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रुद्रपुर 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  : रुद्रपुर के प्रमुख चौराहे, इंदिरा चौक पर स्थित एक वर्षों पुरानी मजार को मंगलवार सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण करार देते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार रुद्रपुर शहर के मुख्य राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण परियोजना में आ रही रुकावट का कारण बन रही थी। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहरी विकास और यातायात सुधार के तहत लिया गया था, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ीकरण योजना को पूरी तरह से लागू किया जा सके। मजार का महत्व और उसकी स्थिति: मजार रुद्रपुर के इंदिरा चौक पर वर्षों से स्थित थी, और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए यह स्थल एक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित था। श्रद्धालु यहाँ चादर चढ़ाने, मन्नत मांगने और दुआ करने के लिए आते थे। इस मजार को लेकर स्थानीय लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे, और इसे कई दशकों पुराना मानते थे। मजार के विभिन्न नाम भी प्रचलित थे, जैसे "सेय्यद मासूम शाह मियां," "सज्जादा मियां," और "सत्य महू मियां," लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये सभी नाम एक ही मजार के संदर्भ में इस्तेमाल होते थे। प्रशासन का पक्ष और कार्रवाई: इंदिरा चौक पर सड़क के चौड़ीकरण की योजना का हिस्सा बनने के कारण मजार को हटाना आवश्यक हो गया था। प्रशासन ने बताया कि यह मजार सड़क के एक हिस्से पर बनी थी, जिससे यातायात की गति में रुकावट आ रही थी। इंदिरा चौक पर प्रतिदिन लाखों वाहन गुजरते हैं, और यहाँ ट्रैफिक जाम एक आम समस्या है। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग-74 का चौड़ीकरण कार्य यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से चलाया जा रहा था, लेकिन इस मजार के कारण कार्य में बाधा आ रही थी। जिला प्रशासन ने मजार को हटाने से पहले कई बार नोटिस जारी किए थे और संबंधित पक्षों को कानूनी प्रक्रिया के तहत अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई, जिसके बाद प्रशासन को यह कठोर कदम उठाना पड़ा। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल शहरी विकास और यातायात प्रबंधन के लिए की गई थी, और इसमें कोई धार्मिक या राजनीतिक कारण नहीं थे। बुलडोजर कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम: मंगलवार सुबह जब प्रशासनिक टीम मजार को हटाने के लिए पहुँची, तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए थे, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया और इस कदम को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आलोचना की, लेकिन प्रशासन ने शांतिपूर्वक कार्रवाई करते हुए मजार को गिरा दिया। धार्मिक आस्था और शहरी विकास के बीच टकराव: स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह मजार एक धार्मिक स्थल था और इसे लेकर उनका गहरा आस्था था। उनके लिए यह सिर्फ एक मजार नहीं, बल्कि उनके धार्मिक विश्वासों का प्रतीक था। यह स्थल वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ था। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह सार्वजनिक भूमि थी, और मजार को बिना अनुमति के उस पर बनाया गया था। प्रशासन का तर्क है कि अगर शहर को आगे बढ़ाना है और शहरी विकास को लागू करना है, तो ऐसी बाधाओं को हटाना जरूरी है। राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ: इस कार्रवाई के बाद, स्थानीय समुदाय में असंतोष और विरोध का माहौल बना। हालांकि, अब तक किसी भी राजनीतिक दल या प्रतिनिधि की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। प्रशासन ने इस मामले को पूरी तरह से शहरी विकास और यातायात प्रबंधन से जोड़ते हुए कहा कि इसका कोई धार्मिक या राजनीतिक पहलू नहीं था। इसके बावजूद, यह स्पष्ट है कि इस कार्रवाई ने एक गहरे सामाजिक और धार्मिक मुद्दे को जन्म दिया है, जिसमें एक ओर धार्मिक आस्था है, जबकि दूसरी ओर शहरी विकास की जरूरतें। यह स्थिति रुद्रपुर जैसे बढ़ते शहरों के लिए एक चुनौती है, जहां विकास और धार्मिक विश्वासों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। आगे की योजना: इंदिरा चौक पर मजार को हटाने के बाद, प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की संयुक्त टीम अब इस क्षेत्र को सड़क विकास योजना के अनुरूप नया रूप देने के लिए कार्य करेगी। इसका उद्देश्य न केवल यातायात को बेहतर बनाना है, बल्कि यह क्षेत्र रुद्रपुर के शहरी विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। अतिक्रमण को हटाना यह घटना यह दर्शाती है कि रुद्रपुर जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में विकास और धार्मिक आस्थाओं के बीच संतुलन बनाए रखना एक कठिन कार्य हो सकता है। इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अब प्रशासन शहरी विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए स्पष्ट और निर्णायक कदम उठा रहा है। हालांकि, यह भी देखा गया कि धार्मिक स्थानों को हटाने से समुदाय के बीच भावनात्मक रूप से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, और भविष्य में ऐसी स्थितियों को बेहतर तरीके से संभालने की आवश्यकता है। इस प्रकार की घटनाओं से यह साफ होता है कि सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण को हटाना, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या अन्य निर्माण, शहरी विकास के लिए जरूरी हो सकता है। प्रशासन का यह कदम एक महत्वपूर्ण संकेत है कि अब विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की रुकावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रुद्रपुर: इंदिरा चौक पर प्रशासन ने तोड़ी वर्षों पुरानी मजार, सड़क चौड़ीकरण का हवाला

रुद्रपुर 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  : रुद्रपुर के प्रमुख चौराहे, इंदिरा चौक पर स्थित एक वर्षों पुरानी मजार को मंगलवार सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण करार देते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार रुद्रपुर शहर के मुख्य राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण परियोजना में आ रही रुकावट का कारण बन रही थी। प्रशासन का कहना…

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जसपुर 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  जसपुर क्षेत्र में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने प्लॉट बेचने के नाम पर एक महिला के साथ पहले विश्वासघात किया और फिर अकेली पाकर उसके साथ अश्लील हरकत की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसे डंडे से पीट दिया और तीन साल के मासूम बेटे की जान लेने की धमकी दी। अब कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। प्लॉट खरीदने का सौदा बना विश्वासघात का जरिया पीड़िता महिला ने न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दायर कर पूरी घटना का खुलासा किया। उसने बताया कि उसका पति सउदी अरब में मजदूरी करता है और विदेश जाने से पहले उसने जसपुर क्षेत्र के पट्टी चौहान मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति से 80 वर्ग गज जमीन 5 लाख 20 हजार रुपये में खरीदी थी। सौदे के वक्त 1 लाख रुपये बतौर बयाना दे दिए गए थे। इसके बाद, महिला ने बताया कि उक्त व्यक्ति बार-बार उसके घर आकर बाकी रकम की मांग करता रहा। महिला ने तीन किस्तों में शेष 4 लाख 40 हजार रुपये भी अदा कर दिए। 31 मई 2024 को तहसील जसपुर में दोनों के बीच विक्रय रसीद तैयार हुई जिसमें यह तय हुआ कि रजिस्ट्री के समय 80 हजार रुपये और दिए जाएंगे। लेकिन आरोपी व्यक्ति ने जरूरत बताकर वह रकम भी ले ली और फिर रजिस्ट्री में टालमटोल करता रहा। घर में घुसकर की शर्मनाक हरकत महिला ने आगे बताया कि 16 फरवरी 2025 को दोपहर करीब 1 बजे जब वह अपने घर पर अकेली थी, तो आरोपी वहां पहुंच गया और बहानेबाजी करने लगा। उसने महिला से कहा कि वह उसे सस्ते में कोई और मकान दिलवा देगा क्योंकि वह उसे "बहुत पसंद करता है" और इसी वजह से उसके घर आता-जाता रहा है। महिला ने जब इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरन उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा। डंडे से पीटा और बच्चे की जान से मारने की धमकी दी महिला ने बताया कि जब उसने शारीरिक शोषण का विरोध किया, तो आरोपी ने डंडे से उस पर हमला किया और कहा, “आज मुझे पहली बार ऐसा मौका मिला है, अब मैं इसे खोना नहीं चाहता।” इतना ही नहीं, आरोपी ने महिला के तीन साल के बेटे को पकड़ लिया और धमकी दी कि अगर उसने उसकी इच्छाएं पूरी नहीं कीं, तो वह बच्चे को जान से मार देगा। पीड़िता ने बताया कि वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी जिससे आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए। शोर-शराबा सुनकर आरोपी मौके से भाग गया। इसके बाद महिला ने हिम्मत जुटाकर अदालत का रुख किया और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा महिला की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर ने पुलिस को आदेश दिया कि वह मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करे। आदेश के बाद जसपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115, 318(4), 351(2), 74 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच एसआई रुचिका रानी को सौंपी गई है। महिला ने की आरोपी की गिरफ्तारी की मांग पीड़िता ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए क्योंकि वह खुलेआम घूम रहा है और उसे अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर डर बना हुआ है। महिला ने कहा कि आरोपी प्रभावशाली है और उसे डर है कि वह दोबारा हमला कर सकता है। स्थानीय लोगों में रोष घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।

जसपुर में प्लॉट बेचने के बहाने महिला के साथ अश्लील हरकत, विरोध पर डंडे से पीटा — कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जसपुर 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  जसपुर क्षेत्र में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने प्लॉट बेचने के नाम पर एक महिला के साथ पहले विश्वासघात किया और फिर अकेली पाकर उसके साथ अश्लील हरकत की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसे डंडे से पीट…

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रामनगर, 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE), रामनगर ने राज्य के हजारों फेल छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में असफल हुए विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए एक नहीं, बल्कि तीन अवसर दिए जाएंगे। यह निर्णय उन छात्रों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है जो असफलता के बाद निराश हो चुके थे। 28 हजार छात्र-छात्राएं हुए फेल इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में लगभग 28,000 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं। इनमें से 10वीं (हाईस्कूल) में करीब 10,000 छात्र और 12वीं (इंटरमीडिएट) में 18,000 छात्र शामिल हैं। इस कदम से इन सभी विद्यार्थियों को फिर से सफलता की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा। किन्हें मिलेगा मौका? परिषद के अपर सचिव बृहमोहन रावत ने जानकारी दी कि यह विशेष सुविधा उन्हीं विद्यार्थियों को दी जाएगी, जो सीमित विषयों में फेल हुए हैं। हाईस्कूल (10वीं) में 2 विषयों में फेल हुए छात्र पात्र होंगे। इंटरमीडिएट (12वीं) में 1 विषय में फेल हुए छात्रों को मौका मिलेगा। तीन बार मिलेगा परीक्षा का अवसर इन छात्रों को तीन बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। पहला अवसर: इसी वर्ष जुलाई 2025 में परीक्षा आयोजित की जाएगी। परिषद इसी माह (अप्रैल-मई) में फेल छात्रों से विशेष परीक्षा के लिए फॉर्म भरवाएगा। दूसरा अवसर: यदि कोई छात्र पहले प्रयास में पास नहीं हो पाता, तो उसे 2026 की मुख्य परीक्षा के साथ दोबारा अवसर मिलेगा। तीसरा और अंतिम अवसर: 2026 की मुख्य परीक्षा के बाद तीसरी बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा। अंक सुधार का भी मिलेगा अवसर यह योजना न केवल फेल छात्रों के लिए है, बल्कि वे छात्र जो पहले ही पास हो चुके हैं, वे भी अपने अंकों में सुधार के लिए इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे छात्रों को "इम्प्रूवमेंट एग्जाम" के रूप में अवसर मिलेगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में दाखिले या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने स्कोर को बेहतर बना सकें। परीक्षा से जुड़े आंकड़े हाईस्कूल में सम्मिलित छात्र: 1,09,559 इंटरमीडिएट में सम्मिलित छात्र: 1,06,345 कुल फेल छात्र: लगभग 28,000 विद्यालयों को दिए गए निर्देश विद्यालयी शिक्षा परिषद ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे फेल छात्रों को इस योजना की जानकारी दें और उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने में सहायता करें। इसका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें और अपना एक साल बचा सकें। छात्रों के लिए सुनहरा अवसर इस योजना से न सिर्फ छात्रों का शैक्षणिक वर्ष बचेगा, बल्कि उन्हें आगे की पढ़ाई, प्रवेश परीक्षाओं और करियर निर्माण में मदद मिलेगी। राज्य सरकार और परिषद का यह कदम छात्रों को आत्मनिर्भर और मानसिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। फेल छात्रों के भविष्य को एक नई दिशा उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद का यह निर्णय फेल छात्रों के भविष्य को एक नई दिशा देने वाला है। तीन बार परीक्षा का अवसर देना एक सराहनीय पहल है, जिससे हजारों युवाओं को अपने करियर को दोबारा संवारने का मौका मिलेगा।

उत्तराखंड बोर्ड फेल छात्रों के लिए बड़ी राहत: मिलेगा तीन बार पास होने का मौका

रामनगर, 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड बोर्ड उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE), रामनगर ने राज्य के हजारों फेल छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में असफल हुए विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए एक नहीं, बल्कि तीन अवसर दिए जाएंगे। यह निर्णय…

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उत्तराखंड के चमोली जिले में रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक कार खाई में गिरी,। यह हादसा चमोली के कोरेलधार क्षेत्र में हुआ, जहां कार में सवार सभी 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और शवों को खाई से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शादी से लौटते समय हुआ हादसा प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी मृतक लोग निजमूला क्षेत्र से एक शादी समारोह से वापस लौट रहे थे और दशोली विकासखंड के हरमनी गांव की ओर जा रहे थे। इसी दौरान कोरेलधार के पास अचानक कार अनियंत्रित होकर सैकड़ों फीट गहरी खाई में जा गिरी। स्थानीय लोगों ने घटना की आवाज सुनकर प्रशासन को सूचना दी। राहत एवं बचाव कार्य के लिए तुरंत पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। शवों को निकालने में लगी पूरी रात कार के खाई में गिरने के बाद अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आईं। गहरी खाई और कठिन भूगोल के चलते शवों को निकालने में पूरी रात लग गई। ग्रामीणों और बचाव दल की मदद से सभी पांचों शवों को खाई से बाहर निकाला गया। पुलिस अधीक्षक चमोली ने बताया कि प्रारंभिक जांच में वाहन के अनियंत्रित होने की आशंका जताई गई है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही दुर्घटना के सटीक कारणों का पता चलेगा। मृतकों की पहचान मृतकों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से सभी एक ही क्षेत्र के निवासी थे। परिजनों को सूचना दे दी गई है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। इस दर्दनाक हादसे के बाद हरमनी गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने जताया आक्रोश स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कोरेलधार क्षेत्र में सड़क की स्थिति काफी खराब है और सुरक्षात्मक उपायों की भारी कमी है। कई बार प्रशासन से सड़क के किनारों पर गॉर्ड रेलिंग, चेतावनी बोर्ड और साइन बोर्ड लगाने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है और यदि सुरक्षा उपाय पहले से किए गए होते, तो शायद जानें बच सकती थीं। नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक इस हादसे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है और जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह दुर्घटना की जांच कर आवश्यक कदम उठाए। वहीं, स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त कीं और सड़क की सुरक्षा को लेकर जल्द कार्यवाही की मांग की। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रहे हादसे उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ऐसे हादसे कोई नई बात नहीं हैं। हर साल दर्जनों जानें सड़कों की खस्ता हालत, तीखे मोड़ और सुरक्षा उपायों की कमी के चलते चली जाती हैं। कोरेलधार, निजमूला, दशोली जैसे क्षेत्रों में संचार सुविधा की भी भारी कमी है, जिससे आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद नहीं मिल पाती। पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि सरकार सड़कों की स्थिति में सुधार करे और हाई रिस्क जोन में आधुनिक तकनीकों की मदद से निगरानी और बचाव के उपाय सुनिश्चित करे। 5 लोगों की मौके पर ही मौत उत्तराखंड के चमोली जिले में कोरेलधार के पास एक कार खाई में गिरी,, जिसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। सभी मृतक शादी से लौटकर हरमनी गांव जा रहे थे। हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चला और स्थानीय लोगों ने सड़क की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए।

चमोली में दर्दनाक हादसा: कोरेलधार में कार खाई में गिरी, 5 लोगों की मौत

चमोली, 18 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड के चमोली जिले में रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक कार खाई में गिरी,। यह हादसा चमोली के कोरेलधार क्षेत्र में हुआ, जहां कार में सवार सभी 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि…

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को वक्फ संपत्ति सुधारों को लेकर एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब वक्फ संपत्तियों का उपयोग सिर्फ गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय के कल्याण में होगा। भाजपा आगामी 20 अप्रैल से 5 मई तक राज्यभर में 'वक्फ जनजागरण अभियान' चलाने जा रही है, जिसका उद्देश्य इस कानून के जरिए समाज के वंचित वर्गों तक मदद पहुंचाना है। गरीबों का हक सिर्फ गरीबों को मिलेगा: धामी प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित वक्फ जनजागरण कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिना किसी धार्मिक छेड़छाड़ के, वक्फ की एक-एक इंच भूमि की जांच होगी। उन्होंने कहा कि अब इन संपत्तियों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका इस्तेमाल गरीब मुस्लिम महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं, विधवाओं और अनाथ बच्चों के लिए किया जाए। पीएम आवास, अस्पताल और स्कूलों के लिए होगा इस्तेमाल मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि जो भी वक्फ संपत्तियां अवैध कब्जों से मुक्त कराई जाएंगी, उन पर पीएम आवास, अस्पताल, स्कूल और समुदायिक भवन जैसी जनसेवा की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी ऐसे कामों की योजना तैयार की जा रही है। विपक्ष पर साधा निशाना धामी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से कब्जा रहा है, लेकिन विपक्ष ने कभी यह प्रयास नहीं किया कि उनका सही उपयोग हो। उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ की संपत्तियां होते हुए भी गरीबों को कोई लाभ नहीं दिया गया। अब यह कानून इस काले कारोबार और जमीनों पर कब्जे को रोकने का काम करेगा। कानून का सही उद्देश्य समझाना जरूरी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि यह कानून समाज में व्याप्त भ्रम और भय को दूर करने का माध्यम बनेगा। उन्होंने बताया कि 2013 और 1995 में कांग्रेस सरकारों की नीतियों के चलते वक्फ संपत्तियों का गलत इस्तेमाल हुआ। भाजपा सरकार अब इन गलतियों को सुधार रही है। सभी जिलों में कार्यशालाएं होंगी प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने जानकारी दी कि 20 से 22 अप्रैल तक सभी जिलों में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में जनजागरण अभियान की रणनीति, कार्यक्रम और संवाद के माध्यम से मुस्लिम समाज को कानून के फायदों से अवगत कराया जाएगा। भाजपा का स्पष्ट संदेश: कोई तुष्टिकरण नहीं कार्यशाला में प्रदेश वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ बोर्ड की पुरानी गड़बड़ियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अतीत में इस बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ। उन्होंने दावा किया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों में बड़ी संख्या में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता शामिल रहे हैं। देवभूमि में कड़ाई से लागू होगा नया कानून सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही राज्य की डेमोग्राफी को सुरक्षित रखने के लिए यूसीसी, धर्मांतरण विरोधी कानून जैसे कड़े फैसले ले चुकी है और अब वक्फ संशोधन कानून को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग करके यह सुनिश्चित करेंगे कि गरीबों को उनका हक मिले।" भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे मौजूद इस कार्यशाला में कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे जिनमें राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, अल्पसंख्यक मोर्चा प्रभारी मुकेश कोली, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, विधायक खजान दास, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष इंतजार हुसैन समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। भाजपा उन्होंने दावा किया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों में बड़ी संख्या में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता शामिल रहे हैं।प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित वक्फ जनजागरण कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिना किसी धार्मिक छेड़छाड़ के, वक्फ की एक-एक इंच भूमि की जांच होगी।

वक्फ की संपत्तियों का उपयोग गरीब मुस्लिम वर्ग के कल्याण में सुनिश्चित होगा: मुख्यमंत्री धामी

भाजपा 20 अप्रैल से चलाएगी वक्फ जनजागरण अभियान, सभी जिलों में होंगे कार्यक्रम देहरादून, 18 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को वक्फ संपत्ति सुधारों को लेकर एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब वक्फ संपत्तियों का उपयोग सिर्फ गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय के कल्याण में होगा। भाजपा…

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जसपुर, 18 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) उधम सिंह नगर जनपद के जसपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव मेघा वाला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नशे में धुत एक युवक ने पहले अपनी मां पर धारदार हथियार से हमला किया और फिर अपनी चाची की गर्दन पर बेरहमी से प्रहार कर निर्मम हत्या कर दी। यही नहीं, आरोपी युवक ने अपने नाबालिग चचेरे भाई पर भी जानलेवा हमला किया। पाठल से किया गया हमला, मां और चचेरा भाई घायल घटना 17 अप्रैल 2025 को शाम करीब 7:30 बजे की है। गांव निवासी सैंकी पुत्र तेजपाल, जो कि काफी समय से नशे की लत का शिकार बताया जा रहा है, घर लौटा और अचानक अपनी मां रेखा देवी पर धारदार हथियार (स्थानीय भाषा में 'पाठल') से हमला कर दिया। रेखा देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं और चीख-पुकार मच गई। हमले के बाद सैंकी यहीं नहीं रुका। वह पास में ही रहने वाले अपने चाचा राजेश कुमार के घर पहुंचा। वहां मौजूद सुनीता देवी (उम्र 30 वर्ष) जो उसकी चाची थीं, पर उसने ताबड़तोड़ वार किए। खासतौर पर गर्दन पर किए गए गहरे प्रहार के कारण सुनीता देवी गंभीर रूप से लहूलुहान हो गईं। उसी समय वहां मौजूद उसका करीब 13 वर्षीय चचेरा भाई हर्षित भी हमले का शिकार हुआ। उस पर भी आरोपी ने पाठल से हमला किया, जिससे वह भी गंभीर रूप से घायल हो गया। गांव में मची अफरा-तफरी, पुलिस को मिली सूचना इस वीभत्स घटना के बाद पूरे गांव मेघा वाला में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई। घटना की सूचना मिलने पर जसपुर कोतवाली पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आरोपी युवक फरार हो चुका था। पुलिस ने घायलों को तुरंत काशीपुर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां चाची सुनीता देवी ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि रेखा देवी और हर्षित का इलाज अभी जारी है। पुलिस जुटी जांच में, आरोपी की तलाश जारी घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने घटनास्थल से आलाकत्ल (पाठल) को बरामद कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी सैंकी की मानसिक स्थिति लंबे समय से ठीक नहीं थी और वह नशे के चलते कई बार पारिवारिक विवादों में शामिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उसने पहले भी घर में झगड़े किए थे लेकिन इतनी बड़ी घटना की किसी को उम्मीद नहीं थी। पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। समाचार लिखे जाने तक आरोपी युवक फरार है। ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश, नशे के खिलाफ सख्ती की मांग घटना के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि सैंकी पिछले कुछ वर्षों से अत्यधिक नशे का सेवन करता था और कई बार उसका व्यवहार हिंसक हो चुका था। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में नशे की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। गांव की महिलाओं और बुजुर्गों ने पुलिस से आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी और कठोर सजा की मांग की है। मृतका के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल सुनीता देवी, जिनकी निर्मम हत्या हुई, अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गई हैं। घटना के बाद मृतका के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उनका कहना है कि अगर समय रहते सैंकी के नशे की लत को गंभीरता से लिया गया होता तो शायद यह दिन न देखना पड़ता। मृतका का अंतिम संस्कार पुलिस कार्रवाई के बाद किया जाएगा। वहीं, घायलों की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है। समापन: एक बार फिर उठे नशे पर सवाल यह पूरी घटना एक बार फिर नशे की बढ़ती समस्या की तरफ ध्यान खींचती है। जिस तरह से एक युवक ने नशे में आकर अपने ही परिवार पर कहर बरपाया, उससे यह स्पष्ट है कि गांवों और कस्बों में नशे की रोकथाम के लिए पुलिस और प्रशासन को अधिक सक्रिय होना होगा। समय बोल रहा इस दर्दनाक घटना की निंदा करता है और प्रशासन से मांग करता है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए।

जसपुर: नशे में धुत युवक ने चाची की बेरहमी से की हत्या, गांव मेघा वाला में मचा हड़कंप

जसपुर, 18 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)उधम सिंह नगर जनपद के जसपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव मेघा वाला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नशे में धुत एक युवक ने पहले अपनी मां पर धारदार हथियार से हमला किया और फिर अपनी चाची की गर्दन पर बेरहमी से…

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देहरादून, 18 अप्रैल (समय बोल रहा) — उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के डोईवाला थाना क्षेत्र अंतर्गत हर्रावाला इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान डीजे की तेज आवाज को बंद कराने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। देहरादून घटना का पूरा विवरण यह घटना देर रात की है, जब हर्रावाला क्षेत्र में एक जागरण का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटी थी और तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। रात के समय डीजे की आवाज को लेकर आसपास के लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी। शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और आयोजकों से डीजे की आवाज कम करने को कहा। प्रारंभिक रूप से आयोजकों और डीजे ऑपरेटर ने आवाज कम कर दी, लेकिन कुछ समय बाद फिर से डीजे की आवाज बढ़ा दी गई। आवाज अत्यधिक तेज होने के कारण इलाके में रहने वाले अन्य नागरिकों को परेशानी होने लगी। इसके बाद पुलिस दोबारा घटनास्थल पर पहुंची और डीजे को पूरी तरह से बंद कराने की कोशिश की। बातचीत से बढ़ा विवाद, हमला कर दिया पुलिस टीम द्वारा डीजे बंद कराए जाने को लेकर कुछ स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। बताया जा रहा है कि कुछ युवक नशे में भी थे। विवाद बढ़ता गया और देखते ही देखते कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों से हाथापाई शुरू कर दी। इस दौरान एक सिपाही को सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे वह लहूलुहान हो गया। घायल सिपाही को तुरंत 108 एंबुलेंस की मदद से स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही थाना डोईवाला से और फोर्स मौके पर पहुंची। भीड़ को नियंत्रित किया गया और हंगामा कर रहे आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि इस घटना में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिस पर हमला करने और शांति भंग करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि धार्मिक आयोजनों में इस तरह का बर्ताव निंदनीय है और इससे क्षेत्र की शांति व्यवस्था प्रभावित होती है। वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि आयोजक बिना अनुमति के कार्यक्रम करवा रहे थे। प्रशासन ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश प्रशासन ने साफ किया है कि इस तरह के मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। जिले के सभी थाना क्षेत्रों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे आयोजनों पर सख्त निगरानी रखी जाए और बिना अनुमति के डीजे बजाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। क्या कहते हैं नियम सरकारी नियमों के अनुसार रात 10 बजे के बाद किसी भी प्रकार का तेज ध्वनि वाला कार्यक्रम आयोजित करना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद नियमों का उल्लंघन करना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में आयोजकों और हमलावरों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सार देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में जागरण कार्यक्रम के दौरान DJ की तेज आवाज बंद कराने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। हर्रावाला इलाके की इस घटना में एक सिपाही घायल हो गया। भीड़ ने पुलिसकर्मी के सिर पर हमला किया, जिससे खून बहने लगा। पुलिसकर्मी ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

देहरादून: डीजे बंद कराने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, एक सिपाही घायल, सात आरोपी गिरफ्तार

देहरादून, 18 अप्रैल (समय बोल रहा) — उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के डोईवाला थाना क्षेत्र अंतर्गत हर्रावाला इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान डीजे की तेज आवाज को बंद कराने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से…

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रुद्रपुर, 17 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ): जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चिकित्सालय में औषधियों, जांच, उपकरणों और सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की समीक्षा बैठक में चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों को सुविधा सम्पन्न बनाया जाए ताकि आम जनता को चिकित्सा सेवाएं बिना किसी परेशानी के मिल सकें। हर अस्पताल बने मॉडल चिकित्सालय: एक सप्ताह में दें कार्य योजना बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारी एक स्पष्ट विजन के साथ कार्य करें और अपने-अपने चिकित्सालयों को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करें। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा NHM के तहत भरपूर बजट उपलब्ध कराया गया है। मोटापे को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता: जागरूकता और काउंसलिंग के निर्देश बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में बढ़ते मोटापे पर जताई गई चिंता का भी जिक्र किया गया। जिलाधिकारी ने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे मोटापा कम करने के लिए लोगों को जागरूक करें और व्यक्तिगत काउंसलिंग की व्यवस्था भी करें, ताकि इस बढ़ते खतरे को रोका जा सके। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता: हाई रिस्क प्रेग्नेंसी पर निगरानी जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, समय पर दवा वितरण, जांच और टीकाकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। विशेष रूप से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की ट्रैकिंग की जाए और सभी प्रसव संस्थान स्तर पर कराए जाएं। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रसव कक्षों में सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। आशा कार्यकर्ताओं पर नजर: संस्थागत प्रसव के लिए जवाबदेही तय आशा कार्यकर्ताओं को संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए सक्रिय करने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि जिन क्षेत्रों में प्रसव अन्यत्र हो रहे हैं, वहां की आशा कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): जीपीएस ट्रैकिंग और वेतन रोकने के निर्देश राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा में पाया गया कि कुछ क्षेत्रों में कार्य ठीक से नहीं हो रहा है। इस पर उन्होंने निर्देश दिए कि सभी टीमें रोस्टर के अनुसार स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें। सभी बच्चों की जांच कर फोटो सहित एप में अपलोडिंग सुनिश्चित की जाए। गदरपुर, काशीपुर और रुद्रपुर की टीमें स्वास्थ्य परीक्षण में असफल रहीं, इसलिए जिलाधिकारी ने उनके वेतन रोकने के आदेश दिए। सभी RBSK वाहनों में जीपीएस लगाने के निर्देश भी जारी किए गए। टीकाकरण और डेंगू-मलेरिया पर एडवांस प्लानिंग के निर्देश सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही जिलाधिकारी ने डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने और पूर्व कार्ययोजना बनाने के लिए भी CMO को निर्देशित किया। मुख्य विकास अधिकारी ने दिए आयुष्मान और एनीमिया पर निर्देश मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत 6 से 59 माह तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से दवा पिलाने तथा एल्मेंडाजॉल की कृमिनाशक गोली खिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी चिकित्सा उपकेंद्रों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में परिवर्तित करने और सभी अस्पतालों में सोलर प्लांट लगाने के भी निर्देश दिए। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. सिन्हा, एसीएमओ डॉ. एस.पी. सिंह, डॉ. हरेन्द्र मलिक, डॉ. राजेश आर्या, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. आर.एस. श्रीवास्तव, डीपीओ हेमा कांडपाल, जिला शिक्षा अधिकारी हरेन्द्र मिश्रा, तथा सभी एमओआईसी और चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में प्रशासन का ठोस कदम जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में हुई यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि उत्तराखंड सरकार जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सुविधा सम्पन्न अस्पताल, बाल स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, आयुष्मान योजना और डेंगू-मलेरिया नियंत्रण की दिशा में लिए गए ये निर्णय आने वाले समय में जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

जनस्वास्थ्य पर जिला प्रशासन सख्त, सभी अस्पतालों को मॉडल चिकित्सालय बनाने के निर्देश

रुद्रपुर, 17 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ):जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चिकित्सालय में औषधियों, जांच, उपकरणों और सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की समीक्षा बैठक में चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों को सुविधा…

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बाजपुर 15 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा), उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आज बाजपुर के कुंडेश्वरी क्षेत्र पहुंचे, जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के पावन अवसर पर उनके सम्मान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन से पूरे क्षेत्र में उत्साह और उमंग का माहौल देखने को मिला। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा संगठन और भाजपा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पूर्व मुख्यमंत्री का यह दौरा सामाजिक और वैचारिक संवाद के उद्देश्य से किया गया, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति, विकास और राजनीति पर अपने विचार साझा किए। स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत कुंडेश्वरी पहुंचने पर भगत सिंह कोश्यारी का फूल मालाओं और ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। युवाओं ने पारंपरिक पहनावे में उनका अभिनंदन किया और महिलाओं ने पारंपरिक गीतों से समर्पण जताया। स्थानीय बुजुर्गों ने उनका आशीर्वाद लिया और नई पीढ़ी को मार्गदर्शन देने की अपील की। कार्यक्रम में विकास, सेवा और नेतृत्व पर रहा फोकस कार्यक्रम के दौरान कोश्यारी ने अपने संबोधन में उत्तराखंड की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दिशा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा: "उत्तराखंड की जनता मेहनती और जुझारू है। आज भी इस राज्य की सबसे बड़ी ताकत इसकी युवा शक्ति और ग्रामीण समाज है।" उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे तकनीक, शिक्षा और उद्यमशीलता की दिशा में आगे बढ़ें और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें। राज्य के विकास के लिए आत्मनिर्भरता और पारदर्शिता ज़रूरी कोश्यारी ने उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों पर बात करते हुए कहा कि राज्य में जल, जंगल और जमीन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद और विश्वास सबसे अहम है। "राजनीति में सेवा का भाव होना चाहिए, केवल सत्ता की ललक नहीं," उन्होंने ज़ोर देकर कहा। स्थानीय मुद्दों पर हुई चर्चा कार्यक्रम के बाद स्थानीय निवासियों ने क्षेत्र के कई ज्वलंत मुद्दों पर पूर्व मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया — जिनमें सड़कों की खराब स्थिति, पेयजल समस्या, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और बेरोजगारी जैसे विषय शामिल थे। कोश्यारी ने आश्वासन दिया कि वे इन विषयों को संबंधित मंचों तक पहुंचाएंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं और युवा शक्ति ने दिखाई एकजुटता इस कार्यक्रम में भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी, पार्षद और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। युवाओं की सक्रियता और अनुशासित उपस्थिति कार्यक्रम की विशेषता रही। युवा शक्ति संगठन, जो सामाजिक जागरूकता और जनभागीदारी को बढ़ावा देता है, ने आयोजन में अहम भूमिका निभाई। गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पहुंचे कई प्रमुख नेता और समाजसेवियों ने मंच की गरिमा को और ऊँचाई दी। इनमें विशेष रूप से शामिल रहे: कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज पाल, गन्ना राज्य मंत्री मनजीत सिंह, पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी, अंबिक चौधरी, प्रकाश नेगी, निशा चौहान, जोगेंद्र सिंह, पूनम, संजीव, धर्मपाल सिंह, चरणजीत सिंह और राजेश कुमार मौजूद रहे। इन सभी गणमान्य जनों ने भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व, सादगी और विचारों की सराहना की और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को समाज तक पहुंचाने के इस प्रयास को सराहा। कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का बाजपुर के कुंडेश्वरी दौरा केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सामाजिक संवाद और प्रेरणा का माध्यम भी रहा। उनके विचारों और सरल व्यवहार से जनता जुड़ी हुई महसूस कर रही थी। इस तरह के कार्यक्रम समाज को दिशा देने और नेतृत्व के साथ संवाद स्थापित करने का माध्यम बनते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री का यह दौरा सामाजिक और वैचारिक संवाद के उद्देश्य से किया गया, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति, विकास और राजनीति पर अपने विचार साझा

बाजपुर के कुंडेश्वरी पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर हुआ भव्य कार्यक्रम

बाजपुर 15 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आज बाजपुर के कुंडेश्वरी क्षेत्र पहुंचे, जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के पावन अवसर पर उनके सम्मान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन से पूरे क्षेत्र में उत्साह और उमंग का…

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देहरादून, 15 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2025 को 19 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11 बजे घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों का इंतजार खत्म होने वाला है। इस बार उत्तराखंड बोर्ड ने परीक्षाएं समय पर आयोजित कीं और मूल्यांकन कार्य भी निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया गया, जिससे रिकॉर्ड समय में परिणाम घोषित किया जा रहा है। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर आएगा रिजल्ट उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध होगा: ubse.uk.gov.in uaresults.nic.in छात्र अपना रिजल्ट रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करके देख सकेंगे। इसके अलावा रिजल्ट डिजिलॉकर ऐप, एसएमएस सुविधा और कुछ निजी रिजल्ट वेबसाइट्स पर भी उपलब्ध रहेगा। 2.5 लाख से अधिक छात्रों ने दी परीक्षा उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षाएं 15 फरवरी से 6 मार्च 2025 तक आयोजित की गई थीं। इस वर्ष: लगभग 1.3 लाख छात्र 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए। वहीं 1.2 लाख छात्र 12वीं की परीक्षा में बैठे। छात्रों का कहना है कि प्रश्नपत्र सामान्य स्तर के थे और पढ़ाई के अनुसार प्रश्न पूछे गए थे। शिक्षा मंत्री करेंगे रिजल्ट जारी राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सचिव नीता तिवारी 19 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से सुबह 11 बजे परिणाम जारी करेंगे। इसके तुरंत बाद छात्र वेबसाइट पर अपने अंक देख सकेंगे। एक अधिकारी ने बताया: “इस बार उत्तराखंड बोर्ड ने परिणामों को पारदर्शी और समय पर जारी करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। छात्रों की मेहनत का फल उन्हें जल्द मिलेगा।” पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार रिजल्ट की उम्मीदें ज्यादा पिछले वर्ष 10वीं कक्षा का पास प्रतिशत 85.17 प्रतिशत और 12वीं कक्षा का पास प्रतिशत 82.63 प्रतिशत रहा था। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का पास प्रतिशत इससे बेहतर हो सकता है क्योंकि छात्रों ने पूरे वर्ष ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई की। लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद पिछले वर्षों की तरह इस बार भी लड़कियों के बेहतर प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल लड़कियां बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त कर रही हैं। क्या करें यदि असंतुष्ट हों रिजल्ट से? यदि कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है तो वह उत्तराखंड बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) या उत्तरपुस्तिका की फोटोकॉपी के लिए आवेदन कर सकता है। यह प्रक्रिया रिजल्ट जारी होने के कुछ दिन बाद शुरू होगी। वहीं जिन छात्रों को एक या दो विषयों में अंक कम मिले हैं या वे फेल हो गए हैं, उनके लिए पूरक परीक्षा (Compartment Exam) का आयोजन जून 2025 में किया जाएगा। रिजल्ट देखने के लिए क्या रखें पास? छात्रों को रिजल्ट देखने के लिए निम्नलिखित चीज़ें तैयार रखनी चाहिए: रोल नंबर जन्मतिथि इंटरनेट कनेक्शन मोबाइल या कंप्यूटर बोर्ड की वेबसाइट पर कभी-कभी ट्रैफिक अधिक होने के कारण धीमा हो सकता है, ऐसे में छात्रों को संयम बनाए रखने की सलाह दी जाती है। निष्कर्ष: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं के लाखों छात्रों के लिए 19 अप्रैल 2025 एक बड़ा दिन होने जा रहा है। सुबह 11 बजे जैसे ही शिक्षा मंत्री रिजल्ट जारी करेंगे, छात्रों की मेहनत का परिणाम सामने आ जाएगा। समय बोल रहा की ओर से सभी विद्यार्थियों को ढेरों शुभकामनाएं — उम्मीद है कि आप सभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।इस बार उत्तराखंड बोर्ड ने परीक्षाएं समय पर आयोजित कीं और मूल्यांकन कार्य भी निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया गया, जिससे रिकॉर्ड समय में परिणाम घोषित किया जा रहा है।  

उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं रिजल्ट 2025: 19 अप्रैल को सुबह 11 बजे होगा जारी, छात्रों में उत्साह का माहौल

देहरादून, 15 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा):उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2025 को 19 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11 बजे घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही लाखों छात्रों और उनके…

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