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काशीपुर , 11 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देशभक्ति और आध्यात्म के अनूठे संगम के साथ, काशीपुर में 'शौर्य सम्मान यात्रा' का भव्य आयोजन किया गया। नगर पंचायत गढ़ीनेगी से हरेश्वर धाम मंदिर (महाराज हरि चैतन्यपुरी आश्रम) के प्रांगण से शुरू हुई इस यात्रा में हजारों की तादाद में भक्तजन उमड़ पड़े, जिन्होंने पूरे माहौल को भक्ति और राष्ट्रप्रेम से सराबोर कर दिया। महिलाएं, युवा और बच्चे सभी उत्साह से भरे इस आयोजन का हिस्सा बने। यात्रा में बैंड-बाजा देशभक्ति की धुनें बिखेर रहा था, वहीं खुली जीप में विराजमान महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया, जिससे वातावरण पूरी तरह भक्तिमय और ऊर्जावान हो गया। गढ़ीनेगी से करनपुर तक गूंजे देशभक्ति के जयकारे: हर कदम पर जलपान की व्यवस्था 'शौर्य सम्मान यात्रा' का शुभारंभ गढ़ीनेगी स्थित हरेश्वर धाम मंदिर से हुआ। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का जमावड़ा शुरू हो गया था, जो इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आतुर थे। जैसे ही यात्रा आगे बढ़ी, हजारों की संख्या में भक्तजन, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, हाथों में तिरंगा झंडा और कलश लिए आगे बढ़ने लगे। बैंड-बाजे की गूंजती धुनें और देशभक्ति के नारे यात्रा में जोश भर रहे थे। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु स्वयं एक खुली जीप में विराजमान थे, जिससे सड़क के दोनों ओर खड़े भक्तजन उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। यह दृश्य अत्यंत मनोहारी और प्रेरणादायक था, जिसने पूरे क्षेत्र में देशभक्ति और आध्यात्मिक उत्साह का संचार कर दिया। गढ़ीनेगी हरेश्वर धाम से शुरू होकर यह यात्रा करनपुर ग्राम स्थित ए.एन.झा इंटर कॉलेज में आकर संपन्न हुई। यात्रा मार्ग में कई भक्तजनों और सामाजिक संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर जलपान की उत्कृष्ट व्यवस्था की थी। भीषण गर्मी के बावजूद, लोगों ने ठंडे शर्बत, कोल्डड्रिंक, स्वच्छ पेयजल, छोले और केले आदि का प्रसाद वितरित किया, जिससे यात्रा में शामिल सभी भक्तों को नई ऊर्जा मिलती रही। राकेश कुमार ढींगरा उर्फ काला, रमन ढींगरा, सुरेश लोहिया, कंचन लोहिया, आकांक्षा ठाकुर, पूजा सुविधा, अभिषेक सुखीजा , युवा शक्ति परिवार, नवल, गुरजीत सिंह, लवकुश प्रजापति, भास्कर तिवारी, रूपेश बाठला , किशोर झाम, चंद्रमोहन सुधा, मुकेश सुधा और पुनीत बाठला आदि ने विशेष रूप से इन जलपान व्यवस्थाओं को संभाला, जिससे यात्रा में शामिल सभी लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु का गुरुद्वारे में भी जाना: भाईचारे का संदेश यात्रा के दौरान एक ऐसा क्षण भी आया जिसने सभी का दिल जीत लिया और सांप्रदायिक सौहार्द का एक मजबूत संदेश दिया। जब यह भव्य शोभायात्रा करनपुर के मिलाप नगर स्थित गुरुद्वारे में पहुंची, तो महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी अपनी जीप से नीचे उतरे। उन्होंने पैदल चलकर गुरुद्वारे में प्रवेश किया और पूरी श्रद्धा के साथ माथा टेका। महाराज जी का गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेकना सिख और हिंदू समुदाय के बीच भाईचारे और एकता का एक सशक्त प्रतीक बन गया, जिसकी सभी ने खुले दिल से सराहना की। यह घटना दर्शाती है कि आध्यात्म किसी एक धर्म या संप्रदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी को जोड़ता है। गुरुद्वारे से निकलने के बाद, महाराज जी ने अपनी पदयात्रा जारी रखी और ए.एन.झा इंटर कॉलेज के मुख्य द्वार तक पैदल पहुंचे। इस दौरान मार्ग में अनेकों लोगों ने फूलों की माला पहनाकर और जयकारे लगाकर उनका भव्य स्वागत किया। यह क्षण भक्तों के लिए विशेष था, क्योंकि उन्हें अपने आराध्य के और करीब आने का अवसर मिला। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी के सानिध्य में ज्ञान की वर्षा: शौर्य सम्मान समारोह का आध्यात्मिक पहलू "शौर्य सम्मान समारोह" को आध्यात्मिक गहराई प्रदान करने के लिए, 11 जून से 12 जून तक , दिव्य प्रवचनों का आयोजन किया जाएगा। ये प्रवचन *श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु * द्वारा दिए जाएंगे। उनके प्रवचनों में आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति की सरिता बहेगी, जो श्रोताओं को आत्मिक शांति और जीवन के उच्च मूल्यों की ओर प्रेरित करेगी। ये प्रवचन न केवल देशभक्ति की भावना को आध्यात्मिकता से जोड़ेंगे, बल्कि उपस्थित लोगों को मानसिक और आत्मिक रूप से भी सशक्त करेंगे। स्वामी जी के प्रवचन जीवन के उद्देश्य, शांति, प्रेम और सेवा के महत्व पर केंद्रित होंगे, जो इस संपूर्ण आयोजन को एक समग्र और सार्थक आयाम प्रदान करेंगे। देशभक्ति के साथ आध्यात्म का यह संगम कार्यक्रम को एक अनूठा और गहरा महत्व प्रदान करेगा। प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति: समाज का समर्थन इस महत्वपूर्ण यात्रा और कार्यक्रम में समाज के कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पहल को अपना समर्थन दिया। इनमें पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी, गुरनाम सिंह, कश्मीर सिंह पन्नू, बलजिंदर संधू, विजय मक्कर, पंकज छाबड़ा और पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। इन सभी की उपस्थिति ने इस 'शौर्य सम्मान यात्रा' के महत्व को और बढ़ाया और यह संदेश दिया कि पूरा समाज सैनिकों के सम्मान और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति एकजुट है। यह आयोजन काशीपुर के लिए एक ऐतिहासिक पल बन गया, जो देशभक्ति

काशीपुर में विशाल ‘शौर्य सम्मान यात्रा’: हरिचैतन्यपुरी के सानिध्य में उमड़ा हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब, महाराज गुरुद्वारे भी गए!

काशीपुर , 11 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देशभक्ति और आध्यात्म के अनूठे संगम के साथ, काशीपुर में ‘शौर्य सम्मान यात्रा’ का भव्य आयोजन किया गया। नगर पंचायत गढ़ीनेगी से हरेश्वर धाम मंदिर (महाराज हरि चैतन्यपुरी आश्रम) के प्रांगण से शुरू हुई इस यात्रा में हजारों की तादाद में भक्तजन उमड़ पड़े, जिन्होंने…

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हरिद्वार, 10 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - (गजराज )आमतौर पर सड़कों पर वाहनों का लंबा जाम खुलवाने का जिम्मा ट्रैफिक पुलिस के जवानों का होता है, लेकिन उत्तराखंड के हरिद्वार में रविवार को एक ऐसा अनोखा और अविस्मरणीय नजारा देखने को मिला, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। यहां वाहनों की लंबी कतारों के बीच से अचानक एक विशालकाय हाथी आ पहुंचा, जिसने मानो स्वयं ही ट्रैफिक को नियंत्रित करने का बीड़ा उठा लिया हो। इस अप्रत्याशित घटना को देखकर लोग स्तब्ध रह गए और तुरंत अपने मोबाइल फोन निकाल कर इस दुर्लभ क्षण को कैमरे में कैद करने लगे। इस पूरी घटना का एक 41 से 49 सेकेंड का वीडियो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है, जिस पर यूजर्स तरह-तरह की मजेदार और विचारोत्तेजक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अचानक गजराज का आगमन: ट्रैफिक पुलिस की जगह हाथी ने दी दस्तक रविवार का यह वीडियो हरिद्वार के एक व्यस्त मार्ग का बताया जा रहा है, जहां दिन के समय वाहनों की आवाजाही सामान्य से अधिक थी और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई थी। लोग अपनी गाड़ियों में फंसे हुए थे और बेसब्री से जाम खुलने का इंतजार कर रहे थे, तभी यह अप्रत्याशित घटना घटी। कहीं से धीमी चाल चलते हुए एक हाथी अचानक वहां आ पहुंचा और वाहनों के बीच से धैर्यपूर्वक गुजरने लगा। हाथी को अपने ठीक सामने या बगल से गुजरते देख वाहन चालक और उनमें बैठे यात्री पहले तो चौंक गए, फिर इस अनोखे दृश्य को अपनी आंखों और मोबाइल के कैमरों में कैद करने लगे। यह एक ऐसा पल था जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, जहां प्रकृति का एक विशाल जीव मानवीय यातायात के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि गाड़ियां एक कतार में खड़ी हैं और गजराज बड़े आराम से उनके बीच से निकल रहे हैं, मानों वह स्वयं एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी हों जो राह बना रहे हों। एक यूजर ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा, "हरिद्वार में जाम लग गया, गजराज जी जाम खुलवाने पहुंच गए।" इस कैप्शन ने वीडियो को और अधिक हास्यपूर्ण बना दिया और इसे तेजी से वायरल होने में मदद मिली। हालांकि, यह भी सच है कि गजराज के लिए भी इतना लंबा जाम खुलवाना आसान नहीं था, क्योंकि वाहनों की संख्या बहुत अधिक थी। फिर भी, इस अद्वितीय दृश्य ने लोगों का खूब मनोरंजन किया और उन्हें कुछ देर के लिए जाम की परेशानी भुला दी। सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं: मनोरंजन, चिंता और कटाक्ष इस वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स की ढेरों और बेहद विविध प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां कुछ लोग इस घटना को सिर्फ एक मनोरंजक वीडियो के रूप में देख रहे हैं और उस पर हल्के-फुल्के कमेंट कर रहे हैं, वहीं कुछ यूजर्स ने इस पर गहरी चिंता और कटाक्ष भी व्यक्त किया है। एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा कि "बताओ अपने घर में जाने में ही कितनी दिक्कत हो रही है।" यह टिप्पणी हाथियों के प्राकृतिक आवासों के सिकुड़ने और उनके रास्तों में मानवीय अतिक्रमण के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं की ओर गंभीर रूप से इशारा करती है। यह सवाल उठाती है कि जब इंसान अपने घर जाने में मुश्किल महसूस करता है, तो वन्यजीवों का क्या हाल होगा, जिनके घर हम उजाड़ रहे हैं। एक अन्य यूजर ने वीडियो में हॉर्न बजा रहे लोगों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा, "पागल लोग हॉर्न बजा रहे हैं। हाथी कॉरिडोर थे ये सब, जिन्हें 4 लेन बना दिया है विकास के नाम पर। सच में उत्तर भारत का कुछ नहीं हो सकता।" यह टिप्पणी विकास परियोजनाओं के नाम पर वन्यजीव गलियारों के अंधाधुंध अतिक्रमण को लेकर गहरी चिंता जाहिर करती है और इसे 'विकास' के नाम पर विनाश करार देती है। यह मुद्दा लंबे समय से पर्यावरणविदों द्वारा उठाया जा रहा है। वहीं, एक अन्य यूजर ने हाथी की स्थिति पर गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए लिखा, "जाम में मुसाफिर तो फंसे ही थे, लेकिन गजराज भी फंस गए और बड़ी मुश्किल से निकले।" यह दिखाता है कि कैसे मानवीय गतिविधियों ने वन्यजीवों के लिए भी रोजमर्रा की जिंदगी में चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। हाथी को भी अपने रास्ते से निकलने के लिए इंसानों द्वारा बनाए गए जाम में फंसना पड़ा, जो वन्यजीवों के लिए लगातार बढ़ती मुश्किलों को उजागर करता है। वन्यजीवों के आवास पर अतिक्रमण की बढ़ती चिंता: एक गंभीर चेतावनी यह घटना केवल एक वायरल वीडियो या एक मनोरंजक क्लिप नहीं है, बल्कि यह वन्यजीवों, विशेषकर हाथियों जैसे बड़े और संवेदनशील जीवों के प्राकृतिक आवासों पर बढ़ते मानवीय अतिक्रमण की एक गंभीर तस्वीर भी पेश करती है। जैसे-जैसे शहरीकरण, औद्योगिक विकास और सड़क परियोजनाओं का विस्तार हो रहा है, हाथियों के सदियों पुराने प्राकृतिक गलियारे बाधित हो रहे हैं। इन गलियारों के कटने या सिकुड़ने के कारण, हाथी अक्सर अनजाने में मानव बस्तियों और व्यस्त सड़कों पर आ जाते हैं। यह न केवल मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ाता है, जिसमें दोनों पक्षों को नुकसान होता है, बल्कि हाथियों के जीवन के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है, क्योंकि वे वाहनों की चपेट में आ सकते हैं या अवैध शिकारियों का निशाना बन सकते हैं। इस तरह की घटनाएं अधिकारियों और आम जनता दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि हमें विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक नाजुक संतुलन बनाने की आवश्यकता है। वन्यजीव गलियारों को सुरक्षित रखना, उनके आवासों का सम्मान करना और सतत विकास मॉडल अपनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि गजराज जैसे वन्यजीव अपने प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से रह सकें। तभी ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं कम होंगी और मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व की संभावना बढ़ेगी। इस वीडियो ने निश्चित रूप से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दे पर बहस छेड़ दी है, जो भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।

हरिद्वार में ‘गजराज’ का ट्रैफिक मैनेजमेंट! जाम खुलवाने पहुंचा हाथी, वायरल वीडियो ने बटोरी सुर्खियां

हरिद्वार, 10 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – (गजराज )आमतौर पर सड़कों पर वाहनों का लंबा जाम खुलवाने का जिम्मा ट्रैफिक पुलिस के जवानों का होता है, लेकिन उत्तराखंड के हरिद्वार में रविवार को एक ऐसा अनोखा और अविस्मरणीय नजारा देखने को मिला, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। यहां वाहनों की लंबी…

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत देहरादून, 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव आया है। पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने और जुलाई में प्रस्तावित चुनावों में देरी के कारण, राज्य सरकार ने पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। अब जिला पंचायतों की कमान जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट संभालेंगे, क्षेत्र पंचायतों का जिम्मा उपजिलाधिकारी देखेंगे, और ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) प्रशासक होंगे। यह निर्णय तब लिया गया है जब वर्ष 2019 में गठित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और नए चुनाव अभी संभव नहीं हो सके हैं। इस बदलाव का सीधा असर प्रदेश की लाखों ग्रामीण जनता पर पड़ेगा। कार्यकाल समाप्ति और चुनाव में देरी: क्यों पड़ी प्रशासकों की जरूरत? उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130 (6) के तहत, वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, शासन ने पूर्व में अधिसूचना संख्या-256316/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 26.11.2024 और अन्य संबंधित अधिसूचनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित जिलाधिकारियों को दिया था। ये प्रशासक कार्यकाल समाप्ति की तिथि से छह महीने तक या नई पंचायतों के गठन तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किए गए थे। हालांकि, इन नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल भी अब समाप्त हो चुका है। ग्राम पंचायतों में 27 मई 2025 को, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई 2025 को, और जिला पंचायतों में 01 जून 2025 को कार्यकाल समाप्त हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि "अति अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण" त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन, प्रशासकों के कार्यकाल समाप्ति की तिथि से पूर्व कराया जाना साध्य नहीं हो सका है। इसी अप्रत्याशित देरी के कारण, अब नई अंतरिम व्यवस्था लागू की गई है। नई प्रशासकीय व्यवस्था: कौन संभालेगा किसकी कमान? वर्तमान की "अपरिहार्य परिस्थिति" को देखते हुए, प्रदेश में जुलाई 2025 में प्रस्तावित आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (हरिद्वार को छोड़कर) प्रक्रिया संपन्न होने तक या नवीन पंचायतों के गठन तक, अथवा 31 जुलाई 2025 (जो भी पहले हो) तक, कार्यहित, जनहित और पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नए अधिकारियों को प्रशासक के रूप में अधिकृत किया गया है। यह निर्णय प्रमोद कुमार बिजलवान, समीक्षा अधिकारी, पंचायती राज विभाग द्वारा 09/06/2025 को जारी अधिसूचना (संख्या: 305002 जैनराज बिंदु-1 /XII(1)/2025/86(15)/2013/ई-68985) में विस्तृत रूप से बताया गया है। नई व्यवस्था के तहत, निम्नवत् अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है: जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को जिला पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह दिखाता है कि जिला स्तर पर शासन ने सबसे उच्च अधिकारी पर भरोसा जताया है ताकि विकास कार्य और प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपनी क्षेत्राधिकारिता में) क्षेत्र पंचायतों का कार्यभार संभालेंगे। उपजिलाधिकारी की नियुक्ति से ब्लॉक स्तर पर प्रभावी निगरानी और निर्णय लेने की क्षमता बनी रहेगी। ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह पद ग्रामीण स्तर पर सीधे जनता से जुड़ा होता है और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने और नई निर्वाचित पंचायतों के गठन तक ग्रामीण विकास कार्य और जन सेवाएं बाधित न हों। पुरानी शर्तों का यथावत् रहना और आगे की राह अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी प्रस्तर-1 में उल्लिखित पूर्व निर्गत अधिसूचनाओं में निहित शेष शर्ते यथावत रहेंगी। इसका अर्थ है कि प्रशासकों के अधिकार और जिम्मेदारियां पूर्व में निर्धारित नियमों के अनुरूप ही होंगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के सुचारू संचालन की आवश्यकता है। हरिद्वार जिले को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, संभवतः वहां की चुनावी या प्रशासनिक स्थिति अलग होने के कारण। अब सभी की निगाहें जुलाई 2025 में होने वाले प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर टिकी हैं, जो नई निर्वाचित पंचायतों को सत्ता में लाएंगे और ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से स्थापित करेंगे। इस बीच, नए प्रशासक जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और विकास कार्यों को गति देने की चुनौती का सामना करेंगे।

उत्तराखंड में ‘प्रशासक राज’ का नया दौर: पंचायतों में बड़े बदलाव, अब ये अधिकारी संभालेंगे कमान! जानिए पूरी खबर

देहरादून, 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव आया है। पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने और जुलाई में प्रस्तावित चुनावों में देरी के कारण, राज्य सरकार ने पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी…

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देशभक्ति की प्रचंड भावना और गहन आध्यात्मिक ऊर्जा का एक अनूठा संगम काशीपुर में होने जा रहा है। आगामी 11 और 12 जून 2025 को ए.एन.झा इंटर कॉलेज, करनपुर में एक भव्य "शौर्य सम्मान समारोह" का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम राष्ट्रप्रेम, सैन्य सम्मान और आध्यात्मिक जागरूकता के प्रचार-प्रसार का एक सशक्त माध्यम बनेगा, जिसमें स्थानीय नागरिकों, युवाओं और महिलाओं की व्यापक भागीदारी की उम्मीद है। यह आयोजन न केवल हमारे वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा, बल्कि समाज में देशभक्ति और आध्यात्मिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करेगा। 11 जून 2025: तिरंगा यात्रा व कलश यात्रा - देशभक्ति का उद्घोष "शौर्य सम्मान समारोह" का आगाज 11 जून 2025 को एक भव्य तिरंगा यात्रा और कलश यात्रा के साथ होगा। यह यात्रा प्रातः 7 बजे श्री हरिकृपा धाम आश्रम, गढ़ीनेगी से शुरू होकर ए.एन.झा इंटर कॉलेज, करनपुर तक निकाली जाएगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य देशभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुंचाना और देश के गौरवशाली इतिहास तथा वीर सपूतों के बलिदान को याद करना है। इस यात्रा में महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु सहित आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में देशभक्त नागरिक, युवाओं और महिलाओं की सहभागिता अपेक्षित है। तिरंगे झंडों और कलशों के साथ निकलने वाली यह यात्रा निश्चित रूप से एक प्रेरणादायक और भावुक कर देने वाला दृश्य होगा। यह यात्रा न केवल क्षेत्र में देशभक्ति का माहौल बनाएगी, बल्कि आगामी मुख्य समारोह के लिए भी एक मजबूत नींव रखेगी, जिससे यह संदेश जाएगा कि समाज अपने सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। 12 जून 2025: शौर्य सम्मान समारोह - वीर सैनिकों को राष्ट्र का नमन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण, "शौर्य सम्मान समारोह", 12 जून 2025 को आयोजित किया जाएगा। प्रातः 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलने वाले इस समारोह में देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों का सम्मान किया जाएगा। यह हमारे उन जांबाज जवानों को श्रद्धांजलि देने और उनके सर्वोच्च बलिदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक मंच होगा, जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी या निस्वार्थ भाव से सेवा की। इस समारोह में सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों, वीर नारियों, और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति अपेक्षित है, जो अपने अनुभवों से युवाओं को प्रेरणा देंगे। सैनिक सम्मान समारोह के बाद, दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। यह भंडारा न केवल भोजन प्रदान करेगा, बल्कि सभी उपस्थित लोगों के बीच सद्भाव और एकता की भावना को भी बढ़ावा देगा, जिससे यह आयोजन एक सामूहिक पर्व का रूप ले सके। महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी के सानिध्य में ज्ञान की वर्षा: शौर्य सम्मान समारोह का आध्यात्मिक पहलू "शौर्य सम्मान समारोह" को आध्यात्मिक गहराई प्रदान करने के लिए, 9 से 11 जून तक, हर संध्या 3 बजे से 5 बजे तक विशेष दिव्य प्रवचनों का आयोजन किया जाएगा। ये प्रवचन श्री हरिकृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु जी द्वारा दिए जाएंगे। उनके प्रवचनों में आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति की सरिता बहेगी, जो श्रोताओं को आत्मिक शांति और जीवन के उच्च मूल्यों की ओर प्रेरित करेगी। ये प्रवचन न केवल देशभक्ति की भावना को आध्यात्मिकता से जोड़ेंगे, बल्कि उपस्थित लोगों को मानसिक और आत्मिक रूप से भी सशक्त करेंगे। स्वामी जी के प्रवचन जीवन के उद्देश्य, शांति, प्रेम और सेवा के महत्व पर केंद्रित होंगे, जो इस संपूर्ण आयोजन को एक समग्र और सार्थक आयाम प्रदान करेंगे। देशभक्ति के साथ आध्यात्म का यह संगम कार्यक्रम को एक अनूठा और गहरा महत्व प्रदान करेगा। कार्यक्रम स्थल और आयोजक का संदेश यह भव्य कार्यक्रम ए.एन.झा इंटर कॉलेज, करनपुर, काशीपुर (उधम सिंह नगर), उत्तराखंड में आयोजित किया जा रहा है। यह स्थल सभी के लिए सुविधाजनक होगा और बड़ी संख्या में लोगों को समायोजित करने में सक्षम होगा। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को "राष्ट्रप्रेम, सैन्य सम्मान और आध्यात्मिक जागरूकता का अनूठा संगम" बताया है। उनका लक्ष्य है कि यह समारोह केवल एक आयोजन बनकर न रह जाए, बल्कि यह समाज में देशभक्ति की भावना को जागृत करे, सैनिकों के प्रति सम्मान को बढ़ाए और लोगों को आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध करे। ऐसे आयोजन हमारे समाज के ताने-बाने को मजबूत करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा दिखाते हैं।

महाराज श्री हरि चैतन्य महाप्रभु के सानिध्य में काशीपुर के ग्राम करनपुर में देशभक्ति और आध्यात्म का अनूठा संगम: 11 जून को तिरंगा यात्रा, 12 जून को सैनिकों का सम्मान!

काशीपुर , 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) देशभक्ति और आध्यात्म की प्रचंड भावना और गहन आध्यात्मिक ऊर्जा का एक अनूठा संगम काशीपुर में होने जा रहा है। आगामी 11 और 12 जून 2025 को ए.एन.झा इंटर कॉलेज, करनपुर में एक भव्य “शौर्य सम्मान समारोह” का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिवसीय…

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देहरादून, 07 जून, 2025 (समय बोल रहा) - उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण ऐलान किया है। अब राज्य में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई, 2025 तक बिल्कुल निशुल्क होगा। यह आदेश शासन की ओर से शुक्रवार को ही जारी कर दिए गए हैं, जिससे नागरिकों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तय तारीख के बाद विवाह पंजीकरण के लिए शुल्क तो लगेगा ही, बल्कि कुछ मामलों में जुर्माना भी देना पड़ सकता है। यह कदम विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को गति देने और अधिक से अधिक लोगों को समय रहते पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करने हेतु उठाया गया है। निशुल्क पंजीकरण की अवधि और उसके बाद का शुल्क उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने और नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए विवाह पंजीकरण शुल्क को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। यह निलंबन 26 जुलाई, 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि के दौरान, जो भी विवाह यूसीसी के तहत पंजीकृत होते हैं, उनका पंजीकरण पूर्णतः निशुल्क होगा। रुड़की नगर निगम के नगर आयुक्त राकेश चंद तिवारी ने इस संबंध में पुष्टि करते हुए बताया कि यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण का शुल्क अब 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अवधि के बीच जो भी विवाह पंजीकरण करता है, उसका यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण निशुल्क होगा। हालांकि, यदि कोई नागरिक यह पंजीकरण किसी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) सेंटर के माध्यम से कराता है, तो उसे केवल सीएससी सेंटर को उनकी सेवा के लिए 50 रुपये का शुल्क देना होगा। यह शुल्क सरकारी पंजीकरण शुल्क से अलग है और सीएससी की सेवाओं के लिए देय होगा। 26 जुलाई के बाद नियम और जुर्माना: किसको देना होगा शुल्क और किसको जुर्माना? शासन की ओर से जारी निर्देशों में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 26 जुलाई, 2025 के बाद यदि कोई विवाह यूसीसी के तहत पंजीकृत किया जाता है, तो उस पर शुल्क के साथ-साथ जुर्माना भी लगेगा। यह नियम विशेष रूप से उन विवाहों पर लागू होगा जो 26 मार्च, 2010 के पश्चात संपन्न हुए हैं और जिनका पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है। मूल रूप से, समान नागरिक संहिता 27 जनवरी, 2025 को लागू की गई थी, जिसके तहत सभी विवाहित लोगों को अनिवार्य रूप से यूसीसी के अंतर्गत अपने विवाह का पंजीकरण करना था। पंजीकरण के लिए पहले 250 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया था। अब, 26 जुलाई के बाद यह 250 रुपये का शुल्क फिर से लागू हो जाएगा, और यदि विवाह 26 मार्च, 2010 के बाद हुआ है और उसका पंजीकरण तय समय सीमा में नहीं कराया गया है, तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह दंड उन लोगों के लिए है जिन्होंने पहले अनिवार्य पंजीकरण का पालन नहीं किया या अब समय सीमा के भीतर निशुल्क पंजीकरण का लाभ नहीं उठा रहे हैं। पूर्व में पंजीकृत विवाहों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्देश यह महत्वपूर्ण है कि यह आदेश केवल नए विवाहों के लिए ही नहीं है, बल्कि उन नागरिकों के लिए भी है जिन्होंने अपने विवाह को पहले ही किसी अन्य कानून के तहत पंजीकृत करवा लिया है। वे नागरिक जिन्होंने अपने विवाह को पहले ही उत्तराखंड विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2010 या किसी अन्य वैयक्तिक कानून (Personal Law) के अंतर्गत पंजीकृत करवा लिया है, उन्हें भी इस पंजीकरण की जानकारी अथवा 'एक्नॉलेजमेंट' (acknowledgment) समान नागरिक संहिता पोर्टल पर देना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया केवल सूचनात्मक है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी विवाहों का विवरण यूसीसी के केंद्रीय डेटाबेस में उपलब्ध हो। यह एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि यूसीसी के तहत सभी विवाहों का एक एकीकृत रिकॉर्ड बन सके और भविष्य में किसी भी तरह की विसंगति या कानूनी उलझन से बचा जा सके। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इस जानकारी को यूसीसी पोर्टल पर अवश्य अपडेट करें। पंजीकरण की स्थिति और सरकार की अपील राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक समान नागरिक संहिता के तहत 1 लाख 90 हजार से अधिक विवाहों का सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीकरण किया जा चुका है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नागरिक इस नए कानून के प्रति जागरूक हैं और इसका पालन कर रहे हैं। राज्य सरकार नागरिकों से अपील करती है कि वे इस निशुल्क पंजीकरण की समय सीमा का अधिकतम लाभ उठाएं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि नागरिक 26 जुलाई तक का इंतजार न करें और जल्द से जल्द इस सुविधा का उपयोग करते हुए यूसीसी के अंतर्गत अपने विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करें। यह न केवल उन्हें शुल्क और जुर्माने से बचाएगा, बल्कि यूसीसी के सुचारु क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे सभी के लिए समानता और एकरूपता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ेगा।

उत्तराखंड UCC विवाह पंजीकरण: 26 जुलाई तक ‘फ्री’ रजिस्ट्रेशन, फिर लगेगा शुल्क और जुर्माना भी; तुरंत जानें पूरी प्रक्रिया!

देहरादून, 07 जून, 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण ऐलान किया है। अब राज्य में विवाह पंजीकरण 26 जुलाई, 2025 तक बिल्कुल निशुल्क होगा। यह आदेश शासन की ओर से शुक्रवार को ही जारी कर दिए गए हैं, जिससे…

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देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में हूटर बजाने की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। इन बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने के लिए, उत्तराखंड पुलिस ने अब कड़ा रुख अपनाया है। रेंज कार्यालय से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत ऐसे अनुशासनहीन पर्यटकों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का यह कदम राज्य की शांति व्यवस्था और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पर्यटन सीजन में अनुशासनहीनता: बढ़ती शिकायतें और वायरल वीडियो उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के कारण देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। वर्तमान में, पर्यटन सीजन चरम पर है, और गढ़वाल मंडल के चारों धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) से लेकर प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे देहरादून, मसूरी, धनोल्टी, चकराता, टिहरी, हर्षिल और अन्य स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए तो सुखद है, लेकिन इसी के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आ रही हैं। हाल के दिनों में, गढ़वाल के अलग-अलग जिलों से पर्यटकों के उत्पात मचाने, सार्वजनिक स्थानों पर मारपीट करने, और वाहनों से खतरनाक स्टंटबाजी करने की कई शिकायतें मिली हैं। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए हैं, जिससे राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ये वीडियो न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं, बल्कि अन्य पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए भी असहजता और भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करने को मजबूर हुआ है। पुलिस का 'जीरो टॉलरेंस' अभियान: हुड़दंगियों पर होगी कड़ी कार्रवाई इन बढ़ती शिकायतों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखते हुए, रेंज कार्यालय ने अब 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाने का फैसला किया है। इसके तहत, एक विशेष अभियान शुरू किया गया है जिसका सीधा उद्देश्य उन पर्यटकों पर शिकंजा कसना है जो उत्तराखंड आकर कानून का उल्लंघन करते हैं और सार्वजनिक शांति भंग करते हैं। पुलिस अब सड़कों पर खुलेआम शराब पीने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने, तेज संगीत बजाकर शोरगुल करने, और विशेष रूप से अनधिकृत रूप से कारों में हूटर या सायरन बजाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। पुलिस स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि पर्यटन का अर्थ अनुशासनहीनता या अराजकता नहीं है। राज्य में सभी का स्वागत है, लेकिन कानून का सम्मान करना अनिवार्य है। इस अभियान में उन व्यक्तियों को भी लक्ष्य किया जाएगा जो खतरनाक ड्राइविंग या स्टंटबाजी करके अपनी और दूसरों की जान खतरे में डालते हैं। अभियान के तहत गिरफ्तारी और कानूनी प्रावधान इस विशेष अभियान के दौरान, पुलिस टीम सादे कपड़ों में और यूनिफॉर्म में विभिन्न पर्यटक स्थलों और प्रमुख मार्गों पर तैनात रहेंगी। सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय लोगों से मिली सूचनाओं के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी। जो भी पर्यटक इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) और मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करेगी। शराब पीकर हंगामा करने पर आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ आबकारी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। अनधिकृत रूप से हूटर या सायरन बजाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना और अन्य दंड का प्रावधान है। स्टंटबाजी या रैश ड्राइविंग के मामलों में न केवल भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है और गंभीर मामलों में कारावास की सजा भी हो सकती है। पुलिस का लक्ष्य इन सख्त कार्रवाइयों के माध्यम से एक मिसाल कायम करना है ताकि अन्य लोग ऐसी गलतियां करने से पहले सौ बार सोचें। स्थानीय निवासियों और अन्य पर्यटकों को मिलेगी राहत पुलिस के इस विशेष अभियान से स्थानीय निवासियों और अन्य शांतिप्रिय पर्यटकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हुड़दंग और उत्पात मचाने वाले तत्वों के कारण अक्सर स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और शांत वातावरण भंग होता है। इसके अलावा, जो पर्यटक शांति और प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, उन्हें भी ऐसे अप्रिय व्यवहार के कारण असुविधा होती है। पुलिस के इस कदम से पर्यटन का वास्तविक अनुभव बेहतर होगा, और राज्य की छवि एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में मजबूत होगी। यह अभियान न केवल कानून का राज स्थापित करेगा, बल्कि पर्यटन के लिए एक अधिक सम्मानजनक और सुखद वातावरण भी बनाएगा, जिससे उत्तराखंड अपनी देवभूमि की पहचान को बरकरार रख सके। पुलिस ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे राज्य के कानूनों का पालन करें और अपनी यात्रा को शांतिपूर्ण और सुखद बनाएं।

उत्तराखंड में हुड़दंगियों की खैर नहीं! सड़कों पर शराब पीकर उत्पात मचाने और हूटर बजाने वालों पर पुलिस सख्त, विशेष अभियान शुरू

देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में…

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काशीपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - काशीपुर पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए एक और सफलता हासिल की है। बुधवार देर रात गश्त पर निकली कोतवाली पुलिस टीम ने एक संदिग्ध युवक को 315 बोर के तमंचे के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कुलवंत सिंह उर्फ काली के रूप में हुई है, जिसने पुलिस पूछताछ में तमंचा रखने का अजीबोगरीब बहाना बताया कि वह जंगल में लकड़ियां काटने जाता है, इसलिए उसने अपनी सुरक्षा के लिए तमंचा रखा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है, जो अवैध हथियार रखने पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करता है। देर रात की गश्त और संदिग्ध की धरपकड़: पुलिया के पास हुई गिरफ्तारी यह घटना बुधवार की देर रात की है, जब हल्का नंबर एक चौकी में तैनात उप-निरीक्षक (एसआई) देवेंद्र सिंह सामंत अपनी टीम के साथ क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। पुलिस टीम का उद्देश्य क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखना था। अपनी गश्त के दौरान, जब टीम मालधन नंबर 7 से पहले पड़ने वाली पुलिया के पास पहुंची, तो उनकी नज़र एक संदिग्ध युवक पर पड़ी। युवक की हरकतें सामान्य नहीं लग रही थीं और पुलिस को उस पर शक हुआ। तत्काल कार्रवाई करते हुए, एसआई देवेंद्र सिंह सामंत की टीम ने उस युवक को घेर लिया और उसे दबोच लिया। पुलिस ने युवक से पूछताछ की और उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान, पुलिस के हाथ एक महत्वपूर्ण सफलता लगी। युवक के कब्जे से एक .315 बोर का तमंचा बरामद हुआ। यह एक खतरनाक हथियार है, जिसका इस्तेमाल गंभीर अपराधों में हो सकता है। तमंचा मिलते ही पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया और आगे की पूछताछ शुरू की। आरोपी की पहचान और चौंकाने वाला बहाना: "लकड़ी काटने के लिए रखा था तमंचा" पुलिस पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपी ने अपनी पहचान 50 वर्षीय कुलवंत सिंह उर्फ काली पुत्र चरण सिंह के रूप में बताई, जो दुर्गापुर, थाना कुंडा का निवासी है। कुंडा थाना क्षेत्र भी उत्तराखंड से सटा हुआ है, जो अक्सर अपराधियों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में भागने का रास्ता बन जाता है। जब पुलिस ने कुलवंत सिंह उर्फ काली से तमंचा रखने का कारण पूछा, तो उसने एक चौंकाने वाला और अविश्वसनीय बहाना बताया। उसने कहा कि वह जंगल में लकड़ियां काटने जाता है, और अपनी सुरक्षा के लिए उसने यह तमंचा रखा था। यह दलील आमतौर पर अवैध हथियार रखने वाले अपराधी देते हैं ताकि वे अपने कृत्य को वैध ठहरा सकें। हालांकि, कानून के तहत, हथियार रखने के लिए लाइसेंस आवश्यक होता है, और बिना लाइसेंस के तमंचा रखना एक गंभीर अपराध है। पुलिस इस बहाने को स्वीकार करने वाली नहीं थी और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में कानून के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी कि क्या कुलवंत सिंह का कोई आपराधिक इतिहास है या उसका संबंध किसी आपराधिक गिरोह से है। आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज: कानून का शिकंजा पुलिस ने कुलवंत सिंह उर्फ काली के खिलाफ आर्म्स एक्ट (Arms Act) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। आर्म्स एक्ट भारत में अवैध हथियार रखने, बनाने या बेचने पर रोक लगाता है और इन अपराधों के लिए सख्त दंड का प्रावधान करता है। .315 बोर का तमंचा जैसे हथियार रखना, बिना लाइसेंस के, एक गैर-जमानती अपराध है और इसमें कारावास की सजा हो सकती है। मुकदमा दर्ज होने के बाद, आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कुलवंत सिंह यह तमंचा कहां से लाया था और क्या वह किसी बड़े हथियार तस्करी रैकेट का हिस्सा है। इस गिरफ्तारी से अवैध हथियारों के नेटवर्क पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है और शहर में अपराधों को रोकने में भी सहायता मिलेगी। पुलिस टीम की मुस्तैदी: शहर की सुरक्षा का जिम्मा इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में एसआई देवेंद्र सिंह सामंत के साथ अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। उनकी सक्रिय गश्त और संदिग्धों पर नज़र रखने की क्षमता ने ही इस गिरफ्तारी को संभव बनाया। यह पुलिस टीम की मुस्तैदी और उनकी कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है, जो शहर में अवैध गतिविधियों को रोकने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। पुलिस का यह अभियान अवैध हथियारों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अपराधों को जन्म देते हैं और समाज में भय का माहौल बनाते हैं। ऐसे अभियानों से अपराधियों में पुलिस का खौफ बढ़ता है और आम जनता में सुरक्षा का भाव पैदा होता है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे अपराधि

काशीपुर में आर्म्स एक्ट का खुलासा: गश्त के दौरान 315 बोर के तमंचे के साथ युवक गिरफ्तार, जंगल में लकड़ी काटने का दिया बहाना

काशीपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – काशीपुर पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए एक और सफलता हासिल की है। बुधवार देर रात गश्त पर निकली कोतवाली पुलिस टीम ने एक संदिग्ध युवक को 315 बोर के तमंचे के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कुलवंत सिंह…

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काशीपुर 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर, पूज्य महंत योगी आदित्यनाथ महाराज के 54वें जन्मदिवस के पावन अवसर पर एक अत्यंत भक्तिमय और उत्साहपूर्ण माहौल देखने को मिला। चैती चौराहा स्थित प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर का परिसर सुबह से ही श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं से गुलजार था। इस विशेष दिन को मनाने के लिए एक भव्य हवन-पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हवन के दौरान गूंजते मंत्रों और जय श्री राम के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय ऊर्जा से ओत-प्रोत हो गया, और सभी ने एक स्वर में योगी जी की दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। यह आयोजन न केवल एक जन्मदिन का समारोह था, बल्कि योगी जी के प्रति जनभावना और उनके समर्थकों की एकजुटता का भी प्रतीक बन गया। चैती चौराहा पर भक्ति का संगम: हवन-पूजन और विशाल भंडारा योगी आदित्यनाथ के जन्मदिवस को एक अविस्मरणीय अवसर बनाने के लिए, चैती चौराहा स्थित प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था। सुबह से ही मंदिर परिसर में चहल-पहल शुरू हो गई थी, और लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए दूर-दूर से पहुंचने लगे थे। अनुभवी पंडितों ने विधि-विधान से हवन-पूजन का कार्य संपन्न कराया। इस पवित्र अनुष्ठान के दौरान, वैदिक मंत्रों का उच्चारण और अग्नि में समर्पित की जा रही आहुतियां वातावरण को शुद्ध और आध्यात्मिक बना रही थीं। बड़ी संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं ने पूर्ण भक्तिभाव से हवन में भाग लिया, और उनकी आंखों में योगी जी के प्रति असीम श्रद्धा और सम्मान साफ झलक रहा था। हवन-पूजन की समाप्ति के बाद, इसी पावन अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जो इस आयोजन की व्यापकता और सफल प्रबंधन को दर्शाती हैं। भंडारे में क्षेत्रीय स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने एक साथ प्रसाद ग्रहण किया और योगी के नेतृत्व में देश की एकता, अखंडता और निरंतर उन्नति की कामना की। यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा था, बल्कि इसने सामाजिक समरसता और एकजुटता का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। नेतृत्व की सराहना: योगी जी को बताया 'दृढ़, निष्ठावान व राष्ट्रभक्त नेता' इस भव्य आयोजन में कई प्रमुख कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपस्थिति दर्ज की गई, जिन्होंने अपने विचारों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सचिव महेश लोधी और जेपी सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। इनके अतिरिक्त, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और योगी जी के कार्यों की सराहना की। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं जैसे रवि साहनी, सतपाल , संजय , राजवीर , धर्मवीर पासी, हौसला मिश्रा, और आकांक्षा ठाकुर सहित अन्य कई कार्यकर्ताओं ने भी इस अवसर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। इन सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंच से और आपस में बातचीत के दौरान, एक स्वर में पूज्य योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की जमकर सराहना की। उन्होंने योगी जी को एक दृढ़, निष्ठावान और राष्ट्रभक्त नेता बताते हुए उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों और जनहितैषी फैसलों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि योगी जी ने जिस तरह से शासन-प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित की है, वह प्रशंसनीय है। सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से योगी के दीर्घायु जीवन की प्रार्थना की। उन्होंने कामना की कि योगी इसी प्रकार ऊर्जावान होकर देश और समाज की सेवा करते रहें और उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सहित पूरा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहे। यह आयोजन केवल एक जन्मदिन का जश्न नहीं था, बल्कि योगी के समर्थकों के बीच व्याप्त अटूट विश्वास और उत्साह का भी प्रतीक था, जिन्होंने अपने लोकप्रिय नेता के सम्मान में यह भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर सभी ने एक दूसरे को बधाई दी और भविष्य में भी योगी के

सीएम योगी के 54वें जन्मदिन पर गूंजे मंत्र: चैती चौराहा पर भव्य हवन-भंडारा, कार्यकर्ताओं ने की दीर्घायु की कामना!

काशीपुर 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर, पूज्य महंत योगी आदित्यनाथ महाराज के 54वें जन्मदिवस के पावन अवसर पर एक अत्यंत भक्तिमय और उत्साहपूर्ण माहौल देखने को मिला। चैती चौराहा स्थित प्राचीन शिव मंदिर और हनुमान मंदिर का परिसर सुबह से ही श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं से गुलजार…

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रुद्रपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण का एक बड़ा संदेश दिया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल फलदार पौधे लगाए, बल्कि जनता को पर्यावरण बचाने और मतदान करने की दोहरी शपथ भी दिलाई। यह पहल आगामी हरेला पर्व और वर्षाकाल तक चलने वाले वृहद पौधारोपण अभियान की शुरुआत है, जिसमें जनभागीदारी पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह आयोजन पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों ने किया पौधारोपण: पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया स्वयं अग्रिम पंक्ति में रहे। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पाण्डेय और मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत सहित अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर जिला कार्यालय परिसर और एवीएम वेयर हाउस में फलदार पौधों का रोपण किया। यह प्रतीकात्मक पहल अधिकारियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने का एक तरीका था। पौधारोपण के बाद, जिलाधिकारी ने सभी को पर्यावरण दिवस की बधाई दी और प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "पौधे हमें शुद्ध हवा और पानी देते हैं, और पर्यावरण तथा जल संरक्षण के लिए भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, हम सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए और लगाए गए पौधों का संरक्षण भी सुनिश्चित करना चाहिए।" उनका यह संदेश केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पौधों की देखभाल और उनके दीर्घकालिक पोषण पर भी जोर दिया। वृहद पौधारोपण अभियान: ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक जनभागीदारी जिलाधिकारी ने घोषणा की कि हरेला पर्व और आगामी वर्षाकाल में जनपद में एक वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि तक चलेगा, जिसका उद्देश्य रुद्रपुर को हरा-भरा बनाना है। इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि यह ग्राम पंचायत स्तर से लेकर न्याय पंचायत, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर तक चलाया जाएगा, जिससे हर नागरिक इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। इस महा-अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों, स्कूली बच्चों के साथ ही व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि यह केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि एक जन आंदोलन का रूप लेगा, जिसमें हर कोई पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में अपना योगदान देगा। सामूहिक प्रयासों से ही हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। दोहरी शपथ और पुरस्कार वितरण: पर्यावरण और निर्वाचन जागरूकता विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी लोगों को पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने की महत्वपूर्ण शपथ दिलाई। यह शपथ लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का एहसास दिलाने और उन्हें अपनी दैनिक आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने हेतु थी। इसके साथ ही, स्वीप कार्यक्रम (Systematic Voters' Education and Electoral Participation) के अंतर्गत, जिलाधिकारी ने सभी को निर्वाचनों में मतदान करने की भी शपथ दिलाई। यह पहल पर्यावरण जागरूकता के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित करती है। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों में आयोजित निबंध, चित्रकला, और भाषण प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया, जिससे युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और रचनात्मकता को बढ़ावा मिला। इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष मतदाताओं को भी सम्मानित किया गया। वृद्ध मतदाता सेहरू निशा, संजीदा, और शीला देवी, दिव्यांग मतदाता अरविंद चौधरी और अनिल मालाकार, तथा युवा मतदाता हीना, हसन, और सैफअली को जूट के बैग देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके महत्व को दर्शाता है, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरणा देता है। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति: एक सामूहिक प्रयास इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी मौजूद थे, जो इस पहल की गंभीरता और सामूहिक प्रयास को दर्शाते हैं। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा, अधिशासी अभियंता सिंचाई बीएस डांगी, जिला पंचायत राज अधिकारी महेश कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राजेंद्र सिंह अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, अर्जुन पुरस्कार विजेता/स्वीप आइकॉन मनोज सरकार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी सहित कलेक्ट्रेट के सभी स्टाफ और विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे। इन सभी की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के

रुद्रपुर में पर्यावरण दिवस पर ‘हरी क्रांति’ का आगाज: DM ने रोपे पौधे, दिलाई दोहरी शपथ; अब हरेला पर्व तक चलेगा महा-अभियान!

रुद्रपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रुद्रपुर में पर्यावरण संरक्षण का एक बड़ा संदेश दिया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल फलदार पौधे लगाए, बल्कि जनता को पर्यावरण बचाने और मतदान करने की दोहरी शपथ भी दिलाई। यह पहल…

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जसपुर, 5 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - जसपुर के प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं! बहुप्रतीक्षित चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को शुरू होने जा रही है, जिसने स्थानीय व्यापारियों के बीच खासा उत्साह पैदा कर दिया है। यह चुनाव अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए होगा, जो जसपुर के व्यापारिक हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस बार 2250 व्यापारी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिससे यह चुनाव काफी दिलचस्प और परिणाम अनिश्चित होने वाला है। व्यापारियों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि कौन सा नेतृत्व उनके हितों का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व कर पाएगा और बाजार की चुनौतियों का सामना कैसे करेगा। नामांकन प्रक्रिया का आगाज: गुरुवार को खुलेगा चुनावी रण प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के चुनाव अधिकारी राजाराम राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि नामांकन प्रक्रिया गुरुवार (आज) को कोतवाली के सामने स्थित धर्मशाला में सुबह दस बजे से शुरू हो जाएगी। यह व्यापारियों के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को आगे लाने और चुनावी मैदान में उतरने का पहला आधिकारिक कदम होगा। नामांकन दाखिल करने के बाद, दाखिल किए गए सभी नामांकनों की बारीकी से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी उम्मीदवार निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं। यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए आवश्यक है। नामांकन प्रक्रिया के बाद, चुनाव अधिकारी द्वारा मतदान की तिथि भी घोषित की गई है। मतदान 16 जून को होगा, जब जसपुर के 2250 व्यापारी अपने मताधिकार का प्रयोग कर नए नेतृत्व का चुनाव करेंगे। यह संख्या स्वयं में बताती है कि यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है और इसमें कितनी बड़ी संख्या में व्यापारियों की भागीदारी होने वाली है। चुनाव की यह घोषणा व्यापार मंडल के सदस्यों में एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है, क्योंकि अब वे अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने और उन्हें जिताने के लिए सक्रिय होंगे। प्रमुख पदों पर कांटे की टक्कर: दिग्गजों ने ठोकी ताल इस बार के चुनाव में कई प्रमुख चेहरों ने अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे मुकाबला काफी रोमांचक होने की उम्मीद है। अध्यक्ष पद: अध्यक्ष पद के लिए रेडक्रास सोसाइटी के अध्यक्ष हरिओम सिंह मैदान में हैं। हरिओम सिंह का सामाजिक क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम है, और उनकी उम्मीदवारी व्यापार मंडल के लिए एक नए दृष्टिकोण का संकेत देती है। अध्यक्ष पद व्यापार मंडल का सर्वोच्च पद होता है, जो पूरे व्यापारिक समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। महामंत्री पद: महामंत्री पद के लिए दो मजबूत उम्मीदवार मैदान में हैं: पूर्व महामंत्री महफूज मंसूरी और विमल अग्रवाल। महफूज मंसूरी का पिछला कार्यकाल उन्हें अनुभव का लाभ देगा, जबकि विमल अग्रवाल नई ऊर्जा और विचारों के साथ चुनौती पेश करेंगे। महामंत्री का पद संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो दिन-प्रतिदिन के कार्यों और सदस्यों के साथ समन्वय का कार्यभार संभालता है। कोषाध्यक्ष पद: हालांकि कोषाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह पद भी महत्वपूर्ण है। कोषाध्यक्ष व्यापार मंडल के वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता है, जो किसी भी संगठन के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। इन प्रमुख पदों पर हो रही यह टक्कर जसपुर के व्यापारिक समुदाय के बीच गहन चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई अपने पसंदीदा उम्मीदवार की जीत की उम्मीद कर रहा है। व्यापार मंडल का महत्व: व्यापारियों की आवाज प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल जसपुर के व्यापारियों की सामूहिक आवाज है। यह व्यापारियों के हितों की रक्षा करने, उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने और उनके समाधान के लिए काम करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, जब व्यापारियों को जीएसटी, ऑनलाइन व्यापार और स्थानीय चुनौतियों जैसी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तब एक मजबूत और प्रभावी व्यापार मंडल का होना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। यह चुनाव व्यापारियों को यह मौका देगा कि वे ऐसे नेतृत्व का चुनाव करें जो उनकी समस्याओं को समझता हो और उनके लिए प्रभावी ढंग से संघर्ष कर सके। अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष जैसे पद केवल औपचारिक नहीं होते, बल्कि ये ऐसे पद हैं जो सीधे तौर पर व्यापारिक समुदाय के कल्याण और समृद्धि को प्रभावित करते हैं। पारदर्शिता और निष्पक्षता: चुनाव अधिकारी की भूमिका चुनाव अधिकारी राजाराम राजपूत ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। नामांकन की जांच से लेकर मतदान और मतगणना तक, सभी प्रक्रियाओं को निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार पूरा किया जाएगा। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि चुनाव प्रक्रिया पर किसी भी प्रकार का संदेह न हो, ताकि परिणाम सभी पक्षों को स्वीकार्य हों और व्यापार मंडल की गरिमा बनी रहे। जसपुर के व्यापारी अब उत्सुकता से नामांकन प्रक्रिया के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद चुनावी प्रचार और बहस का दौर शुरू होगा। 16 जून का दिन जसपुर के व्यापारिक भविष्य के लिए एक म

जसपुर व्यापार मंडल में महासंग्राम: गुरुवार को नामांकन, 2250 व्यापारी डालेंगे वोट; अध्यक्ष-महामंत्री पद पर कांटे की टक्कर!

जसपुर, 5 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – जसपुर के प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं! बहुप्रतीक्षित चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को शुरू होने जा रही है, जिसने स्थानीय व्यापारियों के बीच खासा उत्साह पैदा कर दिया है। यह चुनाव अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों…

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