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रूद्रपुर, 19 जून, 2025( समय बोल रहा) - (आंगनबाड़ी कर्मियों ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती रेखा आर्या ने एपीजे अब्दुल कलाम कलेक्ट्रेट सभागार, रूद्रपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में वर्चुअली जुड़कर नव नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर कुल 45 आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और 218 आंगनबाड़ी सहायिकाओं को उनके नियुक्ति पत्र सौंपे गए, जिनके केंद्रों पर किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं पाई गई थी। इन नियुक्तियों से जिले में बाल विकास सेवाओं को नई गति मिलेगी और हजारों बच्चों व महिलाओं को सीधे लाभ पहुंचेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों की अहमियत: समाज के नींव का पत्थर आंगनबाड़ी केंद्र भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और दूरगामी कल्याणकारी योजनाओं की रीढ़ हैं। ये केंद्र सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय, खासकर गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के लिए एक आधारशिला का काम करते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती और सहायिकाएं जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, पोषण संबंधी परामर्श, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा, और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य करती हैं। बच्चों के लिए ये केंद्र उनके प्रारंभिक बचपन के विकास का पहला पायदान होते हैं, जहां उन्हें पोषण युक्त आहार, खेल-खेल में शिक्षा और सामाजिक विकास का अवसर मिलता है। महिलाओं के लिए ये पोषण संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और विभिन्न सरकारी लाभों का माध्यम बनते हैं। ऐसे में, इन केंद्रों पर रिक्त पदों का भरा जाना अत्यंत आवश्यक था ताकि सेवाओं की निरंतरता और गुणवत्ता बनी रहे। आज की नियुक्तियां रूद्रपुर जिले में इन आवश्यक सेवाओं को और सुदृढ़ करेंगी, जिससे समुदाय के सबसे कमजोर वर्गों को सीधा फायदा मिलेगा। वर्चुअल माध्यम से जुड़कर मंत्री ने दिया उत्साहवर्धन का संदेश नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए आयोजित किया गया, जिससे माननीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्या देहरादून से ही वर्चुअल माध्यम से रूद्रपुर के कार्यक्रम से जुड़ सकीं। उन्होंने नव चयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और सहायिकाओं को बधाई दी और उन्हें उनके भविष्य के कार्यों के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मंत्री जी ने अपने संबोधन में आंगनबाड़ी कर्मियों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला और उनसे ईमानदारी, समर्पण और सेवा भाव के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया। उनका यह वर्चुअल संवाद नई नियुक्त हुई कर्मियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और उनमें अपने कार्य के प्रति उत्साह भरा। रूद्रपुर में, मंत्री के निर्देशों के अनुरूप, स्थानीय विधायक प्रतिनिधि धीरेश गुप्ता ने सभागार में उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और सहायिकाओं को व्यक्तिगत रूप से नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस दौरान सभागार में खुशी और उत्साह का माहौल था, क्योंकि इन महिलाओं को अब समाज सेवा के एक महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिला है। चयन प्रक्रिया और सेवाओं में अपेक्षित सुधार ये 263 नियुक्तियां एक पारदर्शी और सख्त चयन प्रक्रिया के बाद की गई हैं। जिला प्रशासन ने उन केंद्रों को प्राथमिकता दी, जिन पर किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति या विवाद नहीं था, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में कोई देरी न हो। इन नई नियुक्तियों से जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में कर्मियों की कमी दूर होगी, जिससे सेवाओं की दक्षता और पहुंच बढ़ेगी। इन नई कर्मियों की तैनाती से निम्नलिखित क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है: पोषण स्तर में सुधार: बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं के बीच कुपोषण से निपटने के लिए पोषण अभियान के तहत बेहतर निगरानी और पूरक पोषण आहार का वितरण। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और बीमारियों से बचाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना। प्रारंभिक बचपन की शिक्षा: बच्चों के बौद्धिक और सामाजिक विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना। जागरूकता कार्यक्रम: स्वच्छता, परिवार नियोजन और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी: गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और सुरक्षित प्रसव के लिए मार्गदर्शन। यह नियुक्तियां केवल संख्यात्मक वृद्धि नहीं हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करती हैं कि रूद्रपुर जिले के हर कोने में, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में, सरकारी सेवाएं प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अधिकारीगण और भविष्य की कार्ययोजना इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में जिला प्रोबेशन अधिकारी और प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी व्योमा जैन की सक्रिय भूमिका रही। उनके साथ बाल विकास परियोजना अधिकारी सुश्री रेणु यादव, बिमल बाराकोटी, बीना भंडारी, इंद्रा बर्गली, शोभा जनोटी और समस्त जिला कार्यक्रम कार्मिक भी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने नव नियुक्त कर्मियों को बधाई दी और उन्हें उनके आने वाले कर्तव्यों के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया। यह समारोह रूद्रपुर जिले में महिला और बाल विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद है कि ये नई नियुक्तियां आंगनबाड़ी केंद्रों को और अधिक मजबूत करेंगी, जिससे 'स्वस्थ बच्चे, स्वस्थ माताएं और सशक्त महिलाएं' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। जिला प्रशासन ने भी संकेत दिया है कि भविष्य में भी ऐसी आवश्यकतानुसार नियुक्तियां की जाती रहेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई

रूद्रपुर में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय: 263 आंगनबाड़ी कर्मियों को मिले नियुक्ति पत्र, मंत्री रेखा आर्या ने वर्चुअली दी बधाई

रूद्रपुर, 19 जून, 2025( समय बोल रहा) – (आंगनबाड़ी कर्मियों ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती रेखा आर्या ने एपीजे अब्दुल कलाम कलेक्ट्रेट सभागार, रूद्रपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में…

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देहरादून, 19 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन अब इसकी ऐतिहासिक विरासत का एक विशाल और 'छिपा हुआ खजाना' भी सामने आया है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के वैज्ञानिकों ने 15 साल के गहन अध्ययन के बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 400 से ज़्यादा ऐतिहासिक किले और गढ़ों की खोज की है। यह चौंकाने वाला खुलासा राज्य के इतिहास और पारंपरिक संरचनाओं के बारे में हमारी समझ को पूरी तरह से बदल देगा। अब तक जहां लोगों को केवल 52 गढ़ और किले होने की जानकारी थी, वहीं यूसैक ने कुल 403 किलों की पुष्टि की है, जिनमें 235 गढ़ और 168 किले शामिल हैं। 15 साल का अध्ययन: यूसैक की ऐतिहासिक खोज उत्तराखंड अपनी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। परमार, कत्यूर, और चंद जैसे शक्तिशाली राजवंशों ने सदियों तक इस क्षेत्र पर शासन किया और इसके इतिहास को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाई। इन राजवंशों ने अपनी सुरक्षा और शासन व्यवस्था के लिए गढ़ों और किलों का निर्माण किया था। राज्य की इसी अनमोल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को जानने और संरक्षित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) ने एक महत्वाकांक्षी अध्ययन परियोजना हाथ में ली। यूसैक के वैज्ञानिकों ने 2008 से 2023 तक पूरे 15 वर्षों तक राज्य के सभी जिलों में व्यापक सर्वे किया। इस दौरान, उन्होंने अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और जमीनी सर्वेक्षण दोनों का उपयोग करते हुए ऐतिहासिक स्थलों की पहचान की और उनका गहन अध्ययन किया। इस विस्तृत शोध के परिणामस्वरूप, यूसैक ने कुल 403 गढ़ों और किलों की पुष्टि की है। यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक आम जनता और कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स में उत्तराखंड में बमुश्किल 52 गढ़ और किले होने की ही जानकारी थी। इस नई खोज ने राज्य की सैन्य वास्तुकला और सामरिक इतिहास की एक बिल्कुल नई तस्वीर पेश की है। खोजे गए इन 403 संरचनाओं में 235 गढ़ (Garrisons) और 168 किले (Forts) शामिल हैं, जो राज्य के विभिन्न भूभागों में फैले हुए हैं। पौड़ी में सर्वाधिक किले: सामरिक महत्व का प्रमाण यूसैक द्वारा किए गए अध्ययन में एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया है कि पौड़ी जिले में सर्वाधिक 108 किले दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके कई महत्वपूर्ण कारण हैं। प्रमुख कारणों में से एक यह है कि पौड़ी जिले में स्थित श्रीनगर, गढ़वाल राजवंश की राजधानी हुआ करती थी। राजधानी होने के नाते, इसकी सुरक्षा के लिए आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किलों और गढ़ों का निर्माण स्वाभाविक था। इसके अलावा, पौड़ी जिला भौगोलिक रूप से कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र की सीमा पर स्थित है। यह एक सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान था, जहां दोनों क्षेत्रों के राजवंशों के बीच अक्सर संघर्ष होते रहते थे। अपनी सीमाओं की रक्षा और नियंत्रण बनाए रखने के लिए, विभिन्न शासकों ने पौड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किलेबंद संरचनाएं बनवाईं। पौड़ी में सर्वाधिक किले होने के पीछे यही मुख्य सामरिक और ऐतिहासिक कारण बताए जा रहे हैं, जो इस जिले को उत्तराखंड के किलेबंद इतिहास का केंद्र बिंदु बनाता है। अन्य जिलों में भी मौजूद हैं गढ़ और किले: एक विस्तृत सूची यूसैक के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन ने राज्य के अन्य जिलों में भी मौजूद गढ़ों और किलों की विस्तृत जानकारी प्रदान की है। यह जानकारी उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में फैली ऐतिहासिक वास्तुकला की विविधता को दर्शाती है: अल्मोड़ा: आठ गढ़ और 29 किले बागेश्वर: एक गढ़ और 11 किले चमोली: 15 गढ़ और पांच किले चम्पावत: 17 किले देहरादून: 19 गढ़ हरिद्वार: चार गढ़ नैनीताल: 18 किले रुद्रप्रयाग: 19 गढ़ और तीन किले उत्तरकाशी: 18 गढ़ और छह किले ऊधमसिंह नगर: एक किला यह भी रोचक है कि इस अध्ययन में कुछ गढ़ों की स्थिति राज्य की सीमाओं से भी जुड़ी हुई पाई गई है। तीन गढ़ हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित हैं, जबकि दो गढ़ उत्तर प्रदेश की सीमा में भी पाए गए हैं। यह तथ्य इन ऐतिहासिक संरचनाओं के क्षेत्रीय महत्व और राज्यों के बीच प्राचीन काल में रहे संबंधों को दर्शाता है। विरासत संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा: आगे की राह इस खोज का उत्तराखंड के पर्यटन और विरासत संरक्षण पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। ये 403 ऐतिहासिक किले और गढ़ राज्य के पर्यटन मानचित्र पर नए आकर्षण जोड़ सकते हैं। इनके उचित संरक्षण और विकास से न केवल इतिहास प्रेमियों और शोधकर्ताओं को आकर्षित किया जा सकेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। इन स्थलों का दस्तावेजीकरण और सार्वजनिक प्रदर्शन उत्तराखंड की समृद्ध ऐतिहासिक पहचान को दुनिया के सामने लाने में मदद करेगा। यूसैक की यह खोज वास्तव में उत्तराखंड के लिए एक 'छिपा हुआ खजाना' है, जिसे अब दुनिया देख सकती है और उसकी समृद्ध विरासत को समझ सकती है।

उत्तराखंड का ‘छिपा खजाना’ सामने आया! स्पेस सेंटर ने खोजे 400 से ज़्यादा ऐतिहासिक किले और गढ़, जानिए आपके ज़िले में कितने!

देहरादून, 19 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन अब इसकी ऐतिहासिक विरासत का एक विशाल और ‘छिपा हुआ खजाना’ भी सामने आया है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के वैज्ञानिकों ने 15 साल के गहन अध्ययन के बाद राज्य…

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हरिद्वार, 16 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देश के अन्नदाताओं के भविष्य और उनके सशक्तिकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल आज हरिद्वार में शुरू हो गई है। लाल कोठी परिसर में एक भव्य तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर का शुभारंभ हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों के अधिकारों, उनकी ज्वलंत समस्याओं और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पर गहन मंथन करना है। 16 से 18 जून तक चलने वाले इस शिविर में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए किसान प्रतिनिधि, पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं, जिससे यह आयोजन किसानों के हितों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। राष्ट्रीय चिंतन शिविर का उद्देश्य और भव्य शुरुआत यह राष्ट्रीय चिंतन शिविर ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब देश का कृषि क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), सिंचाई, फसल बीमा, बाजार पहुंच और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए, इस तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है ताकि इन मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जा सके और ठोस समाधान सुझाए जा सकें। आज सुबह शिविर का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसमें देशभर से आए हजारों किसानों और किसान नेताओं की उपस्थिति ने माहौल को जीवंत बना दिया। शिविर स्थल पर किसानों की भारी भीड़ उत्साह और एकजुटता का प्रदर्शन कर रही थी। आयोजकों ने बताया कि इस चिंतन शिविर से निकलने वाले सुझावों और प्रस्तावों को जल्द ही नीति-निर्माताओं तक पहुंचाया जाएगा, ताकि उन्हें सरकारी नीतियों में शामिल किया जा सके और किसानों के जीवन में वास्तविक बदलाव आ सके। यह शिविर केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि किसानों की आवाज़ को बुलंद करने का एक शक्तिशाली माध्यम बनने वाला है। राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह का गर्मजोशी से स्वागत और प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति कार्यक्रम में राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह के पहुंचने पर किसानों और पदाधिकारियों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ढोल-नगाड़ों और किसानों के नारों के साथ उनका अभिनंदन किया गया, जिससे शिविर स्थल पर एक ऊर्जावान माहौल बन गया। युद्धवीर सिंह देश के किसान आंदोलनों में एक जाना-माना चेहरा हैं और उनकी उपस्थिति ने किसानों में नया जोश भर दिया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर देश भर से कई प्रमुख किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं: प्रेम सिंह सहोता, दर्शन सिंह दियोल, बलविंदर सिंह लाड़ी, शेर सिंह, सुखविंदर सिंह पोला, दीदार सिंह, शीतल सिंह, जसवीर सिंह, गुलाब सिंह, हरजिंदर सिंह, पवन सिंह, श्याम अरोड़ा, अर्पित राठी, कमल कुमार, जागीर सिंह, प्रभजोत सिंह, विक्रम सिंह गोराया, बलदेव सिंह, किसन सिंह, और विक्की रंधावा। इन सभी नेताओं की उपस्थिति ने शिविर को एक राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया है और यह दर्शाता है कि किसानों के मुद्दे पर देश के कोने-कोने से प्रतिनिधि एक साथ आए हैं। हजारों किसानों की उपस्थिति और विभिन्न सत्रों में होने वाला व्यापक विचार-विमर्श इस शिविर को निश्चित रूप से ऐतिहासिक बना रहा है। जनसेवा और एकता का संदेश: तीनों दिन चलेगी लंगर व्यवस्था इस राष्ट्रीय चिंतन शिविर की एक और खास बात यह है कि इसमें आने वाले सभी प्रतिभागियों और श्रद्धालुओं के लिए तीनों दिन लंगर की भव्य व्यवस्था की गई है। लंगर, जो सिख धर्म की एक पवित्र परंपरा है, निःस्वार्थ सेवा और समानता का प्रतीक है। इस व्यवस्था के माध्यम से, आयोजकों ने न केवल हजारों लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया है, बल्कि जनसेवा और एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है। लंगर में सभी लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, जो सामाजिक समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। यह परंपरा यह भी दर्शाती है कि किसान समुदाय न केवल अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है, बल्कि सेवा भाव में भी अग्रणी है। लंगर की व्यवस्था यह भी सुनिश्चित करती है कि देश के दूर-दराज के इलाकों से आए किसानों को भोजन को लेकर किसी तरह की चिंता न करनी पड़े, जिससे वे पूरी तरह से विचार-विमर्श पर ध्यान केंद्रित कर सकें। यह पहल निश्चित रूप से इस शिविर को एक सामाजिक और मानवीय आयाम भी प्रदान करती है, जो केवल राजनीतिक या आर्थिक चर्चा तक सीमित नहीं है। आगे की राह: सुझावों को नीति-निर्माताओं तक पहुंचाना आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि यह तीन दिवसीय चिंतन शिविर केवल विचारों के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें होने वाले विचार-विमर्श और मंथन के बाद जो भी सुझाव, प्रस्ताव और रोडमैप तैयार होंगे, उन्हें एक ठोस दस्तावेज़ के रूप में संकलित किया जाएगा। इस दस्तावेज़ को जल्द ही देश के नीति-निर्माताओं, संबंधित मंत्रालयों और सरकार के उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। लक्ष्य यह है कि किसानों द्वारा उठाई गई आवाज को सुना जाए और उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सके। यह शिविर किसानों को एक मंच प्रदान करता है जहाँ वे अपनी समस्याओं को खुलकर रख सकते हैं और उनके लिए सामूहिक रूप से समाधान ढूंढ सकते हैं। उम्मीद है कि यह राष्ट्रीय चिंतन शिविर भारतीय कृषि और किसानों के भविष्य के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा और सरकार को ऐ

हरिद्वार में किसानों का महामंथन शुरू! लाल कोठी में 3 दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर का भव्य आगाज, देशभर से उमड़े किसान नेता

हरिद्वार, 16 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देश के अन्नदाताओं के भविष्य और उनके सशक्तिकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल आज हरिद्वार में शुरू हो गई है। लाल कोठी परिसर में एक भव्य तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर का शुभारंभ हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों के अधिकारों, उनकी ज्वलंत समस्याओं और…

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काशीपुर, 16 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह सोमवार को एक व्यस्त और बहुआयामी दौरे पर रहे। उन्होंने सुबह गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में मत्था टेककर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की, वहीं बाद में ऊधमसिंह नगर जिले (जिसमें काशीपुर भी आता है) में अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। राज्यपाल के इस दौरे ने धर्म और जनसेवा के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में आध्यात्मिकता का अनुभव: "बाबा नानक की छवि हर चेहरे पर" सोमवार की शुरुआत राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और उनके परिवार के लिए अत्यंत आध्यात्मिक रही। उन्होंने उत्तराखंड में स्थित गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब के दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें बाबा नानक के आदेश से ही गुरुद्वारा ननकाना साहिब के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने भावुक होकर कहा, "मुझे यहां हर बंदे के चेहरे पर बाबा नानक की छवि दिखाई दी।" यह दर्शाता है कि गुरुद्वारे का वातावरण और वहां के लोगों की सेवा भावना उन्हें कितनी गहराई से प्रभावित कर गई। राज्यपाल ने गुरुद्वारा परिसर के सरोवर के भी दर्शन किए और वहां के आध्यात्मिक वातावरण, सेवा भावना और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे में जो "पारिवारिक प्रेम" मिला, वह अनुपम है। यह प्रेम, एकता और समर्पण की सच्ची भावना को परिलक्षित करता है, जो गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का मूल है। राज्यपाल ने विशेष रूप से गुरु नानक देव जी के पहले संदेश "एक ओंकार" का उल्लेख किया, जो एकता और परिवार की भावना को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु नानक देव जी द्वारा दिया गया 14 शब्दों का मूल मंत्र संपूर्ण ब्रह्मांड को परिभाषित करता है। राज्यपाल ने बताया कि यहां आकर उन्हें एक अलग ही आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्यता का अनुभव हुआ। उन्होंने बाबा नानक की शिक्षाओं - सादगी, नम्रता, मासूमियत और करुणा - को यहां की सेवा में स्पष्ट रूप से देखा। राज्यपाल ने इस अवसर पर बाबा सुरेंद्र सिंह का भी विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा सुरेंद्र सिंह ने गुरुद्वारा साहब को एक ऐसे सेवा स्थल में परिवर्तित कर दिया है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा और शिक्षा की धारा निरंतर प्रवाहित होती है। राज्यपाल ने विशेष रूप से बेटियों और बच्चों के लिए किए जा रहे शैक्षिक प्रयासों को "सराहनीय" और "समाज के लिए प्रेरणा स्रोत" बताया। इस दौरान विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, बाबा सुरेन्द्र सिंह, बाबा गुरजंत सिंह, बाबा हरि सिंह, बाबा लाखन सिंह, गुरविंदर सिंह चंडोक, दिलप्रीत सेठी व खालसा फांउडेशन के कार्यकर्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। ऊधमसिंह नगर (काशीपुर) में विकास कार्यों की समीक्षा: अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश आध्यात्मिक यात्रा के बाद, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने प्रशासनिक मोर्चे पर सक्रियता दिखाते हुए ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। यह बैठक सोमवार को मंडी गेस्ट हाउस में आयोजित की गई। राज्यपाल ने रुद्रपुर में लिगेसी वेस्ट निस्तारण (पुराने कचरे का प्रबंधन) कार्य की सराहना की, जो जिला प्रशासन के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने जिला विकास अधिकारी (सीडीओ) को पांच प्रमुख सरकारी योजनाओं की सफलता की कहानियाँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी 'फ्लैगशिप योजनाओं' (सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाएं) के क्रियान्वयन का लिखित विवरण भी मांगा। यह दर्शाता है कि राज्यपाल योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन और उनके वास्तविक प्रभाव को लेकर गंभीर हैं। बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने राज्यपाल को जिले में चल रहे विकास कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऊधमसिंह नगर जिला बीस सूत्रीय कार्यक्रम में गत वित्तीय वर्ष में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है। इस उपलब्धि पर राज्यपाल ने जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई दी। जिलाधिकारी ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में 94 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है, और शेष 6 प्रतिशत कार्य अंतिम चरण में है। यह भी बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में जल संयोजन का कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे बच्चों और कार्यकर्ताओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। जनपद में गिर रहे भू-जल स्तर की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए, जिलाधिकारी ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, जनपद में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को चिह्नित कर उसे हटाने का अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है। ड्रग्स और साइबर अपराध के खिलाफ भी पुलिस और प्रशासन मिलकर अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण कार्रवाईयां की गई हैं। उन्होंने महिला समूहों को मजबूत करने और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के प्रयासों की भी जानकारी दी। बताया गया कि महिला समूहों को जनपद, प्रदेश और देश के विभिन्न मेलों के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इस बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, सीडीओ मनीष कुमार, एसपी क्राइम निहारि

राज्यपाल गुरमीत सिंह का काशीपुर दौरा: ननकाना साहिब में मांगी सुख-शांति, ऊधमसिंह नगर में विकास का हिसाब

काशीपुर, 16 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह सोमवार को एक व्यस्त और बहुआयामी दौरे पर रहे। उन्होंने सुबह गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में मत्था टेककर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की, वहीं बाद में ऊधमसिंह नगर जिले (जिसमें काशीपुर भी आता है) में…

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रुद्रप्रयाग, 15 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देवभूमि उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास रविवार को एक हृदय विदारक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उसमें सवार सात लोगों की दुखद मौत हो गई। यह हादसा उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जिसने तीर्थयात्रियों और प्रशासन दोनों की चिंता बढ़ा दी है। इस दर्दनाक घटना में पायलट सहित 6 श्रद्धालु, जिनमें एक 23 महीने का बच्चा भी शामिल था, ने अपनी जान गंवा दी। सुबह-सुबह हुआ हादसा: 'आर्यन एविएशन' का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हुई। 'आर्यन एविएशन' नामक निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद गौरीकुंड के घने जंगलों के ऊपर अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना इतनी भीषण थी कि हेलीकॉप्टर से आग की लपटें उठती देखी जा सकती थीं, जिसका एक वीडियो स्थानीय लोगों को प्राप्त हुआ है और वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दुर्घटनास्थल से उठता घना काला धुआं और आग की भयावहता साफ देखी जा सकती है, जो हादसे की गंभीरता को बयान करता है। नंदन सिंह रजवार के अनुसार, शुरुआती जांच में खराब मौसम और कम दृश्यता को इस हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम अचानक बदल जाता है और घने कोहरे या बादलों के कारण दृश्यता शून्य हो सकती है, जिससे विमानों का संचालन बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। मृतकों की पहचान: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु शामिल रुद्रप्रयाग जिले की पुलिस ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी सात लोगों की पहचान की पुष्टि की है। मृतकों में महाराष्ट्र निवासी राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल (35) और उनकी बेटी काशी (23 माह) शामिल हैं। यह परिवार बाबा केदार के दर्शन कर वापस लौट रहा था जब वे इस हादसे का शिकार हो गए। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश निवासी विनोद देवी (66) और तुसथी सिंह (19) भी इस दुर्घटना में मारे गए। उत्तराखंड केदारनाथ निवासी विक्रम तथा हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान ने भी अपनी जान गंवाई। इन सभी के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है और तीर्थ यात्रा पर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। तत्काल राहत एवं बचाव कार्य: एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और संबंधित एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन विकास अधिकारी और हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर से संपर्क टूटने के तुरंत बाद उसकी खोजबीन शुरू कर दी गई थी, जिसके बाद दुर्घटनास्थल का पता चला। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), पुलिस और अन्य स्थानीय एजेंसियां तुरंत मौके पर पहुंचीं। स्थानीय लोगों के सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए गए। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र और दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे के कारण बचाव कार्यों में शुरुआती चुनौती आई, लेकिन टीमों ने अपनी पूरी क्षमता से काम करते हुए मृतकों के शवों को निकालने का प्रयास किया। यह स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की त्वरित प्रतिक्रिया को दर्शाता है, जो ऐसे आपातकालीन स्थितियों में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित हैं। लगातार हो रही दुर्घटनाएं: सुरक्षा पर गंभीर सवाल केदारनाथ के पास हुई यह दुर्घटना उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है।5 यह आंकड़ा हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और पहाड़ी इलाकों में उनके संचालन की चुनौतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। 8 मई को उत्तरकाशी जिले में: गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। 7 जून को केदारनाथ जा रहा एक हेलीकॉप्टर: उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी के कारण सड़क पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी।6 इस घटना में पायलट को चोटें आई थीं, लेकिन उसमें सवार पांच श्रद्धालु सुरक्षित बच गए थे। इन लगातार हो रही घटनाओं ने तीर्थयात्रियों के मन में हेलीकॉप्टर यात्रा को लेकर भय पैदा कर दिया है। प्रशासन और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों की गहन जांच करनी होगी और हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इसमें मौसम की निगरानी, पायलटों का अनुभव, हेलीकॉप्टरों का रखरखाव और आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन जैसी चीजें शामिल हैं। मुख्यमंत्री का दुख व्यक्त और आगे की जांच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और उन्होंने राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। यह घटना निश्चित रूप से एक विस्तृत जांच का विषय है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अन्य संबंधित नियामक प्राधिकरण इस दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच शुरू करेंगे। इस जांच में ब्लैक बॉक्स डेटा, पायलट-एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्डिंग, हेलीकॉप्टर का रखरखाव रिकॉर्ड और मौसम संबंधी जानकारी का गहन विश्लेषण किया जाएगा। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें।

केदारनाथ में भीषण हेलीकॉप्टर दुर्घटना: 2 माह में 5वीं घटना, 7 की मौत; जानें कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा!

रुद्रप्रयाग, 15 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास रविवार को एक हृदय विदारक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उसमें सवार सात लोगों की दुखद मौत हो गई। यह हादसा उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग पर 40 दिनों से भी कम समय में हुई पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जिसने तीर्थयात्रियों…

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कुंडेश्वरी, 17 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। कुंडेश्वरी चौकी क्षेत्र के गढ़वाल कॉलोनी, जैतपुर मोड़ के पास पुलिस ने बुधवार रात मुखबिर की सूचना पर पंचायत चुनाव के लिए लाई जा रही 10 पेटी अवैध शराब के साथ तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए की जा रही अवैध गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर को दर्शाती है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बिछाया जाल कुंडेश्वरी चौकी पुलिस को बुधवार की रात एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली थी कि गढ़वाल कॉलोनी, जैतपुर मोड़ के पास तीन युवक एक कार में अवैध रूप से विदेशी शराब ले जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आगामी पंचायत चुनावों में किया जाना है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई का निर्णय लिया। सूचना पर चौकी प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम तुरंत जैतपुर मोड़ के पास सक्रिय हो गई और वाहनों की सघन चेकिंग शुरू कर दी। कुछ ही देर बाद, संदिग्ध बताई गई कार मौके पर पहुंची, जिसे पुलिस टीम ने रोक लिया। कार में तीन युवक सवार थे, जिनसे पुलिस ने पूछताछ की। 10 पेटी अवैध शराब जब्त, कोई कागजात नहीं दिखा पाए आरोपी पुलिस टीम ने जब कार की तलाशी ली, तो तो उसमें से 10 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई। यह शराब बिना किसी वैध परमिट या कागजात के लाई जा रही थी। पुलिस ने जब कार सवार तीनों युवकों से शराब से संबंधित दस्तावेज मांगे, तो वे कोई भी वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर, पुलिस टीम ने मौके से ही तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही, अवैध शराब के परिवहन में इस्तेमाल की जा रही कार को भी आबकारी अधिनियम के तहत जब्त कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान आदर्श गुरंग पुत्र रवि गुरंग (निवासी वैशाली कॉलोनी), अंकित ठाकुर पुत्र ओमप्रकाश ठाकुर (निवासी आवास विकास), और रविंद्र पाल पुत्र बाबूराम (निवासी सरवरखेड़ा, थाना कुंडा) के रूप में हुई है। पंचायत चुनाव में बांटने की थी योजना: पुलिस पूछताछ में कबूला कुंडेश्वरी चौकी के एसएसआई अनिल जोशी ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे यह अवैध शराब पंचायत चुनाव में बांटने के लिए लाए थे। यह खुलासा बेहद गंभीर है, क्योंकि यह सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने के प्रयास की ओर इशारा करता है। एसएसआई जोशी ने यह भी बताया कि पुलिस अब इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि यह शराब किसके लिए लाई जा रही थी और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या कोई बड़ा नेटवर्क या कोई प्रभावशाली व्यक्ति इस अवैध शराब की तस्करी और वितरण में संलिप्त है। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम पंचायत चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे निचली इकाई होते हैं, और इनमें अवैध शराब या पैसे का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने का एक आम हथकंडा रहा है। कुंडेश्वरी पुलिस की यह कार्रवाई आगामी पंचायत चुनावों को निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अपराधियों और ऐसे तत्वों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि पुलिस चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। फिलहाल, पुलिस आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की आगे की जांच कर रही है। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर इस रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि चुनावों में शराब के अवैध इस्तेमाल पर पूरी तरह से नकेल कसी जा सके।

काशीपुर में अवैध शराब पर पुलिस का डंडा! 15 लीटर कच्ची शराब के साथ एक गिरफ्तार, ऐसे हुआ खुलासा!

काशीपुर, 14 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसी कड़ी में, कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 लीटर कच्ची शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी को मालवा फार्म रोड पर एक खंडहरनुमा…

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रुद्रपुर, 13 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड को 'नशा मुक्त' बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, सितारगंज में 'नशा मुक्त भारत अभियान' और 'ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025' के तहत एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के कड़े निर्देशों के क्रम में, चौमेला स्थित सितारगंज में आयोजित इस अभियान में बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस सामाजिक बुराई से लड़ने के लिए सशक्त बनाना था। यह अभियान उत्तराखंड सरकार के 2025 तक राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अभियान का लक्ष्य: 'ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025' उत्तराखंड सरकार ने 'ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025' की शुरुआत की है, जिसका स्पष्ट लक्ष्य आगामी वर्ष 2025 तक पूरे राज्य को नशा मुक्त बनाना है। यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण, लेकिन आवश्यक लक्ष्य है, क्योंकि नशा समाज के हर वर्ग, विशेषकर युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इस मिशन में राज्य पुलिस की अहम भूमिका है, जो नशा तस्करों पर नकेल कसने, नशे की लत से ग्रसित लोगों को मुख्यधारा में लाने और इस गंभीर सामाजिक समस्या से निपटने के लिए विभिन्न प्रयासों को क्रियान्वित कर रही है। पुलिस विभाग लगातार छापेमारी, जागरूकता कार्यक्रमों और पुनर्वास प्रयासों के माध्यम से इस अभियान को सफल बनाने में जुटा है। जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन ने बताया कि चौमेला, सितारगंज में आयोजित जागरूकता अभियान में चाइल्ड हेल्पलाइन से केंद्र समन्वयक चांदनी रावत और गोविंद सिंह पांगती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उपस्थित महिलाओं, बच्चों और अन्य सभी लोगों को नशा मुक्ति और ड्रग्स से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि नशा व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जीवन को किस तरह पूरी तरह से तबाह कर देता है। नशे की लत न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि परिवारों को तोड़ती है और समाज में अपराधों को भी बढ़ावा देती है। बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा: हेल्पलाइन और कानूनी प्रावधानों की जानकारी जागरूकता अभियान के दौरान नशा मुक्ति के साथ-साथ बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की गईं। चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रतिनिधियों ने विस्तार से बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 बच्चों की मदद के लिए कैसे काम करता है। किसी भी बच्चे को संकट में देखने पर या उसके साथ हो रहे दुर्व्यवहार की सूचना देने के लिए इस नंबर का उपयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में पोक्सो एक्ट (POCSO Act), बाल श्रम, बाल विवाह जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया। लोगों को इन कानूनों के प्रावधानों और उनसे संबंधित अपराधों के बारे में जागरूक किया गया, ताकि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सकें। पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 की भी जानकारी दी गई, जिसे आपात स्थिति में किसी भी तरह की पुलिस सहायता के लिए डायल किया जा सकता है। इन जानकारियों का उद्देश्य बच्चों और महिलाओं को शोषण और हिंसा से बचाना और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करना था। सामुदायिक भागीदारी: सोशल वर्कर और आंगनवाड़ी कर्मियों का योगदान इस जागरूकता अभियान को सफल बनाने में स्थानीय समुदाय की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण रही। चौमेला गांव की सोशल वर्कर पुष्पा पानू और आंगनवाड़ी सहायिका बबली ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी उपस्थित थे, जिन्होंने अभियान को अपना समर्थन दिया। स्थानीय सोशल वर्कर और आंगनवाड़ी कर्मियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी बनाया, क्योंकि वे सीधे समुदाय से जुड़े हुए हैं और लोगों के बीच विश्वास पैदा करने में सक्षम हैं। उनकी भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और वे नशे के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका समझ सकें। ऐसे अभियानों की सफलता के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी भी बेहद आवश्यक होती है। यह दिखाता है कि जब समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आते हैं, तो किसी भी सामाजिक बुराई से निपटना संभव हो जाता है। लगातार निरीक्षण और भविष्य की रणनीति जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के निर्देशानुसार, यह केवल एक शुरुआती कदम है। जनपद में नशा मुक्त भारत अभियान और ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन के अंतर्गत ऐसे जागरूकता कार्यक्रम और नशे के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। पुलिस और प्रशासन का लक्ष्य है कि नशा तस्करों के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए और युवाओं को नशे की गिरफ्त में आने से बचाया जाए। इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान एक स्वस्थ, सुरक्षित और नशा मुक्त उत्तराखंड के नि

रुद्रपुर में ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ अभियान: चौमेला में चला जागरूकता कार्यक्रम, नशे के खिलाफ पुलिस और प्रशासन सख्त!

रुद्रपुर, 13 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड को ‘नशा मुक्त’ बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, सितारगंज में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ और ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025′ के तहत एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के कड़े निर्देशों के क्रम में, चौमेला स्थित सितारगंज में आयोजित इस…

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रुद्रपुर, 12 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - (आंगनबाड़ी केंद्र 5 दिन के लिए बंद) उत्तराखंड में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी के मद्देनजर, उधम सिंह नगर जिले के बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड शासन के निर्देशों और जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद, जिले भर के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में 13 जून 2025 से 17 जून 2025 तक कुल 5 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है। यह फैसला बच्चों को चिलचिलाती धूप और लू से बचाने के लिए लिया गया है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिल सके। भीषण गर्मी का प्रभाव और बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता उत्तराखंड के मैदानी और तराई क्षेत्रों में जून के महीने में तापमान लगातार बढ़ रहा है। सूरज की तपिश और लू के थपेड़े लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में छोटे बच्चों, खासकर आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका सीधा और गंभीर असर पड़ सकता है। छोटे बच्चे गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और उनमें डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसी चिंता को देखते हुए, उधम सिंह नगर जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। प्रशासन का मानना है कि बच्चों को इतनी भीषण गर्मी में घर से आंगनबाड़ी केंद्र तक लाना और फिर दिन भर वहां रखना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है। यह निर्णय स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। आदेश का विवरण: कौन प्रभावित होगा और कौन नहीं? जिला कार्यक्रम अधिकारी व्योमा जैन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह अवकाश 13 जून 2025 (शुक्रवार) से शुरू होकर 17 जून 2025 (मंगलवार) तक चलेगा। इस दौरान जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद रहेंगे। यह आदेश सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायक कर्मियों पर लागू होगा, जिसका अर्थ है कि वे भी इन पांच दिनों के लिए अवकाश पर रहेंगे। हालांकि, आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अवकाश के दौरान विभागीय कार्य पहले की तरह चलते रहेंगे। इसका मतलब है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायक कर्मी बच्चों से संबंधित सीधे सेवाओं (जैसे शिक्षण या पोषण कार्यक्रम का प्रत्यक्ष संचालन) से दूर रहेंगे, लेकिन उन्हें अपने प्रशासनिक या अन्य गैर-प्रत्यक्ष विभागीय कार्यों को जारी रखना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि अवकाश के कारण महत्वपूर्ण प्रशासनिक गतिविधियां बाधित न हों। यह फैसला बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है, जबकि यह भी ध्यान रखा गया है कि आंगनबाड़ी विभाग का दैनिक संचालन प्रभावित न हो। जिलाधिकारी का अनुमोदन और शासन के निर्देश यह महत्वपूर्ण निर्णय उत्तराखंड शासन द्वारा जारी निर्देशों और जिला अधिकारी (उधम सिंह नगर) के अनुमोदन के बाद ही लिया गया है। यह दर्शाता है कि यह एक सुनियोजित और उच्च स्तरीय निर्णय है, जो केवल एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्यव्यापी निर्देशों का पालन है। जिलाधिकारी के अनुमोदन के बिना ऐसे महत्वपूर्ण अवकाश की घोषणा संभव नहीं होती। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पूरे देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और विभिन्न राज्यों में स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां घोषित की जा रही हैं। उधम सिंह नगर जिले में भी लगातार बढ़ रहा तापमान बच्चों के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा था, जिसे देखते हुए यह अवकाश बेहद आवश्यक माना जा रहा था। इस घोषणा से न केवल बच्चों को राहत मिलेगी, बल्कि उनके माता-पिता और अभिभावक भी निश्चिंत हो सकेंगे कि उनके बच्चे सुरक्षित रहेंगे। यह जिला प्रशासन की संवेदनशीलता और जनहितैषी नीतियों का एक उदाहरण है।

उत्तराखंड में गर्मी का कहर! उधम सिंह नगर के सभी आंगनबाड़ी केंद्र 5 दिन के लिए बंद, बच्चों को मिली राहत

रुद्रपुर, 12 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – (आंगनबाड़ी केंद्र 5 दिन के लिए बंद) उत्तराखंड में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी के मद्देनजर, उधम सिंह नगर जिले के बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड शासन…

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नैनीताल, 12 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में बाबा नीब करौरी महाराज के स्थापना दिवस (15 जून) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस साल यह पावन दिन रविवार को पड़ने के कारण श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ जुटने की उम्मीद है। अनुमान है कि करीब तीन लाख श्रद्धालु इस बार कैंची धाम पहुंचेंगे, जिसके चलते भवाली से कैंची धाम तक के सभी होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे पूरी तरह से पैक हो चुके हैं। प्रशासन और मंदिर समिति ने भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, जिसमें विशेष शटल सेवा और पार्किंग व्यवस्था भी शामिल है। आस्था का सैलाब: होटल और गेस्ट हाउस हुए 'फुल', हल्द्वानी तक पहुंचे श्रद्धालु कैंची धाम के स्थापना दिवस के लिए भक्तों का उत्साह चरम पर है। 15 जून के लिए श्रद्धालुओं ने कई हफ्तों पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसका असर यह हुआ है कि भवाली से कैंची धाम तक के सभी होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे में एडवांस बुकिंग हो चुकी है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद कपिल ने बताया कि नगर व आसपास के 100 से अधिक होटल 15 जून तक पूरी तरह से बुक हो चुके हैं, और स्थिति यह है कि कई श्रद्धालुओं को अब हल्द्वानी के होटलों में रुकना पड़ रहा है। यह दर्शाता है कि बाबा नीब करौरी के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था कितनी गहरी है। बुधवार को भी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं, जो आने वाले दिनों में और बढ़ने का संकेत है। मंदिर समिति ने मालपुए बनाने का काम भी बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया है, जो इस उत्सव का एक अभिन्न अंग है। धाम के पास की सड़क पर श्रद्धालुओं की कतार के लिए विशेष रूप से मैट बिछाई जा रही हैं ताकि उन्हें खड़े रहने में सुविधा हो। परिवहन विभाग की खास तैयारी: कैंची धाम के लिए शटल सेवा शुरू श्रद्धालुओं को मेले में शामिल होने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए परिवहन विभाग ने विशेष इंतजाम किए हैं। आरटीओ (प्रवर्तन) गुरुदेव सिंह ने बताया कि 14 जून से कैंची मंदिर के लिए सुबह 5 बजे से शटल सेवा शुरू कर दी जाएगी। यह सेवा 15 जून की रात तक, सभी श्रद्धालुओं को वापस भवाली और अन्य पार्किंग स्थलों तक सुरक्षित पहुंचाने तक संचालित रहेगी। शटल सेवा में जाने वाले यात्रियों से सरकार की ओर से निर्धारित दरों के मुताबिक ही टिकट लिया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की अतिरिक्त वसूली न हो। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से 80 शटल वाहन, बस स्टेशन से 50 बसें, भीमताल से 40 बसें और 60 शटल वाहन चलेंगे। इसके अतिरिक्त, ग्राफिक एरा से 30 बसें शटल सेवा में चलेंगी, और भवाली से 80 से अधिक शटल वाहन उपलब्ध रहेंगे। केमू की बसें भी इस सेवा में शामिल की गई हैं, जिनमें 110 बसें काठगोदाम रेलवे स्टेशन व केमू स्टेशन से भवाली तक और 20 बसें भीमताल से भवाली तक चलेंगी। कैंची मंदिर के लिए विशेष रूप से 20 बसें भवाली सेनिटोरियम से और 10 बसें नैनीताल से संचालित होंगी। मैक्स (8 सीटर) वाहन भी उपलब्ध रहेंगे, जिनमें 25 काठगोदाम रेलवे स्टेशन से कैंची मंदिर और 10 नैनीताल से कैंची मंदिर तक संचालित होंगी। अधिकारियों का निरीक्षण और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश बुधवार को सेनिटोरियम बाईपास में एडीएम विवेक रॉय और आरटीओ गुरुदेव सिंह ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने टैक्सी चालकों और मालिकों से मुलाकात कर कैंची धाम स्थापना दिवस पर लगने वाले मेले में शटल सेवा के संचालन को लेकर विस्तार से चर्चा की। एडीएम विवेक रॉय ने चालकों की समस्याओं का निस्तारण किया और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शटल वाहनों में पीले रंग की पट्टी लगाई जाएगी ताकि उनकी पहचान आसान हो सके। साथ ही, उन्होंने सख्त हिदायत दी कि कोई भी वाहन चालक निर्धारित सीट से अधिक लोगों को नहीं बैठाएगा और नशा करके वाहन नहीं चलाएगा। यात्रियों से तय किराया ही लेने पर भी जोर दिया गया। सभी शटल वाहन फॉरेस्ट बैरियर से घूमकर वापस आएंगे, जिससे यातायात व्यवस्था सुचारु बनी रहे। पार्किंग और मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर पार्किंग स्थल भी बनाए हैं। प्रमुख पार्किंग स्थलों में कैंची धाम परिसर, पनी राम ढाबा, भवाली पुराना रोडवेज स्टेशन, सेनिटोरियम मध्य रातीघाट मार्ग, फरसोली परिवहन निगम, विकास भवन पार्किंग, भवाली मस्जिद के पास, नगर पालिका भवाली मैदान, खैरना मंडी पार्किंग, कैंची प्राइवेट पार्किंग, भवाली जल संस्थान कैंपस, भवाली श्यामखेत घोड़ाखाल मार्ग, भवाली बाई पास डंपिंग जोन और नैनी बैंड रोड पार्किंग शामिल हैं। भवाली रोडवेज स्टेशन परिसर में दोपहिया वाहनों को खड़ा करने की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पालिका भवाली के साथ-साथ किच्छा और दिनेशपुर से भी फैब्रिकेटेड शौचालय मंगाए गए हैं। भीमताल में सिडकुल के सहयोग से लाइटों की व्यवस्था की गई है ताकि रात में भी श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। आरटीओ गुरुदेव सिंह ने बताया कि प्रशासन और परिवहन विभाग ने मिलकर श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने की पुख्ता व्यवस्था की है, और हल्द्वानी तक बसें चलाई जा रही हैं। उन्होंने ब

कैंची धाम में उमड़ेगा आस्था का सैलाब! 15 जून स्थापना दिवस के लिए जोरदार तैयारियां, होटल पैक, जानें शटल सेवा और पार्किंग की पूरी डिटेल्स!

नैनीताल, 12 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में बाबा नीब करौरी महाराज के स्थापना दिवस (15 जून) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस साल यह पावन दिन रविवार को पड़ने के कारण श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ जुटने की उम्मीद है। अनुमान है कि करीब तीन लाख…

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बाजपुर, 11 जून, 2025 (समय बोल रहा) - बाजपुर में मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है! जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा के कड़े निर्देशों के बाद, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस औचक कार्रवाई में कृष्णा मेडिकल स्टोर और जगदीश मेडिकल स्टोर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद उनके लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति करते हुए दोनों मेडिकल स्टोरों को तत्काल बंद करा दिया गया। यह कार्रवाई प्रदेश भर में अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अधिकारियों के कड़े निर्देश: औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दवाओं की उपलब्धता में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा ने सख्त निर्देश जारी किए थे। इन्हीं निर्देशों के क्रम में, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें पुलिस बल भी शामिल था। इस टीम का मुख्य उद्देश्य बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण करना था ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पूरे प्रदेश में दवाओं के अवैध भंडारण, बिना फार्मासिस्ट के स्टोर चलाने और नशीली दवाओं की बिक्री पर लगाम कसने के लिए प्रशासन सक्रिय है। टीम ने बुधवार को बाजपुर के कई प्रमुख मेडिकल स्टोरों को निशाने पर लिया, जिनमें कृष्णा मेडिकल स्टोर, जगदीश मेडिकल स्टोर, जय मेडिकल स्टोर और ओम मेडिकल स्टोर शामिल थे। इन औचक निरीक्षणों का मकसद यह जांचना था कि मेडिकल स्टोर नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं, दवाओं का उचित रख-रखाव हो रहा है या नहीं, और क्या दवाओं की बिक्री के लिए फार्मासिस्ट मौजूद हैं। दो मेडिकल स्टोरों पर गंभीर अनियमितताएं, लाइसेंस निलंबन की संस्तुति संयुक्त टीम के निरीक्षण के दौरान, कृष्णा मेडिकल स्टोर पर कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि निरीक्षण के समय स्टोर पर फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिला, जो कि मेडिकल स्टोर चलाने के लिए एक अनिवार्य शर्त है। इसके अलावा, मन प्रभावी औषधियों (साइकोट्रॉपिक ड्रग्स) का बिल सत्यापन भी नहीं पाया गया, जो इन दवाओं की बिक्री और खरीद में पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। ये अनियमितताएं बेहद गंभीर मानी जाती हैं, क्योंकि बिना फार्मासिस्ट के दवाओं की बिक्री से गलत दवा दिए जाने का खतरा रहता है, और मन प्रभावी औषधियों का अनियमित लेनदेन नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकता है। इन गंभीर उल्लंघनों के कारण, कृष्णा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति करते हुए उसे तत्काल बंद करा दिया गया। इसी तरह, जगदीश मेडिकल स्टोर पर भी चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं। इस स्टोर पर भी फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिला, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। मन प्रभावी औषधियों का बिल सत्यापन भी यहां नहीं पाया गया, जिससे इनकी खरीद-बिक्री में संदिग्धता का संदेह हुआ। इसके अतिरिक्त, जगदीश मेडिकल स्टोर पर फिजिशियन सैंपल (डॉक्टरों को निःशुल्क दिए जाने वाले दवा के नमूने) भी पाए गए, जिन्हें बेचना या व्यावसायिक उपयोग में लाना अवैध है। इन सभी गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए, जगदीश मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी निलंबित करने की संस्तुति की गई और उसे तुरंत बंद करा दिया गया। साथ ही, जांच के लिए जगदीश मेडिकल स्टोर से 03 औषधियों के नमूने भी एकत्र किए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि उनकी गुणवत्ता और वैधता सुनिश्चित की जा सके। अन्य स्टोरों को निर्देश और भविष्य की कार्रवाई निरीक्षण के दौरान, ओम मेडिकल स्टोर पर कुछ मामूली अनियमितताएं पाई गईं, लेकिन वे उतनी गंभीर नहीं थीं कि तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने ओम मेडिकल स्टोर को दवाओं के रख-रखाव को बेहतर बनाने और टीबी (तपेदिक) की दवाओं के लिए प्रथक पंजिका (अलग रजिस्टर) बनाने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं का रिकॉर्ड सही तरीके से रखा जाए और उनका दुरुपयोग न हो। नीरज कुमार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, जनपद के सभी मेडिकल स्टोरों का लगातार और सघन निरीक्षण किया जाएगा। यह अभियान दवाओं की गुणवत्ता, उनकी अवैध बिक्री पर रोक लगाने और फार्मासिस्ट की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जारी रहेगा। संयुक्त टीम में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के साथ औषधि निरीक्षक शुभम कोटनाला, निधि शर्मा, अर्चना गहतोड़ी, पूजा जोशी, पूजा रानी शर्मा, पंकज पंत, हर्षिता और बाजपुर कोतवाली पुलिस के जवान शामिल थे। इस छापेमारी अभियान से बाजपुर के मेडिकल स्टोर संचालकों में एक स्पष्ट संदेश गया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन दवाओं की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और बिना लाइसेंस या फार्मासिस्ट के स्टोर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

बाजपुर में मेडिकल स्टोर पर ताबड़तोड़ छापेमारी: इन दो बड़े स्टोरों पर ताला, लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश; जानिए क्यों हुई ये कार्रवाई!

बाजपुर, 11 जून, 2025 (समय बोल रहा) – बाजपुर में मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है! जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणीकांत मिश्रा के कड़े निर्देशों के बाद, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने बाजपुर क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।…

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