उत्तराखंड की 7499 ग्राम पंचायतों में ओबीसी आरक्षण तय, रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी

देहरादून, 28 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को पंचायत चुनावों में आरक्षण देने को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। प्रदेश की 7499 ग्राम पंचायतों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर दिया गया है। गुरुवार को एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष बीएस वर्मा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।
12 जिलों की तृतीय रिपोर्ट सौंपी गई
यह आयोग राज्य में स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन कर आरक्षण की सिफारिश करने के लिए गठित किया गया था। पहले, 14 अगस्त 2022 को हरिद्वार जिले की पहली रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, और अब शेष 12 जिलों की तृतीय रिपोर्ट सरकार को दी गई है।
2011 की जनगणना के आधार पर आरक्षण का निर्धारण
रिपोर्ट में 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर पंचायतों में ओबीसी आरक्षण की अनुशंसा की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक—
- 13 जिला पंचायत अध्यक्षों के पदों
- 358 जिला पंचायत वार्डों
- 89 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों
- 2974 क्षेत्र पंचायत वार्डों
- 7499 ग्राम पंचायत प्रधानों
- 55,589 ग्राम पंचायत वार्डों
पर ओबीसी समुदाय को आरक्षण का लाभ मिलेगा। जिन पंचायतों में ओबीसी आबादी अधिक है, वहां आरक्षण की संख्या भी ज्यादा होगी, जबकि कम आबादी वाले क्षेत्रों में इसका अनुपात घट सकता है।
सरकार के फैसले का इंतजार
अब यह रिपोर्ट सरकार के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री धामी ने संकेत दिया है कि सरकार इसे जल्द ही लागू करने पर निर्णय ले सकती है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजानदास, सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला सहित पंचायतीराज विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अब सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं, जिससे लाखों ओबीसी मतदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।