देशभर में 7 मई को बजेंगे हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन, केंद्र सरकार ने राज्यों को मॉक ड्रिल के दिए निर्देश

भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर में काफूर हो गईं और सीमा पर तनाव का माहौल फिर से गहरा गया। इस कायराना हरकत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक और गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों के मन में भी भय और असुरक्षा की भावना को और मजबूत कर दिया है। सुबह की शांति, दोपहर का उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में हुई फायरिंग? आज सुबह, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर हुई सकारात्मक बातचीत के बाद सीमा पर शांति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। इस सद्भावनापूर्ण पहल से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो लंबे समय से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर जारी तनाव और गोलाबारी से त्रस्त थे। हालांकि, यह अल्पकालिक शांति पाकिस्तान के नापाक इरादों के आगे टिक नहीं पाई। लगभग दोपहर के आसपास, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू करने की सूचना दी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोले भी दागने शुरू कर दिए, सीधे भारतीय सैन्य चौकियों और कुछ असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके बाद मोर्टार दागे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई। भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया: मुंहतोड़ जवाब, स्थिति नियंत्रण में पाकिस्तान की इस उकसावे वाली कार्रवाई पर भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें अपनी हरकतों का करारा एहसास कराया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आज सुबह दोनों पक्षों की सहमति से सीमा पर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों के भीतर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे बहादुर जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वर्तमान में स्थिति हमारे नियंत्रण में है और हम हर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" भारत की कड़ी आपत्ति: पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना और विश्वासघाती कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल तलब कर इस घोर उल्लंघन पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। भारत पाकिस्तान से भविष्य में इस तरह की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाने की मांग करेगा। भारत का स्पष्ट संदेश है कि सीमा पर शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। सीमावर्ती निवासियों में फिर से डर का माहौल: सुरक्षा पर मंडराता खतरा सीजफायर की खबर से उत्साहित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के नागरिक पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कदम से एक बार फिर गहरे सदमे और डर के माहौल में डूब गए हैं। कुछ घंटों की बहुमूल्य शांति के बाद अचानक हुई गोलीबारी ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो लोग पहले से ही दशकों से सीमा पर जारी संघर्ष की त्रासदी झेल रहे हैं, उनके लिए यह घटना एक और मनोवैज्ञानिक आघात है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा आघात: शांति की राह और मुश्किल भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर का उल्लंघन ऐसे नाजुक समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही विभिन्न जटिल मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी संभावना को और भी कमजोर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है और दोनों देशों से संयम बरतने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान का बार-बार इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। आगे की राह: पाकिस्तान के रवैये पर टिकी निगाहें अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट और अकारण उल्लंघन पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या विश्वसनीय कदम उठाता है। भारत, अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस मामले पर कड़ी निगरानी रखेगा और अपनी सीमा की सुरक्षा तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। फिलहाल, पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कृत्य ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है और शांति की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

नई दिल्ली, 05 मई 2025 (समय बोल रहा ):  हवाई हमले  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी 7 मई 2025 को एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करें, जिसमें हवाई हमलों की चेतावनी के लिए सायरन बजाए जाएंगे। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य देश के नागरिकों को किसी भी आकस्मिक हमले की स्थिति में सतर्क और तैयार करना है।

सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास में सभी जिलों में सुबह और शाम के समय सायरन बजाकर लोगों को सतर्कता की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें खासकर स्कूली बच्चों, सरकारी कर्मचारियों और औद्योगिक क्षेत्रों के श्रमिकों को भाग लेने के लिए कहा गया है। नागरिकों को सिखाया जाएगा कि सायरन सुनने के बाद क्या कदम उठाने चाहिए और किस तरह से खुद को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना है।

पहलगाम आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को किया सतर्क

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत और 20 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंजाम दिया गया बताया जा रहा है। हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने यह संभावना जताई है कि भविष्य में दुश्मन देश की ओर से हवाई या मिसाइल हमले की कोशिश की जा सकती है, जिसके चलते यह मॉक ड्रिल और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गई है।

कैमोफ्लाज और ब्लैकआउट की भी तैयारी

सरकार द्वारा निर्देशित इस मॉक ड्रिल के तहत न केवल सायरन बजाने का अभ्यास किया जाएगा, बल्कि ब्लैकआउट की भी तैयारी की जा रही है। महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, बिजलीघरों, जल संयंत्रों, अस्पतालों और सामरिक संस्थानों को अंधेरे में छिपाने (कैमोफ्लाज) की योजना भी तैयार की गई है। कई जिलों में बिजली आपूर्ति को कुछ मिनटों के लिए रोका जाएगा, ताकि अभ्यास को वास्तविकता के अधिक करीब लाया जा सके।

रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “यह ड्रिल एक एहतियातन कदम है। इसका मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना और उन्हें किसी भी आपातकालीन स्थिति में शांत, सुसंगठित और सुरक्षित रहने की तैयारी करवाना है। इस अभ्यास से सरकार, नागरिक प्रशासन और आम लोगों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा।”

शैक्षणिक संस्थानों को किया गया अलर्ट

देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भी निर्देश दिया गया है कि वे 7 मई को विशेष तैयारियाँ रखें। विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों की पहचान, कवर लेकर बैठने की विधि, और आपात स्थिति में परिजनों से संपर्क की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के अभ्यास से छात्रों की आपदा प्रबंधन क्षमता में सुधार होगा।

आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान

सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। टेलीविज़न, रेडियो, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से नागरिकों को बताया जा रहा है कि सायरन सुनते ही उन्हें क्या करना है, कहाँ जाना है और किन चीज़ों से बचना है। इसके अलावा जिला प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (PA system) के माध्यम से भी जानकारी प्रसारित करेगा।

विशेष टीमों का गठन

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे जिला स्तर पर विशेष ‘आपदा प्रबंधन टीमों’ का गठन करें, जिनमें पुलिस, चिकित्सा कर्मी, अग्निशमन विभाग, और एनडीआरएफ के सदस्य शामिल होंगे। ये टीमें मॉक ड्रिल के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखेंगी और अभ्यास की रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी।

सुरक्षा को लेकर सख्त रुख

केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि वह देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। भारत-पाक सीमा पर भी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और वायुसेना को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

हवाई हमले

7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के लिए चेतावनी और तैयारी का संकेत है। यह ड्रिल यह संदेश देती है कि भारत किसी भी संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार की मंशा स्पष्ट है – चाहे कोई भी खतरा हो, भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।


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