देशभर में 7 मई को बजेंगे हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन, केंद्र सरकार ने राज्यों को मॉक ड्रिल के दिए निर्देश

नई दिल्ली, 05 मई 2025 (समय बोल रहा ): हवाई हमले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी 7 मई 2025 को एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करें, जिसमें हवाई हमलों की चेतावनी के लिए सायरन बजाए जाएंगे। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य देश के नागरिकों को किसी भी आकस्मिक हमले की स्थिति में सतर्क और तैयार करना है।
सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास में सभी जिलों में सुबह और शाम के समय सायरन बजाकर लोगों को सतर्कता की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें खासकर स्कूली बच्चों, सरकारी कर्मचारियों और औद्योगिक क्षेत्रों के श्रमिकों को भाग लेने के लिए कहा गया है। नागरिकों को सिखाया जाएगा कि सायरन सुनने के बाद क्या कदम उठाने चाहिए और किस तरह से खुद को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना है।
पहलगाम आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को किया सतर्क
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत और 20 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंजाम दिया गया बताया जा रहा है। हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने यह संभावना जताई है कि भविष्य में दुश्मन देश की ओर से हवाई या मिसाइल हमले की कोशिश की जा सकती है, जिसके चलते यह मॉक ड्रिल और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गई है।
कैमोफ्लाज और ब्लैकआउट की भी तैयारी
सरकार द्वारा निर्देशित इस मॉक ड्रिल के तहत न केवल सायरन बजाने का अभ्यास किया जाएगा, बल्कि ब्लैकआउट की भी तैयारी की जा रही है। महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, बिजलीघरों, जल संयंत्रों, अस्पतालों और सामरिक संस्थानों को अंधेरे में छिपाने (कैमोफ्लाज) की योजना भी तैयार की गई है। कई जिलों में बिजली आपूर्ति को कुछ मिनटों के लिए रोका जाएगा, ताकि अभ्यास को वास्तविकता के अधिक करीब लाया जा सके।
रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “यह ड्रिल एक एहतियातन कदम है। इसका मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना और उन्हें किसी भी आपातकालीन स्थिति में शांत, सुसंगठित और सुरक्षित रहने की तैयारी करवाना है। इस अभ्यास से सरकार, नागरिक प्रशासन और आम लोगों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा।”
शैक्षणिक संस्थानों को किया गया अलर्ट
देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भी निर्देश दिया गया है कि वे 7 मई को विशेष तैयारियाँ रखें। विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों की पहचान, कवर लेकर बैठने की विधि, और आपात स्थिति में परिजनों से संपर्क की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के अभ्यास से छात्रों की आपदा प्रबंधन क्षमता में सुधार होगा।
आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। टेलीविज़न, रेडियो, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से नागरिकों को बताया जा रहा है कि सायरन सुनते ही उन्हें क्या करना है, कहाँ जाना है और किन चीज़ों से बचना है। इसके अलावा जिला प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (PA system) के माध्यम से भी जानकारी प्रसारित करेगा।
विशेष टीमों का गठन
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे जिला स्तर पर विशेष ‘आपदा प्रबंधन टीमों’ का गठन करें, जिनमें पुलिस, चिकित्सा कर्मी, अग्निशमन विभाग, और एनडीआरएफ के सदस्य शामिल होंगे। ये टीमें मॉक ड्रिल के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखेंगी और अभ्यास की रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी।
सुरक्षा को लेकर सख्त रुख
केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि वह देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। भारत-पाक सीमा पर भी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और वायुसेना को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
हवाई हमले
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के लिए चेतावनी और तैयारी का संकेत है। यह ड्रिल यह संदेश देती है कि भारत किसी भी संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार की मंशा स्पष्ट है – चाहे कोई भी खतरा हो, भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।