लड़ाई में पुलिस का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।