ऊधमसिंहनगर में 6 अगस्त को सभी स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, 5 से 9 अगस्त तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी; डीएम का बच्चों की सुरक्षा पर जोर

ऊधमसिंहनगर, 05 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता लगातार जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और एहतियाती फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 5 अगस्त से 9 अगस्त 2025 तक प्रदेश के कई जनपदों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना व्यक्त की गई है। इस ‘ऑरेंज अलर्ट’ को देखते हुए, जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नितिन सिंह भदौरिया ने 6 अगस्त 2025 (बुधवार) को जिले के सभी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

मौसम की चेतावनी और एहतियाती कदम
भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी चार दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस अवधि में पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जिससे नदियों, नालों और बरसाती गदेरों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में, स्कूली बच्चों की आवाजाही जोखिम भरी हो सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पानी का जमाव हो जाता है या रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं।
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30 (2) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। यह कदम दिखाता है कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसने जोखिम को कम करने के लिए सक्रियता से काम किया है। यह एक विवेकपूर्ण फैसला है क्योंकि एक दिन पहले ही छुट्टी घोषित करने से अभिभावकों और स्कूलों को आवश्यक तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
आदेश का विवरण: केवल एक दिन की छुट्टी
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिनांक 6 अगस्त 2025 (बुधवार) को ऊधमसिंहनगर जिले के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक संचालित होने वाले सभी राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों और समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा। यह ध्यान देने योग्य है कि मौसम विभाग ने 5 से 9 अगस्त तक अलर्ट जारी किया है, लेकिन प्रशासन ने अभी केवल 6 अगस्त के लिए ही अवकाश घोषित किया है। आगे की छुट्टी का फैसला मौसम की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यह एक लचीली और संवेदनशील रणनीति है ताकि अनावश्यक रूप से शैक्षिक गतिविधियों को बाधित न किया जाए।
जिलाधिकारी ने समस्त तहसील और संबंधित विभागों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई भी शिक्षण संस्थान इस आदेश की अवहेलना करता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आदेश की व्यापकता और जन जागरूकता का प्रयास
इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने और आम जनता तक सूचना पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन ने एक विस्तृत योजना बनाई है। आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न उच्चाधिकारियों और विभागों को भेजी गई है, जिनमें सचिव, आपदा प्रबंधन; महानिदेशक, स्कूल शिक्षा; आयुक्त, कुमाऊं मंडल; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक; मुख्य विकास अधिकारी; मुख्य चिकित्साधिकारी; समस्त उपजिलाधिकारी और समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।
विशेष रूप से, जिला सूचना अधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश का जनहित में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से निःशुल्क प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि जिले का हर नागरिक, विशेषकर अभिभावक, इस महत्वपूर्ण सूचना से अवगत हो सकें और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। यह न सिर्फ कानूनी बाध्यता है, बल्कि जनता को सुरक्षित रखने की एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।
निष्कर्ष और आगे की चुनौतियाँ
डीएम द्वारा लिया गया यह फैसला न सिर्फ छात्रों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। लगातार बारिश और खराब मौसम की स्थिति में, स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय एक विवेकपूर्ण कदम है। यह उन अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है, जिन्हें खराब मौसम में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती है।
यह आदेश सिर्फ एक दिन के लिए है, लेकिन यह इस बात की ओर भी संकेत करता है कि आने वाले दिनों में मौसम और भी खराब हो सकता है। इसलिए प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। नागरिकों को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम की जानकारी पर नजर रखें और बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। यह आदेश न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ढाल का काम करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रशासनिक व्यवस्था किसी भी आपदा के लिए पूरी तरह से तैयार है।