Samay

विगत दिवस ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है। चार युवकों ने एक घर में जबरन घुसकर वहां अकेली मौजूद महिला के साथ हथियारों के बल पर छेड़छाड़ की और उसे जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने इस संबंध में आरोपियों के विरुद्ध स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई रपट के अनुसार, यह घटना 12 मई की रात्रि को घटित हुई। पीड़िता ने बताया कि उसके छोटे भाई सूरज मंडल के चार साले – आकाश सरकार पुत्र खोखन सरकार, विवेक विश्वास पुत्र राजेन्द्र विश्वास, सहदेव सरकार पुत्र नामालूम और जगदीश पाल – शराब के नशे में उसके कमरे में जबरन घुस आए। पीड़िता उस समय घर में अकेली थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। रपट में पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपियों के पास चाकू, छुरी और बंदूक जैसे हथियार थे, जिनके बल पर उन्होंने उसे डराया और धमकाया। आरोप है कि उक्त युवकों ने पीड़िता के साथ गाली-गलौज भी की और कहा कि उसके भाई ने उनकी बहन को बहुत परेशान किया है, जिसकी सजा अब उसे भुगतनी पड़ेगी। इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ गलत हरकतें शुरू कर दीं। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि कमरे में अकेला होने के कारण वह बुरी तरह से डर गई थी। जब उसने आरोपियों से कहा कि वह उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत करेगी, तो आकाश सरकार नामक आरोपी ने उसे धमकी देते हुए कहा कि वे उसके साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे और उसकी अश्लील फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़िता, उसके पुत्र और पूरे परिवार को जान से मार देने की भी धमकी दी। इस गंभीर घटना के बाद पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए स्थानीय पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने पीड़िता की रपट पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प के निवासियों को गहरा सदमा पहुंचाया है। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि दिनदहाड़े इस प्रकार की घिनौनी हरकत को अंजाम दिया गया और पीड़िता को अकेली पाकर उसे प्रताड़ित किया गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से गंभीर सवाल खड़े करती है। घर में अकेली महिला की सुरक्षा और इस प्रकार के आपराधिक तत्वों पर लगाम लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पुलिस प्रशासन पर भी इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करने का दबाव है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और अपराधियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़े। फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है। यह घटना न केवल एक महिला के साथ हुई बर्बरता की कहानी है, बल्कि यह समाज के उस स्याह पहलू को भी उजागर करती है जहां अपराधी कानून का भय भूलकर ऐसी घिनौनी हरकतों को अंजाम देते हैं।

ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में सनसनी: महिला से घर में घुसकर छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी

ठाकुर नगर 15 मई 2025 (समय बोल रहा) विगत दिवस ठाकुर नगर ट्रांजिट कैम्प में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है। चार युवकों ने एक घर में जबरन घुसकर वहां अकेली मौजूद महिला के साथ हथियारों के बल पर छेड़छाड़ की और उसे जान से मारने की…

Read More
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत देहरादून, 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव आया है। पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने और जुलाई में प्रस्तावित चुनावों में देरी के कारण, राज्य सरकार ने पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। अब जिला पंचायतों की कमान जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट संभालेंगे, क्षेत्र पंचायतों का जिम्मा उपजिलाधिकारी देखेंगे, और ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) प्रशासक होंगे। यह निर्णय तब लिया गया है जब वर्ष 2019 में गठित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और नए चुनाव अभी संभव नहीं हो सके हैं। इस बदलाव का सीधा असर प्रदेश की लाखों ग्रामीण जनता पर पड़ेगा। कार्यकाल समाप्ति और चुनाव में देरी: क्यों पड़ी प्रशासकों की जरूरत? उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130 (6) के तहत, वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, शासन ने पूर्व में अधिसूचना संख्या-256316/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 26.11.2024 और अन्य संबंधित अधिसूचनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित जिलाधिकारियों को दिया था। ये प्रशासक कार्यकाल समाप्ति की तिथि से छह महीने तक या नई पंचायतों के गठन तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किए गए थे। हालांकि, इन नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल भी अब समाप्त हो चुका है। ग्राम पंचायतों में 27 मई 2025 को, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई 2025 को, और जिला पंचायतों में 01 जून 2025 को कार्यकाल समाप्त हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि "अति अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण" त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन, प्रशासकों के कार्यकाल समाप्ति की तिथि से पूर्व कराया जाना साध्य नहीं हो सका है। इसी अप्रत्याशित देरी के कारण, अब नई अंतरिम व्यवस्था लागू की गई है। नई प्रशासकीय व्यवस्था: कौन संभालेगा किसकी कमान? वर्तमान की "अपरिहार्य परिस्थिति" को देखते हुए, प्रदेश में जुलाई 2025 में प्रस्तावित आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (हरिद्वार को छोड़कर) प्रक्रिया संपन्न होने तक या नवीन पंचायतों के गठन तक, अथवा 31 जुलाई 2025 (जो भी पहले हो) तक, कार्यहित, जनहित और पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नए अधिकारियों को प्रशासक के रूप में अधिकृत किया गया है। यह निर्णय प्रमोद कुमार बिजलवान, समीक्षा अधिकारी, पंचायती राज विभाग द्वारा 09/06/2025 को जारी अधिसूचना (संख्या: 305002 जैनराज बिंदु-1 /XII(1)/2025/86(15)/2013/ई-68985) में विस्तृत रूप से बताया गया है। नई व्यवस्था के तहत, निम्नवत् अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है: जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को जिला पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह दिखाता है कि जिला स्तर पर शासन ने सबसे उच्च अधिकारी पर भरोसा जताया है ताकि विकास कार्य और प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपनी क्षेत्राधिकारिता में) क्षेत्र पंचायतों का कार्यभार संभालेंगे। उपजिलाधिकारी की नियुक्ति से ब्लॉक स्तर पर प्रभावी निगरानी और निर्णय लेने की क्षमता बनी रहेगी। ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह पद ग्रामीण स्तर पर सीधे जनता से जुड़ा होता है और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने और नई निर्वाचित पंचायतों के गठन तक ग्रामीण विकास कार्य और जन सेवाएं बाधित न हों। पुरानी शर्तों का यथावत् रहना और आगे की राह अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी प्रस्तर-1 में उल्लिखित पूर्व निर्गत अधिसूचनाओं में निहित शेष शर्ते यथावत रहेंगी। इसका अर्थ है कि प्रशासकों के अधिकार और जिम्मेदारियां पूर्व में निर्धारित नियमों के अनुरूप ही होंगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के सुचारू संचालन की आवश्यकता है। हरिद्वार जिले को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, संभवतः वहां की चुनावी या प्रशासनिक स्थिति अलग होने के कारण। अब सभी की निगाहें जुलाई 2025 में होने वाले प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर टिकी हैं, जो नई निर्वाचित पंचायतों को सत्ता में लाएंगे और ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से स्थापित करेंगे। इस बीच, नए प्रशासक जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और विकास कार्यों को गति देने की चुनौती का सामना करेंगे।

पंचायत चुनाव पर लटकी तलवार: राजभवन की हरी झंडी का इंतजार, मई अंत तक आ सकती है चुनाव अधिसूचना

देहरादून, 14 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल बरकरार है। राज्य सरकार फिलहाल चुनाव कराने को लेकर असमंजस की स्थिति में फंसी हुई है, क्योंकि एक तरफ पंचायतीराज एक्ट में अपेक्षित संशोधन अभी तक नहीं हो पाया है, तो दूसरी तरफ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण…

Read More
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सख्त आदेश के बाद पंतनगर पुलिस ने काशीपुर के पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद, उत्तराखंड पुलिस में निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पीड़िता वैजयंती चंद की शिकायत पर हुई है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने पति और सास पर गंभीर आरोप लगाए थे। वैजयंती चंद, जो कि विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी, नैनीताल रोड, रुद्रपुर की निवासी हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका विवाह 18 फरवरी 2019 को मथुरा में आशुतोष कुमार सिंह के साथ हुआ था। आशुतोष कुमार सिंह, जो कि हनुमान गली, रुड़की, जिला हरिद्वार के रहने वाले बिशन लाल के पुत्र हैं, ने शादी के समय वैजयंती को अपनी पहली पत्नी से तलाक होने की जानकारी दी थी। हालांकि, वैजयंती का आरोप है कि आशुतोष ने अपनी दूसरी पत्नी पूनम रानी, निवासी मुजफ्फरनगर, से अपने विवाह और उससे तलाक न होने की बात को छुपाकर उन्हें धोखे में रखा और उनसे शादी कर ली। दो बेटियों के जन्म के बाद उत्पीड़न बढ़ा, दहेज की मांग वैजयंती ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों की हर संभव सेवा की और 8 सितंबर 2019 को उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद उनकी सास शकुंतला देवी उन्हें पुत्र पैदा न करने के लिए ताने देने लगीं। इस बीच, उनके पति का तबादला रुद्रपुर से भवाली (नैनीताल) हो गया, जिसके बाद उनके सास-ससुर भी रुड़की से ओमेक्स में आने-जाने लगे। 6 सितंबर 2021 को वैजयंती ने दूसरी बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद उनकी सास का व्यवहार और भी अभद्र और अपमानजनक हो गया। वैजयंती का आरोप है कि उनकी सास उन्हें लगातार कोसती थीं, गाली-गलौज करती थीं और पुत्र न पैदा करने का ताना देती थीं। वह अक्सर कहती थीं कि उनका बेटा तो पुलिस में इंस्पेक्टर है और उन्होंने गलती से उनसे शादी कर ली। सास यह भी कहती थीं कि अगर उनके बेटे की शादी उत्तर प्रदेश में हुई होती तो उन्हें दहेज में 50 लाख रुपये मिलते। वैजयंती ने बताया कि जब उनके पति का तबादला वापस रुद्रपुर हो गया, तो उनके पति और सास दोनों मिलकर उन्हें बात-बात पर कोसने लगे और रोजाना मारपीट कर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करने लगे। दूसरी बेटी के जन्म के बाद उनके पति का व्यवहार भी बदल गया और वह अक्सर कहते थे कि बेटा होता तो ठीक था, फिर से बेटी पैदा हो गई। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने शादी के बाद से ही कई बार उनसे अपने पिता से कहकर उनके नाम एक प्लॉट करवाने की मांग की थी। देहरादून में अकेला छोड़ा, दूसरी शादी का खुलासा इसी बीच, उनके पति का तबादला आईटीआई, काशीपुर हो गया। उस समय उनकी छोटी बेटी केवल चार महीने की थी, जब उनके पति ने उनसे कहा कि उन्होंने देहरादून में एक फ्लैट लिया है और उन्हें वहां जाकर रहना चाहिए, जबकि वह अवकाश लेकर उनसे मिलने आते रहेंगे। हालांकि, देहरादून जाने के बाद उनके पति कभी भी उनसे मिलने नहीं आए और वह किसी अन्य महिला से बातचीत करने लगे। जब वैजयंती ने उनके पति का नंबर ढूंढकर उस महिला से बात की और उसे बताया कि वह उनका घर बर्बाद कर रही है, तो उस महिला ने बताया कि वह खुद परेशान है क्योंकि उनके पति (आशुतोष) उन्हें तलाक देने की धमकी दे रहे हैं और उनका व्यवहार भी उनके प्रति बदल गया है। वैजयंती ने बताया कि जब यह बात उनके पति को पता चली तो उन्होंने उनके साथ लड़ाई-झगड़ा और मारपीट की और घर का खर्चा देना बंद कर दिया। वह अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपना और अपनी बेटियों का भरण-पोषण करती रहीं। करवा चौथ के दिन, वर्ष 2022 में, वह बिना पति को बताए अपनी बेटियों को लेकर आईटीआई काशीपुर आ गईं। उनके पति ने उन्हें और बच्चों को गौतमी होटल में ठहराया, लेकिन शाम को होटल के कमरे में आकर उनसे लड़ाई-झगड़ा करने लगे, कमरे का सारा सामान गिरा दिया और खाना भी फेंक दिया। इसी दौरान वैजयंती को पता चला कि उनके पति ने पूनम रानी नाम की महिला से दूसरी शादी की है, जिससे उनकी एक बेटी भी है। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने उस पत्नी और बच्चे को भी छोड़ दिया है और बिना उससे तलाक लिए उनके साथ तीसरी शादी की है, और अब वह चौथी शादी करने की तलाश में हैं। जब वैजयंती ने अपने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो वह उन्हें छोड़ देंगे क्योंकि उन्होंने उन्हें बेटा पैदा करके नहीं दिया और दो-दो बेटियां पैदा कर दी हैं, जबकि उन्हें और उनकी मां को बेटा चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह बेटा पैदा नहीं कर पाएंगी, इसलिए वह चौथी शादी करेंगे। जंगल में जान से मारने की धमकी वैजयंती ने एक और भयावह घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मार्च 2023 में उनके पति अचानक देहरादून आ गए और उनसे कहा कि बेटियों की छुट्टियां हैं तो उनके साथ आईटीआई रहने चलें। वहां उनके पति दिनभर कमरे में सोते रहे और रात 8 बजे वह उन्हें लेकर रुद्रपुर के लिए रवाना हुए। हरिद्वार से आते समय बीच जंगल में उनके पति ने गाड़ी रोक दी और पीछे मुड़कर उन्हें थप्पड़ मारा और कहा कि उन्होंने उन्हें और दूसरी स्त्री को पूरे स्टाफ में बदनाम कर दिया है। इतने में ही उनके पति ने रिवाल्वर निकालकर उनके ऊपर तान दी और कहा कि वह उन्हें मारकर यहीं जंगल में फेंक देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा। अचानक उनकी बड़ी बेटी नींद से जाग गई और रोने लगी, तब जाकर उनके पति ने रिवाल्वर वापस रखी और तेजी से गाड़ी चलाकर वह लोग रात करीब 3 बजे आईटीआई पहुंचे। शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न जारी वैजयंती ने बताया कि इसी बीच उनके पति ने विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी में खरीद लिया, जिसके गृह प्रवेश के दिन उनके पति ने उन्हें उनके मायके से फोन कर बुलाया। वह वहां आईं और उस विला के एक मंजिल में अपनी बेटियों के साथ रहने लगीं, जबकि दूसरी मंजिल पर उनके सास-ससुर रहने लगे। उनके पति अपनी पोस्टिंग पर रहने लगे, जबकि उनकी सास लगातार उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करती रहीं, गाली-गलौज करतीं और अमानवीय व्यवहार करती थीं। उनके पति ने घर खर्च देना पूरी तरह से बंद कर दिया। वैजयंती ने बताया कि इस बीच उनकी छोटी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन उनके पति और सास उसे देखने तक नहीं आए। उन्होंने अस्पताल में अकेले रहकर अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपनी बेटी का इलाज कराया। इसके बाद उनकी बड़ी बेटी की आंखों में परेशानी होने लगी। जब उन्होंने अपने पति को फोन किया तो उन्होंने उनका फोन ब्लैक लिस्ट में डाल दिया और कह दिया कि उन्हें उनसे और उनकी बेटियों से कोई लेना-देना नहीं है और कहा कि वह उन्हें तलाक दे दें और यह घर छोड़कर चली जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक 2 बीएचके का फ्लैट और बेटियों के लिए 10-10 लाख रुपये मिल जाएंगे। वैजयंती का कहना है कि इसके बाद से उनके पति और सास द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कभी उनके कमरे की लाइट बंद कर देते हैं, तो कभी पानी बंद कर देते हैं। पति कमरे में आकर गीजर खराब करके चले जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की गहन जांच कराकर उन्हें और उनकी बेटियों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर पंतनगर थाना पुलिस ने इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज एक्ट की धारा 3, 4 तथा आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 498ए (दहेज के लिए उत्पीड़न), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई गणेश दत्त भट्ट को सौंप दी है।

मुख्यमंत्री के आदेश पर पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद इंस्पेक्टर पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज

पंतनगर  13 मई 2025 (समय बोल रहा) मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सख्त आदेश के बाद पंतनगर पुलिस ने काशीपुर के पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद, उत्तराखंड पुलिस में निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पीड़िता वैजयंती चंद की शिकायत…

Read More
काशीपुर 12 मई 2025 (समय बोल रहा ) काशीपुर क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक पर एक व्यक्ति ने उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है और युवती की तलाश तेज कर दी है। पुलिस की टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं और युवक को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया कि वह ट्रक चालक का काम करता है और उसकी नाबालिग पुत्री उसके साथ ही रहती है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि पड़ोस में रहने वाला अंकित कश्यप, जो कि दीपक कश्यप उर्फ सईंया का पुत्र है, का उसके घर पर अक्सर आना-जाना लगा रहता था। पीड़ित पिता ने बताया कि 9 मई 2025 को जब वह काम पर गया हुआ था, तब उसकी पुत्री घर पर अकेली थी। इसी दौरान अंकित कश्यप उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। पीड़ित पिता ने अपनी तहरीर में आगे बताया कि उन्हें बाद में सूचना मिली कि अंकित उनकी पुत्री को रामनगर लेकर गया है। सूचना मिलते ही वह और उनके कुछ परिजन तुरंत रामनगर के लिए रवाना हुए। हालांकि, जब वे रामनगर पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि अंकित वहां से भी उनकी पुत्री को अपने साथ लेकर फरार हो गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया कि कुछ लोगों ने उनकी पुत्री और अंकित को आखिरी बार रामनगर बैराज पर एक साथ देखा था। इस गंभीर मामले की सूचना मिलते ही काशीपुर पुलिस हरकत में आ गई। तत्काल प्रभाव से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) के तहत अंकित कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है, जिसे युवती की सकुशल बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया है। एसआईटी की टीमें विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही हैं। पुलिस अंकित कश्यप के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। उसके दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों से पूछताछ की जा रही है ताकि उसके और युवती के वर्तमान ठिकाने के बारे में कोई जानकारी मिल सके। पुलिस तकनीकी सर्विलांस का भी इस्तेमाल कर रही है ताकि आरोपी के मोबाइल फोन लोकेशन और अन्य डिजिटल फुटप्रिंट्स का पता लगाया जा सके। पुलिस ने आम जनता से भी इस मामले में सहयोग की अपील की है। यदि किसी व्यक्ति को अंकित कश्यप या युवती के बारे में कोई भी जानकारी मिलती है, तो वह तुरंत काशीपुर पुलिस को सूचित करे। पुलिस ने सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम और पता गोपनीय रखने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने काशीपुर क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। एक नाबालिग लड़की का इस तरह से बहला-फुसलाकर ले जाना न केवल उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए चिंता का विषय है। लोग युवती की सुरक्षा और जल्द बरामदगी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। पुलिस इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है और युवती की सकुशल बरामदगी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एसपी ने कहा है कि पुलिस की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही युवती को बरामद कर लिया जाएगा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ाती है। माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और उन्हें अनजान लोगों से घुलने-मिलने से बचाने की

युवती को बहला-फुसलाकर ले गया युवक, पुलिस ने दर्ज किया अपहरण का मामला

काशीपुर 12 मई 2025 (समय बोल रहा ) काशीपुर क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक पर एक व्यक्ति ने उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है और युवती की…

Read More
काशीपुर 11 मई 2025 (समय बोल रहा) जिला उधम सिंह नगर के पेट्रोल पंप डीलरों ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक में सर्वसम्मति से गुरु कृपा फिलिंग स्टेशन, जसपुर के संचालक संदीप सिंह बग्गा को पेट्रोल पंप एसोसिएशन का नया जिलाध्यक्ष चुना। अनन्या होटल रीजेंसी, काशीपुर में आयोजित इस बैठक में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के जिले भर के डीलरों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य एजेंडा जिले के पेट्रोल पंप डीलरों की समस्याओं पर चर्चा करना और उनके समाधान के लिए रणनीति बनाना था। इसी क्रम में नए जिलाध्यक्ष का चुनाव हुआ, जिसमें संदीप सिंह बग्गा को सभी सदस्यों ने एकमत से अपना नेता चुना। बैठक में उपस्थित डीलरों ने आपसी सहयोग और एकता पर जोर दिया ताकि वे अपनी सामूहिक आवाज को प्रभावी ढंग से उठा सकें। नए जिलाध्यक्ष के चुनाव के बाद डीलरों ने उम्मीद जताई कि संदीप सिंह बग्गा के कुशल नेतृत्व में एसोसिएशन जिले के पेट्रोल पंप व्यवसाय से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाएगा और उनका उचित समाधान सुनिश्चित करेगा। डीलरों की समस्याओं पर हुई गहन चर्चा बैठक के दौरान, जिले के पेट्रोल पंप डीलरों ने पेट्रोलियम कंपनियों के साथ समन्वय, मार्जिन और कमीशन, सरकारी नीतियों का कार्यान्वयन, सुरक्षा व्यवस्था और ग्राहकों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। डीलरों ने दैनिक संचालन में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि नया नेतृत्व इन समस्याओं को प्राथमिकता देगा। डीलरों ने एक मजबूत और एकजुट एसोसिएशन की आवश्यकता पर बल दिया और नए अध्यक्ष को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। संदीप सिंह बग्गा: अनुभव और नेतृत्व का संगम गुरु कृपा फिलिंग स्टेशन, जसपुर के संचालक संदीप सिंह बग्गा का जिलाध्यक्ष चुना जाना डीलरों के बीच एक सकारात्मक संकेत है। उन्हें पेट्रोलियम उद्योग का अच्छा अनुभव है और वे डीलरों की समस्याओं को समझते हैं। उनकी कर्मठता और मिलनसार स्वभाव के कारण वे लोकप्रिय हैं। चुनाव के बाद संदीप सिंह बग्गा ने सभी डीलरों का आभार व्यक्त किया और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वे सभी सदस्यों को साथ लेकर चलेंगे और जिले के पेट्रोल पंप व्यवसाय के विकास और डीलरों के हितों की रक्षा के लिए काम करेंगे। उन्होंने पेट्रोलियम कंपनियों और सरकारी अधिकारियों के साथ सकारात्मक संवाद स्थापित करने की बात भी कही। बैठक में इन प्रमुख डीलरों ने लिया भाग आज की बैठक में संजय अग्रवाल, प्रतिपाल सिंह सेठी, कृष्ण कुमार अग्रवाल, संतोष गुप्ता, मनीष कालरा, मोहम्मद सलमान, और विनीत सिरोही सहित जिले के कई प्रमुख डीलरों ने भाग लिया। रुद्रपुर, जसपुर, बाजपुर, काशीपुर, खटीमा, नानकमत्ता और अन्य क्षेत्रों के दर्जनों डीलर भी शामिल हुए। बैठक में भाग लेने वाले डीलरों ने नए जिलाध्यक्ष को बधाई दी और अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि संदीप सिंह बग्गा के नेतृत्व में एसोसिएशन नई ऊंचाइयों को छुएगा। आगे की राह: चुनौतियां और संभावनाएं नए जिलाध्यक्ष संदीप सिंह बग्गा के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनमें डीलरों की समस्याओं का समाधान और उद्योग में हो रहे बदलावों के साथ तालमेल बिठाना शामिल

संदीप सिंह बग्गा बने उधम सिंह नगर पेट्रोल पंप एसोसिएशन के नए अध्यक्ष

काशीपुर 11 मई 2025 (समय बोल रहा) जिला उधम सिंह नगर के पेट्रोल पंप डीलरों ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक में सर्वसम्मति से गुरु कृपा फिलिंग स्टेशन, जसपुर के संचालक संदीप सिंह बग्गा को पेट्रोल पंप एसोसिएशन का नया जिलाध्यक्ष चुना। अनन्या होटल रीजेंसी, काशीपुर में आयोजित इस बैठक में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और…

Read More
नई दिल्ली, 11 मई 2025  (समय बोल रहा) पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए कायराना सीजफायर उल्लंघन पर भारत ने कठोर प्रत्युत्तर दिया है। उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद, भारत सरकार ने सीमा पर जवाबी सैन्य कार्रवाई तेज करने और पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं|'ऑपरेशन सिंदूर' जारी रहेगा, जिसके तहत पाकिस्तानी सेना को उसकी हरकतों का प्रभावी जवाब दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, भारत ने अपने हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी एयरलाइन के किसी भी विमान के आवागमन के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर': सीमा पर पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार हमलों के बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आपातकालीन उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने भाग लिया। गहन विचार-विमर्श के बाद, भारत ने पाकिस्तान को उसकी उकसावे वाली कार्रवाई का करारा जवाब देने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की। बैठक के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को तत्काल प्रभाव से जारी रखने का निर्णय लिया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमा पर पाकिस्तान की किसी भी दुस्साहसपूर्ण कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है। भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को निगरानी बढ़ाने, गश्त तेज करने और किसी भी शत्रुता का प्रभावी प्रत्युत्तर देने का पूर्ण अधिकार दिया गया है। आवश्यकतानुसार सीमा पर अतिरिक्त सैन्य बलों और उन्नत हथियारों की तैनाती भी हो सकती है। आसमान भी सील: पाकिस्तानी विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद पाकिस्तान के खिलाफ एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, भारत सरकार ने अपने संपूर्ण हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी एयरलाइन के किसी भी विमान के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इस कठोर निर्णय का उद्देश्य पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान की किसी भी उड़ान को भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरने या उतरने की अनुमति नहीं होगी। इस फैसले से पाकिस्तानी एयरलाइनों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लंबे और महंगे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना होगा, जिससे परिचालन लागत बढ़ेगी और यात्रियों को असुविधा होगी। भारत का यह कदम ICAO नियमों के अनुरूप है। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान को उसकी गैर-जिम्मेदाराना हरकतों का स्पष्ट संदेश देगा। देशव्यापी समर्थन: पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट भारत भारत सरकार के इन कड़े कदमों को पूरे देश में व्यापक समर्थन मिल रहा है। राजनीतिक दलों और आम नागरिकों ने पाकिस्तान की इस हरकत की निंदा की है और सरकार के प्रत्युत्तर का समर्थन किया है। लोगों का मानना है कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों का सबक सिखाना जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया पर नजर भारत सरकार ने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उठाने का फैसला किया है। विभिन्न देशों के राजनयिकों को घटनाक्रम से अवगत कराया जा रहा है और पाकिस्तान पर शांति बनाए रखने के लिए दबाव बनाने की अपील की जा रही है। पाकिस्तान को मिलेगा गद्दारी का जवाब पाकिस्तान के बार-बार

पाकिस्तान की नापाक हरकत का करारा जवाब: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी, भारतीय हवाई क्षेत्र पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद

नई दिल्ली, 11 मई 2025  (समय बोल रहा) पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए कायराना सीजफायर उल्लंघन पर भारत ने कठोर प्रत्युत्तर दिया है। उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद, भारत सरकार ने सीमा पर जवाबी सैन्य कार्रवाई तेज करने और पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं|‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी रहेगा,…

Read More
भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर में काफूर हो गईं और सीमा पर तनाव का माहौल फिर से गहरा गया। इस कायराना हरकत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक और गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों के मन में भी भय और असुरक्षा की भावना को और मजबूत कर दिया है। सुबह की शांति, दोपहर का उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में हुई फायरिंग? आज सुबह, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर हुई सकारात्मक बातचीत के बाद सीमा पर शांति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। इस सद्भावनापूर्ण पहल से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो लंबे समय से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर जारी तनाव और गोलाबारी से त्रस्त थे। हालांकि, यह अल्पकालिक शांति पाकिस्तान के नापाक इरादों के आगे टिक नहीं पाई। लगभग दोपहर के आसपास, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू करने की सूचना दी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोले भी दागने शुरू कर दिए, सीधे भारतीय सैन्य चौकियों और कुछ असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके बाद मोर्टार दागे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई। भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया: मुंहतोड़ जवाब, स्थिति नियंत्रण में पाकिस्तान की इस उकसावे वाली कार्रवाई पर भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें अपनी हरकतों का करारा एहसास कराया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आज सुबह दोनों पक्षों की सहमति से सीमा पर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों के भीतर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे बहादुर जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वर्तमान में स्थिति हमारे नियंत्रण में है और हम हर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" भारत की कड़ी आपत्ति: पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना और विश्वासघाती कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल तलब कर इस घोर उल्लंघन पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। भारत पाकिस्तान से भविष्य में इस तरह की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाने की मांग करेगा। भारत का स्पष्ट संदेश है कि सीमा पर शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। सीमावर्ती निवासियों में फिर से डर का माहौल: सुरक्षा पर मंडराता खतरा सीजफायर की खबर से उत्साहित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के नागरिक पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कदम से एक बार फिर गहरे सदमे और डर के माहौल में डूब गए हैं। कुछ घंटों की बहुमूल्य शांति के बाद अचानक हुई गोलीबारी ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो लोग पहले से ही दशकों से सीमा पर जारी संघर्ष की त्रासदी झेल रहे हैं, उनके लिए यह घटना एक और मनोवैज्ञानिक आघात है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा आघात: शांति की राह और मुश्किल भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर का उल्लंघन ऐसे नाजुक समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही विभिन्न जटिल मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी संभावना को और भी कमजोर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है और दोनों देशों से संयम बरतने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान का बार-बार इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। आगे की राह: पाकिस्तान के रवैये पर टिकी निगाहें अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट और अकारण उल्लंघन पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या विश्वसनीय कदम उठाता है। भारत, अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस मामले पर कड़ी निगरानी रखेगा और अपनी सीमा की सुरक्षा तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। फिलहाल, पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कृत्य ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है और शांति की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

एक और बार पाकिस्तान ने तोड़ी कसम: सीजफायर के चंद घंटों बाद जम्मू-कश्मीर में फिर की गोलीबारी

भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर…

Read More
नैनीताल 10 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: 'जीरो टॉलरेंस' नीति का दिखा असर नैनीताल में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 'जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन' नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) की टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और एकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी शुक्रवार को उस समय हुई, जब दोनों अधिकारी एक कर्मचारी की वार्षिक वेतन वृद्धि (एसीपी) के लिए हस्ताक्षर करने के एवज में गैरकानूनी रूप से धन की मांग कर रहे थे। इस घटना ने राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को एक बार फिर से मजबूती से स्थापित किया है। नैनीताल में भ्रष्टाचार: एसीपी के एवज में रिश्वत की मांग नैनीताल न्यायालय में कार्यरत एक कर्मचारी ने सतर्कता विभाग में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी और उनके पांच अन्य सहयोगियों की एसीपी (वार्षिक वेतन वृद्धि) लंबित है। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसमें से दो सदस्यों ने पहले ही अपने हस्ताक्षर कर दिए थे। हालांकि, मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा अनावश्यक रूप

नैनीताल में भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का करारा प्रहार: मुख्य कोषाधिकारी और एकाउंटेंट रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

नैनीताल 10 मई 2025 (समय बोल रहा) उत्तराखंड सरकार का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का दिखा असर नैनीताल में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ‘जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन’ नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) की टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश…

Read More
IMG 20250510 WA0009

काशीपुर में महाराणा प्रताप चौक के फ्लाईओवर के नीचे अस्थायी पार्किंग का होगा निर्माण

काशीपुर ,10 मई 2025, (समय बोल रहा) शहर की यातायात समस्याओं के समाधान की ओर प्रशासन का बड़ा कदम काशीपुर शहर में बढ़ती यातायात समस्याओं और व्यापारियों की लगातार शिकायतों को देखते हुए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महाराणा प्रताप चौक स्थित फ्लाईओवर के नीचे अस्थायी पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। यह पार्किंग…

Read More
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सख्त आदेश के बाद पंतनगर पुलिस ने काशीपुर के पूर्व कोतवाल एके सिंह के दामाद, उत्तराखंड पुलिस में निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का गंभीर मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई पीड़िता वैजयंती चंद की शिकायत पर हुई है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने पति और सास पर गंभीर आरोप लगाए थे। वैजयंती चंद, जो कि विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी, नैनीताल रोड, रुद्रपुर की निवासी हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका विवाह 18 फरवरी 2019 को मथुरा में आशुतोष कुमार सिंह के साथ हुआ था। आशुतोष कुमार सिंह, जो कि हनुमान गली, रुड़की, जिला हरिद्वार के रहने वाले बिशन लाल के पुत्र हैं, ने शादी के समय वैजयंती को अपनी पहली पत्नी से तलाक होने की जानकारी दी थी। हालांकि, वैजयंती का आरोप है कि आशुतोष ने अपनी दूसरी पत्नी पूनम रानी, निवासी मुजफ्फरनगर, से अपने विवाह और उससे तलाक न होने की बात को छुपाकर उन्हें धोखे में रखा और उनसे शादी कर ली। दो बेटियों के जन्म के बाद उत्पीड़न बढ़ा, दहेज की मांग वैजयंती ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों की हर संभव सेवा की और 8 सितंबर 2019 को उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद उनकी सास शकुंतला देवी उन्हें पुत्र पैदा न करने के लिए ताने देने लगीं। इस बीच, उनके पति का तबादला रुद्रपुर से भवाली (नैनीताल) हो गया, जिसके बाद उनके सास-ससुर भी रुड़की से ओमेक्स में आने-जाने लगे। 6 सितंबर 2021 को वैजयंती ने दूसरी बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद उनकी सास का व्यवहार और भी अभद्र और अपमानजनक हो गया। वैजयंती का आरोप है कि उनकी सास उन्हें लगातार कोसती थीं, गाली-गलौज करती थीं और पुत्र न पैदा करने का ताना देती थीं। वह अक्सर कहती थीं कि उनका बेटा तो पुलिस में इंस्पेक्टर है और उन्होंने गलती से उनसे शादी कर ली। सास यह भी कहती थीं कि अगर उनके बेटे की शादी उत्तर प्रदेश में हुई होती तो उन्हें दहेज में 50 लाख रुपये मिलते। वैजयंती ने बताया कि जब उनके पति का तबादला वापस रुद्रपुर हो गया, तो उनके पति और सास दोनों मिलकर उन्हें बात-बात पर कोसने लगे और रोजाना मारपीट कर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करने लगे। दूसरी बेटी के जन्म के बाद उनके पति का व्यवहार भी बदल गया और वह अक्सर कहते थे कि बेटा होता तो ठीक था, फिर से बेटी पैदा हो गई। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने शादी के बाद से ही कई बार उनसे अपने पिता से कहकर उनके नाम एक प्लॉट करवाने की मांग की थी। देहरादून में अकेला छोड़ा, दूसरी शादी का खुलासा इसी बीच, उनके पति का तबादला आईटीआई, काशीपुर हो गया। उस समय उनकी छोटी बेटी केवल चार महीने की थी, जब उनके पति ने उनसे कहा कि उन्होंने देहरादून में एक फ्लैट लिया है और उन्हें वहां जाकर रहना चाहिए, जबकि वह अवकाश लेकर उनसे मिलने आते रहेंगे। हालांकि, देहरादून जाने के बाद उनके पति कभी भी उनसे मिलने नहीं आए और वह किसी अन्य महिला से बातचीत करने लगे। जब वैजयंती ने उनके पति का नंबर ढूंढकर उस महिला से बात की और उसे बताया कि वह उनका घर बर्बाद कर रही है, तो उस महिला ने बताया कि वह खुद परेशान है क्योंकि उनके पति (आशुतोष) उन्हें तलाक देने की धमकी दे रहे हैं और उनका व्यवहार भी उनके प्रति बदल गया है। वैजयंती ने बताया कि जब यह बात उनके पति को पता चली तो उन्होंने उनके साथ लड़ाई-झगड़ा और मारपीट की और घर का खर्चा देना बंद कर दिया। वह अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपना और अपनी बेटियों का भरण-पोषण करती रहीं। करवा चौथ के दिन, वर्ष 2022 में, वह बिना पति को बताए अपनी बेटियों को लेकर आईटीआई काशीपुर आ गईं। उनके पति ने उन्हें और बच्चों को गौतमी होटल में ठहराया, लेकिन शाम को होटल के कमरे में आकर उनसे लड़ाई-झगड़ा करने लगे, कमरे का सारा सामान गिरा दिया और खाना भी फेंक दिया। इसी दौरान वैजयंती को पता चला कि उनके पति ने पूनम रानी नाम की महिला से दूसरी शादी की है, जिससे उनकी एक बेटी भी है। वैजयंती का आरोप है कि उनके पति ने उस पत्नी और बच्चे को भी छोड़ दिया है और बिना उससे तलाक लिए उनके साथ तीसरी शादी की है, और अब वह चौथी शादी करने की तलाश में हैं। जब वैजयंती ने अपने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो वह उन्हें छोड़ देंगे क्योंकि उन्होंने उन्हें बेटा पैदा करके नहीं दिया और दो-दो बेटियां पैदा कर दी हैं, जबकि उन्हें और उनकी मां को बेटा चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह बेटा पैदा नहीं कर पाएंगी, इसलिए वह चौथी शादी करेंगे। जंगल में जान से मारने की धमकी वैजयंती ने एक और भयावह घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मार्च 2023 में उनके पति अचानक देहरादून आ गए और उनसे कहा कि बेटियों की छुट्टियां हैं तो उनके साथ आईटीआई रहने चलें। वहां उनके पति दिनभर कमरे में सोते रहे और रात 8 बजे वह उन्हें लेकर रुद्रपुर के लिए रवाना हुए। हरिद्वार से आते समय बीच जंगल में उनके पति ने गाड़ी रोक दी और पीछे मुड़कर उन्हें थप्पड़ मारा और कहा कि उन्होंने उन्हें और दूसरी स्त्री को पूरे स्टाफ में बदनाम कर दिया है। इतने में ही उनके पति ने रिवाल्वर निकालकर उनके ऊपर तान दी और कहा कि वह उन्हें मारकर यहीं जंगल में फेंक देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा। अचानक उनकी बड़ी बेटी नींद से जाग गई और रोने लगी, तब जाकर उनके पति ने रिवाल्वर वापस रखी और तेजी से गाड़ी चलाकर वह लोग रात करीब 3 बजे आईटीआई पहुंचे। शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न जारी वैजयंती ने बताया कि इसी बीच उनके पति ने विला नंबर बीटा-2, ओमेक्स रिवेरा कॉलोनी में खरीद लिया, जिसके गृह प्रवेश के दिन उनके पति ने उन्हें उनके मायके से फोन कर बुलाया। वह वहां आईं और उस विला के एक मंजिल में अपनी बेटियों के साथ रहने लगीं, जबकि दूसरी मंजिल पर उनके सास-ससुर रहने लगे। उनके पति अपनी पोस्टिंग पर रहने लगे, जबकि उनकी सास लगातार उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करती रहीं, गाली-गलौज करतीं और अमानवीय व्यवहार करती थीं। उनके पति ने घर खर्च देना पूरी तरह से बंद कर दिया। वैजयंती ने बताया कि इस बीच उनकी छोटी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन उनके पति और सास उसे देखने तक नहीं आए। उन्होंने अस्पताल में अकेले रहकर अपने मायके वालों से पैसे लेकर अपनी बेटी का इलाज कराया। इसके बाद उनकी बड़ी बेटी की आंखों में परेशानी होने लगी। जब उन्होंने अपने पति को फोन किया तो उन्होंने उनका फोन ब्लैक लिस्ट में डाल दिया और कह दिया कि उन्हें उनसे और उनकी बेटियों से कोई लेना-देना नहीं है और कहा कि वह उन्हें तलाक दे दें और यह घर छोड़कर चली जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक 2 बीएचके का फ्लैट और बेटियों के लिए 10-10 लाख रुपये मिल जाएंगे। वैजयंती का कहना है कि इसके बाद से उनके पति और सास द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कभी उनके कमरे की लाइट बंद कर देते हैं, तो कभी पानी बंद कर देते हैं। पति कमरे में आकर गीजर खराब करके चले जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की गहन जांच कराकर उन्हें और उनकी बेटियों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर पंतनगर थाना पुलिस ने इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह और उनकी मां शकुंतला देवी के खिलाफ दहेज एक्ट की धारा 3, 4 तथा आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 498ए (दहेज के लिए उत्पीड़न), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई गणेश दत्त भट्ट को सौंप दी है।

काशीपुर में अवैध रूप से रह रही पाकिस्तानी महिला का पर्दाफाश, पति फारुख हुसैन पर मुकदमा दर्ज

काशीपुर 09 मई 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड के काशीपुर क्षेत्र में एक पाकिस्तानी महिला के अवैध रूप से निवास करने का मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मामले में एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार की तहरीर पर महिला के पति फारुख हुसैन के खिलाफ विदेशियों विषयक…

Read More