रूद्रपुर, 12 सितंबर, 2024/(समय बोल रहा)- जिला मजिस्ट्रेट उदयराज सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पश्चात कुछ नये नगरीय निकायों के गठन/सीमा विस्तार के कारण कुछ ग्राम पंचायत क्षेत्रों के नगरीय निकायों में सम्मिलित किये जाने के फलस्वरूप ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त होने या अस्तित्व में आने से कुछ क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र भी प्रभावित हुए हैं, जिन्हें पुनः व्यवस्थित किया जाना है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का पुनः परिसीमन की कार्यवाही उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम 2016 के अनुसार किया जायेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि क्षेत्र पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में किसी भी कार्य दिवस में आपत्तियां विकासखंड कार्यालय, जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय तथा जिलाधिकारी कार्यालय में की जा सकती हैं, जबकि जिला पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के संबंध में आपत्तियां किसी भी कार्य दिवस में जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय तथा जिलाधिकारी कार्यालय में की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि प्रश्नगत आपत्तियां शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर ही प्रस्तुत की जा सकेंगी। आपत्तियों का निस्तारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता गठित समिति द्वारा किया जायेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के निर्धारण के संबंध में समय सारणी भी निर्धारित की । उन्होंने बताया कि क्षेत्र पंचायतों/जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के पुर्नपरिसीमन हेतु प्रस्तावों की तैयारी 13 सितंबर से 17 सितंबर 2024 तक, प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूची का अनन्तिम प्रकाशन 18 सितंबर को, प्रस्तावों पर आपत्तियां का आमंत्रण 19 सितंबर से 23 सितंबर तक, आपत्तियों का निस्तारण 24 सितंबर से 25 सितंबर तक, अन्तिम प्रकाशन 26 सितंबर को तथा क्षेत्र पंचायतों/जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूचियां निदेशालय में 27 सितंबर 2024 को उपलब्ध करायी जायेंगी। उन्होेंने कहा कि क्षेत्र पंचायतों/जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन/पुनः परिसीमन की समस्त कार्यवाही निर्धारित समय सारणी के अनुसार ही सम्पन्न करायी जायेगी।