काशीपुर में आर्म्स एक्ट का खुलासा: गश्त के दौरान 315 बोर के तमंचे के साथ युवक गिरफ्तार, जंगल में लकड़ी काटने का दिया बहाना

काशीपुर, 05 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – काशीपुर पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए एक और सफलता हासिल की है। बुधवार देर रात गश्त पर निकली कोतवाली पुलिस टीम ने एक संदिग्ध युवक को 315 बोर के तमंचे के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कुलवंत सिंह उर्फ काली के रूप में हुई है, जिसने पुलिस पूछताछ में तमंचा रखने का अजीबोगरीब बहाना बताया कि वह जंगल में लकड़ियां काटने जाता है, इसलिए उसने अपनी सुरक्षा के लिए तमंचा रखा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है, जो अवैध हथियार रखने पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करता है।
देर रात की गश्त और संदिग्ध की धरपकड़: पुलिया के पास हुई गिरफ्तारी
यह घटना बुधवार की देर रात की है, जब हल्का नंबर एक चौकी में तैनात उप-निरीक्षक (एसआई) देवेंद्र सिंह सामंत अपनी टीम के साथ क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। पुलिस टीम का उद्देश्य क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखना था। अपनी गश्त के दौरान, जब टीम मालधन नंबर 7 से पहले पड़ने वाली पुलिया के पास पहुंची, तो उनकी नज़र एक संदिग्ध युवक पर पड़ी। युवक की हरकतें सामान्य नहीं लग रही थीं और पुलिस को उस पर शक हुआ।
तत्काल कार्रवाई करते हुए, एसआई देवेंद्र सिंह सामंत की टीम ने उस युवक को घेर लिया और उसे दबोच लिया। पुलिस ने युवक से पूछताछ की और उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान, पुलिस के हाथ एक महत्वपूर्ण सफलता लगी। युवक के कब्जे से एक .315 बोर का तमंचा बरामद हुआ। यह एक खतरनाक हथियार है, जिसका इस्तेमाल गंभीर अपराधों में हो सकता है। तमंचा मिलते ही पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया और आगे की पूछताछ शुरू की।
आरोपी की पहचान और चौंकाने वाला बहाना: “लकड़ी काटने के लिए रखा था तमंचा”
पुलिस पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपी ने अपनी पहचान 50 वर्षीय कुलवंत सिंह उर्फ काली पुत्र चरण सिंह के रूप में बताई, जो दुर्गापुर, थाना कुंडा का निवासी है। कुंडा थाना क्षेत्र भी उत्तराखंड से सटा हुआ है, जो अक्सर अपराधियों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में भागने का रास्ता बन जाता है।
जब पुलिस ने कुलवंत सिंह उर्फ काली से तमंचा रखने का कारण पूछा, तो उसने एक चौंकाने वाला और अविश्वसनीय बहाना बताया। उसने कहा कि वह जंगल में लकड़ियां काटने जाता है, और अपनी सुरक्षा के लिए उसने यह तमंचा रखा था। यह दलील आमतौर पर अवैध हथियार रखने वाले अपराधी देते हैं ताकि वे अपने कृत्य को वैध ठहरा सकें। हालांकि, कानून के तहत, हथियार रखने के लिए लाइसेंस आवश्यक होता है, और बिना लाइसेंस के तमंचा रखना एक गंभीर अपराध है। पुलिस इस बहाने को स्वीकार करने वाली नहीं थी और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में कानून के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी कि क्या कुलवंत सिंह का कोई आपराधिक इतिहास है या उसका संबंध किसी आपराधिक गिरोह से है।
आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज: कानून का शिकंजा
पुलिस ने कुलवंत सिंह उर्फ काली के खिलाफ आर्म्स एक्ट (Arms Act) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। आर्म्स एक्ट भारत में अवैध हथियार रखने, बनाने या बेचने पर रोक लगाता है और इन अपराधों के लिए सख्त दंड का प्रावधान करता है। .315 बोर का तमंचा जैसे हथियार रखना, बिना लाइसेंस के, एक गैर-जमानती अपराध है और इसमें कारावास की सजा हो सकती है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद, आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कुलवंत सिंह यह तमंचा कहां से लाया था और क्या वह किसी बड़े हथियार तस्करी रैकेट का हिस्सा है। इस गिरफ्तारी से अवैध हथियारों के नेटवर्क पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है और शहर में अपराधों को रोकने में भी सहायता मिलेगी।
पुलिस टीम की मुस्तैदी: शहर की सुरक्षा का जिम्मा
इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में एसआई देवेंद्र सिंह सामंत के साथ अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। उनकी सक्रिय गश्त और संदिग्धों पर नज़र रखने की क्षमता ने ही इस गिरफ्तारी को संभव बनाया। यह पुलिस टीम की मुस्तैदी और उनकी कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है, जो शहर में अवैध गतिविधियों को रोकने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
पुलिस का यह अभियान अवैध हथियारों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अपराधों को जन्म देते हैं और समाज में भय का माहौल बनाते हैं। ऐसे अभियानों से अपराधियों में पुलिस का खौफ बढ़ता है और आम जनता में सुरक्षा का भाव पैदा होता है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे अपराधियों को बख्शेगी नहीं जो अवैध हथियार रखकर कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करते हैं।