भाजपा उत्तराखंड ने संगठन पर्व 2025 के लिए जिला पर्यवेक्षकों की सूची जारी की

देहरादून ,21फरवरी 2025
(समय बोल रहा): भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तराखंड ने संगठन पर्व 2025 के तहत जिला अध्यक्ष चुनाव के संचालन के लिए जिला वार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। इस सूची में विभिन्न जिलों के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
घोषित सूची के प्रमुख नाम और दायित्व:
- उत्तरकाशी
हेमंत बिष्ट – प्रदेश प्रवक्ता
रमेश रतूड़ी – दर्जाधारी राज्यमंत्री
गोविंद अग्रवाल – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
- चमोली
शिव सिंह बिष्ट – दर्जाधारी राज्यमंत्री
मेहरबान सिंह रावत – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
आतर सिंह तोमर – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
- रुद्रप्रयाग
पुनित गुप्ता – प्रदेश कोषाध्यक्ष
मधु भट्ट – दर्जाधारी राज्यमंत्री
रामसुंदर नौटियाल – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
- टिहरी
विनय रोहिला – दर्जाधारी राज्यमंत्री
अनिता ममगाईं – पूर्व महापौर, ऋषिकेश
ओमवीर सिंह राठौर – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
- देहरादून ग्रामीण
विनय गोयल – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
श्याम ध्यानी – प्रदेश महामंत्री, महिला मोर्चा
गीता रावत – प्रदेश महामंत्री, महिला मोर्चा
दान सिंह रावत – निवर्तमान अध्यक्ष, राज्य सहकारी बैंक
त्रिलोक कंडवाल – प्रदेश प्रकोष्ठ प्रभारी
आशीष गुप्ता – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
विष्णु डागर – दर्जाधारी राज्यमंत्री
विजय कपलवाण – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
रमेश चौहान – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
सुरेश भट्ट – दर्जाधारी राज्यमंत्री
अभिमन्यु कुमार – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
रविंद्र कटारिया – पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री
- रुड़की
सोमेश त्यागीवाल – महापौर, देहरादून
नीहा जोशी – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा
बलजीत सोनी – प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
चंडी प्रसाद भट्ट – दर्जाधारी राज्यमंत्री
जोगेंद्र पुंडीर – प्रदेश अध्यक्ष, किसान मोर्चा
शशांक रावत – प्रदेश अध्यक्ष, युवा मोर्चा
देवेंद्र भसीन – दर्जाधारी राज्यमंत्री
गणेश भंडारी – दर्जाधारी राज्यमंत्री
भावना मेहरा – प्रदेश महामंत्री, महिला मोर्चा
भाजपा प्रदेश चुनाव अधिकारी खजान दास द्वारा हस्ताक्षरित इस सूची में कुल 19 जिलों के पर्यवेक्षकों को शामिल किया गया है।
भाजपा का यह संगठन पर्व 2025, आगामी जिला अध्यक्ष चुनाव को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। पार्टी ने अनुभवी नेताओं को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां देकर अपने सांगठनिक ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।