काशीपुर में अवैध रूप से रह रही पाकिस्तानी महिला का पर्दाफाश, पति फारुख हुसैन पर मुकदमा दर्ज

काशीपुर 09 मई 2025 (समय बोल रहा )
उत्तराखंड के काशीपुर क्षेत्र में एक पाकिस्तानी महिला के अवैध रूप से निवास करने का मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मामले में एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार की तहरीर पर महिला के पति फारुख हुसैन के खिलाफ विदेशियों विषयक अधिनियम 1946 की धारा 14 और 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच कोतवाली काशीपुर पुलिस द्वारा एसआई सुनील सुतेड़ी को सौंपी गई है।
पाकिस्तानी महिला शाहिदा बानो पर संदेह
यह मामला तब सामने आया जब दिनांक 28 अप्रैल 2025 को कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने काशीपुर पुलिस को सूचना दी कि एक पाकिस्तानी महिला शाहिदा बानो पुत्री नसीर अहमद, निवासी करांची, पाकिस्तान — जो पहले कुपवाड़ा जिले के बुमहामा क्षेत्र में रह रही थी — फिलहाल काशीपुर के मझरा क्षेत्र में अपने भारतीय पति फारुख हुसैन के साथ रह रही है। यह सूचना मिलने के बाद एलआईयू द्वारा स्थानीय स्तर पर गहन जांच शुरू की गई।
लंबी अवधि से अवैध निवास
पूछताछ में सामने आया कि शाहिदा बानो उर्फ शाहिदा नसीम वर्ष 2009 में वैध पाकिस्तान पारपत्र के साथ भारत आई थी। उसने अटारी बॉर्डर से विजिटर वीजा पर 45 दिनों के लिए भारत में प्रवेश किया था और उस समय वह श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में ठहरी थी। वहां उसने भारतीय दस्तावेज बनवाए और एक भारतीय नागरिक से विवाह भी कर लिया। इसके बाद वह भारत में रहकर भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश में जुट गई।
हालांकि, वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद उसने भारत नहीं छोड़ा और लंबे समय तक बिना वैध दस्तावेजों के कुपवाड़ा में रहकर वीजा और पासपोर्ट नियमों का उल्लंघन किया।
गृह मंत्रालय का हस्तक्षेप और निष्कासन की कार्रवाई
गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेश के अनुसार, एसएसपी एवं एफआरओ कुपवाड़ा द्वारा शाहिदा बानो को एग्जिट परमिट दिनांक 28 अप्रैल 2025 और ‘लीव इंडिया नोटिस’ दिनांक 26 अप्रैल 2025 जारी किया गया। कुपवाड़ा पुलिस ने पत्राचार कर महिला को पाकिस्तान भेजने की प्रक्रिया के तहत उद्वासन की मांग की, जिसपर कार्रवाई करते हुए ऊधम सिंह नगर पुलिस ने उसे एक टीम के साथ अटारी, वाघा बॉर्डर पहुंचाकर कुपवाड़ा पुलिस को सौंप दिया।
पति फारुख हुसैन पर लापरवाही का आरोप
एलआईयू सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने तहरीर में बताया कि शाहिदा बानो को काशीपुर निवासी फारुख हुसैन ने अपने घर में अवैध रूप से ठहरा रखा था और इस बारे में विदेशी पंजीकरण अधिकारी (FRO) को कोई सूचना नहीं दी गई। जबकि भारत सरकार की गजट अधिसूचना दिनांक 18 मार्च 2016 के अनुसार, किसी भी होटल, गेस्ट हाउस या निजी निवास स्थान पर विदेशी नागरिक के आगमन और ठहरने की सूचना 24 घंटे के भीतर ऑनलाइन माध्यम से संबंधित कार्यालय को देना अनिवार्य है।
इसके अतिरिक्त, स्थानीय पुलिस, अभिसूचना इकाई या किसी भी अधिकृत एजेंसी को फारुख हुसैन द्वारा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इससे स्पष्ट होता है कि फारुख हुसैन ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषय को गंभीरता से नहीं लिया।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
उक्त तथ्यों के आधार पर कोतवाली काशीपुर पुलिस ने फारुख हुसैन के विरुद्ध विदेशियों विषयक अधिनियम 1946 की धारा 14 और 7 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब इस मामले की जांच उपनिरीक्षक सुनील सुतेड़ी को सौंपी गई है, जो यह पता लगाएंगे कि फारुख हुसैन का पाकिस्तानी महिला से रिश्ता कब और कैसे शुरू हुआ, और क्या इसमें कोई संगठित नेटवर्क शामिल है।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
इस घटना के प्रकाश में आने के बाद एलआईयू, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने काशीपुर क्षेत्र में अपने नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है। यह आशंका जताई जा रही है कि शाहिदा बानो जैसी महिलाएं फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में घुसपैठ कर रही हैं और यहां की नागरिकता हासिल करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे मामलों को लेकर प्रशासन और सुरक्षा तंत्र अब अधिक सतर्क हो गया है।
मामला
यह मामला भारत की आंतरिक सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और विदेशी नागरिकों के पंजीकरण के नियमों के पालन को लेकर एक गंभीर उदाहरण बन गया है। शाहिदा बानो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उसके पति फारुख हुसैन की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। यह घटना इस बात की चेतावनी है कि विदेशियों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर कानूनी परिणामों को जन्म दे सकती है।