मेरठ: अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का भंडाफोड़, हर दिन हो रही थी 25 हजार की कमाई!

मेरठ, 22 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेरठ में एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है, जो वीओआईपी (VoIP) कॉल को लोकल कॉल में बदलकर हर दिन 25 हजार रुपये की अवैध कमाई कर रहा था। चार लाख का इनवेस्टमेंट, देहरादून में ट्रायल से शुरू हुआ गोरखधंधा पुलिस जांच में पता चला है कि इस अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज के लिए चार लाख रुपये का निवेश किया गया था। सबसे पहले देहरादून में ट्रायल के रूप में इसे शुरू किया गया, जिसके बाद मेरठ में इसका पूरा सेटअप तैयार किया गया। कैसे चलता था अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज? पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा के अनुसार, इस अवैध एक्सचेंज में वीओआईपी कॉल्स (Voice Over Internet Protocol) को लोकल कॉल में बदलने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता था। इस प्रक्रिया से न केवल टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो रहा था। लखीपुरा में छापेमारी, मुख्य आरोपी जुनैद गिरफ्तार मेरठ के लखीपुरा इलाके में स्थित एक घर की ऊपरी मंजिल पर पुलिस ने छापेमारी की, जहां से इस पूरे नेटवर्क को संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी जुनैद को गिरफ्तार किया है और मौके से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सर्वर, और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। अवैध कॉल एक्सचेंज से क्या नुकसान होता है? राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा – इंटरनेशनल कॉल्स को लोकल में बदलने से खुफिया एजेंसियों की निगरानी प्रणाली विफल हो सकती है। राजस्व का नुकसान – टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों रुपये की हानि होती है। आतंकी गतिविधियों में दुरुपयोग – ऐसे नेटवर्क का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों और आतंकी संचार के लिए हो सकता है। पुलिस की कार्रवाई जारी, अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस गोरखधंधे का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ

मेरठ, 22 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेरठ में एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है, जो वीओआईपी (VoIP) कॉल को लोकल कॉल में बदलकर हर दिन 25 हजार रुपये की अवैध कमाई कर रहा था।

चार लाख का इनवेस्टमेंट, देहरादून में ट्रायल से शुरू हुआ गोरखधंधा

पुलिस जांच में पता चला है कि इस अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज के लिए चार लाख रुपये का निवेश किया गया था। सबसे पहले देहरादून में ट्रायल के रूप में इसे शुरू किया गया, जिसके बाद मेरठ में इसका पूरा सेटअप तैयार किया गया।

कैसे चलता था अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज?

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा के अनुसार, इस अवैध एक्सचेंज में वीओआईपी कॉल्स (Voice Over Internet Protocol) को लोकल कॉल में बदलने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता था। इस प्रक्रिया से न केवल टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो रहा था।

लखीपुरा में छापेमारी, मुख्य आरोपी जुनैद गिरफ्तार

मेरठ के लखीपुरा इलाके में स्थित एक घर की ऊपरी मंजिल पर पुलिस ने छापेमारी की, जहां से इस पूरे नेटवर्क को संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी जुनैद को गिरफ्तार किया है और मौके से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सर्वर, और मोबाइल फोन जब्त किए हैं।

अवैध कॉल एक्सचेंज से क्या नुकसान होता है?

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा – इंटरनेशनल कॉल्स को लोकल में बदलने से खुफिया एजेंसियों की निगरानी प्रणाली विफल हो सकती है।
  2. राजस्व का नुकसान – टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों रुपये की हानि होती है।
  3. आतंकी गतिविधियों में दुरुपयोग – ऐसे नेटवर्क का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों और आतंकी संचार के लिए हो सकता है।

पुलिस की कार्रवाई जारी, अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी

पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस गोरखधंधे का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।

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