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उत्तरकाशी, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई भीषण बाढ़ के बाद 'ऑपरेशन जिंदगी' युद्धस्तर पर जारी है। इस भयावह प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है, और बचाव दल लगातार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब तक 274 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों को तलाशने के लिए भारतीय सेना, आईटीबीपी (ITBP), एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें लगातार खोज और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस आपदा का एक बेहद मार्मिक पहलू यह है कि लापता लोगों में वो 24 दोस्त भी शामिल हैं, जो करीब 35 साल बाद एक साथ मिलकर 'चार धाम यात्रा' पर निकले थे। 35 साल बाद मिले दोस्तों पर आपदा का कहर यह कहानी है 1990 बैच के उन 24 दोस्तों की, जिन्होंने अपनी दसवीं कक्षा के बाद पहली बार मिलकर उत्तराखंड आने का फैसला किया था। इनमें से एक, आवासारी खुर्द निवासी अशोक भोर के बेटे आदित्य ने बताया कि उनके पिता और उनके 23 दोस्त 35 साल बाद 'चार धाम यात्रा' के लिए एक साथ मिले थे। ये लोग 1 अगस्त को मुंबई से ट्रेन पकड़कर निकले थे और इनकी वापसी 12 अगस्त को फ्लाइट से होनी थी। अशोक भोर के परिवार से आखिरी बार सोमवार शाम करीब 7 बजे बात हुई थी। उस समय वे सभी गंगोत्री से लगभग 10 किलोमीटर दूर थे और एक छोटे भूस्खलन के कारण फंसे हुए थे। आदित्य ने बताया कि अब उनके फोन भी नहीं मिल रहे हैं, जिससे संपर्क पूरी तरह टूट गया है। ये सभी 5 अगस्त को उत्तरकाशी में रुककर अगले दिन गौरीकुंड जाने वाले थे। उन्होंने यात्रा के लिए हरिद्वार से एक बस बुक की थी। उनके बैचमेट मल्हारी अभंग ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार सोमवार दोपहर को उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी। महाराष्ट्र के 149 पर्यटक फंसे, 75 के फोन बंद आपदा में फंसे पर्यटकों की संख्या भी काफी अधिक है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में महाराष्ट्र के कम से कम 149 पर्यटक फंसे हुए हैं। इन पर्यटकों में से 76 मुंबई से, 17 छत्रपति संभाजीनगर से, 15 पुणे से, 13 जलगाँव से, 11 नांदेड़ से, पांच ठाणे से, नासिक और सोलापुर से चार-चार, मालेगाँव से तीन और अहिल्य से एक पर्यटक है। मुंबई के लगभग 61 पर्यटक सुरक्षित रूप से हनुमान आश्रम में हैं। हालांकि, इन 149 पर्यटकों में से करीब 75 के फोन अभी भी बंद हैं और उनका नेटवर्क से बाहर होना चिंता का विषय बना हुआ है। महाराष्ट्र प्रशासन लगातार उत्तराखंड प्रशासन के संपर्क में है और फंसे हुए लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास कर रहा है। एसडीआरएफ का बयान: मलबे में दबे हो सकते हैं लापता लोग राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के महानिरीक्षक, अरुण मोहन जोशी ने बचाव कार्य में आ रही चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता आज उन्नत उपकरणों को हवाई मार्ग के जरिए मौके पर पहुंचाना है। उन्नत उपकरणों के साथ आ रही उनकी टीम बुधवार को सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण आगे नहीं बढ़ सकी। उन्होंने बताया कि धराली में 50 से 60 फुट ऊंचा मलबे का ढेर है और इस आपदा में लापता हुए लोग उसी मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं। जोशी ने कहा कि उन्नत उपकरण विशाल मलबे में लापता लोगों की तलाश करने में बचाव कर्मियों की मदद करेंगे। 300-400 श्रद्धालु फंसे, मजदूरों के भी लापता होने की आशंका अरुण मोहन जोशी ने बताया कि उनकी दूसरी प्राथमिकता अवरुद्ध मार्गों के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकालना है। उन्होंने अनुमान लगाया कि इन फंसे हुए लोगों की संख्या 300-400 हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 10 बजे तक 61 लोगों को हेलीकॉप्टर से आईटीबीपी मातली लाया जा चुका है। बाहर निकाले गए लोगों को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए प्रबंध भी किए जा रहे हैं। लापता लोगों में केवल पर्यटक ही नहीं, बल्कि मजदूर भी हो सकते हैं, क्योंकि बाढ़ आने के समय धराली में कई होटल निर्माणाधीन थे और सेब के बागानों में भी मजदूर काम कर रहे थे। प्रशासन का कहना है कि बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द सभी लापता लोगों को ढूंढा जा सके और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

उत्तरकाशी में भीषण बाढ़: 274 लोग बचाए गए, 35 साल बाद मिले 24 दोस्तों का ग्रुप लापता; ‘ऑपरेशन जिंदगी’ जारी

उत्तरकाशी, 07 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई भीषण बाढ़ के बाद ‘ऑपरेशन जिंदगी’ युद्धस्तर पर जारी है। इस भयावह प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है, और बचाव दल लगातार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब तक 274 लोगों…

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ऊधमसिंहनगर, 13 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून द्वारा जारी भारी बारिश की 'रेड अलर्ट' चेतावनी के बाद ऊधमसिंहनगर जिले में प्रशासन ने एक बड़ा और त्वरित फैसला लिया है। छात्र-छात्राओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने 14 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जिले के कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त विद्यालयों के साथ-साथ समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। यह फैसला आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत लिया गया है, जिसमें चेतावनी का उल्लंघन करने वाले शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। मौसम विभाग की 'रेड अलर्ट' और संभावित खतरे भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी दिनों के लिए एक गंभीर मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। इस पूर्वानुमान के अनुसार, 13 अगस्त से 17 अगस्त 2025 तक उत्तराखंड के कई जिलों में औसत से अधिक वर्षा, तेज गर्जना और आकाशीय बिजली चमकने की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए 'रेड अलर्ट' जारी किया है, जो एक गंभीर चेतावनी है। रेड अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम की स्थिति बेहद खराब हो सकती है और जान-माल को बड़ा खतरा हो सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा से मैदानी इलाकों की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। इसी खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने यह सुरक्षात्मक कदम उठाया है। छात्रहित में लिया गया फैसला जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष नितिन सिंह भदौरिया द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि यह फैसला "छात्रहित एवं बाल्यहित" को ध्यान में रखकर लिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि लगातार हो रही बारिश से नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बच्चों की आवाजाही में खतरा पैदा हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छात्र या बच्चा इस खराब मौसम में खतरे का सामना न करे, जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम जिला प्रशासन की सतर्कता और आपदा की स्थिति से निपटने की तैयारी को भी दर्शाता है। किस पर लागू होगा यह आदेश? जिलाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश जनपद ऊधमसिंहनगर के भीतर संचालित होने वाले सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होता है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: समस्त राजकीय विद्यालय (Government Schools) परिषदीय विद्यालय (Council Schools) सहायता प्राप्त विद्यालय (Aided Schools) मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय (Recognized Private Schools) समस्त आंगनबाड़ी केंद्र यह आदेश दिनांक 14 अगस्त 2025 (बृहस्पतिवार) के लिए प्रभावी रहेगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई भी विद्यालय इस आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस आदेश को लेकर कितना गंभीर है और नियमों का पालन न करने वालों को किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। प्रशासनिक सतर्कता और तैयारियां जिलाधिकारी ने इस आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भेजी है, जिससे यह पता चलता है कि पूरा प्रशासनिक अमला इस स्थिति को लेकर सतर्क है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। जिला सूचना अधिकारी को भी जनहित में इस आदेश का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह सूचना सभी तक समय पर पहुंच सके। यह कदम सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति इस आदेश से अनभिज्ञ न रहे और सभी अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। निष्कर्ष: आपदा से निपटने की तैयारी यह आदेश उत्तराखंड में मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों का एक स्पष्ट उदाहरण है। लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग के रेड अलर्ट के मद्देनजर, जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों को बंद करने का यह फैसला न केवल एक एहतियाती कदम है, बल्कि यह बच्चों और आम जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता भी दर्शाता है। इस फैसले से लाखों छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राहत मिली है, जो खराब मौसम में बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर चिंतित थे। अब सबकी नजरें मौसम के अगले पूर्वानुमान पर टिकी हैं कि क्या बारिश का दौर जारी रहता है या मौसम में सुधार आता है।

ऊधमसिंहनगर में मौसम का महा-अलर्ट! 7 अगस्त को सभी स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, 6 से 10 अगस्त तक ‘रेड अलर्ट’ जारी; बच्चों की सुरक्षा के लिए डीएम का बड़ा फैसला

ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी नवीनतम मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 6 अगस्त 2025 से…

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ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। आज सुबह 8:30 बजे जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में भारी बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, नदियों और जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य स्थिति में है, लेकिन भारी वर्षा के कारण जिले में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। प्रशासन ने पहले ही 6 अगस्त को स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया था, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। जिले में भारी बारिश का दौर, किच्छा और काशीपुर में सर्वाधिक वर्षा ऊधमसिंहनगर जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान (सुबह 8:00 बजे तक) मूसलाधार बारिश हुई है। जिले भर में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिसमें कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों की वर्षा (मिमी में): किच्छा: 185.00 मिमी (सर्वाधिक) काशीपुर: 177.00 मिमी जसपुर: 150.00 मिमी सितारगंज: 130.00 मिमी रुद्रपुर: 99.00 मिमी गदरपुर: 80.00 मिमी खटीमा: 86.00 मिमी बाजपुर: 75.00 मिमी (न्यूनतम) इस भारी बारिश के बावजूद, जिले का अधिकतम तापमान 29°C और न्यूनतम तापमान 25°C दर्ज किया गया है। नदियों और जलाशयों का जलस्तर सामान्य, लेकिन निगरानी जारी जिले से होकर बहने वाली प्रमुख नदियों और जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य स्थिति में है, जो एक राहत की बात है। हालांकि, लगातार बारिश को देखते हुए प्रशासन इन पर कड़ी निगरानी रख रहा है। प्रमुख नदियों का जलस्तर (क्यूसेक में): सुखी/बेगुल नदी: वर्तमान जलस्तर 13340 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 30,000 क्यूसेक) कैलाश नदी: वर्तमान जलस्तर 19980 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 45,000 क्यूसेक) जगबुधा नदी: वर्तमान जलस्तर 8400 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 19,000 क्यूसेक) परवीन नदी: वर्तमान जलस्तर 1360 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 2,000 क्यूसेक) देवहा नदी: वर्तमान जलस्तर 7310 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 20,000 क्यूसेक) कामन नदी: वर्तमान जलस्तर 2560 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 15,000 क्यूसेक) ढेला नदी: वर्तमान जलस्तर 3777 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 38,000 क्यूसेक) फीका नदी: वर्तमान जलस्तर शून्य (चेतावनी स्तर 18,500 क्यूसेक) गौला नदी: वर्तमान जलस्तर 12409 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 39,927 क्यूसेक) कल्याणी नदी: वर्तमान जलस्तर 300 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 2000 क्यूसेक) सभी नदियों का जलस्तर चेतावनी और खतरे के स्तर से काफी नीचे है, जिससे फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। मुख्य शारदा नहर: वर्तमान जलस्तर 10689 क्यूसेक (खतरे का स्तर 11,500 क्यूसेक) नहर की स्थिति भी सामान्य बनी हुई है। जलाशयों का विवरण (फीट में): बेगुल जलाशय: वर्तमान जलस्तर 679.13 फीट (चेतावनी स्तर 683.50 फीट), डिस्चार्ज 65 क्यूसेक। नानकसागर जलाशय: वर्तमान जलस्तर 695.80 फीट (चेतावनी स्तर 706.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। शारदा सागर बांध: वर्तमान जलस्तर 606.60 फीट (चेतावनी स्तर 625.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। बौर जलाशय: वर्तमान जलस्तर 782.40 फीट (चेतावनी स्तर 792.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। हरिपुरा जलाशय: वर्तमान जलस्तर 783.50 फीट (चेतावनी स्तर 792.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। तुमरिया जलाशय: वर्तमान जलस्तर 836.50 फीट (चेतावनी स्तर 857.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। धौरा जलाशय: वर्तमान जलस्तर 700.70 फीट (चेतावनी स्तर 710.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। सभी जलाशयों का जलस्तर भी चेतावनी या खतरे के निशान से नीचे है, और डाउनपास डिस्चार्ज भी नियंत्रित है। जनजीवन पर असर: बिजली आपूर्ति बाधित, अन्य सेवाएं सामान्य मॉनसून की सक्रियता के कारण जिले में कुछ सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जिले में भारी बारिश के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली गुल होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सड़क संपर्क, संचार व्यवस्था और जलापूर्ति जैसी अन्य आवश्यक सेवाएं अभी भी सुचारु रूप से चल रही हैं। जिला प्रशासन ने पहले ही मौसम विभाग के 'ऑरेंज अलर्ट' को देखते हुए 6 अगस्त को सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया था, जिससे बच्चों को सुरक्षित रखा जा सका। प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। संबंधित विभाग किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

ऊधमसिंहनगर में मानसून का कहर: किच्छा-काशीपुर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, बिजली गुल! जानें आपके शहर का हाल और नदियों का जलस्तर

ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। आज सुबह 8:30 बजे जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में भारी बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, नदियों और जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य स्थिति में है, लेकिन भारी वर्षा के कारण जिले में…

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ऊधमसिंहनगर, 05 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता लगातार जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और एहतियाती फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 5 अगस्त से 9 अगस्त 2025 तक प्रदेश के कई जनपदों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना व्यक्त की गई है। इस 'ऑरेंज अलर्ट' को देखते हुए, जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नितिन सिंह भदौरिया ने 6 अगस्त 2025 (बुधवार) को जिले के सभी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। मौसम की चेतावनी और एहतियाती कदम भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी चार दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस अवधि में पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जिससे नदियों, नालों और बरसाती गदेरों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में, स्कूली बच्चों की आवाजाही जोखिम भरी हो सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पानी का जमाव हो जाता है या रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30 (2) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। यह कदम दिखाता है कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसने जोखिम को कम करने के लिए सक्रियता से काम किया है। यह एक विवेकपूर्ण फैसला है क्योंकि एक दिन पहले ही छुट्टी घोषित करने से अभिभावकों और स्कूलों को आवश्यक तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। आदेश का विवरण: केवल एक दिन की छुट्टी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिनांक 6 अगस्त 2025 (बुधवार) को ऊधमसिंहनगर जिले के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक संचालित होने वाले सभी राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों और समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा। यह ध्यान देने योग्य है कि मौसम विभाग ने 5 से 9 अगस्त तक अलर्ट जारी किया है, लेकिन प्रशासन ने अभी केवल 6 अगस्त के लिए ही अवकाश घोषित किया है। आगे की छुट्टी का फैसला मौसम की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यह एक लचीली और संवेदनशील रणनीति है ताकि अनावश्यक रूप से शैक्षिक गतिविधियों को बाधित न किया जाए। जिलाधिकारी ने समस्त तहसील और संबंधित विभागों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई भी शिक्षण संस्थान इस आदेश की अवहेलना करता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगा। आदेश की व्यापकता और जन जागरूकता का प्रयास इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने और आम जनता तक सूचना पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन ने एक विस्तृत योजना बनाई है। आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न उच्चाधिकारियों और विभागों को भेजी गई है, जिनमें सचिव, आपदा प्रबंधन; महानिदेशक, स्कूल शिक्षा; आयुक्त, कुमाऊं मंडल; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक; मुख्य विकास अधिकारी; मुख्य चिकित्साधिकारी; समस्त उपजिलाधिकारी और समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। विशेष रूप से, जिला सूचना अधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश का जनहित में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से निःशुल्क प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि जिले का हर नागरिक, विशेषकर अभिभावक, इस महत्वपूर्ण सूचना से अवगत हो सकें और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। यह न सिर्फ कानूनी बाध्यता है, बल्कि जनता को सुरक्षित रखने की एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। निष्कर्ष और आगे की चुनौतियाँ डीएम द्वारा लिया गया यह फैसला न सिर्फ छात्रों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। लगातार बारिश और खराब मौसम की स्थिति में, स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय एक विवेकपूर्ण कदम है। यह उन अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है, जिन्हें खराब मौसम में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। यह आदेश सिर्फ एक दिन के लिए है, लेकिन यह इस बात की ओर भी संकेत करता है कि आने वाले दिनों में मौसम और भी खराब हो सकता है। इसलिए प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। नागरिकों को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम की जानकारी पर नजर रखें और बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। यह आदेश न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ढाल का काम करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रशासनिक व्यवस्था किसी भी आपदा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

ऊधमसिंहनगर में 6 अगस्त को सभी स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, 5 से 9 अगस्त तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी; डीएम का बच्चों की सुरक्षा पर जोर

ऊधमसिंहनगर, 05 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता लगातार जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और एहतियाती फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 5 अगस्त से 9 अगस्त 2025 तक प्रदेश के कई जनपदों…

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उत्तराखंड 04 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के दो अलग-अलग और बेहद परेशान करने वाले मामले सामने आए हैं, जिन्होंने पारिवारिक रिश्तों में पनप रही हिंसा और आक्रोश की भयावहता को उजागर किया है। एक मामले में, एक महिला ने डीएम से गुहार लगाई कि उसका पति बात-बात पर बंदूक तानकर उसे धमकाता है, जबकि दूसरे मामले में एक मामूली सी बात—बेटे की शर्ट जल जाने पर—दंपति के बीच जमकर मारपीट हुई। इन दोनों घटनाओं ने न केवल पुलिस और प्रशासन को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर किया है, बल्कि समाज में गहराती घरेलू हिंसा की समस्या पर भी चिंताजनक सवाल खड़े किए हैं। बंदूक की नोक पर दहशत का माहौल, डीएम ने लाइसेंस रद्द कर दिया उत्तराखंड में घरेलू हिंसा का एक सनसनीखेज मामला तब सामने आया, जब एक महिला ने सीधे जिलाधिकारी सविन बंसल से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई। महिला ने जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत पत्र सौंपकर बताया कि उसका पति दहेज की मांग को लेकर उसे अक्सर प्रताड़ित करता है। यह प्रताड़ना सिर्फ मौखिक नहीं है, बल्कि उसका पति आए दिन घर में अपनी लाइसेंसी बंदूक तानकर उसे और उसके बच्चों को डराता-धमकाता है। महिला ने कहा कि इस लगातार मानसिक उत्पीड़न के कारण वह भारी दबाव में जी रही है और उसे अपनी और अपने परिवार की जान का खतरा महसूस होता है। शिकायत की गंभीरता को समझते हुए, डीएम सविन बंसल ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "लोक शांति, पारिवारिक सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा" को बनाए रखने के लिए इस तरह के कृत्य को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। डीएम ने आरोपी पति के शस्त्र लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने नेहरू कॉलोनी थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि आरोपी की बंदूक को तुरंत जब्त कर सरकारी पुलिस अभिरक्षा में रखा जाए। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी पति को अपने बचाव में अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। यह प्रशासनिक कार्रवाई न केवल महिला को सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि ऐसे लोगों के लिए भी एक कड़ा संदेश है जो लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग कर अपने ही परिवार को डराते-धमकाते हैं। बेटे की शर्ट जली तो झगड़ा, मारपीट के बाद दर्ज हुआ केस इसी तरह घरेलू हिंसा का एक और मामला सामने आया है, जो बताता है कि कैसे छोटे-छोटे घरेलू विवाद भी हिंसक रूप ले सकते हैं। नेहरू कॉलोनी थाने में ऋताक्षी हूजा नामक एक महिला ने अपने पति अर्जुन हूजा के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और मानसिक उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार, दंपति के बीच पहले से ही तलाक का केस चल रहा है, जिसके कारण वे एक ही घर में अलग-अलग रह रहे हैं। गत 17 जुलाई की सुबह, ऋताक्षी ने अपने 5 वर्षीय बेटे की शर्ट प्रेस करने के लिए अपने पति अर्जुन से कहा। आरोप है कि प्रेस करते वक्त अर्जुन से शर्ट जल गई। इस पर ऋताक्षी ने आपत्ति जताई तो अर्जुन आग-बबूला हो गया। बात कहासुनी से शुरू हुई और देखते ही देखते गाली-गलौज और मारपीट तक जा पहुंची। इस घटना के बाद ऋताक्षी ने तत्काल नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई। थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अर्जुन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। यह घटना दर्शाती है कि पारिवारिक तनाव और रिश्तों में कड़वाहट किस तरह एक छोटी सी गलती को भी बड़े झगड़े और हिंसा में बदल सकती है। समाधान की ओर: एक मजबूत समाज की जरूरत ये दोनों मामले घरेलू हिंसा की विभिन्न परतों को उजागर करते हैं। एक तरफ, जहां बंदूकों का इस्तेमाल कर शारीरिक और मानसिक भय का माहौल बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, छोटी-छोटी बातों पर होने वाली हिंसा भी पारिवारिक रिश्तों की बुनियाद को कमजोर कर रही है। इन मामलों में प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है। डीएम द्वारा लाइसेंसी बंदूक को जब्त करने का निर्णय यह दिखाता है कि प्रशासनिक स्तर पर भी ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसी तरह, पुलिस द्वारा घरेलू विवाद में भी तत्काल केस दर्ज करना यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को न्याय मिल सके। यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे मामलों में पीड़ित को खुलकर सामने आने और अपनी आवाज उठाने का हौसला मिले। समाज को भी घरेलू हिंसा के खिलाफ एक मजबूत और संवेदनशील माहौल बनाने की जरूरत है, जहां महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और उन्हें बिना किसी डर के मदद मिल सके। इन घटनाओं से यह साफ है कि घरेलू हिंसा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता भी उतनी ही आवश्यक है।

उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के दो संगीन मामले: पत्नी पर बंदूक तानता था पति, तो दूसरी तरफ शर्ट जलने पर हुई मारपीट; डीएम ने बंदूक का लाइसेंस रद्द किया

उत्तराखंड 04 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में घरेलू हिंसा के दो अलग-अलग और बेहद परेशान करने वाले मामले सामने आए हैं, जिन्होंने पारिवारिक रिश्तों में पनप रही हिंसा और आक्रोश की भयावहता को उजागर किया है। एक मामले में, एक महिला ने डीएम से गुहार लगाई कि उसका पति बात-बात…

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काशीपुर, 03 अक्टूबर 2025 (समय बोल रहा )– गिरीताल क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक विवाहिता ने अपने पति समेत तीन ससुरालियों पर दहेज में क्रेटा कार और 8 लाख रुपये नकद की मांग पूरी न होने पर गंभीर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विवाहिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और मारपीट सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। क्या है पूरा मामला? गिरीताल निवासी शैलजा सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनकी शादी 14 जनवरी 2024 को दिल्ली निवासी ऋषभ चौहान से हुई थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद उनके ससुराल वाले उनसे क्रेटा कार और 8 लाख रुपये नकद की मांग करने लगे। शैलजा सिंह का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उनके पति ऋषभ चौहान, सास स्नेहलता चौहान और ससुर राम सिंह चौहान ने उन्हें कम दहेज लाने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। गर्भावस्था में की मारपीट और बनाया दबाव पीड़िता का आरोप है कि जब वह गर्भवती थीं, तब भी उनके पति ऋषभ चौहान ने उनके साथ मारपीट की और उन पर गर्भपात कराने का दबाव बनाया। यह घटना ससुरालियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की गंभीरता को दर्शाती है। सबसे गंभीर आरोप यह है कि 14 अप्रैल 2024 को दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने उन्हें घर में बंद कर दिया, खाना-पीना नहीं दिया और कथित तौर पर जलाकर मारने का प्रयास भी किया। पिता ने कराया बच्चे का जन्म, ससुरालियों ने दी गाली-गलौज शैलजा ने बताया कि इस उत्पीड़न के बाद वह किसी तरह अपने मायके पहुंचीं। बाद में, उन्होंने 26 नवंबर 2024 को काशीपुर के एक अस्पताल में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका संपूर्ण खर्च उनके माता-पिता द्वारा उठाया गया। बच्चे के जन्म की सूचना देने पर भी ससुराल वालों ने संवेदनशीलता दिखाने के बजाय, उन्हें गाली-गलौज की और दहेज की मांग जारी रखी। पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच शुरू विवाहिता शैलजा सिंह की तहरीर के आधार पर, पुलिस ने आरोपी पति ऋषभ चौहान, सास स्नेहलता चौहान और ससुर राम सिंह चौहान के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में उनके पते पर पुलिस टीम भेजने की तैयारी की जा रही है।

 फ्लैट बेचने के नाम पर करोड़ों की ठगी: भू-माफिया दीपक मित्तल पर एक और FIR, अब तक 9 मुकदमे दर्ज

देहरादून, 02 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड की रियल एस्टेट इंडस्ट्री में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का पर्याय बन चुके भू-माफिया दीपक मित्तल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। धोखाधड़ी के एक और नए मामले में मित्तल और उसके साथियों पर कंपनी के खातों से करोड़ों की रकम गबन…

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जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में चल रहे पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना में अब तेजी आ गई है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक से दूसरे राउंड के ग्राम प्रधान पदों के महत्वपूर्ण परिणाम सामने आने लगे हैं, जिन्होंने चुनावी तस्वीर को और दिलचस्प बना दिया है। इन नतीजों के साथ, कई ग्राम पंचायतों को अगले पाँच वर्षों के लिए अपना नया नेतृत्व मिल गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी और उत्साह का माहौल है। जसपुर ब्लॉक: ग्राम प्रधान पदों पर दूसरे राउंड के विजेता, बदलती ग्रामीण राजनीति दूसरे राउंड की मतगणना के बाद, जसपुर ब्लॉक की कई ग्राम पंचायतों को उनके नए प्रधान मिल गए हैं। ये परिणाम न केवल व्यक्तिगत जीत को दर्शाते हैं, बल्कि ग्रामीण राजनीति में बदलते समीकरणों और जनता की अपेक्षाओं को भी उजागर करते हैं। घोषित परिणाम इस प्रकार हैं: ग्राम निवारमुण्डी (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग महिला): इस महत्वपूर्ण सीट पर राजेश्वरी देवी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 331 वैध मत प्राप्त किए और सविरोध निर्वाचित हुई हैं। उनकी जीत निवारमुण्डी में महिला नेतृत्व और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व को मजबूत करती है। ग्राम मण्डुवाखेड़ा (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): मण्डुवाखेड़ा में दीपक कुमार ने 424 वैध मत प्राप्त कर प्रधान पद पर सविरोध निर्वाचन हासिल किया है। यह जीत क्षेत्र में उनके मजबूत जनाधार को दर्शाती है। ग्राम उमरपुर (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग महिला): उमरपुर में रिंकी ने प्रभावशाली जीत दर्ज की है। उन्होंने 815 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचित होकर दिखाया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रगति हो रही है। उनकी जीत कुल वैध मतों का 58.01% है, जो एक बड़ी जीत मानी जा रही है। ग्राम गुलरगोजी (पद का आरक्षण: अनारक्षित): गुलरगोजी की अनारक्षित सीट पर आरती ने 463 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचन प्राप्त किया है। उनकी जीत यह दर्शाती है कि जनता ने योग्यता और कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी है। ग्राम अंगदपुर (पद का आरक्षण: महिला): अंगदपुर में सीमा देवी ने रिकॉर्ड 1188 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचित हुई हैं। यह उनके प्रति जनता के अपार विश्वास और समर्थन को दर्शाता है। 57.81% मत प्राप्त करना उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है। ग्राम रायपुर पटटी दिल्ला (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): रायपुर पटटी दिल्ला से दिलशाद शाह ने 1514 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचित हुए हैं। यह बड़ी जीत उनके क्षेत्र में मजबूत पकड़ और समुदाय के समर्थन को दर्शाती है। 53.35% मत प्राप्त करना उनकी निर्णायक जीत का प्रतीक है। इन परिणामों के साथ, इन गाँवों को अगले पाँच वर्षों के लिए अपना नया मुखिया मिल गया है, जो स्थानीय विकास और जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। नवनिर्वाचित प्रधानों के सामने अब अपने-अपने गाँवों में विकास कार्यों को गति देने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती होगी। मतगणना केंद्रों पर उत्साह और सुरक्षा के कड़े इंतजाम जसपुर सहित ऊधमसिंहनगर के सभी मतगणना केंद्रों पर मतगणना प्रक्रिया पूरी मुस्तैदी और सुरक्षा के बीच जारी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मतगणना प्रक्रिया की लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। हर मतगणना टेबल पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। मतगणना केंद्रों के बाहर और अंदर प्रत्याशियों और उनके एजेंटों की भारी भीड़ मौजूद है। हर एक वोट की गिनती पर उनकी पैनी नजर है। जैसे ही किसी ग्राम पंचायत का परिणाम घोषित होता है, विजयी प्रत्याशी के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ जश्न का माहौल बन जाता है, जबकि हारे हुए प्रत्याशियों के खेमे में मायूसी छा जाती है। सुरक्षाकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हुए हैं। आगे की तस्वीर: अन्य पदों और अंतिम परिणामों का इंतजार ये जसपुर ब्लॉक के दूसरे राउंड के घोषित नतीजे हैं, जो मुख्य रूप से ग्राम प्रधानों पर केंद्रित हैं। मतगणना प्रक्रिया अभी भी जारी है और उम्मीद है कि देर शाम तक या अगले कुछ घंटों में क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के अंतिम परिणाम भी सामने आएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं और मीडिया के माध्यम से जनता तक सूचना पहुंचा रहे हैं। सभी की निगाहें अब अंतिम परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि अगले पांच वर्षों के लिए ग्रामीण उत्तराखण्ड का नेतृत्व किसके हाथों में होगा। यह चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में नए नेतृत्व और विकास की नई दिशा तय करेगा। इन नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के कंधों पर अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सुलझाने, सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने और स्थानीय विकास को गति देने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

पंचायत चुनाव: जसपुर ब्लॉक के दूसरे राउंड के ग्राम प्रधान नतीजे घोषित, कई गाँवों को मिले नए प्रधान

जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में चल रहे पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना में अब तेजी आ गई है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक से दूसरे राउंड के ग्राम प्रधान पदों के महत्वपूर्ण परिणाम सामने आने लगे हैं, जिन्होंने चुनावी तस्वीर को और दिलचस्प बना दिया है। इन नतीजों…

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देहरादून, 22 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सफल समापन के बाद, अब राज्य सरकार ने नवगठित पंचायतों के शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का विस्तृत कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है। यह कदम पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास कार्यों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। शासन सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह कार्यक्रम हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के शेष सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से होगा शपथ ग्रहण और बैठक राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया सुचारु और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम को तीन अलग-अलग स्तरों पर विभाजित किया गया है: ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत। ग्राम पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: नव-निर्वाचित ग्राम पंचायतों के सदस्य और ग्राम प्रधान 27 अगस्त को अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। यह तिथि ग्रामीण लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होगी। पहली बैठक: शपथ ग्रहण के ठीक अगले दिन, यानी 28 अगस्त को, नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में प्रधान और सदस्य मिलकर गाँव के विकास एजेंडे पर चर्चा करेंगे और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करेंगे। क्षेत्र पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: क्षेत्र पंचायत के सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख और वरिष्ठ उप प्रमुख 29 अगस्त को शपथ लेंगे। ये प्रतिनिधि ग्रामीण विकास की मध्यवर्ती कड़ी के रूप में कार्य करते हैं, और उनकी शपथ से यह सुनिश्चित होगा कि योजनाओं का क्रियान्वयन सही दिशा में हो। पहली बैठक: उनकी पहली बैठक 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इस बैठक में क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों, विकास परियोजनाओं और फंड के उपयोग पर चर्चा होगी। जिला पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष 1 सितंबर को शपथ ग्रहण करेंगे। ये सबसे उच्च स्तर के पंचायत प्रतिनिधि होते हैं, जिनकी भूमिका पूरे जिले के विकास को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण होती है। पहली बैठक: इन प्रतिनिधियों की पहली बैठक 2 सितंबर को होगी। इस बैठक में जिला स्तर पर विकास की रणनीतियों, बड़े प्रोजेक्ट्स और विभिन्न ब्लॉक के बीच समन्वय स्थापित करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम का महत्व और भविष्य की चुनौतियाँ शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह पंचायती राज व्यवस्था के संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि नव-निर्वाचित प्रतिनिधि अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से अवगत हों। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, पंचायतों के माध्यम से विकास कार्यों को गति मिलने और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित समाधान होने की उम्मीद है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि निर्धारित तिथियों पर यह पूरी प्रक्रिया अनिवार्य रूप से और सुचारू रूप से पूरी की जाए। इसके लिए, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सभी स्तरों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद रहेंगे। यह कार्यक्रम पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने, सुशासन को बढ़ावा देने और अंततः उत्तराखंड के ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

ऊधमसिंहनगर पंचायत चुनाव: जसपुर ब्लॉक के पहले राउंड के नतीजे घोषित, कांग्रेस की रजनी 1300 वोटों से आगे

जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2025 की मतगणना में अब तेजी आ गई है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक से पहले राउंड के शुरुआती और महत्वपूर्ण नतीजे सामने आने लगे हैं, जिन्होंने चुनावी तस्वीर को और दिलचस्प बना दिया है। ग्राम प्रधान…

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जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में चल रहे पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना में अब तेजी आ गई है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक से दूसरे राउंड के ग्राम प्रधान पदों के महत्वपूर्ण परिणाम सामने आने लगे हैं, जिन्होंने चुनावी तस्वीर को और दिलचस्प बना दिया है। इन नतीजों के साथ, कई ग्राम पंचायतों को अगले पाँच वर्षों के लिए अपना नया नेतृत्व मिल गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी और उत्साह का माहौल है। जसपुर ब्लॉक: ग्राम प्रधान पदों पर दूसरे राउंड के विजेता, बदलती ग्रामीण राजनीति दूसरे राउंड की मतगणना के बाद, जसपुर ब्लॉक की कई ग्राम पंचायतों को उनके नए प्रधान मिल गए हैं। ये परिणाम न केवल व्यक्तिगत जीत को दर्शाते हैं, बल्कि ग्रामीण राजनीति में बदलते समीकरणों और जनता की अपेक्षाओं को भी उजागर करते हैं। घोषित परिणाम इस प्रकार हैं: ग्राम निवारमुण्डी (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग महिला): इस महत्वपूर्ण सीट पर राजेश्वरी देवी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 331 वैध मत प्राप्त किए और सविरोध निर्वाचित हुई हैं। उनकी जीत निवारमुण्डी में महिला नेतृत्व और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व को मजबूत करती है। ग्राम मण्डुवाखेड़ा (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): मण्डुवाखेड़ा में दीपक कुमार ने 424 वैध मत प्राप्त कर प्रधान पद पर सविरोध निर्वाचन हासिल किया है। यह जीत क्षेत्र में उनके मजबूत जनाधार को दर्शाती है। ग्राम उमरपुर (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग महिला): उमरपुर में रिंकी ने प्रभावशाली जीत दर्ज की है। उन्होंने 815 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचित होकर दिखाया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रगति हो रही है। उनकी जीत कुल वैध मतों का 58.01% है, जो एक बड़ी जीत मानी जा रही है। ग्राम गुलरगोजी (पद का आरक्षण: अनारक्षित): गुलरगोजी की अनारक्षित सीट पर आरती ने 463 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचन प्राप्त किया है। उनकी जीत यह दर्शाती है कि जनता ने योग्यता और कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी है। ग्राम अंगदपुर (पद का आरक्षण: महिला): अंगदपुर में सीमा देवी ने रिकॉर्ड 1188 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचित हुई हैं। यह उनके प्रति जनता के अपार विश्वास और समर्थन को दर्शाता है। 57.81% मत प्राप्त करना उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है। ग्राम रायपुर पटटी दिल्ला (पद का आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): रायपुर पटटी दिल्ला से दिलशाद शाह ने 1514 वैध मत प्राप्त कर सविरोध निर्वाचित हुए हैं। यह बड़ी जीत उनके क्षेत्र में मजबूत पकड़ और समुदाय के समर्थन को दर्शाती है। 53.35% मत प्राप्त करना उनकी निर्णायक जीत का प्रतीक है। इन परिणामों के साथ, इन गाँवों को अगले पाँच वर्षों के लिए अपना नया मुखिया मिल गया है, जो स्थानीय विकास और जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। नवनिर्वाचित प्रधानों के सामने अब अपने-अपने गाँवों में विकास कार्यों को गति देने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती होगी। मतगणना केंद्रों पर उत्साह और सुरक्षा के कड़े इंतजाम जसपुर सहित ऊधमसिंहनगर के सभी मतगणना केंद्रों पर मतगणना प्रक्रिया पूरी मुस्तैदी और सुरक्षा के बीच जारी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मतगणना प्रक्रिया की लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। हर मतगणना टेबल पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। मतगणना केंद्रों के बाहर और अंदर प्रत्याशियों और उनके एजेंटों की भारी भीड़ मौजूद है। हर एक वोट की गिनती पर उनकी पैनी नजर है। जैसे ही किसी ग्राम पंचायत का परिणाम घोषित होता है, विजयी प्रत्याशी के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ जश्न का माहौल बन जाता है, जबकि हारे हुए प्रत्याशियों के खेमे में मायूसी छा जाती है। सुरक्षाकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हुए हैं। आगे की तस्वीर: अन्य पदों और अंतिम परिणामों का इंतजार ये जसपुर ब्लॉक के दूसरे राउंड के घोषित नतीजे हैं, जो मुख्य रूप से ग्राम प्रधानों पर केंद्रित हैं। मतगणना प्रक्रिया अभी भी जारी है और उम्मीद है कि देर शाम तक या अगले कुछ घंटों में क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के अंतिम परिणाम भी सामने आएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं और मीडिया के माध्यम से जनता तक सूचना पहुंचा रहे हैं। सभी की निगाहें अब अंतिम परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि अगले पांच वर्षों के लिए ग्रामीण उत्तराखण्ड का नेतृत्व किसके हाथों में होगा। यह चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में नए नेतृत्व और विकास की नई दिशा तय करेगा। इन नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के कंधों पर अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सुलझाने, सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने और स्थानीय विकास को गति देने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

उत्तराखण्ड पंचायत चुनाव 2025: मतगणना जारी, प्रदेश भर में आने लगे शुरुआती नतीजे; ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के परिणाम घोषित

उत्तराखण्ड, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव 2025 के लिए हुए मतदान के बाद, आज मतगणना का कार्य पूरे प्रदेश में जोर-शोर से जारी है। विभिन्न मतगणना स्थलों से शुरुआती रुझान और परिणाम सामने आने लगे हैं, जिससे चुनावी माहौल में उत्साह और उत्सुकता दोनों बढ़ गई है। राज्य…

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ऊधमसिंहनगर, 30 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – ट्रैफिक प्लान त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2025 की मतगणना को शांतिपूर्ण, निर्बाध और सकुशल संपन्न कराने के लिए ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। मतगणना दिवस, 31 जुलाई 2025 को किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए जनपद के 07 प्रमुख मतगणना स्थलों पर यातायात की विशेष व्यवस्था लागू की जाएगी। इस दौरान, सुबह 4:00 बजे से मतगणना कार्यक्रम की समाप्ति तक विभिन्न थाना क्षेत्रों से भारी वाहनों का आवागमन पूर्णतः निषेध रहेगा। यह कदम मतगणना प्रक्रिया की सुरक्षा और सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। जसपुर, 30 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के मतदान के बाद, अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं। इसी कड़ी में, जसपुर विकास खंड में मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। निष्पक्ष और पारदर्शी मतगणना सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने टेबल-वार बूथ सूची जारी कर दी है, जिसमें प्रत्येक मतगणना टेबल पर किस बूथ के मतों की गिनती की जाएगी, इसका विस्तृत विवरण दिया गया है। यह सूची मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और त्रुटिरहित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पारदर्शिता के लिए जारी हुई विस्तृत सूची त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, ग्रामीण लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। इन चुनावों में प्रत्येक मत का महत्व होता है, और मतगणना प्रक्रिया की पारदर्शिता पर ही पूरे चुनाव की विश्वसनीयता निर्भर करती है। इसी सिद्धांत का पालन करते हुए, जसपुर विकास खंड प्रशासन ने मतगणना के लिए एक विस्तृत और स्पष्ट बूथ-वार सूची तैयार की है। इस सूची में प्रत्येक मतगणना टेबल के लिए निर्धारित बूथ नंबरों का उल्लेख है, जिससे प्रत्याशियों और उनके मतगणना एजेंटों को यह जानने में आसानी होगी कि उनके बूथ के मतों की गिनती किस टेबल पर और किस चरण में की जाएगी। यह कदम मतगणना प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के संदेह या भ्रम को दूर करने में सहायक होगा। जसपुर ब्लॉक में 181 बूथों के लिए 26 टेबलें निर्धारित: जानें किस गाँव की गिनती कब और कहाँ जारी की गई सूची के अनुसार, जसपुर विकास खंड के अंतर्गत कुल 181 बूथों के मतों की गिनती की जाएगी। इन बूथों के लिए मतगणना स्थल पर 26 टेबलें निर्धारित की गई हैं। मतगणना प्रक्रिया को कई चरणों (राउंड) में पूरा किया जाएगा, ताकि भारी संख्या में मतों की गिनती को व्यवस्थित तरीके से संपन्न किया जा सके। यह विस्तृत व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि वोटों की गिनती में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी या गड़बड़ी की संभावना न रहे। प्रत्येक टेबल पर मतगणना कर्मियों की एक टीम तैनात रहेगी, जो कड़ी निगरानी में मतों की गिनती का कार्य करेगी। मतगणना का विस्तृत कार्यक्रम (कुछ प्रमुख उदाहरण): राउंड - 1: टेबिल न० 1: बूथ न० 1 टेबिल न० 3: बूथ न० 2, 3 टेबिल न० 5: बूथ न० 4, 5 टेबिल न० 6: बूथ न० 6 टेबिल न० 7: बूथ न० 7 टेबिल न० 9: बूथ न० 8, 9 टेबिल न० 10: बूथ न० 10 टेबिल न० 11: बूथ न० 11 टेबिल न० 15: बूथ न० 12, 13, 14, 15 टेबिल न० 16: बूथ न० 16 टेबिल न० 17: बूथ न० 17 टेबिल न० 21: बूथ न० 18, 19, 20, 21 टेबिल न० 24: बूथ न० 22, 23, 24 टेबिल न० 25: बूथ न० 25 टेबिल न० 26: बूथ न० 26 ग्राम पंचायतें शामिल: हजीरो, वीरपुरी, पतरामपुर, भोगपुर जसपुर, मनोरथपुर प्रथम, बढियोवाला, आमका, मेघावाला, रामनगर बन। राउंड - 2: टेबिल न० 2: बूथ न० 27, 28 टेबिल न० 4: बूथ न० 29, 30 टेबिल न० 6: बूथ न० 31, 32 टेबिल न० 7: बूथ न० 33 टेबिल न० 10: बूथ न० 34, 35, 36 टेबिल न० 11: बूथ न० 37 टेबिल न० 14: बूथ न० 38, 39, 40, 41 टेबिल न० 16: बूथ न० 42 टेबिल न० 17: बूथ न० 43 टेबिल न० 19: बूथ न० 44, 45 टेबिल न० 20: बूथ न० 46 टेबिल न० 22: बूथ न० 47, 48, 49 टेबिल न० 24: बूथ न० 50 टेबिल न० 26: बूथ न० 51, 52 ग्राम पंचायतें शामिल: रामनगर वन, भगवन्तपुर, निवारमुण्डी, मण्डुआखेड़ा, गूलरगोजी, उमरपुर, अंगदपुर, रायपुर पटटी दिल्ला। राउंड - 3: टेबिल न० 1: बूथ न० 53 टेबिल न० 2: बूथ न० 54 टेबिल न० 4: बूथ न० 55, 56 टेबिल न० 5: बूथ न० 57 टेबिल न० 7: बूथ न० 58, 59 टेबिल न० 8: बूथ न० 60 टेबिल न० 11: बूथ न० 61, 62, 63 टेबिल न० 12: बूथ न० 64 टेबिल न० 13: बूथ न० 65 टेबिल न० 14: बूथ न० 66 टेबिल न० 15: बूथ न० 67 टेबिल न० 16: बूथ न० 68, 69 टेबिल न० 18: बूथ न० 70 टेबिल न० 19: बूथ न० 71 टेबिल न० 21: बूथ न० 72, 73, 7 टेबिल न० 22: बूथ न० 74, 75 टेबिल न० 24: बूथ न० 76 टेबिल न० 26: बूथ न० 77, 78 ग्राम पंचायतें शामिल: दिल्ला पटटी, धर्मपुर, पूरनपुर, नादेही, आसपुर, राजपुर, गढ़ीहुसैन, कलियावाला, कासमपुर। (नोट: यह सूची केवल कुछ प्रमुख राउंड और ग्राम पंचायतों का उदाहरण है। पूरी सूची में सभी 181 बूथों और संबंधित ग्राम पंचायतों का विस्तृत विवरण शामिल है, जो राउंड 7 तक जारी रहेगा, जिसमें मिस्सरवाला, बक्सौरा, गणेशपुर, करनपुर, बैतवाला, नवलपुर, किलावली, बैलजूड़ी जैसे गाँव भी शामिल होंगे।) प्रशासनिक मुस्तैदी: शांतिपूर्ण मतगणना सुनिश्चित करने पर जोर मतगणना दिवस पर किसी भी अप्रिय घटना से बचने और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। मतगणना स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ या अव्यवस्था को रोका जा सके। इसके साथ ही, मतगणना हॉल में प्रवेश के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं, जिसमें केवल अधिकृत व्यक्ति, जैसे प्रत्याशी, उनके एजेंट और चुनाव कर्मी ही प्रवेश कर सकेंगे। वरिष्ठ अधिकारी मतगणना प्रक्रिया की लगातार निगरानी करेंगे। मतगणना से पहले सभी मतगणना कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे नियमों के अनुसार और बिना किसी त्रुटि के अपना कार्य कर सकें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतपेटियों को स्ट्रांग रूम से मतगणना टेबल तक सुरक्षित लाया जाए और गिनती के बाद उन्हें पुनः सुरक्षित रखा जाए। लोकतंत्र के पर्व का अंतिम चरण मतगणना का दिन किसी भी चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण और रोमांचक चरण होता है। यह वह दिन होता है जब जनता के जनादेश का खुलासा होता है और नए जनप्रतिनिधि सामने आते हैं। जसपुर विकास खंड में जारी की गई यह टेबल-वार बूथ सूची, प्रशासन की पारदर्शिता और निष्पक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम न केवल मतगणना प्रक्रिया को सुचारु बनाएगा, बल्कि प्रत्याशियों और आम जनता के विश्वास को भी मजबूत करेगा कि उनके मतों की गिनती पूरी ईमानदारी और सटीकता से की जा रही है। अब सभी की निगाहें मतगणना दिवस पर टिकी हैं, जब जसपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के नए नेतृत्व का निर्धारण होगा। जनपद भर में भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 31 जुलाई को सुबह 4:00 बजे से मतगणना समाप्त होने तक जनपद के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इन प्रमुख स्थानों में शामिल हैं: सितारगंज: एस०एच० हॉस्पिटल (कोतवाली सितारगंज) और पुलभट्टा (थाना पुलभट्टा)। किच्छा: दरऊ चौक (थाना किच्छा) और लालपुर (थाना किच्छा)। पंतनगर: नगला तिराहा और हल्द्वानी मोड़ (थाना पंतनगर)। रुद्रपुर: बगवाड़ा मंडी कीरतपुर मोड़ (कोतवाली रुद्रपुर) और रामपुर बॉर्डर (कोतवाली रुद्रपुर)। दिनेशपुर: जाफरपुर मोड़ (थाना दिनेशपुर)। गदरपुर: महतोष मोड़ और मोतियापुर मोड़ (थाना गदरपुर)। बाजपुर: स्वार बॉर्डर दोराहा और बरहैनी (थाना बाजपुर)। आई०टी०आई०: लोहियापुल और पैगा (थाना आई०टी०आई०)। काशीपुर: प्रतापपुर चौकी (कोतवाली काशीपुर)। कुंडा: सूर्या बॉर्डर (थाना कुंडा)। जसपुर: धर्मपुर बॉर्डर और नादेही बॉर्डर (कोतवाली जसपुर)। यह व्यापक प्रतिबंध सुनिश्चित करेगा कि मतगणना स्थलों के आसपास किसी भी प्रकार का यातायात जाम न हो और सुरक्षा व्यवस्था में कोई व्यवधान न पड़े। आवश्यक सेवाओं को मिलेगी छूट हालांकि, इस प्रतिबंध से आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट दी गई है। दूध, गैस, फल, सब्जी और पेट्रोलियम पदार्थ ले जाने वाले वाहन सामान्य रूप से संचालित हो सकेंगे, ताकि दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित न हो। मतगणना स्थलवार यातायात व्यवस्थायें: विस्तृत विवरण जनपद के प्रत्येक मतगणना स्थल के लिए अलग से विस्तृत यातायात योजना बनाई गई है: 1. मतगणना स्थल वी०एस०वी० इंटर कॉलेज जसपुर: प्रतिबंध: कलियावाला कट से शिवराजपुर पट्टी के बीच सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। वैकल्पिक मार्ग: जसपुर से काशीपुर/कुंडा जाने वाले सभी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन कलियावाला कट से ब्लॉक रोड, कलियावाला गांव होते हुए हाईवे में निकलेंगे। इसी तरह, काशीपुर/कुंडा की ओर से जसपुर जाने वाले वाहन भी इसी रूट का प्रयोग करेंगे। पार्किंग: मतगणना में लगे कार्मिकों के वाहन वी०एस०वी० इंटर कॉलेज ग्राउंड में पार्क होंगे। प्रत्याशी, एजेंट और अन्य व्यक्तियों के वाहन पशुपति फैक्ट्री कट बैरियर से पीछे जसपुर की तरफ सड़क के दोनों ओर पार्क किए जाएंगे। नो-एंट्री: पशुपति फैक्ट्री कट बैरियर और नारायणपुर की ओर वाले बैरियर के आगे मतगणना ड्यूटी में नियुक्त कार्मिकों के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति का वाहन नहीं जाएगा। 2. मतगणना स्थल मंडी काशीपुर: प्रतिबंध: टांडा तिराहे से मंडी चौकी तक सभी प्रकार के भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। वैकल्पिक मार्ग: जसपुर/ठाकुरद्वारा से रामनगर जाने वाले वाहन मंडी चौक से बैलजूड़ी तिराहा होते हुए स्टेडियम तिराहा से रामनगर को जाएंगे। ठाकुरद्वारा एवं जसपुर जाने वाले वाहन स्टेडियम तिराहे से मानपुर रोड होते हुए बैलजूड़ी मोड़/मंडी चौकी/कुंडा को जाएंगे। पार्किंग: प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन मंडी परिसर काशीपुर में फल मंडी में, पुलिस कर्मी/मीडिया/प्रत्याशियों के वाहन अनाज मंडी में तथा निजी वाहन भी अनाज मंडी में पार्क किए जाएंगे। 3. मतगणना स्थल इंटर कॉलेज बाजपुर: प्रतिबंध: कस्बा बाजपुर में दोराहा, केशोवाला, नई सड़क बरहैनी व एसडीएम कोर्ट बाजपुर की ओर से आने वाले समस्त प्रकार के छोटे व बड़े माल वाहक वाहनों का प्रवेश पूर्णतः वर्जित रहेगा। ई-रिक्शा: रेलवे क्रॉसिंग बाजपुर से चीनी मिल रोड होते हुए मंडी तक और केशोवाला की तरफ से आने वाले ई-रिक्शा रामराज रोड से मंडी गेट व बेरिया रोड से आने वाले ई-रिक्शा बेरिया तिराहे तक आ-जा सकेंगे। पार्किंग: मतगणना ड्यूटीरत कार्मिकों के वाहनों की पार्किंग इंटर कॉलेज बाजपुर के पार्किंग ग्राउंड में होगी। समस्त प्रत्याशियों एवं अन्य लोगों के वाहनों की पार्किंग मंडी परिसर बाजपुर में होगी। 4. मतगणना स्थल मंडी गदरपुर: प्रतिबंध: दिनेशपुर मोड़ तथा महतोष तिराहे से मंडी की ओर कोई भारी वाहन नहीं जाएगा। एन०डी०आर०एफ० कट से मंडी, गदरपुर की तरफ भारी वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। पार्किंग: मतगणना ड्यूटी में नियुक्त समस्त अधिकारी/कर्मचारियों के वाहन मंडी परिसर में बने पार्किंग स्थल में खड़े किए जाएंगे। प्रत्याशियों एवं अन्य लोगों के वाहन मंडी परिसर के पास निर्धारित पार्किंग स्थल में पार्क किए जाएंगे। 5. मतगणना स्थल ए०एन० झा० इंटर कॉलेज रुद्रपुर: प्रतिबंध: रामपुर बॉर्डर से इंदिरा चौक तक भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। वैकल्पिक मार्ग: रुद्रपुर से रामपुर आने-जाने वाले भारी वाहन मेडिसिटी अस्पताल होकर सोबती होटल होते हुए रामपुर को जाएंगे तथा उसी रूट से वापस आएंगे। पार्किंग: मतगणना ड्यूटी में लगे समस्त कार्मिकों के वाहन आर०टी०ओ० परिसर में पार्क होंगे। प्रत्याशियों व जन सामान्य के वाहन ए०एन० झा० इंटर कॉलेज के सामने बड़े ग्राउंड में पार्क किए जाएंगे। नो-पार्किंग: मतगणना स्थल के पास सड़क के दोनों ओर कोई वाहन पार्क नहीं किए जाएंगे। 6. मतगणना स्थल मंडी सितारगंज: प्रतिबंध: आर०के० ढाबा से अमरिया चौक तक यातायात पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। वैकल्पिक मार्ग: सितारगंज से किच्छा को आने-जाने वाले वाहन एच०एस० चौराहे से होते हुए आर०के० ढाबा होकर किच्छा को जाएंगे तथा इसी रूट से वापस आएंगे। पार्king: मतगणना ड्यूटी में लगे समस्त कार्मिकों के वाहन मंडी परिसर में बने निर्धारित पार्किंग में खड़े किए जाएंगे। प्रत्याशियों व अन्य व्यक्तियों के वाहन आर०के० ढाबा एवं अमरिया चौक के बीच निर्धारित स्थान पर खड़े किए जाएंगे। नो-पार्किंग: मतगणना स्थल मंडी परिसर सितारगंज के उत्तरी एवं पश्चिमी दोनों गेटों के आस-पास सड़क के दोनों ओर कोई वाहन खड़े नहीं होंगे। 7. मतगणना स्थल मंडी खटीमा: पार्किंग: मतगणना ड्यूटी में लगे समस्त कार्मिकों एवं प्रत्याशियों व एजेंटों के वाहन मतगणना स्थल से दूर मंडी परिसर में निर्धारित स्थान पर पार्क किए जाएंगे। अन्य जन सामान्य के वाहन मंडी परिसर के बाहर पार्क होंगे। नो-पार्किंग: मतगणना स्थल के पास सड़क के दोनों ओर कोई वाहन पार्क नहीं किए जाएंगे। सुरक्षा और सुचारु संचालन प्राथमिकता यह विस्तृत ट्रैफिक प्लान 31 जुलाई 2025 को सुबह 4:00 बजे से मतगणना समाप्ति तक लागू रहेगा। जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है, ताकि ऊधमसिंहनगर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना प्रक्रिया बिना किसी बाधा के शांतिपूर्ण और सकुशल संपन्न हो सके। यह योजना न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि मतगणना में शामिल होने वाले सभी लोगों के लिए सुगम आवागमन भी सुनिश्चित करेगी।

ऊधमसिंहनगर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतगणना के लिए कड़ा ट्रैफिक प्लान जारी, 31 जुलाई को सुबह 4 बजे से भारी वाहनों पर प्रतिबंध

ऊधमसिंहनगर, 30 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – ट्रैफिक प्लान त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2025 की मतगणना को शांतिपूर्ण, निर्बाध और सकुशल संपन्न कराने के लिए ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। मतगणना दिवस, 31 जुलाई 2025 को किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए जनपद के 07 प्रमुख मतगणना स्थलों…

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