भट्ट ने संसद में जोशीमठ ओबीसी क्षेत्र को केंद्रीय आरक्षित सूची में शामिल करने की मांग की |

विपक्ष तुष्टिकरण के लिए देशविरोधी कानून में संशोधन का विरोध कर रहा: भाजपा देहरादून, 13 फरवरी (समय बोल रहा) – भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संसद में वक्फ बोर्ड पर पेश संयुक्त संसदीय समिति (JPC) रिपोर्ट का स्वागत किया है और विपक्षी दलों के हंगामे को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि विपक्ष वर्ग विशेष के तुष्टिकरण की राजनीति के तहत देश विरोधी वक्फ कानून में संशोधन का विरोध कर रहा है, जिससे उनके राजनीतिक हितों की रक्षा हो सके। विपक्ष की मंशा देश विरोधी ताकतों को मजबूत करना महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अपनी सरकारों के दौरान संविधान की भावना के खिलाफ जाकर वक्फ बोर्ड और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे विभाजनकारी कानून बनाए। कांग्रेस सरकारों ने वक्फ कानून को इतना ताकतवर बना दिया कि यह भू-संपदा पर असीम अधिकार रखने वाली संस्था बन गया। परिणामस्वरूप, देशभर में लाखों एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में आ गई, जिससे भूमि विवाद और अवैध कब्जों को बढ़ावा मिला। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार इस कानून में संशोधन करने के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लेकर आई, तो विपक्ष ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया और जेपीसी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ने संवैधानिक प्रक्रिया अपनाते हुए इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया, ताकि सभी पक्षों को सुना जा सके। लेकिन विपक्षी सांसदों ने इस समिति की बैठकों में भी बार-बार अव्यवस्था फैलाई और कई बार तो हिंसक झड़पों तक की नौबत आ गई। जेपीसी रिपोर्ट पर भी विपक्ष का हंगामा, सच्चाई से भाग रहे हैं नेता महेंद्र भट्ट ने कहा कि छह महीने की लंबी चर्चा और सभी पक्षों को सुनने के बाद जेपीसी रिपोर्ट संसद में पेश की गई, लेकिन विपक्ष ने इसे भी हंगामा और बहिष्कार का मुद्दा बना दिया। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों का उद्देश्य केवल राजनीति करना है, ना कि किसी ठोस मुद्दे पर बहस करना। संसदीय कार्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट से कोई भी तथ्य हटाया नहीं गया, इसके बावजूद विपक्ष झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। विपक्षी दलों का यह गैर-जिम्मेदाराना रवैया लोकतंत्र के लिए खतरा है और इस तरह की राजनीति केवल जनता को भ्रमित करने और देश को कमजोर करने के लिए की जा रही है। देश विरोधी ताकतों के समर्थन में खड़ा है विपक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि विपक्षी दलों का यह रुख देशविरोधी तत्वों को बढ़ावा देने जैसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों का रवैया दर्शाता है कि वे भारत विरोधी ताकतों को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के बड़े नेता सदन के बाहर भारत को कमजोर करने की बातें करते हैं, लेकिन सदन के भीतर उनके सांसद संशोधन का विरोध कर देश विरोधी शक्तियों के समर्थन में खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार संविधान के अनुरूप न्यायपूर्ण बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि विपक्ष केवल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है। तुष्टिकरण की राजनीति से देश को नुकसान महेंद्र भट्ट ने कहा कि विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति में इतना अंधा हो गया है कि वह संविधान के खिलाफ जाकर देश के संसाधनों और भूमि पर एकतरफा कब्जे का समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस कानून में बदलाव कर सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार देने और पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के दुरुपयोग को रोकने और सभी समुदायों के हितों की रक्षा करने के लिए संशोधन जरूरी है। जेपीसी रिपोर्ट पेश होने के बाद क्या होगा? रिपोर्ट पर संसद में विस्तृत चर्चा होगी। संशोधन विधेयक को पारित किया जाएगा, जिससे वक्फ कानून में बदलाव लागू होगा। भूमि विवाद और अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे। सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए नए प्रावधान लागू किए जाएंगे।
Mahendra bhatt

देहरादून 25 जुलाई(समय बोल रहा)- राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ के ओबीसी क्षेत्र को आरक्षण की राष्ट्रीय अनुसूची में शामिल करने का मुद्दा उच्च सदन में उठाया हैं । राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए सीमांत जनपद चमोली में विकासखंड जोशीमठ के पेनखंड क्षेत्र को केंदीय ओबीसी अनुसूची में किया जाना आवश्यक बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र 43 ग्राम पंचायतों 73 जातियों के 48 हजार 202 लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इस क्षेत्र एवं क्षेत्रवासियों के समग्र विकास को लेकर लंबे समय से ओबीसी आरक्षण दिए जाने की मांग रही है । हालांकि राज्य सरकार द्वारा 2016 में उन्हें ओबीसी कैटेगिरी में शामिल कर सरकारी सेवा में 14 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन वहां के लोगों को समुचित लाभ हेतु उन्हें केंद्र की ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल किए जाने की मांग लगातार जारी है।उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रवासी अपनों को केंद्रीय ओबीसी आरक्षण सूची में सम्मिलित करने हेतु अनेकों बार भारत सरकार को आवेदन कर चुके हैं, परंतु अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है जिससे पूरा क्षेत्र 27% केंद्रीय आरक्षण की सुविधा से वंचित है। लिहाजा इस लोक महत्व के महत्वपूर्ण विषय पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने इस क्षेत्र को केंद्रीय अनुसूची में सम्मिलित करने की मांग की है। साथ ही उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार तिब्बत सीमा क्षेत्र के अपनी दूसरी पंक्ति के सैनिकों की मांग को शीघ्र पूर्ण करेंगे ।

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